hotaks444
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वो मेरे लण्ड पर, टूट पड़ी थी.. बोली – ऐसा लण्ड उस ने, कभी नहीं देखा…
तो मैंने पूछा – तुम्हारे मर्द का कैसा था…
कुकी बोली – मोटा था, बहुत पर 6 7 इंच लंबा ही था… बहुत चोदता था, मादार चोद मुझे… कुछ ही महीनों में, मेरी चूत चौड़ी कर दी थी उस ने चोद चोद कर… शादी के बाद, हर रोज दो या तीन बार ठोकता था… ड्राइवर था, ट्रक चलाता था… घर आते ही उस का पहला काम था, एक बार मेरी चुदाई करना… बड़ा मज़ा आता था, मुझे चुदने में… उस ने गाँव में, दो और भाभियों को चोदा जिन को मैं जानती थी… वो कहती थीं की तेरे मर्द का लण्ड, गधे जैसे मोटा है और चूत में जैसे फिट हो जाता है… मुझे बड़ा मज़ा आता था, ये सब सुन के औ मेरा जी चाहता था की मेरे सामने, उन्हें चोदे पर मैंने कभी कुछ नहीं कहा उसे… एक दिन, उस का ट्रक पहाड़ी से नीचे गिरा और वो मर गया… एक साल के अंदर ही, मैं विधवा हो गई… मेरा तो सब कुछ चला गया, उस के साथ ही… सच में, बहुत प्यार करती थी अपने मर्द से मैं… उसका प्यार ही था जो आज तक मेरी चूत बंद पड़ी है… लेकिन, क्या करती आख़िर चूत की आग का क्या करूँ… वो तो चला गया… पर जब से, मैंने तेरे लण्ड को देखा है, मेरी नीड उड़ गई है… क्या धारधार मूतता है रे, तू…
मैंने पूछा – मेरा कहाँ देखा…
तो बोली – एक बार, जब तू मूत रहा था और दूसरी बार, जब तू नहा रहा था… अपने बाथरूम में तो मैंने साइड की खिड़की से देख लिया था… बहुत बड़ा है रे, भीमा तेरा… मज़ा आ गया…
फिर उस ने मेरे लण्ड पर तेल की मालिश की और अपनी चूत में सरसों का तेल अंदर तक लगाया.
फिर वो बोली – अब चढ़ जा, मेरे ऊपर और अपने लण्ड को मेरी चूत में धीरे से डाल दे…
मैं हैरान था, वो इतनी टाइट चूत में मेरा पूरा लण्ड ले गई.
जब मैंने अपने लण्ड को बाहर निकाला तो “खून” लगा था उस पर पर कुकी बोली – डर मत, गधे… पूरा अंदर डाल और चोद मुझे…
मैंने खूब दिल भर कर, चोदा उसे.
फिर वो बोली – हरामी, अपना बीज़ बाहर ही निकालना अंदर नहीं…
फिर तो बीबी जी, उन चार दिनों तक मैंने उसे दिल भर कर चोदा और वो भी जब दिल करे, टाइम निकाल आ जाती थी.
लेकिन, मां के आने से यह सब बंद हो गया. बस कभी महीने में एक दो बार, चान्स लगता था.
कुकी ने मुझे पूरा “चुदाई मास्टर” बना दिया था.
कुकी मेरा लण्ड ले ले के मोटी और चौड़ी गाण्ड, वाली हो गई थी.
कुछ दिन बाद, जब हम काफ़ी खुल गये तब मैंने कुकी से कहा – कोई और मिल सकती है, क्या…
तो वो बोली – तू तो साले किस्मत वाला है… तेरा लण्ड, इतना बड़ा और मोटा है की कोई भी औरत इसे अपनी चूत में लेने को, बेताब हो जाएगी…
मैंने कहा – तो डलवा ना…
कुकी ने पूछा – कोई है, नज़र मैं क्या… ??
मैंने कहा – शीला भाभी, कभी कभी मुझे काम पर बुलाती है और मुझे उस की गाण्ड देख कर करंट लग जाता है.
शीला भाभी… …
टीचर है, गाँव में..
अब मैं, बोली – वाह !! भीमा… वो तो, बहुत सुन्दर और सुडौल है… क्या सच में फँस गई, तेरे साथ…
वो बोला – कुकी ने ही दिमाग़ दिया, बीबी जी… बोली, जब वो काम के लिए बुलाए तो तू अपना लण्ड खड़ा कर लेना, किसी तरह… फिर देखना की क्या होता है…
एक दिन, शीला भाभी ने सुबह जहाँ पशु बाँधते हैं कुछ समान उठाने के लिया बुलाया, जो की भारी था.
