hotaks444
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तीन देवियाँ पार्ट -1
मेरा नाम राज है जानने वाले लोग, दोस्त और फॅमिली मेंबर्ज़ मुझे प्यार से राज्ज्ज और राजा बाबू भी कहते है. मैं एक 28 साल का अछा ख़ासा हॅंडसम और घटेले बदन का लड़का हू मेरी बॉडी एक्सर्साइज़्ड है अछा ख़ासा मस्क्युलर हू. हाइट 5’8” गोरा रंग और मेरे शरीर पे आछे ख़ासे बाल हैं. हेरी चेस्ट है. अभी अभी पढ़ाई ख़त्म हुई है रिज़ल्ट का वेट कर रहा हू. मेरे डॅड का अपना कन्स्ट्रक्षन आंड मेंटेनेन्स का बिज़्नेस ऑफीस है और जिस्मै मेरी मोम अकाउंट्स देखती है और आड्मिनिस्ट्रेशन मे डॅड का साथ देती है उनके साथ मीटिंग्स अटेंड करती है. मेरे डॅड तकरीबन 52-53 यियर्ज़ के है और मोम ऑलमोस्ट 48 – 49 की हैं. दोनो काम करते रहने से अभी तक आक्टिव हैं और ऑफीस को रेग्युलर्ली जाते है. आजकल कन्स्ट्रक्षन का काम बूम पे है इसी लिए दोनो बोहोत ही बिज़ी रहते हैं और रात थक्क के वापस आते और खाना खा के सो जाते हैं. मेरे से बड़ी एक बहेन है खुश्बू जिसकी शादी अभी कुछ ही महीने पहले हुई है वो अपनी ससुराल मे ही रहती है जो मेरे टाउन से तकरीबन 200 किमी के डिस्टेन्स पे है. शादी के बाद 2 – 3 टाइम यहा आई और वापस अपनी ससुराल चली गई वो अपने पति के साथ खुश है. उसके पति का भी सेमेंट का होल साले बिज़्नेस है.
मेरे अंकल समीर करीब के ही एक विलेज मे काम करते है. उनकी एक ही बेटी है जिसका नाम अनुपमा देवी है प्यार से सब उसको अनु पुकारते हैं. अनु 19 - 20 साल की बोहोत ही खूबसूरत लड़की है. तकरीबन 5’ 5” की हाइट होगी. गोरा रंग, कमर तक झूलते रेशमी लाइट ब्राउन कलर के बाल, हस्ती तो दोनो गालो मे छोटे छोटे डिंपल्स पड़ते, सफेद मोती जैसे चमकते दाँत, लाइट ब्राउन बड़ी बड़ी चमकती हिरनी जैसी आँखें, सेक्सी लिप्स जिनको देख के कोई भी चूसने की कल्पना करे, अभी उसके चुचीोन को अपने हाथो से पकड़ा तो नही पर लगता है के शाएद 32 साइज़ के होंगे, एक दम से सिडोल बदन, मोस्ट्ली शलवार कमीज़ पेहेन्ति है पर कभी कभी जीन्स और ट्रंक टॉप भी पेहेन्ति और जब जीन्स और ट्रंक पहनी होती है तो उसके चुचियाँ बोहोत मस्त दिखते और जब मटक मटक के चलती तो दोनो चुचियाँ धीरे धीरे डॅन्स करते ऊपेर नीचे होते बड़े आछे लगते ऐसा लगता जैसे परदे कर रहे हो शाएद वो उस टाइम पे ब्रस्सिएर भी नही पेहेन्ति इसी लिए चुचियाँ डॅन्स करती जिन्है देख के मन करता के बॅस अभी पकड़ के दबा डालु और मोसंबी की तरह से स्क्वीज़ करू और आम ( मॅंगो ) की तरह से चूसू
डालु. रात मे अक्सर नाइटी यूज़ करती वैसे कभी सलवार कमीज़ भी पेहेन्ति पर मोस्ट्ली नाइटी मे ही रहती.
