desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
मेरी दीदी मेरी कंबल बनी
मैं उस वक़्त 12त में अड्मिशन लिया था. मैं घर पे रह के पढ़ाई करता था क्यूंकी एक्षांज़ सर पे थे. घर पे अक्सर दीदी ही होती थी क्यूंकी मों और दाद जॉब करते थे. हू मेरा बहुत ख़याल रखती थी. पता नही कब ये उसके चाहत में बदल गया मुझे पता नही चला. हमरी बहुत नीभती थी दोस्ती. हम हमेशा साथ खाना, रहना, सोना और गप्पे करते थे.
मैं भी उनके प्रति आकर्षित होता था. उसके बड़े बड़े गांद के फाँक मुझे खींचते थे. जब वो झुकती थी तब उसके चुचि दीखते थे. मैं पागल हो जाता था. मैने काई बार उसके पनटी चुराई. कभी उस पनटी को मुँह पे रख के सूंघता था मानो दीदी का बर सूंघ रहा हू. और सूंघट सूंघते ही मैं मूठ भी मरता था. काई बार उसकी अपनटी में ही मूठ मार लेता था मगर तुरंत उसे धो के रख भी देता था. डरता था कही दीदी को पता ना चल जाए.
मैं रोज़ उन्हे छोड़ने की बारे में सोचता था मगर हिम्मत नही होती थी. वो बहुत कड़क थी. शायद मैं कभी शुरुआत कर भी नही पता मैं इतना डरता था और शर्मिला भी था. यहा मेरी दीदी पहले स्टार्ट की थी. वो मुझसे 6 साल बड़ी है और मुझे बोहुत चाहती है. एकदिन मेरा सर मेआइं ज़ोर से दर्द कर रहा था तो मैने रिक्वेस्ट किया तोड़ा सा सिर दबाने के लिए वो मान गयी.
वो मेरा सिर दबा रही थी और मुझसे बाते भी कर रही थी. फिर वो मुझसे गर्ल फ्रेंड के बारे में पूछने लगी लेकिन सच तो ये है की मेरा कोई गर्ल फ्रेंड नही थी.
अंजलि: तुमहरि कोई गर्लफ्रेंड है की नही.
मे: नही दीदी कोई नही, किसी लड़की से बात करनी की इच्छा नही होती.
वो फिर मुझे सेक्स के बारे में पूछने लगी तो मैं चुप रहा. क्यूंकी मैं कभी भी किसी के साथ ये सब टॉपिक्स डिसकस नही करता.
अंजलि: तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है.
मे: नही कभी नही. किसी ने नही अलो किया दीदी.
अंजलि: किसी लड़की को नेकेड देखा है. किसी को भी.
मे : नही कभी नही.
अंजलि: झूट मत बोलो कभी मुझे नहाते वक़्त कीहोल से नही डेका? मैने काई बार महसूस किया की जब मैं नहाने जाती हू तब तुम दरवाजे आस पास रहते हो जैसे मुझे कीहोल से देखा हो. सॅक्स सच बताओ………तुमने मेरे पनटी को भी काई बार हाथ लगाया है. एक जगह पे रखा हुए मेरे पनटी काई बार दूसरी जगह मिलते है. सुखी पनटी गीली या वॉश्ड मिलती है. ऐसा कैसे तेरे अलावा ये कौन कर सकता है.
मे: नो……..नही दीदी कभी नही.
अंजलि: मुझे नंगी देखना चाहोगे? अगर सच बोलॉगे तो मैं दीखा दूँगी. अगर झूठ बोलॉगे तो कभी नही दीखौँगी. मैं तुम्हे टच करने भी दूँगी.
एसा लगा की मेरे कान सुन्न पर गये. मैने ऐसा सोचा ही नही था. मैं कुछ बोल भी नही पाया.
दीदी ने फिर पूछा. “देखना चाहते हो की नही?” मैं फिर भी चुप रहा.
फिर वो बोली, “क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे””
मुझे लगा की दुनिया घूम गयी मेरी. दीदी ने सॉफ कहा सेक्स करोगे?
मैने कहा, “ये ठीक नही होगा क्यूंकी तुम मेरी बहन हो. और मुझे कुछ भी नही आता है.”
उसने कहा, “बहन की पनटी चुराने में ठीक था अब बहन से सेक्स करने में ठीक नही है. मैं तुमको सब सिख़ाओँगी अब बोलो करोगे मेरे साथ…मुझे नंगी देखोगे….मगर मों दाद को मत बताना……….बहँचोड़ बनॉगे.”
मैं मूर्ति की तारझ क़हदा रहा. इसके बाद वो शुरू हो गई. उसने अपने होंठ मेरे होंठ पे रख दिया. फिर मेरे होंठ चूसने लगी. पहले तो फ्रेंच किस 20 मीं तक और सबसे हैरानी की बॅयात है की ये सब मेरी दीदी खुद करवा रही थी. मैं भी मज़े से उसके लिप्स चूस रहा था. फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसेड दिया. मैं उसे भी चूसने लगा मानो वो टॉफी हो. बहुत टेस्टी लगा उसके जीभ का स्वाद. दीदी वास्तव में मीठी है.
उसने रेग्युलर निघट्य पहना था. मुझे क्या फीलिंग हो रहा था बता नही सकता. फिर मैने उसके कपड़े उतरे. उसने मुझे निघट्य उतरने में मदद की. उसने अंदर पिंक कलर की पनटी पहनी थी.
तब दीदी ने कहा, “अब मेरी पनटी उतरो.”
और मैने उतार दी. उतरते वक़्त मेरा चेहरा उसके छूट के एकद्ूम बगल में था. मैने अपनी गाल पे उसके छूट के सांस महसूस किए. लगा गाल पे कोई गरम साँस ले रहा है. शयड उसके छूट से गर्मी निकल रही हो. मेरा दिल किया की मैं उसके छूट को किस करू मगर मैने ऐसा कुछ नही किया.
वो उस वक़्त वर्जिन थी आंड ऑफ कोर्स मैं भी. हू बिल्कुल नंगी हो गयी. मैं थोड़ी देर तक उसके नंगे बदन को देखता रहा. चिकना चेहरा, सुतला गार्डेन, उन्नत छाती, नोकिला निपल, सता हुआ पेट, पेट पे छोटा सा नाभि, नाभि से नीचे बिना बाल के चिकना बर और चिकने जाँघो वाला पैर. उपर से नीचे बहुत सुंदर, एकद्ूम मलाई. जी करता था खा जौ. दीदी का छूट कैसा था आज भी याद है. एकद्ूम बिना बाल के गोरा चिकना था. बहुत ही सेक्सी और प्यारा. बाहर का लिप्स पिंक था और अंदर में दाना भी रेड और पिंक का मिक्स था.
दीदी बोली, “क्या देख रहा है? क्या देखता ही रहेगा या कुछ करेगा भी?”
मिने दीदी से कहा, “मैं कहा से शुरू करू, मुझे तो कुछ भी नही पता है.”
दीदी मुझसे एकद्ूम लिपट गयी और फिर किस करने लगी. शायद उसे नंगे खड़े रहने में शरम आने लगी. दीदी बिल्कुल मेरे पास खड़ी थी. उसके चुचि बिल्कुल बगल में मैं खुद को रोक नही पा रहा. मैने चुचि को ज़ोर से दबा दिया. दीदी के मुँह से चीख निकल गयी. दीदी की क्या बूब्स थे, गुड 38 साइज़ के. वो मुझे परे हटाने लगी. मुझसे अब बर्दाश्त नही हो रहा था. मैं उसके लिप्स को क़िस्स्स कर दिया. वो पीछे हटी.
मैं इसी बीच उसके नंगे चुचि को फिर से दबा दिया. इस बार में सॉफ्ट्ली दबा रहा था. दीदी शॅंटी से इसके मज़े ले रही थी. उक्से निपल कड़े थे मैने निपल को उंगलिंके बीच ले कर दबाया. मैं कभी बूब्स दबाता कभी निपल दबाता. मैं उसके चुचि को लीक करने लगा. फिर निपल को मुँह में ले कर चूसने लगा. म्म्म्मममस्त लग रहा था…………
दीदी बोली, “आआआआअहह…….ज़ोर से चूस इसे मेरे भाई.चूस मेरे बूब्स को. इसे मलाई समझ के खा. आइस क्रीम समझ के चूस.”
