bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन - SexBaba
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bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन

hotaks444

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मेरी बिगडेल जिद्दी बहन 

फ्रेंड्स मैं आपका साथी रंगीला एक और कहानी पोस्ट कर रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ इस कहानी को भी आपका प्यार ज़रूर मिलेगा . 

हाई दोस्तो ये स्टोरी है राजू और उसकी जुड़वा बहन मिली की वैसे तो यहाँ पर बहुत सी भाई बहन की स्टोरी आपने पढ़ी होंगी लेकिन ये स्टोरी उन सभी से हॅट कर है क्योंकि इसमे जो भी कुछ भाई बहन के बीच हुआ वो सब ज़िद्द की वजह से हुआ तो चलो स्टोरी की शुरुआत करते है राजू की ज़ुबानी......


मेरा नाम राजू है और मैं यूपी के एक शहर मे रहता हूँ मेरे परिवार मे मेरे मम्मी पापा मैं और मेरी जुड़वा बहन मिली है हमारा छोटा परिवार लेकिन सुखी परिवार है क्योंकि मम्मी पापा दोनो ही एक बॅंक मे अच्छी पोस्ट पर जॉब करते है इसलिए पैसो की कोई कमी नही है हर चीज़ हमारे पास है

मैं अभी 20 साल का हूँ और पिछले साल ही कॉलेज जाय्न किया है मैं अपने शहर मे ही पढ़ता हूँ लेकिन मेरी बहन शुरू से ही एक बोर्डिंग स्कूल मे पढ़ी है इसलिए वो बहुत ही ज़िद्दी हो गई है यही हमारे सुखी परिवार की एक मात्र चिंता थी कि वो कैसे लाइन पर आएगी वो जब भी घर आती हमेशा ही छोटी छोटी बतो पर किसी से भी नाराज़ हो जाती खास तौर पर मेरे साथ तो लगभग रोज की उसकी अनबन होती थी क्योंकि हम दोनो को एक ही रूम शेयर करना होता था लेकिन हम दोनो मे प्यार भी बहुत था तो बात जल्द ही आई गई भी हो जाती थी लेकिन इस बार शायद ऐसा नही होने वाला था क्योंकि अब उसका स्कूल ख़तम हो गया था और वो घर पर ही रहकर मेरे साथ मेरे कॉलेज मे ही पढ़ने वाली थी स्कूल मे बीमारी की वजह से उसका एक साल खराब हो गया था इसलिए वो अभी फर्स्ट एअर मे जाने वाली थी जब कि मैं सेकेंड एअर मे जा चुका था अभी गर्मियों की छुट्टिया चल रही थी और वो मौसी के घर गई थी लेकिन कल ही वो वापस आने वाली थी और फिर पता नही क्या होने वाला था.....
 
आख़िर वो दिन भी आ गया जब मेरी प्यारी(ज़िद्दी) बहन मिली घर आ गई . और आते ही पहला झगड़ा हुआ रूम के लिए वो मेरे साथ एक रूम मे रहने के लिए तैय्यार ही नही थी जब कि हमारे पास दूसरा ऐसा कोई रूम नही था जिसमे उसे रखा जा सके बात यहाँ तक बढ़ गई कि वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी तब पापा ने उसे समझाया और कहा कि वो कुछ महीने मेरे साथ एक रूम मे रह ले फिर छत पर रूम निकाल कर इस समस्या को ख़तम कर देंगे तब जाकर वो मानी


दूसरे दिन मैं उसे अपनी बाइक पर कॉलेज लेकर गया और उसका अडमिज़न करवा दिया लेकिन मेडम को मेरे साथ बाइक पर कॉलेज जाना पसंद नही था इसलिए उसने स्कूटी के लिए हंगामा मचा दिया दूसरे दिन ही खड़े पैर उसके लिए स्कूटी खरीदी गई तब जाकर मेडम शांत हुई

अब लाइफ फिर चलने लगी थी लेकिन हर दो तीन दिन मे मेरे साथ किसी ना किसी बात पर उसकी नोक झोंक होती ही रहती थी एक दिन मम्मी अपने ऑफीस जाते हुए उसे कुछ समान लाने के लिए बोल कर गई थोड़ी देर बाद वो मेरे कमरे मे आई और बोली 'राजू मम्मी ने बाजार जाकर समान लाने को कहा है जाकर ले आ'

मैं अभी अपने लॅपटॉप पर लगा हुआ था इसलिए मैने उसे मना कर दिया और कहा कि वो खुद ही जाकर समान ले आए मेरी बात सुनकर वो फिर से तुनक गई और बोली 'तुम लड़के लोग समझते क्या हो अपने आपको क्या समझते हो क्या मैं तुम्हे नौकर दिखाई देती हूँ सीधे से समान लेकर आ जाओ वरना मेरे से बुरा कोई नही होगा'

अब मैने भी अपना लॅपटॉप बंद कर दिया और उसे चिढ़ाने की सोची और बोला 'हम लड़के होते ही स्ट्रॉंग है और ये सब छोटे मोटे काम हम नही कर सकते ये सब तुम लड़कियो के करने के काम है इसलिए जाओ और समान ले आओ मुझे परेशान मत करो'

'अच्छा ऐसा कौनसा काम है जो हम लड़किया नही कर सकती बताना ज़रा' मिली गुस्से मे बोली

उसकी बात सुनकर मैं हंसा और मैने रूम मे पड़े बेड को एक तरफ खिसका दिया मुझे ऐसा करते देख वो भी मुस्कुराइ और उसने बेड को वापस अपनी जगह लगा दिया और मेरी तरफ देखा मैं कुछ बोला नही और घर के पिछवाड़े मे बनी दीवार फाँद कर दूसरी तरफ आ गया मुझे उम्मीद नही थी कि वो ऐसा कर पाएगी लेकिन पता नही कैसे वो भी दीवार फाँद कर मेरी तरफ आ गई अब तो मेरा गुस्सा बढ़ने लगा था मैं हॉल मे आ गया मेरे पीछे वो भी आ गई और मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखने लगी मैं उचका और मैने छत पर लगे फॅन को अपने हाथो से घुमा दिया अब उसकी बारी थी वो भी उचकी लेकिन वो फॅन को टच नही कर पाई अब मुस्कुराहट मेरे चेहरे पर थी और उसके चेहरे पर थी झुनझूलहाट उसकी ऐसी हालत देख कर मैने उसके गाल उमेठे और उससे कहा कि ये तुम्हारे बस का नही है चलो हार मान लो और समान ले आओ


लेकिन वो कहाँ मानने वाली थी वो थोड़ा पीछे हटी और दौड़ कर एक जंप ली और फॅन को अपने हाथो से घुमा दिया अब तो मेरा पारा सातवे आसमान पर पहुच गया मुझे उससे ये उम्मीद नही थी अब मैं हर वो काम करने लगा जिससे मुझे उम्मीद थी कि मिली नही कर पाएगी लेकिन वो हर काम कर गई मेरी हालत बहुत खराब हो गई मुझे बहुत गुस्सा आरहा था अब यदि मैं अपने सिर को हाथ लगाता तो वो उसकी भी नकल करती मैं अपनी पीठ खुजलाता तो वो उसकी भी नकल उतार देती एक तो मेरे मन की खीझ और उस पर मिली की कुटिल मुस्कान दोनो ही मुझे कुछ सोचने नही दे रहे थे तभी इतनी देर की मेहनत और मस्ती की वजह से मुझे थोड़ी गर्मी लगी और मेरे हाथ अपनी शर्ट के बटन पर चले गये और मुझे एक गजब का आइडीया आया और मैने अपनी शर्ट के सारे बटन खोल दिए और मुस्कुराते हुए मिली को देखने लगा...
 
मेरे हाथ मेरी शर्ट के बटन पर जाते ही मुझे एक गजब का आइडीया आया और मेरे चेहरे पर एक मुस्कान आ गई मुझे लगा कि अब मैं जीत सकता हूँ और मैने अपनी शर्ट के सारे बटन खोल दिए और मिली को देखने लगा मिली ने कोई भी रिक्षन नही दिखाया और अपनी टॉप के बटन खोल कर मेरी तरफ देखने लगी पता नही कितनी ज़िद्दी लड़की थी वो लेकिन मैं भी नही मानने वाला था मैने अपनी शर्ट उतार कर फेंक दी लेकिन मिली भी पीछे नही रही और उसने भी अपना टॉप उतार दिया अब वो उपर से सिर्फ़ ब्रा मे मेरे सामने खड़ी थी उसे ऐसे देख मैं दंग रह गया लेकिन अभी बात हार जीत की थी तो मैने अपना लोवर निकाल दिया और अब मैं सिर्फ़ चड्डी बनियान पर था शायद मिली को हारना पसंद नही था उसने भी देर नही की और झट से अपना जींस निकाल दिया वा क्या दिलकश नज़ारा था आप लोग समझ सकते है लेकिन उस नज़ारे का मुझ पर कोई फरक नही पड़ रहा था मेरे दिमाग़ मे तो एक सनक चढ़ि हुई थी मैने अपनी बनियान भी उतार दी अब मिली कुछ देर तक चुप खड़ी रही उसे ऐसे चुप खड़े देख मेरे होंठो पर मुस्कान आ गई जिसका मिली पर उल्टा ही असर हुआ और उसने अपनी ब्रा उतार दी उसके मध्यम आकर के बूब्स खुली हवा मे सांस लेने लगे मेरी नज़रे उनसे हटने का नाम ही नही ले रही थी क्या मस्त बूब्स थे मेरी बहन के एकदम तने हुए और उन पर पिंक चुचिया बहुत अच्छी लग रही थी आज तक मैने किसी भी लड़की को ऐसे नही देखा था मेरे होंठ सुख चुके थे .