मुझे लगता के वो थोड़ी प्राउडी टाइप की लड़की है. कभी मुझ से सीधे मूह बात भी नही करती और कभी ऐसे शो करती है जैसे वो मेरे घर मे नही रहती बल्कि मैं उसके घर मे रहता हू. अरे मैं यह बताना तो भूल ही गया के अंकल समीर जहा काम करते है वाहा कोई कॉलेज वाघहैरा नही है इसी लिए अनु को पढ़ाई के लिए हमारे घर मे ही रखा हुआ है. अनु बी.कॉम के 2न्ड एअर मे थी. कॉलेज घर से थोड़ा दूर है और वो बस मे आती जाती है. मेरी और अनु की कुछ ऐसी ख़ास बनती तो नही पर कभी इतना बड़ा झगड़ा भी नही हुआ था. बॅस आपस मे नोक झोक तोचलती ही रहती. कभी खाने की टेबल पे तो कभी पढ़ाई के टाइम पे. वो हमेशा बोलती के उसको लड़के पसंद नही हैं आंड शी हेट्स मेल्स डॉन’ट नो व्हाई. मेरी समझ मे नही आता था के व्हाई शी हेट्स मेल्स क्यॉंके नॅचुरली लड़कियाँ तो लड़को को पसंद ही करती है इश्क़, प्यार और मोहब्बत भी लड़को से ही करती है पर पता नही अनु मे ऐसी क्या बात थी जिसे मेल्स पसंद नही थे.
हमारा घर एक डबल स्टोरी मीडियम साइज़ की बिल्डिंग है. नीचे मेरे डॅड और मोम रहते हैं. मोम के ( घुटनो ) नीस मे दरद रहता है ( जॉइंट पेन ) जिसकी वजह से वो बार बार ऊपेर नही चढ़ सकती इसी लिए वो दोनो नीचे ही ग्राउंड फ्लोर पे रहते है और मैं ऊपेर के रूम मे रहता हू. आक्च्युयली ऊपेर के फ्लोर पे मीडियम साइज़ के 3 रूम्स हैं. एक मे मेरी सिस्टर खुश्बू रहती थी दूसरा मेरा कमरा था और तीसरा ऐसे ही स्पेर रूम जो गेस्ट रूम जैसा था. खुश्बू की शादी के बाद उसका रूम भी खाली हो गया था इसी लिए अनु को खुश्बू वाला रूम दे दिया गया था. स्टेरकेस पे चढ़ते ही एक स्पेर वाला गेस्ट रूम जैसा था था जिसमै कभी हमारे कोई रिलेटिव्स वाघहैरा आ जाते तो वही रहते और जब वाहा कोई नही रहता तो वो कमरा टेंपोररी ड्रॉयिंग रूम जैसा यूज़ मे आता था जहा एक डबल बेड के साथ एक सोफा सेट भी पड़ा हुआ था कभी मेरा कोई फ्रेंड आ जाता तो हम वही बैठ के टाइम पास करते और कभी अनु की कोई फ्रेंड्स आ जाती तो वो उनको लेके वाहा बैठ जाती. उस रूम मे एक बड़ा सा टीवी सेट भी रखा हुआ था जिस्मै केबल और वीडियो कनेक्षन भी लगा हुआ था तो कभी कभी वो रूम टीवी रूम जैसा भी यूज़ मे आता था. ऐसे समझे के मल्टिपर्पस उसे का कमरा था. उस मल्टिपर्पस रूम को लगा हुआ अनु वाला रूम और तीसरा रूम मेरा था. मेरे रूम मे एक विंडो थी जो अनु वाले रूम मे खुलती थी. पहले जब मेरी सिस्टर रहती थी तब हम पढ़ते थे तो आपस मे बातें भी कर लिया करते थे और बुक्स का एक्सचेंज भी इसी विंडो द्वारा
