hotaks444
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उसमें भी उत्तेजना भर गई, वो फूलने लगा, ज्वालामुखी किसी भी पल फट सकता था…
बॉस ने स्पीड तेज कर दी, अपनी पूरी ताक़त से वो शीबा को चोदने लगा।
आख़िरकार उसके लौड़े ने लावा उगल दिया, गर्म गर्म वीर्य की धार जब शीबा की चूत की दीवारों पे लगी तो उसका बाँध भी टूट गया और फिर शीबा की चूत गरम गरम वीर्य से भरी हुई थी।
दोनों का वीर्य अब एक-दूसरे में विलीन होने लगा।
यह एक नये युग की शुरुआत थी, अश्लीलता को आम आदमी तक लाने के लिए एक हिरोइन का त्याग था।
दोनों वैसे ही एक दूसरे से लिपटे हुए पड़े रहे काफ़ी देर तक… लंड धीरे धीरे छोटा होता जा रहा था, और जैसे जैसे वो छोटा होता जा रहा था, वो चूत से बाहर निकलता जा रहा था।
शीबा- क्यों मेरे सरताज… आपको मज़ा आया या नहीं? देखो मैंने अपना सब कुछ आपको दे दिया… अब मेरी फिल्म आपके हाथ में है।
बॉस शीबा के ऊपर लेटा लेटा बोला- शीबा, तुमने मुझे शीबा दिखाई तो तुम्हारी फिल्म रिलीज होगी लेकिन एक बात कहूँ, तुमने मुझे ऐसा क्या खास दे दिया जो कह रही हो कि अपना सबकुछ आपको दे दिया? पता नहीं कितने मर्दों की झूठी चूत मेरे सामने परोसी है तुमने…
बॉस की बात सुनकर शीबा थोड़ी चौंक सी गई, उसको ज़रा भी उम्मीद नहीं थी कि बॉस ऐसा कहेगा।
मगर शीबा तो एक अदाकारा है ना उसके लिए यह कोई बड़ी बात नहीं थी, उसके जीवन में ना जाने ऐसे कितने मौके आए होंगे, उसको सब अच्छी तरह संभालना आता था।
वो बड़ी अदा के साथ बॉस के लौड़े को सहलाने लगी और अपना सर उनके सीने पे रख दिया।
शीबा- मेरे सरताज, अपने ऐसा सोच भी कैसे लिया… माना कि यहाँ तक पहुँचने के लिए मुझे कई बार अपने जिस्म की नुमाइश करनी पड़ी, कईयों को अपनी जवानी का स्वाद चखाया। मगर आप शायद भूल रहे हैं कि मैं इस देश की सबसे सुन्दर लड़की हूँ और मैं एक हिरोइन हूँ, कोई ऐसी वैसी वेश्या नहीं जो हर रात किसी नये मर्द के साथ सोती है।
बॉस- मेरी जान, तुम्हारी इसी अदा पर तो हम फिदा हो गये हैं।
अब बॉस का हाथ शीबा के चूतड़ों पर फ़िर रहा था कि शीबा ने उसकी एक उंगली अपनी गाण्ड के छेद पर महसूस की।
शीबा ने घबरा कर अपना सर बॉस के सीने से उठाया और साथ ही बॉस के काथ को अपने कूल्हे से हटा दिया।
वो बेड से नीचे उतर कर खड़ी हो गई और अपने कपड़े समेटने लगी।
बॉस बस उसे देख रहा था कि यह क्या करने वाली है?
