hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
अपडेट : 6
सुबेह हरदयाल की नींद खूली , साना अभी भी सो रही थी..रात में जाने कब उसके बदन से चादर हट के बीस्तर पर पड़ी थी और उसका नंगा बदन फिर से उसके सामने अपनी पूरी जवानी , और जवानी की खूबसूरत और मदमाती निशानियों की शानदार नुमाइश के साथ उसकी आँखों के सामने थी ...
वो एक टक उसकी बदन की खूबसूरती अपनी आँखों से पीता जा रहा था ... सुडौल , गोल गोल और कसी हुई चूचियाँ साना की धड़कानों के साथ साथ धक धक उपर नीचे हो रही थी..टाँगें हल्की सी फैली और चूत की फाँकें उसके वीर्य और साना की चूत रस से गीली ...चमकती हुई , मानो ओस की बूँदें किसी पेड़ के पत्ते पर चमक रहीं हों ... बाल बीखरे ...खूबसूरत आँखों की पलकें मूंदी ... बड़ी बड़ी आँखों को ऐसे ढँकी थी ..मानो बस कभी भी खूल जायें और अंदर से कोई अनमोल रतन निकल पड़े ...हरदयाल एक टक उसे देखे जा रहा था .....निहारे जा रहा था ....
उसे साना के लिए अपने दिल में बे-इंतहा प्यार , दुलार , कसक और चाहत का अहसास होता है....उसे ऐसा लगा वो अपनी बेटी से कभी जुदा नही हो सकता ..उसकी जुदाई बर्दाश्त नही कर सकता ...उफफफफ्फ़..यह कैसा अहसास था....जब कि उस ने उसकी शादी करने की सोच रहा था ......क्या वो किसी और के साथ अपनी बेटी का जिस्मानी और रूहानी रिश्ता बर्दाश्त कर सकेगा..? उसके दिल की धड़कनो से सॉफ ज़हीर था ..यह बात उसके लिए बहोत मुश्किल थी ..नामुमकिन था ....पर वो क्या करे ..उफफफ्फ़....पर एक बाप अपनी बेटी के साथ कब तक ऐसा रिश्ता रख सकता है..कब तक..? कभी ना कभी तो इसे ख़त्म करना ही पड़ेगा ....
पर साना से रिश्ता ख़त्म होने की सोच से ही उसके दिल में एक हूक सी होती है ...उसे ऐसा महसूस होता है उसके दिल की धड़कन बंद हो जाएगी...वो मर जाएगा ...साना उस के दिल की धड़कन बन चूकि थी ..उसकी ज़िंदगी .उसकी जान ........
वो अपने आप को रोक नही सका ..सोती हुई साना के उपर लेट जाता है , उसे अपने से भींच लेता है..उसे अपने सीने से जोरों से लगा लेता है ..फफक के रो पड़ता है और कहता जाता है..." साना ..साना ..मेरी साना ......मेरी जान ..मेरी रानी ..मैं तुम से जुदा नही हो सकता ...मैं तुम से अलग नही रह सकता .....साना ..साना ......साना ..तुम ने सुना ना ..मैं तुम से अलग नही हो सकता ..."
हरदयाल की हरकत से साना उठ जाती है..उसकी नींद खूल जाती है ...अपने पापा के बे-इंतहा प्यार से सराबोर पर बहोत ही मायूस और निराशा से भरे लहज़े में उनके शब्द उसके कानों में पड़ते हैं .....वो चौंक पड़ती है ..अपने पापा की आँसू से भरी आँखों पर अपनी पतली , लंबी और खूबसूरत उंगलियाँ रख उनके आँसू पोंछती है ..उनका चेहरा अपनी तरफ करती है ..अपने पापा के होंठ चूमती है और कहती है ..
" पापा ..पापा ..क्या हो गया आप को..मैं कब आप से अलग होने लगी ?....मैं तो बूरे से बूरे सपने में भी ऐसा नही सोच सकती ,,कभी नहीं .....कभी नही ..जब से मैने होश संभाला है ....आप से प्यार करती हूँ ..हमेशा से ...आप ही तो मुझ से दूर दूर रहते हो पापा ....क्यूँ..? आप ऐसा क्यूँ सोचते हो .मैं कभी आप से अलग नही रहूंगी ..भले आप मुझे अलग कर दो ....." और फिर से अपने पापा को चूमने लगी ..