मैं बारी बारी से दोनो बूब्स चूस रहा था. बिना कपड़ो के शी वाज़ लुकिंग डॅम सेक्सी.
मेरा मान तो कैसा हुआ, पूछो मत जैसे ही मैने छुआ दीदी बोली, “चुसेगा? एकद्ूम मीठा आम के जैसा है.”
तो मैने कहा, “तुम डोगी तो ज़रूर चुसूंगा. इसमें से दूध निकलेगा क्या.”
मैं जाँबोझ के पूच्छा, “चूसने से तुम्हे दर्द तो नही करेगा ना?”
दीदी हँसने लगी बोली, “हा क्यूँ नही आज सब कुछ तेरे लिए. तुम खूब चूसो. मुझे भी अच्छा लगेगा.”
मैं चूसने लगा………….दीदी के चुचि बिल्कुल गोरी और बहुत सॉफ्ट थी. निपल्स थोड़े छ्होटे मटर के दाने जैसे थे.
फिर मैने पूछा, “अचानक मेरे साथ क्यू? तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड नही है के. उस से करती ये सब. या शादी के बाद करती पति के साथ.”
उसके बाद वो जो बोली इट वाज़ आउट ऑफ मी इमॅजिनेशन. वो बोली, “जब शादी नही करना है तो बॉय फ्रेंड बनके क्या फयडा.” मैं सन्न रह गया. हू शादी ही नही करेगी…..मतलब मैं हमेशा उसे छोड़ सकता हू. फॉर फ्यू सेकेंड्स रियली ई वाज़ डॅम शॉक्ड.
मैं बोला, “अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा?”
“हॅव फेत, नतिंग विल हॅपन. मैं हू ना.” उसने कहा और अपने बहो में भर लिया.
20 मीं के सकिंग के बाद वो मेरे कपड़े उतरने लगी. मैं उनके सामने नंगा नही होना चाहता था और मुझे तोड़ा अजीब भी लग रहा था. पता नही दीदी को मेरा लंड पसंद आएगा की नही. कभी किसी लड़की के सामने मैं नंगा नही हुआ था.
मैं पीछे हटने लगा तब दीदी ने मुझे इशारा किया और बोली, “तुम भी उतरो, मैं अकेली नंगी रहूंगी क्या? मेरा सब कुछ देख लिया अब मुझे भी दीखाओ मेरे भाई के पास क्या है?”
दीदी मेरे शॉर्ट्स खींचने लगी. मैने अपने कपड़े उतरे. मेरा लॉडा झट से दीदी को सल्यूट करने लगा. एकद्ूम एरेक्ट था. उसका टोपा एकद्ूम लाल और नसे भी फदाक राई थी. दीदी मेरे लॉड को बड़े प्यार से देख रही थी. उस वक़्त हम दोनो न्यूड थे. दीदी मेरे लंड को हाथ में लिया और दबाने लगी. वो घुटनो पे बैठ के मेरा लंड को किस करने लगी. उसे मुँह में लिया और लीक किया. दीदी के चूसने से मुझे बिजली के झटके लग रहे थे. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मुझे लगा मैं दीदी के मुँह में ही झाड़ जौंगा. मैं इतनी कलडी झड़ना नही चाहता था. अभी तो शुरुआत हुई थी. मैने डिड को अलग किया. फिर दीदी रुक गयी.
दीदी ने कहा, “कितना प्यारा और मस्त लंड है मेरे भाई का. मेरे बर में जाएगा तो फाड़ देगा उससे. प्ल्ज़ मेरे प्यास को बुझाओ क्यूंकी मैं तुम्हे सबसे ज़्यादा ट्रस्ट करती हूँ. मैं चाहती हू तुम ही मेरी सील तोडो…..मुझे सेक्स का स्वाद दो. मुझे आज जाम के छोड़ो?”
मैं शॉक्ड था. उस वक़्त मेरा आगे 19 था ुआर बहन का 25. तब मुझे सब क्लियर हो गया. मैं समझ गया आअज दीदी मुझसे चूड़ेगी. उस दिन मेरा सबसे लकी दिन था. सामने दीदी बिल्कुल नंगी खड़ी था और मैं भी नंगा था. दीदी ने मुझे बाहों में पकड़ा और किस करने लगी. उसने मेरा मुँह लिया और मुझे अपने बूब्स के तरफ धकेली और चूसने को कहा.
मैं उसके बूब्स को चूसने लगा. उस वक़्त वो मेरे पीठ पर हाथ फेर रही थी मानो मैं उसका बच्चा हू. हू मेरे मुँह में अपना चुचि घसेद भी रही थी और मेरे हार्ड लंड को प्रेशर से दबा रही थी. मेरा लंड एकद्ूम कड़ा था. उसके नस वग़ैरह एकद्ूम कड़े थे मानो अभी फट जाएँगे. दीदी हाथो से लंड को फिर से दबा रही थी. मैने उसका हाथ हटाना चाहा क्यूंकी मुझे लगा अब किसी भी वक़्त मेरा पानी निकला सकता है.
मैने कहा, “दीदी हाथ हटाओ मेर अपनी निकल जाएगा.”
दीदी झट से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मेरा तो एग्ज़ाइट्मेंट से हालत खराब हो रह था. फिर 2 मीं लंड चूसने के बाद वो बोली, “सक मी पुसी जब तक मैं तेरा लंड चुस्ती हू.”
हम 69 हो गये. मैने अपना मुँहे दीदी के छूट पे रखा और वो मेरा लंड चूस रही थी. दीदी के छूट में से अच्छी खुसबु आ रही थी. आख़िर कर मुझे वो छूट चूसने मिल गे था जिसका मैं काई दिन से पूजा करता था. मैं छूट के लिप्स को चाटने लगा. दीदी के मुँह से आआआअम्म्म्मममममममम की आवाज़े आ रही थी. मेरा लंड तो लगा अब फट जाएगा मगर दीदी चूस्ते जा रही थी. वो लंड को चुस्ती कभी लंड के टोपा को दाँत से रगड़ती. उसकी हर हरक़त पे मेरे शेरर में सिहरन होता था. कभी वो मेरे बॉल्स मुँह में ले लेती थी.
मैने अपना जीभ दीदी के छूट के फाड़ में घुसेड दिया. वो ज़ोर से चमकी. मैं अंदर का रस पीने लगा. बहुत टेस्टी था दीदी के छूट का रस. मैं जीभ घुसेड घुसेड कर अंदर तक पीना चाहता था. मैं मज़े से दीदी के बर को छत रहा था चूस रहा था. दीदी के छूट का दाना को चाटने लगा. दीदी को मेरा क्लिट चूसना बहुत अच्छा लग रहा था.
दीदी बोली, “चूस मेरा छूट…आग्ग्घह.छूट का दाना चूस भाई.”
उधर डिड के चूसने से अब मेरा लंड पानी छ्चोड़ने वाला था. मैने अपना लंड दीदी के मुँह से निकलना चाहा मगर वो चुस्ती रही.
मैने कहा, “दीदी अब मेरा लॉडा पानी छ्चोड़ेगा……….अब मुझे छ्चोड़ दो………..आआआआहाहहााआआ……………दीदी आआआआआआआ निकाला मेरा पानी.”
और बिना किसी चेतावनी के मेरे लॉड से मेरा पानी निकल गया. दीदी बिना एक बूँद गिराए पूरा पी गयी. मुझे तो विश्वश ही नही हुआ. तभी दीदी के छूट में भी हलचल हुई और मैं ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
दीदी बोली, “बच्चे अब मेरा भी पानी निकलने वाला है और ज़ोर से चूसो.आआआआअम्म्म्ममममममममाआअ……..मेरााआआआआआआआ पाााआआआअन्न्ननननननन्न्निईीईईईईईई निककककककककककककककल्ल्लाआाआआ…………”
दीदी ने दोनो जाँघ मेरे कान पे ज़ोर से दबाया और तभी उनके बर से एक झटका महसूस हुआ. उनके छूट से पानी सा निकला जिसे मैं पी गया. मुझे नही पता था लड़कीो का भी अपनी निकलता है. मगर मैं दीदी का पानी पी गया जैसे दीदी ने मेरा लूडा का पानी पीया था.
