hotaks444
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मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ..
वो बोला इस का सुपाड़ा, बड़ा लंबा है..
कोई 5 मिनट तक, वो चूसता रहा.
एक पल के लिए भी, मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ..
फिर वो, मुझ को बोला – सरसों का तेल ला…
मैं सदमे में ही, तेल ले कर आ गई..
जय ने भीमा को बोला की तेल अपने लण्ड पर लगाए और मुझ को बोला दो उंगलियों से तेल, उस की गाण्ड में डाले अंदर तक.
मैंने, वैसा ही क्या.
जय ने कहा – भीमा, अब धीरे से अपना मोटा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसेड दे… पूरी कर दे, अपनी बीबी जी की खाविश…
मैं तो डर गई की जय की गाण्ड, कहीं फट ना जाए.
मैं भीमा को बोली – भीमा, धीरे से चोदना साब को…
भीमा बोला – ठीक है, बीबी जी…
भीमा ने धीरे धीरे, तेल लगा लगा कर अपना पूरा लण्ड जय की गाण्ड में घुसेड दिया और लगा, धक्के मारने और फिर उसने स्पीड तेज कर दी.
भीमा ने जय की गाण्ड का भरता बना दिया, चोद चोद कर.
सुमन देख रही थी की भीमा का लण्ड, जय की गाण्ड में बंदूक की तरह अंदर बाहर हो रहा है.
भीमा, सुमन को देख रहा था और जय की गाण्ड मार रहा था.
फिर वो बोला – बीबीजी, साहब की गाण्ड बड़ी टाइट है, बड़ा मज़ा आ रहा है… साहब को भी आ रहा होगा…
जय को बेशक भयंकर दर्द हो रहा था पर वो बोला – बड़ा मज़ा आ रहा है, भीमा… पूरा अंदर पेल दो…
कोई आधे घंटे तक, भीमा ने जय की गाण्ड एक सांड की तरह खूब धक्के मार मार के मारी.
जय की गाण्ड मारने के बाद, पूरा पानी उस की गाण्ड मैं ही छोड़ दिया भीमा ने.
फिर वो बोला – मज़ा आ गया, साहब को चोदने में…
जय, घोड़ी की तरह झुका रहा.
मैं बोली – जय, भीमा ने तो तुम्हारी गाण्ड का छेद चौड़ा कर दिया..
जय, हंसते हुए बोला – साले का बहुत ही मोटा है पर मज़ा आ गया मरवाने में, इस से… शादी के बाद, पहली बार मरवाई है…
फिर दोनों बाथरूम में गये और साफ कर के आ गये.
मैं बोली – जय, आप तो बहुत चालू निकले… मुझे तो पता ही नहीं था, तुम्हें यह शौक भी है…
जय बोला – कॉलेज में थे तो कई बार, आपस में गाण्ड मारते और मरवाते थे… लेकिन इतना मोटा और लंबा लण्ड नहीं देखा और ना ही, गाण्ड में लिया था… आज तो भीमा का देख कर, मेरा भी मन कर पड़ा मरवाने का… क्या चीज़ है, भीमा तेरा लण्ड… औरतें क्या, मर्द भी अंदर लेने को तडप पड़े…
मैं हंस पड़ी.. सुना तो बहुत था लड़के बेचारे आपस में गांड मार के और मरवा के काम चला लेते हैं.. आज, साबित हो गया..
खैर, अब तक रात के 2 बजने को थे और फिर चाय पी हम सब ने..
भीमा का तब तक, फिर खड़ा हो गया था..
अब मैंने सोचा की मैं फँस गई.. क्या करूँ..
मैंने कहा – क्यूँ रे, भीमा… फिर, डंडा खड़ा हो गया तेरा…
वो बोला – आप ने दूध ही ऐसा पिलाया है, बीबी जी… बड़ी ताक़त है, उस में… मैंने ऐसा दूध नहीं पिया, पहले कभी भी…
फिर, भीमा बोला – आज तो, बीबी जी आप की चूत और गाण्ड दोनों का भोसड़ा बना दूगा, मैं… इतनी जल्दी निकलने वाला नहीं है मेरा, इस बार…
मैं बोली – ठीक है तो चढ़ जा, मेरे घोड़े इस घोड़ी पर और कर दे चौड़ी आगे पीछे की दोनों ही… मना कौन कर रहा है, यहाँ…
भीमा को बड़ा मज़ा आ रहा था, इस “नंगे खेल” में..
