bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी - Page 12 - SexBaba
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bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी

हालाँकि आशना को वीरेंदर पर यकीन था मगर उसके दिल मे एक डर भी पैदा हो गया था. आशना के जाते ही वीरेंदर ने स्कॉच का ऑर्डर रिपीट किया. थोड़ी देर बाद जब आशना वॉश रूम से बाहर आई तो उसे सारे टेबल्स घूमते हुए नज़र आने लगे. आशना का शरीर एक दम हल्का महसूस कर रहा था. धीरे धीरे चलकर वो अपने टेबल तक पहुँची. टेबल पर रखे दो ग्लास देख कर आशना बोली: यह क्या???

वीरेंदर: मैने सोचा आज हमारी पहली डेट है तो सेलेब्रेशन तो बनती ही है. 

आशना: अच्छा??? तो पहले किस ख़ुसी मे पी थी???

वीरेंदर: खुशी मे????? अरे वो तो गम मे पी थी. 

आशना(मुस्कुरा कर):आपको किस बात का गम लग गया जनाब. 

वीरेंदर: बहुत बड़ा गम है मुझे. 

आशना: ज़रा हम भी तो सुनें कि जनाब किस गम मे आज पी रहे है और पिला रहे हैं. यह कह कर आशना ने अपना ग्लास उठाया. 

वीरेंदर: मेरी गर्लफ्रेंड और होने वाली बीवी मेरे साथ है और मुझे एक किस भी नहीं देती. 

वीरेंदर पर भी वाइन का नशा हावी होने लगा था. 

आशना: किस?????

वीरेंदर: मेरा मतलब किस, मतलब चहुउऊउउम्म्मी और यह कह कर वीरेंदर ने अपनी उंगली अपने होंठों पर रख कर इशारे से आशना को समझाया.

आशना: हाहहहहा, कितना बड़ा गम है तुम्हे, मुझे तो रोना आ रहा है. 

वीरेंदर: रोना मत, प्लीज़ रोना मत. नहीं तो मैं भी रो दूँगा. 

इस वक्त दोनो शराब के नशे मे पूरी तरह से आ चुके थे. आशना और वीरेंदर ने धीरे धीरे सीप लेते हुए दूसरा ग्लास भी खाली कर दिया. 

वीरेंदर: एक बात पूछूँ???

आशना: पूछ ना. 

वीरेंदर: तुम्हे नशा हुआ है क्या????? 

आशना: कचह, इतने से भी नशा होता है क्या??

आशना: और तुम्हे???

वीरेंदर: मुझे तो पता भी नहीं लग रहा कि मैने दारू पी है. साली दारू ही नकली है. 

आशना: तुमने पहले भी कभी पी है क्या???

वीरेंदर: पहले ............., पी है ना, पहले भी पी है. अरे जब एमबीए करके वापिस आया था तो पापा ने बहुत बड़ी पार्टी दी थी, उसमे खूब दारू पी थी मैने.

आशना(हैरान होके):अच्छा????

वीरेंदर: हां, उसके बाद तो माँ से इतनी गालियाँ पड़ी कि सारा नशा ही उतर गया और फिर कभी दारू को हाथ, हाथ नहीं, मुँह नहीं लगाया. 


आशना: अच्छे बच्चे, मम्मी की हर बात मानते हैं. 

वीरेंदर: तुमने भी पी है क्या पहले कभी???. 

आशना: हुउऊउउन्न्ञणन्, हाँ पी है ना. 

वीरेंदर: कब???

आशना: जब मेरी 12थ की फेरवेल थी तो तब हम फ्रेंड्स ने बियर पी थी. 

वीरेंदर: किसी को पता चला????

आशना: ना.

वीरेंदर: लकी गर्ल.

तभी उनकी नज़र टेबल पर पड़ी. 

आशना: अरे खाना आ भी गया और पता भी नहीं चला. 

वीरेंदर: मुझे तो यह साला होटेल ही भूतिया लगता है, देखो इसकी दीवारें भी कैसे घूम रही हैं. 

आशना: मैं भी कब से देख रही थी लेकिन मुझे लगा कि शायद मेरा वहम है. 

वीरेंदर: जल्दी से खाना खाकर यहाँ से निकलते हैं, अगर शादी से पहले ही मर गये तो हम भी भूत बन जाएँगे. 

आशना: हां, चलो चलो जल्दी करो. 

वीरेंदर: एक काम करते हैं. 

आशना: क्या???

वीरेंदर: पहले शादी कर लेते हैं, उसके बाद खाना खा लेंगे. 

आशना: आइडिया तो ज़बरदस्त है लेकिन मैं शादी क्या इन्ही कपड़ो मे करूँगी. 

वीरेंदर: तो क्या??शादी के बाद तो यह भी उतरने हैं. 

आशना: पागल, इतने लोगों के सामने तो मैं कपड़े नहीं उतारूँगी, सब क्या सोचेंगे. चलो घर चलते हैं. 

वीरेंदर: घर???? घर कहाँ है हमारा???

आशना: अरे घर का रास्ता तो मुझे भी याद नहीं. 

वीरेंदर: तो फिर हम क्या करें. 

आशना: खाना खाते हुए सोचते हैं, चलो खाना खा लें नहीं तो ठंडा हो गया तो फिर से गरम करना पड़ेगा और मैं नहीं चाहती कि शादी करके ही मैं सीधा किचन मे जाउ. 

वीरेंदर: अरे किचन में तुम क्यूँ जाओगी, मैं हूँ ना. तुम आराम से सुहागरात मनाना मैं खाना गरम करके लाउन्गा. 

आशना: सो स्वीट. 

वीरेंदर(अचानक से): लेकिन अगर मैं किचन मे चला जाउन्गा तो तुम सुहागरात किस के साथ मनाओगी. 

आशना: अरे हां, यह तो गड़बड़ हो गई. 

वीरेंदर: हम दोनो किचन में जाकर खाना गरम करेंगे और फिर बेडरूम मे जाकर सुहागरात मनाएँगे. 

आशना: हां, यह सही रहेगा. तुम कितने इंटेलिजेंट हो ना. 

वीरेंदर: तो चलो फिर किचन मे चलते हैं. 

आशना: लेकिन मुझे तो यह भी नहीं पता कि किचन कहाँ है. 

वीरेंदर: उठते हुए बैठ गया और बोला: यह तो मुझे भी नहीं पता, अब क्या करें???

आशना: आज ठंडा खाना ही खा लेते हैं, कल सबसे पहले किचन ढूंढ़ेंगे तो घर अपने आप ही मिल जाएगा. 

वीरेंदर: देखा मेरे साथ रहकर तुम भी इंटेलिजेंट बन गई. 
 
दोनो ने किसी तरह खाना खाया और वेटर बिल लेकर आ गया. 

वीरेंदर ने नशे की हालत में ही बिल दिया और होटेल से बाहर आ गये. बाहर बारिश रुक चुकी थी, लेकिन मौसम काफ़ी ठंडा हो गया था. 

