hotaks444
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और रंगीला अपने घर की तरफ जा रहा था. वह सोच रहा था की कैसे कोमल ने उसे अपनी खुद की बेटी डॉली को चोदने के कितना करीब पंहुचा दिया है. जब वो ऊपर पंहुचा तो देखा की मिनी शाम की इतनी सारी चुदाई से थक हार कर गहरी नींद में सो रही थी. रंगीला को पता था की अब वो सीधे सुबह ही जागेगी. उसने अपने कपडे उतार दिए. फ्रिज से एक बियर निकाल कर ४ घुट में खाली कर दी. वह चलते हुए डॉली के कमरे पहुच गया. उसका दिल जोर से धड़क रहा था. उसने कमरे का दरवाजा बहुत धीरे से खोला. कमरे में नाईट लैंप जल रहा था जिससे कमरे की सारी चीजें एकदम साफ़ दिखाई दे रही थीं. डॉली अपने बिस्तर के ऊपर एकदम नंगी लेटी हुई थी. उसके टाँगे फैले हुई थीं. रंगीला ने उसकी कुंवारी बुर को खड़ा हो निहार रहा था. उसे इस बात की बड़ी हैरानी हो रही थी की लंड की तीन तीन औरतों की चूत और गांड में अन्दर बाहर करने की इतनी सारी कसरत के बावजूद भी उसका लंड एक बार फिर से खड़ा हो रहा था. वह अपनी बेटी डॉली को चोदना चाह रहा था. पर वो इसमें कोई जल्दी नहीं करना चाहता था. वो चाहता था की ये काम बड़ी सावधानी से किया जाए, सब डॉली खुद इस बात के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार हो. इसी समय उसने डॉली की आवाज सुनी
“हेल्लो पापा”
“ओह ..हेल्लो बेटा.”
“पापा, मैं यहाँ पर बिना कुछ पहने सो रही हूँ ना?”
“हाँ बेटा. पर ये तो प्राकृतिक रूप है हमारा. और देखो न कितना सुदर रूप है ये.”
“हाँ मुझे भी ऐसे अच्छा लगता है पापा.”
इसी समय डॉली ने ध्यान से देख की पापा भी वहां नंगे खड़े थे.
“ओह पापा मुझे आप भी नंगे खड़े बड़े अच्छे लग रहे हैं. आपने कुछ भी नहीं पहना है. मुझे आपकी …वो.. वो..चीज.. बड़ी अच्छी लग रही है… ये तो काफी बड़ा है…”
“अच्छा है, उम्मीद है कि मेरी ये चीज तुम्हें परेशान नहीं कर रही है. तो तुमने और कोमल
ने आज रात काफी मजा किया. नहीं?”
“अरे हाँ पापा हमने बड़ा मज़ा किया. कोमल बहुत अच्छे दोस्त बन गयी है मेरी. इतने कम टाइम में वो मुझे बहुत कुछ सिखा गयी. वैसे, वो आपको बहुत पसंद करती है. उम्मीद है कि आपको भी भी कोमल पसंद होगी.”
“हाँ, कोमल तो मुझे बहुत पसंद है, थोड़े देर पहले ही मैं उसके साथ उसके घर तक गया था और हम दोनों काफी करीब आ गए”
“बिलकुल ठीक पापा, उसने बोला था की आज रात वो आपसे कनेक्ट करेगी. मुझे पता नहीं कि की कनेक्ट का क्या मतलब है. पर अच्छा ही होगा.”
“हमारा कनेक्शन हुआ बेटा. और ये कनेक्शन बड़ा ज़बरदस्त था..भाई मज़ा आ गया…. हो सके तो हम दोनों भी कुछ उसी तरह से कनेक्ट करेंगे किसी दिन.”
“मेरे ख़याल से मुझे मज़ा आएगा उस कनेक्शन से. पापा, एक बात पूछूं?”
“बिलकुल.”
“क्या सेक्स से बेहतर कुछ और होता है?”
“बेटा, अगर सेक्स से बेहतर कुछ और है तो मुझे वो चीज पता नहीं है.”
“पापा, कोमल ने आज मुझे सिखाया कि खुद से कैसे सेक्स का मज़ा लेते हैं. मैं लेट कर अपने आप से खेल रही थी और मुझे बड़ा मज़ा आया.”
“सो, रात क्या हुआ?”
“पापा, आपने कहा की मैं आपसे सेक्स के बारे सारी बातें कर सकती हूँ. है न?”