वो माँ से बोली – भीमा, थोड़ी देर के लिए चाहिए…
तो माँ ने कहा – ठीक है और मुझे बोली की शीला का काम ख़तम कर के, सीधे खेत में आ जाना…
मैंने बोला – ठीक है, मां जी…
फिर ऐसा हुआ की मैं समान उठा रहा था और शीला भाभी, मेरे साथ ही काम में लगी थी.
भाभी ने, जो कपड़े पहने थे वो बहुत पतले से थे.
वो बार बार, मेरे साथ टकरा रहीं थीं.
उस के बूब्स और गाण्ड देख कर, मेरा लण्ड खड़ा हो गया.
भाभी की नज़र, जब मेरी निक्कर पर पड़ी तो वो खड़ी ही रह गई और मेरी तरफ मुस्कराते हुए, देखने लगी.
कुकी ने सही कहा था, मेरे लण्ड ने उस पर जादू का काम क्या था.
फिर वो मुस्करा कर बोली – भीमा, एक मिनट…
मेरे नज़दीक आई और सीधा मेरी निक्कर में हाथ डाल दिया और बोली – अंदर लंगोट, पहन लिया कर…
मैं चौंक गया, क्या करूँ.. यह सोचने लगा की भाभी क्या बोलेगी, मुझे..
पर वो इससे ज़्यादा कुछ नहीं बोली और मेरा लण्ड पकड़ कर, हिलाने लग पड़ी.
भीमा, ऐसा लोडा मैंने कभी नहीं देखा, आज तक… मैंने पहले भी, तीन चार मर्दों से चुदाई करवाई है किंतु तेरे लण्ड जैसा किसी का नहीं… – भाभी ने कहा..
उस ने मेरे लण्ड पर थूक लगाया और आगे पीछे करने लग पड़ी.
मुझे, बड़ा अच्छा लग रहा था.
फिर दोबारा, ढेर सारा थूक लगाया और बोली – थोड़ा रुक… मां तो है नहीं, यहा वो तो खेतों में चली गई है… और उस ने फटाफट, अपनी सलवार खोल दी और एक फटी हुई चटाई पर लेट गई और बोली – तूने, कभी ऐसी चूत देखी है पहले… देख, एक भी बाल नहीं है इस पर…
मैंने कहा – नहीं भाभी… पहली बार ही, देख रहा हूँ…
पर बीबी जी, उनकी चूत थोड़ी सी “काली” थी जब की कुकी की एकदम दूध सी गोरी..
भाभी बोली – अच्छी से देख ले, आज…
उस ने टाइम नहीं गवाया और सीधा, मेरा लण्ड अपने चूत पर रखा और बोली – थूक लगा के अंदर डाल… इस मूसल को धीरे से…
मैंने कहा – भाभी, क्या कह रही हैं आप… मैं आपका नौकर हूँ…
वो बोली – अरे, कुत्ते… तुझे बिन माँगे, “चिकनी चूत” मिल रही है… साले, यह तो माँगने पर भी नहीं मिलेगी… मिलनी तो क्या, दर्शन भी नहीं होंगे… और नौकर वोकर, कुछ नहीं… अभी तू सिर्फ़ एक लंड है और मैं एक चूत… गाँव के लोग, मेरी गाण्ड और दूध देख कर, लण्ड हाथ में ले कर खड़े रहते हैं की मिले तो फाड़ डाले इस की… यह तो तेरे लण्ड की करामात है जो मैं, दो मिनिट में तेरे नीचे पड़ी हूँ, फ्री में… वरना लोग, अपने खेत मेरे नाम कर दें, इस चूत और गांड के लिए… समझा… जल्दी कर…
वो नीचे लेट गई थी और बोली – अब चढ़ जा, सांड की तरह… मेरे ऊपर और घुसेड दे इस 10” डंडे को…
उसने फिर से, अपने चूत पर थूक लगाया और मेरे लण्ड पर भी लगाया और ज़ोर से ऊपर को धक्का मारा.
मेरा आधा लण्ड, एक बार में अंदर चला गया.
कुक्की की तरह, उसकी चूत कसी नहीं थी.