भीमा ने मुझे को कमर से पकड़ा और अपना लण्ड, गाण्ड पर रगड़ना शुरू किया..
मैं बोली – तेल लगा ले, साले… फाड़ डालेगा क्या, मेरी गाण्ड… साहब की तरह चौड़ी नहीं है, मेरी…
जय उठा और उसने मेरी गाण्ड में अपनी दो उंगलियों से तेल लगाया, अंदर तक और खूब तेल भर दिया, उस में…
फिर जय, भीमा को बोला – अब तेल लगा ले, अपने लंड पर और पेल दो अंदर… लेकिन, भीमा धीरे धीरे ही डालना… मेरी बीबी की गाण्ड बहुत टाइट है…
उस ने मुझ को घोड़ी बनाया और अपना लण्ड, गाण्ड पर रखा और एक धक्का मारा.
आधा लण्ड घुस गया, अंदर…
मैं चिल्लाई – बहन के लौड़े…
पर इसी दौरान, उसने एक और ज़ोरदार धक्का दे मारा और पूरा लण्ड घुसेड दिया, जड़ तक…
भीमा बोला – बस बीबी जी, पूरा अंदर घुस गया है…
मैं बोली – अबे, साले घोड़े निकाल बाहर… तेरी मैया की चूत… बहुत दर्द हो रही है, मेरी गांड… भोसड़ी वाले…
भीमा बोला – अब तो बीबी जी, अंदर घुस चुका है… डरना क्या, मज़ा लो ना… आप की गाण्ड बहुत साफ और सुंदर है, बीबी जी… मैं तो क्या, गधा भी अपना लण्ड डालने को आप के पीछे खड़ा कर के भागना शुरू कर दे… बहुत मज़ा आ रहा है, आप की गाण्ड मारने में…
यहाँ, जय भी बोला – भीमा, पूरी ताक़त से ठोको बीबी जी को… पता चले की, फौलादी लण्ड क्या होता है… पेल दो और फूला दो, इस की गाण्ड…
भीमा बोला – साहब जी, बीबीजी की गाण्ड तो क्या चूत भी “स्प्रिंग” की तरह है… जो कोई भी इन की मारेगा, मज़ा ही मिलेगा…
भीमा ने बडाल बडाल के मेरी चूत और गाण्ड को, मार मार कर चौड़ा कर दिया था..
मैं बोली – बस, अब और नहीं… बहुत हो गया, आज़… दोनों मेरी मिल के मां चोद रहे हो… बस करो, अब… चल, मेरे घोड़े सो जा… अब कल काम भी करना है…
फिर कुछ देर बाद, भीमा ने अकेले में कहा – बीबी जी, आपने अपना वादा निभा दिया आज़… आप बहुत अच्छी हैं और आप की चूत और गाण्ड भी बहुत ही जबरदस्त हैं…
अगले दो दिन भी खूब खुल कर चुदाई हुई..
जय ने खूब लण्ड पिलवाया, मुझ में और दो बार और अपनी गाण्ड भी मरवाई, भीमा से..
मैं भी खूब चुदी और हर बार, भीमा ने अपना बीज़ मेरे चूत में ही डाला.
फिर, जय वापिस चला गया और मुझ को बोला – बड़ा मज़ा आया मुझे… तुझे चुदवाते हुए देखने के बाद, अब मैं मर भी गया तो कोई गम नहीं… इससे ज़्यादा मज़ा मुझे अब जिंदगी में किसी चीज़ में नहीं आएगा… अब ख़याल रखना, खुली चुदाई मत करते रहना…
मैंने कहा – जानू, मरे आपके दुश्मन… अभी तो हमे बहुत मज़े लेने हैं… वैसे, भीमा का माल, मेरी चूत के अंदर तक घुस गया है… कहीं गड़बड़ ना हो जाए…
तो वो बोला – कोई बात नहीं, वापस आ जाओ… फिर देखेंगे…
मैंने जय को यह बता दिया की उस का बीज़ मेरी चूत के अंदर चला गया है, जब भीमा ने मेरी टाँगे उठा कर चुदाई की थी और अपना पानी उस ने मेरी चूत में छोड़ा था..