और जैसे ही शीबा पैंटी पहनने लगी, बॉस ने उसे एक झटके से पकड़ा और बोला- जानेमन अभी तो खेल बाकी है, आगे की शीबा तो दिखा दी तुमने, पीछे की शीबा के दरवाजे में घुसना अभी बाकी है।
शीबा घबरा कर बोली- नहीं सर… वहाँ नहीं… मैंने कभी नहीं किया वहाँ…
बॉस- अरे वाह… फ़िर तो खूब मज़ा आयेगा… शीबा की पिछली शीबा अभी तक कुंवारी है? मुझे उम्मीद नहीं थी…
बॉस ने शीबा को अपनी तरफ़ चूतड़ करके झुका दिया तो शीबा का घबराया, सहमा, भूरे रंग का छेद, जो कभी थोड़ा खुल रहा था, कभी सिकुड़ रहा था, बॉस के सामने आ गया।
बॉस ने अपनी एक उंगली उस पर फ़िराई तो शीबा घबरा कर बोली- मैं मर जाऊँगी सर…
लेकिन बॉस ने उसकी बात अनसुनी कर दी और उसकी गान्ड पर अपनी उंगली गोल गोल घुमाने लगा।
शीबा समझ चुकी थी कि अब विरोध करना बेकार है तो उसने इस मौके का ज्यादा से ज्यादा फ़ायदा उठाने की सोची।
उसने नीचे खड़ी होकर आगे झुक कर अपने पैरों को फ़ैला दिया और जिससे उसकी गाण्ड का छेद खुल कर बॉस की आँखों के सामने था।
बॉस कुछ बोलता, उससे पहले शीबा बोल पड़ी- मेरे मेहरबाँ, देख लो अपनी आँखों से, आज तक जिस चीज को मैंने इतना सम्भाल कर रखा, आज आपके हवाले करती हूँ, मुझे क्या पता था कि इस शौहरत की दुनिया में कभी ऐसा मौका जरूर आएगा जब मेरी चूत की चमक भी फीकी पड़ जाएगी।
बॉस की आँखों की चमक बढ़ गई, उसने ज़ोर ज़ोर से ताली बजानी शुरू कर दी और बोला- वाह शीबा वाह… मान गए तुमको… अब तुम देखना कि मैं अपने लौड़े से तुम्हारी कोरी गाण्ड पर तुम्हारी फ़िल्म पास करने का ऑर्डर कैसे लिखता हूँ।
शीबा खुश हो गई कि अब तो फ़िल्म पास होने से कोई नहीं रोक सकता।
फ़िल्म पास होने की खुशी में वो अपने गाण्ड के उद्घाटन में होने वाली तकलीफ़ को सहने को तैयार थी।
उसे याद आ गया वो दिन जब उसने भारत सुन्दरी बनने के लिये अपने खूबसूरत बदन को उस सौन्दर्य प्रसाधन बनाने वाली कम्पनी के मैनेज़िंग डयरेक्टर के सामने परोस दिया था…
लेकिन तभी वर्तामान में शीबा झट से बेड पे चढ़ कर बॉस के लौड़े को चूसने लगी।
बॉस ने उसके चूतड़ों पे हाथ घुमाया कुछ देर बाद शीबा को घोड़ी बना दिया।
बॉस ने स्पीड तेज कर दी, अपनी पूरी ताक़त से वो शीबा को चोदने लगा।
आख़िरकार उसके लौड़े ने लावा उगल दिया, गर्म गर्म वीर्य की धार जब शीबा की चूत की दीवारों पे लगी तो उसका बाँध भी टूट गया और फिर शीबा की चूत गरम गरम वीर्य से भरी हुई थी।
दोनों का वीर्य अब एक-दूसरे में विलीन होने लगा।
यह एक नये युग की शुरुआत थी, अश्लीलता को आम आदमी तक लाने के लिए एक हिरोइन का त्याग था।
दोनों वैसे ही एक दूसरे से लिपटे हुए पड़े रहे काफ़ी देर तक… लंड धीरे धीरे छोटा होता जा रहा था, और जैसे जैसे वो छोटा होता जा रहा था, वो चूत से बाहर निकलता जा रहा था।
शीबा- क्यों मेरे सरताज… आपको मज़ा आया या नहीं? देखो मैंने अपना सब कुछ आपको दे दिया… अब मेरी फिल्म आपके हाथ में है।
बॉस शीबा के ऊपर लेटा लेटा बोला- शीबा, तुमने मुझे शीबा दिखाई तो तुम्हारी फिल्म रिलीज होगी लेकिन एक बात कहूँ, तुमने मुझे ऐसा क्या खास दे दिया जो कह रही हो कि अपना सबकुछ आपको दे दिया? पता नहीं कितने मर्दों की झूठी चूत मेरे सामने परोसी है तुमने…
बॉस की बात सुनकर शीबा थोड़ी चौंक सी गई, उसको ज़रा भी उम्मीद नहीं थी कि बॉस ऐसा कहेगा।
मगर शीबा तो एक अदाकारा है ना उसके लिए यह कोई बड़ी बात नहीं थी, उसके जीवन में ना जाने ऐसे कितने मौके आए होंगे, उसको सब अच्छी तरह संभालना आता था।
वो बड़ी अदा के साथ बॉस के लौड़े को सहलाने लगी और अपना सर उनके सीने पे रख दिया।
शीबा- मेरे सरताज, अपने ऐसा सोच भी कैसे लिया… माना कि यहाँ तक पहुँचने के लिए मुझे कई बार अपने जिस्म की नुमाइश करनी पड़ी, कईयों को अपनी जवानी का स्वाद चखाया। मगर आप शायद भूल रहे हैं कि मैं इस देश की सबसे सुन्दर लड़की हूँ और मैं एक हिरोइन हूँ, कोई ऐसी वैसी वेश्या नहीं जो हर रात किसी नये मर्द के साथ सोती है।
बॉस- मेरी जान, तुम्हारी इसी अदा पर तो हम फिदा हो गये हैं।
अब बॉस का हाथ शीबा के चूतड़ों पर फ़िर रहा था कि शीबा ने उसकी एक उंगली अपनी गाण्ड के छेद पर महसूस की।
शीबा ने घबरा कर अपना सर बॉस के सीने से उठाया और साथ ही बॉस के काथ को अपने कूल्हे से हटा दिया।
वो बेड से नीचे उतर कर खड़ी हो गई और अपने कपड़े समेटने लगी।
बॉस बस उसे देख रहा था कि यह क्या करने वाली है?