होता था. अनु वाले रूम और मल्टिपर्पस रूम के बीच मे भी एक विंडो लगी हुई थी जिसे खोलने की कभी ज़रूरत ही नही पड़ती थी पर अनु कभी कभी हवा के लिए खोल भी लिया करती थी वैसे तो हमारे रूम मे हवा और वेंटिलेशन के लिए कॉरिडर मे एक एक विंडो खुलती थी और जब यह विंडो खुली होती तो कॉरिडॉस मे से आते जाते कोई भी कमरे के अंदर का हाल देख सकता था. तीनो रूम्स मे अटॅच बाथ था. यूँ तो अनु के ज़ियादा फ्रेंड्स नही थे बस एक फ्रेंड थी शालिनी देवी जिसे वो शालु कह के बुलाती थी. शालु और अनु एक ही एज के थे और क्लास फेलो भी. शालु अक्सर अनु के पास आती जाती रहती थी और कभी कभी रात मे अनु के कमरे मे उसके साथ ही सो जाती थी और दूसरे दिन सुबह ब्रेकफास्ट कर के अपने घर चली जाती. कभी अनु उसके घर चली जाती और रात वही शालु के साथ ही सो जाती और सुबह वापस आ जाती यह नॉर्मल रुटीन था दोनो का. शालु हमारे पड़ोस मे ही रहती थी और अनु की क्लास फेलो थी इसी लिए दोनो की बोहोत दोस्ती थी. शालु की हाइट तकरीबन 5’ 6” होगी. वो भी बोहोत ही गोरे रंग की थी. कश्मीरी सेब जैसे गुलाबी गाल, मतकाती बड़ी बड़ी ब्राउन आँखें. उसके भी लाइट ब्राउन कलर के रेशमी बाल थे ज़ियादा बड़े तो नही कमर तक आते थे. शालु के चुचियाँ मेडियम साइज़ के एप्पल जैसे 34 साइज़ के थे बोहोत गोरे गोरे मलाई जैसे बिल्कुल उसके रंग के जैसे. वो अक्सर स्लीव्ले शर्ट पेहेन्ति थी जिस्मै से कभी कभी उसके चुचियाँ भी झाँकती रहती थी या कभी ब्रस्सिएर भी दिखाई देती थी. कभी ब्रस्सिएर पेहेन्ति कभी नही पेहेन्ति. और जब ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति तो उसके शर्ट के ऊपेर से चुचिओ और निपल साफ दिखाई देते और जब अपने हाथ उठाती तो उसके चुचियाँ दिखाई देती जिन्हाई देख के हाथ मचल जाता और मंन करता के अभी साइड से हाथ घुसा के उसके मस्त चुचिओ को पकड़ के मसल डालु. बघल के बाल शाएद डेली शेव करती थी जिससे उसकी बघल हमेशा ही चिकनी रहती. उसकी एक ख़ास आदत थी वो हर थोड़ी देर मे अपने दोनो हाथ ऐसे ऊपेर करती जिस से उसकी बघल साफ दिखाई देती. वो शाएद अपनी बघल मे रोल ऑन पर्फ्यूम भी लगती थी
मेरा नाम राज है जानने वाले लोग, दोस्त और फॅमिली मेंबर्ज़ मुझे प्यार से राज्ज्ज और राजा बाबू भी कहते है. मैं एक 28 साल का अछा ख़ासा हॅंडसम और घटेले बदन का लड़का हू मेरी बॉडी एक्सर्साइज़्ड है अछा ख़ासा मस्क्युलर हू. हाइट 5’8” गोरा रंग और मेरे शरीर पे आछे ख़ासे बाल हैं. हेरी चेस्ट है. अभी अभी पढ़ाई ख़त्म हुई है रिज़ल्ट का वेट कर रहा हू. मेरे डॅड का अपना कन्स्ट्रक्षन आंड मेंटेनेन्स का बिज़्नेस ऑफीस है और जिस्मै मेरी मोम अकाउंट्स देखती है और आड्मिनिस्ट्रेशन मे डॅड का साथ देती है उनके साथ मीटिंग्स अटेंड करती है. मेरे डॅड तकरीबन 52-53 यियर्ज़ के है और मोम ऑलमोस्ट 48 – 49 की हैं. दोनो काम करते रहने से अभी तक आक्टिव हैं और ऑफीस को रेग्युलर्ली जाते है. आजकल कन्स्ट्रक्षन का काम बूम पे है इसी लिए दोनो बोहोत ही बिज़ी रहते हैं और रात थक्क के वापस आते और खाना खा के सो जाते हैं. मेरे से बड़ी एक बहेन है खुश्बू जिसकी शादी अभी कुछ ही महीने पहले हुई है वो अपनी ससुराल मे ही रहती है जो मेरे टाउन से तकरीबन 200 किमी के डिस्टेन्स पे है. शादी के बाद 2 – 3 टाइम यहा आई और वापस अपनी ससुराल चली गई वो अपने पति के साथ खुश है. उसके पति का भी सेमेंट का होल साले बिज़्नेस है.