आशना: अब हम कैसे जाएँगे, देखो कितनी बारिश हो रही है. 

वीरेंदर: बारिश तो बहुत तेज़ है अब क्या करें?????

आशना: वो वाली गाड़ी किसकी है???? 

वीरेंदर: पता नहीं लेकिन देखी देखी लगती है.

आशना: चलो वहीं जाकर देखते हैं????


हालाँकि बारिश रुक चुकी थी लेकिन फिर भी दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़ कर ऐसे भागे जैसे सच मे बारिश बहुत तेज़ है और उन्हे गाड़ी तक पहुँचने की बहुत जल्दी है. 

गाड़ी के पास पहुँच कर आशना बोली: यह तो लॉक है. वीरेंदर ने जेब मे हाथ डाला और बोला: यह चाबी देखो शायद यह लग जाए. आशना ने जल्दी से वीरेंदर से चाबी ली और गाड़ी को लगाकर घुमाई तो गाड़ी खुल गई. 

आशना: याहूऊ, चाबी लग गई, चाबी लग गई.

वीरेंदर: जल्दी से बैठो वरना भीग जाएँगे. 

आशना और वीरेंदर गाड़ी मैं बैठ गये. आशना ड्राइविंग सीट पर और वीरेंदर ड्राइवर के साथ वाली सीट पर. 

वीरेंदर: क्या तुम्हे गाड़ी चलाना आता है. 

आशना: और क्या, अरे प्लेन भी उड़ा लेती हूँ मैं तो. 

वीरेंदर: वाह, मुझे सिख़ाओगी प्लेन उड़ाना. 

आशना: हां क्यूँ नहीं. मेरे पास बहुत प्लेन हैं तुमको भी एक दे दूँगी.

वीरेंदर: सच.

आशना: और क्या.

वीरेंदर: तो चलो फिर जल्दी से मुझे प्लेन चलाना सीखना है.

आशना ने गाड़ी स्टार्ट की और जैसे ही गियर लगाया वो बंद हो गई.आशना ने फिर से कोशिश की लेकिन गाड़ी फिर से बंद हो गई. 

आशना: यह तो बहुत ख़टरा गाड़ी है, पता नहीं लोग कैसी कैसी गाड़ियाँ रखते हैं. 

वीरेंदर: लाओ मैं ट्राइ करूँ और यह कह कर वीरेंदर दरवाज़ा खोलकर उतरने लगा. 

आशना: कहाँ जा रहे हो???

वीरेंदर: उस तरफ से आना पड़ेगा ना. 

आशना: दरवाज़ा बंद करो. 

वीरेंदर ने दरवाज़ा बंद कर दिया. 

आशना: बुद्धू, इतनी बारिश में बाहर क्यूँ जाओगे. यहीं से आ जाओ इधर मैं उधर आ जाती हूँ. 

वीरेंदर: वाउ, ग्रेट आइडिया यार. आशना उठी और अपनी एक टाँग उठाकर वीरेंदर की तरफ की. 

वीरेंदर: ध्यान से, कहीं गिर ना जाना. 

आशना: गिर गई तो पकड़ लेना. 

आशना ने आगे झुक कर दूसरी टाँग आगे करने की कोशिश की लेकिन जगह कम थी. 

आशना: तुम भी तो उधर जाओ. वीरेंदर जैसे ही उठने को हुआ उसके हाथ सीधा आशना की कमर पर आ गये. 

आशना: आई नो चीटिंग. अभी हमारी शादी नहीं हुई है. 

वीरेंदर: मुझे पता है लेकिन हाथ लगाने के लिए शादी की ज़रूरत नहीं होती. 

आशना: अरे हां, मैं तो भूल ही गई थी.
 
वीरेंदर ने आशना की कमर पर दोनो तरफ हाथ रखे और अपने शरीर को दूसरी तरफ मोड़ कर अपनी एक टाँग ड्राइवर साइड कर दी. अब दोनो आमने सामने खड़े थे और दोनो की एक एक टाँग एक दूसरे की तरफ थी. 

वीरेंदर: साली बहुत टाइट जगह है मुझे लगता है हम फस जाएँगे. 

आशना: ज़ोर लगाओ शायद निकल जाएँ. 

वीरेंदर ने जैसे ही अपनी दूसरी टाँग उठा कर ड्राइवर साइड पर होने की कोशिश की तो वीरेंदर की छाती आशना के सीनसे से दब गई. 

आशना: आअहह, धीरे. जंगली कहीं के. 

वीरेंदर: अब इतने बड़े हैं तो दबेंगे ही ना. 

आशना: तो इसका यह मतलब थोड़े है कि आप इतनी ज़ोर से दबा दो. 

वीरेंदर: शादी के बाद तो इन्हे मसल डालूँगा. 

आशना: ओह याद आया, शादी भी तो करनी है अभी, जल्दी करो. 

वीरेंदर: तुम फिर से चिल्लाओगी तो???? 

आशना: रूको मैं कुछ करती हूँ. 

आशना ने जैसे ही अपनी टाँग उठाकर दूसरी तरफ करने की कोशिश की तो उसका घुटना सीधा वीरेंदर की जाँघो के बीच प्रेस हो गया. 

वीरेंदर:आआवउुुुुउउ, आहिस्ता. 

आशना:अब ऐसे खड़ा कर के रखा है तो दबेगा ही ना. 

वीरेंदर: मिस, अभी यह खड़ा नहीं हुआ वरना यह तुम्हे ऐसा डॅंक मारता कि तुम छिटक कर दूर जा गिरती. 

किसी तरह वो दोनो एक दूसरे को क्रॉस करके अपनी अपनी सीट पर बैठे. 

वीरेंदर(स्टेअरिंग को पकड़ कर): तो हम कहाँ जा रहे थे. 

आशना: शादी करने. 

वीरेंदर: येस्स्स, याद आ गया. 

वीरेंदर ने गाड़ी स्टार्ट की और गाड़ी होटेल से बाहर निकाल दी. 

वीरेंदर: यह तो मस्त चल रही है और तुम कह रही थी कि यह ख़टरा है. 

आशना: ओह, याद आया, आज तो मेरा फास्ट है, शायद इस लिए गाड़ी मुझसे नहीं चली. 

वीरेंदर: तुम फास्ट भी रखती हो. 

आशना: कभी कभी. 

वीरेंदर: लेकिन किसलिए??? 

आशना: जिस दिन भूख नहीं होती उस दिन फास्ट रख लेती हूँ. 

वीरेंदर: आज तो मुझे भी बूख नहीं है, चलो आज मैं भी फास्ट रख लेता हूँ. 

जैसे तैसे करके वीरेंदर गाड़ी दौड़ाता रहा और वो दोनो बिना सिर पैर के बातें करते रहे. एक होटेल के पास पहुँच कर वीरेंदर बोला: शायद हम ग़लत रास्ते पर आ गये हैं, यह हमारा घर तो नहीं लगता. 

