College Girl Chudai मिनी की कातिल अदाएं - Page 4 - SexBaba
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College Girl Chudai मिनी की कातिल अदाएं

मिनी के टच के कारण मेरा लौड़ा आधा तो खड़ा हो ही गया था।
कोमल भी मेरे करीब आई और मिनी से बोली- भाभी, मैं क्या करूँ?
मिनी ने कहा- जो तुम करना चाहो, ये तो एक मूर्ति हैं 3 मिनट तक… इस मूर्ति से जैसे चाहो खेलो, बस मूर्ति अपने आप हिल जानी चाहिए।
कोमल आरके को देखकर बोली- सुनो मेरे पास एक आईडिया है पर तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा?
आरके बोला- यार दोस्त यारों के साथ खेल खेलते हैं तो बुरा क्या लगना है, करो जो तुम्हें करना है।
कोमल ने आकर मेरे कमर में हाथ डाला और बोली- इनको गुदगुदी करते हैं।
मिनी बोली- इनको गुदगुदी नहीं होती यार… चल तू कोशिश कर!
मिनी बोली- तुम्हें ऐसे तो नहीं छोडूंगी।
इतने में आरके बोला- भाभी, आपको ऐसे आईडिया आते कहाँ से हैं।
मिनी जमीन में बैठकर मेरी जांघों और पैरों पर चुम्बन करने लगी, अपने हाथ फेरने लगी जो कि मेरे चूतड़ों तक जा रहे थे।
उसके कारण मेरा लंड और अकड़ गया।
मैंने यहाँ तक सब सम्भाल लिया पर कोमल भी कमर में हाथ डाले हुए थी और वो मिनी की हरकत को बड़े ध्यान से देख रही थी। तो उसके मुंह से एकदम निकल गया- भैया आपका तो बहुत बड़ा है?
मेरी नज़र एकदम से नीचे चली गई।
इतने में मिनी उछलती हुई बोली- ये… ये… आउट आउट! अब टाइम फिर से शुरू होगा।
मैंने कोमल से कहा- क्या यार, हरवा दिया तुमने?
कोमल भी हंसने लगी और वो थोड़ी और आज़ाद महसूस करने लगी क्योंकि किसी ने उसकी तरफ ऐसे देखा ही नहीं जैसे उसने कुछ गलत बोल दिया हो।
खैर में अगले 3 मिनट तक एक जैसा खड़ा रहा जबकि मिनी से 2-4 बार मेरे लंड को तौलिया के अंदर हाथ डाल के भी पुचकार दिया। हम लोग वापिस खेलने के लिए बैठ गए।
अब अभी अभी मेरे शरीर से दो लड़कियाँ खेल रही थी इसलिए लंड तो खड़ा था ही… तो मैंने कहा- देखो भई, तुम लोगों ने उकसाया है अब, अभी उसे बैठने में टाइम लगेगा, तब तक दोनों लड़कियों तुम मेरे तम्बू को देखकर अपने आप को गर्म कर सकती हो।
और हंसने लगा।
अबकी बार बोतल मुझे घुमानी थी, मैंने बोतल घुमाई और जैसा सोचा था कोमल पर जाकर रुकी।
कोमल बोली- नो नो… मैं नहीं खेल रही!
आरके बोला- वाह, जब तक हम लोगों पर आ रहा था तो मजे ले रही थी अब नहीं खेलना?
मिनी बोली- ये तो गलत बात है कोमल… ऐसे थोड़े ही होता है?
मैंने कहा- देख लो ज्यादा मुश्किल काम नहीं देंगे तुम्हें।
कोमल बोली- यार थोड़ा तो नाटक करना चाहिए न, बस वही कर रही थी, मैं तैयार हूँ, बताओ क्या करना है?
मैंने कहा- तुम्हें हम तीनों में से किसी को भी अगले 5 मिनट तक किस करना है। 5 मिनट तक होंठों से होंठ अलग हुए तो टाइम फिर से शुरू होगा। तुम जिसे भी किस करोगी उसके अलावा बाकी के दोनों लोग तुम्हारा चुम्बन तोड़ने की कोशिश करेंगे। बताओ तुम किसे चूमना चाहती हो?
कोमल थोड़ी संकोच के साथ बोली- किसी को भी?
सबने एक सुर में कहा- हाँ भई, किसी को भी!
कोमल थोड़ा सोच कर बोली- मैं नीलू को किस करुँगी।
आरके बोला- मुझे तो हमेशा ही चूमती है और चूम सकती है, चाहे तो अभी भी अपना फैसला बदल सकती है।
आरके की नशे में चूर मदहोश आवाज़ ने कोमल को दोबारा सोचने पर मजबूर किया, कोमल आरके की तरफ देखकर बोली- फिर तो मेरे पास भैया को चूमने के अलावा कोई और चारा ही नहीं है।
मैंने कहा- मजबूरी में नहीं, तुम चाहो तो मिनी को भी किस कर सकती हो।
कोमल ने मिनी की तरफ देखा और बोली- भाभी, आपके होंठ बहुत गुलाबी हैं, मैं आपको किस करू तो आपको…
मिनी बात पूरी होने से पहले ही बोली- यार, इतना मत सोच, तुम जिसको भी बोलोगी उसे तुम्हें किस करना ही पड़ेगा। वैसे मैं ज़िन्दगी में पहली बार किसी लड़की को किस करने वाली हूँ। पता नहीं कैसा लगेगा।
कोमल बोली- तो भाभी, आज चखते हैं कि लड़की को किस करना कैसा लगता है, मेरा भी यह पहला अनुभव होगा जब मैं किसी लड़की को चूमूँगी।
कोमल अपने घुटनों पर बैठ गई और मिनी भी घुटनों पर आ गई जिससे दोनों की लम्बाई बराबर आ जाये।
मैंने स्टॉप क्लॉक चालू करके कहा- आपका समय अब शुरू होता है… अब!
एक एयर होस्टेस की ड्रेस में एक नर्स की ड्रेस में छोटे छोटे कपड़ो में एक दूसरे को चूमने के लिए जैसे ही अपने होंठों को होंठों से मिलाया, मैंने आरके को इशारा किया तू मिनी के पीछे से जा, मैं कोमल के पीछे से जाता हूँ।
कोमल को बहुत देर से देख रहा था कि वो अपने छोटे कपड़ों में अपने बदन को ढकने की कोशिश कर रही थी पर अब वो कुछ ख़ास कर नहीं सकती थी। उसकी माइक्रो स्कर्ट से उसके कूल्हे न के बराबर ही ढक पा रहे थे।
मैं कोमल के पीछे जाकर उसकी टांगों की तरफ मुंह करके लेट गया और थोड़ा खिसक कर उसकी टांगों के बीच अपना मुंह पहुँचा लिया। उसने अंदर कुछ पहना तो था ही नहीं, उसकी नंगी चूत अब बिल्कुल मेरी आँखों के सामने थी।
इधर आरके मिनी के पीछे गया और मिनी को बहुत देर से अधनंगी देख देख कर आरके कामोत्तेजित हो चुका था। क्योंकि कोमल के होंठ से होंठ मिले हुए थे तो वो मिनी के पीछे क्या हो रहा है, नहीं देख सकती थी, कोमल को सिर्फ आरके की शक्ल ही दिख रही थी।
आरके ने चतुराई से कोमल से बिना नजर चुराए अपना लंड तौलिया से थोड़ा बाहर निकाल के मिनी की आधी नंगी गांड पे रगड़ना शुरू कर दिया और अपने हाथों से मिनी के कूल्हे दबा रहा था।
इधर मैं इनके चुम्बन को तोड़ने के लिए कोमल के नीचे लेटे लेटे बोला- यार कोमल, तुम्हारी चूत पर तो एक भी बाल नहीं है। आज ही बनाए हैं क्या?
वो किस करते करते उंह उंह करके कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी और अपनी चूत पर अपना एक हाथ रख लिया।
मैंने कहा- यार कोमल, तुम्हारे चूतड़ भी बहुत बढ़िया और गोल हैं एकदम मस्त चिकने।
इस बार तो कोमल के सब्र का बाँध टूट ही गया, वह चुम्बन करना छोड़ बोली- भैया, मैं आपकी बहू जैसी हूँ, आपको इस तरह करना शोभा देता है क्या? भाभी, आप भी कुछ नहीं कह रही?
मैंने कहा- कौन बहू? मैं तो यहाँ अपने दोस्तों के साथ खेल रहा हूँ।
मिनी बोली- मैं क्या बोलूँ, आरके भी तो मेरे पीछे से मेरे कूल्हे सहला रहा है। एक दो बार तो उसकी ऊँगली मेरे छेद को भी छू आई है। पर तुम्हारा ये जोखिम पूरा हो जाये उसके लिए मैंने अपना मुंह नहीं हटाया। यार दोस्तों-यारों में सब चलता है, और फिर हमारे पति कोई बेईमानी तो कर नहीं रहे, जो कुछ कर रहे हैं, हमारे सामने ही कर रहे हैं। अब जब तुम xxx मूवीज देखती हो तो तुम्हारा भी तो मन करता है न कि सम्भोग करें। ऐसे ही मेरे पति तुम्हें और तुम्हारे पति मुझे देख कर उत्तेजित हो रहे है। उन्हें होने दो उत्तेजित… जब ज्यादा उत्तेजित होंगे तभी तो हमें अच्छे से प्यार करेंगे न।

कोमल को कुछ कुछ समझ आ रहा था, बोली- सॉरी एवरी वन! भैया टाइम दुबारा शुरू कर दो।
मैंने स्टॉप क्लॉक फिर से शुरू कर दी।
अबकी बार मैं फिर से कोमल की टांगों की बीच पहुँचा और धीरे धीरे कोमल की चूत के पास अपनी उंगली घुमाने लगा, फिर उनकी गांड में उंगली फेरने लगा, थोड़ी सी गर्दन को उठा कर उसकी चूत पर चुम्मी कर दी।
अब कोमल की साँसें तेज़ होने लगी, पर उसने मुझे रोकने की कोशिश नहीं की।
इधर आरके को भी थोड़ी और आज़ादी मिल गई थी, उसने मिनी के कंधे पर अपना मुंह रखा हुआ था, उसके हाथ मिनी के वक्ष स्थल के आसपास घूम रहे थे और कोमल की नज़र इन सभी चीज़ों पर ही थी।
जिस चीज़ पर कोमल की नज़र नहीं थी वो यह कि मिनी अपने हाथ से आरके के लंड को पुचकार रही थी और अपनी गांड पे रगड़वा रही थी।
आरके बोला- तूने मेरी बीवी की चूत देख ली, मैं भी तो अपनी भाभी की चूत देख कर आऊँ!
वो भी मेरी तरह मिनी के नीचे लेट गया और मिनी तो आरके से पहले ही चुदवा चुकी थी इसलिए वो सीधा मिनी की चूत को चाटने और चूमने लगा।
मिनी बहुत गर्म हो रही थी इसलिए उसने कोमल के हाथ अपने चूचों पर रख दिए, कोमल को भी मज़ा आया वो भी मिनी के बूब्स रगड़ के दबाने लगी।
मैंने भी इसी बीच एक दो बार अपनी ऊँगली और जीभ कोमल की चूत के अंदर तक डाल के निकाल ली।
स्टॉप क्लॉक पर टाइम खत्म होने की आवाज़ आई ‘बीप बीप…’
पर उस आवाज़ के आने के 10 सेकंड तक कोई अपनी जगह से नहीं हिला, फिर सब अपनी अपनी जगह बैठ गए।
अभी कमरे में सन्नाटा था।
मैंने मसखरी करते हुए कोमल से कहा- क्यूँ मज़ा आया न?
कोमल नज़र नीचे करके बोतल उठाने लगी।
मैं आरके से बोला- और मिनी की चूत के बारे में आपकी क्या राय है?
आरके बोला- मिनी भाभी की चूत एकदम चिकनी है और बड़ी प्यारी है।
मिनी और कोमल दोनों अब तक चुप थी।
मिनी बोली- कोमल, तू चिंता मत कर… अबकी बार इन दोनों में से किसी की बारी आने दे, ऐसा काम कराएँगे कि इनकी सारी हंसी निकल जाएगी।
कोमल ने बोतल घुमाई बोतल जाकर रुकी आरके पर… कोमल बोली- मार दिया जाये या छोड़ दिया जाये?
आरके बोला- हमें तो मरने में ज्यादा ख़ुशी मिलेगी।
सब इस बात पे हंस पड़े।
कोमल बोली- तुमने मुझे एक लड़की को किस कराया था न? अब तुम्हारा टास्क है कि तुम हम सबके सामने भैया का लंड चुसोगे।
इस पर मैंने थोड़ा नाटक करते हुए कहा- यार, हमने कब तुम्हें मजबूर किया? हमने तो कहा था कि तुम हम तीनों में से किसी को भी किस कर सकती हो, तुम खुद ही दो मर्दों को छोड़ कर लड़की को किस करने गई। इतनी बड़ी सजा मत दो हम दोनों को।
कोमल के चेहरे पर जीत की मुस्कराहट साफ़ दिखाई पड़ रही थी।
आरके बोला- यार रंगीला, इतना लंड चुसवाया है, हमेशा सोचता हूँ कि चूसने में कैसा लगता होगा। चल आज तेरा लंड चूस के देख ही लेता हूँ।
मैंने कहा- ठीक है, मैं सोफे पर बैठ जाता हूँ, तू घुटनों पर बैठ जाना।
मैंने अपना तौलिया हटाया।
 