हम दोनो कुछ देर तक आराम किए. हमारा हार्ट बीट बहुत ज़्यादा था जो अब धीरे धीरे नॉर्मल हो रहा था. हम अभी भी नंगे ही थे. मैं सोच रहा था बस यही इतना होगा या और कुछ भी.
मैने दीदी से कहा, “अब और कुछ दीदी, या हो गया?”
दीदी बोलीं “नही मेरे राजा भैया. अभी चुदाई तो बाकी है…….तुम मुझे छोड़ोगे और मेरी सील तोड़ोगे. मैं कितनी एग्ज़ाइटेड हू ये सोच के की मेरा भाई मेरी सील तोड़ेगा. चल आजा मेरे पास.”
फिर दीदी ने मुझे किस करना शुरू किया. लगा दीदी ने मेरे दिल की बात सुन ली. वो फिर से मेरे लुआडे को दबाने लगी थी. दीदी का दबाव और उसके किस करना फिर से मेरे लंड को कड़ा करने लगा. मैं कुछ ही सेकेंड्स में फिर चुदाई के लिए तैयार हो गया.
मैने पूच्छा, “दीदी असली काम कब करोगी? कब तक ऐसे चूसना चलता रहेगा? मेरा मतलब क्या हम चुदाई नही करेंगे?”
यह कह के मैने अपना जीभ कटा मानो मैने कोई ग़लत बोल दी हो. अपनी बहन से अभी भी इतना नही खुला था मैं. दीदी मेरी इस बात को भाँप गयी.
दीदी बोली, “ज़रूर मेरे बही…………..ज़रूर करनेगे…..तुम ऐसे ही भाषा मैं मुझसे बात करो. डरो मत…………मुझे भी ऐसे बोलना अच्छा लगता है………. जब हम चुदाई कर रहे है तो बोलने में क्या हर्ज़ है……… भूल जाओ की मैं तुमहरि बहन हू. मुझे एक रंडी की तरह छोड़ो.”
इतना सुनना था की मैं भी जोश में आ गया. मैने दीदी का एक चूची चूसना शुरू किया और हाथ से दूसरा चूची दबाने लगा. इस डबल अटॅक से दीदी चौंक गयी मगर फिर मुझे चूची चूसने दी. मैं दोनो बूब्स को बाअरी बारी चूसने लगा. मैने उसके आर्म्पाइट्स देखे एकद्ूम चिकने उसके बर की तरह. मैं खुद को रोक नही पाया और उसे भी चाटने लगा. पहले लेफ्ट फिर रिघ्त आर्म्पाइट.
देन ई मूव्ड तो हेर नेवेल लीक्ड हेर तेरे. शी लाइक्ड इट. शी वाज़ एंकरेजिंग मे तो मूव फर्दर डाउन टुवर्ड्स हेर पुसी विच ई हद सक्ड. मैं उसके चूत तक पहुँच गया. अभी उसके छूट से दूसरी तरह की गंध आ रही थी. मैं उसे चूसा टेस्ट भी अलग था. शायद पानी निकालने के बाद टेस्ट बदल जाता है.
दीदी ने कहा, “अब छूट चूसना छ्चोड़ बहँचोड़ और मुझे जल्दी से छोड़…मेरा छूट तेरे लॉड के लिए मारा जा रहा है. छोड़ेगा की नही बहँचोड़ या बाहर से किसी को बूलौऊ मुझे छोड़ने के लिए.”
दीदी मस्ती में जाने क्या क्या बाद बड़ा रही थी. मैं दीदी के उपर आ गया और अपना लंड उसके छूट में दे दिया. मैने धक्का मारा मगर लंड अंदर जाने की जगह फिसल गया.
डिड ने झल्ला के मेरा लॉडा अपने हाथ में ले लिया और बोली, “सेयेल बहँचोड़…बहन के लॉड………….छोड़ना नही आता.लॉडा बाहर ही रग़ाद रहा है मदारचोड़.”
दीदी को आज के अफले ऐसे बात करते नही सुना था. शायद इस चुदाई का बुखार उस पर चाड गया था. मैं भी अब टॉ मैं आ गया था. मुझे भी जोश चाड गया और अनप शनाप बोलने लगा.
मैने कहा, “अरी बापचॉड़ी शांत रह. मेरा लॉडा बौट मोटा है. इसे ऐसा पेलुँगा की तेरा छूट फट जाएगा….रोटी रहेगी कोई सीलने वाला नही मिलेगा. मदारचोड़ साली रंडी……..देख अब मेरे लंड का कमाल.”
और मैने ज़ोर से धक्का मारा…..और मेरा लूडा दीदी की बर में घुसा मगर तोड़ा सा ही क्यूंकी दीदी का छेड़ छ्होटा तह और मेरा लॉडा मोटा. मैने साँस रोक कर एक और ज़ोर का धक्का मारा.
दीदी ज़ोर से चिल्लई, “आआअहह……….बहँचोड़ साला……………….मेरी छूट फाड़ दिया रेर्रररीईईईईईई………मैं मार गयी साला इतना ज़ोर से लंड पेल दिया की हालत खराब कर दी. मगर रूको मत राजा और ज़ोर से छोड़ आज फाड़ ही दो इस छूट को…………..बहुत गरम है तेरे लिए.”
मैने फिर एक जोरदार धक्का मारा…………..मेरा लॉडा दीदी का सील तोड़ता हुआ अंदर पेल गया.
दीदी को बहुत ज़ोर से दर्द हुआ और वो फिर चिल्लई, “मार दल मुझे मेरे मदारचोड़ भाई ने………………मई मार गयी रे…आज के बाद कभी नही चड़वौनगी………….आआआअहहाअ. सला बहुत दर्द हो रहा है ……………..”
मगर मैं अपना छोड़ना जारी रखा. एक सेकेंड को भी नही रुका. दीदी के वैसे गली देने से मुझे बहुत जोश आ रहा था. मैं और दुगुने जोशे दीदी की चुदाई कर रह था.
मैने अपना हाथ दीदी के चूतड़ पे रखा. और उसे ज़ोर से अपनी तरफ खींचा. दीदी भी नीचे से धक्के मरने लगी. अभी उसे दर्द भी अकर रहा था और नज़ा भी आ रहा था. मैने झट से अपनी एक उंगली दीदी केग आंड के छेड़ में डाल दिया. दीदी ज़ोर से चिहुनक गयी और उपर की तरफ उछली. मेरा सारा लॉडा एक ही झटके मीन अंदर चला गया.
दीदी फिर बाद बड़ाने लगी, ‘और छोड़ मुझे …………………..आआआआआअम्म्म्मममममममम………..मज़ा आ रहाआआआआ हाईईईईईईईईईईई……………..और छोड़ो राजा…फाड़ दो इस बर को………………..इसे रोज़ तुम छोड़ना..मैं शादी अँहि आकृंगी उमरा भर तुमसे ही चड़वौनगी………..मुझे छोड़ोगे ना राजा……………………..आआआआआअम्म्म्ममममममम………………और तेज़ और तेज़………”
मैं अपनी रॅफटर तेज़ करता गया…………दीदी का छूट फैल और सिकुड रहा था……हू मज़े से छुड़वा रही थी ……कुछ देर के बाद मुझे लगा की मेरा पानी निकलेगा.
मैने दीदी से कहा, “दीदी अब मेरा पानी निकलेगा. मैं बाहर निकल लू?”
दीदी बोली, “नही निकल अभी………..बहँचोड़ कुछ देर और छोड़ मुझे. मेरा पानी भी निकलेगा……………. दोनो साथ साथ ही पानी छ्चोड़ना.”
मैं कुछ देर बाद पानी छ्चोड़ा, “दीदी संभलो मेरा बीज……..तेरा छूट अब मेरे पानी से फूल गया.”
और मैं दीदी के छूट में ही झड़ने लगा…………
दीदी भी मेरे साथ ही झड़ने लगी…….. “मैं भी तेरे साथ झाड़ रही हू भाई.”