पूरा लण्ड, जड़ तक मेरी चूत में घुसेड दिया था, हरामी ने.. पूरी पिचकारी अंदर ही मारी थी, अपने पानी की..
कहीं रह गया तो क्या होगा .?.
जय चला गया, वापस और अब मैं अकेले ही थी घर पर..
एक दिन भीमा रात को आ गया, बिना बुलाइए ही..
आते ही बोला – बीबी जी, मुझे आप की चुदाई करने का बड़ा मॅन है…
मैंने भी कहा – ठीक है, भीमा… अब तो तूने साहब के सामने ही, मेरी ले ली है… उनकी भी गाण्ड चौड़ी कर दी है… अब कोई डर नहीं है… जी भर के चोद, मेरी हरामजादि चूत को…
वो बोला – साहब, बहुत अच्छे हैं…
मैंने कहा – हाँ क्यों नहीं… गाण्ड जो मिल गई, मुफ़्त में तुझे…
भीमा, ज़ोर से हँसने लगा..
उस रात, मैंने भीमा को फिर वियाग्रा डाल कर दूध पीला दिया..
जय एक गोली छोड़ गया था, अलमारी में.. मेरे मज़े के लिए..
मैं भी अब “फ्री” थी, जैसे भी चुदवा लूँ..
मैं पूरी नंगी हो गई और भीमा को भी नंगा कर दिया.
मैंने भीमा से कहा की अब जितना चोदना है, चोद… आज़ मैं, तेरी हूँ पूरी तरह से…
भीमा ने मुझे दिल भर के खूब पेला और पूरा बीज़, मेरी चूत में फ़चा फ़चा भर दिया.
वियाग्रा खाने के बाद तो उस का लण्ड, इतना कड़क हो गया था की हिलता तक नहीं था..
लोहे की रोड जैसा, सीधा घुस जाता और भीमा पूरी ताक़त लगा कर घुसेड़ता..
जाने कितनी देर, उस ने अपना लण्ड मेरी चूत में ही डाले रखा.
गाण्ड भी, कुत्ते ने खूब मारी.. समझो, भोसड़ा बना दिया था उस ने आगे पीछे दोनों साइड से..
पूरी रात, अपना लण्ड मेरी चूत में ही घुसेडे रखा था.
वो बोला इस का सुपाड़ा, बड़ा लंबा है..
कोई 5 मिनट तक, वो चूसता रहा.
एक पल के लिए भी, मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ..
फिर वो, मुझ को बोला – सरसों का तेल ला…
मैं सदमे में ही, तेल ले कर आ गई..
जय ने भीमा को बोला की तेल अपने लण्ड पर लगाए और मुझ को बोला दो उंगलियों से तेल, उस की गाण्ड में डाले अंदर तक.
मैंने, वैसा ही क्या.
जय ने कहा – भीमा, अब धीरे से अपना मोटा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसेड दे… पूरी कर दे, अपनी बीबी जी की खाविश…
मैं तो डर गई की जय की गाण्ड, कहीं फट ना जाए.
मैं भीमा को बोली – भीमा, धीरे से चोदना साब को…
भीमा बोला – ठीक है, बीबी जी…
भीमा ने धीरे धीरे, तेल लगा लगा कर अपना पूरा लण्ड जय की गाण्ड में घुसेड दिया और लगा, धक्के मारने और फिर उसने स्पीड तेज कर दी.
भीमा ने जय की गाण्ड का भरता बना दिया, चोद चोद कर.
सुमन देख रही थी की भीमा का लण्ड, जय की गाण्ड में बंदूक की तरह अंदर बाहर हो रहा है.
भीमा, सुमन को देख रहा था और जय की गाण्ड मार रहा था.
फिर वो बोला – बीबीजी, साहब की गाण्ड बड़ी टाइट है, बड़ा मज़ा आ रहा है… साहब को भी आ रहा होगा…
जय को बेशक भयंकर दर्द हो रहा था पर वो बोला – बड़ा मज़ा आ रहा है, भीमा… पूरा अंदर पेल दो…
कोई आधे घंटे तक, भीमा ने जय की गाण्ड एक सांड की तरह खूब धक्के मार मार के मारी.
जय की गाण्ड मारने के बाद, पूरा पानी उस की गाण्ड मैं ही छोड़ दिया भीमा ने.
फिर वो बोला – मज़ा आ गया, साहब को चोदने में…
जय, घोड़ी की तरह झुका रहा.