मैने अपनी जीभ होंठो पर फिराई तभी मिली ने हल्के से खांसा शायद वो समझ गई थी कि मैं भटक रहा हूँ इधर मेरा लंड भी खड़ा हो कर चड्डी के अंदर उछल रहा था जो कि मिली की नज़रो से छुपा भी नही था क्यों कि जब उसने खांसा उस समय उसकी नज़र मेरे लंड के उभार पर ही जमी थी मैं सोच मे पड़ गया कि अब मैं क्या करूँ अपनी चड्डी उतारू या नही लेकिन मिली के बूब्स देख कर मेरी नियत उस पर खराब हो गई थी मेरे मन मे उसे नंगी देखने की तीव्र इच्छा होने लगी अब अगर मैं अपना आख़िरी कपड़ा भी उतार देता हूँ तो इसमे मेरा ही फ़ायदा था यदि मिली ने भी अपनी पैंटी उतार दी तो मैं उसे नंगा देख सकता हूँ और अगर नही उतारी तो मैं जीत जाउन्गा ये आइडीया मुझे अच्छा लगा और मैने अपनी चड्डी भी उतार दी मेरा लंड फुफ्कार्ते हुए बाहर आ गया लंड के बाहर आते ही मिली की नज़रे उस पर जम गई शायद उसका गला सुख गया उसने ज़ोर से थूक गट्का और अपनी जीभ होंठो पर फिराने लगी जो हालत मिली की मेरे लंड को देख कर हो रही थी वही हालत मेरी उसके बूब्स को देख कर हो रही थी मैं उन्हे चूमना चाहता था मसलना चाहता था लेकिन मिली मेरी बहन थी यही बात मुझे रोक रही थी


मिली की नज़रे मेरे लंड से हटने का नाम ही नही ले रही थी इसलिए अबकी बार मुझे खांसना पड़ा मेरी तरफ से अब ज़िद्द जैसी कोई बात नही थी और हार जीत से भी अब मुझे कोई मतलब नही रह गया था लेकिन मिली नही मानी और अपनी ज़िद्द मे आकर उसने अपनी पैंटी भी उतार दी और अपनी आँखे बंद कर ली उसे पूरा नंगा देख कर मेरा मूह खुला का खुला ही रह गया




उसकी गुलाबी बगैर बालो की चिकनी फूली हुई चूत मुझे संसार मे सबसे खूबसूरत चीज़ लग रही थी अपने आप ही मेरे कदम मिली की तरफ बढ़ने लगे मैं उसके पास पहुचा और उसके बूब को हल्के से किस करते हुए मैने उसकी चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर भींच दिया मिली मेरी इस हरकत से सिहर उठी लेकिन जैसी की तैसी खड़ी रही लेकिन अभी बी मेरे मन से ये बात जुदा नही हुई थी कि वो मेरी सग़ी जुड़वा बहन है इसलिए मैने इससे आगे कुछ नही किया और वापस लौट कर अपने कपड़े उठा कर पहनने लगा मेरे हटते ही मिली ने अपनी आँखे खोल दी थी और बड़ी ही अजीब निगाहो से मुझे देख रही थी मैने उसे ऐसे ही छोड़ा और समान लेने बाजार चल दिया....


मैं बाजार से समान लेकर आचुका था मिली भी अपने कपड़े पहन चुकी थी लेकिन पता नही क्यों अभी वो कुछ चुप चुप सी थी और वैसे भी थोड़ी देर पहले हमारे बीच जो हुआ था उसके बाद हम दोनो मे ही आपस मे बात करने की हिम्मत नही थी खास तौर पर मुझमे क्यों कि मैं अपनी बहन के बूब्स दबा चुका था और उसकी चूत भी अपनी मुट्ठी मे भींच चुका था मेरे मन मे बहुत डर था कि मिली किसी को बता ना दे लेकिन ये विश्वास भी था कि जो भी हुआ उसमे वो भी शामिल थी इसलिए वो किसी को बताने की हिम्मत नही करेगी


खैर जैसा मैं सोच रहा था वैसा कुछ भी नही हुआ और शाम को पापा मम्मी भी वापस आ गये फिर खाना खा कर सभी अपने अपने रूम मे चले गये पता नही आज मुझे मेरे रूम मे ही अच्छा नही लग रहा था मिली से आँख मिलाने की हिम्मत ही नही पढ़ रही थी वहीं मिली भी मुझसे नज़रे चुरा रही थी लेकिन पता नही क्यों मुझे लग रहा था कि उसके चेहरे पर एक अजीब सी हल्की हल्की मुस्कुराहट तैर रही थी

मैं रूम मे आते ही अपने कपड़े चेंज कर के अपने बेड पर लेट गया और मिली भी आते ही बाथ रूम मे घुस गई कपड़े चेंज करने को

मिली बाथ रूम से बाहर आई तो उसे देख कर मैं चौंक गया आज उसने एक झीनी सी नाइटी पहनी थी जो बड़ी मुश्किल से उसकी आधी जाँघो को भी नही ढँक पा रही थी



जिससे उसकी पतली लंबी छरहरी टाँगे और भारी मांसल जांघे जिन पर एक बाल नही था पूरी तरह से मेरी नज़रो के सामने थी उसकी पारदर्शी नाइटी से उसकी ब्रा और पैंटी सॉफ नज़र आरहे थे उसके भारी और बाहर को निकले हुए नितंबो की वजह से उसकी नाइटी पीछे से उठी हुई थी आज पहली बार मैं अपनी बहन को एक लड़के की नज़र से देख रहा था उसके 5'7 की हाइट वाले बदन पर लगभग 34 के बूब्स 28 की कमर और 38 के नितंब थे बाल भूरा पन लिए कंधो तक आरहे थे और रंग हल्का गुलाबी गोरा था ऐसा लग रहा था जैसे मेरे सामने फिल्म आक्टर्स आसीन खड़ी हो ये बात तो पक्का थी कि मेरी बहन सच मे एक पटाखा माल थी जिसे ऐसे देख किसी भी लड़के का लंड खड़ा हो जाए और सच मे मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था और उसने मेरे बॉक्सर मे बड़ा सा टेंट भी बना दिया था जिस पर मिली की नज़र चली गई थी और उसे देख कर उसके चेहरे पर मुस्कान भी आ गई थी

मैने कोशिश की कि मेरा टेंट छुप जाए लेकिन वो नही छुपा तो मैने अपनी जाँघो के बीच एक तकिया रख लिया अब मिली ने सोने की बजाए अपनी एक बुक निकाल ली और अपनी कमर मटकाते हुए रूम मे चहल कदमी करते हुए पढ़ने लगी जिससे उसके भारी नितंबो मे थिरकन सी होने लगी और उन्हे देख कर मेरा लंड फटने को होने लगा मेरा मन कर रहा था कि मैं उन खरबूजो को मसल डालु लेकिन मेरी मजबूरी थी मैं कुछ भी नही कर सकता था इसलिए मैने अपनी आँखे बंद कर ली लेकिन रूम मे जलती हुई लाइट की वजह से मुझे नींद नही आरहि थी इसलिए आख़िरकार मुझे मिली से बोलना ही पड़ा कि वो लाइट बंद कर दे . 
 
ये सुबह की घटना के बाद से पहली बात थी मेरी मिली से लेकिन उसने लाइट बंद नही की मैने फिर से कहा तो वो रूखे स्वर मे बोली कि यदि इतनी ही परेशानी हो रही है तो मूह ढँक कर सो जाओ मैं जानता था कि वो ज़िद्दी है इसलिए मैने बहस ना करते हुए एक तौलिया उठा कर अपने मूह पर डाल लिया और सोने की कोशिश करने लगा अभी 5 मिनिट भी नही हुए थे मुझे सोनेंकी कोशिश करते हुए कि मिली ने मेरे चेहरे से तौलिया खींच लिया और बोली "सुबह तो बहुत मस्ती कर रहे थे और अभी जब मुझे नींद नही आ रही है तो खुद सोने लगे"

"तुम भी सो जाओ मिली रात बहुत हो गई है" मैं बोला

अब एक बात तो क्लियर हो गई थी कि मिली मुझसे नाराज़ नही है मेरी बात सुनकर मिली बोली "नही अभी मुझे नींद नही आ रही है और मैं तुम्हे भी सोने नही दूँगी" और वो मुझे गुदगुदी करने लगी लेकिन मैने अपनी आँखे बंद ही रखी जिसे देख वो और भड़क गई और उठो उठो कहते हुए मेरे बाल खिचने लगी अब बात मेरे भी बर्दाश्त से बाहर होने लगी तो मैं बोला "देख मिली मान जा और मुझे सोने दे वरनाा..."

