hotaks444
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मैंने मौसी से यह सब कभी नहीं कहा क्योंकि जहाँ एक ओर मैं बहुत घबरा रहा था, दूसरी ओर मेरा लंड यह कल्पना करके ही बुरी तराहा खड़ा हो जाता था आख़िर ललिता ने अपनी बात मनवा ही ली और एक बार मुझे दो दिन उन दोनों चुदैल और बदमाश माँ बेटी के हवाले करके मौसाजी और मौसी दो तीन दिन को किसी काम से चले गये मैं मौसी को बता देता कि ललिता क्या कह रही थी, तो शायद वह कभी मुझे उनके हवाले नहीं करती
पर मैं एक अजीब उहापोह में था आख़िर तक मैंने सिर्फ़ मौसी से प्रार्थना की कि मुझे ललिता और रश्मि के साथ अकेला ना छोड़े, उसे कारण नहीं बताया शायद मैं भी मन ही मन उस परवर्तित मौके की तलाश में था मौसी को लगा कि मैं सिर्फ़ शरम के कारण ऐसा कहा रहा हूँ और उसने मेरी एक ना सुनी
बाद में मुझे हफ़्ता भर उन रंडी माँ बेटी के साथ अकेला रहना पड़ा उस दौरान क्या हुआ वह बताने लायक नहीं है हाँ इतना कह सकता हूँ कि वासना का अतिरेक हो गया और ऐसे ऐसे काम मुझसे उन दोनों ने करवाए कि मैंने कभी नहीं सोचा था क़ि कोई किसी के साथ ऐसी घिनौनी हरकतें करता होगा! पर मैंने बाद में मौसी से शिकायत नहीं की मज़ा भी बहुत आया था मुझे और बाद में जो हुआ उसकी तो मैंने कल्पना भी नहीं की थी! आगे बताऊन्गा
हमारे इस स्वर्गिक संभोग में और भी कई मतवाली घटनाएँ घटीं एक दोपहर को फिर डॉली का फ़ोन आया कि वह यहाँ शहर में आई हुई है और कल आएगी और आफ़िस से गोल मारकर दोपहर भर रहेगी अंकल दौरे पर थे और ललिता ने उस दिन छुट्टी ले ली थी इसलिए रास्ता सॉफ था
इस बार मौसी ने निश्चय कर लिया कि डॉली के साथ उसके संभोग में मुझे शामिल करके रहेगी डॉली को उसने फ़ोन पर ही बता दिया कि वह उसे कुछ मज़ेदार चीज़ दिखाना चाहती है
डॉली के आने के पहले उसने पिछली बार जैसे ही अपनी पैंटी मेरे मुँह में ठूंस कर ब्रेसियर से मेरी मुश्कें बाँध दीं और बिस्तर पर लिटा दिया डॉली आने के बाद वे दोनों साथ के बेडरूम में अपनी कामक्रीडा में जुट गयीं मुझे कुछ दिख तो नहीं रहा था पर चुंबनो और चूसने की आवाज़ से क्या चल रहा होगा, इसका अंदाज़ा मैं कर सकता था
कुछ देर बाद मौसी सिसकने लगी "हाय डॉली डार्लिंग, कितना अच्छा चूसती है तू, तेरे जैसी चूत कोई नहीं चूसता, सिवाय मेरे खिलौने के" उसके बाद फिर पलंग चरमराने और चूसने की आवाज़ें आने लगीं शायद सिक्सटी नाइन चल रहा था
कुछ देर बाद चूसने की आवाज़ें बंद हो गयीं और फिर चुंबनो के स्वर सुनाई देने लगे दोनों झडने के बाद लिपट कर चुंबन लेते हुए प्यार की बातें कर रही थीं डॉली ने पूछा "दीदी, खिलौने का क्या कह रही थी?" मौसी बोली "डॉली रानी, सुन, आज कल मेरे पास एक बड़ा प्यारा खिलौना है, उसे मैं जैसा चाहे इस्तेमाल करती हूँ, चूत चुसवाती हूँ, चुदवाती हूँ और गान्ड भी मराती हूँ"
पर मैं एक अजीब उहापोह में था आख़िर तक मैंने सिर्फ़ मौसी से प्रार्थना की कि मुझे ललिता और रश्मि के साथ अकेला ना छोड़े, उसे कारण नहीं बताया शायद मैं भी मन ही मन उस परवर्तित मौके की तलाश में था मौसी को लगा कि मैं सिर्फ़ शरम के कारण ऐसा कहा रहा हूँ और उसने मेरी एक ना सुनी
बाद में मुझे हफ़्ता भर उन रंडी माँ बेटी के साथ अकेला रहना पड़ा उस दौरान क्या हुआ वह बताने लायक नहीं है हाँ इतना कह सकता हूँ कि वासना का अतिरेक हो गया और ऐसे ऐसे काम मुझसे उन दोनों ने करवाए कि मैंने कभी नहीं सोचा था क़ि कोई किसी के साथ ऐसी घिनौनी हरकतें करता होगा! पर मैंने बाद में मौसी से शिकायत नहीं की मज़ा भी बहुत आया था मुझे और बाद में जो हुआ उसकी तो मैंने कल्पना भी नहीं की थी! आगे बताऊन्गा
हमारे इस स्वर्गिक संभोग में और भी कई मतवाली घटनाएँ घटीं एक दोपहर को फिर डॉली का फ़ोन आया कि वह यहाँ शहर में आई हुई है और कल आएगी और आफ़िस से गोल मारकर दोपहर भर रहेगी अंकल दौरे पर थे और ललिता ने उस दिन छुट्टी ले ली थी इसलिए रास्ता सॉफ था
इस बार मौसी ने निश्चय कर लिया कि डॉली के साथ उसके संभोग में मुझे शामिल करके रहेगी डॉली को उसने फ़ोन पर ही बता दिया कि वह उसे कुछ मज़ेदार चीज़ दिखाना चाहती है
डॉली के आने के पहले उसने पिछली बार जैसे ही अपनी पैंटी मेरे मुँह में ठूंस कर ब्रेसियर से मेरी मुश्कें बाँध दीं और बिस्तर पर लिटा दिया डॉली आने के बाद वे दोनों साथ के बेडरूम में अपनी कामक्रीडा में जुट गयीं मुझे कुछ दिख तो नहीं रहा था पर चुंबनो और चूसने की आवाज़ से क्या चल रहा होगा, इसका अंदाज़ा मैं कर सकता था
कुछ देर बाद मौसी सिसकने लगी "हाय डॉली डार्लिंग, कितना अच्छा चूसती है तू, तेरे जैसी चूत कोई नहीं चूसता, सिवाय मेरे खिलौने के" उसके बाद फिर पलंग चरमराने और चूसने की आवाज़ें आने लगीं शायद सिक्सटी नाइन चल रहा था
कुछ देर बाद चूसने की आवाज़ें बंद हो गयीं और फिर चुंबनो के स्वर सुनाई देने लगे दोनों झडने के बाद लिपट कर चुंबन लेते हुए प्यार की बातें कर रही थीं डॉली ने पूछा "दीदी, खिलौने का क्या कह रही थी?" मौसी बोली "डॉली रानी, सुन, आज कल मेरे पास एक बड़ा प्यारा खिलौना है, उसे मैं जैसा चाहे इस्तेमाल करती हूँ, चूत चुसवाती हूँ, चुदवाती हूँ और गान्ड भी मराती हूँ"