आशना: शायद, मुझे भी ऐसा लग रहा है. आशना: चलो चलकर पूछते हैं कि यह हमे एक रात के लिए यहाँ रख सकते हैं. 

आशना और वीरेंदर रिसेप्षन पर पहुँचे. 

रिसेप्षनिस्ट: हाउ कॅन आइ हेल्प यू सर?? 

आशना: रात बिताने के लिए रूम मिलेगा??? 
रिसेप्षनिस्ट: सॉरी???

आशना: नो नो इट्स ओके, आक्च्युयली हमारा घर नहीं मिल रहा था तो हम ने सोचा कि आज की रात हम आपके घर पर बिता लें. लेकिन कोई बात नहीं अगर आपके पास कोई खाली कमरा नहीं है तो. रिसेप्षनिस्ट को लगा कि उसके साथ मज़ाक किया जा रहा है. 

वो मुस्कुराइ और बोली: मेडम हम आपको अपने घर मे रख सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको पैसे देने पड़ेंगे. 

वीरेंदर: तो पैसे है ना मेरे पास. बोलो कितने पैसे????

वीरेंदर ने अपनी जेब से क्रेडिट कार्ड निकाला और उसे पकड़ा दिया. 
 
रिसेप्षनिस्ट ने उसे स्वाप करने से पहले पूछा: नॉर्मल रूम ऑर हनिमून सूयीट. 

आशना: हनिमून सूयीट. 

रिसेप्षनिस्ट: मेडम इट कॉस्ट्स रुपीज़2500 पर नाइट. 

वीरेंदर: ओके टेक दा पेमेंट.

रिसेप्षनिस्ट ने कार्ड स्वाप करके कार वीरेंदर को वापिस किया और उन्हे रूम की चाबी दी. एक रूम अटेंडेंट उन्हे उनके रूम तक छोड़ने आया. रूम मे पहुँचते ही रूम अटेंडेंट ने उन्हे गुड नाइट विश किया और बोला"हॅपी हनिमून सर, हॅपी हनिमून मेडम". 

आशना: थॅंक्स, वाना जाय्न???

वो रूम अटेंडेंट तेज़ी से दरवाज़े से बाहर निकला और दरवाज़ा बंद कर दिया. आशना और वीरेंदर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे और वीरेंदर ने दरवाज़ा लॉक कर दिया. 

आशना: अब क्या करें??

वीरेंदर: चलो बेड पर चलते है फिर सोचते हैं कि आगे क्या करना है. 

वो दोनो बेड पर बैठ गये. 

वीरेंदर: तुम्हे सुहाग रात मनाना आता है. 

आशना: नहीं मेरी तो पहली है. आशना: और तुम्हे???

वीरेंदर: मनाई तो मैने भी पहले कभी नहीं लेकिन सुना ज़रूर है. 

आशना: मैने तो देखी भी है. 

वीरेंदर: किसकी???

आशना: अरे बुद्धू, वो गंदी वाली फिल्मों मे दिखाते हैं ना, हॉस्टिल मे तो हम खूब देखते थे. 

वीरेंदर: वो तो मैने भी काफ़ी देखी हैं. लेकिन मैने सुना है कि देखने से कुछ फ़ायदा नहीं होता, जब तक खुद ना कर लो, कोई एक्सपेरिन्स नहीं होता. 

आशना: तो आओ शुरू करते हैं. 

वीरेंदर: ठहरो मैं जूते उतार लूँ. 

आशना: नहीं, आओ ना पहले मुझे किस करो. 

यह कह कर आशना ने वीरेंदर को अपनी तरफ खींचा और वीरेंदर उसके उपर गिरता चला गया. आशना बेड पर लेट चुकी थी और वीरेंदर उसकी बगल मे लुडक गया. 

आशना(आँखें बंद करके): किस मी.

वीरेंदर ने अपना चेहरा आगे किया और इस से पहले कि दोनो के होंठ मिलते दोनो नशे और थकान के कारण आरामदायक बिस्तर पर गिरते ही नींद की आगोश मे चले गये.

रात को करीब एक बजे वीरेंदर को प्यास लगी तो उसकी नींद टूटी. कमरे की लाइट जल रही थी. उसने उठने की कोशिश की तो वो यह देख कर हैरान रह गया कि आशना उसके बिल्कुल करीब सोई हुई है और आशना का एक हाथ वीरेंदर के सिर के पीछे . आशना का सिर वीरेंदर की बाज़ू पर है और वीरेंदर का हाथ आशना की पीठ पर. आशना ने अपनी एक टाँग वीरेंदर की टाँग पर चढ़ा रखी है. रात की बात याद आते ही उसे एक दम से झटका लगा और वो आहिस्ता से आशना से बदन से अलग हुआ. 

आशना अभी भी नशे मे बेहोश थी. वीरेंदर ने उठते ही आशना पर नज़र डाली तो उसका दिल धक कर उठा. आशना इस वक्त एक तरफ होकर पेट के बल हो गई थी. उसका टॉप उसकी कमर से उपर उठ चुका था और उसकी चिकनी पतली कमर वीरेंदर की आँखों के आगे थी. वीरेंदर का खून खोलने लगा. वीरेंदर की नज़र उसकी कमर से होते हुए आशना के विशाल नितंबों पर पड़ी तो उसकी शरीर मे मदहोशी छाने लगी. आशना एक टाँग मोड़ कर सोई हुई थी जिस से उसके नितंबों की गोलाई उभर आई थी. वीरेंदर के लिंग ने हरकत करना शुरू कर दिया. एक पल के लिए तो उसका मन किया कि टूट पड़े सामने सोई हुई लड़की पर लेकिन फिर उसके दिल ने कहा: क्या करने जा रहा है?? वो तुझ पर भरोसा करके तेरे साथ आई है, क्या तू ही उसकी अस्मत लूट लेगा???? क्या यह सब करने के बाद तू कभी अपना चेहरा देख पाएगा.

वीरेंदर फॉरन बेड की तरफ बढ़ा और कंबल उठाकर आशना का शरीर ढक दिया. पानी पीने के बाद उसने लाइट बंद की और ज़ीरो वॉट का बल्ब जला दिया. वीरेंदर ने सोफे पर बैठ कर अपनी टाँगें सामने रखे टेबल पर चढ़ा ली और वहीं सो गया. सुबह सबसे पहले आशना की नींद खुली. उसका गला सूख रहा था. वो फॉरन उठी और पानी के जाग की तरफ लपकी. उसने जग मुँह से लगा कर गतगत पानी पीना शुरू किया. पानी पीने के बाद वो आकर बेड पर बैठ गई. उसका सिर दुख रहा था. उसने अपना सिर झुका कर अपने हातू से दबा दिया. तभी उसे वीरेंदर की याद आई. उसने चौंक कर चारो तरफ देखा तो लेफ्ट साइड पर वीरेंदर को सोफे पर सोया हुआ पाया. 
 