"वरना क्या कर लोगे तुम और तुम कुछ कर भी नही सकते अभी सुबह ही तो मैने तुम्हे हराया था बड़े आए वरना वाले" कह कर मिली मुझे फिर से झझोडने लगी

"तू ऐसे नही मानेगी" कह कर मैं उठा और उसे बेड पर लेटा दिया और उस पर ढेर हो गया अब उसके होंठ मेरे होंठो मे दबे थे और मेरा एक हाथ उसके सॉफ्ट बूब्स को मसल रहा था जबकि मेरा खड़ा लंड उसकी चूत के पास दस्तक दे रहा था जबकि मिली की आँखे बंद थी और वो अपने हाथो से मुझे पीछे धकेलने की कोशिश कर रही थी.....


मिली मुझे पीछे धकेलने की कोशिश तो कर रही थी लेकिन उसके विरोध मे दम नही था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वो भी यही चाहती है मैं और भी ज़्यादा जोश मे आ गया था अब और जोरो से उसके बूब्स मसल रहा था और लगातार अपने लंड का प्रहार उसकी चूत के उपर कर रहा था अब शायद मिली भी अपने रंग मे आने लगी थी उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने चेहरे पर दबा दिया और अपनी कमर उपर की ओर उठाने लगी उसके ऐसा करने से मेरा लंड लगातार फूलता ही जरहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मेरा बॉक्सर छोटा हो गया है लगभग 10 मिनिट तक हम दोनो ऐसे ही मज़े करते रहे तभी मिली का बदन टेढ़ा होने लगा और उसकी सारी हरकते रुक गई ये देख कर मैं भी रुक गया और उठ कर बैठ गया मिली ने अपने दोनो हाथो से बेड शीट भिच ली थी तभी मेरी नज़र मिली की चूत के पर गई उसकी पैंटी चूत वाले हिस्से पर एकदम से गीली हो गई थी मैं समझ गया कि मिली का काम हो गया है


लगभा 5 मिनिट तक मिली ऐसे ही आँखे बंद किए पड़ी रही फिर वो उठी बगैर कुछ बोले अपने बेड पर गई और लाइट बंद कर के सो गई लेकिन मेरा काम अभी नही हुआ था इन सब से मैं इतना गरम हो गया था कि बगैर मूठ मारे मुझे नींद नही आने वाली थी मेरा मन किया कि यहाँ बेड पर ही मूठ मार लूँ लेकिन अभी मिली मुझसे इतनी ओपन नही हुई थी इसलिए मैं बाथ रूम जाकर मूठ मार आया सोते वक्त मैने मिली की तरफ देखा लेकिन उसकी आँखे बंद थी इसलिए मैं भी बगैर कुछ बोले सो गया

सुबह मेरी नींद खुली तो मिली रूम मे नही थी मैं भी उठा और फ्रेश हो कर हॉल मे आ गया वहाँ सभी लोग बैठे थे और बाते कर रहे थे मैं भी जाकर उनके पास बैठ गया था तभी पापा बोले "बेटा आज राज मिस्त्री से बात कर लेना उपर के कमरो का काम करवाना है"

मैने भी हां मे जवाब दे दिया लेकिन शायद मिली को अब ये मंजूर नही था इसलिए वो बोली "रहने दीजिए पापा मैं अड्जस्ट कर लूँगी राजू के ही रूम मे, क्यों राजू तुम्हे तो कोई परेशानी नही है"

"मुझे कोई परेशानी नही है परेशानी तो तुम्हे थी" मैं बोला

और उसके बाद पापा ने राहत की सांस ली और फिर मम्मी नाश्ता बनाने चली गई मिली और मुझमे नॉर्मल बाते शुरू हो गई थी रात मे जो हुआ शायद वो भूल गई थी या जान बुझ कर याद नही कर रही थी फिर मम्मी पापा अपने जॉब पर चले गये और हम दोनो भी अपने अपने काम से लग गये दिन भर साथ रहने के बाद भी हम दोनो मे रात की घटना के बारे मे कोई बात नही हुई और हम दोनो ने ही एकदम नॉर्मल बिहेव किया
 
इसी तरह दो दिन गुजर गये लेकिन हमारे बीच मे वैसी कोई घटना दोबारा नही हुई हां एक अंतर ज़रूर आया मिली अब रात मे बहुत ही सेक्सी कपड़े पहन कर सोने लगी जिन्हे देख कर हमेशा ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था लेकिन मैं अपनी ओर से कोई हरकत नही करना चाहता था लेकिन दो दिन बाद एक ऐसी घटना हो गई जिससे मुझे फिर से मिली के पास जाने का मौका मिल गया............


आज सुबह पापा मम्मी अपने जॉब पर चले गये थे और मिली भी कॉलेज जाने की तैयारी कर रही थी उसने आज एक रेड कलर की टाइट टीशर्ट और ब्लू जींस पहना हुआ था



इन कपड़ो मे उसके शरीर का एक एक उभार खुल कर दिखाई दे रहा था मुझे कॉलेज नही जाना था इस लिए मैं अभी भी बॉक्सर ही पहने था और हॉल मे ही बैठा टीवी देख रहा था मिली को अपनी तैयारी के लिए बार बार मेरे सामने से गुज़रना पड़ रहा था उसके मादक बदन और मस्त चाल को देख देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मैं अपनी बहन की मस्त जवानी का नयन सुख ले रहा था मुझे पता ही नही चला कि कब मेरे बॉक्सर मे बड़ा सा टेंट बन गया था तभी मिली मेरे पास आई और बोली कि वो कॉलेज जा रही है शाम को वापस आएगी मैने भी ओके बोल दिया लेकिन मिली वहाँ से नही हटी और एक टक मेरे बॉक्सर मे बने टेंट को देखने लगी मुझे समझ नही आया कि वो ऐसे क्या देख रही है जब मैने उसकी नज़रो का पीछा किया और अपने टेंट को देखा तो झट से अपने हाथ से अपने लंड को दबा दिया और मिली से बोला कि वो जाए यहाँ से मेरी बात सुनकर मिली मुस्कुरा दी और मुझे आँख मारते हुए बाहर निकल गई....


मैं अब घर मे अकेला ही था और मिली के मस्त बूब्स और बड़ी गान्ड ने मेरा हाल बुरा कर दिया था मैने घर का मेन गेट बंद किया और हाल मे ही अपना लंड निकाल कर मिली को याद करता हुआ मूठ मारने लगा ये पहली बार था जब मैने अपनी बहन के नाम से मूठ मारी थी और शायद आज मेरे लंड से माल भी बहुत अधिक निकला था और मज़े की तो बात ही छोड़ो ऐसा मज़ा मुझे आज तक नही आया था मूठ मारने मे

थोड़ी देर बाद मैने खाना खाया और सो गया वैसे भी अब शाम तक कोई भी नही आने वाला था

सुबह के नज़ारे से मैं इतना मस्त हो गया था कि सपनो मे भी मुझे मिली ही नज़र आ रही थी सपनो मे ही कभी मैं उसके बूब्स मसल रहा था या कभी उसके गदराए हुए नितंब मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं सातवे आसमान पर उड़ रहा हूँ लेकिन तभी डोर बेल की आवाज़ ने मुझे सातवे आसमान से ज़मीन पर पटक दिया मैं झुंझलाते हुए उठा और गेट की तरफ बढ़ गया टाइम देखा तो अभी 3 बज रहे थे कौन आया होगा अभी ये सोच कर मैने गेट खोला तो सामने मिली खड़ी थी उसने गेट खुलते ही मुझे धक्का देकर बाजू हटाया और भाग कर रूम मे चली गई मुझे बस एक झलक ही उसका चेहरा दिखा जिससे मैं समझ गया कि उसके साथ ज़रूर कुछ ग़लत हुआ है मैं भी गेट बंद कर के रूम मे आ गया जहाँ मिली अपने बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और सिसक रही थी उसकी मस्त गदराई गान्ड अभी मेरे बिल्कुल सामने थी जिसे मैं सपने मे मसल रहा था

मेरी इच्छा हुई कि अब मैं सच मे उस पर टूट पडू लेकिन ये इतना आसान नही था और अभी वक्त भी नही था ये सब करने का पहले मिली से उसका हाल पूछ लिया जाए बाकी बाद मे ये सोच कर मैं बेड पर मिली के पास बैठ गया और उसके सिल्की बालो मे हाथ घुमाते हुए बोला "क्या हुआ मिली तू इस तरह क्यो रो रही है कॉलेज मे किसी ने तुझसे कुछ कहा है क्या"
 
लेकिन मिली कुछ नही बोली और सिसकती ही रही मेरे बहुत पूछने के बाद वो धीरे से सीधी हुई और सिसकती हुई ही बोली "राजू मेरी क्लास मे एक लड़का है जो पहले तो मुझे घूरता रहता था लेकिन मैने उसे कुछ नही कहा फिर एक दिन उसने मुझे अकेले मे मिलने को कहा मैने मना कर दिया तो सभी के सामने मुझे गंदे गंदे कमेंट्स पास करने लगा लेकिन आज तो हद ही हो गई जब उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपनी तरफ खिचने लगा वो तो अच्छा हुआ कि एक टीचर उधर से निकले तो उसने मेरा हाथ छोड़ दिया वरना पता नही क्या करता आज वो मेरे साथ"

