hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
नीता की खुजली
नीता की शादी दो महीने बाद फिक्स हो गई थी. वो मन ही मन मुस्कुराती रहती थी. दिन भर अपने होने वाले पति रमेश की यादों मे खोई रहती थी. बार बार
उसकी तस्वीर देखती और उसे चूमती.कई कई घंटों तक अपने कमरे से बाहर नही आती थी. अपनी होने वाली सुहागरातकी सोच सोच कर अपनी चूत सहलाती रहती.इधर उसकी मा कमला भी खुश थी. अपने पति के मरने के बाद पहली बार उसे पूरीखुशी का एहसास हो रहा था. नीता के कारण उसने अपनी सेक्स की भूख को दबा कररखा था. लेकिन क्या करती सेक्स को दबाना इतना आसान नही था.अब जब नीता का ब्याह पक्का हो गया था उसकी चूत की खुजली बढ़ने लगी थी.बाहर तो कम ही जाती थी. दो साल मे कभी उसका देवर आता तब मौका देख कर उससे चुदवा लेती.
आख़िर कुच्छ ऐसा हो गया कि उसकी आग और भड़क उठी. उसने एक दिन अपने 18 सालके लड़के जीतू को नंगा देख लिया ओर उसका लंड देख कर वो गरम हो गई. उसनेसोचा जीतू को तैयार कर लेती हूँ और नीता की शादी के बाद उसके साथ सोउंगी.अगले दिन जब नीता दोपहर को अपने कमरे मे चली गई तो उसने जीतू को बुलाया.?बेटा देख और बता कौन सी सारी मुझपे अच्छी लगती है? तेरी बहेन तो खुद मेही बिज़ी है.?. जीतू को औरतों की सारी मे कोई इंटेरेस्ट नही रहता था,लेकिन अपनी मा की बात सुन कर उसे रुकना पड़ा.ये वाली तीन अच्छी हैं.? जीतू बोला. ?मुझे डाउट है ये इतनी ठीक हैंक्या? रुक मैं पहेन कर देखती हूँ.? ये कह कर उसने अपना गाउन उतार दिया.अपनी मा को पहले भी वो पेटिकोट ब्लाउस मे देख चुका था. लेकिन आज जब उसनेगाउन उतारा तब उसके दो बटन खुले थे. उनमे से दिख रही ब्रा ने जीतू को एकबार परेशान कर दिया.कमला समझ गई जीतू की नज़र कहाँ है. उसने उस बात को इग्नोर किया और सारीपहेन्ने लगी. जान भुज कर उसने सारी अंदर डालते समय और ठीक करते समयपेटिकोट नाभि से नीचे खींच लिया. उसकी नाभि पर जीतू की नज़र पड़ते हीउसकी पॅंट मे करेंट दौड़ गया.
दो सारी पहेन्ने के बाद जीतू बोला ?इसका मॅचिंग ब्लाउस भी साथ पेहेन्ति
तो ज़्यादा अच्छा लगता.?. ?कल मिलेंगे सिल कर? ये कहते हुए उसने सारी
उतारी और उसी अवस्था मे बिस्तर पर लेट गई. आदमी को चूत का दरवाज़ा दिखाना
उसे अच्छी तरह आता था?.
?आ इधर ही सो जा.? कहते हुए वो थोड़ा खिसक गई. जीतू उसके उभरे हुए वक्ष
देख कर वैसे ही सुध बुध खो बैठा था, कुच्छ बोले बिना पास मे लेट गया.
कमला उसकी तरफ मूड कर उससे बातें करने लगी. लेकिन जीतू का ध्यान बातों मेकम और उसके बाहर झाँकते हुए बूब्स पे ज़्यादा था. ऐसा लग रहा था मानो वोकिसी भी पल ब्रा से बाहर निकल पड़ेंगे. उसकी ब्रा देख कर तो मानो जीतू केलंड मे आग लग रही थी.थोड़ी देर बाद दोनो सो गये. कमला की जब नींद खुली तो जीतू सो रहा था.कमला ने धीरे से उसके आधे सख़्त लंड पे हाथ रख दिया और आँख बूँद कर केजीतू के उठने का इंतजार करने लगी. जब जीतू की आँख खुली और उसने अपनी माका हाथ अपने लौदे पे पायातो उसका लंड तेज़ी से फूलने लगा. कमला को उसके कड़क होते लंड का एहसास बड़ा मीठा लगा. मन तो किया दबा डाले पर अपने आप को रोक लिया. जीतू भी आँख बूँद कर के सोने का नाटक करते हुए कमला के कोमल हाथों का स्पर्श एंजाय करता रहा?.अगले दिन फिर दोपहर को कमला ने जीतू को बुलाया. जीतू भाग कर आ गया. ?देख
आज ब्लाउस भी आ गये.? कहते हुए कमला ने एक ब्लाउस निकाला और उसे निहारनेलगी. फिर उसने कल की तरह गाउन उतारा.