और हम दोनो फारिग हुए. मैं ये देख के दर गया की दीदी के बर से खून निकल रहा था. नीचे चादर भी गंदा हो गया था. मैने डिड को दीखया. मेरे लंड में भी खून लगा था.
दीदी ने मुझे ज़ोर से चुम्मा और कहा, “मेरे राजा भैया अब मैं कुँवारी नही रही. तुम्हारी बहन चुड़क्कड़ हो गयी है. ये उसी का निशानी है. मेरा छूट का सील तुमने तोड़ा. ये सील टूटने का खून है. अब मेरा बर सिर्फ़ और सिर्फ़ तेरा है. अब मैं चुदाई के बिना नही रह सकती.”
मैने कहा, “दीदी आज तुमने मुझे बहँचोड़ बना दिया.”
मैने भी ख़ुसी में दीदी के चुचि दबा दिए. फिर हम दोनो हँसने लगे. दोनो बातरूम में जा के अच्छे से नहा लिए और एक दूसरे को साबुन से सॉफ भी किया. दीदी ने बातरूम में भी मेरा लंड चूसा. मैने दीदी का बर सॉफ किया
फिर रात हुई तो हल्की हल्की ठंड शुरू हो गयी थी. मैने दीदी से कंबल माँगा तो दीदी हँसने लगी. उसने बाते की उसने सारे कंबल धो दिए थे तो आज बिना कंबल के सोना पड़ेगा. मों दाद घर पे नही थे और वो एक दो दिन बाद आने वेल थे. तो हम चाह कर की भी कंबल का उपाय नही कर सकते थे. मैं परेशन हो गया.
तो दीदी हँसने लगी बोली, “मेरा से सात के सोना रात भर ठंड नही लगेगी भाई. मेरे बर में हीटर है. अपना लंड मेरे बर में दे देना बर की गर्मी से सारा ठंड निकल जाएगा.”
ऐसा कह कर दीदी बिल्कुल नंगी हो गयी और मेरे कपड़े उतार दिया.वैसे भी दीदी घर पे दिन भर कपड़े नही पहनती थी.हम दोनो बिस्तर पे नंगे ही सात के सोए थे.
मुझे आइडिया सूझा.मैं उठा और कंप्यूटर ओं कर दिया और वेब कॅमरा सेट कर दिया. मॉनिटर पे हमारा फोटो आने लगा.
दीदी पूच्च्ी, “ये क्या कर रहा है तू?”
मैं बोला, “देखती जाओ दीदी. मैं हमारी चुदाई का रेकॉर्डिंग कर रहा हू. बाद में हम साथ देखेंगे.”
दीदी को ये बात पसदञ आई. बोली, “ठीक है है भाई. मगर इसे किसी और को मत दीखाना.”
मॉनिटर में दीदी का नंगा बदन दीख रहा था. मैं सब सेट कर एक दीदी के बगल में आ के लेट गया. मैं दीदी का एक चुचि दबाने लगा और दूसरा चूसने लगा. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. दीदी ने उसे दबाया और अपने उपर आने को कहा. मैं उसके उपर सो गया तो दीदी ने मेरा लंड अपने छूट में घुसेड दिया.
सुबह से ये दूसरी बार मैं दीदी को छोड़ रहा था. अबकी बार दीदी का बर उतना टाइट नही था. मैने धक्का लगे तो लंड एकद्ूम से अंदर छा गया. सच में अंदर बहुत गर्मी थी. मैं दीदी को छोड़ने लगा. मॉनिटर पे सब दीख रहा था. छोड़ने से और गर्मी आई लगा अब कंबल की ज़रूरत नही है.
मेरा धक्का तेज़ होने लगा. मैं दीदी का चुचि चूसने लगा. दीदी सुबह से ऐसे ही नंगी थी एक कपड़ा नही पहना था उसने. मुझे उसके चुचि से दूध का एहसास हो रहा था. दीदी भी नीचे से धक्के मार रही थी. उसे अभी अक चुदाई ज़्यादा अच्छा लग रह था क्यूंकी अभी उसे दर्द नही था.
दीदी फिर मूड में बोल रही थी, “और धक्के मार राजा ….छोड़ मुझे……………..मुझे अपनी रंडी बन ले बहँचोड़….और ज़ोर से छोड़…………आज इस बर को तूने उद्घाटन किया. आज इसे फाड़ भी दे……………मुझे मज़ा दे.”
मैं पूरी तेज़ी से छोड़ रहा था. हमारे बदन आपस में टकरा रहे थे.
तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप
ऐसी आवाज़े आ रही थी. मैं उन्हे पूरी ताक़त से छोड़ रहा त….बीच में दीदी को दाँत भी काट लेता था.
दीदी बोली, “हाआआआआ…..आआआआअहह.छोड़ो और ज़ोर से छोड़ो. मुझे ज़ोर से दाँत कतो. मुझे लोवे बीते दो… ज़ोर से कजटेक मार………अपने दाँत का निशान छ्चोड़ो मेरे बूब्स पे……………..मेरा चुचि अपने दाँत से लाल कर दो……………ऊऊऊऊऊऊऊऊफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ……आआआआाअगगगगगगगगग.”
मैं दीदी का बात मानते हुए उनके चुचि पे ज़ोर से दाँत काटने लगा जिस से उनके चुचि के नीचे लाल दाग उभर गया. दीदी की आँख में दर्द से आँसू निकल आ गये. मुझे अफ़सोस भी हुआ मगर गर्व भी हाउ के मैने दीदी के बदन पे अपने निशान बना दिए. इतना मस्त सीन था. मैने फिर दीदी केग आंड में अपनी उंगली घुसेड दी. इस से दीदी का बदन कड़ा हो गया और वो ज़ोर से नीचे से धक्के मारी.
दीदी चिल्ला के बाय्ल, “अरे हरामी गांद में क्यू उंगली करता है जब अपना बर तुम्हे मैने फ्री में दे दिया……………छूट छोड़ो सेयेल और मेरा गांद छ्चोड़ो…….आहह…….तेरे गंद में मैं उंगली करूँगी बहँचोड़.”
दीदी ऐसी गंदी बाते करती रही और चुड़वति रही अंगार मैने अपना उंगली उनके गांद से नही निकाला. दीदी की बाते मुझे बहुत गरम कर रही थी. मेरा लॉडा कुछ ही देर में पानी चूड़ने को तैयार हो गया.
मैने दीदी से कहा, “मैं तो तेरे गंद में मर्चॅ पेल दूँगा, उंगली क्या चीज़ है. मैं छोड़ने में मास्टर बन ना चाहता हू. दीदी अब मैं झड़ने वाला हू. तेरे बर में छ्चोड़ डू पानी?”
दीदी बोली, “हाहााआअ. जल्दी छ्चोड़ भाई……..अब मैं भी साथ ही पानी छ्चोड़ूँगी. मेरा भी निकालने वाला है.उूुउउफफफफफफफफफफ्फ़……..उउगगगगगगगगगघह.”
इस बार काफ़ी देर लगा पानी छ्चोड़ने में कुनकी, सुबह से ये तीसरी बार था ना. मगर मैं बहुत देर तक झाड़ता रहा. दीदी के छूट में सारा बीज उंड़ेल दिया. बहुत मज़ा आया दीदी को छोड़ के. कंप्यूटर पे हमारी चुदाई पूरी रेकॉर्ड हो गयी थी. हुँने प्लेबॅक कर के देखा. दीदी मॉनिटर पे और भी सेक्सी लग रही थी. फिर हम वैसे नंगे ही सात के सारी रात सोए और सच में हुमें कंबल की ज़रूरत महसूस नही हुई. दीदी का बदन इतना हॉट है.
हुँने फ़ैसला किया की हम दोनो घर पे नंगे ही रहेंगे जब तक अकेले है और रात को कंबल की जगह एक दूसरे से लिपट के सोएंगे….यानी मों दाद के आने से पहले और किसी भी हालत में उन्हे ये पता नही चलेगा. बाद में, जब में और दीदी कोई जॉब करेंगे तो घर का सारा खर्चा हम दोनो मिल के उठाएँगे.