मिली की बात सुनकर मेरा दिमाग़ घूम गया मेरे ही कॉलेज मे मेरी ही बहन के साथ ऐसी बदतमीज़ी मेरा खून खौल उठा क्योंकि आज की कंडीशन मे मैं उस कॉलेज का बॉस था वहाँ मेरे बगैर पत्ता भी नही हिल सकता था और इतनी बड़ी बात हो गई मेरी बहन के साथ अब ये बात अलग थी कि मिली के अड्मिशन के बाद हम दोनो एक बार भी साथ कॉलेज नही गये थे और नही वहाँ कोई जानता था कि वो मेरी बहन है हम ने कभी कॉलेज मे बात भी नही की थी अगर वो लड़का ये जानता होता तो शायद वो मिली की तरफ देखता भी नही

मैं गुस्से से खड़ा हुआ और बोला "मुझे उस लड़के का नाम बता मिली मैं अभी उसकी माँ चोद कर आता" हूँ और अपने कपड़े निकालने लगा मुझे पता ही नही चला कि मैं मिली के सामने गाली कैसे बक गया

"लेकिन राजू अभी वो तुझे वहाँ नही मिलेगा क्योंकि जाते वक्त वो मुझसे बोलता गया था कि आज तो मैं किसी काम से बाहर जा रहा हूँ लेकिन कल तेरी खैर नही इसीलिए मैं जल्दी से वापस आ गई कि कही वो दोबारा वापस ना आजाए" मिली बोली

"ठीक है कल तू मेरे साथ ही मेरी बाइक पर कॉलेज चलना और देखना कि मैं उसकी बहन कैसे चोदता हूँ" एक बार फिर मेरे मुँह से गाली निकल गई थी मिली को सच मे मेरे मूह से गाली सुनकर अटपटा लगा होगा क्योंकि मैने आज तक कभी भी उसके सामने गाली नही बाकी थी अब धीरे धीरे मेरा गुस्सा शांत होने लगा था जबकि मिली अभी भी कुछ सोच रही थी अब उसका चेहरा भी नॉर्मल हो गया था उसे कल मेरे साथ कॉलेज जाने की बात से बहुत तसल्ली मिली थी और अब तक वो भी जान गई थी कि कॉलेज मे मेरी क्या हैसियत है

"कल हम एक साथ ही कॉलेज जाएँगे लेकिन तुम किसी को ये मत कहना कि तुम मेरे भाई हो" मिली बोली

"फिर मैं उस लड़के को सबक कैसे सीखा पाउन्गा" मैं हैरानी से बोला

"अगर ऐसी बात है तो बोल देना कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ" वो बोली

"लेकिन तू ये क्यों नही चाहती कि कॉलेज मे ये बात पता चले कि तू मेरी बहन है" मैने पूछा

"तू ज़्यादा दिमाग़ मत चला और उतना ही कर जितना कहा गया है" मिली बोली

"नही तू जब तक नही बताएगी मैं नही मानूँगा" मैं भी ज़िद मे बोला

लेकिन मिली भी मिली थी वो कारण बताने को तैयार ही नही हो रही थी लेकिन जब मैने बोला कि कल सबसे पहले कॉलेज मे मैं ये ही बताउन्गा कि वो मेरी बहन है तब वो मानी और शरम से नज़रे नीचे कर के बोली "सारे कॉलेज की लड़किया जिसे अपना बाय्फ्रेंड बनाना चाहती है उसे मैं भाई कैसे बना सकती हूँ"

मिली की बात सुनकर मैं हैरान रह गया कि वो मेरे बारे मे ऐसा सोचती है वैसे मैं भी स्मार्ट लड़का हूँ और कॉलेज मे पढ़ाई के साथ साथ हर चीज़ मे अव्वल हूँ तो जाहिर है कि हर लड़की मुझे चाहत भरी नज़रो से देखती ही थी लेकिन मुझे कभी भी इष्क़बाजी मे इंटेरेस्ट नही रहा था इसलिए मैने कभी भी किसी लड़की को भाव नही दिया था लड़की क्या होती है वो तो मुझे उस दिन मिली को नंगी देख कर पता चला था


मिली के ऐसा कहने से मुझे अब शरारत सूझने लगी थी और मेरी आँखो के सामने मिली के बूब्स और मांसल नितंब घूमने लगे थे

"तो तू मुझे अपना बाय्फ्रेंड बनाना चाहती है" मैं उसकी जाँघ पर हाथ रखते हुए बोला

मेरा हाथ टच होते ही उसके शरीर ने एक झुरजुरी ली और उसने शरमाते हुए हां मे गर्दन हिला दी

"तुझे पता है कि बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड मे क्या क्या होता है" मेरा हाथ लगातार उसकी जाँघ पर घूम रहा था जिससे वो भी मस्त हो गई थी उसकी आँखो मे लाल डोरे तैरने लगे थे और वो बोली "नही पता बताओ क्या होता है"

"बताता नही कर के दिखाता हूँ" कह कर मैने उसे दबोच लिया और बेड पर लेटा दिया और एक बार फिर मेरे हाथ उसके बूब्स पर पहुच गये लेकिन इस बार मिली ने जमकर विरोध किया और अपने आप को मुझसे छुड़ा लिया और बेड से उतर गई और मुझे चिढ़ाने लगी मैं मूह फाडे उसे देखने लगा

"नई ड्रेस है खराब हो जाएगी बदल कर आती हूँ फिर अच्छे से बता देना कि बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड मे क्या होता है" कह कर उसने मुझे आँख मारी और हँसते हुए बाथरूम मे घुस गई मैं अभी भी मूह फाडे उसे देख रहा था.......


मिली बाथ रूम मे घुस चुकी थी और मैं अभी हुई मूर्खो की तरह बगैर पलके झपकाए शुन्य मे देख रहा था मेरे कानो मे अभी भी मिली के शब्द गूँज रहे थे "फिर बताना अच्छे से" तो क्या आज मुझे आगे बढ़ने का मौका मिलेगा या सिर्फ़ उपर उपर से ही मन बहलाना पड़ेगा मेरे मन मे यही सोचे चल रही थी आख़िर कुछ भी हो मिली मेरी बहन थी और मैं अपनी ओर से पहल नही करना चाहता था लेकिन उसे मेरे साथ ये सब करना मंजूर था तो मुझे कोई ऐतराज नही था


तभी मिली के हल्के से खांसने की आवाज़ आई मैने अपनी सोचों से बाहर आकर सामने देखा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गई मिली मुझसे दो कदम की दूरी पर खड़ी थी और एकदम कयामत बरपा रही थी वो इस वक्त एक झीनी सी नाइटी पहनी हुई थी जिसमे से उसका सारा शरीर नज़र आरहा था खास बात ये थी कि उसने अंदर कुछ भी नही पहना हुआ था 'याने कि आज मुझे आगे बढ़ने का मौका मिलेगा तभी तो मिली ने ब्रा और पैंटी नही पहनी है' ये विचार मन मे आते ही मेरा गला सूखने लगा और मैने अपने होंटो को अपनी जीभ से गीला किया

मिली की पारदर्शी ड्रेस से उसके बूब्स बिल्कुल क्लियर नज़र आरहे थे टाँगे आपस मे मिली हुई थी इसलिए चूत तो नज़र नही आ रही थी लेकिन उसकी भारी और गोरी चिकनी जांघे कहर ढा रही थी मन कर रहा था कि उसके बूब्स और जांघे मसल डालु मैं अभी भी मूह खोले मूर्खो की तरह ही उसे घूर रहा था

"ऐसे क्या देख रहे हो आज तक कोई लड़की नही देखी क्या" मिली की इस आवाज़ के साथ ही मेरी तंद्रा टूटी और शर्म के मारे मैं झेप गया और मिली से नज़रे चुराने लगा मुझे ऐसे देख मिली बेड पर आकर मेरे बाजू मे बैठ गई और मेरे हाथ पर अपना हाथ रखते हुए बोली "हां तो राजू बोल तू मुझे क्या बता रहा था बाय्फ्रेंड और गर्लफ्रेंड के बारे मे"

मिली के मेरे पास बैठते ही उसके बदन की मादक सुगंध से मेरे रोम रोम मे एक नशा सा भरता जा रहा था साथ ही उसका हाथ जो मेरे हाथ पर धीरे धीरे आगे बाद रहा था मुझे रोमांचित किए जा रहा था "बता ना राजू तू क्या बताने वाला था मुझे" मिली अब अपने उसी हाथ को मेरी जाँघो पर फेरते हुए बोली

मिली का हाथ अपनी जाँघो पर टच होते ही मुझे करेंट सा लगा और मेरा लंड पूरी तरह फनफना गया और उसने बॉक्सर मे एक बड़ा सा टेंट बना लिया मिली की नज़र भी उस टेंट पर पड़ गई थी अब उसका हाथ जाँघो से भी आगे बढ़ कर बिल्कुल मेरे लंड के पास पहुच गया था