उसे इतना जोश आ गया था की बोली – पूरा ज़ोर से धक्का लगा और अंदर कर दे…
मैंने भी अब देर नहीं की और दे दिया, ज़ोर का धक्का.
पूरा लण्ड झटके से, अंदर चला गया.
वो ज़ोर से चीखी, लेकिन अपना ही हाथ रख कर अपनी आवाज़ रोक ली फट से.
फिर, वो बोली – मादर चोद, फट गई रे आज़ मेरी चूत… धीरे से, चोद अब मुझे…
कुकी की चुदाई कर के, मैं अब तक सीख गया था की कैसे चोदना है.
15 मिनट तक, ज़ोर लगा लगा के चोदा मैंने भाभी को और मैंने अपना पूरा पानी, उस की चूत में ही डाल दिया.
फिर वो बोली – बहन चोद, भर दी मेरी चूत… तू ने साले… मेरा पानी, अभी भी अंदर ही भरा पड़ा है…
फिर उस ने उठते ही, फट से उठ कर पेशाब कर दिया.
वो बोली – सारा माल बाहर कर देती हूँ नहीं तो मुश्किल में पड़ जाउंगी…
सच मुझे बड़ा मज़ा आया, उस दिन.
पहली बार, पता चला की इतनी सुंदर, साफ सूत्री, बिना बाल की चूत में, लण्ड डाल कर चोदने में कितना मज़ा आता है और कैसे, आग लगी चूत चुदाई करवाती हैं.
शीला भाभी, बड़ी सुंदर हैं. उन्हें देखते ही मेरा लण्ड, हुंकार भरने लगता था अब तो.
जाते जाते, भाभी बोली – भीमा, मज़ा आ गया… तेरा बड़ा लंबा और मोटा है… इसे औरतों को मत दिखना नहीं तो तेरी खैर नहीं… मोटे लंड के लिए, बड़ी से बड़ी “शरीफ औरत” का ईमान डोल जाता है…
अब मैंने पूछा – अभी भी करते हो या बंद कर दी…
भीमा – करती हैं ना, बीबी जी… मौका ताड़ते ही, टूट पड़ती हैं…
मैं – कहाँ करते हो अब, यह सब कुछ…
तो भीमा बोला – जहाँ पशु बाँधते हैं… सुबह सुबह ही कर लेते हैं… या फिर जब किसी काम को भाभी जी बुलाती है या फिर भैया को कहीं जाना हो तब…
मैं – कैसी हैं, भाभी…
वो बोला – बहुत ही अच्छी हैं और बड़ा मज़ा आता है, शीला भाभी को चोदने में… उन की गाण्ड भी मोटी है इस लिए तो जब मैंने पहले दिन चोदा था तो इतनी तकलीफ़ नहीं हुई थी, भाभी को… उचक उचक कर, चुदाई करवाती हैं… सब कुछ सीखा दिया है, कुकी ने मुझे… कुकी कहती है की जिस औरत की गाण्ड मोटी या चौड़ी है, समझो मोटा लण्ड खा रही है और मेरे जैसे का आराम से ले लेगी… अब तो उन की गाण्ड और भी मोटी हो रही है… भाभी और कुकी दोनों, कभी कभी मुझसे गांड भी मरवाती हैं और मेरे मूठ से अपने गांड की मालिश करवाती है… भाभी तो चोदते चोदते, कभी मेरे लंड पर मूत भी देती हैं… कहती हैं, उससे कोई रोग नहीं होता…
फिर उसने बताया की एक दिन, भाभी उससे बोली – भीमा, तू ऐसे ही चोदता रहा तो मेरी गाण्ड और मोटी और चौड़ी हो जाएगी… अब तक किसी को भनक तक नहीं लगी की हम यह काम करते हैं… तेरे भैया तो चूतिए है, उनको कुछ समझ नहीं पड़ता… पर मां की नज़र पारखी है…
फिर भाभी ने मुझसे पूछा – एक बात बता, सच सच किसी और की तो नहीं फादी तूने…
मैं बोला – नहीं, भाभी जी…
भाभी – चोदेगा, किसी को…
मैं – किस को चोदूँ… आप बताओ और केसे होगा, यह सब… मुझे कौन देने वाली है या चुदवाने वाली है यहाँ पर…
भाभी बोली – अभी नहीं… बाद में बताउंगी क्या करना है और कैसे करना है… पर किसी को कानों कान, खबर नहीं होनी चाहिए… समझा…
इस बीच में, ना मुझे बारिश का ख़याल था ना समय का.