मैं उस वक़्त 12त में अड्मिशन लिया था. मैं घर पे रह के पढ़ाई करता था क्यूंकी एक्षांज़ सर पे थे. घर पे अक्सर दीदी ही होती थी क्यूंकी मों और दाद जॉब करते थे. हू मेरा बहुत ख़याल रखती थी. पता नही कब ये उसके चाहत में बदल गया मुझे पता नही चला. हमरी बहुत नीभती थी दोस्ती. हम हमेशा साथ खाना, रहना, सोना और गप्पे करते थे.
मैं भी उनके प्रति आकर्षित होता था. उसके बड़े बड़े गांद के फाँक मुझे खींचते थे. जब वो झुकती थी तब उसके चुचि दीखते थे. मैं पागल हो जाता था. मैने काई बार उसके पनटी चुराई. कभी उस पनटी को मुँह पे रख के सूंघता था मानो दीदी का बर सूंघ रहा हू. और सूंघट सूंघते ही मैं मूठ भी मरता था. काई बार उसकी अपनटी में ही मूठ मार लेता था मगर तुरंत उसे धो के रख भी देता था. डरता था कही दीदी को पता ना चल जाए.
मैं रोज़ उन्हे छोड़ने की बारे में सोचता था मगर हिम्मत नही होती थी. वो बहुत कड़क थी. शायद मैं कभी शुरुआत कर भी नही पता मैं इतना डरता था और शर्मिला भी था. यहा मेरी दीदी पहले स्टार्ट की थी. वो मुझसे 6 साल बड़ी है और मुझे बोहुत चाहती है. एकदिन मेरा सर मेआइं ज़ोर से दर्द कर रहा था तो मैने रिक्वेस्ट किया तोड़ा सा सिर दबाने के लिए वो मान गयी.
वो मेरा सिर दबा रही थी और मुझसे बाते भी कर रही थी. फिर वो मुझसे गर्ल फ्रेंड के बारे में पूछने लगी लेकिन सच तो ये है की मेरा कोई गर्ल फ्रेंड नही थी.
अंजलि: तुमहरि कोई गर्लफ्रेंड है की नही.
मे: नही दीदी कोई नही, किसी लड़की से बात करनी की इच्छा नही होती.
वो फिर मुझे सेक्स के बारे में पूछने लगी तो मैं चुप रहा. क्यूंकी मैं कभी भी किसी के साथ ये सब टॉपिक्स डिसकस नही करता.
अंजलि: तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है.
मे: नही कभी नही. किसी ने नही अलो किया दीदी.
अंजलि: किसी लड़की को नेकेड देखा है. किसी को भी.
मे : नही कभी नही.
अंजलि: झूट मत बोलो कभी मुझे नहाते वक़्त कीहोल से नही डेका? मैने काई बार महसूस किया की जब मैं नहाने जाती हू तब तुम दरवाजे आस पास रहते हो जैसे मुझे कीहोल से देखा हो. सॅक्स सच बताओ………तुमने मेरे पनटी को भी काई बार हाथ लगाया है. एक जगह पे रखा हुए मेरे पनटी काई बार दूसरी जगह मिलते है. सुखी पनटी गीली या वॉश्ड मिलती है. ऐसा कैसे तेरे अलावा ये कौन कर सकता है.
मे: नो……..नही दीदी कभी नही.
अंजलि: मुझे नंगी देखना चाहोगे? अगर सच बोलॉगे तो मैं दीखा दूँगी. अगर झूठ बोलॉगे तो कभी नही दीखौँगी. मैं तुम्हे टच करने भी दूँगी.
एसा लगा की मेरे कान सुन्न पर गये. मैने ऐसा सोचा ही नही था. मैं कुछ बोल भी नही पाया.
दीदी ने फिर पूछा. “देखना चाहते हो की नही?” मैं फिर भी चुप रहा.
फिर वो बोली, “क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे””
मुझे लगा की दुनिया घूम गयी मेरी. दीदी ने सॉफ कहा सेक्स करोगे?
मैने कहा, “ये ठीक नही होगा क्यूंकी तुम मेरी बहन हो. और मुझे कुछ भी नही आता है.”
उसने कहा, “बहन की पनटी चुराने में ठीक था अब बहन से सेक्स करने में ठीक नही है. मैं तुमको सब सिख़ाओँगी अब बोलो करोगे मेरे साथ…मुझे नंगी देखोगे….मगर मों दाद को मत बताना……….बहँचोड़ बनॉगे.”
मैं मूर्ति की तारझ क़हदा रहा. इसके बाद वो शुरू हो गई. उसने अपने होंठ मेरे होंठ पे रख दिया. फिर मेरे होंठ चूसने लगी. पहले तो फ्रेंच किस 20 मीं तक और सबसे हैरानी की बॅयात है की ये सब मेरी दीदी खुद करवा रही थी. मैं भी मज़े से उसके लिप्स चूस रहा था. फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसेड दिया. मैं उसे भी चूसने लगा मानो वो टॉफी हो. बहुत टेस्टी लगा उसके जीभ का स्वाद. दीदी वास्तव में मीठी है.
उसने रेग्युलर निघट्य पहना था. मुझे क्या फीलिंग हो रहा था बता नही सकता. फिर मैने उसके कपड़े उतरे. उसने मुझे निघट्य उतरने में मदद की. उसने अंदर पिंक कलर की पनटी पहनी थी.
तब दीदी ने कहा, “अब मेरी पनटी उतरो.”
और मैने उतार दी. उतरते वक़्त मेरा चेहरा उसके छूट के एकद्ूम बगल में था. मैने अपनी गाल पे उसके छूट के सांस महसूस किए. लगा गाल पे कोई गरम साँस ले रहा है. शयड उसके छूट से गर्मी निकल रही हो. मेरा दिल किया की मैं उसके छूट को किस करू मगर मैने ऐसा कुछ नही किया.
वो उस वक़्त वर्जिन थी आंड ऑफ कोर्स मैं भी. हू बिल्कुल नंगी हो गयी. मैं थोड़ी देर तक उसके नंगे बदन को देखता रहा. चिकना चेहरा, सुतला गार्डेन, उन्नत छाती, नोकिला निपल, सता हुआ पेट, पेट पे छोटा सा नाभि, नाभि से नीचे बिना बाल के चिकना बर और चिकने जाँघो वाला पैर. उपर से नीचे बहुत सुंदर, एकद्ूम मलाई. जी करता था खा जौ. दीदी का छूट कैसा था आज भी याद है. एकद्ूम बिना बाल के गोरा चिकना था. बहुत ही सेक्सी और प्यारा. बाहर का लिप्स पिंक था और अंदर में दाना भी रेड और पिंक का मिक्स था.
दीदी बोली, “क्या देख रहा है? क्या देखता ही रहेगा या कुछ करेगा भी?”
मिने दीदी से कहा, “मैं कहा से शुरू करू, मुझे तो कुछ भी नही पता है.”
दीदी मुझसे एकद्ूम लिपट गयी और फिर किस करने लगी. शायद उसे नंगे खड़े रहने में शरम आने लगी. दीदी बिल्कुल मेरे पास खड़ी थी. उसके चुचि बिल्कुल बगल में मैं खुद को रोक नही पा रहा. मैने चुचि को ज़ोर से दबा दिया. दीदी के मुँह से चीख निकल गयी. दीदी की क्या बूब्स थे, गुड 38 साइज़ के. वो मुझे परे हटाने लगी. मुझसे अब बर्दाश्त नही हो रहा था. मैं उसके लिप्स को क़िस्स्स कर दिया. वो पीछे हटी.
मैं इसी बीच उसके नंगे चुचि को फिर से दबा दिया. इस बार में सॉफ्ट्ली दबा रहा था. दीदी शॅंटी से इसके मज़े ले रही थी. उक्से निपल कड़े थे मैने निपल को उंगलिंके बीच ले कर दबाया. मैं कभी बूब्स दबाता कभी निपल दबाता. मैं उसके चुचि को लीक करने लगा. फिर निपल को मुँह में ले कर चूसने लगा. म्म्म्मममस्त लग रहा था…………
दीदी बोली, “आआआआअहह…….ज़ोर से चूस इसे मेरे भाई.चूस मेरे बूब्स को. इसे मलाई समझ के खा. आइस क्रीम समझ के चूस.”