"बता ना राजू क्या करते है गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड आपस मे" मिली बोली और कपड़े के उपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया
मिली की इस हरकत से मेरा सब्र जवाब दे गया और वैसे भी वो मेरा लंड पकड़ कर मुझे हरी झंडी दिखा चुकी थी मैने वैसे ही बैठे बैठे उसे अपनी एक बाँह से गिरफ़्त मे लिया और उसके होंठो को अपने होंठो मे भर लिया और एक हाथ से उसके एक मम्मे को मसल्ने लगा मिली भी अब मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी और मुझसे भी ज़्यादा जोश मे मेरे होंठ चूस रही थी मेरी भी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी और मैं अपना एक हाथ उसकी पूरी पीठ पर घुमा रहा था और उसके बूब्स भी मसल रहा था लगभग 5 मिनिट तक यही खेल चलता रहा अब शायद मिली इससे भी आगे बढ़ना चाहती थी "राजू क्या इतना ही करते है गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड आपस मे" मिली बोली


ये स्पष्ट इशारा था मुझे आगे बढ़ने के लिए मैने आव देखा ना ताव खड़े हो कर झट से अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया मेरा 8 इंच का मोटा लंड खुली हवा मे साँसे लेने लगा लंड को देखते ही मिली का हलक सुख गया और वो अपना थूक निगलने लगी अब मैने देर ना करते हुए मिली की नाइटी भी उतार कर फेक दी और उसे लेटा कर उसके बगल मे लेट कर एक हाथ से उसका एक बुबू मसलते हुए एक बुबू को अपने मूह मे भर कर चूसने लगा मिली ने भी देर ना करते हुए मेरा मोटा लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी

अब मेरा एक हाथ जो अभी तक उसके बूब्स से खेल रहा था वो उसकी पीठ सहलाने लगा करवट पर होने के कारण मेरा हाथ उसकी सारी पीठ को सहलाते हुए अब उसके भारी नितंहो पर पहुच गया था हायययी....क्या मखमली अहसास था मेरी बहन के चुतड़ों का ऐसा लग रहा था जैसे मेरे हाथ किसी कठोर स्पंज पर चल रहे हो मिली भी अब और जोरो से मेरे लंड को उमेठ रही थी और मूह से आहे निकाल रही थी तभी मेरा हाथ उसकी गान्ड की दरार पर घूमने लगा और जैसे ही मेरा हाथ उसकी गान्ड के छेद से टकराया मिली चिहुक उठी 'उफफफफ्फ़' की मादक आवाज़ उसके मूह से निकल गई


उसकी गान्ड का छेद मज़े मे खुल बंद हो रहा था और मुझे बहुत ही मज़ा आरहा था अब मैं अपनी कमर चलाने लगा था मिली भी समझ गई और उसने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ लिया जिससे वो आसानी से आगे पीछे होने लगा अब मैं अपनी बहन के हाथ की मुट्ठी को ही चोद रहा था

थोड़ी देर उसकी गान्ड की दरार को सहलाने के बाद अब मेरा हाथ उसकी चूत पर आ गया था जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत से छुआ उसके शरीर ने एक झटका सा खाया और उसने अपनी आँखे बंद करते हुए अपने निचले होंठ को दाँतों से दबा लिया आज पहली बार उसकी कुवारि चूत पर किसी आदमी का हाथ चल रहा था मैं उसकी गीली चूत को अपनी मुट्ठी भर कर भीच रहा था मिली मज़े मे 'हआयईीई...उउफफफ्फ़....हूंम्म....ऑश..माआ...हूंम्म' जैसी मादक आवाज़े अपने मूह से निकाल रही थी


अब मैं मिली की चूत को अपनी मुट्ठी से आज़ाद कर चुका था और उसकी फांको के बीच अपनी उंगली घुमा रहा था जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत के द्वार से टकराया उसने एक मादक सिसकारी भरी मैं समझ गया कि जन्नत का दरवाजा यही है और मैने झट से अपनी एक उंगली उसकी चूत मे घुसानी चाही लेकिन उंगली आधी जाते ही किसी दीवार से टकराई और रुक गई उंगली अंदर जाते ही मिली "ओह्ह...माआ...मर गई री...." कह कर चिल्ला उठी लेकिन मैने कोई परवाह नही की और ज़ोर ज़ोर से उसकी मुट्ठी को चोदते हुए उसकी चूत मे अपनी आधी उंगली चलाने लगा थोड़ी देर बाद ही मिली अकड़ने लगी और मस्ती मे पता नही क्या बड़बड़ाने लगी यहाँ तक कि उसने मेरा लंड भी छोड़ दिया और अपने हाथ से मेरे बाल पकड़ कर जोरो से खिचने लगी मैं समझ गया कि उसका काम होने वाला है इसलिए मैं उसका एक बुबू जोरो से चूस्ते हुए उंगली की स्पीड भी बढ़ाता गया बार बार मेरी उंगली उसकी चूत की दीवार से टकरा रही थी और इधर मेरा भी हाल बुरा होने लगा था कि तभी मुझे लगा कि कोई चिपचिपी चीज़ मेरी हथेली को भिगो रही है मैं समझ गया कि वो झड चुकी है अब मैने भी वही भीगी मुट्ठी अपने लंड पर कसी और ज़ोर ज़ोर से मूठ मारने लगा थोड़ी ही देर मे मेरे लंड ने पिचकारिया छोड़नी शुरू कर दी लेकिन मैने अपना सारा माल ज़मीन पर ही निकाला मिली पर नही जाने दिया जब मैं पूरी तरह झड गया तब मैने मिली की तरफ देखा वो अब चित लेटी हुई आँखे बंद किए ज़ोर ज़ोर से गहरी साँसे भर रही थी चूकि मैं भी बहुत थक गया था इसलिए मैं भी उसके उपर ढेर हो कर उसकी गर्दन को चूमते हुए लंबी लंबी साँसे भरने लगा मिली ने तुरंत ही अपने हाथ मेरी गर्दन मे पिरो दिए और मेरे सिर के बाल सहलाने लगी हम दोनो भाई बहन अब सारी दुनिया को भूल कर नंगे ही एक दूसरे से चिपके बेड पर पड़े थे....
 
मैं और मिली अभी भी चिपके पड़े गहरी गहरी साँसे ले रहे थे मिली की आँखे बंद थी और उसकी बाहें अभी भी मेरी गर्दन से लिपटी थी क्या इससे आगे भी कुछ हो सकता है मेरे मन मे ये ख़याल आया तभी मेरी नज़र दीवार पर लगी घड़ी पर पड़ी 5 बज गये थे और अब मम्मी पापा कभी भी आसक्ते थे मैं तुरंत ही उठ बैठा और मिली को भी झींझोड़ कर उठाने लगा मिली ने कुन्मूनाते हुए आँखे खोली और इशारो मे ही पूछा कि क्या हुआ मैने उसका ध्यान घड़ी की तरफ दिलाया पहले तो वो कुछ समझी ही नही लेकिन जैसे ही उसे समझ आया वो तुरंत अपने कपड़े समेटते हुए बाथरूम की तरफ भागी उसके ज़ोर से हिलते हुए पिछवाड़े ने एक बार फिर मेरे लंड मे हलचल मचा दी 'कोई बात नही रात को देखता हूँ' सोच कर मैं उठा और अपने कपड़े उठा कर बाहर के बाथरूम मे चला गया


मैं अभी फ्रेश होकर हॉल मे बैठा ही था कि मम्मी पापा आगये तब तक मिली भी रूम से बाहर आ गई मैने उसकी तरफ देखा तो मुझे उसके चेहरे पर किसी भी तरह के भाव नज़र नही आए वो एकदम नॉर्मल लग रही थी अब वो सभी के लिए चाइ बनाने चली गई थी और पापा मम्मी अपने रूम मे चले गये थे थोड़ी ही देर बाद हम सभी साथ बैठे चाइ पी रहे थे तब पापा ने मुझे बताया कि मुझे अभी ही कुछ कागज ले कर पास के शहर उनके दोस्त के घर जाना है और वापसी सवेरे ही होगी ये सुन कर मेरे सारे अरमान ठंडे पड़ गये और एक उदासी सी मेरे चेहरे पर छा गई कहाँ तो रात को मैं मिली के साथ सभी हद पार करने की सोच रहा था और कहाँ अब मुझे 60 किमी बाइक पर जाना था और सवेरे पापा के ऑफीस जाने से पहले वापस भी लौटना था मैने उदासी भरी नज़रो से मिली की तरफ देखा लेकिन उसने मुझे कोई भाव नही दिया और अपने काम मे लगी रही आख़िर मैं भी उठा और जाने की तैयारी करने लगा कोई आधे घंटे बाद मैं घर से बाइक लेकर पापा के दोस्त के शहर के लिए निकल गया 'कोई बात नही लाइफ बहुत लंबी है मिली आज नही तो कल सही' मन ही मन अपने दिल को सांत्वना देते हुए मैं बाइक भगाए जा रहा था

रात भर मे पापा के दोस्त के यहाँ का काम निपटा कर मैं सवेरे 9 बजे घर वापस आ गया था थोड़ी देर बाद पापा मुझसे वो कागज और मम्मी को लेकर ऑफीस के लिए निकल गये थे अभी तक मिली मुझे दिखाई नही दी थी पापा के जाने के बाद मिली रूम से निकली तो मैं उसे देखता ही रह गया उसने अभी एक बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी जिसमे उसके बदन का हर उभार हर कटाव साफ दिखाई दे रहा था मिली इतनी सेक्सी लग रही थी कि उसे देख मेरा लंड अकड़ने लगा था मेरे कदम खुद ब खुद ही उसके तरफ बढ़ने लगे थे शायद मिली मेरा इरादा समझ गई थी इसलिए ज़ोर से बोली "राजू कॉलेज नही चलना है क्या"