मेरे अंकल समीर करीब के ही एक विलेज मे काम करते है. उनकी एक ही बेटी है जिसका नाम अनुपमा देवी है प्यार से सब उसको अनु पुकारते हैं. अनु 19 - 20 साल की बोहोत ही खूबसूरत लड़की है. तकरीबन 5’ 5” की हाइट होगी. गोरा रंग, कमर तक झूलते रेशमी लाइट ब्राउन कलर के बाल, हस्ती तो दोनो गालो मे छोटे छोटे डिंपल्स पड़ते, सफेद मोती जैसे चमकते दाँत, लाइट ब्राउन बड़ी बड़ी चमकती हिरनी जैसी आँखें, सेक्सी लिप्स जिनको देख के कोई भी चूसने की कल्पना करे, अभी उसके चुचीोन को अपने हाथो से पकड़ा तो नही पर लगता है के शाएद 32 साइज़ के होंगे, एक दम से सिडोल बदन, मोस्ट्ली शलवार कमीज़ पेहेन्ति है पर कभी कभी जीन्स और ट्रंक टॉप भी पेहेन्ति और जब जीन्स और ट्रंक पहनी होती है तो उसके चुचियाँ बोहोत मस्त दिखते और जब मटक मटक के चलती तो दोनो चुचियाँ धीरे धीरे डॅन्स करते ऊपेर नीचे होते बड़े आछे लगते ऐसा लगता जैसे परदे कर रहे हो शाएद वो उस टाइम पे ब्रस्सिएर भी नही पेहेन्ति इसी लिए चुचियाँ डॅन्स करती जिन्है देख के मन करता के बॅस अभी पकड़ के दबा डालु और मोसंबी की तरह से स्क्वीज़ करू और आम ( मॅंगो ) की तरह से चूसू
डालु. रात मे अक्सर नाइटी यूज़ करती वैसे कभी सलवार कमीज़ भी पेहेन्ति पर मोस्ट्ली नाइटी मे ही रहती.
मुझे लगता के वो थोड़ी प्राउडी टाइप की लड़की है. कभी मुझ से सीधे मूह बात भी नही करती और कभी ऐसे शो करती है जैसे वो मेरे घर मे नही रहती बल्कि मैं उसके घर मे रहता हू. अरे मैं यह बताना तो भूल ही गया के अंकल समीर जहा काम करते है वाहा कोई कॉलेज वाघहैरा नही है इसी लिए अनु को पढ़ाई के लिए हमारे घर मे ही रखा हुआ है. अनु बी.कॉम के 2न्ड एअर मे थी. कॉलेज घर से थोड़ा दूर है और वो बस मे आती जाती है. मेरी और अनु की कुछ ऐसी ख़ास बनती तो नही पर कभी इतना बड़ा झगड़ा भी नही हुआ था. बॅस आपस मे नोक झोक तोचलती ही रहती. कभी खाने की टेबल पे तो कभी पढ़ाई के टाइम पे. वो हमेशा बोलती के उसको लड़के पसंद नही हैं आंड शी हेट्स मेल्स डॉन’ट नो व्हाई. मेरी समझ मे नही आता था के व्हाई शी हेट्स मेल्स क्यॉंके नॅचुरली लड़कियाँ तो लड़को को पसंद ही करती है इश्क़, प्यार और मोहब्बत भी लड़को से ही करती है पर पता नही अनु मे ऐसी क्या बात थी जिसे मेल्स पसंद नही थे.
