hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
आधे रास्ते तक हम दोनो मे ही कोई बात नही हुई मिली शायद अभी भी उसी चुदाई के बारे मे सोच रही थी जबकि मैं उस घटना से उबर चुका था
"क्यों मिली मैने सच कहा था ना" मैं बोला
"हुउम्म्म्म...." मिली ने हुंकारा भरा
"अब तो यकीन हो गया ना कि बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड का रिश्ता सिर्फ़ इसीलिए होता है" मैने एक चोट और की
"ऐसा कुछ नही है बहुत से गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड ऐसे है जो सच्चा प्यार करते है, लेकिन राजू क्या ऐसी पथरीली जगह मे करने से लड़की की पीठ नही छिलती" मिली बोली
"वो तो मुझे पता नही लेकिन शायद उस मज़े के आलम मे कुछ मालूम ही नही पड़ता होगा शायद, वैसे तू अपनी उस सहेली से पूछ सकती है जो नीचे लेट कर चुदवा रही थी" मैने जवाब दिया
"हुउंम्म.." मिली के मूह से निकला
"लेकिन यार मिली मैं बहुत गरम हो गया हूँ वो सब देख कर, क्या तू मेरे लिए कुछ कर सकती है जिससे मेरे लंड को शांति मिले" मैं बोला
"अभी नही हम शाम को बात करते है, तब पक्का मैं तेरे लिए कुछ ना कुछ करूँगी कि तुझे बहुत शांति मिल जाए" मिली मेरी नाक पकड़ कर हिलाते हुए बोली तब तक रेस्ट हाउस आ चुका था और लंच का टाइम भी हो चुका था हम दोनो अलग हो चुके थे तभी मेरी नज़र पीछे की तरफ गई जहाँ वो चारो ही जोड़े वापस चले आरहे थे और सभी के चेहरे चमक रहे थे सिर्फ़ मैं अकेला ही प्यासा था हमारे ग्रूप के लड़को मे लेकिन मिली ने मुझे शाम को बहुत शांति देने की बात कही थी इसलिए मैं उतना भी निराश नही था और शाम होने का इंतज़ार कर रहा था....
सभी लोग लंच कर चुके थे चूँकि गर्मी का मौसम था इसलिए दोपहर मे कहीं घूमने जाना नही था शाम को ही कहीं बाहर जा सकते थे इसलिए हर कोई आराम कर रहा था मैं भी अपने दोस्तो के साथ टेंट मे आकर सो गया था
शाम को 5 बजे मेरी नींद खुली और मैं फ्रेश होकर मिली को ढूँढने लगा लेकिन बहुत ढूँढने के बाद वो मुझे अपनी एक सहेली के साथ सबसे दूर एक तरफ जाते दिखी मैं भी उनके पीछे चल दिया
वो लोग थोड़ा आगे जाकर एक पेड़ के नीचे बैठ गई मैं भी थोड़ा घूम कर उन के पीछे की तरफ पेड़ के तने की ओट मे खड़ा हो गया सोचा देखु तो सही दोनो क्या बात करती है क्योंकि ये वो ही लड़की थी जो दोपहर मे अपने बाय्फ्रेंड से चुदवा रही थी
"तू दोपहर मे जंगल मे अपने बाय्फ्रेंड के साथ क्या कर रही थी सोना जब हम घूमने गये थे" मिली बोली
"कुछ नही यार बस हम तो घूमते ही रहे" सोना ने जवाब दिया
"झाड़ियो के अंदर घूम रहे थे क्या?" मिली बोली
अब सोना की आँखे सिकुड गई थी
"तूने क्या देखा?" सोना बोली
"वही जो तुम दोनो कर रहे थे, और तू भी कितनी मस्ती मे थी उस वक्त चुदाई करवाते हुए" मिली बोली
"ऊहह...तो तूने देख लिया था हमे वो क्या है ना यार रॉनी बहुत दिनो से पीछे पड़ा था चुदाई के लिए तो आज मौका देख कर मैने भी उसे मज़े करवा दिए" अब सोना खुलते हुए बोली
"तुझे दर्द नही हुआ चुदवाने मे?" मिली ने पूछा
"उसमे कैसा दर्द वो तो पहली बार होता है हर बार थोड़े ही ना होता है" सोना ने बताया
"तो क्या तू पहले भी चुदवा चुकी है" मिली हैरत से बोली
"हां बहुत बार अब तो मैं गिनती भी भूल गई हूँ कि कितनी बार चुदवाया है और कितने लड़के मुझे चोद चुके है, लेकिन क्या तू अभी भी वर्जिन है?" अब सोना हैरत मे थी