आज उसने गाउन उतारते समय अपनापेटिकोट जांघों तक उठा कर गिराया. उसकी सुडोल और चिकनी जाँघ देख कर जीतूहड़बड़ा गया.'मैं ये पहेन कर देखती हूँ.' ये कहते हुए कमला ने गाउन अपने कंधों पर रखाऔर अपना ब्लाउस खोल दिया. जब जब वो अपने हाथ उपर करती जीतू को उसकी पतली
ब्रा दिखाती और उसे मे से झाँकते हुए उसके उरोज. जीतू के लॉड का हाल बुरा था. कमला की नज़र उस पर थी. वो समझ रही थी जीतू का ध्यान उसके वक्ष पर है. उसने सिर्फ़ एक उपर का बटन बूँद किया और फिर गाउन उठा कर बिस्तर पे फेंक दिया.बड़ी सरलता के साथ वो अपने बटन लगाने लगी पर चोर नज़रों से जीतू को देख लेती. जीतू का पूरा ध्यान उसकी ब्रा पर था. मानो वो उनमे च्छूपे लाल लाल हीरे ढूंड रहा था.कमला ने आज फिर सारी पेहेन्ते समय अपना पेटिकोट नीचे खींचा. आज पूरी तैयारी मे थी इसलिए पेटिकोट लूज बाँध रखा था. आज थोड़ा खींचने पर दो इंच
नीचे आ गया. जीतू बहाल हो गया??सारी चेक करने के बाद उसने अपना पुराना ब्लाउस पहना और इस बार बिना कोई बटन लगाए गाउन उतार दिया. फिर धीरे से दो बटन लगाए नीचे के, बाकी खुले रहने दिए. और बिस्तर पर लेट गई 'आज बहुत थक गई हूँ.' कहते हुए वो पेट के बल घूम गई. "आ, सो जा" कहते हुए उसने थोड़ी जगह बिस्तर पर बनाई. सिर्फ़
इतनी जगह की जीतू सो सके और उसका शरीर कमला के शरीर से टच हो जाए.कमला के शरीर को छुते ही उसका शरीर गरम हो गया.
नीता की शादी दो महीने बाद फिक्स हो गई थी. वो मन ही मन मुस्कुराती रहती थी. दिन भर अपने होने वाले पति रमेश की यादों मे खोई रहती थी. बार बार
उसकी तस्वीर देखती और उसे चूमती.कई कई घंटों तक अपने कमरे से बाहर नही आती थी. अपनी होने वाली सुहागरातकी सोच सोच कर अपनी चूत सहलाती रहती.इधर उसकी मा कमला भी खुश थी. अपने पति के मरने के बाद पहली बार उसे पूरीखुशी का एहसास हो रहा था. नीता के कारण उसने अपनी सेक्स की भूख को दबा कररखा था. लेकिन क्या करती सेक्स को दबाना इतना आसान नही था.अब जब नीता का ब्याह पक्का हो गया था उसकी चूत की खुजली बढ़ने लगी थी.बाहर तो कम ही जाती थी. दो साल मे कभी उसका देवर आता तब मौका देख कर उससे चुदवा लेती.
आख़िर कुच्छ ऐसा हो गया कि उसकी आग और भड़क उठी. उसने एक दिन अपने 18 सालके लड़के जीतू को नंगा देख लिया ओर उसका लंड देख कर वो गरम हो गई. उसनेसोचा जीतू को तैयार कर लेती हूँ और नीता की शादी के बाद उसके साथ सोउंगी.अगले दिन जब नीता दोपहर को अपने कमरे मे चली गई तो उसने जीतू को बुलाया.?बेटा देख और बता कौन सी सारी मुझपे अच्छी लगती है? तेरी बहेन तो खुद मेही बिज़ी है.?. जीतू को औरतों की सारी मे कोई इंटेरेस्ट नही रहता था,लेकिन अपनी मा की बात सुन कर उसे रुकना पड़ा.ये वाली तीन अच्छी हैं.? जीतू बोला. ?मुझे डाउट है ये इतनी ठीक हैंक्या? रुक मैं पहेन कर देखती हूँ.? ये कह कर उसने अपना गाउन उतार दिया.अपनी मा को पहले भी वो पेटिकोट ब्लाउस मे देख चुका था. लेकिन आज जब उसनेगाउन उतारा तब उसके दो बटन खुले थे. उनमे से दिख रही ब्रा ने जीतू को एकबार परेशान कर दिया.कमला समझ गई जीतू की नज़र कहाँ है. उसने उस बात को इग्नोर किया और सारीपहेन्ने लगी. जान भुज कर उसने सारी अंदर डालते समय और ठीक करते समयपेटिकोट नाभि से नीचे खींच लिया. उसकी नाभि पर जीतू की नज़र पड़ते हीउसकी पॅंट मे करेंट दौड़ गया.