मैं जैसे होश मे आया मेरे कदम जहाँ के तहाँ रुक गये "हां चलना है ना और उस लड़के को सबक भी तो सिखाना है लेकिन..." मैं बोलते बोलते रुक गया

"क्या लेकिन" मिली बोली

"पहले एक किस मिल जाता तो बड़ा अच्छा होता..." मैं शरारती मुस्कान के साथ बोला

"देख राजू हमारे बीच अभी तक जो भी हुआ वो ग़लत हुआ वो नही होना चाहिए था क्यों कि हमारा रिश्ता हमे ये इजाज़त नही देता इसलिए अब ये सब भूल जा और कॉलेज चलने की तैयारी कर" इतना कह कर मिली फिर अपने काम मे लग गई
मेरा मूह खुला का खुला ही रह गया मैं जैसे आसमान से गिरा मिली ने एक झटके मे ही मेरा सारा जोश निकाल दिया था मेरा लंड भी साबुन के झाग की तरह बैठ गया था लेकिन ये एकदम क्या हुआ मिली को आख़िर क्या है उसके मन मे यही सब सोचते हुए मैं तैयार हो गया और हम दोनो ही खाना खा कर मेरी बाइक से कॉलेज के लिए निकल गये इस दौरान हम दोनो मे कोई बात नही हुई लेकिन जैसे ही कॉलेज पास आया मिली बोली "मेरी बात याद है ना वहाँ किसी को भी मालूम ना पड़े की हम भाई बहन है सब से यही कहना कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ समझे"

मैं फिर सोच मे पड़ गया कि आख़िर इस लड़की के मन मे है क्या लेकिन जब मुझे जवाब नही मिला तो मैं बोला "मिली आख़िर तेरे मन मे है क्या कल हम लोगो ने जो किया उसे आज तूने मुझे अपने रिश्ते का हवाला देकर भूलने को कहा और अभी कह रही है कि कॉलेज मे मैं तुझे अपनी गर्लफ्रेंड बताऊ आख़िर तू करना क्या चाहती है"

"तू नही समझेगा और अभी मेरे पास समझने का टाइम नही है अपना दिमाग़ मत चला और जैसा मैं कह रही हूँ वैसा कर बाद मे मैं तुझे सब समझा दूँगी" मिली बोली

मैं एक बार फिर अपना सिर झटक कर रह गया तब तक कॉलेज भी आ गया था मैने अपनी बाइक पार्क की और मिली को अकेले ही क्लास मे जाने को कहा और उसके कोई 10 कदम पीछे पीछे चलने लगा रास्ते मे मुझे मेरे 4-5 दोस्त मिले जो मेरे साथ ही बाते करते हुए चलने लगे

अभी हम मिली की क्लास से कुछ कदम दूर ही थे कि एक लड़का आगे बढ़ा और उसने मिली का हाथ पकड़ते हुए उसे अपनी तरफ खींचा और बोला "आ गई मेरी रानी मैने कहा था ना कि आज तुझे छोड़ूँगा नही चल अब इधर..." इसके पहले कि उसके मूह से कुछ और निकल पाता मैने मिली का हाथ उसके हाथ से छुड़ाया और उस लड़के की धुनाई शुरू कर दी उस लड़के के कुछ दोस्तो ने आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन मुझे देखते ही वो आगे नही बढ़ पाए और जहाँ थे वहीं खड़े रहे इधर मेरे दोस्तो को कुछ समझ नही आया कि एकाएक ही ये क्या हुआ लेकिन अच्छे दोस्तो की तरह वो भी मेरे साथ उस लड़के की धुनाई करने लगे


हम लोगो की पास बहुत भीड़ जमा हो गई थी और थोड़ी देर बाद ही उस लड़के के कस बल निकल चुके थे और वो रोते हुए माफी माँग रहा था अब मुझे भी उस पर दया आ गई मैने उसे पीटना बंद किया और दोस्तो को भी रोक दिया फिर मैने उस लड़के से मिली से माँफी मँगवाई और सभी लोगो के बीच मे एलान कर दिया कि मिली मेरी गर्लफ्रेंड है और अगर किसी लड़के ने उसकी तरफ देखने की भी कोशिश की तो उसका हाल इस लड़के से बहुत बुरा होगा मेरी बात सुन कर सभी लोग एक एक करके वहाँ से निकलने लगे और मैं भी मिली को बाइ बोल के अपनी क्लास की तरफ चल दिया


आज सारे टाइम ही मेरे दोस्त मेरा सिर खाते रहे कि इतनी फटका गर्लफ्रेंड कब बना ली और हमे बताया तक नही लेकिन मैं कहता भी तो क्या बस इधर उधर की बता कर दोस्तो को समझाता रहा लग भग 4 बजे कॉलेज छूटा और मिली मेरे पास आ गई मैने अपनी बाइक निकाली और मिली से बैठने को कहा तो मिली मुझसे इतना सट कर बैठी कि उसके बूब्स पूरी तरह मेरी पीठ मे दब गये ऐसा वो जानबूझ कर सभी लड़के लड़कियों को जलाने के लिए कर रही थी लेकिन पता नही क्यों इस बार उसके बूब्स के स्पर्श और गर्मी से भी मेरा लंड खड़ा नही हुआ शायद ये मिली की सुबह वाली नसीहत का ही फल था मिली के अच्छे से बैठते ही मैने बाइक स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी.....


मैं और मिली घर पहुच चुके थे पापा और मम्मी अभी नही आए थे रास्ते भर मिली मुझसे चिपकी बैठी रही और मेरी पीठ पर अपने बूब्स दबाती रही मेरी समझ मे बिल्कुल भी नही आया कि आख़िर वो चाहती क्या है अभी सुबह ही उसने मुझे झिड़क दिया था और अब खुद ही मुझे भड़का रही थी शायद यही 'त्रिया चरित्र' होता होगा मैने मन मे सोचा लेकिन मिली से कुछ नही बोला


शाम हो चुकी थी पापा मम्मी भी घर आचुके थे हम सभी हॉल मे बैठे टीवी देखते रहे और उसके बाद खाना खाकर रात 10 बजे के आस पास अपने अपने रूम मे आगये लेकिन अभी तक मैने मिली से बात नही की थी यहाँ तक कि नज़र भी नही मिलाई थी रूम मे आते ही मैं अपने बेड पर लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा मिली भी बाथरूम से कपड़े बदल कर आ गई थी लेकिन आज उसने भड्काउ कपड़े नही पहने थे बल्कि एक सलवार सूट पहना हुआ था




मेरी रही सही उम्मीद भी ख़तम हो गई थी कि शायद रात मे वो कुछ करेगी मैं यू ही लेटा रहा और ना जाने कब मेरी आँख लग गई और मैं सो गया
 
सुबह फिर से वही रोज वाला प्रोग्राम शुरू हो गया और हम लोग अब फिर से भाई बहन वाली ज़िंदगी जीने लगे लेकिन मिली मेरे अंदर सेक्स की ज्वाला भड़का चुकी थी और अब मैं सेक्स मे इंट्रेस्ट लेने लगा था दोस्तो के साथ पॉर्न फिल्म देखने लगा था और राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर चुदाई की स्टोरी भी पढ़ने लगा था अब मेरे दिल मे चुदाई करने की इच्छा बढ़ती जा रही थी लेकिन चुदाई किसके साथ करूँ ये प्राब्लम थी जिसका हल भी मैने जल्द ही ढूँढ लिया कॉलेज की बहुत सी लड़किया मुझ पर फिदा थी मैने उन्ही मे से किसी एक को पटा कर चोदने का प्लान बनाया लेकिन उसमे भी अड़ंगा ये था कि मैं पहले ही सबको बता चुका था कि मिली मेरी गर्लफ्रेंड है फिर मैने सोचा कि जिस वजह से मैने उसे अपनी गर्लफ्रेंड बताया था वो प्राब्लम तो सोल्व हो चुकी थी अब क्या फ़र्क पड़ता है इस लिए मैने एक लड़की जिसका नाम रीना था उसे पटाने की सोची क्योंकि वो एकदम मस्त माल थी और ढेरो लड़को को बदल चुकी थी उसके बारे मे मेरे दोस्त कहते थे कि वो अपने कई बाय्फ्रेंड से चुदवा भी चुकी है इसलिए वो मेरे बहुत काम की थी मुझे उसे चोदने के लिए राज़ी करने मे कोई मेहनत नही करनी थी और अपने प्लान के हिसाब से मैं उसके साथ अपनी नज़दीकिया बढ़ाने लगा ऐसा करते हुए कोई 15 दिन हो चुके थे मेरी और मिली की घर पर ज़्यादा बात नही होती थी और कॉलेज मे तो हम साथ होते ही नही थे धीरे धीरे मैं रीना के बहुत करीब आचुका था कई बार उसे किस कर चुका था और एक दो बार तो उसके बूब्स भी दबा चुका था लेकिन मेरी किस्मत पर मिली नाम का ग्रहण लगा हुआ था जो मुझे चुदाई के सुख से दूर रखे हुए था