कोमल की नजर मेरे ही लंड पर थी क्योंकि अपने पति का तो वो देखती ही रहती थी, और मिनी को कपड़े बदलते समय देख चुकी थी, बस मैं ही था जिसका जननांग अभी तक उसने नहीं देखा था।
मैं कोमल से बोला- क्यूँ कोमल, कैसा लगा मेरा लंड?
कोमल कुछ नहीं बोली, सिर्फ मुस्कुरा दी।
आरके मेरे लंड पर आया, मेरे को आँख मार कर मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया।
कोमल बोली- भाभी, ये तो सही में ही भैया का लंड चूसने लगे? मुझे लगा था कि नीलू मेरे सामने गिड़गिड़ाएंगे कि यार टास्क चेंज कर दो।
मिनी बोली- हाँ यार कोमल, यह तो हमारे साथ नहले पे दहला हो गया। चल कोई नहीं, और अनोखी हरकत सोचते हैं। वैसे तेरा आईडिया अच्छा था, कुछ ऐसा ही और सोच।
इधर आरके मेरे लंड को गले तक ले लेकर अच्छे से चूस रहा था, 2-3 मिनट तक अच्छे से चूस कर आरके खड़ा हो गया।
अब आरके ने बोतल घुमाई जो मिनी पर जाकर रुकी।
आरके बोला- भाभी, अब आप पूरी तरह नंगी हो जाओ, आपके बदन पर कपड़ा तो क्या, एक धागा भी नहीं दिखना चाहिए। आप आगे का पूरा गेम ऐसे ही खेलोगी।
मिनी थोड़ा नाटक दिखा कर जिससे कोमल को शक न हो, पूरी नंगी होकर गेम खेलने लगी।
इधर मैं और आरके दोनों मिनी पर कमेंट्स कसने लगे।
मिनी ने बोतल घुमाई और वो जाकर रुकी फिर से आरके पे… मिनी ने कहा- अब आप भी पूरे कपड़े उतार कर आगे का गेम खेलो।
आरके बोला- भाभी, यह तो आपने दिल की बात कर दी।
आरके खड़ा हुआ और तौलिया उतार के सोफे पर फेंक दिया और बोतल घुमाने नीचे बैठ गया।
अबकी बार बोतल कोमल पर रुकी।
आरके के बोलने से पहले मैं बोला- इसको भी नंगा कर, साली का बदन वैसे ही पूरा बाहर निकला जा रहा है।
आरके बोला- चल तू भी नंगी हो जा!
कोमल खड़ी होकर अपने कपड़े उतारने लगी।
जब वो बिना कपड़ो के पूरी नंगी सामने खड़ी थी तो एक पल को ख्याल आया ‘माँ चुदाये ये सारा गेम वेम… इसको यहीं पटक कर चोद दूँ।’
पर सब्र का फल मीठा होता है, यही सोच कर रुक गया।
अब चारों में से तीन लोग पूरी तरह नंगे होकर खेल रहे थे तो तीनों बोले- रंगीला, तू भी अपना तौलिया हटा ले, वैसे भी लंड का एक बार तो नज़राना हो ही चुका है।
मैंने भी बात मानते हुए अपनी तौलिया हटा दिया, मैं बोला- यार आरके, खेलते खेलते साली पूरी बोतल खत्म हो गई।
आरके बोला- पूरी व्हिस्की खत्म?
मिनी बोली- आपकी एक बोतल में से थोड़ी सी बची हुई है, अलमारी में रखी है, लेकर आऊँ?
मैं मिनी के करीब गया और उसे किस करके बोला- वाह यार थैंक्स मिनी डार्लिंग, ले आ यार प्लीज!
मिनी उठी और अपके कूल्हे मटकाती हुई जाकर लगभग क्वाटर बची हुई व्हिस्की उठा लाई।
मिनी ने ही हम दोनों के पैग बना दिए।
अबकी बारी कोमल की थी बोतल घुमाने की, बोतल आकर रुकी मेरे ऊपर…
कोमल बोली- भैया अब आप सीधे लेट जाओ, अगले 3 मिनट तक हम तीनों आपको उकसाएंगे, छुएंगे पर आप न तो अपने आप को, न ही किसी और के किसी भी अंग को छुओगे!
जैसा कहा गया, जमीन पर सीधा लेट गया मैं… स्टॉप क्लॉक चालू हुई।
जैसे ही स्टॉप क्लॉक चालू हुई, कोमल मेरे मुंह के ऊपर ऐसे बैठ गई जैसे कमोड के ऊपर मूतने के लिए बैठते हैं, बोली- भाभी आप अपनी चूत इनके लंड पे रगड़ो और नीलू तुम जो चाहो करो, तुम चाहो तो दो लड़कियों को एक आदमी को उकसाते हुए देखो।
मैंने अपने हाथों को मुट्ठी बना लिया क्योंकि जब आप उत्तेजित होते हैं, वाकयी अपने हाथों को रोक पाना मुश्किल होता है।
कोमल ने अपनी चूत मेरे होंठों और नाक के नोक पर रगड़नी शुरू कर दी।
और इधर मिनी अपनी चूत से कभी अपने बूब्स से मेरे लंड को मसल रही थी।
कोमल बोली- क्यूँ भैया, अब आया न मजा? मेरी चूत में उंगली करो न भैया… मेरी गांड सहलाओ हा? अच्छा… अपनी बीवी के चूचे ही दबा लो… करो न कुछ… कैसे नामर्द की तरह पड़े हो?

मैंने कहा- वाह री कोमल, तुम तो खेल की माहिर खिलाड़ी बन गई हो। मैं हार जाऊँ, उसके लिए जो भी जतन कर रही हो, वाकयी काबिले तारीफ़ है। पर मैं भी कच्चा खिलाड़ी नहीं हूँ, अपनी बारी का इंतज़ार करूँगा, वैसे भी खीर ठंडी करके खाना मेरी फितरत है।
कोमल सिसकारियाँ लेने लगी और आरके से बोली- हमारी शादी को इतना टाइम हो गया, तुम मुझे कभी इनके यहाँ नहीं लाये। इतना मज़ा तो हम दोनों होटल में भी नहीं करते जितना आज यहाँ कर रहे हैं। भैया और भाभी दोनों इतने कमाल के होंगे, मैंने कभी सोचा भी नहीं था। जब मैं घर आई थी तो यही सोच रही थी कि हम लोग कहाँ सोएंगे जिससे कम से कम रात को 1-2 बार चुदाई तो हो जाये। पर इनके खेल में मैं दो बार गीली हो चुकी हूँ। हाय अल्लाह… यह मैं क्या बोले जा रही हूँ। आरके प्लीज डोंट माइंड… मेरा मेरे ऊपर कोई कंट्रोल नहीं है।
आरके बोला- तुम सिर्फ आनन्द लो कोमल और शुक्र मनाओ कि हमें ऐसे भैया और भाभी मिले हैं।
इतने में स्टॉप क्लॉक की आवाज़ आई ‘बीप बीप…’
मैंने कोमल के चूतड़ों को दबोचा और पटक कर उसकी चूत में उँगली घुसा दी।
कोमल बोली- आप हार गए भैया… टाइम फिर से स्टार्ट होगा।
आरके बोला- टाइम पूरा हो गया डियर, तब रंगीला ने तुझे हाथ लगाया है।
कोमल मुस्कुराई और बोली- अच्छा बाबा, आप जीते पर उंगली तो निकाल लो मेरी चूत में से।
फिर सब लोग अपनी अपनी जगह बैठ गए।
कोमल ने उत्सुकता से पूछा- भाभी, आप लोग ये गेम कितने लोगों के साथ खेल चुके हो?
मिनी बोली- कोमल, यह गेम सिर्फ तुम लोगों के साथ खेल रहे हैं। इससे पहले ये गेम सिर्फ हम दोनों अकेले में खेलते थे। पर अकेले में जैसे ही कपड़े उतर जाते, हम रति क्रिया में इतने डूब जाते कि अगली चाल का ख्याल सुबह ही आता था। आज तुम लोग हो इसलिए गेम इतना लम्बा चल रहा है।
कोमल यह जवाब सुन कर खुश हुई।
अब बारी मेरी थी, मैंने बोतल घुमाई और वो जाकर रुकी आरके पर…
आरके बोला- हुकुम करो मेरे आका?
मैंने कहा- तुझे मेरी बीवी मिनी की 4 मिनट तक चूत चाटनी है।
आरके बोला- यह सजा है या मज़ा?
और कूद पड़ा मिनी के ऊपर…
 
4 मिनट तक वो मेरी बीवी मिनी की चूत की अपनी जीभ से मसाज करता रहा। मेरी मिनी तड़पती और छटपटाती सिसकारियाँ मारती रही, उसके हाथ लगातार आरके के बालों को सहला रहे थे।कोमल अपने पति को किसी और की चूत चाटते हुए देख रही थी और में अपनी बीवी को किसी और मर्द से मेरे सामने चूत चटवाते और आनन्द लेते हुए देख रहा था।
मैं सोफे पर बैठकर सिगरेट के कश लगा कर यह सारा नज़ारा देख रहा था।
कोमल आकर मेरी गोद में बैठ गई, बोली- भैया आपकी बीवी मेरी पति से चूत चटवा रही है, आपको बुरा नहीं लग रहा?
मैंने उसके बूब्स को चूमते हुए कहा- यार कोमल, हम इंसानों की भी न कितना छोटी सोच है, आदमी के पास लंड है और औरत के पास चूत है। किसी और से सेक्स करने के बाद कोई लंड अशुद्ध या कोई चूत बेईमान थोड़े ही हो जाती है। यार हमें ये अंग मजे लेने के लिए दिए हैं तो इनसे मजे लो, इतना सोचना क्यूँ कि तू किसके साथ सोई या तू किसके साथ सोया। चार दिन की ज़िन्दगी है, उसमें भी सिर्फ एक दिन की जवानी हंस खेल कर मस्ती के साथ गुज़ार लो। ऐसा करने से किसी भी तरह के धोखे की कोई गुंजाइश ही नहीं बचती। मुझे जिसे चोदना हो, मैं अपनी बीवी से बोल सकता हूँ और मेरी बीवी को किसी का लंड अच्छा लगे तो वो मुझसे बोल सकती है कि मुझे फलाने से चुदवाना है।
कोमल शरारती मुस्कान के साथ बोली- तो आपकी बीवी अब तक कितने लंड ले चुकी है आपके सामने? और आप कितनी चूत चोद चुके है अपनी बीवी के अलावा?
मैंने कहा- मेरी बीवी ने अभी तक मेरे अलावा किसी और का लंड नहीं लिया है। मैंने भी शादी के बाद अभी तक कोई चूत नहीं चोदी।
कोमल बोली- शादी से पहले कितनी चूतें मार ली होगी आपने?
मैंने कहा- कभी गिनती तो नहीं की पर यही कोई 10 के आस पास चूतें तो चोदी ही होंगी।

कोमल बोली- भैया, क्या आप ग्यारहवीं चूत मारना चाहोगे?
मैंने कहा- हाँ, बताओ किसकी मारनी है?
कोमल बोली- भैया, आप भी न… मेरी और किसकी? बस भैया पता नहीं आरके इसके लिए तैयार होगा या नहीं? यह खेल तो खेल लिया पर शायद इसके आगे मुझे नहीं बढ़ने देंगे वो।
मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, तुम्हारी इच्छा पूरी करने की कोशिश करूँगा मैं!
इतने में स्टॉप क्लॉक बज गई पर वो दोनों कहाँ रुकने वाले थे।
मैंने आवाज़ लगाई- अरे आरके, मिनी टाइम अप!
आरके उसकी टांगों के बीच से निकला, उसने देखा उसकी नंगी बीवी कोमल मेरी गोद में बैठी है और मेरे हाथ उसके स्तन को सहला रहे हैं, वो मेरे पास आया और हाथ बढ़ाया तो मैंने अपनी सिगरेट उसकी तरफ बढ़ा दी।
कोमल बोली- तुम्हारा तो पूरा मुंह सन गया है।
आरके बोला- वो भाभी की चूत का पानी है।
मिनी की तरफ देखकर बोला- भाभी आप कम से कम 2 बार तो झड़ गई होगी।
मिनी भी उतनी कामुकता के साथ बोली- आपकी जीभ चूत के अंदर जाकर तो आग लगा देती है भैया!
ऐसी ऐसी बातें सुनकर कोमल तो पागल सी हो रही थी।
आरके बोला- एक छोटा सा ब्रेक लेते हैं, मैं अभी मुंह धोकर आता हूँ।
सभी लोग फ्रेश होकर आकर दोबारा बैठ गए।
आरके बोला- यार, बहुत थक गए हैं और बहुत पी ली है।
मैंने भी कहा- चलो यारो, सोते हैं।
मैंने फिर कहा- देखा कोमल इस खेल का एक और फायदा… एक ही रूम में चारों एक ही बिस्तर पर सो सकते हैं।
हमने बाहर के कमरे की लाइट बंद नहीं की और अंदर आकर लेट गए। इससे बाहर के कमरे से पर्याप्त रोशनी हमारे कमरे में आ रही थी जिससे हमें सब दिख रहा था और आँखों में चुभने वाली रोशनी भी नहीं थी।
आरके बड़ी खुली आवाज़ में कोमल से बोला- आ जा तेरी चुदाई करूँ!
कोमल भी अब तक बेबाक हो चुकी थी, बोली- इतना खुल कर तो हम जब होटल में होते हैं, तब भी नहीं बोलते हैं न जानू?
बोलते बोलते सीधी लेट गई और अपनी टाँगें फैला कर हवा में उठा ली।
मिनी मेरे सीने पर लेटी हुई थी और मेरे सीने के बालों से खेल रही थी और अपनी टांगों से मेरे लंड को दबा रखा था।
हम दोनों एकटक उनकी चुदाई देख रहे थे।
आरके कोमल की टांगों के बीच अपने लंड को सेट कर रहा था, बोला- यार रंगीला, मेरी बीवी कोमल की चूत तो पहले से ही गीली पड़ी है। मैंने कहा- तो फिर क्या देरी है? लगा और पेल दे अपना लंड!
कोमल बोली- भैया आप भी अपनी बीवी को चोदिये न… हम भी देखेंगे आपकी चुदाई।
मिनी बोली- हम अभी थोड़ी देर एक दूसरे के बदन से खेलेंगे, फिर चुदाई शुरू करेंगे।
कोमल की चूत में अब तक लंड अंदर जा चुका था इसलिए उसकी आँखें बंद हो गई और वो चुदाई का आनन्द लेने लगी, आह उह आाह ओह्ह की आवाज़ें आने लगी।
फिर कोमल आरके से बोली- आपका लंड लिए हुए महीना बीत गया… कितना मज़ा आ रहा है, और ख़ास तौर पे जब कोई हमें चुदाई करते हुए देख रहा है और हमें कोई शर्म नहीं है तो मज़ा दस गुना बढ़ गया है।
मिनी बोली- भैया, कोमल तो अच्छे से चोदो। इसके बोबे भी दबाओ, देखो कितनी गर्म हो रही है आपकी कोमल। कब से आपके लंड का इंतज़ार कर रही थी।
मिनी की बातों से दोनों और उत्तेजित हो गए और तेज़ तेज़ धक्के लगाने लगे।
मिनी भी बहुत गर्म थी, वो बोली- दूसरी औरत को चुदाई देखकर आपको भी चोदने का मन कर रहा होगा न? आ जाओ, डाल दो अपना लंड मेरी चूत में।
आरके बोला- भाभी, आपकी चूत चाट कर इतना अच्छा लगा, यार रंगीला भाभी की चूत इतनी अच्छी है, उसमें लंड डालने का मन हो रहा है। कोमल, अगर तुम्हे बुरा न लगे तो क्या मैं भाभी की चूत मार लूँ।
कोमल ने मेरी तरफ देखाम मैंने आँखों में इशारा किया कि हाँ बोल दो। मैंने थोड़ा दिखावे के लिए मिनी से पूछा- मिनी, तुम आरके से चुदना चाहोगी?
मिनी बोली- मुझे तो लंड और प्यार चाहिए, कोई भी दे दे।
कोमल ने आरके से बोला- अगर भाभी को कोई दिक्कत नहीं तो मुझे क्या दिक्कत हो सकती है।
आरके ने अपना लंड कोमल की चूत से बाहर निकाल दिया और मिनी को बोला- आप यहाँ लेट जाओ भाभी, आपकी चूत में मेरा लंड जाने को तरस रहा है।
कोमल को थोड़ा बुरा लगा था शायद… बोली- मेरी प्यास तो बुझा देते, मैं भी तो मरी जा रही हूँ आपके लौड़े से चुदने को!
मिनी उठ ही रही थी दूसरी तरफ जाकर अपनी टाँगें फैलाने को, पर फिर बोली- भैया, पहले बीवी फिर भाभी, चलिए डालिए उसकी चूत में अपना लंड!
आरके बोला- भाभी, इसको मेरा भाई रंगीला चोद लेगा न! क्यू यार रंगीला भाई, मेरी बीवी की मस्त चुदाई कर देगा न?
फिर कोमल की तरफ देखकर बोला- तू रंगीला के लौड़े से चुद ले, मैं तो तुझे हमेशा ही चोदूँगा।
बस यही तो हम चाहते थे।
मिनी कोमल की जगह जाकर लेट गई और अपनी टाँगें उठा ली।
इधर कोमल मेरे ऊपर लेट गई और मेरे गले और जगह जगह चूमने लगी।
उधर आरके को मिनी की चूत का पानी बहुत अच्छा लगता था इसलिए सीधा उसकी चूत चाटने के लिए उसकी चूत पर मुंह रख दिया। कोमल उनको भी देख रही थी, बोली- भैया मैं आपका लंड चूसती हूँ, आप मेरी चूत चाट लो।
मैंने कहा- नहीं, तुम्हें अभी तुम्हारी चूत में लंड की ज्यादा ज़रूरत है।
मैंने कोमल को नीचे लिटाया और उसकी चूत जो की अभी आरके के लंड डालने की वजह से काफी गीली और खुली हुई थी, पर अपना लंड सेट किया और एक ही बार में पूरा अंदर डाल दिया।
 