तो मैंने पूछा – तुम्हारे मर्द का कैसा था…
कुकी बोली – मोटा था, बहुत पर 6 7 इंच लंबा ही था… बहुत चोदता था, मादार चोद मुझे… कुछ ही महीनों में, मेरी चूत चौड़ी कर दी थी उस ने चोद चोद कर… शादी के बाद, हर रोज दो या तीन बार ठोकता था… ड्राइवर था, ट्रक चलाता था… घर आते ही उस का पहला काम था, एक बार मेरी चुदाई करना… बड़ा मज़ा आता था, मुझे चुदने में… उस ने गाँव में, दो और भाभियों को चोदा जिन को मैं जानती थी… वो कहती थीं की तेरे मर्द का लण्ड, गधे जैसे मोटा है और चूत में जैसे फिट हो जाता है… मुझे बड़ा मज़ा आता था, ये सब सुन के औ मेरा जी चाहता था की मेरे सामने, उन्हें चोदे पर मैंने कभी कुछ नहीं कहा उसे… एक दिन, उस का ट्रक पहाड़ी से नीचे गिरा और वो मर गया… एक साल के अंदर ही, मैं विधवा हो गई… मेरा तो सब कुछ चला गया, उस के साथ ही… सच में, बहुत प्यार करती थी अपने मर्द से मैं… उसका प्यार ही था जो आज तक मेरी चूत बंद पड़ी है… लेकिन, क्या करती आख़िर चूत की आग का क्या करूँ… वो तो चला गया… पर जब से, मैंने तेरे लण्ड को देखा है, मेरी नीड उड़ गई है… क्या धारधार मूतता है रे, तू…
मैंने पूछा – मेरा कहाँ देखा…
तो बोली – एक बार, जब तू मूत रहा था और दूसरी बार, जब तू नहा रहा था… अपने बाथरूम में तो मैंने साइड की खिड़की से देख लिया था… बहुत बड़ा है रे, भीमा तेरा… मज़ा आ गया…
फिर उस ने मेरे लण्ड पर तेल की मालिश की और अपनी चूत में सरसों का तेल अंदर तक लगाया.
फिर वो बोली – अब चढ़ जा, मेरे ऊपर और अपने लण्ड को मेरी चूत में धीरे से डाल दे…
मैं हैरान था, वो इतनी टाइट चूत में मेरा पूरा लण्ड ले गई.
जब मैंने अपने लण्ड को बाहर निकाला तो “खून” लगा था उस पर पर कुकी बोली – डर मत, गधे… पूरा अंदर डाल और चोद मुझे…
मैंने खूब दिल भर कर, चोदा उसे.
फिर वो बोली – हरामी, अपना बीज़ बाहर ही निकालना अंदर नहीं…
फिर तो बीबी जी, उन चार दिनों तक मैंने उसे दिल भर कर चोदा और वो भी जब दिल करे, टाइम निकाल आ जाती थी.
लेकिन, मां के आने से यह सब बंद हो गया. बस कभी महीने में एक दो बार, चान्स लगता था.
कुकी ने मुझे पूरा “चुदाई मास्टर” बना दिया था.
कुकी मेरा लण्ड ले ले के मोटी और चौड़ी गाण्ड, वाली हो गई थी.
कुछ दिन बाद, जब हम काफ़ी खुल गये तब मैंने कुकी से कहा – कोई और मिल सकती है, क्या…
तो वो बोली – तू तो साले किस्मत वाला है… तेरा लण्ड, इतना बड़ा और मोटा है की कोई भी औरत इसे अपनी चूत में लेने को, बेताब हो जाएगी…
मैंने कहा – तो डलवा ना…
कुकी ने पूछा – कोई है, नज़र मैं क्या… ??
मैंने कहा – शीला भाभी, कभी कभी मुझे काम पर बुलाती है और मुझे उस की गाण्ड देख कर करंट लग जाता है.
शीला भाभी… …
टीचर है, गाँव में..
अब मैं, बोली – वाह !! भीमा… वो तो, बहुत सुन्दर और सुडौल है… क्या सच में फँस गई, तेरे साथ…
वो बोला – कुकी ने ही दिमाग़ दिया, बीबी जी… बोली, जब वो काम के लिए बुलाए तो तू अपना लण्ड खड़ा कर लेना, किसी तरह… फिर देखना की क्या होता है…
एक दिन, शीला भाभी ने सुबह जहाँ पशु बाँधते हैं कुछ समान उठाने के लिया बुलाया, जो की भारी था.