आशना के चेहरे पर स्माइल आ गई और उसके दिल से निकला: आज तो बड़ी शराफ़त दिखाई जनाब ने, लव यू वीरेंदर. आशना ने बॅग से कपड़े निकाले और बाथरूम मैईएन घुस गई. आधे घंटे तक, आशना सुबह के नित्य कर्म से निपट कर तैयार होकर बाहर आ चुकी थी. आते ही उसने अपने गीले बलों से कुछ बूँदें वीरेंदर के चेहरे पर फैंकी तो वीरेंदर हड़बड़ा कर उठ गया और सोफे से गिरते गिरते बचा.आशना वीरेंदर की हालत देख कर हँसने लगी. 

वीरेंदर: यह क्या तरीका है किसी को जगाने का. 

आशना: तो राजकुमार जी को कैसे जगाया जाए???

वीरेंदर उसके बिल्कुल करीब आ गया और उसकी आँखों मे देख कर बोला: कोई और तरीका नहीं आता क्या??

वीरेंदर की आँखों मे शरारत देख कर आशना के बदन मे झुरजुरी दौड़ गई. 

आशना ने आँखें झुका कर कहा: क्या पता आप को कॉन सा तरीका अच्छा लगता है. 

वीरेंदर और आगे बढ़ा और बोला: बताऊ कॉन सा तरीका अच्छा लगता है???

आशना ने ना मे गर्दन हिलाई. 

वीरेंदर: आज तो बताना ही पड़ेगा नहीं तो रोज़ ऐसे ही जगाओगी तो सुबह सुबह लड़ाई हो जाया करेगी.

आशना एक दम से पीछे हटी. 

वीरेंदर: क्या हुआ करेंट लगी क्या???

आशना: वो आपके मुँह से शराब की बदबू आ रही है. 

वीरेंदर: अच्छा जी, अब बदबू आ रही है, रात को तो कैसे गटक कर पी रही थी. 

आशना: वो तो आप थे मेरे पास मुझे संभालने के लिए. 

वीरेंदर: खाक संभालता तुम्हें, मुझे तो यह भी याद नहीं कि हम यहाँ कैसे पहुँचे. 

आशना: मुझे भी वॉश रूम से आने के बाद कुछ याद नहीं. 

वीरेंदर: चलो अच्छा है कि तुम्हे कुछ याद नहीं वरना तुमने तो गाड़ी मे मेरा सब कुछ दाव पर ही लगा दिया था. 

आशना: धत्त, कितने गंदे हैं आप. आपने भी तो मुझे क्रॉस करते करते कितनी ज़ोर से कस लिया था.

वीरेंदर: इसका मतलब तुम्हे सब याद है?? 

आशना: और आपको भी???

दोनो खिलखिलाकर हंस दिए. 

वीरेंदर: ठहरो पहले फ्रेश हो जाउ उसके बाद तुम्हे जगाने के तरीके सिखाता हूँ. 


वीरेंदर ने अपने बॅग से समान लिया और बाथरूम की तरफ चल पड़ा. 

आशना: वीरेंदर, एक मिनट.

वीरेंदर ने पीछे मुड़कर आशना को देखा. 

आशना: थॅंक यू. 

वीरेंदर: अब यह किस लिए???

आशना: नशे मे मेरा ख़याल रखने के लिए और मेरी मदहोशी का फ़ायदा ना उठाने के लिए. 

वीरेंदर: अब तो रोज़ रात तो दो पेग लगाने ही पड़ेंगे, मुझे तो लगा था कि तुम होश मे हो वरना मैं तो कल रात को ही....................... 

आशना,वीरेंदर की बात सुनकर मुस्कुरा दी और बोली: आप की खुशी के लिए कुछ भी. 

वीरेंदर तैयार होकर आ गया तो दोनो ने नाश्ता रूम मे ही मंगवा लिया. 

आशना: अब देल्ही वापिस जाने का इरादा भी है या नहीं. 

वीरेंदर: बिल्कुल है लेकिन उस से पहले तुम्हे सारा बॅंगलॉर घुमाना है और फिर उसके बाद देल्ही जाकर सबसे पहले शादी करनी है. 

आशना: अरे वाह, तो इसका मतलब वो कोर्ट मॅरेज वाली लड़की मान गई??? 

वीरेंदर: अगर अब भी नहीं मानी तो मैं तो किसी को मुँह दिखाने लायक ही नहीं रहूँगा. 

आशना(हैरानी से हंसते हुए): क्या मतलब????

वीरेंदर: कल रात गाड़ी मे उसने मुझे सेक्षुयली अब्यूस किया, अगर मेरी शादी उस से ना हुई तो मैं तो किसी को मुँह दिखाने लायक ही नहीं रहूँगा ना. 

आशना खिलखिलाकर हंस पड़ी और बोली: आपने भी कॉन सी कमी छोड़ी आपने भी तो उसे खूब अब्यूस किया.
 
वीरेंदर: अरे इसमें अब्यूस कैसा??? वो बीवी बनने वाली है मेरी. वो तो शूकर है कि कल रात को पंडित नहीं मिला, नहीं तो कल ही शादी करके अब तो तक किला भी फ़तेह कर चुका होता. 

आशना:छी, कितने बेशर्मी से सब बातें बोल देते हैं आप. 

वीरेंदर: हम मे से एक को तो बेशरम होने ही पड़ेगा ना, नहीं तो सारी रातें कल रात जैसे ही गुज़रेंगी. 

आशना: तो आप जैसे हैं, वैसे ही रहिए, मैं बन जाती हूँ बेशरम.

वीरेंदर: आईला, फिर तो खूब मज़ा आने वाला है. 

वीरेंदर: तो करो ना मेरे साथ कोई बेशर्मी. 

आशना: तो निकालिए पहले पैसे. 

वीरेंदर(दिल पर हाथ रखते हुए): ओ तेरी, यह क्या बोल रही हो. 

आशना(मुस्कुराते हुए): पीछे देखिए, रूम अटेंडेंट खड़ा है दरवाज़े पर. उसे नाश्ते के पैसे दीजिए और चेक आउट करिए. 

वीरेंदर ने पीछे मुड़कर देखा और बोला: बॉस, बाहर क्यूँ खड़े हो, अंदर आ जाओ. वैसे कल तुमने एक बड़ा ही हसीन ऑफर ठुकरा दिया. 

आशना: वीरेंदर, प्लीज़ अब यहाँ नही शुरू हो जाना. 

वीरेंदर: जो हुकुम मेम साहिब, तो चलें?????
वीरेंदर ने समान उठाया और दोनो बाहर की तरफ चल दिए. रूम अटेंडॅट उन्हे जाते हुए देखता रहा और जैसे ही वो रूम से बाहर निकले उसने एक गहरी साँस ली और बोला: वाह क्या जोड़ा है यार. भगवान इनकी जोड़ी सदा सलामत रखे. रिसेप्षन पर पहुँच कर वीरेंदर ने चेकाउट के लिए बोल दिया. 