मैं बारी बारी से दोनो बूब्स चूस रहा था. बिना कपड़ो के शी वाज़ लुकिंग डॅम सेक्सी.
मेरा मान तो कैसा हुआ, पूछो मत जैसे ही मैने छुआ दीदी बोली, “चुसेगा? एकद्ूम मीठा आम के जैसा है.”
तो मैने कहा, “तुम डोगी तो ज़रूर चुसूंगा. इसमें से दूध निकलेगा क्या.”
मैं जाँबोझ के पूच्छा, “चूसने से तुम्हे दर्द तो नही करेगा ना?”
दीदी हँसने लगी बोली, “हा क्यूँ नही आज सब कुछ तेरे लिए. तुम खूब चूसो. मुझे भी अच्छा लगेगा.”
मैं चूसने लगा………….दीदी के चुचि बिल्कुल गोरी और बहुत सॉफ्ट थी. निपल्स थोड़े छ्होटे मटर के दाने जैसे थे.
फिर मैने पूछा, “अचानक मेरे साथ क्यू? तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड नही है के. उस से करती ये सब. या शादी के बाद करती पति के साथ.”
उसके बाद वो जो बोली इट वाज़ आउट ऑफ मी इमॅजिनेशन. वो बोली, “जब शादी नही करना है तो बॉय फ्रेंड बनके क्या फयडा.” मैं सन्न रह गया. हू शादी ही नही करेगी…..मतलब मैं हमेशा उसे छोड़ सकता हू. फॉर फ्यू सेकेंड्स रियली ई वाज़ डॅम शॉक्ड.
मैं बोला, “अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा?”
“हॅव फेत, नतिंग विल हॅपन. मैं हू ना.” उसने कहा और अपने बहो में भर लिया.
20 मीं के सकिंग के बाद वो मेरे कपड़े उतरने लगी. मैं उनके सामने नंगा नही होना चाहता था और मुझे तोड़ा अजीब भी लग रहा था. पता नही दीदी को मेरा लंड पसंद आएगा की नही. कभी किसी लड़की के सामने मैं नंगा नही हुआ था.
मैं पीछे हटने लगा तब दीदी ने मुझे इशारा किया और बोली, “तुम भी उतरो, मैं अकेली नंगी रहूंगी क्या? मेरा सब कुछ देख लिया अब मुझे भी दीखाओ मेरे भाई के पास क्या है?”
दीदी मेरे शॉर्ट्स खींचने लगी. मैने अपने कपड़े उतरे. मेरा लॉडा झट से दीदी को सल्यूट करने लगा. एकद्ूम एरेक्ट था. उसका टोपा एकद्ूम लाल और नसे भी फदाक राई थी. दीदी मेरे लॉड को बड़े प्यार से देख रही थी. उस वक़्त हम दोनो न्यूड थे. दीदी मेरे लंड को हाथ में लिया और दबाने लगी. वो घुटनो पे बैठ के मेरा लंड को किस करने लगी. उसे मुँह में लिया और लीक किया. दीदी के चूसने से मुझे बिजली के झटके लग रहे थे. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मुझे लगा मैं दीदी के मुँह में ही झाड़ जौंगा. मैं इतनी कलडी झड़ना नही चाहता था. अभी तो शुरुआत हुई थी. मैने डिड को अलग किया. फिर दीदी रुक गयी.
दीदी ने कहा, “कितना प्यारा और मस्त लंड है मेरे भाई का. मेरे बर में जाएगा तो फाड़ देगा उससे. प्ल्ज़ मेरे प्यास को बुझाओ क्यूंकी मैं तुम्हे सबसे ज़्यादा ट्रस्ट करती हूँ. मैं चाहती हू तुम ही मेरी सील तोडो…..मुझे सेक्स का स्वाद दो. मुझे आज जाम के छोड़ो?”
मैं शॉक्ड था. उस वक़्त मेरा आगे 19 था ुआर बहन का 25. तब मुझे सब क्लियर हो गया. मैं समझ गया आअज दीदी मुझसे चूड़ेगी. उस दिन मेरा सबसे लकी दिन था. सामने दीदी बिल्कुल नंगी खड़ी था और मैं भी नंगा था. दीदी ने मुझे बाहों में पकड़ा और किस करने लगी. उसने मेरा मुँह लिया और मुझे अपने बूब्स के तरफ धकेली और चूसने को कहा.
मैं उसके बूब्स को चूसने लगा. उस वक़्त वो मेरे पीठ पर हाथ फेर रही थी मानो मैं उसका बच्चा हू. हू मेरे मुँह में अपना चुचि घसेद भी रही थी और मेरे हार्ड लंड को प्रेशर से दबा रही थी. मेरा लंड एकद्ूम कड़ा था. उसके नस वग़ैरह एकद्ूम कड़े थे मानो अभी फट जाएँगे. दीदी हाथो से लंड को फिर से दबा रही थी. मैने उसका हाथ हटाना चाहा क्यूंकी मुझे लगा अब किसी भी वक़्त मेरा पानी निकला सकता है.
मैने कहा, “दीदी हाथ हटाओ मेर अपनी निकल जाएगा.”
दीदी झट से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मेरा तो एग्ज़ाइट्मेंट से हालत खराब हो रह था. फिर 2 मीं लंड चूसने के बाद वो बोली, “सक मी पुसी जब तक मैं तेरा लंड चुस्ती हू.”
हम 69 हो गये. मैने अपना मुँहे दीदी के छूट पे रखा और वो मेरा लंड चूस रही थी. दीदी के छूट में से अच्छी खुसबु आ रही थी. आख़िर कर मुझे वो छूट चूसने मिल गे था जिसका मैं काई दिन से पूजा करता था. मैं छूट के लिप्स को चाटने लगा. दीदी के मुँह से आआआअम्म्म्मममममममम की आवाज़े आ रही थी. मेरा लंड तो लगा अब फट जाएगा मगर दीदी चूस्ते जा रही थी. वो लंड को चुस्ती कभी लंड के टोपा को दाँत से रगड़ती. उसकी हर हरक़त पे मेरे शेरर में सिहरन होता था. कभी वो मेरे बॉल्स मुँह में ले लेती थी.
मैने अपना जीभ दीदी के छूट के फाड़ में घुसेड दिया. वो ज़ोर से चमकी. मैं अंदर का रस पीने लगा. बहुत टेस्टी था दीदी के छूट का रस. मैं जीभ घुसेड घुसेड कर अंदर तक पीना चाहता था. मैं मज़े से दीदी के बर को छत रहा था चूस रहा था. दीदी के छूट का दाना को चाटने लगा. दीदी को मेरा क्लिट चूसना बहुत अच्छा लग रहा था.
दीदी बोली, “चूस मेरा छूट…आग्ग्घह.छूट का दाना चूस भाई.”
उधर डिड के चूसने से अब मेरा लंड पानी छ्चोड़ने वाला था. मैने अपना लंड दीदी के मुँह से निकलना चाहा मगर वो चुस्ती रही.
मैने कहा, “दीदी अब मेरा लॉडा पानी छ्चोड़ेगा……….अब मुझे छ्चोड़ दो………..आआआआहाहहााआआ……………दीदी आआआआआआआ निकाला मेरा पानी.”
और बिना किसी चेतावनी के मेरे लॉड से मेरा पानी निकल गया. दीदी बिना एक बूँद गिराए पूरा पी गयी. मुझे तो विश्वश ही नही हुआ. तभी दीदी के छूट में भी हलचल हुई और मैं ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
दीदी बोली, “बच्चे अब मेरा भी पानी निकलने वाला है और ज़ोर से चूसो.आआआआअम्म्म्ममममममममाआअ……..मेरााआआआआआआआ पाााआआआअन्न्ननननननन्न्निईीईईईईईई निककककककककककककककल्ल्लाआाआआ…………”
दीदी ने दोनो जाँघ मेरे कान पे ज़ोर से दबाया और तभी उनके बर से एक झटका महसूस हुआ. उनके छूट से पानी सा निकला जिसे मैं पी गया. मुझे नही पता था लड़कीो का भी अपनी निकलता है. मगर मैं दीदी का पानी पी गया जैसे दीदी ने मेरा लूडा का पानी पीया था.