कोमल को मीठा मीठा दर्द हुआ और वो कराह उठी, बोली- भैया आप तो सेक्सपर्ट हो… क्या शॉट मारा है।
मैंने कोमल के बूब्स दबा दबा कर लाल कर दिए और धीरे धीरे धक्के लगाता रहा।
इधर मिनी बोली- भैया, बस बहुत हुआ अब लंड दे दो, प्लीज फ़क मी!
अब दोनों लड़कियाँ हमारे नीचे थी, हम उनकी चूतों में ताबड़तोड़ चुदाई कर रहे थे।
इसी बीच मैंने आरके को हाय फाइव दिया। इसका मतलब था कि हमारा मकसद कामयाब हुआ।
फिर कोमल के ऊपर पूरा लेट के उसके कान के पास जाकर बोला- तुम्हें चुदना था मेरे लंड से, देखो मैंने तुम्हारी इच्छा पूरी कर दी।
उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया और पागलों की तरह उछल उछल कर मेरे धक्कों का साथ देने लगी।
इधर मिनी और आरके भी अपने चरम पर एक दूसरे से चूदने का आनन्द प्राप्त कर रहे थे।
मिनी बोली- रंगीला, दूसरे आदमी का लंड लेने में तो बड़ा मज़ा आता है। आरके भैया मेरी अच्छी चुदाई कर रहे हैं। आप भी मेरी बहन कोमल की अच्छे से चुदाई करो।

मेरे कुछ भी बोलने से पहले कोमल बोली- भाभी, आप बिल्कुल सही कह रही हो, अपने पति के अलावा किसी और का लंड अपने पति के सामने बिना डर के लेने का मज़ा ही कुछ और है। भाभी मैं सातवें आसमान पे हूँ, भैया मेरी अच्छी चुदाई कर रहे हैं।
बोलते बोलते कोमल लगभग चीखने लगी, बोली- मैं आ रही हूँ भैया, मुझे अपनी बाँहों में भर लो।
मैंने कोमल को अपनी बाँहों में जकड़ लिया और बोला- आ जाओ, निकाल दो अपना पूरा पानी। खूब एन्जॉय करो, जितना चीखना चाहो चीखो, चिल्लाओ, खूब चुदो।
कोमल बोली- हाँ भैया, आपका लौड़ा अगर नहीं ले पाती तो ज़िन्दगी से कुछ शिकायत होती। अब ज़िन्दगी से कोई शिकायत नहीं है… आह उह आह ओह्ह आह उह आह ओह्ह !
कोमल ने पूरी ताकत से मुझे अपने वक्ष में घुसा लिया था, वो इतनी बुरी तरह झड़ रही थी कि उसका पूरा बदन बुरी तरह कांप रहा था।
मैं उसका सर और बाल सहला रहा था और दूसरे हाथ से उसकी जांघें सहला रहा था जिससे वो पूरी तरह झड़ जाए।
हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे, मैं ज़रा भी नहीं हिला, 4-5 मिनट बाद कोमल बोली- भैया, आपका लगता है अभी पानी छूटा नहीं है।
मैंने कहा- हाँ, अभी तो नहीं छूटा पर कोई चिंता नहीं, मेरी बीवी भी तो है वो कर देगी।
कोमल बोली- नहीं भैया, मैं अभी पानी निकालने में आपकी मदद करती हूँ।
मैंने कहा- हाँ कर देना पर अभी थोड़ी देर तुम्हारी चूत में ऐसे ही पड़ा रहने दो मेरे लंड को!
कोमल बोली- ओके भैया।
इधर मिनी और आरके भी घमासान चुदाई में भिड़े हुए थे। आरके की चुदाई में से पच पच की आवाज़ें आ रही थी। आरके बोला- भाभी, मैं आ रहा हूँ।
मिनी बोली- हाँ भैया, आप जहाँ मर्जी आये आ जाओ।
आरके बोला- भाभी मैं आपकी चूत में ही आना चाहता हूँ।
मिनी बोली- भर दो आप मेरी चूत को भर दो अपनी मलाई से।
वो आरके के चूतड़ भी सहला रही थी जिससे आरके अपनी पूरी ताकत से मिनी की चूत में फव्वारा चला दे।
कोमल भी एकटक अपने पति और भाभी की चुदाई देख रही थी।
आरके की स्पीड कम हो गई उसी से अंदाज़ा लग गया था कि उसने अपना पूरा पानी मिनी की चूत में डाल दिया है।
आरके थक के चूर होकर मिनी के नंगे बदन पर यूँ ही गिर गया।
कुछ देर बाद आरके ने अपना सर उठाया और मिनी मम्मों को सहला और दबाते हुए उठा, उसका लंड अभी भी मिनी की चूत में ही पड़ा था, दोनों एक दूसरे को जगह जगह किस और सहला रहे थे, जैसे दो बिछड़े हुए प्रेमी काफी महीनों बाद मिले हों।
मैंने भी अब कोमल की चूत में धीरे धीरे हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए। कोमल की नज़र मेरे ऊपर ही थी, बोली- रंगीला भैया, आप कितने अच्छे हो, चुदाई के वक़्त आप और भी अच्छे लगने लगते हो।
मैंने कहा- कोमल, तुमने कभी गांड मरवाई है?
कोमल बोली- नहीं भैया, आज तक नहीं लिया अपनी गांड में कोई भी लंड। नीलू भी एक दो बार कोशिश कर चुका है पर मैं उसे कभी गांड नहीं मारने देती, मुझे कुल मिला के गांड मरवाना अच्छा नहीं लगता।
मैंने कहा- पर मुझे तुम्हारी गांड मारने का मन है, बोलो क्या कहती हो?
कोमल थोड़ा डरते हुए बोली- मैंने सुना है, बहुत दर्द होता है… क्या बहुत दर्द होगा भैया? एक्चुअली मैं आपको मना करना नहीं चाहती पर दर्द भी सहन नहीं करना है।
मैंने कहा- अच्छा एक काम करो, अपनी टाँगें चौड़ी करके तकिए पर बैठ जाओ। थोड़ी देर बाद तुम खुद मेरा लंड लेकर अपनी गांड में डलवा लोगी।
और मैंने धीरे से अपना लंड कोमल की चूत से बाहर निकाल लिया।
मैं मिनी से बोला- आज तुझे एक साथ 2 लंड का मज़ा देता हूँ।
आरके ने भी धीरे से अपना लंड मिनी की चूत से बाहर निकाल लिया और मिनी के ऊपर से हट गया।
मैं बोला- आरके तू सीधा लेट जा और अपना सर कोमल की टांगों की बीच रख! मिनी तुम आरके के लंड पर बैठ जाओ और अपना मुंह आरके के पैरों की तरफ रखो।
आरके के ऊपर लेटी हुई मिनी की पोजीशन डॉगी जैसी ही थी, मैं मिनी के पीछे से टांगों के बीच उसके दूसरे छेद में लंड सटा के खड़ा था।
मिनी बोली- रंगीला मेरी जान तुमने तो जन्नत के दर्शन करा दिए, एक साथ 2-2 लौंड़ों का मज़ा!
मैं मिनी से बोला- देखो बिल्कुल तुम्हारे सामने कोमल की चूत होगी, अब उसे भी चाटती जाओ।
मिनी कोमल की चूत को जीभ से टेस्ट करके बोली- आपने तो कोमल की चूत को चौड़ा कर दिया है। मुझे अभी कोमल की चूत में आपके लंड का टेस्ट भी आ रहा है।
और फिर वो अपनी मुंह से कोमल की चूत चाटने में लग गई।
इधर आरके नीचे से मिनी की चूत में धीरे धीरे धक्के मार रहा था, मैं भी मिनी की गांड मारने का मज़ा ले रहा था।
कोमल बोली- एक रात में इतनी सेवा मेरी चूत की कभी नहीं हुई।
आरके बोला- कोमल तू अपनी दोनों टाँगें फैला के घुटनों के बल बैठ जा, भाभी तेरी चूत चाट ही रही है, मैं तेरी गांड भी चाट दूंगा।
कोमल ने तुरंत अपना आसन बदला, उसके कारण अब कोमल के होंठ भी मेरे काफी करीब थे। इधर कोमल की चूत और गांड दोनों पर जीभ फेरी जा रही थी। दूसरी तरफ मिनी की चूत और गांड में लंड डले हुए थे। मैं और आरके एक साथ एक लड़की के दो छेदों को भरे होने का मज़ा ले रहे थे।
मिनी बहुत तेज़ तेज़ साँसों के साथ मचलने लगी और तड़पते हुए बोली- सुनो आप मेरी चूत में लंड डालो और भैया आप मेरी गांड मारो।
मैंने कोमल के कान में कहा- अब तुम थोड़ी देर बैठ के तमाशा देखो और अपनी चूत में ऊँगली करो… हम दोनों भाई ज़रा तुम्हारी भाभी चोद लें।
कोमल हट कर बिस्तर के एक कोने में जाकर बैठ गई।
आरके वही वैसा ही लेटा रहा, मिनी ने अपनी गांड में आरके का लंड लिया और आरके की छाती पर अपनी पीठ के बल लेट गई, आरके ने अपने हाथ मिनी के दोनों बूब्स पकड़ लिए और अपनी ऊँगली से मिनी के निपल्स गुदगुदा रहा था।
मैंने भी मिनी की चूत में अपना लंड पेल दिया और बोला- आरके लग जा पूरी ताकत से… इस कुतिया की गांड फाड़ डाल, मैं इसकी चूत का भोसड़ा बनाता हूँ।
आरके बोला- भाभी, आज आपकी गांड फाड़ दूंगा!
मिनी बोली- भैया फाड़ दो, भैया मेरी गांड फाड़ दो। दो लंड लेने में बहुत मज़ा आ रहा है। रंगीला प्लीज फ़क मी हार्ड।
मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी।
कोमल ने इतनी गर्मी देखी तो वो हमारी तरफ आई और एक हाथ से मिनी के सर पे हाथ फेरने लगी और दूसरे हाथ उसने मिनी की चूत की तरफ बढ़ाया और मिनी के दाने से थोड़ा ऊपर हाथ घुमाने लगी और बोली- भाभी, आराम से चुदो… भाभी आप कितना मस्त आनन्द लेती हो चुदाई का, आपको देखकर तो मेरी चूत फिर से गीली हो गई। भाभी खूब चीखो, चिल्लाओ और मज़ा आएगा चुदने में!
मैंने कोमल का हाथ चूत के पास से हटाया और पूरा लेट कर फुल स्पीड में चुदाई करने लगा। कोमल का हाथ हटा के मैंने अपनी गांड पे लगा दिया, कोमल समझदार थी उसे इशारा मिल गया था कोमल ने तुरंत अपने हाथ से मेरी गांड सहलाने लगी और बीच बीच में जीभ से चाट भी देती थी।
मैं उसकी जीभ का स्पर्श अपनी गांड पे पाकर और ज्यादा उत्तेजित हो जाता।
मैं भी पानी छोड़ने के काफी करीब था।
मिनी बोली- भैया, आप मेरी गांड में ही मलाई निकाल दो, आप मुझे आपकी मलाई जहाँ देना चाहो दे दो।
हम तीनों बारी बारी से झड़ने लगे, सबसे पहली मिनी झड़ी फिर मैं और फिर आरके… हम तीनों लस्त होकर एक दूसरे पर पड़े थे और कोमल सभी का सर पे हाथ फेर रही थी।
थोड़ी देर बाद कोमल बोली- हाँ भैयाम ये लो मेरी गांड मार दो प्लीज। आपने कहा था न कि मैं खुद बोलूंगी कि मेरी गांड मार दो! लो मैं कह रही हूँ मार दो मेरी गांड। मुझे भी भाभी की तरह दो लंड चाहिए एक साथ!
आरके थका हुआ सा बोला- सो जा माँ की लौड़ी सो जा, कितनी देर से लौड़ा लिए बैठी है, अब सुबह मिलेगा। हमारा लंड है लंड कोई मशीन थोड़े ही है?
मिनी करवट लेकर लेट गई, वो काफी थकी हुई दिख रही थी। मैं बाहर के कमरे की लाइट्स ऑफ करके अंदर आया अभी कुछ भी साफ़ दिखाई नहीं पड़ रहा था।
मैं बिस्तर के कोने में लेट गया। थोड़ी देर में जब आँखें अँधेरे के हिसाब से अनुकूल हुई तो देखा आरके भी उल्टा करवट लेकर मिनी के बूब्स में लंड फसा के मिनी की चूत में मुंह डाल के पड़ा हुआ था।
मैंने भी कोमल, जो मेरी तरफ पीठ करी लेटी थी, के बूब्स पकड़ के अपना लंड धीरे धीरे उसकी गांड में डाल दिया। मैंने कोमल के मुंह पर हाथ रख लिया था और धीरे धीरे उसकी गांड मारने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी और गांड मरवाने का मज़ा लेने लगी।
हम थोड़ी ही देर में नींद की आगोश में आ गये और सो गए।
 