रिसेप्षनिस्ट(मज़ाक मे): मेडम रात कैसी बिताई??? 

आशना शर्मिंदा हो गई, उसे रात की बात याद आ गई. 

वीरेंदर: क्या खाक बिताई रात, आपके बेड बड़ी ख़स्ता हालत मे हैं, रात भर चिन चीन करते रहे. मेडम मेरी बात मानिए तो एक बार आप भी उस बेड पर रात बिता कर चेक कर लें. 

वीरेंदर की बात सुनकर रिसेप्षनिस्ट पानी पानी हो गई. उसकी हालत देख कर आशना और वीरेंदर हंस दिए और जाते जाते उसे सॉरी बोल गये.

दिन भर दोनो बॅंगलॉर के अलग शहरो मे घूमते रहे और एक होटेल मे रुककर दोनो ने लंच भी किया. शादी के लिए ढेर सारी शॉपिंग के बाद शाम तो करीब 6:00 बजे वो गाड़ी से ही देल्ही के लिए रवाना हो गये. दिन भर घूमने से आशना काफ़ी थक चुकी थी मगर वीरेंदर तो शादी की खुशी मे एक दम तरो ताज़ा लग रहा था.

जब तक यह दोनो बॅंगलॉर से देल्ही तक का सफ़र तय करते हैं, आइए हम लोग "शर्मा निवास" मे चलकर "न्यूली वेड्स" की रंगीन दुनिया मे चोरी से झाँकते हैं.......................

तो कहाँ थे हम, मेरा मतलब दोनो पति पत्नी............ऊऊऊऊउउउउउउम्म्म्म्म्म हां, याद आया. 

रात को हुई ज़ोरदार चुदाई के सपने लेते हुए दोनो पति-पत्नी एक ही रात मे एक दूसरे की तरफ पीठ करके सोए थे.


सुबह बिहारी की नींद खुली जब उसे ज़ोर का पेशाब लगा. बिहारी तेज़ी से बाथरूम की तरफ भागा और अपने पेट को हल्का किया. बाहर आकर बिहारी ने टाइम देखा तो सुबह के 5:30 बज चुके थे. बिहारी ने कॅमरा उठाया और उसे बंद करके अपनी अलमारी मे रख दिया. बिहारी ने किचन मे जाकर दो कप चाइ बनाई और फिर रागिनी को उठाने चल दिया. रागिनी के पास बैठकर उसने जब कंबल हटाकर रागिनी के चेहरे की तरफ देखा तो रागिनी के चेहरे पर एक अलग हे नूर था. एक ही रात मे उसका चेहरा खिल उठा था. बिहारी ने रागिनी के उभारों को अपनी उंगलोयोँ से मसला तो रागिनी की नींद एक आह से टूटी. रागिनी ने आँखें खोल कर बिहारी की तरफ देखा तो उसके होंठों पर शर्म और हया की मुस्कुराहट आ गई. 

रागिनी: प्लीज़ सोने दीजिए ना, बहुत थक गई हूँ. 

बिहारी: रागी, उठो चाइ पी लो.

रागिनी: हाउ स्वीट, आप मेरे लिए चाइ बना कर लाए हैं और ऐसा कह कर जैसे ही रागिनी उठने को हुई उसकी कमर मे तेज़ दर्द हुआ और वो वहीं बेड पर पीठ के बल गिर गई. 

बिहारी(मुस्कुराते हुए): क्या हुआ??

रागिनी ने शरमा कर कहा: बहुत दर्द कर रही है कमर. 

बिहारी: रात को खूब चलाई जो है. 

रागिनी: विराट मुझे तो ऐसा लग रहा है कि मेरी टाँगे शरीर के साथ हैं ही नहीं. 

बिहारी:धीरे धीरे उठकर बैठने की कोशिश करो और चाई पी लो, शायद कुछ आराम आए.
 
रागिनी ने दोबारा कोशिश की तो बिहारी ने सहारा देकर उसे बेड के साथ टेक लगाकर बिठा दिया.रागिनी ने जैसे ही अपने घुटने मोड़ने चाहे तो उसके होंठों से आह निकल गई. बिहारी ने उसके बदन से कंबल हटाकर उसकी चूत की तरफ देखा तो पाया कि रागिनी की चूत काफ़ी सूज गई थी और काफ़ी लाल भी हो गई थी. 

रागिनी क्या देख रहे हैं???

बिहारी: देख रहा हूँ कि दो बार की चुदाई से इसका यह हाल है तो अगर मेरी जगह कोई जवान मर्द होता तो यह तो फट ही जाती. 

रागिनी: फाड़ तो दी है अपने. 

बिहारी: सिर्फ़ फाड़ ही पाया हूँ लेकिन मुझे पता है कि यह अभी भी प्यासी है. 

रागिनी के चेहरा यह सुनकर सुर्ख हो गया. 

रागिनी: तो भुजा दो ना इसकी प्यास. 

बिहारी: ना बाबा ना, कल रत को ही इसने मेरा सारा पानी निचोड़ लिया है अब तो इतनी ताक़त नहीं बची कि यह अभी तुम्हारी प्यास भुजा सके. 

रागिनी: आओ ना विराट, प्लीज़. 

बिहारी: पहले चाइ पी लो, थोड़ी फ्रेश हो जाओ, फिर सोचता हूँ कि तुम्हारी चूत का क्या करना है. 

दोनो खामोशी से चाइ पन लगे. रागिनी अपने मन मे सोच रही थी कि उसने अपनी सुहाग रात के जो सपने संजोए थे वो तो चकनाचूर हो गये लेकिन आने वाली रातों मे वो अपना हर अरमान पूरा करेगी. वहीं बिहारी सोच रहा था कि रागिनी जैसी कामुक लड़की को रोक पाना बहुत मुश्किल है. उसने हमेशा ऐसी बीवी की तमन्ना की थी और अब जब उसे ऐसी लड़की बीवी के रूप मे मिली है तो वो इसका भरपूर इस्तेमाल करेगा और फिर अपने फ़ायदे के लिए यूज़ भी करेगा. चाइ पीकर बिहारी किचन से जाकर गरम पानी और एक नरम सा कपड़ा ले आया. 

रागिनी: यह किस लिए. 

बिहारी: तुम्हारी चूत की सिकाई करूँगा ताकि तुम्हारा दर्द और सूजन थोड़ी कम हो. तुम आराम से टाँगे खोल कर लेट जाओ. 

रागिनी: आप रहने दीजिए, मैं कर लूँगी. 

बिहारी: मैने फाडी है तो ठीक भी मैं ही करूँगा, यह चूत अब मेरे नाम है. मैं जब चाहूँगा इसे चोदुन्गा, जब चाहे चाटूँगा और अगर ऐसा ना कर पाया तो इसकी भूख शांत के लिए मैं इसे नये नये लंड भी दिलवाउन्गा. 