"पीछे से तो करवा चुकी हूँ लेकिन अभी तक मेरी चूत की सील नही टूटी है" मिली बोली
"क्यों मिली मैने सच कहा था ना" मैं बोला
"हुउम्म्म्म...." मिली ने हुंकारा भरा
"अब तो यकीन हो गया ना कि बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड का रिश्ता सिर्फ़ इसीलिए होता है" मैने एक चोट और की
"ऐसा कुछ नही है बहुत से गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड ऐसे है जो सच्चा प्यार करते है, लेकिन राजू क्या ऐसी पथरीली जगह मे करने से लड़की की पीठ नही छिलती" मिली बोली
"वो तो मुझे पता नही लेकिन शायद उस मज़े के आलम मे कुछ मालूम ही नही पड़ता होगा शायद, वैसे तू अपनी उस सहेली से पूछ सकती है जो नीचे लेट कर चुदवा रही थी" मैने जवाब दिया
"हुउंम्म.." मिली के मूह से निकला
"लेकिन यार मिली मैं बहुत गरम हो गया हूँ वो सब देख कर, क्या तू मेरे लिए कुछ कर सकती है जिससे मेरे लंड को शांति मिले" मैं बोला
"अभी नही हम शाम को बात करते है, तब पक्का मैं तेरे लिए कुछ ना कुछ करूँगी कि तुझे बहुत शांति मिल जाए" मिली मेरी नाक पकड़ कर हिलाते हुए बोली तब तक रेस्ट हाउस आ चुका था और लंच का टाइम भी हो चुका था हम दोनो अलग हो चुके थे तभी मेरी नज़र पीछे की तरफ गई जहाँ वो चारो ही जोड़े वापस चले आरहे थे और सभी के चेहरे चमक रहे थे सिर्फ़ मैं अकेला ही प्यासा था हमारे ग्रूप के लड़को मे लेकिन मिली ने मुझे शाम को बहुत शांति देने की बात कही थी इसलिए मैं उतना भी निराश नही था और शाम होने का इंतज़ार कर रहा था....
सभी लोग लंच कर चुके थे चूँकि गर्मी का मौसम था इसलिए दोपहर मे कहीं घूमने जाना नही था शाम को ही कहीं बाहर जा सकते थे इसलिए हर कोई आराम कर रहा था मैं भी अपने दोस्तो के साथ टेंट मे आकर सो गया था
शाम को 5 बजे मेरी नींद खुली और मैं फ्रेश होकर मिली को ढूँढने लगा लेकिन बहुत ढूँढने के बाद वो मुझे अपनी एक सहेली के साथ सबसे दूर एक तरफ जाते दिखी मैं भी उनके पीछे चल दिया
वो लोग थोड़ा आगे जाकर एक पेड़ के नीचे बैठ गई मैं भी थोड़ा घूम कर उन के पीछे की तरफ पेड़ के तने की ओट मे खड़ा हो गया सोचा देखु तो सही दोनो क्या बात करती है क्योंकि ये वो ही लड़की थी जो दोपहर मे अपने बाय्फ्रेंड से चुदवा रही थी
"तू दोपहर मे जंगल मे अपने बाय्फ्रेंड के साथ क्या कर रही थी सोना जब हम घूमने गये थे" मिली बोली
"कुछ नही यार बस हम तो घूमते ही रहे" सोना ने जवाब दिया
"झाड़ियो के अंदर घूम रहे थे क्या?" मिली बोली
अब सोना की आँखे सिकुड गई थी
"तूने क्या देखा?" सोना बोली
"वही जो तुम दोनो कर रहे थे, और तू भी कितनी मस्ती मे थी उस वक्त चुदाई करवाते हुए" मिली बोली
"ऊहह...तो तूने देख लिया था हमे वो क्या है ना यार रॉनी बहुत दिनो से पीछे पड़ा था चुदाई के लिए तो आज मौका देख कर मैने भी उसे मज़े करवा दिए" अब सोना खुलते हुए बोली
"तुझे दर्द नही हुआ चुदवाने मे?" मिली ने पूछा
"उसमे कैसा दर्द वो तो पहली बार होता है हर बार थोड़े ही ना होता है" सोना ने बताया
"तो क्या तू पहले भी चुदवा चुकी है" मिली हैरत से बोली
"हां बहुत बार अब तो मैं गिनती भी भूल गई हूँ कि कितनी बार चुदवाया है और कितने लड़के मुझे चोद चुके है, लेकिन क्या तू अभी भी वर्जिन है?" अब सोना हैरत मे थी
"पीछे से तो करवा चुकी हूँ लेकिन अभी तक मेरी चूत की सील नही टूटी है" मिली बोली