hotaks444
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अब मैं सोच मे पड़ गया था मिली का इशारा ओरल सेक्स की तरफ था वैसे भी मिली के सामने रीना कुछ भी नही थी और जब मिली आज ओरल करने को तैयार है तो आगे भी कुछ करने को तैयार हो ही जाएगी ये सौदा मुझे फ़ायदे का लगा
"ठीक है मिली जब तक तू मुझे संतुष्ट करती रहेगी मैं रीना की तरफ देखूँगा भी नही समझ ले मैने आज और अभी से ही उसका साथ छोड़ दिया"मैं बोला
"ये हुई ना बात" मिली के चेहरे पर खुशी सॉफ झलक रही थी...........
मेरी बात सुनकर मिली का चेहरा खिल गया था अब उसने झट से फिल्म दोबारा चला दी फिल्म मे अब चुदाई शुरू हो चुकी थी लेकिन मेरा ध्यान कहीं और था मैं अभी भी यही सोच रहा था कि मिली के मोबाइल मे ये फिल्म कैसे आई कहीं उसका कोई बॉय फ्रेंड तो नही है क्या वो पहले भी चुदाई तो नही कर चुकी तभी मिली की नज़र मुझ पर पड़ी मुझे सोच मे डूबे देख उसने एक बार फिर फिल्म रोक दी और बोली "क्या सोच रहा है राजू"
"तेरे पास ये फिल्म कहाँ से आई" मैं बोला
"ये फिल्म तो पिछले दो साल से मेरे पास है स्कूल मे मेरी सहेली के मोबाइल से ली थी" मिली बोली
"तो क्या तुम इतने दिनो से ऐसी फ़िल्मे देख रही हो और तुम्हारी सहेलियाँ भी देखती है ऐसी फिल्म" मैं बोला
"हां हम सभी सहेलिया ये फिल्म देखती है और इसमे ग़लत क्या है हम भी तो आख़िर इंसान है हमारी भी इच्छा होती है ये सब करने की" मिली ने जवाब दिया
"तो क्या तुम भी किसी के साथ ये सब कर चुकी हो" मैं लॅपटॉप की तरफ इशारा करते हुए बोला
"नही मैने आज तक कभी भी सेक्स नही किया है मैं एकदम वर्जिन हू अभी तक लेकिन अपनी उंगली का इस्तेमाल बहुत बार किया है"
"उंगली का इस्तेमाल? मैं कुछ समझा नही" मैं बोला और सच मे उस वक्त तक नही जानता था
"तू भी ना नीरा बुद्धू है ये देख" कह कर उसने फिल्म शुरू कर दी जिसमे लड़के का लंड लड़की की चूत मे सतसट अंदर बाहर हो रहा था और बोली "जैसे लड़की की उसमे लड़के का वो पंपिंग कर रहा है ना मैं उसी तरह अपनी उस मे अपनी उंगली अंदर बाहर कर के काम चला लेती हूँ"
मिली की बात सुनकर एक बार फिरसे मेरा मौसम बनने लगा था और अब मैं नॉर्मल भी हो गया था मेरे मन मे शरारत वाला कीड़ा कुलबुलाने लगा था "तू ये क्या बोल रही है 'वो' 'उसमे' ये मुझे कुछ समझ नही आरहा है ज़रा खुल कर बोल ना"
मिली समझ गई कि मैं उसके मुँह से क्या कहलवाना चाहता हूँ और वैसे भी हम दोनो अभी तक बहुत खुल चुके थे आपस मे और आगे भी बहुत कुछ करने वाले थे शायद इसीलिए मिली ने बगैर झिझक के बोल दिया "मैं अपनी चूत मे लंड की जगह अपनी उंगली चला कर ही काम निकाल लेती हूँ, यही सुनना चाहता था ना तू"
मिली की बात सुनकर मेरे लंड मे और भी ज़्यादा तनाव आ गया था और मेरा ध्यान एक बार फिर फिल्म की तरफ चला गया जहाँ धुआधार चुदाई चल रही थी मिली भी मेरे साथ फिल्म देखने लगी....