वो माँ से बोली – भीमा, थोड़ी देर के लिए चाहिए…
तो माँ ने कहा – ठीक है और मुझे बोली की शीला का काम ख़तम कर के, सीधे खेत में आ जाना…
मैंने बोला – ठीक है, मां जी…
फिर ऐसा हुआ की मैं समान उठा रहा था और शीला भाभी, मेरे साथ ही काम में लगी थी.
भाभी ने, जो कपड़े पहने थे वो बहुत पतले से थे.
वो बार बार, मेरे साथ टकरा रहीं थीं.
उस के बूब्स और गाण्ड देख कर, मेरा लण्ड खड़ा हो गया.
भाभी की नज़र, जब मेरी निक्कर पर पड़ी तो वो खड़ी ही रह गई और मेरी तरफ मुस्कराते हुए, देखने लगी.
कुकी ने सही कहा था, मेरे लण्ड ने उस पर जादू का काम क्या था.
फिर वो मुस्करा कर बोली – भीमा, एक मिनट…
मेरे नज़दीक आई और सीधा मेरी निक्कर में हाथ डाल दिया और बोली – अंदर लंगोट, पहन लिया कर…
मैं चौंक गया, क्या करूँ.. यह सोचने लगा की भाभी क्या बोलेगी, मुझे..
पर वो इससे ज़्यादा कुछ नहीं बोली और मेरा लण्ड पकड़ कर, हिलाने लग पड़ी.
भीमा, ऐसा लोडा मैंने कभी नहीं देखा, आज तक… मैंने पहले भी, तीन चार मर्दों से चुदाई करवाई है किंतु तेरे लण्ड जैसा किसी का नहीं… – भाभी ने कहा..
उस ने मेरे लण्ड पर थूक लगाया और आगे पीछे करने लग पड़ी.
मुझे, बड़ा अच्छा लग रहा था.
फिर दोबारा, ढेर सारा थूक लगाया और बोली – थोड़ा रुक… मां तो है नहीं, यहा वो तो खेतों में चली गई है… और उस ने फटाफट, अपनी सलवार खोल दी और एक फटी हुई चटाई पर लेट गई और बोली – तूने, कभी ऐसी चूत देखी है पहले… देख, एक भी बाल नहीं है इस पर…
मैंने कहा – नहीं भाभी… पहली बार ही, देख रहा हूँ…
पर बीबी जी, उनकी चूत थोड़ी सी “काली” थी जब की कुकी की एकदम दूध सी गोरी..
भाभी बोली – अच्छी से देख ले, आज…
उस ने टाइम नहीं गवाया और सीधा, मेरा लण्ड अपने चूत पर रखा और बोली – थूक लगा के अंदर डाल… इस मूसल को धीरे से…
मैंने कहा – भाभी, क्या कह रही हैं आप… मैं आपका नौकर हूँ…
वो बोली – अरे, कुत्ते… तुझे बिन माँगे, “चिकनी चूत” मिल रही है… साले, यह तो माँगने पर भी नहीं मिलेगी… मिलनी तो क्या, दर्शन भी नहीं होंगे… और नौकर वोकर, कुछ नहीं… अभी तू सिर्फ़ एक लंड है और मैं एक चूत… गाँव के लोग, मेरी गाण्ड और दूध देख कर, लण्ड हाथ में ले कर खड़े रहते हैं की मिले तो फाड़ डाले इस की… यह तो तेरे लण्ड की करामात है जो मैं, दो मिनिट में तेरे नीचे पड़ी हूँ, फ्री में… वरना लोग, अपने खेत मेरे नाम कर दें, इस चूत और गांड के लिए… समझा… जल्दी कर…
वो नीचे लेट गई थी और बोली – अब चढ़ जा, सांड की तरह… मेरे ऊपर और घुसेड दे इस 10” डंडे को…
उसने फिर से, अपने चूत पर थूक लगाया और मेरे लण्ड पर भी लगाया और ज़ोर से ऊपर को धक्का मारा.
मेरा आधा लण्ड, एक बार में अंदर चला गया.
कुक्की की तरह, उसकी चूत कसी नहीं थी.
उसे इतना जोश आ गया था की बोली – पूरा ज़ोर से धक्का लगा और अंदर कर दे…
मैंने भी अब देर नहीं की और दे दिया, ज़ोर का धक्का.