रागिनी:अया विराट, आप प्लीज़ ऐसा ना कहें, मुझे कुछ होने लगता है. 

बिहारी(रागिनी की चूत सॉफ करते हुए): क्यूँ ना कहूँ??? मेरी उमंगे मेरा साथ ना दें तो क्या मैं तुम्हारी उमँगो का भी गला घोंट दूं. नही रागी नही मैं इतना ख़ुदग़र्ज़ इंसान नही हूँ कि तुम सेक्स की आग मे जलती रहो और मैं तुम्हे तड़पने दूं. मैं जानता हूँ कि कल रात के तुम्हारे कुछ सपने थे और मैं उन्हे पूरा करने मे बिल्कुल असमर्थ रहा लेकिन मैं तुम्हे यकीन दिलाता हूँ कि तुम्हारा हक तुम्हे मिलकर रहेगा, चाहे किसी भी तरीके से या किसी भी लंड से. 

रागिनी:ऊउच!!!! विराट थोड़ा धीरे, दर्द होता है. 

बिहारी: अभी सब ठीक हो जाएगा और थोड़ी देर मैं ही तुम फिर से लंड माँगोगी. 

रागिनी(शरमाते हुए): वो तो मेरा हक है. जिस तरह से मेरी चूत आपकी हुई उसी तरह से आपका लंड भी तो मेरा हुआ ना. 

बिहारी: वो तो है मगर उस लंड का क्या करोगी जिस मैं जान ही ना हो. 

रागिनी: इस मे कितनी जान है, मैं कल रात देख चुकी हूँ. मानती हूँ कि आप उम्र के उस पड़ाव पर हैं जहाँ शायद आपके जज़्बात सो गये है लेकिन मैं आप मे फिर से एक नयी जान फूँक दूँगी. देखना कुछ ही दिनो मे आप फिर से जवान महसूस करने लगेंगे. 

बिहारी: कोशिश कर लो लेकिन इतना याद रखना कि यह लंड तुम्हे गरभवती तो कर सकता है लेकिन तुम्हारी जवानी की भूक नहीं मिटा सकता. 
 
रागिनी: विराट. प्लीज़ ऐसी बातें मत करो. देखना सब ठीक हो जाएगा. 

बिहारी: चाहता तो मैं भी यही हूँ कि सब ठीक हो जाए, कॉन चाहेगा के उसकी जवान पत्नी किसी और से चुदे मगर मैं अपनी हालत समझता हूँ. लेकिन चलो कोई बात नहीं, तुम्हारा भ्रम भी जल्द ही टूट जाएगा. 

यह कह कर बिहारी ने रागिनी की चूत को सूखे कपड़े से पोछा और पानी का बर्तन रखने किचन की तरफ चल दिया. रागिनी बेड पर ही टाँगे खोली बैठी रही और सोचती रही कि विराट ऐसी बातें क्यूँ कर रहे हैं. क्या सच मच मे वो मेरी भूख शांत करने के काबिल नहीं हैं???, क्या सच मे मुझे हर रोज़ कल रात की तरह ही तड़पना पड़ेगा.रागिनी ने अपने बदन पर कंबल डाला और सोचते हुए लेट गई. करीब 10:00 बजे बिहारी ने उसे जगाया और कहा कि नाश्ता तैयार है.

रागिनी: विराट, आप मेरे लिए कितना कुछ कर रहे हैं और मैं सोती ही रह गई. 

बिहारी: मेरी तो रोज़ की आदत है, अपने ही घर मे मुझे नौकरो के सब काम करने पड़ते हैं. जैसे सफाई, खाना बनाना कपड़े धोना वगेरह वगेरह. 

रागिनी: मैं जानती हूँ विराट कि आप एक अच्छे इंसान हैं और सब कुछ होने के बाद भी आप अपने ही घर मे नौकरों की तरह रहते हैं लेकिन अब मैं आ गई हूँ और जब तक आपको आपका हक नहीं मिल जाता मैं चैन से नहीं बैठूँगी. 

बिहारी ने रागिनी को अपने सीने से लगाते हुए कहा: रागिनी, तुम मुझे इतना प्यार मत करो कि मैं अपने आप को दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान समझने लगूँ. 

रागिनी ने भी अपनी बाहें बिहारी के गले मे डाल दी और बोली: विराट, मैं आपको दुनिया का वो हर सुख, वो हर हक देना चाहती हूँ जिसके आप हकदार हैं. 

बिहारी, रागिनी के बालों मे हाथ फिराते हुए अपनी कामयाबी पर खुश हो रहा था. बिहारी: अच्छा चलो अब जल्दी से नहा लो और फिर नाश्ता कर लो. 

रागिनी की चूत मे अभी भी आग लगी थी, उसकी चूत की भूख उसके पेट की भूख से कहीं ज़्यादा थी लेकिन उसने अपने मन को समझाया कि आगे भी ऐसी कई रातें आएँगी जिस मे वो अपने खवाब पूरे कर सकती है. धीरे धीरे चलकर रागिनी बाथरूम तक पहुँची. उसकी चूत मे अभी भी दर्द था लेकिन अब वो बर्दाश्त के लायक था. गरम पानी की सिकाई से उसकी चूत की स्वेल्लिंग भी कम हो गई थी. बाथरूम मे गरम पानी मे बैठकर रागिनी ने खूब रगड़ रगड़ कर स्नान किया और फिर बाथरूम से बाहर आई तो देखा विराट वहाँ नहीं था. रागिनी के दिल से एक ठंडी आह निकली. 

रागिनी सोचने लगी " यह विराट को क्या हो गया है, एक ही रात मे उनका सारा क्रेज़ ही ख़तम हो गया. उन्हे पता था कि मैं बाथरूम मे नगी ही गई थी और बाहर भी नंगी ही आउन्गी. तो फिर मुझे छेड़ने के लिए वो यहाँ क्यूँ नहीं रुके?? क्या उनके शरीर के साथ साथ उनका दिल भी बूढ़ा हो गया है????

थके मन से रागिनी ने बॅग से एक ड्रेस निकाली. एक पिंक कलर की घुटनो तक की स्कर्ट और उसपर लाल रंग का टॉप. रागिनी ने ड्रेस के अंदर काले रंग की ब्रा पहनी और पैंटी तो उस से पहनी ही ना गई. जैसे ही उसने पेंटी पहननी चाही, पैंटी के मुलायम कपड़े से भी रागिनी को जलन होने लगी तो उसने पैंटी ना पहनने का फ़ैसला किया. रागिनी ने विराट द्वारा दिए हुए हार को भी पहना और अच्छी तरह तैयार होकर कमरे से बाहर निकली तो देखा बिहारी नीचे हाल मे बैठा हुआ उसका इंतज़ार कर रह था. रागिनी को देखते ही बिहारी ने उस से कहा कि जल्दी से नीचे आ जाओ. ब्रेकफास्ट करके तुम्हे सारा घर दिखाता हूँ. अब रागिनी के लिए सबसे बड़ी मुसीबत थी सीडीयाँ उतारना. वो सीडीयो तक पहुँची तो जैसे ही उसने अपना बयान पावं उठाकर एक सीधी पर रखा उसके मुँह से एक कराह निकल गई. 