हुआ यूँ कि मेरे और रीना के चक्कर के बारे मे मिली को पता चल गया कुछ लड़कियो ने उसे बता दिया था कि उसका बॉय फ्रेंड किसी और लड़की से नैन मटक्का कर रहा है जिस दिन उसे ये पता चला उस दिन मैं कॉलेज नही गया था और घर पर बैठा राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम पर सेक्स स्टोरी पढ़ते हुए मूठ मार रहा था और सोच रहा था कि रीना को कहाँ ले जाकर चोदु दोपहर के 3.30 बज रहे थे और मैं अभी मूठ मार कर फारिग हुआ ही था कि डोर बेल की आवाज़ ने मेरे कान खड़े कर दिए और मैं जल्दी मे नेट से हिस्टरी भी नही हटा पाया और जल्दी जल्दी सब ठीक कर के गेट खोल दिया सामने मिली खड़ी थी और मुझे घूर रही थी मैं समझ नही पाया कि वो मुझे क्यों घूर रही है और मैं पलट कर अंदर आ गया मिली भी गेट बंद कर के मेरे पीछे पीछे अंदर आ गई और रूम मे चली गई मैं भी हॉल मे बैठ कर टीवी देखने लगा


10 मिनिट बाद मिली चेंज कर के हॉल मे आई और मेरे साइड वाली कुर्सी पर बैठ गई उसने टीवी का साउंड कम कर दिया और मुझे घूरते हुए बोली "ये रीना वाला क्या चक्कर है"

"तुझे उससे क्या मतलब वो मेरी गर्लफ्रेंड है" मैं बोला

"लेकिन पूरा कॉलेज जानता है कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड मैं हूँ"

"लेकिन हम तो जानते है ना कि हम भाई बहन है और गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड तो बदलते ही रहते है"

"लेकिन यदि वो लड़का तुम्हे रीना के साथ देखकर मुझे फिर तंग करने लगा तो"

"मैं उसे फिर से ठीक कर दूँगा"

"तब तुम कारण क्या बताओगे कि मैं तुम्हारी बहन हूँ, लेकिन अब तुम ये भी नही बोल पाओगे क्योंकि गर्लफ्रेंड बहन कैसे हो सकती है"

ये बात तो मिली सच कह रही थी मैं अब उसे अपनी बहन नही बता सकता था थोड़ी देर तक मैने सोचा और बोला "तू चिंता मत कर जैसे इस बार तू मेरी गर्लफ्रेंड बनी थी अगली बार मेरे किसी दोस्त की बन जाएगी दोस्त को मैं समझा दूँगा"


"लेकिन तुम रीना का पीछा छोड़ क्यों नही देते मेरी दोस्त मुझे बता रही थी कि वो अच्छी लड़की नही है और बहुत चालू है" मिली परेशान होते हुए बोली

"वो बहुत चालू है इसीलिए तो मैने उससे दोस्ती की है" मैं बोल तो गया लेकिन मुझे ये अहसास नही था कि इसके बाद मैं मिली के अगले सवाल का क्या जवाब दूँगा

"क्या मतलब उसके चालू होने से तुम्हे क्या हासिल होगा" मिली हैरानी से बोली

अब मुझसे जवाब देते नही बन रहा था इसलिए मैने बात घुमाने की कोशिश की और उठते हुए बोला "तू नही समझेगी, अब मैं ज़रा एक काम से अपने एक दोस्त के पास जा रहा हूँ तू घर का ध्यान रखना वैसे भी थोड़ी देर मे पापा मम्मी आजाएँगे मैं दो घंटे बाद वापस आ जाउन्गा"

इससे पहले कि मिली और कुछ बोलती मैं उठा और अपनी बाइक की चाबी उठा कर घर से बाहर निकल गया....

मैं घर से बाहर आ गया था लेकिन मुझे पता था कि उधर मिली बहुत हैरत मे होगी मेरे इस तरह से घर से बाहर आने से
मैं वैसे भी अभी उससे ज़्यादा बाते नही करता था और फिर उसे ये बताना कि सिर्फ़ चुदाई करने के लिए मैं रीना को पटा रहा हूँ मुझे अच्छा नही लगा था

लेकिन मुझे पता था कि मुझे वापस घर जाना ही पड़ेगा और फिर बाद मे मिली के सवालो का जवाब देना ही पड़ेगा लेकिन इस वक्त मे मैं मिली को क्या जवाब दूं ये सोचना चाहता था मेरी बाइक शहर की सड़को पर यू ही घूम रही थी आख़िर रात के 8 बज गये लेकिन मुझे कुछ नही सूझा और मैने वापस लौटने की सोची क्योंकि खाने का वक्त हो चुका था और रात मे सभी लोग साथ ही खाना खाते थे जैसे तैसे मैं घर पहुचा सभी लोग खाने पर मेरा इंतज़ार कर ही रहे थे शायद मिली ने बता दिया होगा कि मैं कहाँ गया हू इसलिए मुझसे किसी ने कोई सवाल नही पूछा और सभी लोग खाना खाने लगे मैने गौर किया कि मेरे आने के बाद से ही मिली मुझे कुछ अजीब सी नज़रो से देख रही थी और उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान खेल रही थी
 
मैने मन ही मन भगवान से दुआ माँगी की मेरी रक्षा करना वरना पता नही मिली के अंदर का ज़िद्दी शैतान क्या करने वाला है

सभी लोग खाना ख़तम कर चुके थे और टीवी देख रहे थे लेकिन आज मैं जल्दी सोने के मूड मे था ताकि कम से कम आज रात तो मुझे मिली के सवालो से मुक्ति मिल जाए और मैं जानता था कि अभी का वक्त टीवी पर मिली के पसंदीदा प्रोग्रॅम्स आने का था और मुझे पता था कि वो उन्हे कभी मिस नही करती इसलिए मैं तुरंत ही अपने रूम मे आ गया और चेंज करके बेड पर लेट गया

अभी लेटे हुए मुझे आधा घंटा ही हुआ था और एक झपकी भी नही आई थी क्योंकि ये मेरे सोने का टाइम नही था लेकिन मिली ज़रूर रूम मे आ गई थी अभी रूम मे एक छोटा सा बल्ब जल रहा था लेकिन उसकी रोशनी पर्याप्त थी जिसमे हम एकदुसरे को अच्छी तरह से देख सकते थे

मिली बुही चेंज कर के आचुकी थी उसने अभी एक टाइट टॉप और एक ढीला सा सलवार पहना हुआ था वो आते ही बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई और छत को घूर्ने लगी पता नही उसके मन मे क्या था..

अभी उसे लेटे हुए 10 मिनिट ही हुए थे कि उसने मेरी साइड करवट ली और अपनी गर्दन को अपनी बाँह का सहारा देते हुए बोली "मुझे पता चल गया है कि तुम ने रीना से दोस्ती क्यों की है और उसके चालू होने मे तुम्हारा क्या फ़ायदा है"

उसके ऐसा बोलने से मैं चौंक गया लेकिन मैने आँखे फिर भी बंद ही रखी लेकिन शायद वो जानती थी कि मैं जगा हूँ इसलिए वो फिर बोली "मैं जानती हूँ कि तुम जागे हुए हो इसलिए बनने की कोशिश मत करो कि तुम सो रहे हो"

अब मैं भी समझ गया कि जवाब देना ही पड़ेगा और वैसे भी उसके शब्दो ने मेरे अंदर जिग्यासा जगा दी थी कि आख़िर वो क्या जानती है

"क्या जानती हो तुम" मैं भी आँख खोल कर उसकी तरफ देखते हुए बोला

"यही कि तुमने रीना जैसी लड़की से दोस्ती क्यों की है जबकि उससे कही अच्छी लड़किया तुम्हारे पास आने के लिए मरती है" मिली बोली

"ऐसा, ज़रा बताना तो कि मैने रीना से दोस्ती क्यों की है" मैं बोला

"तुम रीना के साथ सेक्स करना चाहते हो और सारे कॉलेज को पता है कि रीना अपने कई बाय्फ्रेंड के साथ सेक्स कर चुकी है इसीलिए तुमने उससे दोस्ती की है, कहो सही कहा ना" मिली ने ये बात कह कर मुझे चोका दिया

मैं सच मे सोच मे पड़ गया था कि इतनी जल्दी मिली ये बात कैसे जान गई थी मैं अभी चुप ही था

"बोलो सही कहा ना मैने यही बात है ना" मिली फिर बोली

अब शायद चुप रहना ठीक नही था आख़िर मुझे भी अपनी कुछ सफाई देनी ही थी तो मैं बोला "तू ऐसा कैसे कह सकती है कि मैं उसके साथ सेक्स करना चाहता हूँ क्या सिर्फ़ इसलिए की कॉलेज मे उसकी इमेज खराब है"

मेरी बात सुनकर मिली मुस्कुराइ और बोली "सिर्फ़ इसीलिए नही ये तो सिक्के का एक ही पहलू है दूसरा ये है कि आज मुझे नेट का काम पड़ गया था इसलिए मैने तुम्हारा लॅपटॉप यूज़ किया जिसमे हिस्टरी मे कुछ था जब मैने उसे चेक किया तो वो सेक्स स्टोरी वाली साइट राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम वाली साइट थी जिसमे तुम सेक्स स्टोरीस पढ़ते हो पूरी बात मेरी समझ मे आ गई कि तुम ये स्टोरीस पढ़ कर सेक्स करना चाहते हो लेकिन उसके लिए कोई पार्ट्नर तुम्हारे पास नही था इसीलिए तुमने रीना जैसी लड़की से दोस्ती की जो तुम्हे आसानी से सेक्स करने दे, सच कहा ना मैने" वो बोली

