hotaks444
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चंचल चूत पार्ट---1
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
मेरा नाम समीर राजा है और मैं एक मुस्लिम लड़का हूँ. मेरी उमर 26 साल की है. मैं एक मरवरी सेठ मोतीलाल के घर मे काम करता हूँ. वर्कर तो बॅस नाम का हूँ यह सेठ साहिब वाघहैरा मुझे अपने घर का ही एक आदमी जैसा समझते और ट्रीट करते हैं. मेरे पिताजी सेठ मोतीलाल के पिता सेठ धरम लाल जी के पास अकाउंटेंट थे. हम सेठ धरमलल जी के परिवार को और वो हमारे परिवार को बोहोत सालों से और बोहोत अछी तरह से जानते हैं. मेरी माताजी अपने भाई के पास दूसरे गाँव चली गई तो मैं सेठ मोतीलाल जी के घर मे ही रहने लगा.
सेठ धरमलाल की देहांत के बाद उनका बिज़्नेस उनके बेटे सेठ मोतीलाल ही संभालते हैं. मोतीलाल के कोई भाई या बहेन नही है. उनकी कपड़ों की बहुत बड़ी दुकान है होल्सेल और रीटेल की. और उनकी मार्केट मे बोहोत अछी रेप्युटेशन है. मोतीलाल सेठ को यह बिज़्नेस उनके पिताजी की तरफ से पूरी तरह से सेट किया हुआ मिल गया था ज़ियादा मेहनत करने की ज़रूरत नही पड़ी थी. मार्केट मे अछी साख है और आछे लोग माने जाते है.
सेठ साहेब बोहोत ही दौलतमंद आदमी हैं उनका का 2 बेडरूम, ड्रॉयिंग डाइनिंग रूम का एक फ्लॅट तो सिटी मे है जहा कभी वो खुद या कभी कोमल या चंचल सिटी को परचेसिंग के लिए या घूमने के लिए जाते है तो कभी वाहा रात को रुक जाते है नही तो वो फ्लॅट हमेशा बंद रहता है. वो फ्लॅट एक बोहोत ही अछी गार्डेड बिल्डिंग मे है तो सेक्यूरिटी का कोई प्राब्लम नही है.
जिस घर मे वो रहते हैं वोहघर भी बोहोत ही बड़ा है. फर्स्ट फ्लोर पे सेठ साहिब का डबल रूम का बेडरूम और चंचल का भी डबल रूम का बेडरूम कम स्टडी रूम है. दोनो मे अटॅच बाथरूम है और दोनो के बेडरूम्स के बहेर एक बोहोत ही बड़ा हॉल भी है जहा पे सोफा सेट पड़ा हुआ है. कभी कभी सेठ साहिब कोमल और चंचल वाघहैरा वही हॉल मे बैठ के टी या कॉफी पीते है या ऐसे ही बातें करते बैठ ते हैं.
इतने बड़े घर की सफाई के लिए 2 लड़कियों को अलग से रखा हुआ है जो सारा दिन घर की सफाई ही किया करती है. रसोई बनाने के लिए भी 2 लड़कियाँ है जो बोहोत अछा खाना बनाती है. सब के सब रात को अपने अपने घर चले जाते हैं और सुबह सवेरे से ही वो आ जाते हैं और अपने अपने काम मे लग जाते हैं.
काम करने वाली लड़कियो को छोड़ कर घर मे रेग्युलर बस हम 3 ही रहते हैं. मैं, मोतीलाल सेठ की बीवी कोमल और उनकी बेटी चंचल. मोतीलाल सेठ तो इतने बिज़ी रहते हैं के बॅस रात को ही थके मान्दे घर आते है और खाना खा के सो जाते हैं. हम लोग डिन्नर के बाद भी काफ़ी देर तक इधर उधर की बातें करते रहते है और फिर सब अपने अपने कमरो मे चले जाते हैं.
लगता नही के वो अपनी पत्नी कोमल के साथ कुछ करते होंगे कियॉंके उनकी हालत तो ऐसी होती है के बॅस डिन्नर किया, बेड पे लेटे और ग्ग्गहर्ररर ग्ग्गहर्ररर आवाज़ें निकालते हुए सो गये.
एक टाइम मैं किसी काम से रात के समय ऊपेर गया था तो देखा कोमल सेठ साहेब के नरम लंड का मसाज कर रही थी लैकिन लंड तो सेठ साहेब की तरह से सो रहा था. उन्हों सी-थ्रू नाइटी पहेन रखी थी उस नाइटी मे से उनका सेक्सी बदन सॉफ दिखाई दे रहा था. सेठ साहेब गहरी नींद सो रहे हैं और कोमल अपने पति को अजीब से नज़रों से देख रही है. और फिर उन्हों ने अपने टाँगें फैला के अपनी चूत का मसाज करना शुरू कर दिया पहले तो ऐसे ही हथेली से चूत को सहलाती रही फिर उंगली से चूत के दाने को रगदड़ने लगी उनकी उंगली तेज़ी से चल रही थी और फिर उन्हों ने उंगली अपनी चूत के अंदर डाल के अंदर बहेर करना शुरू कर्दिआ. उनकी टाँगें खुली हुई थी गंद उठा उठा के अपनी ही उंगली से अपनी चूत को चोद रही थी और फिर थोड़ी ही देर मे उनका बदन अकड़ने लगा और आआअहह ऊऊऊहह आाऐययईईईई की आवाज़ें निकाल ते निकाल ते उनका बदन शांत हो गया और वो सो गई.