मैं बोली – जय, भीमा ने तो तुम्हारी गाण्ड का छेद चौड़ा कर दिया..
जय, हंसते हुए बोला – साले का बहुत ही मोटा है पर मज़ा आ गया मरवाने में, इस से… शादी के बाद, पहली बार मरवाई है…
फिर दोनों बाथरूम में गये और साफ कर के आ गये.
मैं बोली – जय, आप तो बहुत चालू निकले… मुझे तो पता ही नहीं था, तुम्हें यह शौक भी है…
जय बोला – कॉलेज में थे तो कई बार, आपस में गाण्ड मारते और मरवाते थे… लेकिन इतना मोटा और लंबा लण्ड नहीं देखा और ना ही, गाण्ड में लिया था… आज तो भीमा का देख कर, मेरा भी मन कर पड़ा मरवाने का… क्या चीज़ है, भीमा तेरा लण्ड… औरतें क्या, मर्द भी अंदर लेने को तडप पड़े…
मैं हंस पड़ी.. सुना तो बहुत था लड़के बेचारे आपस में गांड मार के और मरवा के काम चला लेते हैं.. आज, साबित हो गया..
खैर, अब तक रात के 2 बजने को थे और फिर चाय पी हम सब ने..
भीमा का तब तक, फिर खड़ा हो गया था..
अब मैंने सोचा की मैं फँस गई.. क्या करूँ..
मैंने कहा – क्यूँ रे, भीमा… फिर, डंडा खड़ा हो गया तेरा…
वो बोला – आप ने दूध ही ऐसा पिलाया है, बीबी जी… बड़ी ताक़त है, उस में… मैंने ऐसा दूध नहीं पिया, पहले कभी भी…
फिर, भीमा बोला – आज तो, बीबी जी आप की चूत और गाण्ड दोनों का भोसड़ा बना दूगा, मैं… इतनी जल्दी निकलने वाला नहीं है मेरा, इस बार…
मैं बोली – ठीक है तो चढ़ जा, मेरे घोड़े इस घोड़ी पर और कर दे चौड़ी आगे पीछे की दोनों ही… मना कौन कर रहा है, यहाँ…
भीमा को बड़ा मज़ा आ रहा था, इस “नंगे खेल” में..
भीमा ने मुझे को कमर से पकड़ा और अपना लण्ड, गाण्ड पर रगड़ना शुरू किया..
मैं बोली – तेल लगा ले, साले… फाड़ डालेगा क्या, मेरी गाण्ड… साहब की तरह चौड़ी नहीं है, मेरी…
जय उठा और उसने मेरी गाण्ड में अपनी दो उंगलियों से तेल लगाया, अंदर तक और खूब तेल भर दिया, उस में…
फिर जय, भीमा को बोला – अब तेल लगा ले, अपने लंड पर और पेल दो अंदर… लेकिन, भीमा धीरे धीरे ही डालना… मेरी बीबी की गाण्ड बहुत टाइट है…
उस ने मुझ को घोड़ी बनाया और अपना लण्ड, गाण्ड पर रखा और एक धक्का मारा.
आधा लण्ड घुस गया, अंदर…
मैं चिल्लाई – बहन के लौड़े…
पर इसी दौरान, उसने एक और ज़ोरदार धक्का दे मारा और पूरा लण्ड घुसेड दिया, जड़ तक…
भीमा बोला – बस बीबी जी, पूरा अंदर घुस गया है…
मैं बोली – अबे, साले घोड़े निकाल बाहर… तेरी मैया की चूत… बहुत दर्द हो रही है, मेरी गांड… भोसड़ी वाले…
भीमा बोला – अब तो बीबी जी, अंदर घुस चुका है… डरना क्या, मज़ा लो ना… आप की गाण्ड बहुत साफ और सुंदर है, बीबी जी… मैं तो क्या, गधा भी अपना लण्ड डालने को आप के पीछे खड़ा कर के भागना शुरू कर दे… बहुत मज़ा आ रहा है, आप की गाण्ड मारने में…
यहाँ, जय भी बोला – भीमा, पूरी ताक़त से ठोको बीबी जी को… पता चले की, फौलादी लण्ड क्या होता है… पेल दो और फूला दो, इस की गाण्ड…
भीमा बोला – साहब जी, बीबीजी की गाण्ड तो क्या चूत भी “स्प्रिंग” की तरह है… जो कोई भी इन की मारेगा, मज़ा ही मिलेगा…
भीमा ने बडाल बडाल के मेरी चूत और गाण्ड को, मार मार कर चौड़ा कर दिया था..