“हाँ मैंने बोला था. और बिलकुल तुम कर सकती हो. मैं तुम्हारे मन की हर बात जानना चाहूँगा.”
“कोमल ने मुझे 69 का पोज सिखाया. हम दोनों ने पता नहीं कितनी बार अपना रस छोड़ा. क्या इसमें कोई गंदी बात है?”
“नहीं बेटा, ये तो बड़ी मजेदार चीज होती है, मुझे भी 69 करना बहुत पसंद है.”
“मतलब आपको बुर चाटना पसंद है?”
“पसंद? अरे मुझे तो बहुत ज्यादा पसंद है. तुम्हारी मम्मी के हिसाब से मैं तो इसमें एक्सपर्ट हूँ.”
“ओह पापा, मम्मा कितनी किस्मत वाली हैं.”
“थैंक यू बीटा, कुछ और सवाल?”
“नहीं और नहीं…… पापा क्या आप मेरे साथ थोडा लेट सकते हो?”
“जरूर.”
और रंगीला बिस्तर पर डॉली के साथ जा कर लेट गया. डॉली मुद कर लेट गयी जिससे उसकी नंगी गांड रंगीला की तरफ हो गयी. रंगीला ने डॉली को पीछे से बाहों में भर लिया. उसका लंड डॉली की गांड की दरार में फंसा हुआ था और धीरे धीरे खड़ा हो रहा था. डॉली ने रंगीला के हाथ पकड़ कर अपनी चुन्चियों पर रख लिया.
रंगीला से अब काबू में रहना मुश्किल हो रहा था. वो डॉली की चुन्चिया दबाने लगा. डॉली
डॉली ने उन्माद में ह्म्म्म की आवाज निकाली और बोला,
“ओह मुझे मजा आ रहा है पापा. कोमल ने भी मेरी चुन्चियों के साथ ऐसा की किया था. पर आपके हाथों में कोई और ही बात है.”
रंगीला का लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो कर डॉली के गांड पर बुरी तरह से गड रहा था.
.
“पापा आपका टाइट लंड मेरी गांड के ऊपर चुभ रहा है.”
“चुभ रहा है न? ये तो बुरी बात है. एक काम करते हैं. इसको यहाँ डाल देते हैं” कहते हुए रंगीला ने लंड का सुपाडा डॉली की बुर में डाल दिया.
“ओह पापा. आपका कितना बड़ा है. डाल दो अन्दर. कोमल ने बोला था की मुझे अपना पहला बार आपसे ही करवाना चाहिए. उसके पापा उसके साथ कभी भी करते हैं. पापा आप भी करना”
डॉली अपनी गांड हिलाने लगी ताकि अपने जीवन के पहले लंड को मजे से बुर में ले कर आनंद सके.
“डॉली तुम्हें तो कोई भी करना चाहेगा. तुम हो इतनी सुन्दर और हॉट. मैं तो कब से इस फिराक में था. भला हो कोमल का की आज ये हो गया….आह…आह…”
डॉली ने बोला,
“ओह पापा आपका लंड मेरी बुर में बड़ा अच्छा लग रहा है. मुझे यकीन नहीं हो रहा की ये सब हो रहा है. आह…उई….पूरा अन्दर डालो न…”
डॉली जोर से आनंद में चिल्लाने लगी और और झड गयी. रंगीला बस यही मना रहा था की कहीं इस मजे के चीख पुकार में मिनी न जाग जाए. पर मिनी के नींद पडी पक्की थी. अरे जाग भी गयी तो क्या होगा वो भी इस खेल में शामिल हो जायेगी.
रंगीला अभी भी धीरे धीरे लंड पेल रहा था. डॉली मानों एक बार और झड़ने को थी. वो बोली,
“ओह पापा आपका लंड बड़ा मस्त है. कोमल ने सही बोला था की मुझे आपसे चुदाई पसंद आयेगी.
पापा चोदो मुझे जोरों से ……. ”
वो फिर से झड गयी..
रंगीला भी इस बार झड चुका था. उसने अपना लंड निकाल लिया.
डॉली ने पूछा, “बहुत अच्छे पापा, आप मुझे सिखाओगे की लंड कैसे चूसते हैं?”
“बिलकुल”
“और क्या आप मेरे चुतडो को भी चोदोगे?”