हमारा घर एक डबल स्टोरी मीडियम साइज़ की बिल्डिंग है. नीचे मेरे डॅड और मोम रहते हैं. मोम के ( घुटनो ) नीस मे दरद रहता है ( जॉइंट पेन ) जिसकी वजह से वो बार बार ऊपेर नही चढ़ सकती इसी लिए वो दोनो नीचे ही ग्राउंड फ्लोर पे रहते है और मैं ऊपेर के रूम मे रहता हू. आक्च्युयली ऊपेर के फ्लोर पे मीडियम साइज़ के 3 रूम्स हैं. एक मे मेरी सिस्टर खुश्बू रहती थी दूसरा मेरा कमरा था और तीसरा ऐसे ही स्पेर रूम जो गेस्ट रूम जैसा था. खुश्बू की शादी के बाद उसका रूम भी खाली हो गया था इसी लिए अनु को खुश्बू वाला रूम दे दिया गया था. स्टेरकेस पे चढ़ते ही एक स्पेर वाला गेस्ट रूम जैसा था था जिसमै कभी हमारे कोई रिलेटिव्स वाघहैरा आ जाते तो वही रहते और जब वाहा कोई नही रहता तो वो कमरा टेंपोररी ड्रॉयिंग रूम जैसा यूज़ मे आता था जहा एक डबल बेड के साथ एक सोफा सेट भी पड़ा हुआ था कभी मेरा कोई फ्रेंड आ जाता तो हम वही बैठ के टाइम पास करते और कभी अनु की कोई फ्रेंड्स आ जाती तो वो उनको लेके वाहा बैठ जाती. उस रूम मे एक बड़ा सा टीवी सेट भी रखा हुआ था जिस्मै केबल और वीडियो कनेक्षन भी लगा हुआ था तो कभी कभी वो रूम टीवी रूम जैसा भी यूज़ मे आता था. ऐसे समझे के मल्टिपर्पस उसे का कमरा था. उस मल्टिपर्पस रूम को लगा हुआ अनु वाला रूम और तीसरा रूम मेरा था. मेरे रूम मे एक विंडो थी जो अनु वाले रूम मे खुलती थी. पहले जब मेरी सिस्टर रहती थी तब हम पढ़ते थे तो आपस मे बातें भी कर लिया करते थे और बुक्स का एक्सचेंज भी इसी विंडो द्वारा
होता था. अनु वाले रूम और मल्टिपर्पस रूम के बीच मे भी एक विंडो लगी हुई थी जिसे खोलने की कभी ज़रूरत ही नही पड़ती थी पर अनु कभी कभी हवा के लिए खोल भी लिया करती थी वैसे तो हमारे रूम मे हवा और वेंटिलेशन के लिए कॉरिडर मे एक एक विंडो खुलती थी और जब यह विंडो खुली होती तो कॉरिडॉस मे से आते जाते कोई भी कमरे के अंदर का हाल देख सकता था. तीनो रूम्स मे अटॅच बाथ था. यूँ तो अनु के ज़ियादा फ्रेंड्स नही थे बस एक फ्रेंड थी शालिनी देवी जिसे वो शालु कह के बुलाती थी. शालु और अनु एक ही एज के थे और क्लास फेलो भी. शालु अक्सर अनु के पास आती जाती रहती थी और कभी कभी रात मे अनु के कमरे मे उसके साथ ही सो जाती थी और दूसरे दिन सुबह ब्रेकफास्ट कर के अपने घर चली जाती. कभी अनु उसके घर चली जाती और रात वही शालु के साथ ही सो जाती और सुबह वापस आ जाती यह नॉर्मल रुटीन था दोनो का. शालु हमारे पड़ोस मे ही रहती थी और अनु की क्लास फेलो थी इसी लिए दोनो की बोहोत दोस्ती थी. शालु की हाइट तकरीबन 5’ 6” होगी. वो भी बोहोत ही गोरे रंग की थी. कश्मीरी सेब जैसे गुलाबी गाल, मतकाती बड़ी बड़ी ब्राउन आँखें. उसके भी लाइट ब्राउन कलर के रेशमी बाल थे ज़ियादा बड़े तो नही कमर तक आते थे. शालु के चुचियाँ मेडियम साइज़ के एप्पल जैसे 34 साइज़ के थे बोहोत गोरे गोरे मलाई जैसे बिल्कुल उसके रंग के जैसे. वो अक्सर स्लीव्ले शर्ट पेहेन्ति थी जिस्मै से कभी कभी उसके चुचियाँ भी झाँकती रहती थी या कभी ब्रस्सिएर भी दिखाई देती थी. कभी ब्रस्सिएर पेहेन्ति कभी नही पेहेन्ति. और जब ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति तो उसके शर्ट के ऊपेर से चुचिओ और निपल साफ दिखाई देते और जब अपने हाथ उठाती तो उसके चुचियाँ दिखाई देती जिन्हाई देख के हाथ मचल जाता और मंन करता के अभी साइड से हाथ घुसा के उसके मस्त चुचिओ को पकड़ के मसल डालु. बघल के बाल शाएद डेली शेव करती थी जिससे उसकी बघल हमेशा ही चिकनी रहती. उसकी एक ख़ास आदत थी वो हर थोड़ी देर मे अपने दोनो हाथ ऐसे ऊपेर करती जिस से उसकी बघल साफ दिखाई देती. वो शाएद अपनी बघल मे रोल ऑन पर्फ्यूम भी लगती थी