मुझे शक होगया के कोमल का मूड कुछ और था लैकिन साहेब को नींद सता रही थी. थोड़ी देर के बाद उनके रूम की लाइट भी बुझ गई और मैं नीचे आ गया.
मैं अपने मा बाप का एक ही बेटा हूँ. अपनी फाइनान्षियल पोज़िशन की वजह से मैं रेग्युलर कॉलेज नही अटेंड कर सकता था तो मैं प्राइवेट ही एग्ज़ॅम दे दिया करता हू. मुझे बचपन से ही एक्सर्साइज़
का शौक है तो मेरी बॉडी एक दम से शेप मे है. ब्रॉड शोल्डर्स, मस्क्युलर बॉडी. मेरा रंग भी बोहोत सॉफ है. मेरे सारे बॉडी पे हल्के हल्के से बॉल हैं जो गोरे बदन पे आछे लगते हैं. इन शॉर्ट, मे भी ठीक ठाक और हॅंडसम हू.
मैं अपने बचपन से ही मोतीलाल सेठ के घर मे रहता हूँ.
वही काम करता हू, अपनी पढ़ाई करता हू और वही मेरा खाना पीना भी है. मेरे लिए एक अटॅच बाथरूम वाला एक बड़ा सा कमरा है जिसका एक डोर घर के अंदर खुलता है और दूसरा बहेर कॉंपाउंड मे. घर के अंदर खुलने वाला डोर घर के लोग मेरे रूम मे आने जाने के लिए यूज़ करते हैं और बहेर खुलने वाला डोर मैं बहेर जाने के लिए यूज़ करता हू जहा कार्स पार्क रहती हैं. सेठ साहिब के पास एक तो इंनोवा है एर कंडीशंड और दूसरी मारुति है. दोनो न्यू कार्स हैं. इंनोवा सेठ साहिब की वाइफ और उनकी बेटी शॉपिंग के लिए या घूमने के लिए जब सिटी को जाते हैं तब यूज़ करते हैं और मारुति वही आस पास के जनरल इस्तेमाल के लिए, उनकी बेटी के स्कूल आने जाने के लिए यूज़ करते है.
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
मेरा नाम समीर राजा है और मैं एक मुस्लिम लड़का हूँ. मेरी उमर 26 साल की है. मैं एक मरवरी सेठ मोतीलाल के घर मे काम करता हूँ. वर्कर तो बॅस नाम का हूँ यह सेठ साहिब वाघहैरा मुझे अपने घर का ही एक आदमी जैसा समझते और ट्रीट करते हैं. मेरे पिताजी सेठ मोतीलाल के पिता सेठ धरम लाल जी के पास अकाउंटेंट थे. हम सेठ धरमलल जी के परिवार को और वो हमारे परिवार को बोहोत सालों से और बोहोत अछी तरह से जानते हैं. मेरी माताजी अपने भाई के पास दूसरे गाँव चली गई तो मैं सेठ मोतीलाल जी के घर मे ही रहने लगा.
सेठ धरमलाल की देहांत के बाद उनका बिज़्नेस उनके बेटे सेठ मोतीलाल ही संभालते हैं. मोतीलाल के कोई भाई या बहेन नही है. उनकी कपड़ों की बहुत बड़ी दुकान है होल्सेल और रीटेल की. और उनकी मार्केट मे बोहोत अछी रेप्युटेशन है. मोतीलाल सेठ को यह बिज़्नेस उनके पिताजी की तरफ से पूरी तरह से सेट किया हुआ मिल गया था ज़ियादा मेहनत करने की ज़रूरत नही पड़ी थी. मार्केट मे अछी साख है और आछे लोग माने जाते है.
सेठ साहेब बोहोत ही दौलतमंद आदमी हैं उनका का 2 बेडरूम, ड्रॉयिंग डाइनिंग रूम का एक फ्लॅट तो सिटी मे है जहा कभी वो खुद या कभी कोमल या चंचल सिटी को परचेसिंग के लिए या घूमने के लिए जाते है तो कभी वाहा रात को रुक जाते है नही तो वो फ्लॅट हमेशा बंद रहता है. वो फ्लॅट एक बोहोत ही अछी गार्डेड बिल्डिंग मे है तो सेक्यूरिटी का कोई प्राब्लम नही है.
जिस घर मे वो रहते हैं वोहघर भी बोहोत ही बड़ा है. फर्स्ट फ्लोर पे सेठ साहिब का डबल रूम का बेडरूम और चंचल का भी डबल रूम का बेडरूम कम स्टडी रूम है. दोनो मे अटॅच बाथरूम है और दोनो के बेडरूम्स के बहेर एक बोहोत ही बड़ा हॉल भी है जहा पे सोफा सेट पड़ा हुआ है. कभी कभी सेठ साहिब कोमल और चंचल वाघहैरा वही हॉल मे बैठ के टी या कॉफी पीते है या ऐसे ही बातें करते बैठ ते हैं.