मैं बोली – बस, अब और नहीं… बहुत हो गया, आज़… दोनों मेरी मिल के मां चोद रहे हो… बस करो, अब… चल, मेरे घोड़े सो जा… अब कल काम भी करना है…
फिर कुछ देर बाद, भीमा ने अकेले में कहा – बीबी जी, आपने अपना वादा निभा दिया आज़… आप बहुत अच्छी हैं और आप की चूत और गाण्ड भी बहुत ही जबरदस्त हैं…
अगले दो दिन भी खूब खुल कर चुदाई हुई..
जय ने खूब लण्ड पिलवाया, मुझ में और दो बार और अपनी गाण्ड भी मरवाई, भीमा से..
मैं भी खूब चुदी और हर बार, भीमा ने अपना बीज़ मेरे चूत में ही डाला.
फिर, जय वापिस चला गया और मुझ को बोला – बड़ा मज़ा आया मुझे… तुझे चुदवाते हुए देखने के बाद, अब मैं मर भी गया तो कोई गम नहीं… इससे ज़्यादा मज़ा मुझे अब जिंदगी में किसी चीज़ में नहीं आएगा… अब ख़याल रखना, खुली चुदाई मत करते रहना…
मैंने कहा – जानू, मरे आपके दुश्मन… अभी तो हमे बहुत मज़े लेने हैं… वैसे, भीमा का माल, मेरी चूत के अंदर तक घुस गया है… कहीं गड़बड़ ना हो जाए…
तो वो बोला – कोई बात नहीं, वापस आ जाओ… फिर देखेंगे…
मैंने जय को यह बता दिया की उस का बीज़ मेरी चूत के अंदर चला गया है, जब भीमा ने मेरी टाँगे उठा कर चुदाई की थी और अपना पानी उस ने मेरी चूत में छोड़ा था..
पूरा लण्ड, जड़ तक मेरी चूत में घुसेड दिया था, हरामी ने.. पूरी पिचकारी अंदर ही मारी थी, अपने पानी की..
कहीं रह गया तो क्या होगा .?.
जय चला गया, वापस और अब मैं अकेले ही थी घर पर..
एक दिन भीमा रात को आ गया, बिना बुलाइए ही..
आते ही बोला – बीबी जी, मुझे आप की चुदाई करने का बड़ा मॅन है…
मैंने भी कहा – ठीक है, भीमा… अब तो तूने साहब के सामने ही, मेरी ले ली है… उनकी भी गाण्ड चौड़ी कर दी है… अब कोई डर नहीं है… जी भर के चोद, मेरी हरामजादि चूत को…
वो बोला – साहब, बहुत अच्छे हैं…
मैंने कहा – हाँ क्यों नहीं… गाण्ड जो मिल गई, मुफ़्त में तुझे…
भीमा, ज़ोर से हँसने लगा..
उस रात, मैंने भीमा को फिर वियाग्रा डाल कर दूध पीला दिया..
जय एक गोली छोड़ गया था, अलमारी में.. मेरे मज़े के लिए..
मैं भी अब “फ्री” थी, जैसे भी चुदवा लूँ..
मैं पूरी नंगी हो गई और भीमा को भी नंगा कर दिया.
मैंने भीमा से कहा की अब जितना चोदना है, चोद… आज़ मैं, तेरी हूँ पूरी तरह से…
भीमा ने मुझे दिल भर के खूब पेला और पूरा बीज़, मेरी चूत में फ़चा फ़चा भर दिया.
वियाग्रा खाने के बाद तो उस का लण्ड, इतना कड़क हो गया था की हिलता तक नहीं था..
लोहे की रोड जैसा, सीधा घुस जाता और भीमा पूरी ताक़त लगा कर घुसेड़ता..
जाने कितनी देर, उस ने अपना लण्ड मेरी चूत में ही डाले रखा.
गाण्ड भी, कुत्ते ने खूब मारी.. समझो, भोसड़ा बना दिया था उस ने आगे पीछे दोनों साइड से..
पूरी रात, अपना लण्ड मेरी चूत में ही घुसेडे रखा था.