पूरा लण्ड झटके से, अंदर चला गया.
वो ज़ोर से चीखी, लेकिन अपना ही हाथ रख कर अपनी आवाज़ रोक ली फट से.
फिर, वो बोली – मादर चोद, फट गई रे आज़ मेरी चूत… धीरे से, चोद अब मुझे…
कुकी की चुदाई कर के, मैं अब तक सीख गया था की कैसे चोदना है.
15 मिनट तक, ज़ोर लगा लगा के चोदा मैंने भाभी को और मैंने अपना पूरा पानी, उस की चूत में ही डाल दिया.
फिर वो बोली – बहन चोद, भर दी मेरी चूत… तू ने साले… मेरा पानी, अभी भी अंदर ही भरा पड़ा है…
फिर उस ने उठते ही, फट से उठ कर पेशाब कर दिया.
वो बोली – सारा माल बाहर कर देती हूँ नहीं तो मुश्किल में पड़ जाउंगी…
सच मुझे बड़ा मज़ा आया, उस दिन.
पहली बार, पता चला की इतनी सुंदर, साफ सूत्री, बिना बाल की चूत में, लण्ड डाल कर चोदने में कितना मज़ा आता है और कैसे, आग लगी चूत चुदाई करवाती हैं.
शीला भाभी, बड़ी सुंदर हैं. उन्हें देखते ही मेरा लण्ड, हुंकार भरने लगता था अब तो.
जाते जाते, भाभी बोली – भीमा, मज़ा आ गया… तेरा बड़ा लंबा और मोटा है… इसे औरतों को मत दिखना नहीं तो तेरी खैर नहीं… मोटे लंड के लिए, बड़ी से बड़ी “शरीफ औरत” का ईमान डोल जाता है…
अब मैंने पूछा – अभी भी करते हो या बंद कर दी…
भीमा – करती हैं ना, बीबी जी… मौका ताड़ते ही, टूट पड़ती हैं…
मैं – कहाँ करते हो अब, यह सब कुछ…
तो भीमा बोला – जहाँ पशु बाँधते हैं… सुबह सुबह ही कर लेते हैं… या फिर जब किसी काम को भाभी जी बुलाती है या फिर भैया को कहीं जाना हो तब…
मैं – कैसी हैं, भाभी…
वो बोला – बहुत ही अच्छी हैं और बड़ा मज़ा आता है, शीला भाभी को चोदने में… उन की गाण्ड भी मोटी है इस लिए तो जब मैंने पहले दिन चोदा था तो इतनी तकलीफ़ नहीं हुई थी, भाभी को… उचक उचक कर, चुदाई करवाती हैं… सब कुछ सीखा दिया है, कुकी ने मुझे… कुकी कहती है की जिस औरत की गाण्ड मोटी या चौड़ी है, समझो मोटा लण्ड खा रही है और मेरे जैसे का आराम से ले लेगी… अब तो उन की गाण्ड और भी मोटी हो रही है… भाभी और कुकी दोनों, कभी कभी मुझसे गांड भी मरवाती हैं और मेरे मूठ से अपने गांड की मालिश करवाती है… भाभी तो चोदते चोदते, कभी मेरे लंड पर मूत भी देती हैं… कहती हैं, उससे कोई रोग नहीं होता…
फिर उसने बताया की एक दिन, भाभी उससे बोली – भीमा, तू ऐसे ही चोदता रहा तो मेरी गाण्ड और मोटी और चौड़ी हो जाएगी… अब तक किसी को भनक तक नहीं लगी की हम यह काम करते हैं… तेरे भैया तो चूतिए है, उनको कुछ समझ नहीं पड़ता… पर मां की नज़र पारखी है…
फिर भाभी ने मुझसे पूछा – एक बात बता, सच सच किसी और की तो नहीं फादी तूने…
मैं बोला – नहीं, भाभी जी…
भाभी – चोदेगा, किसी को…
मैं – किस को चोदूँ… आप बताओ और केसे होगा, यह सब… मुझे कौन देने वाली है या चुदवाने वाली है यहाँ पर…
भाभी बोली – अभी नहीं… बाद में बताउंगी क्या करना है और कैसे करना है… पर किसी को कानों कान, खबर नहीं होनी चाहिए… समझा…
इस बीच में, ना मुझे बारिश का ख़याल था ना समय का.