“हाँ. लगता है तुमने और कोमल ने सारी की सारी चीजें कवर करी है आज रात.”
“बिलकुल पापा… और क्या आप मेरी चाटोगे?”
“हाँ जी बेटा, हम और भी कई सारी चीजें करेंगे. हो सके तो तो तुम्हारे मम्मी को भी इस खेल में शामिल करेंगे.
और जल्दी ही और लोगों को भी शामिल करेंगे.”
“पापा, कोमल आपसे चुदना चाहती है.”
“मुझे मालूम है.”
“हम्म.. जब आप उसे उसके घर ड्राप करने गए, तो क्या आपने उसे चोदा पापा?”
“एकदम सही”
“ओह ये तो मजे की बात है. पापा क्योंकि आपने उसे चोदा, बदले में क्या मैं उसके पापा को छोड़ सकती हूँ.. कोमल कह रही थी उसके पापा मस्त हैं.”
“हेल्लो पापा”
“ओह ..हेल्लो बेटा.”
“पापा, मैं यहाँ पर बिना कुछ पहने सो रही हूँ ना?”
“हाँ बेटा. पर ये तो प्राकृतिक रूप है हमारा. और देखो न कितना सुदर रूप है ये.”
“हाँ मुझे भी ऐसे अच्छा लगता है पापा.”
इसी समय डॉली ने ध्यान से देख की पापा भी वहां नंगे खड़े थे.
“ओह पापा मुझे आप भी नंगे खड़े बड़े अच्छे लग रहे हैं. आपने कुछ भी नहीं पहना है. मुझे आपकी …वो.. वो..चीज.. बड़ी अच्छी लग रही है… ये तो काफी बड़ा है…”
“अच्छा है, उम्मीद है कि मेरी ये चीज तुम्हें परेशान नहीं कर रही है. तो तुमने और कोमल
ने आज रात काफी मजा किया. नहीं?”
“अरे हाँ पापा हमने बड़ा मज़ा किया. कोमल बहुत अच्छे दोस्त बन गयी है मेरी. इतने कम टाइम में वो मुझे बहुत कुछ सिखा गयी. वैसे, वो आपको बहुत पसंद करती है. उम्मीद है कि आपको भी भी कोमल पसंद होगी.”
“हाँ, कोमल तो मुझे बहुत पसंद है, थोड़े देर पहले ही मैं उसके साथ उसके घर तक गया था और हम दोनों काफी करीब आ गए”
“बिलकुल ठीक पापा, उसने बोला था की आज रात वो आपसे कनेक्ट करेगी. मुझे पता नहीं कि की कनेक्ट का क्या मतलब है. पर अच्छा ही होगा.”
“हमारा कनेक्शन हुआ बेटा. और ये कनेक्शन बड़ा ज़बरदस्त था..भाई मज़ा आ गया…. हो सके तो हम दोनों भी कुछ उसी तरह से कनेक्ट करेंगे किसी दिन.”
“मेरे ख़याल से मुझे मज़ा आएगा उस कनेक्शन से. पापा, एक बात पूछूं?”
“बिलकुल.”
“क्या सेक्स से बेहतर कुछ और होता है?”
“बेटा, अगर सेक्स से बेहतर कुछ और है तो मुझे वो चीज पता नहीं है.”
“पापा, कोमल ने आज मुझे सिखाया कि खुद से कैसे सेक्स का मज़ा लेते हैं. मैं लेट कर अपने आप से खेल रही थी और मुझे बड़ा मज़ा आया.”
“सो, रात क्या हुआ?”
“पापा, आपने कहा की मैं आपसे सेक्स के बारे सारी बातें कर सकती हूँ. है न?”
“हाँ मैंने बोला था. और बिलकुल तुम कर सकती हो. मैं तुम्हारे मन की हर बात जानना चाहूँगा.”
“कोमल ने मुझे 69 का पोज सिखाया. हम दोनों ने पता नहीं कितनी बार अपना रस छोड़ा. क्या इसमें कोई गंदी बात है?”
“नहीं बेटा, ये तो बड़ी मजेदार चीज होती है, मुझे भी 69 करना बहुत पसंद है.”
“मतलब आपको बुर चाटना पसंद है?”
“पसंद? अरे मुझे तो बहुत ज्यादा पसंद है. तुम्हारी मम्मी के हिसाब से मैं तो इसमें एक्सपर्ट हूँ.”
“ओह पापा, मम्मा कितनी किस्मत वाली हैं.”