सुबह जब नींद खुली तो बिस्तर पर सिर्फ मैं और आरके ही थे। मैंने आरके को जगाया और उससे इशारे में पूछा- क्या तुझे पता है कि दोनों लड़कियाँ कहाँ हैं?
उसने भी इशारे से बताया कि उसे नहीं पता।
मैंने अलसाते हुए आवाज़ लगाई- मिनी ओ मिनी, डार्लिंग कहाँ हो?
मिनी की आवाज़ आई- साढ़े आठ बज गए हैं, आपको ऑफिस नहीं जाना? उठ जाओ, तैयार हो जाओ, मैं नाश्ता बनाती हूँ।
मैंने अपना मोबाइल देखा तो आठ पच्चीस हो रहे थे, मैं बोला- इधर तो आओ, चाय दे दो।
इधर मैनेजर को मैसेज कर दिया कि मेरी तबियत ठीक नहीं है, मैं आज ऑफिस नहीं आ सकूंगा।
मिनी चाय लेकर मेरे सामने खड़ी थी, मैंने कहा- गुड मॉर्निंग डार्लिंग!
मिनी ने सूट का केवल कुरता पहना हुआ था और नीचे लेगगिंग नहीं पहना था, मिनी ने मेरी तरफ चाय बढ़ा कर कहा- गुड मॉर्निंग! अब जल्दी से उठ जाओ, आप ऑफिस के लिए लेट हो जाओगे।
मैंने कहा- आज ऑफिस नहीं जा रहा…
और मिनी को बाँहों में पकड़ने लगा।
मिनी बोली- छोड़िए मुझे, मुझे अभी बहुत काम करने है।
मैंने पूछा- कोमल कहाँ है?
मिनी ने बताया कि उसका कोई फ़ोन आया हुआ है, वो बालकनी में है।
मिनी ने देखा कि आरके भी उठा हुआ है तो बोली- गुड मॉर्निंग भैया, लीजिए आपकी भी चाय!
आरके बोला- गुड मॉर्निंग भाभी, वो कोमल को बता देना कि मैं उठ गया हूँ।
मिनी ने वही से आवाज़ लगाई- ए कोमल, ये आरके भैया बुला रहे हैं।
कोमल कमरे में आई, कोमल ने एक गाउन पहन रखा था, कोमल मुझसे बोली- गुड मॉर्निंग भैया!
फिर आरके के पास गई और बोली- गुड मॉर्निंग जान!
मैंने कहा- तुम दोनों भी चाय ले आओ, और यहीं बैठो।
मैंने और आरके दोनों ने अभी तक कुछ नहीं पहना था, बस चादर ओढ़ के रखी थी।
कोमल मिनी और खुद के लिए चाय ले आई, आरके बोला- यार कल रात तो मज़ा आ गया।
मैंने कहा- हाँ, तुम दोनों जब सो गए थे तब मैंने कोमल की एक बार गांड मारी थी।
मिनी बोली- आपको क्या लगता है? हम लोग सोये नहीं थे, सब सुनाई दे रहा था, बस थके हुए थे इसलिए चुपचाप पड़े थे।
कोमल बोली- मेरी फर्स्ट गांड चुदाई पर मैं चीख भी नहीं सकी क्योंकि मुझे लगा कि नीलू और आप सो चुके हो और नींद न टूट जाये।
मैं बोला- देखो, हम लोग जितने भी दिन यहाँ साथ रहेंगे, तन पर कपड़ा नहीं होना चाहिए।
मैंने कहते कहते अपने ऊपर से चादर हटा दी, मेरा लंड आधा खड़ा था, सुबह के टाइम तो अपने आप खड़ा ही मिलता है।
कोमल बोली- भैया, आप क्या खाते हो, रात भर इतनी चुदाई के बावजूद आपका अभी तक खड़ा है।
आरके ने भी अपनी चादर हटा दी, आरके का लंड भी खड़ा था।
मिनी बोली- यार मुझे काम करना होता है!
मैंने कहा- तो नंगी ही काम करना।
मिनी ने भी अपना शर्ट उतार फेंका, कोमल भी नंगी हो गई।
मैंने बताया कि मैंने आज छुट्टी ले ली है तो हम आज पूरे दिन कुछ न कुछ मस्ती कर सकते हैं।
मिनी बोली- मैं पोहे बनाने जा रही हूँ, आप लोग प्रोग्राम बना लो।
मैंने कहा- हाँ, हम सब लोग भी जल्दी से नहा धोकर तैयार होते हैं।
मिनी किचन में चली गई, आरके बाथरूम जाने लगा, मैंने सिगरेट जला ली, कोमल भी किचन की तरफ जाने लगी।
मैंने कोमल को बीच में ही पकड़ा और चूतड़ मसल दिये और बोला- सिगरेट पियोगी?
वो बोली- नहीं भैया, मैं सिगरेट नहीं पीती।
मैंने कहा- एक कध तो मार के देखो!
उसने जैसे ही सिगरेट का कश लगाया उसे खांसी आ गई, वो बोली- यक… इसका कितना गन्दा टेस्ट है, मेरा तो मुंह ख़राब हो गया।
वो भी बाथरूम की तरफ भागी।
दरवाज़े में ठोकर मारी, दरवाज़ा खुल गया, आरके कोमोड पर बैठा था।
कोमल ने कुल्ला किया और ब्रश करने लगी।
मैं भी कोमल के पीछे पीछे पंहुचा, उससे चिपक कर खड़ा हो गया और पीछे से उसके चूतड़ों के बीच अपना लंड चुभाने लगा और हाथों से उसके मम्मे सहलाने लगा।
आरके कोमोड पे बैठा सब देख रहा था।
आरके हाथ धोने वाश बेसिन के पास आया तो मैं जाकर कोमोड पर बैठ गया।
कोमल अभी ब्रश कर ही रही थी, आरके हाथ पौंछने बाहर चला गया।
कोमल ब्रश करने के बाद मेरे कोमोड के पास आई और बोली- भैया मैं आपकी गांड धुला दूँ जैसे बच्चों की धुलाते हैं?
मैंने कहा- ठीक है!
मेरा जब काम खत्म हुआ तो कोमल ने मेरी गांड अच्छे से धोई और फिर हम दोनों ने एक दूसरे के हाथ से हाथ धोए।
फिर हम बाहर आये तो आरके मिनी को वैसे ही पीछे से पकड़ के रखा हुआ था जैसे मैंने कोमल को कुछ देर पहले बाथरूम में पकड़ा हुआ था।
मैंने कहा- चलो, चारों साथ में नहा आते हैं।
मिनी बोली- आप लोग नहा लो, मुझे तो काम पड़ा है।
कोमल बोली- भाभी मुझसे भी कुछ काम करा लो, ऐसे अकेले अकेले लगी रहोगी तो आप थक जाओगी।
मिनी बोली- तुम बस मेरे रंगीला का ध्यान रखो, अब अगर हम दोनों ही खाने में बिजी हो जायेंगे तो ये लोग क्या एक दूसरे के साथ नहाएंगे?
दोनों लड़कियाँ हसने लगी।
आरके बोला- कोमल तू जाकर रंगीला के साथ नहा के आ, मैं भाभी के साथ नहाऊंगा। जब हम नहाने जायेंगे तब तुम किचन देखना, अभी हम किचन देख रहे है।
मैंने कहा- चल कोमल, अपन तो चले नहाने।
मैं पहले ब्रश करने लगा, कोमल जाकर शावर चलाने लगी।
मैंने कहा- रुको, अभी में ब्रश तो कर लूँ।
वो आकर मेरे पीछे खड़ी हो गई और अपने बूब्स से मेरी पीठ घिसने लगी।
मैंने जैसे तैसे ब्रश किया, मैं दरवाज़ा बंद करने लगा, तो मुझे कोमल ने रोका, बोली- आप दरवाज़ा क्यू बंद कर रहे हो?
मैंने कहा- अरे वो आदत सी ही है न इसलिए!
मैं बोला- कोमल, तुम्हारी ऐसी कोई चाहत कोई फ़ंतासी है जो तुम्हें लगता है कि बहुत गन्दी है और तुम उसे किसी से नहीं बता सकती। कोमल बोली- हाँ है तो… जैसे अभी मैंने आपकी गन्दी गांड धुलाई थी, वो भी मेरी एक फ़ंतासी ही थी।
मैंने कहा- और कौन सी ऐसी चाहत है जो तुम्हें पूरी करनी है?
कोमल बोली- नहीं भैया, मैं नहीं बोल सकती, पता नहीं आप क्या सोचोगे? पता नहीं आपको कैसा लगे?
मैंने कहा- बोल के देखो, शायद मैं तुम्हारे सपने पूरे कर सकूँ।
कोमल बोली- मैं चाहती हूँ कि कोई मेरे ऊपर मूते, मेरे मुंह पे, मेरे बूब्स पे, मेरी चूत पे, मैं थोड़ा मूत पी जाऊँ, थोड़ा सा उसका लौड़ा चूस के उसका बचा हुआ मूत भी चाट जाऊँ। मुझे खुद नहीं पता कि मैं ऐसा कर पाऊँगी या नहीं, मुझे खुद नहीं पता कि यह मुझे अच्छा लगेगा या नहीं पर मुझे करने का मन तो है ऐसा ही कुछ।
मैंने कहा- यह तो छोटी सी चाहत है, ये लो, अभी पूरी किये देता हूँ।
वो तुरंत जमीन में बैठ गई, मैं लौड़ा लेकर उसके मुँह के पास खड़ा हो गया और मूतने की कोशिश करने लगा।
कोमल ने मेरे अंडे सहलाए, थोड़ा लंड सहलाया और बिल्कुल पोले मुँह से चूसने और चूमने लगी।
मैंने अपना लंड उसी को पकड़ा दिया और बोला- लेट मी पी ऑन यू!
कोमल बोली- हाँ भैया, प्लीज मेरे ऊपर मूत दीजिये।
मेरे लंड में से मूत की धार शुरू हुई, फिर रुकी, कोमल के चेहरे पर मूत की एक धार जैसी ही पड़ी, उसे गर्म गर्म लगा, एक आध बूँद उसके होंठों से मुँह के अंदर भी चली गई।
मैंने पूछा- अच्छा लगा?
कोमल बोली- अभी तो ठीक लग रहा है भैया, आप मेरे ऊपर मूतते जाओ, मुझे अच्छा नहीं लगेगा तो मैं खड़ी हो जाऊँगी।
अब तो मैंने कोमल के मुँह में लंड डाला और अपने मूत का फव्वारा शुरू कर दिया, उसका मुँह भरा तो लंड बाहर निकाला और उसके पूरे बदन को भिगोने लगा, उसके मुँह के अंदर जो मूता था, वो भी उसने अपने ऊपर ही थूक लिया और मेरे लंड की धार को अपने बदन के अलग अलग हिस्सों पर लेने लगी, कभी अपने बूब्स पर मेरे पेशाब को मलती तो कभी अपनी चूत पर बहते मेरे मूत को थप्पड़ मारती।
मुझे उसकी ये अदाएँ बहुत पसन्द आ रही थी, मेरा मूत जब खत्म हुआ तो उसने बड़े प्यार से मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूसा और फिर बाहर निकाल के हिला कर और मूत निकालने लगी।
और फिर मेरे लंड के सुपारे को अच्छे से चाट के साफ़ करने लगी।
मेरी नज़र दरवाज़े पर गई तो देखा कि आरके और मिनी दरवाज़े से टिके हुए हमारे इस खेल को देख रहे थे। आरके मिनी की चूत ऊँगली से सहला रहा था।
मैं उन दोनों की तरफ देखकर बोला- किसी और को मूतना है कोमल पे?
आरके बोला- कोमल, तू इतनी वाइल्ड हो सकती है, मैंने कभी सोचा भी नहीं था, रुक मैं भी तेरे ऊपर मूतता हूँ।
आरके अपना लंड पकड़ के कोमल के करीब गया, कोमल ने आरके के लौड़े को प्यार से पुचकारा और फिर चूसने लगी और साथ ही उसकी बॉल्स भी सहलाने लगी।
मैंने मिनी को बोला- तुम भी मूतो इसके ऊपर!
मिनी बोली- मैं कैसे मूत सकती हूँ?
मैंने कहा- कोमल, थोड़ा सा लेट जाओ जिससे मिनी तुम्हारे ऊपर मूतने वाली अवस्था में आ जाये।
मिनी कोमल के मुंह की तरफ चली गई और उसके पैर की तरफ मुंह कर लिया और थोड़ा नीचे झुक कर वो भी मूतने लगी।
आरके बोला- भाभी, आओ मूत के पेंच लड़ाते हैं।
शायद मिनी इस सबको एन्जॉय नहीं कर रही थी, बोली- मैं मूत रही हूँ, आप लड़ा लो पेंच।
मैंने मिनी से कहा- तुम चाहो तो कोमल के मुंह पर भी पेशाब कर सकती हो।
मिनी थोड़ी सी खड़ी हुई तो मिनी के पाँव भी उसके खुद के मूत से गीले होने लगे, वो भी आदमी की तरह अपनी चूत से कोमल के पूरे बदन पर मूतने लगी।
जब दोनों का मूतना बंद हुआ, तो कोमल बोली- मज़ा आ गया तीन मूतों से नहा कर!
हम चारों बाथरूम में ही थे तो शावर ऑन किया और चारों साथ में नहाने लगे। हम सभी एक दूसरे को सहला और पुचकार रहे थे। नहाते हुए कभी आरके मिनी की बूब्स दबता कभी कोमल की चूत में लंड डाल देता। मैं भी कभी मिनी के नंगे गीले बदन से खेलता तो कभी कोमल के बदन से। सभी लोगो ने एक दूसरे को साबुन लगाया और अच्छे से नहला दिया।
 