बिहारी मुस्कुराया और पूछा क्या हुआ. 

रागिनी: हटो बशरम कहीं के, मेरी दुख रही है और तुम्हे हँसी आ रही है. 

बिहारी: आराम से रेलिंग पकड़ कर धीरे धीरे नीचे आओ. 

रागिनी ने रेलिंग का सहारा लेकर नीचे आना शुरू किया लेकिन हर बार उसका शरीर कांप जाता. जब रागिनी 3-4 सीडीयाँ उतर गई तब बिहारी तेज़ी से भागता हुआ सीडीयों पर चढ़ा और देखते ही देखते रागिनी को अपनी बाहों मे उठाकर नीचे आने लगा. 

रागिनी ने अपनी बाहें बिहारी के गले में डाल दी और बोली: थॅंक्स विराट. 

बिहारी ने रागिनी को ऐसे उठा रखा था जैसे किसी बच्चे को उठाते हैं. रागिनी का धड़ बिहारी के लेफ्ट कंधे से सटा हुआ था और बिहारी के एक हाथ रागिनी के गले से थोड़ा नीचे और एक हाथ घुटनो से थोड़ा उपर. बिहारी ने जानबूझ कर अपना नीचे वाला हाथ उपर की तरफ सरकाना शुरू कर दिया. नीचे आते आते रागिनी की स्कर्ट बिल्कुल उसकी कमर तक पहुँच चुकी थी और बिहारी का हाथ रागिनी के गदराए नितंबो पर. 

बिहारी: यह क्या?? तुमने तो पैंटी पहनी ही नहीं. 

रागिनी ने नीचे उतरते हुए बिहारी के कंधे पर प्यार से मुक्का मारते हुए कहा: पैंटी भी जलन कर रही थी, ऐसी हालत कर दी आपने मेरी. 

बिहारी: मुझे तो लगा था कि सुबह सुबह तुमने मुझे अपनी गान्ड देने का मन बना लिया है. 

रागिनी: हरगिज़ नहीं, आगे वाली की हालत देख कर लगता है कि पीछे से देने का वादा तोड़ ही दूं. 

बिहारी: ऐसा मत करना, मेरा तो दिल ही टूट जाएगा. 

रागिनी हँसने लगी और बोली: विराट आख़िर आप पीछे के लिए इतने उतावले क्यूँ हैं?? 
 
बिहारी: ऐसी गंद तो भगवान ने शायद ही आज तक किसी की बनाई हो और अगर मैने इसे नहीं चोदा तो भगवान को क्या मुँह दिखाउन्गा. उपर बैठे सारे देवता लोग हँसेंगे मुझ पर. 

रागिनी शरमा कर बिहारी के सीने से चिपक गई और बोली "अगर इतनी ही पसंद है तो जब चाहे ले लेना". 

रागिनी के शरीर से निकलती गर्मी ने बिहारी की काम शक्ति को भी जगा दिया और उसने अपने हाथ रागिनी के चुतड़ों पर रख कर उसे अपने साथ और सटा लिया. रागिनी के गले से एक घुटि हुई चीख निकल गई. 

रागिनी ने अपना चेहरा उठाकर बिहारी की तरफ देखा तो बिहारी ने इशारे से पूछा: क्या इरादा है? 

रागिनी ने शर्मा कर अपनी पीठ बिहारी की तरफ कर दी. बिहारी ने अपने हाथ आगे बढ़ा कर रागिनी को कमर से पकड़ कर अपने साथ सटा लिया. बिहारी का लिंग रागिनी की गान्ड की गर्मी पाकर ही दहाड़ उठा. रागिनी ने बिहारी के लंड की थिरकन अपने नितंबों पर महसूस की तो उसकी चूत ने भी रस छोड़ना शुरू कर दिया. 

रागिनी: विराट प्लीज़ छोड़िए ना, मुझे भूख लगी है. 

बिहारी ने अपनी कमर को झटका देकर अपना लंड रागिनी की गान्ड पर दबाया और बोला: भूख तो इसको भी लगी है. 

बिहारी का अकड़ता हुआ लंड अपनी गान्ड पर महसूस करते ही रागिनी के मुँह से निकला:ऊऔच!!!!, उूउउंम्म विराट प्लीज़ छोड़िए ना चुभता है. 

बिहारी: क्या चुभता है??? 

रागिनी: आपका वो जंगली जानवर. 

बिहारी: मेरा वो जंगली जानवर फिर से तबाही मचाना चाहता है और यह कह कर बिहारी ने अपने हाथ रागिनी के सख़्त हो चुके उभारों पर रख दिए. 

रागिनी का सर पीछे की ओर बिहारी के कंधे पर जा गिरा और उसके नथुनो से गरम साँसें निकलने लगी. रागिनी ने भी अपनी गान्ड को बिहारी के लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया. रह रह कर उसके होंठों से आह निकल रही थी. बिहारी ने अपने हाथों से रागिनी का टॉप उठाते हुए अपने हाथ रागिनी के पेट पर फेरने शुरू कर दिए. रागिनी को गुदगुदी होने लगी तो वो बिहारी की गिरफ़्त से छूटने का प्रयास करने लगी लेकिन बिहारी ने अपने हाथ उसकी कमर पर कस दिए. 

रागिनी: विराट प्लीज़ छोड़ो ना, गुदगुदी हो रही है. 

बिहारी: अभी तुम्हारे जिस्म की गुदगुदी और तुम्हारी चूत की खुजली मिटा देता हूँ. 

रागिनी: पहले छोड़िए तो सही, सच मे बहुत गुदगुदी हो रही है, रागिनी बिहारी की मज़बूत बाहों से निकलने का असफल प्रयास करती रही. 

बिहारी ने झटके से उसका टॉप उतार कर फैंक दिया. रागिनी एक दम पलटी और अपनी छाती पर अपनी दोनो बाज़ुएँ एक दूसरे को क्रॉस कर के रख दी. 

बिहारी: हाई रानी क्या खजाना छुपा रही हो अपने पति से. 

रागिनी ने बड़ी अदा से कहा: खजाना तो बहुत है लूटने को लेकिन मेरे पति को कोई कदर ही नहीं. वो तो इस खजाने को किसी और के ही हवाले करना चाहते हैं. 

बिहारी: साला नमार्द ही होगा जो इस खजाने को बिना लूटे किसी और को लूटा दे और ऐसा कहते ही बिहारी ने रागिनी को अपनी बाहों मे भर लिया.बिहारी के हाथ रागिनी की पीठ पर चलने लगे तो रागिनी ने भी अपने हाथ बिहारी के गले मे डाल दिए. 