सच मे पूरी शैतान थी मिली कैसे उसने दो मे दो जोड़ कर चार मतलब निकाल लिया था लेकिन जो भी मतलब निकाला था वो ग़लत नही था लेकिन वो भूल गई थी कि ये सब करने का आइडीया या ये सब करने के लिए उसी ने मुझे मजबूर किया था

लेकिन मैं उससे ज़्यादा बात करके उलझना नही चाहता था इसलिए मैं दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गया और बोला "सोने का टाइम हो गया है मिली चल अब सो जा"

"तुम ऐसे नही सो सकते मुझे मेरी बात का जवाब चाहिए" वो तनिक तेज स्वर मे बोली

अब मैं भी थोड़ा गुस्से मे आ गया था इसलिए उठ कर बेड पर बैठते हुए बोला "क्या सुनना चाहती हो तुम यही ना कि मैं सेक्स करना चाहता हूँ इसीलिए मैने रीना से दोस्ती की है तो सुनो तुम बिल्कुल सही हो मैं सच मे सेक्स करने के लिए मरा जा रहा हूँ और इसके लिए मुझे रीना जैसी ही किसी लड़की की ज़रूरत थी जो मुझे आसानी सब करने दे तो मैने करली दोस्ती उससे लेकिन पता नही तुम्हारे पेट मे क्यो मरोड़ पड़ रहे है"

"देखो राजू मैं तुमसे ज़्यादा बहस नही करना चाहती लेकिन ये सुन लो तुम्हे कल से ही उस लड़की से दोस्ती ख़तम करनी होगी वरनाा..." मिली गुस्से मे बोलती हुई रुक गई

"वरना क्या? क्या कर लोगि तुम" मैं भी अपने गुस्से के पूरे शबाब पर था

"वरनाा...वरना मैं पापा मम्मी को बता दूँगी कि तुम नेट पर गंदी गंदी स्टॉरीज पढ़ते हो और उसी वजह से तुमने रीना जैसी गंदी लड़की से सेक्स करने के लिए दोस्ती की है" मिली फिर गुर्राई

"ठीक है फिर उन्हे ये भी बता देना कि मुझ जैसे अच्छे लड़के को तुम ही इस कंडीशन मे लाई हो पहले मैं जानता भी नही था कि सेक्स क्या होता है लेकिन तुम्ही ने मुझे अपने शरीर के दर्शन करा करा के और मेरे सामने नंगी होकर मुझे इस हालत मे पहुचाया है
 
सुनलो मिली अगर तुम ने उनसे कुछ बोला तो मैं भी ये सब बता दूँगा" अपने गुस्से मे मैं इतना सब बोल गया लेकिन शायद ये मेरे लिए अच्छा ही हुआ क्योंकि मिली अब एकदम शांत हो गई थी और कुछ सोचने लगी थी..............

मैं गुस्से मे बोल तो गया लेकिन मिली सोच मे डूब गई थी और शांत थी मैने अपनी तरफ से बात शुरू करनी चाही लेकिन हर बार मूह से कुछ निकल ही नही पाया

"तो तुम्हारी ये हालत मेरी वजह से हुई है?" लगभग 5 मिनिट बाद मिली बोली

"जाने दे ना यार मुझे जो अच्छा लगता है वो मुझे करने दे और तुझे जो अच्छा लगता है तू कर टॅन्षन क्यों लेती है और मैने कॉन सा रीना से ज़िंदगी भर बँधा रहना है" मैने बात को टालते हुए कहा

"मैने जो पूछा है ये उसका जवाब नही है अब सच सच बोल कि क्या मैं ही तेरी इस हालत की वजह हूँ" लेकिन शायद मिली अब मानने वाली नही थी

"देख मिली मैं ये नही कहता कि तू मेरी इस हालत की वजह है लेकिन हम दीनो के बीच दो बार जो भी हुआ उसी की वजह से मेरे अंदर सेक्स की आग भड़क गई है मैं किसी भी तरह सेक्स करना चाहता हूँ और रीना मुझे इसके लिए एकदम सही लगी तो मैने उससे दोस्ती कर ली तू अपने आप को दोष मत दे" मैं उसे समझाते हुआ बोला

मेरी बात सुन कर मिली कुछ देर शांत सी सोचती रही फिर थोड़ी देर बाद उठी और बड़ी लाइट ऑन करके मेरे पास मेरे बेड पर आकर बैठते हुए बोली "क्या जानता है तू सेक्स के बारे मे"

उसके इस सवाल से मैं थोड़ा हैरान हो गया मुझे समझ ही नही आया कि मैं उसे क्या जवाब दूं

"बताना राजू क्या जानता है तू सेक्स के बारे मे" मिली ने फिर पूछा

"क्या जानता हूँ मतलब तूने देखा नही मैं नेट पर सेक्स स्टोरीस पढ़ता हूँ उसमे तो सब लिखा होता है और जो उसमे लिखा है वही मैं जानता हूँ" मैने जवाब दिया

"तूने कभी बाय्फ्रेंड देखी है" मिली ने फिर पूछा

"हां अभी कुछ दिनो पहले ही एक दोस्त के मोबाइल मे देखी थी लेकिन पूरी नही देख पाया था" मैं बोला

"कहाँ तक देखी थी, मेरा मतलब जहाँ तक तूने देखी थी वहाँ तक लड़का लड़की क्या क्या कर चुके थे" 

"वो दोनो नंगे थे और एक दूसरे को चूम चाट रहे थे फिर वो दोनो बेड पर 69 की पोज़िशन मे हो गये थे लेकिन इसके आगे मैं नही देख पाया" पता नही मैं मिली से इतना कैसे बोल गया

मुझे शरम भी आरहि थी लेकिन उससे ज़्यादा मुझे अपनी सग़ी बहन से ऐसी बाते करने मे रोमांच का अनुभव हो रहा था मेरे सारे शरीर के रोए खड़े हो गये थे और लंड भी तनने लगा था

शायद मिली से मेरी ये हालत छिपी हुई नही थी इसलिए वो मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली "पूरी बीएफ देखनी है तुझे अभी के अभी?"

मिली की बात सुनकर मैं हैरानी मे पड़ गया कि ये अभी के अभी मुझे बीएफ कहाँ से दिखा देगी और उससे ज़्यादा हैरानी इस बात की थी कि क्या वो लड़की होकर भी बीएफ देख चुकी है

"बताना राजू देखेगा बीएफ" मिली नशीली आवाज़ मे बोली

एक तो सेक्स का बुखार मुझ पर वैसे ही चढ़ा हुआ था उस पर मिली जैसी पटाखा लड़की जिसे मैं नंगी देख चुका था और थोड़ा बहुत उसके बदन से खेल भी चुका था के मूह से निकलती मादक आवाज़ की वजह से मुझसे रुका नही गया और मेरे गले से फँसी फँसी आवाज़ मे 'हां' निकल ही गया

मेरी हां सुनते ही मिली उठी और मेरा लॅपटॉप उसका मोबाइल और एक यूएसबी कनेक्टर ले आई और मोबाइल को लॅपटॉप से कनेक्ट कर के बेड पर रखते हुए मेरे साइड मे बैठ गई 

"मोबाइल मे मज़ा नही आएगा तुझे इसलिए लॅपटॉप मे देखते है" कहते हुए उसने लॅपटॉप मे मोबाइल का बीएफ वाला फोल्डर खोल लिया और एक बीएफ शुरू कर दी

मेरा दिमाग़ जैसे हवा मे उड़ा जा रहा था आज तक मुझे ऐसी अनुभूति नही हुई थी आज मैं अपनी जवान सेक्सी बहन के साथ बैठ कर बीएफ देख रहा था फिल्म शुरू हो गई थी जिसमे एक लड़का और लड़की सेक्स करने की तैयारी कर रहे थे दोनो ही नंगे थे और अभी एक दूसरे को लिप किस कर रहे थे थोड़ी देर बाद मे लंड और चूत की चुसाइ भी शुरू हो गई थी तभी मिली ने फिल्म रोक दी और मुझसे बोली "देख राजू मैं तेरी बहन होने के बाद भी तेरे साथ बीएफ देख रही हूँ तो सिर्फ़ इसलिए कि तू रीना जैसी लड़की का साथ छोड़ दे"

"लेकिन सिर्फ़ बीएफ देखने से ही मेरा कुछ नही होगा मुझे सेक्स करना है इसीलिए तो मैं रीना को पटा रहा हूँ" मैने अपनी परेशानी बताई

मेरी बात सुनकर मिली ने थोड़ी देर सोचा और बोली "राजू मैं तेरी बहन हूँ इसलिए मैं तेरे साथ सेक्स तो नही कर सकती लेकिन नंगी होकर अभी फिल्म मे जो होरहा था वो करके तुझे शांत ज़रूर कर सकती हूँ बोल तब तू रीना का साथ छोड़ देगा"
 
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