नहाने के बाद कपड़े तो पहनने नहीं थे इसलिए मिनी ने आरके का बदन पोंछा, कोमल ने मेरा और बाद में दोनों ने एक दूसरे का बदन पौंछा।
कोमल बोली- भाभी इतना नहाने के बाद तो बड़ी तेज़ भूख लग आई है।
मैंने और आरके ने भी हाँ में हाँ मिला दी।
मिनी बोली- पोहा तकरीबन तैयार ही है, मैं अभी लेकर आती हूँ।
कोमल ने बिस्तर पे ही अखबार बिछा दिया और हम लोग पोहा खाने लगे।
मैंने कहा- आज एक नया गेम खेलते हैं।
सभी लोग एक सुर में बोले- क्या?
मैंने कहा- आज सब अपनी अपनी एक एक फंतासी बताएँगे और बाकी के लोग मिलकर उसकी कल्पना को पूरा करने की कोशिश करेंगे। चाहे फंतासी कितनी भी गन्दी और मलिन क्यूँ न हो। जैसे अभी अभी कोमल की एक डर्टी फंतासी को पूरा किया गया, वैसे ही सबकी एक एक इच्छा पूरी की जाएगी।
सभी लोग बहुत खुश दिखाई दिए।
मैंने कहा- तो मिनी बताओ तुम्हारी कोई ख्वाहिश?
मिनी बोली- मुझे पब्लिक प्लेस में चुदना है।
मैंने कहा- ओके डार्लिंग तुम्हारी यह इच्छा पूरी करेंगे।
फिर मैंने कहा- हाँ भई आरके, तेरी कोई फंतासी?
आरके बोला- हाँ है तो मेरी फंतासी पर थोड़ी अजीब है!
मैंने कहा- बातें मत बना सीधा बोल, क्या है तेरी डर्टी फंतासी।
आरके बोला- मैं कोमल को काले लौड़े से अपने सामने चुदवाना चाहता हूँ।
हम सभी लोग हक्के बक्के रह गए, मैंने कहा- यार कुछ और कोई और फंतासी बता जो हो सके?
मेरी बात काटते हुए कोमल बोली- नहीं भैया, आपने ही कहा था कि चाहे कैसी भी चाहत हो, हम सबको साथ देना है। तो मैं दूंगी अपने पति को उनकी फंतासी पूरा करने का मौका।
मैंने कहा- जब मियाँ बीवी राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी, मुझे लगा था कि तुम इसके लिए तैयार नहीं होगी।
कोमल कुछ नहीं बोली बस आरके को देखती रही।
आरके और मिनी लगभग एक सुर में बोले- तू अपनी भी तो कोई हसरत बता दे?
इतने में ही फ़ोन बजा, फ़ोन आरके के फ़ोन पर आया था, स्क्रीन पर मम्मी लिखा था, मैं बोला- ले बुआ का फ़ोन आ गया।
उसने फ़ोन उठाया और बोला- हाँ मम्मी!
और इधर कोमल को इशारा किया, कोमल तुरंत आरके का लंड चूसने लगी।
बात करते करते ही आरके ने मिनी को भी करीब आने का इशारा किया। मिनी भी आरके के पास चली गई और आरके की छाती पे निप्पल चूसने लगी। वो मिनी की गांड में उंगली करने लगा।
मेरा ध्यान उसके फ़ोन पे चल रही बातों पर नहीं था बल्कि मेरा ध्यान उसके साथ चल रही गतिविधि पर था।
इतने में आरके बोला- तो लो आप बोल दो रंगीला से!
और उसने फ़ोन मेरी तरफ बढ़ा दिया।
मैं जैसे एकदम नींद तोड़ के उठा हूँ, वैसे फ़ोन पर बोला- हाँ हाँ बुआ? कैसी है आप?
जब तक इधर उधर की बातें ही चल रही थी तब तक आरके ने कोमल और मिनी के कान में कुछ कहा, दोनों लड़कियाँ मुस्कुराई और मेरी तरफ बढ़ी।
मिनी मेरे निप्पल चूसने लगी और कोमल ने झट से पूरा लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
मेरा ध्यान फ़ोन पे जो बुआ बोल रही थी उसमें लग ही नहीं रहा था, मुझे सुनाई सब पड़ रहा था पर समझ कुछ नहीं आ रहा था, मैंने हाँ हाँ… ओके… ओके… बोल कर फ़ोन रख दिया।
फ़ोन रखने के बाद में अपने साथ चल रही रति क्रिया के मज़े लेने लगा।
आरके बोला- तो मम्मी क्या बोली?
मैंने बहुत ही गैरजिम्मेदारी से कहा- मुझे नहीं पता वो क्या बोली, मुझे कुछ समझ ही नहीं आया।
आरके बोला- यार तू भी न, वो तुझे भोपाल बुला रही है और तूने हाँ हाँ ओके ओके… बोल कर फ़ोन रख दिया।
मैंने कहा- अब एक ने सीने में आग लगा रखी है और दूसरी लंड मुंह में लिए पड़ी है तो घंटा समझ आ रहा था कि बुआ क्या बोल रही है।
आरके बोला- यह भी मेरी एक फंतासी हुआ करती थी, जब भी होटल में होते थे, मैं किसी न किसी को फ़ोन लगा लेता और कोमल से लौड़ा चुसवाता था। इसलिए मैंने सोचा तुझे भी अनुभव कराऊँ कि कैसा लगता है।
मैंने कहा- हाँ मज़ा तो बहुत आया लेकिन फ़ोन पर मैंने किस बात पे क्या कह दिया इसका कोई अनुमान नहीं है। मैंने कोमल का मुंह हटाया और अपना लंड उसके मुंह से बाहर निकाला और मिनी को भी अपनी छाती से दूर कर दिया।
आरके बोला- अब क्या करें?
तब तक मैंने दोबारा फ़ोन लगाया और बोला- बुआ, आपकी आवाज़ साफ़ नहीं आ रही थी इसलिए कुछ समझ नहीं आया था, क्या बोल रही थी आप?
बुआ ने बताया कि परसों सुबह एक लड़के वाले आ रहे हैं और लगभग बात तय सी ही है, उसके कारण वो हम सबको वहाँ भोपाल बुला रही थी।
मैंने भी ऐसी ख़ुशी की बात में कह दिया- हाँ बुआ, मैं इन सबको लेकर आता हूँ।
फिर सबसे पहले ट्रेन में तत्काल में अगले दिन सुबह की टिकट बुक कर दी, मैनेजर को मैसेज कर दिया कि डॉक्टर ने कम्पलीट बेड रेस्ट के लिए बोला है इसलिए में सोमवार को ही वापस आ पाउँगा।
मिनी बोली- चलो में भी पैकिंग कर लेती हूँ वहां तो कपड़े पहनने पड़ेंगे न!
सभी लोग जोर से हंस पड़े।
कोमल बोली- मेरे तो कपड़े निकले ही नहीं क्योंकि यहाँ तो कपड़े पहनने की अनुमति ही नहीं है न।
मैंने कहा- हाँ तुम पैकिंग करो, मैं काले भुजंग लम्बे और मोटे से लौड़े का इंतज़ाम करता हूँ कोमल के लिए… क्योंकि आज का दिन तो है ही न मस्ती मारने के लिए। और तदनुसार कोई मूवी की टिकट भी बुक करता हूँ। क्यूँ मिनी, सिनेमा हॉल पब्लिक प्लेस भी है और ठंडक में चुदाई का भी मज़ा आएगा।
मिनी मेरे गले लग गई और बोली- हाँ जान तुमने बहुत अच्छी पब्लिक प्लेस चुना है मेरी फंतासी पूरी करने के लिए।
मैंने तुरंत इंटरनेट पे सर्च किया जिससे पुरुष वेश्या मिल सके। जल्दी ही एक एजेंसी का नंबर मिला उससे मैंने बात की और एक 6 फुट लम्बे काले, मोटे और लम्बे लंड वाले हब्शी को बुक कर लिया।
उसके बाद मैंने एक बकवास सी मूवी के टिकट बुक किये जिससे उसमें भीड़ कम हो, मिनी की इच्छा भी पूरी हो जाये और कोई ड्रामा भी न हो।
मैंने कहा- चलो सब लोग तैयार हो जाओ अपन लोग पहले मूवी देखने चल रहे हैं, हब्शी 4 बजे तक आएगा।
मिनी पैकिंग करते करते तैयार भी हो गई।
सभी लोग गाड़ी में आकर बैठ गए, आगे कोमल पीछे आरके और मिनी!
मिनी बोली- बहुत देर बाद कपड़े पहने हैं, अच्छा लग रहा है।
इस मासूम से वाक्य से हम सभी लोग हंसने लगे।
हम सभी मूवी हॉल में पहुंचे, बहुत ज्यादा लोग नहीं थे सिनेमा में कोई 18+ मूवी ही थी। ज्यादातर कपल्स ही थे मूवी हाल में, मैंने आरके को बोला- तू मिनी के एक तरफ बैठ और कोमल को अपनी तरफ बैठाया तो हम दोनों कोमल और आरके के बीच में थे जिससे हमें साइड से कोई देख न सके।
मूवी शुरू हुई, अँधेरा हुआ। मुझे मूवी में कोई इंट्रेस्ट तो था नहीं, बस मैंने मिनी के ऊपर हाथ फेरना शुरू कर दिया, मिनी भी अँधेरे की आड़ में मेरा लंड टटोल रही थी।
मैंने मिनी के कपड़ों में हाथ डाला सोचा कि इसकी ब्रा का हुक खोल दूँ, पर जैसे ही मैंने अंदर हाथ डाला तो पाया कि उसने ब्रा पहनी ही नहीं थी।
हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखकर मुस्कुरा दिए।
मिनी बोली- कैसा रहा सरप्राइज?
मैं हंसते हुए बोला- बहुत अच्छा, तुम तो चुदने को बेताब नज़र आ रही हो?
मिनी तुरंत अपनी सीट से उठी और सीट के नीचे घुटनों पर बैठ गई। आरके थोड़ा टेढ़ा होकर बैठ गया जिससे आड़ थोड़ी ज्यादा हो जाये और उसकी भाभी को कोई उसके भाई का लंड चूसते हुए न देख सके।
मिनी ने मेरे जीन्स के ऊपर से ही लंड सहलाना शुरू किया और ज़िप नीचे कर दी, और फिर ज़िप में से ही मेरा लौड़ा जो खड़ा ही था, उसे बाहर निकाल दिया। मैंने जीन्स का बटन भी खोल और कच्छे सहित घुटनों तक उतार दिया। जिससे मेरी जान मेरे लंड के साथ साथ मेरे अंटे से भी खेल सके।
थोड़ी देर लंड की चुसाई के बाद मिनी बोली- अब आप मेरी चूत में अपनी जीभ से तब तक चुदाई करो जब तक मेरी चूत कम से कम तीन बार पानी न छोड़ दे, मैं अगर तुम्हारे सामने गिड़गिड़ाने भी लगूँ तो भी मुझे मत छोड़ना।

आरके एक सीट छोड़ के बैठा हुआ था, उसको अभी अपनी सीट के पास वाली सीट पर आने को कहा और बोली- जब तक तुम्हारा भाई मेरी चूत से पानी निकाल रहा है, मेरे बूब्स को एक भी पल के लिए मसलना और चूसना मत छोड़ना।
कोमल को कहा- कोमल, तू मेरा दूसरा बोबा अपने मुंह में लेकर रख। आज तुम तीनों मिलकर मुझे जन्नत में पहुँचा दो, मुझ पर कोई तरस मत खाना!
हम तीनों ही मिनी के इस रूप को देखकर थोड़े से आश्चर्य में थे पर हमे कोई ख़ास ऐतराज़ नहीं था, क्योंकि मिनी भूखी थी और उसकी मनपसंद ख्वाहिश पूरी हो रही थी।
हम सभी ने मन ही मन आज मिनी के ताबड़तोड़ चुदाई का प्रण कर लिया था।
मिनी थोड़ा सा नीचे सरक कर बैठी गई जिससे उसकी चूत बिल्कुल बाहर को आ जाये और चाटने चूमने में कोई दिक्कत न हो।
आरके ने भी मिनी के टॉप को ऊपर करके आदेशानुसार मिनी के उरोज को अपने मुंह में लेकर मसलना और सहलाना शुरू किया, ऐसे ही कोमल भी मिनी के दूसरे बोबे के साथ खेलने लगी।
मैं मिनी की चूत में घुस गया, उसने अपनी टाँगें चौड़ी कर रखी थी जिससे मैं आराम से अपनी जीभ जितना अंदर हो सके ले जा सकूँ।
 
मिनी इतनी गर्म और कामोत्तेजित थी कि जीभ के अंदर जाते ही दो ही मिनट में उसकी फ़ुद्दी ने पानी छोड़ दिया। पर उसकी तमन्ना अभी भरी नहीं थी। उसकी भूख अपने चरम पर थी, मैं बिना रुके उसकी चूत में ड्रिल मशीन की तरह अपनी जीभ से सनसनी करता ही रहा।
मिनी को और मज़ा आये उसके लिए अब मैंने उसकी गांड में अपनी एक उंगली और चूत के निचले हिस्से पर अपने अंगूठे से धीरे धीरे मसाज भी करने लगा।
करीब 15 मिनट बाद मिनी झड़ी और इतना पानी निकला जैसे वो मूत रही हो। जब मिनी झड़ रही थी तो ऐसे झटके ले रही थी जैसे हार्ट अटैक आ गया हो।
मिनी के चिपचिपे पानी से मेरे पूरे कपड़े गीले हो चुके थे, मिनी ने पूरी ताकत से अपनी दोनों टांगों के एक दूसरे से मिला रखा था, वो ऐसे ही टाँगे चिपकाये कांपती हुई झड़ती रही।
जब वो थोड़ी सी नार्मल होने लगी तो मैंने टाँगें फिर से चौड़ी करने का इशारा किया, तो मिनी बोली- बस हो गया मेरा… अब कुछ नहीं चाहिए।
मैंने कहा- माँ की लौड़ी, अभी एक बार और तुझे और पानी बहाना पड़ेगा तभी छोड़ूँगा मैं तुझे।
मिनी बोली- अरे वो तो मैं वासना और कामोत्तेजना में बहकर बोल गई थी, आप बैठ जाओ थोड़ी देर में आपके लौड़े को अपनी चूत में डलवाऊँगी।
मैंने कहा- हाँ ठीक है, पर टाँगें चौड़ी तो कर मुझे थोड़ा सा पानी टेस्ट करना है।
जैसे ही मिनी की टाँगें थोड़ी चौड़ी हुई, मैंने फिर से अपना सर उसकी चूत पर लगा दिया और फिर से जीभ से अपनी बीवी की चूत की चुदाई करने लगा।
मिनी बोली- प्लीज छोड़ दो, बात को समझो… मैंने ऐसे ही कह दिया था, मेरा यह मतलब नहीं था।
पर मैंने भी सोचा हुआ था कि आज इसको इतना चोदूँगा की यह रो पड़े।
मैं बोला- तुमने बोला था न, तो अब मजे लो, टेंशन मत लो। ए आरके… ज़रा अपनी भाभी का सर पे हाथ फेर और उसे नार्मल कर!
आरके ने बिना मुंह से मिनी का बोबा निकाले ही सर पे हाथ फेरना शुरू कर दिया।
अब तक मिनी को समझ आ गया था कि मैंने बात को पुरुषत्व पे ले लिया है, तो उसने मुझसे बोलना बंद कर दिया और अपनी फंतासी को जीने लगी।
मैंने फिर से मिनी की गांड में एक उंगली डाल कर और अबकी बार अंगूठा भी थोड़ा चूत के थोड़ा ज्यादा अन्दर डाल कर मसलने लगा और जीभ से मिनी की चूत का दाना छेड़ता रहा।
थोड़ी ही देर में मिनी फिर से भड़भड़ा के पानी बहाने लगी, उसके चेहरे पर पसीना उसकी आँखें एकदम लाल और आँखों में आंसू भी थे। मैंने उसको सीट से उठाया और अपनी गोद में बैठा लिया और पूछा- क्या हुआ तुम रो रही हो?
मिनी बोली- कोई नहीं, आप चिंता मत करो, औरतों के आंसू तो किसी भी बात पे निकल जाते हैं। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, मेरी दिल की तमन्ना पूरी हो रही है इसलिए ख़ुशी के आंसू हैं।
आरके बोला- यार, शायद इंटरवल होने वाला है, अपन थोड़ा सीधे बैठ जाते हैं।
हमने अपने अपने कपड़े सही किये और चारों अच्छे से अपनी अपनी जगह बैठ गए।
कोमल आरके के बगल में उसके कंधे पर सर रखकर बैठ गई और मिनी मेरे बगल में बैठ कर मेरे कंधे पर सर रखकर बैठी रही।
10 मिनट बाद ही इंटरवल हो गया, मैं और आरके जाकर पॉपकॉर्न, ड्रिंक्स और पानी ले आये।
मैंने वाशरूम जाकर अपने कपड़े थोड़े सही किये क्योंकि वो चिपचिपे थे।
इंटरवल खत्म होते ही जैसी ही लाइट्स बंद हुई, मैंने मिनी को अपनी गोद में बैठाया और टी शर्ट ऊपर करके उसके स्तन दबाने लगा। कोमल ने मौके की नजाकत को देखते हुए मेरे और मिनी के जीन्स का बटन खोला, ज़िप खोली और जीन्स और घुटनों तक उतार दिया। मिनी अपने हाथ से मेरे लौड़े को अपनी चूत पर सेट करके उस पर बैठ गई, पूरा लंड जब चूत में चला गया मेरे से टिक के धीरे धीरे उछलने लगी।
मेरी तरफ मिनी की पीठ थी, मिनी मूवी देखने आये लोगों को साफ़ दिख सकती थी। सभी लोग मूवी देख रहे थे और वो अपने पति से मूवी हॉल में चुद रही थी, शायद ऐसा ही सोच कर मिनी की चूत में थोड़ा और गीलापन आ गया। मिनी अब चुदने के आनन्द के चरम पर थी, वो अपनी आवाज़ पर संयम नहीं बरत सकी और उसके मुंह से ‘आह उह आह ओह्ह ऊंह्ह आह उह आह ओह्ह…’ निकल गया जिसकी ध्वनि थोड़ी ज्यादा थी।
जब तक मैं मिनी के मुंह पर हाथ रखता, तब तक लोग पीछे पलट कर देख चुके थे। सभी लोग दुबारा से मूवी देखने लगे पर मूवी में इतना मज़ा कहाँ जो लाइव सेक्स देखने में है इसलिए लोग अब बार बार मुड़ कर देखने लगे। मिनी अब आराम से चुदवा रही थी उसके मुंह से बीच बीच में सिसकारियाँ भी निकल रही थी।
आरके और कोमल भौचक्के से हम दोनों को सिनेमा हॉल में सबकी नज़रों के सामने चुदाई करते देख रहे थे। कुछ मनचले युवक को जी बिना किसी लड़की के आये थे, वो हमारी तरफ आने लगे। मिनी बोली जानु डोंट वरि तुम बस चुदाई करते रहना, रुकना मत।
4 लड़के आकर हमारे आगे वाली सीट पर घुटनों के बल हमारी तरफ मुंह करके बैठ गए। मिनी उनकी आँखों में आँखें डाले उन्हें देख रही थी।
लड़के बोले- देखो इस मादरचोद को कोई शर्म ही नहीं है।
एक बोला- चल अपन भी इसके बदन का मज़ा लेते हैं, इसके बूब्स दबा लेते हैं।
एक बोला- अबे चूतिये, तेरी लौडिया इतनी गर्म हो रही थी तो रूम पे ले जाता, यहीं चुदाई मचाने लगा?
आगे बैठे 4-5 कपल्स भी हमारी चुदाई का लाइव नज़ारा देखने पीछे आ गये।
मिनी बोली- मेरा जहाँ मन करा, मैं चुदवा रही हूँ और ये कोई मेरा बॉय फ्रेंड नहीं मेरा पति है। मैंने तुम्हे किसी चीज़ के लिए नहीं रोका पर मेरे बदन को हाथ लगाने के लिए तुम्हे मेरे पति से परमिशन लेनी होगी।
मैंने मिनी को गोद से उठाया, उसका मुंह अपनी तरफ करके दुबारा अपने लौड़े पे बैठा लिया और बोला- तू बस चुद… इनको जवाब मैं दे दूंगा।
मैं चुदाई करते करते ही बोला- हाँ भाई, किसको क्या समस्या है।
लड़के बोले- हमें भी इसे चोदना है।
मैंने कहा- माँ के लौड़े, ऐसे कैसे चोदना है?
लड़के बोले- मादरचोद गाली दे रहा है। मारो इसको मारो…
आरके खड़ा हुआ, मैंने मिनी के बैग से एक जर्मन मेड पिस्टल निकाली और बोला- हाँ मारना है, कौन आ रहा है मारने? आओ मादरचोद! पिस्टल मैंने आरके को दी और बोला- जो हमारी तरफ बढ़े उसे बेधड़क गोली मार देना, मैं सब निबट लूंगा।
आरके पिस्टल ताने रहा, हम चुदाई करते रहे।
सामने सेक्स हो रहा हो और वो कुछ न करें ऐसा तो हो नहीं सकता, इसलिए 7-8 लड़कों ने हमारे सामने अपने अपने लंड बाहर निकाल लिया, मिनी को चुदते देख मुठ मारने लगे।