और जैसे ही शीबा पैंटी पहनने लगी, बॉस ने उसे एक झटके से पकड़ा और बोला- जानेमन अभी तो खेल बाकी है, आगे की शीबा तो दिखा दी तुमने, पीछे की शीबा के दरवाजे में घुसना अभी बाकी है।
शीबा घबरा कर बोली- नहीं सर… वहाँ नहीं… मैंने कभी नहीं किया वहाँ…
बॉस- अरे वाह… फ़िर तो खूब मज़ा आयेगा… शीबा की पिछली शीबा अभी तक कुंवारी है? मुझे उम्मीद नहीं थी…
बॉस ने शीबा को अपनी तरफ़ चूतड़ करके झुका दिया तो शीबा का घबराया, सहमा, भूरे रंग का छेद, जो कभी थोड़ा खुल रहा था, कभी सिकुड़ रहा था, बॉस के सामने आ गया।
बॉस ने अपनी एक उंगली उस पर फ़िराई तो शीबा घबरा कर बोली- मैं मर जाऊँगी सर…
लेकिन बॉस ने उसकी बात अनसुनी कर दी और उसकी गान्ड पर अपनी उंगली गोल गोल घुमाने लगा।
शीबा समझ चुकी थी कि अब विरोध करना बेकार है तो उसने इस मौके का ज्यादा से ज्यादा फ़ायदा उठाने की सोची।
उसने नीचे खड़ी होकर आगे झुक कर अपने पैरों को फ़ैला दिया और जिससे उसकी गाण्ड का छेद खुल कर बॉस की आँखों के सामने था।
बॉस कुछ बोलता, उससे पहले शीबा बोल पड़ी- मेरे मेहरबाँ, देख लो अपनी आँखों से, आज तक जिस चीज को मैंने इतना सम्भाल कर रखा, आज आपके हवाले करती हूँ, मुझे क्या पता था कि इस शौहरत की दुनिया में कभी ऐसा मौका जरूर आएगा जब मेरी चूत की चमक भी फीकी पड़ जाएगी।
बॉस की आँखों की चमक बढ़ गई, उसने ज़ोर ज़ोर से ताली बजानी शुरू कर दी और बोला- वाह शीबा वाह… मान गए तुमको… अब तुम देखना कि मैं अपने लौड़े से तुम्हारी कोरी गाण्ड पर तुम्हारी फ़िल्म पास करने का ऑर्डर कैसे लिखता हूँ।
शीबा खुश हो गई कि अब तो फ़िल्म पास होने से कोई नहीं रोक सकता।
फ़िल्म पास होने की खुशी में वो अपने गाण्ड के उद्घाटन में होने वाली तकलीफ़ को सहने को तैयार थी।
उसे याद आ गया वो दिन जब उसने भारत सुन्दरी बनने के लिये अपने खूबसूरत बदन को उस सौन्दर्य प्रसाधन बनाने वाली कम्पनी के मैनेज़िंग डयरेक्टर के सामने परोस दिया था…
लेकिन तभी वर्तामान में शीबा झट से बेड पे चढ़ कर बॉस के लौड़े को चूसने लगी।
बॉस ने उसके चूतड़ों पे हाथ घुमाया कुछ देर बाद शीबा को घोड़ी बना दिया।