हम दोनो कुछ देर तक आराम किए. हमारा हार्ट बीट बहुत ज़्यादा था जो अब धीरे धीरे नॉर्मल हो रहा था. हम अभी भी नंगे ही थे. मैं सोच रहा था बस यही इतना होगा या और कुछ भी.
मैने दीदी से कहा, “अब और कुछ दीदी, या हो गया?”
दीदी बोलीं “नही मेरे राजा भैया. अभी चुदाई तो बाकी है…….तुम मुझे छोड़ोगे और मेरी सील तोड़ोगे. मैं कितनी एग्ज़ाइटेड हू ये सोच के की मेरा भाई मेरी सील तोड़ेगा. चल आजा मेरे पास.”
फिर दीदी ने मुझे किस करना शुरू किया. लगा दीदी ने मेरे दिल की बात सुन ली. वो फिर से मेरे लुआडे को दबाने लगी थी. दीदी का दबाव और उसके किस करना फिर से मेरे लंड को कड़ा करने लगा. मैं कुछ ही सेकेंड्स में फिर चुदाई के लिए तैयार हो गया.
मैने पूच्छा, “दीदी असली काम कब करोगी? कब तक ऐसे चूसना चलता रहेगा? मेरा मतलब क्या हम चुदाई नही करेंगे?”
यह कह के मैने अपना जीभ कटा मानो मैने कोई ग़लत बोल दी हो. अपनी बहन से अभी भी इतना नही खुला था मैं. दीदी मेरी इस बात को भाँप गयी.
दीदी बोली, “ज़रूर मेरे बही…………..ज़रूर करनेगे…..तुम ऐसे ही भाषा मैं मुझसे बात करो. डरो मत…………मुझे भी ऐसे बोलना अच्छा लगता है………. जब हम चुदाई कर रहे है तो बोलने में क्या हर्ज़ है……… भूल जाओ की मैं तुमहरि बहन हू. मुझे एक रंडी की तरह छोड़ो.”
इतना सुनना था की मैं भी जोश में आ गया. मैने दीदी का एक चूची चूसना शुरू किया और हाथ से दूसरा चूची दबाने लगा. इस डबल अटॅक से दीदी चौंक गयी मगर फिर मुझे चूची चूसने दी. मैं दोनो बूब्स को बाअरी बारी चूसने लगा. मैने उसके आर्म्पाइट्स देखे एकद्ूम चिकने उसके बर की तरह. मैं खुद को रोक नही पाया और उसे भी चाटने लगा. पहले लेफ्ट फिर रिघ्त आर्म्पाइट.
देन ई मूव्ड तो हेर नेवेल लीक्ड हेर तेरे. शी लाइक्ड इट. शी वाज़ एंकरेजिंग मे तो मूव फर्दर डाउन टुवर्ड्स हेर पुसी विच ई हद सक्ड. मैं उसके चूत तक पहुँच गया. अभी उसके छूट से दूसरी तरह की गंध आ रही थी. मैं उसे चूसा टेस्ट भी अलग था. शायद पानी निकालने के बाद टेस्ट बदल जाता है.
दीदी ने कहा, “अब छूट चूसना छ्चोड़ बहँचोड़ और मुझे जल्दी से छोड़…मेरा छूट तेरे लॉड के लिए मारा जा रहा है. छोड़ेगा की नही बहँचोड़ या बाहर से किसी को बूलौऊ मुझे छोड़ने के लिए.”
दीदी मस्ती में जाने क्या क्या बाद बड़ा रही थी. मैं दीदी के उपर आ गया और अपना लंड उसके छूट में दे दिया. मैने धक्का मारा मगर लंड अंदर जाने की जगह फिसल गया.
डिड ने झल्ला के मेरा लॉडा अपने हाथ में ले लिया और बोली, “सेयेल बहँचोड़…बहन के लॉड………….छोड़ना नही आता.लॉडा बाहर ही रग़ाद रहा है मदारचोड़.”
दीदी को आज के अफले ऐसे बात करते नही सुना था. शायद इस चुदाई का बुखार उस पर चाड गया था. मैं भी अब टॉ मैं आ गया था. मुझे भी जोश चाड गया और अनप शनाप बोलने लगा.
मैने कहा, “अरी बापचॉड़ी शांत रह. मेरा लॉडा बौट मोटा है. इसे ऐसा पेलुँगा की तेरा छूट फट जाएगा….रोटी रहेगी कोई सीलने वाला नही मिलेगा. मदारचोड़ साली रंडी……..देख अब मेरे लंड का कमाल.”
और मैने ज़ोर से धक्का मारा…..और मेरा लूडा दीदी की बर में घुसा मगर तोड़ा सा ही क्यूंकी दीदी का छेड़ छ्होटा तह और मेरा लॉडा मोटा. मैने साँस रोक कर एक और ज़ोर का धक्का मारा.
दीदी ज़ोर से चिल्लई, “आआअहह……….बहँचोड़ साला……………….मेरी छूट फाड़ दिया रेर्रररीईईईईईई………मैं मार गयी साला इतना ज़ोर से लंड पेल दिया की हालत खराब कर दी. मगर रूको मत राजा और ज़ोर से छोड़ आज फाड़ ही दो इस छूट को…………..बहुत गरम है तेरे लिए.”
मैने फिर एक जोरदार धक्का मारा…………..मेरा लॉडा दीदी का सील तोड़ता हुआ अंदर पेल गया.
दीदी को बहुत ज़ोर से दर्द हुआ और वो फिर चिल्लई, “मार दल मुझे मेरे मदारचोड़ भाई ने………………मई मार गयी रे…आज के बाद कभी नही चड़वौनगी………….आआआअहहाअ. सला बहुत दर्द हो रहा है ……………..”
मगर मैं अपना छोड़ना जारी रखा. एक सेकेंड को भी नही रुका. दीदी के वैसे गली देने से मुझे बहुत जोश आ रहा था. मैं और दुगुने जोशे दीदी की चुदाई कर रह था.
मैने अपना हाथ दीदी के चूतड़ पे रखा. और उसे ज़ोर से अपनी तरफ खींचा. दीदी भी नीचे से धक्के मरने लगी. अभी उसे दर्द भी अकर रहा था और नज़ा भी आ रहा था. मैने झट से अपनी एक उंगली दीदी केग आंड के छेड़ में डाल दिया. दीदी ज़ोर से चिहुनक गयी और उपर की तरफ उछली. मेरा सारा लॉडा एक ही झटके मीन अंदर चला गया.
दीदी फिर बाद बड़ाने लगी, ‘और छोड़ मुझे …………………..आआआआआअम्म्म्मममममममम………..मज़ा आ रहाआआआआ हाईईईईईईईईईईई……………..और छोड़ो राजा…फाड़ दो इस बर को………………..इसे रोज़ तुम छोड़ना..मैं शादी अँहि आकृंगी उमरा भर तुमसे ही चड़वौनगी………..मुझे छोड़ोगे ना राजा……………………..आआआआआअम्म्म्ममममममम………………और तेज़ और तेज़………”
मैं अपनी रॅफटर तेज़ करता गया…………दीदी का छूट फैल और सिकुड रहा था……हू मज़े से छुड़वा रही थी ……कुछ देर के बाद मुझे लगा की मेरा पानी निकलेगा.
मैने दीदी से कहा, “दीदी अब मेरा पानी निकलेगा. मैं बाहर निकल लू?”
दीदी बोली, “नही निकल अभी………..बहँचोड़ कुछ देर और छोड़ मुझे. मेरा पानी भी निकलेगा……………. दोनो साथ साथ ही पानी छ्चोड़ना.”
मैं कुछ देर बाद पानी छ्चोड़ा, “दीदी संभलो मेरा बीज……..तेरा छूट अब मेरे पानी से फूल गया.”
और मैं दीदी के छूट में ही झड़ने लगा…………
दीदी भी मेरे साथ ही झड़ने लगी…….. “मैं भी तेरे साथ झाड़ रही हू भाई.”