" हां ..हां साना , हम कभी अलग नही होंगे ...तू मेरी जान है .मेरे दिल की धड़कन है ..बेटी ...तुझे हमेशा अपने दिल से लगाए रखूँगा ..हां बेटी अपने दिल से ..अपने दिल के अंदर ...." और यह कहता हुआ उस से और भी चीपक जाता है ..लिपट जाते हैं दोनों एक दूसरे से जैसे दो लताये आपस में गूँथे और चीपके रहते हैं ...चूमते हैं एक दूसरे को ..एक दूसरे में समा जाने की होड़ मची है ...
तभी साना अपने पापा के बदन से स्लीपिंग सूट पर अपनी हथेली अंदर अंदर डालते हुए फाड़ डालती है और चीख़्ती है " पापा ..पापा ..यह दूरी क्यूँ ...यह परदा क्यूँ ....मैं बे परदा नंगी हूँ और आप यह सूट ...हटाइए ना इसे.....प्लीज़...." और फिर अपने पापा का पाजामा भी उसके अंदर हाथ डालते हुए नीचे खींचती है जोरों से ....इतने जोरों से खींचती है पाजामा भी छर्र्र्र्र्ररर छर्र्ररर करता हुआ फॅट जाता है और हरदयाल अपने पावं उठाता हुए उसे भी उतार फेंकता है ..
दो नंगे बदन ..दो शरीर अब एक होने को बेचैन हैं ...बेताब हैं ....तड़प रहे हैं ..एक दूसरे में समा जाने को ..
एक दूसरे को चूम रहे हैं , चाट रहे हैं , चूस रहे हैं ...कहाँ शूरू करें और क्या ख़तम करें किसी की समझ के बाहर है ...
साना की चूत से पानी रीस्ता जा रहा है...हरदयाल का लॉडा कड़क है ...फनफना रहा है...साना की चूत के उपर रगड़ खा रहा है ..साना मस्ती में चीत्कार रही है ,, सिसक रही है ....
सुबेह हरदयाल की नींद खूली , साना अभी भी सो रही थी..रात में जाने कब उसके बदन से चादर हट के बीस्तर पर पड़ी थी और उसका नंगा बदन फिर से उसके सामने अपनी पूरी जवानी , और जवानी की खूबसूरत और मदमाती निशानियों की शानदार नुमाइश के साथ उसकी आँखों के सामने थी ...
वो एक टक उसकी बदन की खूबसूरती अपनी आँखों से पीता जा रहा था ... सुडौल , गोल गोल और कसी हुई चूचियाँ साना की धड़कानों के साथ साथ धक धक उपर नीचे हो रही थी..टाँगें हल्की सी फैली और चूत की फाँकें उसके वीर्य और साना की चूत रस से गीली ...चमकती हुई , मानो ओस की बूँदें किसी पेड़ के पत्ते पर चमक रहीं हों ... बाल बीखरे ...खूबसूरत आँखों की पलकें मूंदी ... बड़ी बड़ी आँखों को ऐसे ढँकी थी ..मानो बस कभी भी खूल जायें और अंदर से कोई अनमोल रतन निकल पड़े ...हरदयाल एक टक उसे देखे जा रहा था .....निहारे जा रहा था ....
उसे साना के लिए अपने दिल में बे-इंतहा प्यार , दुलार , कसक और चाहत का अहसास होता है....उसे ऐसा लगा वो अपनी बेटी से कभी जुदा नही हो सकता ..उसकी जुदाई बर्दाश्त नही कर सकता ...उफफफफ्फ़..यह कैसा अहसास था....जब कि उस ने उसकी शादी करने की सोच रहा था ......क्या वो किसी और के साथ अपनी बेटी का जिस्मानी और रूहानी रिश्ता बर्दाश्त कर सकेगा..? उसके दिल की धड़कनो से सॉफ ज़हीर था ..यह बात उसके लिए बहोत मुश्किल थी ..नामुमकिन था ....पर वो क्या करे ..उफफफ्फ़....पर एक बाप अपनी बेटी के साथ कब तक ऐसा रिश्ता रख सकता है..कब तक..? कभी ना कभी तो इसे ख़त्म करना ही पड़ेगा ....