इतने बड़े घर की सफाई के लिए 2 लड़कियों को अलग से रखा हुआ है जो सारा दिन घर की सफाई ही किया करती है. रसोई बनाने के लिए भी 2 लड़कियाँ है जो बोहोत अछा खाना बनाती है. सब के सब रात को अपने अपने घर चले जाते हैं और सुबह सवेरे से ही वो आ जाते हैं और अपने अपने काम मे लग जाते हैं.
काम करने वाली लड़कियो को छोड़ कर घर मे रेग्युलर बस हम 3 ही रहते हैं. मैं, मोतीलाल सेठ की बीवी कोमल और उनकी बेटी चंचल. मोतीलाल सेठ तो इतने बिज़ी रहते हैं के बॅस रात को ही थके मान्दे घर आते है और खाना खा के सो जाते हैं. हम लोग डिन्नर के बाद भी काफ़ी देर तक इधर उधर की बातें करते रहते है और फिर सब अपने अपने कमरो मे चले जाते हैं.
लगता नही के वो अपनी पत्नी कोमल के साथ कुछ करते होंगे कियॉंके उनकी हालत तो ऐसी होती है के बॅस डिन्नर किया, बेड पे लेटे और ग्ग्गहर्ररर ग्ग्गहर्ररर आवाज़ें निकालते हुए सो गये.
एक टाइम मैं किसी काम से रात के समय ऊपेर गया था तो देखा कोमल सेठ साहेब के नरम लंड का मसाज कर रही थी लैकिन लंड तो सेठ साहेब की तरह से सो रहा था. उन्हों सी-थ्रू नाइटी पहेन रखी थी उस नाइटी मे से उनका सेक्सी बदन सॉफ दिखाई दे रहा था. सेठ साहेब गहरी नींद सो रहे हैं और कोमल अपने पति को अजीब से नज़रों से देख रही है. और फिर उन्हों ने अपने टाँगें फैला के अपनी चूत का मसाज करना शुरू कर दिया पहले तो ऐसे ही हथेली से चूत को सहलाती रही फिर उंगली से चूत के दाने को रगदड़ने लगी उनकी उंगली तेज़ी से चल रही थी और फिर उन्हों ने उंगली अपनी चूत के अंदर डाल के अंदर बहेर करना शुरू कर्दिआ. उनकी टाँगें खुली हुई थी गंद उठा उठा के अपनी ही उंगली से अपनी चूत को चोद रही थी और फिर थोड़ी ही देर मे उनका बदन अकड़ने लगा और आआअहह ऊऊऊहह आाऐययईईईई की आवाज़ें निकाल ते निकाल ते उनका बदन शांत हो गया और वो सो गई.
मुझे शक होगया के कोमल का मूड कुछ और था लैकिन साहेब को नींद सता रही थी. थोड़ी देर के बाद उनके रूम की लाइट भी बुझ गई और मैं नीचे आ गया.
मैं अपने मा बाप का एक ही बेटा हूँ. अपनी फाइनान्षियल पोज़िशन की वजह से मैं रेग्युलर कॉलेज नही अटेंड कर सकता था तो मैं प्राइवेट ही एग्ज़ॅम दे दिया करता हू. मुझे बचपन से ही एक्सर्साइज़
का शौक है तो मेरी बॉडी एक दम से शेप मे है. ब्रॉड शोल्डर्स, मस्क्युलर बॉडी. मेरा रंग भी बोहोत सॉफ है. मेरे सारे बॉडी पे हल्के हल्के से बॉल हैं जो गोरे बदन पे आछे लगते हैं. इन शॉर्ट, मे भी ठीक ठाक और हॅंडसम हू.
मैं अपने बचपन से ही मोतीलाल सेठ के घर मे रहता हूँ.
वही काम करता हू, अपनी पढ़ाई करता हू और वही मेरा खाना पीना भी है. मेरे लिए एक अटॅच बाथरूम वाला एक बड़ा सा कमरा है जिसका एक डोर घर के अंदर खुलता है और दूसरा बहेर कॉंपाउंड मे. घर के अंदर खुलने वाला डोर घर के लोग मेरे रूम मे आने जाने के लिए यूज़ करते हैं और बहेर खुलने वाला डोर मैं बहेर जाने के लिए यूज़ करता हू जहा कार्स पार्क रहती हैं. सेठ साहिब के पास एक तो इंनोवा है एर कंडीशंड और दूसरी मारुति है. दोनो न्यू कार्स हैं. इंनोवा सेठ साहिब की वाइफ और उनकी बेटी शॉपिंग के लिए या घूमने के लिए जब सिटी को जाते हैं तब यूज़ करते हैं और मारुति वही आस पास के जनरल इस्तेमाल के लिए, उनकी बेटी के स्कूल आने जाने के लिए यूज़ करते है.