रागिनी: तो लूट लो ना मेरे लुटेरे, कब से तैयार खड़ी हूँ लूटने को और एक आप हैं कि मेरी हालत पर तरस ही नही खा रहे. 

बिहारी: नयी नवेली दुल्हन को जितना तडपा तडपा कर चोदा जाए उतना ही मज़ा आता है. 

रागिनी: तो तडपा तडपा कर चोदो ना मुझे विराट. 

बिहारी: लेकिन तेरी चूत मे तो दर्द हो रहा होगा ना, क्यूँ ना सुबह की शुरुआत तेरी गान्ड से करूँ. 

रागिनी: वो भी जल्द ही दूँगी लेकिन मेरी चूत की प्यास तो भुजा दीजिए विराट. प्रॉमिस 2-3 मे ही जब मैं ठीक से चलने लगूंगी तो आपका लंड मैं गंद में भी लूँगी, मगर इस वक्त मेरी चूत की खुजली मिटा दीजिए. 

बिहारी: तेरी चूत मे इतनी खुजली होती है कि मुझ अकेले से यह नहीं मिट सकती. जितनी कोशिश करता हूँ यह और भड़क जाती है. 

रागिनी: आप ने ही तो लगाई है ज़ालिम तो आपको ही मिटानी भी पड़ेगी. 

बिहारी: तेरे इन्ही हॉंसलों से तो डर लगता है रानी कि अगर तुझे गरम करके मैं तुझे ठंडा ना कर पाया तो तू तो रास्ते मे किसी भी कुत्ते के आगे बिछ जाएगी. 

रागिनी काफ़ी गरम हो चुकी थी, उसकी चूत की गर्मी बिहारी अपने लोड्‍े पर महसूस कर रहा था. 
 
रागिनी: हां बिछ जाउन्गी विराट, मैं किसी के भी आगे बिछ जाउन्गी अगर आप मुझे इतना तडपाओगे तो. 

बिहारी: आआअहह. सच मैं तू किसी से भी चुदवा लेगी अगर मैं तेरी तमन्ना पूरी ना कर पाया तो??? 

रागिनी: आह विराट प्लीज़ कुछ करो, मुझे कुछ हो रहा है, सारी रात तडपी हूँ मैं, अब और इंतज़ार नहीं होता. 

बिहारी: तो चल फिर बाहर और पकड़ लाते हैं किसी को भी. 

बिहारी ने रागिनी का हाथ पकड़ कर उसे खींचा तो रागिनी उसके साथ 3-4 कदम खिचती चली आई और फिर वो वही रुक गई. बिहारी ने रागिनी की तरफ पीछे मूड कर देखा तो रागिनी ने शरमा कर "ना" मे गर्दन हिलाई. 

बिहारी: अब क्या हुआ, ख़तम हो गई खुजली. 

रागिनी खामोश खड़ी रही. 

बिहारी: चल तो सही, देख मैं तेरी चूत के लिए एक दम दार लोड्‍ा लेने तेरे साथ ही जा रहा हूँ. तुझे अकेला भेज दिया तो पता नहीं तू गली के कुत्तो को भी छोड़ेगी या नहीं. 

रागिनी ने बिहारी से हाथ छुड़ाकर अपने चेहरे पर रख दिए. 

बिहारी: क्यूँ, अब क्यूँ शरमा रही है??

रागिनी: प्लीज़ विराट, ऐसी बातें ना करो.

बिहारी: चुदना नहीं है क्या????

रागिनी ने हाथों से चेहरा छुपाकर ही हां मे गर्दन हिलाई. बिहारी ने उसकी कलाई पकड़ी और खेंचते हुए घर से बाहर ले गया. 

रागिनी: प्लीज़ विराट, ऐसा ना करो. मैं अधनंगी हूँ. 

बिहारी: तो क्या हुआ, थोड़ी देर मे तो तुझे पूरी नंगी करके सड़कों पर घुमाउंगा. 

रागिनी ने अपनी कलाई छुड़ाने की काफ़ी कोशिश की मगर बिहारी उसे खेंचता हुआ काफ़ी आगे तक ले गया. 

रागिनी: विराट प्लीज़ छोड़ो मुझे ,मेरा हाथ दर्द कर रहा है. 

बिहारी ने उसकी कलाई कस के पकड़ रखी. इस सारे तमाशे के दौरान रागिनी बिहारी पर ज़रा भी नहीं चिल्लाई, जिस से बिहारी की हिम्मत बढ़ रही थी.

रागिनी: विराट, अपनी एक दिन पुरानी बीवी के साथ कोई ऐसे करता है क्या, छोड़ो मुझे. 

इस बार रागिनी की आवाज़ मे तेज़ी थी. रागिनी की आवाज़ में बदलते तेवर देख कर बिहारी ने उसे तुरंत छोड़ दिया और रागिनी अपनी कलाई चुड़ते हुए भागने को हुई लेकिन दर्द के कारण भाग ना सकी. 

रागिनी(हंसते हुए): मेरे बुद्धू पातिदेव, इतने से ही डर गये. 

बिहारी भी तेज़ी से उसकी तरफ भागा और जल्द ही रागिनी को पकड़ लिया. उसने रागिनी को अपने से चिपकाते हुए कहा: आज नहीं छोड़ुगा तुझे, आज तेरी चूत का भुर्ता ना बन दिया तो मेरा नाम बदल देना. 

रागिनी(हंसते हुए): ठीक है मेरे बूढ़े पातिदेव. 

बिहारी ने रागिनी को अपने कंधे पर लादा और घर के पीछे बने लॉन मे ले गया. चलते चलते उसने रागिनी की गान्ड से स्कर्ट उपर करके कमर तक पहुँचा दी. 

रागिनी: विराट प्लीज़ नीचे उतारो, कोई देख लेगा. 

बिहारी(रागिनी को नीचे उतारते हुए): यहाँ कोई नहीं देख सकता, चारो तरफ उँची दीवार और बड़े बड़े अशोका ट्रीस हैं. 

रागिनी: लेकिन विराट, अंदर चलो ना प्लीज़, अगर किसी ने देख लिया तो. 

विराट: अगर औरत हुई तो मैं संभाल लूँगा और अगर मर्द हुआ तो तेरी लॉटरी. 

रागिनी: एक तो आपसे सम्भल नहीं रही, दूसरी का क्या आचार डालोगे???

बिहारी: तू मेरी छोड़, मैं जो भी करूँगा सो करूँगा, अपनी बता क्या तू दो दो झेल पाएगी. 

रागिनी(अपनी पतली कमर पर हाथ रखते हुए, बड़ी अदा से बोलती है): अभी 18 की हूँ, दो क्या 5-6 भी मेरे आगे पानी माँगेंगे. 

बिहारी: साली तू बहुत गरम चीज़ है, 5-6 ले भी लेगी तो उफ्फ तक ना करेगी.

रागिनी, बिहारी की जॅलील बातों से और गरम हो उठी और बोली: 5-6 क्या मैं तो 10 से भी ना डरूँ. 
 
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