और हम दोनो फारिग हुए. मैं ये देख के दर गया की दीदी के बर से खून निकल रहा था. नीचे चादर भी गंदा हो गया था. मैने डिड को दीखया. मेरे लंड में भी खून लगा था.
दीदी ने मुझे ज़ोर से चुम्मा और कहा, “मेरे राजा भैया अब मैं कुँवारी नही रही. तुम्हारी बहन चुड़क्कड़ हो गयी है. ये उसी का निशानी है. मेरा छूट का सील तुमने तोड़ा. ये सील टूटने का खून है. अब मेरा बर सिर्फ़ और सिर्फ़ तेरा है. अब मैं चुदाई के बिना नही रह सकती.”
मैने कहा, “दीदी आज तुमने मुझे बहँचोड़ बना दिया.”
मैने भी ख़ुसी में दीदी के चुचि दबा दिए. फिर हम दोनो हँसने लगे. दोनो बातरूम में जा के अच्छे से नहा लिए और एक दूसरे को साबुन से सॉफ भी किया. दीदी ने बातरूम में भी मेरा लंड चूसा. मैने दीदी का बर सॉफ किया
फिर रात हुई तो हल्की हल्की ठंड शुरू हो गयी थी. मैने दीदी से कंबल माँगा तो दीदी हँसने लगी. उसने बाते की उसने सारे कंबल धो दिए थे तो आज बिना कंबल के सोना पड़ेगा. मों दाद घर पे नही थे और वो एक दो दिन बाद आने वेल थे. तो हम चाह कर की भी कंबल का उपाय नही कर सकते थे. मैं परेशन हो गया.
तो दीदी हँसने लगी बोली, “मेरा से सात के सोना रात भर ठंड नही लगेगी भाई. मेरे बर में हीटर है. अपना लंड मेरे बर में दे देना बर की गर्मी से सारा ठंड निकल जाएगा.”
ऐसा कह कर दीदी बिल्कुल नंगी हो गयी और मेरे कपड़े उतार दिया.वैसे भी दीदी घर पे दिन भर कपड़े नही पहनती थी.हम दोनो बिस्तर पे नंगे ही सात के सोए थे.
मुझे आइडिया सूझा.मैं उठा और कंप्यूटर ओं कर दिया और वेब कॅमरा सेट कर दिया. मॉनिटर पे हमारा फोटो आने लगा.
दीदी पूच्च्ी, “ये क्या कर रहा है तू?”
मैं बोला, “देखती जाओ दीदी. मैं हमारी चुदाई का रेकॉर्डिंग कर रहा हू. बाद में हम साथ देखेंगे.”
दीदी को ये बात पसदञ आई. बोली, “ठीक है है भाई. मगर इसे किसी और को मत दीखाना.”
मॉनिटर में दीदी का नंगा बदन दीख रहा था. मैं सब सेट कर एक दीदी के बगल में आ के लेट गया. मैं दीदी का एक चुचि दबाने लगा और दूसरा चूसने लगा. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. दीदी ने उसे दबाया और अपने उपर आने को कहा. मैं उसके उपर सो गया तो दीदी ने मेरा लंड अपने छूट में घुसेड दिया.
सुबह से ये दूसरी बार मैं दीदी को छोड़ रहा था. अबकी बार दीदी का बर उतना टाइट नही था. मैने धक्का लगे तो लंड एकद्ूम से अंदर छा गया. सच में अंदर बहुत गर्मी थी. मैं दीदी को छोड़ने लगा. मॉनिटर पे सब दीख रहा था. छोड़ने से और गर्मी आई लगा अब कंबल की ज़रूरत नही है.
मेरा धक्का तेज़ होने लगा. मैं दीदी का चुचि चूसने लगा. दीदी सुबह से ऐसे ही नंगी थी एक कपड़ा नही पहना था उसने. मुझे उसके चुचि से दूध का एहसास हो रहा था. दीदी भी नीचे से धक्के मार रही थी. उसे अभी अक चुदाई ज़्यादा अच्छा लग रह था क्यूंकी अभी उसे दर्द नही था.
दीदी फिर मूड में बोल रही थी, “और धक्के मार राजा ….छोड़ मुझे……………..मुझे अपनी रंडी बन ले बहँचोड़….और ज़ोर से छोड़…………आज इस बर को तूने उद्घाटन किया. आज इसे फाड़ भी दे……………मुझे मज़ा दे.”
मैं पूरी तेज़ी से छोड़ रहा था. हमारे बदन आपस में टकरा रहे थे.
तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप तुप
ऐसी आवाज़े आ रही थी. मैं उन्हे पूरी ताक़त से छोड़ रहा त….बीच में दीदी को दाँत भी काट लेता था.
दीदी बोली, “हाआआआआ…..आआआआअहह.छोड़ो और ज़ोर से छोड़ो. मुझे ज़ोर से दाँत कतो. मुझे लोवे बीते दो… ज़ोर से कजटेक मार………अपने दाँत का निशान छ्चोड़ो मेरे बूब्स पे……………..मेरा चुचि अपने दाँत से लाल कर दो……………ऊऊऊऊऊऊऊऊफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ……आआआआाअगगगगगगगगग.”
मैं दीदी का बात मानते हुए उनके चुचि पे ज़ोर से दाँत काटने लगा जिस से उनके चुचि के नीचे लाल दाग उभर गया. दीदी की आँख में दर्द से आँसू निकल आ गये. मुझे अफ़सोस भी हुआ मगर गर्व भी हाउ के मैने दीदी के बदन पे अपने निशान बना दिए. इतना मस्त सीन था. मैने फिर दीदी केग आंड में अपनी उंगली घुसेड दी. इस से दीदी का बदन कड़ा हो गया और वो ज़ोर से नीचे से धक्के मारी.
दीदी चिल्ला के बाय्ल, “अरे हरामी गांद में क्यू उंगली करता है जब अपना बर तुम्हे मैने फ्री में दे दिया……………छूट छोड़ो सेयेल और मेरा गांद छ्चोड़ो…….आहह…….तेरे गंद में मैं उंगली करूँगी बहँचोड़.”
दीदी ऐसी गंदी बाते करती रही और चुड़वति रही अंगार मैने अपना उंगली उनके गांद से नही निकाला. दीदी की बाते मुझे बहुत गरम कर रही थी. मेरा लॉडा कुछ ही देर में पानी चूड़ने को तैयार हो गया.
मैने दीदी से कहा, “मैं तो तेरे गंद में मर्चॅ पेल दूँगा, उंगली क्या चीज़ है. मैं छोड़ने में मास्टर बन ना चाहता हू. दीदी अब मैं झड़ने वाला हू. तेरे बर में छ्चोड़ डू पानी?”
दीदी बोली, “हाहााआअ. जल्दी छ्चोड़ भाई……..अब मैं भी साथ ही पानी छ्चोड़ूँगी. मेरा भी निकालने वाला है.उूुउउफफफफफफफफफफ्फ़……..उउगगगगगगगगगघह.”
इस बार काफ़ी देर लगा पानी छ्चोड़ने में कुनकी, सुबह से ये तीसरी बार था ना. मगर मैं बहुत देर तक झाड़ता रहा. दीदी के छूट में सारा बीज उंड़ेल दिया. बहुत मज़ा आया दीदी को छोड़ के. कंप्यूटर पे हमारी चुदाई पूरी रेकॉर्ड हो गयी थी. हुँने प्लेबॅक कर के देखा. दीदी मॉनिटर पे और भी सेक्सी लग रही थी. फिर हम वैसे नंगे ही सात के सारी रात सोए और सच में हुमें कंबल की ज़रूरत महसूस नही हुई. दीदी का बदन इतना हॉट है.
हुँने फ़ैसला किया की हम दोनो घर पे नंगे ही रहेंगे जब तक अकेले है और रात को कंबल की जगह एक दूसरे से लिपट के सोएंगे….यानी मों दाद के आने से पहले और किसी भी हालत में उन्हे ये पता नही चलेगा. बाद में, जब में और दीदी कोई जॉब करेंगे तो घर का सारा खर्चा हम दोनो मिल के उठाएँगे.