फिल्म मे लड़का चुदाई करते हुए लड़की के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था उसे देख कर मेरे भी हाथो मे खुजली होने लगी थी मिली मेरे साइड मे ही बैठी थी मैने धीरे से अपना हाथ उसके गले मे डाल दिया और कपड़ो के उपर से ही उसके बुबू को धीरे धीरे मसल्ने लगा लेकिन मिली ने कोई विरोध नही किया शायद उसकी भी यही मर्ज़ी थी वो भी फिल्म देख कर गरम हो चुकी थी अब मेरे हाथ उसके मांसल बूब्स को अच्छी तरह निचोड़ रहे थे और मेरा लंड मेरे लोवर को फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था मैने अपने एक हाथ से उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया मिली ने फिल्म से नज़रे नही हटाई और मेरे लंड को मसल्ने लगी कुछ देर ऐसे ही चलता रहा लेकिन कपड़ो के उपर से करने मे मुझे मज़ा नही आरहा था तो मैने अपना हाथ मिली के टॉप के अंदर डाल दिया और उसकी ब्रा के अंदर हाथ घुसेड कर उसके बूब्स दबाते हुए फिल्म देखने लगा शायद मिली को भी नंगे लंड से ही खेलना था इसलिए उसने भी मेरे लोवर मे हाथ डाल दिया अब मेरा लंबा मोटा औजार उसके हाथ मे था जिसे वो पूरी ताक़त से मसल रही थी और खीच रही थी लगभग 5 मिनट तक यही सब चलते रहा कि तभी वो फिल्म ख़तम हो गई मिली ने तुरंत दूसरी फिल्म लगा दी
अब मुझसे रहा नही जराहा था मेरा लंड दर्द करने लगा था तो मैं बोला "बस मिली अब बहुत हो गया मेरा लंड दर्द कर रहा है इसे शांत कर दे"
मेरी बात सुनकर मिली मुस्कुराते हुए बोली "ठीक है निकाल उसे बाहर"
"ऐसे नही ऐसे मज़ा नही आएगा एक काम करते है दोनो ही नंगे हो जाते है तब ज़्यादा मज़ा आएगा" मैं बोला
मिली भी शायद यही चाहती थी कुछ ही पॅलो बाद हम दोनो नंगे हो चुके थे और बेड से नीचे एक दूसरे के सामने खड़े थे
अब मैं मिली की तरफ ही देख रहा था क्योंकि कहाँ से शुरू करू मुझे समझ नही आरहा था मिली मेरी परेशानी समझ गई और उसने आगे बढ़ कर मेरा सिर पकड़ते हुए अपने होठ मेरे होंठो से जोड़ दिए अब मिली के बूब्स मेरे सीने पर दब रहे थे और मेरा लंड उसकी चूत के पास रगड़ खा रहा था और मेरे हाथ उसके मांसल गुदाज भारी नितंबो को मसल रहे थे..........
"ठीक है मिली जब तक तू मुझे संतुष्ट करती रहेगी मैं रीना की तरफ देखूँगा भी नही समझ ले मैने आज और अभी से ही उसका साथ छोड़ दिया"मैं बोला
"ये हुई ना बात" मिली के चेहरे पर खुशी सॉफ झलक रही थी...........
मेरी बात सुनकर मिली का चेहरा खिल गया था अब उसने झट से फिल्म दोबारा चला दी फिल्म मे अब चुदाई शुरू हो चुकी थी लेकिन मेरा ध्यान कहीं और था मैं अभी भी यही सोच रहा था कि मिली के मोबाइल मे ये फिल्म कैसे आई कहीं उसका कोई बॉय फ्रेंड तो नही है क्या वो पहले भी चुदाई तो नही कर चुकी तभी मिली की नज़र मुझ पर पड़ी मुझे सोच मे डूबे देख उसने एक बार फिर फिल्म रोक दी और बोली "क्या सोच रहा है राजू"
"तेरे पास ये फिल्म कहाँ से आई" मैं बोला
"ये फिल्म तो पिछले दो साल से मेरे पास है स्कूल मे मेरी सहेली के मोबाइल से ली थी" मिली बोली
"तो क्या तुम इतने दिनो से ऐसी फ़िल्मे देख रही हो और तुम्हारी सहेलियाँ भी देखती है ऐसी फिल्म" मैं बोला
"हां हम सभी सहेलिया ये फिल्म देखती है और इसमे ग़लत क्या है हम भी तो आख़िर इंसान है हमारी भी इच्छा होती है ये सब करने की" मिली ने जवाब दिया
"तो क्या तुम भी किसी के साथ ये सब कर चुकी हो" मैं लॅपटॉप की तरफ इशारा करते हुए बोला