पर साना से रिश्ता ख़त्म होने की सोच से ही उसके दिल में एक हूक सी होती है ...उसे ऐसा महसूस होता है उसके दिल की धड़कन बंद हो जाएगी...वो मर जाएगा ...साना उस के दिल की धड़कन बन चूकि थी ..उसकी ज़िंदगी .उसकी जान ........
वो अपने आप को रोक नही सका ..सोती हुई साना के उपर लेट जाता है , उसे अपने से भींच लेता है..उसे अपने सीने से जोरों से लगा लेता है ..फफक के रो पड़ता है और कहता जाता है..." साना ..साना ..मेरी साना ......मेरी जान ..मेरी रानी ..मैं तुम से जुदा नही हो सकता ...मैं तुम से अलग नही रह सकता .....साना ..साना ......साना ..तुम ने सुना ना ..मैं तुम से अलग नही हो सकता ..."
हरदयाल की हरकत से साना उठ जाती है..उसकी नींद खूल जाती है ...अपने पापा के बे-इंतहा प्यार से सराबोर पर बहोत ही मायूस और निराशा से भरे लहज़े में उनके शब्द उसके कानों में पड़ते हैं .....वो चौंक पड़ती है ..अपने पापा की आँसू से भरी आँखों पर अपनी पतली , लंबी और खूबसूरत उंगलियाँ रख उनके आँसू पोंछती है ..उनका चेहरा अपनी तरफ करती है ..अपने पापा के होंठ चूमती है और कहती है ..
" पापा ..पापा ..क्या हो गया आप को..मैं कब आप से अलग होने लगी ?....मैं तो बूरे से बूरे सपने में भी ऐसा नही सोच सकती ,,कभी नहीं .....कभी नही ..जब से मैने होश संभाला है ....आप से प्यार करती हूँ ..हमेशा से ...आप ही तो मुझ से दूर दूर रहते हो पापा ....क्यूँ..? आप ऐसा क्यूँ सोचते हो .मैं कभी आप से अलग नही रहूंगी ..भले आप मुझे अलग कर दो ....." और फिर से अपने पापा को चूमने लगी ..
" हां ..हां साना , हम कभी अलग नही होंगे ...तू मेरी जान है .मेरे दिल की धड़कन है ..बेटी ...तुझे हमेशा अपने दिल से लगाए रखूँगा ..हां बेटी अपने दिल से ..अपने दिल के अंदर ...." और यह कहता हुआ उस से और भी चीपक जाता है ..लिपट जाते हैं दोनों एक दूसरे से जैसे दो लताये आपस में गूँथे और चीपके रहते हैं ...चूमते हैं एक दूसरे को ..एक दूसरे में समा जाने की होड़ मची है ...
तभी साना अपने पापा के बदन से स्लीपिंग सूट पर अपनी हथेली अंदर अंदर डालते हुए फाड़ डालती है और चीख़्ती है " पापा ..पापा ..यह दूरी क्यूँ ...यह परदा क्यूँ ....मैं बे परदा नंगी हूँ और आप यह सूट ...हटाइए ना इसे.....प्लीज़...." और फिर अपने पापा का पाजामा भी उसके अंदर हाथ डालते हुए नीचे खींचती है जोरों से ....इतने जोरों से खींचती है पाजामा भी छर्र्र्र्र्ररर छर्र्ररर करता हुआ फॅट जाता है और हरदयाल अपने पावं उठाता हुए उसे भी उतार फेंकता है ..
दो नंगे बदन ..दो शरीर अब एक होने को बेचैन हैं ...बेताब हैं ....तड़प रहे हैं ..एक दूसरे में समा जाने को ..
एक दूसरे को चूम रहे हैं , चाट रहे हैं , चूस रहे हैं ...कहाँ शूरू करें और क्या ख़तम करें किसी की समझ के बाहर है ...
साना की चूत से पानी रीस्ता जा रहा है...हरदयाल का लॉडा कड़क है ...फनफना रहा है...साना की चूत के उपर रगड़ खा रहा है ..साना मस्ती में चीत्कार रही है ,, सिसक रही है ....