मैंने फिर से मिनी को उठाया और उसका मुंह स्क्रीन की तरफ कर दिया।
मैंने कहा- यह ठीक है कि तुम अपने पास जो है, उससे खेलो, मेरे पास जो है उससे मुझे खेलने दो। तुम लोग अच्छे से मुठ मारने का मज़ा ले सको इसलिए इसका मुंह तुम्हारी तरफ कर दिया है, अब इसके बूब्स पर अपनी अपनी मुठ गिरा सकते हो।
कुछ लोग तो हॉल छोड़ कर चले गए, कुछ कपल्स में उनकी लड़कियों ने अपने साथ आये लड़कों की मुठ मारी।
मिनी जब मुझसे अच्छे से चुद गई तो वो जाकर सीढ़ियों पर लेट गई सभी ने उसके ऊपर अपना मुठ गिरा दिया, मिनी पूरी तरह मुठ से भीग गई थी।
सभी लोग मुझे थैंक्स बोले और सॉरी मांगी, बोले- आप बहुत अच्छे हैं, हमने आपको गलत समझा।
मैंने मन ही मन सोचा- माँ के लौड़े, पिस्टल के सामने अच्छे घुटने तक देते हैं तुम तो अभी पैदा हुए हो।
मिनी के बैग में एक तौलिया था, उससे उसके बदन पर पड़ा हुआ सारा वीर्य पौंछा और हम लोग वापिसी में खाना पैक करा कर आ गये।
घर पहुंचते पहुंचते हमें 2:30 बज गए थे।
घर पर आने के बाद सभी लोग वापस से नंगे हो गए।
मैंने मिनी से पूछा- तुझे वहाँ किसी और लौड़े का लेने का मन तो नहीं था न?
मिनी बोली- नहीं, तुम लोगो ने मेरी जो हालत कर दी थी उसके बाद तो मेरी किसी और लौड़े को लेने की इच्छा नहीं बची थी।
आरके बोला- लेकिन नज़ारा देखने लायक था, इतने मर्द एक साथ किसी लड़की को देखकर मुठ मार रहे थे, यह नज़ारा अब ज़िन्दगी भर के लिए दिमाग में छप गया है।
कोमल बोली- भाभी, आपकी डर्टी फंतासी वाकई लाजवाब थी। नीलू, मुझे भी कभी न कभी ऐसे ही किसी सिनेमा हाल या पार्क या मॉल में चोदना।
आरके बोला- हाँ डार्लिंग, पहले रंगीला की तरह एक पिस्टल ले लूँ, फिर चोदूँगा वर्ना मेरे अलावा कितने लौड़े तेरे मुंह, नाक, गांड, चूत और जहाँ जहाँ छेद हैं, वहाँ जायेंगे कि शायद तू बैंडिट क्वीन बन जाये।
सभी लोग हंसने लगे।
मैंने कहा- वो कोई असली पिस्टल नहीं है, वो सिर्फ दिखने में पिस्टल जैसी है, वैसे वो लाइटर है पर डराने का काम अच्छा करती है। आरके बोला- ओह्ह तेरी की बेहनचो… मेरे हाथ में भी थी पर इतनी भार लगी कि लगा असली पिस्टल ही है।
मिनी बोली- मैंने इतना चुदवाया है आज कि मुझे थोड़ी थकान हो रही है, मुझे थोड़ी देर आराम करना है।
और बोलते बोलते मिनी बिस्तर पर गिर गई, जल्दी ही वो सो गई।
 
हम सभी को 4 बजे का इंतज़ार था पर अभी एक घंटा था हब्शी के आने में, मैंने मिनी को चादर उढ़ा दी और हम तीनों बाहर के कमरे में आ गये जिससे मिनी की नींद में कोई विघ्न न आये।
बाहर के कमरे में आकर में सोफे पर बैठ गया और कोमल मेरे बगल में आरके कालीन पर था और उसका सर मेरी जांघों से टिका हुआ था।
आरके बोला- यार, ये ज़िन्दगी के सबसे हसीं पल हैं कितना अच्छा होता कि अपन लोग साथ में ही रहते। मैं भी दिल्ली में ही नौकरी ढूंढ लेता हूँ।
मैंने कहा- हाँ, मेरी कंपनी में अप्लाई कर दे, वहाँ कुछ जुगाड़ भी लगा दूंगा मैं!
आरके बोला- अपन इसी मकान में साथ साथ रहेंगे, जब मर्जी आये कोमल को चोदूँगा और जब मन करेगा भाभी को।
कोमल भी बोली- हाँ, बहुत मज़ा आएगा, इससे पहले हम लोग सिर्फ रात को 20 मिनट के लिए बिस्तर पर जाने के बाद सेक्स करते और सो जाते थे, पता ही नहीं था कि इस सेक्स की दुनिया में इससे ज्यादा आनन्द भी लिया जा सकता है। पहले मन में अगर ऐसे ख्याल आ भी जाते थे तो यही सोचती रहती थी कि शायद नीलू को अच्छा नहीं लगेगा पर अब खुल के अपनी ज़िन्दगी जी सकती हूँ। किसी का भी लंड किसी भी जगह बिना किसी डर के ले सकती हूँ। पहले ये सब पाप लगता था।
आरके बोला- हाँ, मैं भी अब तुम्हारी मदद से किसी भी चूत को अपना बना सकता हूँ, तुम मेरे लिए किसी भी लड़की को मेरे बिस्तर तक लाने में मदद कर सकती हो।
बातें करते करते चार भी बज गए तब तक एक मिनी भी एक नींद निकाल के बाहर के कमरे में आ गई और आते ही मेरी गोदी में बैठ गई और मुझे किस करने लगी।
कोमल बोली- भाभी, आप सच में बहुत बहादुर हो, सबके सामने चुदते समय यह डर नहीं लग रहा था कि कोई और भी आपको चोद सकता है?
मिनी बोली- जब तक रंगीला मेरे साथ है, मेरी मर्जी के खिलाफ मुझे छूना तो दूर मेरी तरफ कोई आँख भी नहीं उठा सकता।
और अगर इनके होते हुए भी मेरी मर्जी के खिलाफ मुझे हाथ लगा जाता तो धत्त है ऐसे मर्द पे! जब इन्होंने कहा, तभी लोग मुझे देखकर मुठ मार पाये। मुझे भी अच्छा लग रहा था कि मेरे बदन को देखकर जवान और बूढ़े सभी मुठ मार रहे थे।
मैंने कहा- चल छोड़ डायलाग बाज़ी, और सब लोग कपड़े पहन लो, हब्शी आता ही होगा कोमल की चूत मारने के लिए।
कोमल बोली- भैया, अब वो तो मुझे चोदने ही आने वाला है तो कपड़े क्यूँ पहनने?
मैंने कहा- थोड़ी नजाकत से चुदवाओगी तो और आनन्द आएगा, भले ही वो तुम्हारे लिए रंडी ही है पर मजा तो तब है जब एक रंडी भी खुल के एन्जॉय करे और तुम्हें अपने चरम पर ले जाए, तुम्हें खुश करे।
कोमल बोली- हाँ भैया, यह बात तो सही है।
सभी लोग कपड़े पहनने लगे, मैंने मिनी से पूछा- डार्लिंग, तुम्हें भी चाहिए क्या उस हब्शी का लंड?
मिनी बोली- मैं देखने के बाद ही फैसला करुँगी… वैसे पिछले कुछ दिनों में इतना सेक्स कर लिया है कि अभी तो फिलहाल ऐसा कोई मन नहीं है।
सभी लोग घर के नार्मल कपड़ों में आ गये, मैंने और आरके ने बनियान और बरमूडा पहन लिया, कोमल ने टॉप और जीन्स, मिनी ने सूट।
तभी घंटी बजी, आरके ने दरवाज़ा खोला, सामने के भयानक काला और डरावना आदमी खड़ा था।
उसने विनम्रता से पूछा- Can I talk to रंगीला?
मैंने अंदर से ही आवाज़ लगाकर बोला- हाँ मैं हूँ रंगीला, तुम्हें हिंदी नहीं आती क्या?
दरवाज़े के बाहर से ही उसने बोला- आता है पर थोड़ा थोड़ा।
मैंने कहा- ठीक है, अंदर आ जाओ।
उसको सोफे पर बैठने के लिए इशारा किया। सोफे पर बैठकर बेचारा इधर उधर बगलें झांकता सा दिख रहा था।
मैंने कहा- पैसे पहले लोगे या बाद में?
वो बोला- कैसा भी चलेगा।
मैं थोड़ी दबंग आवाज़ में बोला- कोमल!
जब तक कोमल बाहर आये, मैंने पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?
वो कालू बोला- मेरा नाम देंयल जॉन है। लोग मुझे डी जे बुलाते है।
कोमल बाहर आई, बोली- हाँ भैया?
मैंने कहा- देख लो, ये है वो!
डी जे थोड़ा हक्का बक्का था पर चुप था।
कोमल थोड़ा शर्माते हुए नज़रें झुका के बोली- हाँ अच्छा है।
मैं थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोला- अरे शादी के लिए थोड़े ही दिखा रहे है जो ऐसे शर्मा कर बोल रही है। उसके करीब जाओ उसके बदन को छू कर आजमा लो सब सामान चेक कर लो।
कोमल ने नजरें उठाई और जाकर उसकी गोदी में बैठ गई, उसकी टी-शर्ट को ऊपर से गले के अंदर झाँक कर देखा, फिर बोली- नाइस, तुम्हारी छाती पर बाल नहीं है।
डी जे ने अपने हाथ हवा में ऐसे उठा रखे थे जैसे चेकिंग के लिए हाथ उठा लिए जाते है, वो कोमल को कहीं भी छू नहीं रहा था।
कोमल ने डी जे के जीन्स पर हाथ फेरते हुए मेरी तरफ देखकर बोली- हाँ, भैया चलेगा ये!
कोमल उसकी गोदी से उठी, तब तक मिनी भी आ गई बाहर के कमरे में, मैंने कहा- मिनी देख ये आया है कोमल को चोदने!
मिनी आँखें बड़ी करके बोली- अरे बाप रे… यह तो इंसान ही नहीं लग रहा।
मैंने थोड़ा धीरे से कहा- उसे हिंदी आती है।
डी जे बोला- सर कोई बात नहीं!
मैंने कहा- तो फिर क्या है, हो जा शुरू… जाओ कोमल इसे अंदर ले जाओ।
कोमल ने उसका हाथ पकड़ा और उसे सोफे से उठाने के लिए बड़ी अदा से अंदर ले जाने लगी। आरके बिल्कुल चुपचाप यह सारा नज़ारा देख रहा था।
मैं आरके की ख़ामोशी तोड़ने के लिए बोला- आरके भाई, तुझे अगर तेरी बीवी कोमल के लिए वो कालू पसंद नहीं आया हो तो बता, अपन कोई और बुला लेंगे।
आरके थोड़ा गहरी मुस्कान के साथ बोला- नहीं यार, ऐसी कोई बात नहीं है।
मैंने कहा- फिर इतना शांत क्यूँ खड़ा है, तेरी फंतासी पूरी होने जा रही है, तुझे कोई ख़ुशी नहीं हो रही?
तब तक डी जे और कोमल ने कमरा बंद कर लिया था, मैंने आवाज़ लगाई- कोमल!
जल्दी ही कोमल बाहर आई और बोली- हाँ भैया?
मैंने कहा- मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे तुम्हारी फंतासी पूरी होने जा रही है।
कोमल बोली- नहीं, ऐसी तो कोई बात नहीं है।
तो मैंने कहा- तो आरके की फंतासी के हिसाब से तो तुम्हें आरके के सामने उस कालू से शारीरिक सम्बन्ध बनाने हैं।
कोमल बोली- मुझे तो आप लोगों से कोई दिक्कत नहीं है पर वो आदमी कैसे ये सब करेगा इसलिए अंदर गई तो उसने दरवाज़ा बंद कर लिया।
मैंने कहा- उसकी चिंता मत करो, वो तो साला रंडी है, जो कहेंगे वो करना पड़ेगा।
मैंने आवाज़ लगाई- डी जे!
वो बाहर के कमरे में आ गया।
मैंने उससे कहा- तुम्हें जो भी कुछ करना है, यहीं करना है।
मैं थोड़ा रूककर बोला- चलो, अपनी टी-शर्ट उतारो।
काले सांड ने अपनी टी-शर्ट उतारी, उसका शरीर देखने लायक था। उसके पूरा बदन गठीला, एक एक मांशपेशी और नस नस दिखाई पड़ रही थी।
आरके बोला- अब क्या हर चीज़ बोलनी पड़ेगी, कोमल को खुश करो, तुम जैसे भी कर सकते हो।
डी जे कुछ नहीं बोला और कोमल को गोद में उठा लिया जैसे कोई दो साल की बच्ची को उठाता है और उसे सोफे पर बैठा दिया।
फिर कालू खड़ा हुआ और जैसे स्ट्रिप टीज़र करते है वैसे अपने जीन्स का बटन खोलने लगा। मैंने जल्दी ही माहौल समझा और पिटबुल के गाने लगा कर आवाज़ बढ़ा दी।
डी जे ने मुझे आँखों से ही थैंक्स बोला।
मैंने बोला- मिनी तुम भी कोमल के बगल में जाकर बैठ जाओ।
आरके बोला- हाँ भाभी, जैसे लड़कियों की पार्टी में स्ट्रिप टीज़र डांस होता है वैसा ही लगेगा जाओ न!
मिनी भी कोमल के बगल में जाकर बैठ गई।
अब धीरे धीरे गाने की धुन पर डी जे अपने जीन्स की ज़िप खोलते हुए अपनी गांड मटकाता हुआ लड़कियों के लिए स्ट्रिप टीज़ करने लगा।
दोनों लड़कियों को उसने इतना उकसा दिया कि मिनी ने उसके जीन्स के ऊपर से ही हथियार की धार देखने की कोशिश करने लगी और कोमल भी कालू की गांड पे चपेट लगा देती।
जैसे ही जीन्स कालू के शरीर से अलग हुई, कालू ने एक स्टेप में अपनी चड्डी को थोड़ा उठा के अंदर का हथियार दिखाया और फिर बंद कर दिया जैसे उन्हें दिखा के चिढ़ा रहा हो।
मैं और आरके सिगरेट के धुएं के साथ खड़े खड़े ये तमाशा देख रहे थे।
कालू ने दोनों लड़कियों को इशारा किया कि वो भी अपने कपड़े उतार लें।
कोमल ने तुरंत अपना टॉप उतार फेंका, मिनी कपड़े बिना उतारे ही बस एक टक कालू को देख रही थी।