"नही मैने आज तक कभी भी सेक्स नही किया है मैं एकदम वर्जिन हू अभी तक लेकिन अपनी उंगली का इस्तेमाल बहुत बार किया है"
"उंगली का इस्तेमाल? मैं कुछ समझा नही" मैं बोला और सच मे उस वक्त तक नही जानता था
"तू भी ना नीरा बुद्धू है ये देख" कह कर उसने फिल्म शुरू कर दी जिसमे लड़के का लंड लड़की की चूत मे सतसट अंदर बाहर हो रहा था और बोली "जैसे लड़की की उसमे लड़के का वो पंपिंग कर रहा है ना मैं उसी तरह अपनी उस मे अपनी उंगली अंदर बाहर कर के काम चला लेती हूँ"
मिली की बात सुनकर एक बार फिरसे मेरा मौसम बनने लगा था और अब मैं नॉर्मल भी हो गया था मेरे मन मे शरारत वाला कीड़ा कुलबुलाने लगा था "तू ये क्या बोल रही है 'वो' 'उसमे' ये मुझे कुछ समझ नही आरहा है ज़रा खुल कर बोल ना"
मिली समझ गई कि मैं उसके मुँह से क्या कहलवाना चाहता हूँ और वैसे भी हम दोनो अभी तक बहुत खुल चुके थे आपस मे और आगे भी बहुत कुछ करने वाले थे शायद इसीलिए मिली ने बगैर झिझक के बोल दिया "मैं अपनी चूत मे लंड की जगह अपनी उंगली चला कर ही काम निकाल लेती हूँ, यही सुनना चाहता था ना तू"
मिली की बात सुनकर मेरे लंड मे और भी ज़्यादा तनाव आ गया था और मेरा ध्यान एक बार फिर फिल्म की तरफ चला गया जहाँ धुआधार चुदाई चल रही थी मिली भी मेरे साथ फिल्म देखने लगी....
फिल्म मे लड़का चुदाई करते हुए लड़की के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था उसे देख कर मेरे भी हाथो मे खुजली होने लगी थी मिली मेरे साइड मे ही बैठी थी मैने धीरे से अपना हाथ उसके गले मे डाल दिया और कपड़ो के उपर से ही उसके बुबू को धीरे धीरे मसल्ने लगा लेकिन मिली ने कोई विरोध नही किया शायद उसकी भी यही मर्ज़ी थी वो भी फिल्म देख कर गरम हो चुकी थी अब मेरे हाथ उसके मांसल बूब्स को अच्छी तरह निचोड़ रहे थे और मेरा लंड मेरे लोवर को फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था मैने अपने एक हाथ से उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया मिली ने फिल्म से नज़रे नही हटाई और मेरे लंड को मसल्ने लगी कुछ देर ऐसे ही चलता रहा लेकिन कपड़ो के उपर से करने मे मुझे मज़ा नही आरहा था तो मैने अपना हाथ मिली के टॉप के अंदर डाल दिया और उसकी ब्रा के अंदर हाथ घुसेड कर उसके बूब्स दबाते हुए फिल्म देखने लगा शायद मिली को भी नंगे लंड से ही खेलना था इसलिए उसने भी मेरे लोवर मे हाथ डाल दिया अब मेरा लंबा मोटा औजार उसके हाथ मे था जिसे वो पूरी ताक़त से मसल रही थी और खीच रही थी लगभग 5 मिनट तक यही सब चलते रहा कि तभी वो फिल्म ख़तम हो गई मिली ने तुरंत दूसरी फिल्म लगा दी
अब मुझसे रहा नही जराहा था मेरा लंड दर्द करने लगा था तो मैं बोला "बस मिली अब बहुत हो गया मेरा लंड दर्द कर रहा है इसे शांत कर दे"
मेरी बात सुनकर मिली मुस्कुराते हुए बोली "ठीक है निकाल उसे बाहर"
"ऐसे नही ऐसे मज़ा नही आएगा एक काम करते है दोनो ही नंगे हो जाते है तब ज़्यादा मज़ा आएगा" मैं बोला
मिली भी शायद यही चाहती थी कुछ ही पॅलो बाद हम दोनो नंगे हो चुके थे और बेड से नीचे एक दूसरे के सामने खड़े थे
अब मैं मिली की तरफ ही देख रहा था क्योंकि कहाँ से शुरू करू मुझे समझ नही आरहा था मिली मेरी परेशानी समझ गई और उसने आगे बढ़ कर मेरा सिर पकड़ते हुए अपने होठ मेरे होंठो से जोड़ दिए अब मिली के बूब्स मेरे सीने पर दब रहे थे और मेरा लंड उसकी चूत के पास रगड़ खा रहा था और मेरे हाथ उसके मांसल गुदाज भारी नितंबो को मसल रहे थे..........