दो सारी पहेन्ने के बाद जीतू बोला ?इसका मॅचिंग ब्लाउस भी साथ पेहेन्ति
तो ज़्यादा अच्छा लगता.?. ?कल मिलेंगे सिल कर? ये कहते हुए उसने सारी
उतारी और उसी अवस्था मे बिस्तर पर लेट गई. आदमी को चूत का दरवाज़ा दिखाना
उसे अच्छी तरह आता था?.
?आ इधर ही सो जा.? कहते हुए वो थोड़ा खिसक गई. जीतू उसके उभरे हुए वक्ष
देख कर वैसे ही सुध बुध खो बैठा था, कुच्छ बोले बिना पास मे लेट गया.
कमला उसकी तरफ मूड कर उससे बातें करने लगी. लेकिन जीतू का ध्यान बातों मेकम और उसके बाहर झाँकते हुए बूब्स पे ज़्यादा था. ऐसा लग रहा था मानो वोकिसी भी पल ब्रा से बाहर निकल पड़ेंगे. उसकी ब्रा देख कर तो मानो जीतू केलंड मे आग लग रही थी.थोड़ी देर बाद दोनो सो गये. कमला की जब नींद खुली तो जीतू सो रहा था.कमला ने धीरे से उसके आधे सख़्त लंड पे हाथ रख दिया और आँख बूँद कर केजीतू के उठने का इंतजार करने लगी. जब जीतू की आँख खुली और उसने अपनी माका हाथ अपने लौदे पे पायातो उसका लंड तेज़ी से फूलने लगा. कमला को उसके कड़क होते लंड का एहसास बड़ा मीठा लगा. मन तो किया दबा डाले पर अपने आप को रोक लिया. जीतू भी आँख बूँद कर के सोने का नाटक करते हुए कमला के कोमल हाथों का स्पर्श एंजाय करता रहा?.अगले दिन फिर दोपहर को कमला ने जीतू को बुलाया. जीतू भाग कर आ गया. ?देख
आज ब्लाउस भी आ गये.? कहते हुए कमला ने एक ब्लाउस निकाला और उसे निहारनेलगी. फिर उसने कल की तरह गाउन उतारा.
आज उसने गाउन उतारते समय अपनापेटिकोट जांघों तक उठा कर गिराया. उसकी सुडोल और चिकनी जाँघ देख कर जीतूहड़बड़ा गया.'मैं ये पहेन कर देखती हूँ.' ये कहते हुए कमला ने गाउन अपने कंधों पर रखाऔर अपना ब्लाउस खोल दिया. जब जब वो अपने हाथ उपर करती जीतू को उसकी पतली
ब्रा दिखाती और उसे मे से झाँकते हुए उसके उरोज. जीतू के लॉड का हाल बुरा था. कमला की नज़र उस पर थी. वो समझ रही थी जीतू का ध्यान उसके वक्ष पर है. उसने सिर्फ़ एक उपर का बटन बूँद किया और फिर गाउन उठा कर बिस्तर पे फेंक दिया.बड़ी सरलता के साथ वो अपने बटन लगाने लगी पर चोर नज़रों से जीतू को देख लेती. जीतू का पूरा ध्यान उसकी ब्रा पर था. मानो वो उनमे च्छूपे लाल लाल हीरे ढूंड रहा था.कमला ने आज फिर सारी पेहेन्ते समय अपना पेटिकोट नीचे खींचा. आज पूरी तैयारी मे थी इसलिए पेटिकोट लूज बाँध रखा था. आज थोड़ा खींचने पर दो इंच
नीचे आ गया. जीतू बहाल हो गया??सारी चेक करने के बाद उसने अपना पुराना ब्लाउस पहना और इस बार बिना कोई बटन लगाए गाउन उतार दिया. फिर धीरे से दो बटन लगाए नीचे के, बाकी खुले रहने दिए. और बिस्तर पर लेट गई 'आज बहुत थक गई हूँ.' कहते हुए वो पेट के बल घूम गई. "आ, सो जा" कहते हुए उसने थोड़ी जगह बिस्तर पर बनाई. सिर्फ़
इतनी जगह की जीतू सो सके और उसका शरीर कमला के शरीर से टच हो जाए.कमला के शरीर को छुते ही उसका शरीर गरम हो गया.