डी जे ने कोमल के दोनों बूब्स अपने दोनों बड़े बड़े हाथों से पकड़े और हल्की हल्की मसाज देने लगा।
इधर आरके ने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया।
डी जे ने कोमल को खड़ा किया और उसके जीन्स का बटन अपने मुंह से खोल दिया, ताकतवर दांतों से ज़िप भी नीचे करता जा रहा था और कोमल की गांड भी सहला रहा था।
मिनी अपने पैर के अंगूठे के नाख़ून से कालू के सीने के निप्पल को छेड़ने लगी। डी जे भी दिखा रहा था कि हाँ उसे अच्छा लग रहा है।
तभी मेरे बरमूडा नीचे सरका, मैंने पीछे देखा तो आरके ने सरकाया था। मैं भी कपड़े उतार के आरके की तरह नंगा हो चूका था।
डी जे ने अब तक कोमल को पूरी तरह नंगी कर दिया था। मिनी ने अब तक अपना बदन ढक कर रखा था पर हाँ वो अपने पैर के अंगूठे के नाख़ून से डी जे के छाती ही नहीं अब उसके औजार पर भी वार कर रही थी।
डी जे ने कोमल को सोफे पर बैठाया और अब धीरे धीरे अपनी बॉक्सर को उतारना शुरू किया।
कभी दांई तरफ से बॉक्सर नीचे करता कभी बांई तरफ से और फिर रोक देता।
कालू के बदन पर अब तक एक भी बाल नहीं दिखा था।
इंतज़ार की घड़ियाँ समाप्त हुई और डी जे ने अपना लम्बा और काला लौड़ा दोनों औरतों के सामने कर दिया।
आरके बोला- कोमल चूस इसका लंड!
डी जे का लंड अभी पूरी तरह खड़ा ही नहीं था तब भी वो कम से कम 9 इंच तो होगा ही।
मिनी बोली- ये आदमी का है या गधे का? आरके भैया, आदमी ही क्यूँ बोला, बोल देते गधे से चुदवाना है कोमल को।
आरके बोला- भाभी मैंने सपने में कई बार इसको ऐसे ही काले लंड से चुदते हुए और मस्ती करते हुए इसी को चोदा है। जब हम चुदाई करते थे तो हम अपने मन में कोई कहानी से अपने आपको उकसा कर अपना लंड खड़ा करता था। यह ऐसी अचूक कहानी है जिसमें मेरा लंड हमेशा ही खड़ा हो जाता था और मैं कोमल को कभी कभी 40-45 मिनट तक चोदता रहता था।
तब तक कोमल ने कालू के लौड़े को चूसना शुरू कर दिया था। इधर मिनी भी धीरे धीरे मूड में आरही थी, उसने भी एक एक करके अपने बदन से कपड़े अलग करना शुरू कर दिए थे।
मिनी ने डी जे के बॉल्स सहलाना शुरू किये इधर आरके भी मेरी जांघें और लंड को छूना शुरू कर चुका था।
डी जे जमीन में लेट गया और कोमल को अपने मुंह पर बैठा लिया, मिनी सोफे पर बैठे बैठे अपने पैर के पंजों से डी जे के लंड की मुठ मारने लगी। कोमल भी अपनी चूत पर कालू की जीभ का पूरा मज़ा ले रही थी, अपने हाथों से अपने बूब्स दबा कर आरके और मुझे दिखा रही थी, बता रही थी कि वो इस फंतासी को पूरी तरह जी रही है।
आरके बोला- यार, यहाँ कब तक खड़े खड़े तमाशा देखेंगे, चलो अंदर चलते हैं, बिस्तर पर सभी लोग मस्ती करेंगे।
कोमल बोली- नीलू, थोड़ी देर रुको न, अभी इसकी जीभ सही जगह पर छू रही है, थोड़ा मज़ा ले लेने दो, फिर चलूंगी।
आरके बोला- रंडी कैसी कालिये की जीभ के मजे ले रही है, ले मजे और मजे ले बेन की लोड़ी।
हम तीनों मैं, मिनी और आरके बैडरूम में चले गए।
8-10 मिनट के बाद कोमल हमारे कमरे में आई, तब तक हम तीनों एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे।
कोमल आकर बोली- मुझे इस कालू पर मूतना है, उस दिन आप सब मेरे ऊपर मूते थे। आज मैं इस पर मूतना चाहती हूँ।
बाथरूम में कालू को लिटा कर वैसे ही उसके मुंह पर कोमल बैठ गई और डी जे के मुंह पर मूतने लगी। डी जे भी एक्सपर्ट था, वो भी कोमल को पूरा आनन्द देने के लिए आराम से अपने ऊपर मुतवाता रहा। कोमल का मूत पीता, कभी उसके मूत को मुंह में भरकर कोमल के पेट तक उसी का कुल्ला कर देता।
कोमल ने पूरा मूतने के बाद भी लगभग 5 मिनट और कालू के मुंह पर बैठकर अपने कूल्हे मटका मटका के अपनी चूत को चटवाया। फिर दोनों साथ में शावर लेने लगे, बाथरूम का दरवाज़ा एक मिनट के लिए भी बंद नहीं किया गया।
कोमल नहा कर बदन पौंछ कर बिस्तर के बिल्कुल बीच में लेट गई, अपनी टांगें हवा में उछाल कर डी जे को अपनी चूत में अपना लंड डालने को निमंत्रण दे दिया।
डी जे प्रोफेशनल तो था ही, तुरंत अपना लौड़ा हाथ में लेकर आगे बढ़ा और कोमल के चूत के द्वार पर रख दिया। उसने पहले अपने लंड के टोपे से कोमल की चूत इतनी रगड़ी कि कोमल लंड लेने के लिए लगभग पागल और भूखी शेरनी जैसी हो गई।
कोमल खुद ही उछलने लगी जिससे उसका लंड थोड़ा अंदर चला जाए, वो डी जे को पकड़ कर हिलाने की कोशिश कर रही थी पर वो सांड कहा हिलने वाला था।
जब डी जे पूरी तरह संतुष्ट हो गया कि अब कोमल को ज्यादा दर्द नहीं होगा उसने थोड़ा सा लंड कोमल की चूत में ठेल दिया।
मेरे और आरके के लंड के मुकाबले इस लंड का मोटापा काफी था। कोमल ने तकिए का कोन पूरी ताकत से अपनी मुट्ठी में भर लिया और अपने मुंह को दबा लिया जिससे उसकी चीख न निकल जाए।
आरके तुरंत उठकर गया और अपनी बीवी कोमल का सर गोदी में रखकर बोला- कोमल जान, अपने आप को रोको मत… चीखो, चिल्लाओ कोई बात नहीं।
कोमल बोली- इसने तो मेरी चूत फाड़ डाली, मैं मर जाऊँगी जान!
आरके बोला- तू मेरा लंड चूस, ये तेरी चूत मारेगा तुझे दर्द नहीं होने देगा।
मिनी ने ऐसी बातें सुनी तो सरसों का तेल उठा लाई, बिना किसी से कुछ बोले डी जे के पास गई उसके लंड को पकड़ा और बाहर निकाल दिया और उसके लंड पर ढेर सारा तेल मल दिया, थोड़ा सा तेल लेकर कोमल की चूत पर भी लगा दिया और थोड़ा ऊँगली कोमल की चूत के अंदर डाल के तेल अंदर तक लगा दिया।
कोमल बोली- थैंक यू भाभी! अब शायद इसका लौड़ा लेना आसान हो जायेगा।
मिनी मुस्कुरा कर बोली- एन्जॉय करो डियर, थैंक्स की क्या बात है।
 
कोमल पलट गई और घोड़ी बन गई, कालू भी घुटने के बल बैठ गया, कोमल का मुंह अब आरके के लंड पर था।
कालू ने धीरे धीरे अपना लंड कोमल की चूत में पेलना शुरू कर दिया। आरके इस तरह सीधा लेटा था जैसे वो कोमल का तकिया हो, कोमल के एक हाथ की तरफ आरके के पैर थे और दूसरे हाथ की तरफ उसका मुंह।
आरके ने मुझे अपनी तरफ बुलाया और मेरा लंड चूसने लगा।
मैंने भी मिनी को सीधा लिटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा और मिनी का मुंह कोमल और कालू के लंड के पास पहुंच चूका था तो वो भी कालू के बॉल्स और सहला और चाट रही थी।
पूरा गोला बना लिया था हम लोगों ने जिसमें सभी एक दूसरे को पूरा आनन्द दे रहे थे।
कोमल की चूत में अब जोरदार धक्का लगा जिससे डी जे का पूरा लंड अब कोमल की चूत में घुस गया था, कोमल चीख उठी, बोली- ये माँ का लौड़ा चूत से डाल के मुंह से निकालेगा।
कोमल के मुंह से गाली सुनकर बहुत अच्छा लगा, सभी लोग हंस दिए।
आरके बोला- तू बस ये बता… मज़ा आ रहा है या नहीं?
कोमल कुछ नहीं बोल सकी, बस आह उन्हह ओह्ह्ह आंहह ओह्ह्ह्ह करती ही रह गई।
मैंने मिनी से कहा- बोल, अगर तुझे भी चाहिए ऐसा लंड तो ले ले।
मिनी बोली- मुझे चुदने का शौक है पर इतने बड़े लंड से अपनी चूत नहीं फड़वानी… मेरे लिए तो आप दोनों के ही लंड बहुत हैं कोई और पसंद आएगा तो मैं ज़रूर बताऊँगी।
मैं बोला- डी जे, मेरी बीवी को भी खुश कर यार, उसे भी ओरल का मज़ा दे दे।
डी जे बोला- यस सर!
डी जे ने कोमल को लिटा दिया, पीछे से चोदता रहा और कोमल और डी जे के बीच जो जगह बनी उसमें मिनी को लिटा लिया और उसकी चूत को चाटने लगा।
कोमल और मिनी की पीठ एक दूसरे से टकरा रही थी। आरके मिनी के बूब्स मसलने और चूसने लगा वही में कोमल की तरफ जाकर कोमल के बूब्स के साथ खेलने लगा।
कोमल और मिनी पूरी पसीने में तरबतर थी।
कोमल बोली- भैया, यह राक्षस अपना पानी छोड़ेगा या नहीं?
मैंने कहा- तू उसकी क्यूँ चिंता करती है, वो तो रंडी है न, जब तक तेरा मन है लिए रह लौड़ा अपनी चूत में… जब तेरा हो जाये तो निकलवा देना। घर जाकर हिलाता रहेगा या कोई दूसरी ग्राहक पे निबट लेगा।
कोमल हँसते हुए बोली- भैया, मैं तो 2 बार अपना पानी छोड़ चुकी हूँ। बस एक और बार निकाल लूँ, उसके बाद इस लंड को जाने दूंगी। भैया आपका लंड चूसती हूँ आप अपना पानी मेरे मुंह में निकाल देना। मुझे थोड़ा पानी पीना है।
कोमल अब और ज्यादा मज़ा ले रही थी, वो अब कालू के लंड पर उछल रही थी, मेरे लंड को वो गले तक लेकर चूस रही थी। इससे पहले कि मैं अपना पानी उसके मुंह में छोड़ता, कोमल पानी छोड़ने लगी।
कोमल इतना मज़ा ले रही थी कि वो बोली- फाड़ दे मेरी चूत, निकाल दे मेरा पानी, मादरचोद मुझे खा जा। चोद साले मुझे चोद, मसल डाल मुझे।
मैं उसके बूब्स मसल रहा था और डी जे पूरी ताकत से कोमल को पेल रहा था।
कोमल के झड़ने के बाद डी जे बोला- मैं भी आ रहा हूँ।
डी जे ने अपना लंड बाहर निकाला और जोरों से हिलाने लगा।
मिनी भी कोमल के बिल्कुल बगल में मुंह लगा कर बैठ गई।
मैंने पहली बार अपनी बीवी को लंड से निकलने वाले पानी के लिए इतना उतावला देखा था।
डी जे की मलाई निकलने लगी, उसने इतना मलाई निकाली कि दोनों औरतें पूरी तरह उसकी मलाई में भीग गई।
आरके ने डी जे को पैसे दिए और थैंक्स बोल कर तौलिया लगा कर गेट तक छोड़ कर आया।
तब तक कोमल और मिनी एक दूसरे को स्मूच करके एक साथ नहाने चली गई।
शाम के 7 बज चुके थे, सभी लोग थके हुए थे, भूख भी लग रही थी, मिनी और कोमल ने खाना बनाया, खाना खाकर सभी लोग एक साथ सो गए।
सभी इतने थके हुए थे कि आज की रात किसी ने किसी को भी नहीं चोदा लेकिन अगले दिन हमारे पास समय नहीं था चुदाई का इसलिए मैं कोमल की बाँहों में और आरके मिनी की बाँहों में ही सोते रहे !
और अब यह तो स्पष्ट ही था कि हमने कपड़े नहीं पहने हुए थे।
अगली सुबह 10 बजे हमारी ट्रेन थी भोपाल जाने की… सभी लोग सुबह 7 बजे उठ कर नहा धोकर तैयार हो गए और हम 9:40 पर स्टेशन पहुंच गए थे।
अभी ट्रेन लग ही रही थी, आरके ने पूछा- भाई, अपना सीट नंबर और बोगी कौन सा है?
मैंने कहा- यार कहीं जगह नहीं थी, मैंने फर्स्ट क्लास में बुकिंग कर ली है। बस प्रॉब्लम यह है कि 2 सीट एक कम्पार्टमेंट और बाकी 2 अलग अलग कम्पार्टमेंट में मिली है। अब अंदर ही कुछ जुगाड़ करना पड़ेगा।
ट्रेन आई मैंने TT से बात की तो उसने हमारी चारों सीट एक ही कम्पार्टमेंट में करवा दी।
मुझे बुकिंग करते वक़्त से लेकर अभी तक कोई अंदाज़ा नहीं था कि यह सफर इतना सुहाना भी हो सकता है।
अगली सुबह 10 बजे हमारी ट्रेन थी भोपाल की… सभी लोग सुबह 7 बजे उठकर नहा धोकर तैयार हो गए और हम 9:40 पर स्टेशन पहुँच गए थे।
अभी ट्रेन लग ही रही थी, आरके ने पूछा- भाई अपना सीट नंबर और बोगी कौन सी है।
मैंने कहा- यार कहीं जगह नहीं थी, मैंने फर्स्ट क्लास में बुकिंग कर ली है। बस प्रॉब्लम यह है कि दो सीट एक कम्पार्टमेंट और बाकी दो अलग अलग कम्पार्टमेंट में मिली हैं। अब अंदर ही कुछ जुगाड़ करना पड़ेगा।
ट्रेन के आते ही हमने सामान एक ही कम्पार्टमेंट की बर्थ के नीचे रख दिया और मैं और आरके चले गए खाने पीने का सामान लेने। हमने कुछ पानी, पेप्सी, जूस, कुछ केक्स और चिप्स ले लिए थे। क्योंकि मैंने फर्स्ट क्लास में रिजर्वेशन कराया था तो अपने सामान में एक व्हिस्की की बोतल तो घर से ही ले के चला था।
आरके बोला- यार, तूने तो रंग जमा दिया। तूने बताया ही नहीं कि तूने फर्स्ट क्लास में बुकिंग की है।
मैंने कहा- बस यार, कहीं नहीं मिल रही थी तो इसमें ही करा दी। चल ट्रेन में चलते हैं, वैसे तो फर्स्ट क्लास है इसलिए टीटी जल्दी ही अपनी बात मान जायेगा पर फिर भी दूसरे यात्रियों को परेशानी न हो इसलिए पहले से व्यवस्था कर देनी चाहिए।
अभी अभी गाड़ी लगी ही थी, टीटी दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं पड़ रहा था।
हमने जाकर अपने कम्पार्टमेंट में खाने पीने का सामान रख दिया और पूछा- कोई और चीज़ की ज़रूरत तो नहीं है।
तभी टीटी भी आ गया, मैंने उसे पूरा किस्सा बताया तो उसने बोला- सर, मैं कोशिश करूँगा कि आपको तकलीफ न दूँ और आने वाले यात्रियों को समझा कर दूसरे कम्पार्टमेंट में शिफ्ट कर दूँ पर अगर कोई नहीं माना तो मुझे आप लोगों परेशान करना पड़ेगा। वैसे चिंता की कोई बात नहीं है, आम तौर पर फर्स्ट क्लास में सफर करने वाले थोड़े एडजस्टेबल होते हैं।
 