“थैंक यू बीटा, कुछ और सवाल?”
“नहीं और नहीं…… पापा क्या आप मेरे साथ थोडा लेट सकते हो?”
“जरूर.”
और रंगीला बिस्तर पर डॉली के साथ जा कर लेट गया. डॉली मुद कर लेट गयी जिससे उसकी नंगी गांड रंगीला की तरफ हो गयी. रंगीला ने डॉली को पीछे से बाहों में भर लिया. उसका लंड डॉली की गांड की दरार में फंसा हुआ था और धीरे धीरे खड़ा हो रहा था. डॉली ने रंगीला के हाथ पकड़ कर अपनी चुन्चियों पर रख लिया.
रंगीला से अब काबू में रहना मुश्किल हो रहा था. वो डॉली की चुन्चिया दबाने लगा. डॉली
डॉली ने उन्माद में ह्म्म्म की आवाज निकाली और बोला,
“ओह मुझे मजा आ रहा है पापा. कोमल ने भी मेरी चुन्चियों के साथ ऐसा की किया था. पर आपके हाथों में कोई और ही बात है.”
रंगीला का लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो कर डॉली के गांड पर बुरी तरह से गड रहा था.
.
“पापा आपका टाइट लंड मेरी गांड के ऊपर चुभ रहा है.”
“चुभ रहा है न? ये तो बुरी बात है. एक काम करते हैं. इसको यहाँ डाल देते हैं” कहते हुए रंगीला ने लंड का सुपाडा डॉली की बुर में डाल दिया.
“ओह पापा. आपका कितना बड़ा है. डाल दो अन्दर. कोमल ने बोला था की मुझे अपना पहला बार आपसे ही करवाना चाहिए. उसके पापा उसके साथ कभी भी करते हैं. पापा आप भी करना”
डॉली अपनी गांड हिलाने लगी ताकि अपने जीवन के पहले लंड को मजे से बुर में ले कर आनंद सके.
“डॉली तुम्हें तो कोई भी करना चाहेगा. तुम हो इतनी सुन्दर और हॉट. मैं तो कब से इस फिराक में था. भला हो कोमल का की आज ये हो गया….आह…आह…”
डॉली ने बोला,
“ओह पापा आपका लंड मेरी बुर में बड़ा अच्छा लग रहा है. मुझे यकीन नहीं हो रहा की ये सब हो रहा है. आह…उई….पूरा अन्दर डालो न…”
डॉली जोर से आनंद में चिल्लाने लगी और और झड गयी. रंगीला बस यही मना रहा था की कहीं इस मजे के चीख पुकार में मिनी न जाग जाए. पर मिनी के नींद पडी पक्की थी. अरे जाग भी गयी तो क्या होगा वो भी इस खेल में शामिल हो जायेगी.
रंगीला अभी भी धीरे धीरे लंड पेल रहा था. डॉली मानों एक बार और झड़ने को थी. वो बोली,
“ओह पापा आपका लंड बड़ा मस्त है. कोमल ने सही बोला था की मुझे आपसे चुदाई पसंद आयेगी.
पापा चोदो मुझे जोरों से ……. ”
वो फिर से झड गयी..
रंगीला भी इस बार झड चुका था. उसने अपना लंड निकाल लिया.
डॉली ने पूछा, “बहुत अच्छे पापा, आप मुझे सिखाओगे की लंड कैसे चूसते हैं?”
“बिलकुल”
“और क्या आप मेरे चुतडो को भी चोदोगे?”
“हाँ. लगता है तुमने और कोमल ने सारी की सारी चीजें कवर करी है आज रात.”
“बिलकुल पापा… और क्या आप मेरी चाटोगे?”
“हाँ जी बेटा, हम और भी कई सारी चीजें करेंगे. हो सके तो तो तुम्हारे मम्मी को भी इस खेल में शामिल करेंगे.
और जल्दी ही और लोगों को भी शामिल करेंगे.”
“पापा, कोमल आपसे चुदना चाहती है.”
“मुझे मालूम है.”
“हम्म.. जब आप उसे उसके घर ड्राप करने गए, तो क्या आपने उसे चोदा पापा?”
“एकदम सही”
“ओह ये तो मजे की बात है. पापा क्योंकि आपने उसे चोदा, बदले में क्या मैं उसके पापा को छोड़ सकती हूँ.. कोमल कह रही थी उसके पापा मस्त हैं.”