गाड़ी चल चुकी थी।
हम लोग ट्रेन के गेट पर सिगरेट पीते हुए ही बातें कर रहे थे। जब हम लौटे तो कम्पार्टमेंट का दरवाज़ा बंद था।
हमने खटखटाया तो अंदर से आवाज़ आई- कौन है?
हमने कहा- हम ही होंगे और कौन आएगा? खोलो।
अंदर देखा तो दोनों ने कपड़े चेंज कर लिए थे। घर से दोनों साड़ी पहन कर आई थी, पर ट्रेन में आकर दोनों ने छोटे टॉप और केपरी टाइप के कपड़े पहन लिए।
आरके बोला- ये क्या है?
मिनी बोली- हमें थोड़े ही पता था कि हम फर्स्ट क्लास से जा रहे हैं, अब 12 घंटे कौन साड़ी पहन कर बैठेगा… आराम से जब भोपाल आने वाला होगा तब चेंज कर लेंगे।
मैंने भी अपने बैग से व्हिस्की की बोतल और गिलास निकाले और पूछा- हाँ भई, कौन कौन मेरा साथ देने में रुचि रखता है?
कोमल और मिनी बोली- हम लोग तो नहीं पी सकते क्योंकि हम तो ससुराल जा रहे हैं।
आरके बोला- इतना लम्बा रास्ता है, चलो धीरे धीरे पीते हुए रास्ता मस्त कटेगा।
हमने एक एक छोटा छोटा पैग बनाया और कोमल और मिनी को सॉफ्ट ड्रिंक्स दे दिए और चियर्स करके पीने लगे।
कोमल बोली- अब तो हम भोपाल चले जायेंगे और आप लोग दिल्ली में रहोगे पर यह समय बहुत अच्छा बीता। आप लोग भी जल्दी जल्दी मिलने की कोशिश करना, हम लोग भी कोशिश करेंगे कि हमारे दिल्ली के चक्कर ज्यादा लगा करें।
मिनी बोली- हाँ, तुम दोनों के साथ तो बहुत अच्छे वाले सम्बन्ध हो गए हैं अब तो जल्दी जल्दी मिलना ही पड़ेगा।
मैंने कहा- सम्बन्ध नहीं, अवैध सम्बन्ध!
कम्पार्टमेंट में कुछ पल के लिए ख़ामोशी छा गई, फिर सब हंस पड़े।
मैं भी हंसी में हंसने लगा।
कोमल बोली- भैया, हमारे पास अभी भी 12 घंटे हैं, कोई गेम खेलते हैं न, कुछ सोचिये न?
मैंने कहा- आईडिया तो बुरा नहीं है।
मैं उठा और दरवाज़ा अच्छे से चटकनी लगा कर बंद कर दियाम मैं बोला- कोमल तुम यहाँ आ जाओ मेरे पास, आरके तू मिनी के बगल में बैठ, ट्रेन में कुछ धमाल करते हैं।
आरके बोला- वाह यार, मैंने तो ये सोचा ही नहीं, कम्पार्टमेंट का फायदा उठाया जा सकता है।
बोलते बोलते वो मिनी के बगल में जाकर बैठ गया।
मिनी आधी लेटी हुई थी, आरके मिनी के बूब्स मसल कर बोला- क्यूँ भाभी है न?
मिनी बोली- हाँ भैया, अब जो कुछ पल रह गए हैं उसमें कुछ मस्ती तो बनती है।
कोमल बोली- हाँ मस्ती तो निश्चित रूप से करेंगे ही, पर हम लोग कोई फैंटम थोड़े ही हैं जो 12 घंटे तक चुदाई कर सकें। इसलिए जैसा भैया गेम बताएँगे, खेल खेल में कोई न कोई मस्ती तो ढूंढ ही लेंगे। क्यूँ भैया?
और मेरी तरफ आँख मार दी।
मिनी बोली- बात तो तूने सही बोली है कोमल, गेम खेलने में ज्यादा मज़ा आएगा।
आरके बोला- यार, कोई अच्छा सा गेम सोच जो यहाँ खेल सकें।
मैंने कहा- चलो फिर आज मैं एक नया खेल बताता हूँ, कोई बोतल नहीं घूमेगी। सबकी एक एक करके बारी आएगी। बाकी के तीन लोग मिलकर सामने वाले के लिए टास्क बताएँगे। अगर तीनों लोगों की सहमति होगी तो टास्क पूरा करना ही पड़ेगा, कोई बहाना नहीं चलेगा।
तीनों ने हाँ तो कर दी पर वो यही सोच रहे थे कि यह तो लगभग वही गेम है जो घर पर पहले दिन खेला था।
मैंने कहा- बताओ सबसे पहले टास्क लेने को कौन तैयार है?
कोमल ने सबसे पहले हाथ खड़ा कर दिया।
मैंने कहा- तुम्हारे लिए बहुत ही आसान सा टास्क है, तुम्हें मेरे 3 सवालों का सच सच जबाब देना होगा।
कोमल बोली- ओ के… पूछिए।
मैंने कहा- पहला सवाल यह है कि तुम्हें पिछले 2 दिनों में सबसे अच्छा पल कौन सा लगा और क्यूं?
कोमल बोली- यह आसान सवाल नहीं है पर मैं जवाब ज़रूर दूंगी। पिछले 2 दिनों में सबसे अच्छा पल था जब मेरी इच्छा का काम अपने आप हुआ था। जब मुझे आरके ने खुद आपसे पहली बार चुदने के लिए गर्म करके भेज दिया था।
दूसरा सवाल: कल शाम को कालू से चुदाई का अनुभव कैसा रहा? क्या तुम इसे बार बार करना चाहोगी?
आरके की आँखों में देखती हुई कोमल बोली- अगर मेरे पति को अच्छा लगता है कि मुझे कोई और चोदे तो मैं ऐसा करती रहूंगी… पर सच पूछिए तो मुझे बड़े काले मूसल से ज्यादा आनन्द आप दोनों के प्यारे से लंड में आता है। यह बात सही है कि यह मेरा पहला अनुभव था जब मुझे एक काला आदमी चोद रहा था, वो भी जिसको पैसे दिए गए थे कि वो मुझे खुश करे। उसने मुझे बहुत अच्छे से उत्तेजित किया पर सबसे ज्यादा उत्तेजित करने वाली बात यह थी कि ये सब मैं अकेली नहीं, आप लोगों के सामने कर रही थी। शायद अकेले में मैं इतनी प्रसन्न नहीं हो पाती।
तीसरा सवाल: तुमने शादी के पहले और शादी के बाद अब तक कितने लण्डों को देखा है? कितने लण्डों को छुआ है? और कितने लण्डों से चुदवाया है?
कोमल अपनी जगह से उठी और आरके को बाहों में लेकर बोली- मैं चाहूँ तो इसका जो भी जवाब दूंगी, आप लोगों को मानना ही पड़ेगा पर मैं सच बोलना चाहती हूँ। शादी से पहले से ही मैं थोड़ी जिज्ञासु किस्म की लड़की रही हूँ। मैंने शादी से पहले अनगिनत लण्डों को देखा है। उसमें मेरे भाई, पापा, चाचा और भी कई लोग आते हैं। मैंने बाथरूम के रोशनदान में एक छेद ढूंढ लिया था जिसमें से मैं इन सभी को देख लेती थी।
जैसा कि मैंने बताया कि मैं जिज्ञासु थी तो मैं बस, ट्रेन में चलते समय लण्डों को छू भी लेती थी और कई बार तो मैंने उनकी चलती ट्रेन में खड़े खड़े अपने हाथों से मुठ भी मारी है। क्या करती वो अपना लंड मेरी गांड में चुभाये जा रहा था, मैंने हाथ पीछे किया तो उसका लंड मेरी हथेली को छू गया। मैंने उसे पकड़ लिया और हिलाती रही जब तक कि उसकी मलाई मेरे हाथ में नहीं गिर गई।
उसके बाद तो मुझे मज़ा आने लगा, चलती बस ट्रेन में बैठने की जगह भी होती तो भी नहीं बैठती बल्कि खड़े आदमियों के खड़े लण्डों को सहला आती थी।
हाँ चुदवाने के मामले में मैंने अपनी मर्जी से कोई लंड अपनी चूत में नहीं लिया। मुझे सबसे पहले मेरे चाचा ने गांड मारी थी, उसके बाद मैंने एक बॉयफ्रेंड बनाया था उससे भी मैं गांड ही मरवाती थी और चूत में सिर्फ उंगली करवाती थी। मेरी चूत में अब तक केवल तीन ही लंड गए हैं, एक नीलू, दूसरे आप और तीसरा वो कालू।
आरके ने कोमल को बाँहों में भर के जकड़ लिया और एक बेहतरीन स्मूच में होंठों से होंठ जोड़ कर आरके शायद सिर्फ यही कहने की कोशिश कर रहा था कि क्या आज तक तुम्हें मुझ पर इतना भरोसा नहीं था कि ये सब बातें कह पाती।
और शायद कोमल कह रही थी कि बताना तो कब से चाहती थी पर हिम्मत नहीं पड़ती थी, सोचती थी कि तुम क्या सोचोगे।
आज के इस स्मूच में केवल और केवल एक प्रेम का भाव था एक पति का अपनी पत्नी के लिए और एक पत्नी का अपने पति के लिए। सम्मान और प्रेम का ऐसा भाव मैंने उन दोनों में एक दूजे के लिए अब तक नहीं देखा था।
उनके इस चुम्बन से बाहर निकालने का एक ही तरीका था, मैंने कहा- हाँ तो अब अगला नंबर किसका है?
आरके अपने होंठों को होंठों से अलग करके बोला- तू जिसका भी बोले?
मैंने कहा- तो फिर तेरा ही नंबर है।
कोमल के चेहरे पर असीम शांति का भाव था पर खेल को पूरे भाव के साथ खेलने के लिए बोली- हाँ भैया, इनको भी कोई अच्छा सा टास्क देना।
मैंने कहा- तुम्हीं दे दो कोई टास्क नीलू को?
कोमल बोली -अगर ऐसी बात है तो चलो नीलू, तुम यहाँ से बाहर निकल कर जाओ और सामने आने वाली पहली लड़की या औरत को तुम्हें छेड़ना है। छेड़ने का मतलब है कि तुम्हें उसके बूब्स दबाने हैं।
आरके बोला- यह कैसा टास्क है? मेरी पिटाई हो गई तो?
कोमल बोली- पिटाई न हो, इसका ध्यान रखना और हंसने लगी।
आरके कम्पार्टमेंट से बाहर निकला, हम लोग भी उसे देखने के लिए बाहर आये।
वहाँ बीच में जो अटेंडेंट बैठा होता है, वो खड़ा हो गया और बड़े अदब से पूछा- सर, मैं आपकी किस तरह सहायता कर सकता हूँ?
आरके बोला- मेरी मदद कोई नहीं कर सकता, आप बैठ जाओ, मुझे जैसे ही आपकी ज़रूरत होगी, मैं आपको बता दूंगा।
आरके वहाँ से सेकंड AC के डब्बे में घुसा। वहाँ तीसरी बर्थ पर ही एक सुन्दर सी 35-38 साल की महिला बैठी थी।
आरके ने पीछे मुड़ कर देखा, हमने इशारा किया ‘हाँ यही है जिसके आरके को बूब्स दबाने हैं।
आरके उससे बात करना शुरू किया- एक्सक्यूज़ मी, यहाँ नीचे आपका ही सामान रखा है?
महिला बोली- हाँ जी, क्यूँ क्या हुआ?
आरके बोला- मेरे पास थोड़ा सामान ज्यादा है, मैं थोड़ा सामान यहाँ रख दूँ?
तब तक मैंने आरके की मदद करने के लिए उसके पास पहुँचा और उसे उस औरत पर धक्का सा दे दिया।
आरके ने गिरते ही उसके दोनों बूब्स कस के दबा दिए।
मैंने उसे क्रॉस करते हुए कहा- साले अंधे, दीखता नहीं है, रास्ते में खड़े हो जाते हैं।
आरके औरत के ऊपर से खड़ा होता हुआ बोला- अँधा मैं हूँ या तू है?
और इधर औरत की तरफ मुंह करके बोला- मैं बहुत माफ़ी चाहता हूँ।
औरत के बूब्स आरके ने इतनी जोर से दबाए थे कि वो औरत बोली- आप जाइये यहाँ से… मैं आपका कोई सामान नहीं रख सकती।
और धीरे धीरे कुछ बड़बड़ाने लगी।
आरके वहाँ से सीधा कम्पार्टमेंट में आ गया, मैं थोड़ी देर बाद वापस पहुँचा।
जब मैं पहुँचा तो सभी लोग इसी घटना पर हंस रहे थे, मिनी और कोमल ताली पीट पीट कर आरके का मजाक उड़ा रहे थे, कोमल बोली- अगर भैया नहीं होते तो तुम कभी भी उस औरत को छू नहीं पाते।
मैंने अंदर आकर कहा- आरके, तूने इतनी जोर से उसके मम्मे दबाए कि बेचारी अभी तक अपने बूब्स सहला रही है।
आरके बोला- साली थी ही एकदम क़यामत, उम्र कुछ भी हो पर थी साली गजब की बला! इसीलिए जोश जोश में थोड़ा जोर से दब गए होंगे।
मिनी बोली- अब आपकी बारी!
मैंने कहा- ओके, मैं तैयार हूँ, बताओ क्या करना है?
मिनी बोली- आप अपने आप को बहुत अफलातून समझते हो न, आज मैं आपको ऐसा टास्क दूंगी जो आप पूरा नहीं कर पाओगे। अगर आप टास्क पूरा नहीं कर सके तो आपकी सजा होगी कि आप पूरे 15 दिन-रात तक आप किसी भी तरह का सेक्स नहीं कर सकेंगे। यहाँ तक की बाथरूम में जाकर मुठ भी नहीं मार सकते।
मैंने कहा- यह हुई न बात, अब आएगा मज़ा… बताओ ऐसा कौन सा काम है जिसके लिए तुमने इतनी बड़ी शर्त रख दी। और साथ ही यह भी बता देना कि जीत गया तो क्या मिलेगा?
मिनी बोली- आपको उसी औरत को किस करना है जिसके अभी आरके भैया ने मम्मे दबाये हैं। और हाँ अगर आप जीत गए तो आपकी मर्जी, जो आप चाहोगे, करूँगी।
‘मैं तुम्हारी चुनौती स्वीकार करता हूँ। जीत कर ही बताऊँगा कि मैं क्या करवाऊँगा तुमसे!’
 
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