hotaks444
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"हयी अर्रे रंडी के बच्चे लंड तो दिखा ...बूबे ही मसल्ते रहेगा काआआ....आहह आ......."
अजय"अर्रे वो भी चूसा दूँगा मेरी रांडो पहले तेरी मालिश तो केरने दे ...तूने ही तो कहा था कि तेरी चूचियाँ आज बड़ी करनी है मुझे ..बहेन की लेडी.."
अजय तेल से बूब्स को बोहोत अच्छी तरह से मल रहा था ...कभी उपेर से नीचे तो कभी गोल गोल घुमा रहा था जैसे कोई आटा गूंदते हैं..
अजय"इनको आज इतना बड़ा कर दूँगा के दूध अपने आप ही निकलने लगेगा ....... मेरी चुड़क्कड़ भाभी तेरे मम्मे तो सच मे पागल बना देने वाले हैं..कहाँ छुपा रखा था तूने इनको ..अब ज़रा चूसने भी देगी मुझे तेरे ये चिकने और मुलायम मम्मे..मेरी छीनाल भाभी...."
भाभी"अरे मेरे भादुए आज ये माल तेरा और सिर्फ़ तेरा ही है..मदर्चोद ..मेरी चूत के दीवाने...तेरे लंड को एक बार हाथ में दे दे फिर देख क्या हाल केरती हूँ में तेरा बहेन के टके"
अजय"हां चूस लेना -चूस लेना रांड़ आज लंड को जितना चाहे चूस लेना लेकिन आज तेरी चूत को मेरे 9"लंड ने भोसड़ा ना बना दिया तो लंड की कसम जान दे दूँगा ....."
भाभी"हां रंडी के पिल्ले आज यही देखना है कितना चोद सकता है और कितनी पिचकारिया मारता है तू मेरी चूत में मदर्चोद कर के बता पहले फिर लंड की कसम खाना ...हरम्खोर ,हराम के पिल्ले"
अजय ऐसी बातें सुन कर निहाल हुआ जा रहा था......गाओ की देसी औरत के साथ पहली बार सेक्स केरने मात्र से ही उत्तेजना और स्फूर्ति उसके जिस्म और लंड में उभरती ही जा रही थी.............
अजय भाभिजी के तेल से सने मुम्मो को बड़ी बेदर्दी से चूस्ता जा रहा था..और निपल को बुरी तरह से तोड़ रहा था जैसे आज इन्हे चूचियों से उखाड़ कर ही दम लेगा..उसके तेल से सने हाथ भाभिजी के पूरे शरीर पर चल रहे थे...यूँ कहें कि पूरे जिस्म की भी मालिश होती जा रही थी और दूसरी तरफ भाभिजी की चूचियाँ भी बेदर्दी से चूसी जा रही थी........
भाभिजी"मदर्चोद ,भादुए हरामी ..ऐसे ही मूह मारता रहेगा मेरे मुम्मो पर कि लंड भी झूलाएगा मेरे मूह मे..."
अजय से अब बर्दाश्त नही हो
रहा था
अजय"ले लंड की भूकी और कर ले अपनी इक्षा पूरी ,रंडी की औलाद ,मा की लोदी..."
अजय ने लंड को भाभी के हाथों में पकड़ा दिया था"औरर्र यी कोई लुल्ली नहीं है मेरी प्याअसी भाभी ...लुल्ले इनको नही कहते वो तो छोटे बच्चो के होते हैं जिनको लुल्ले से सिर्फ़ सू सू करना ही आता है ...रांड़ ..ये तो लंड है ...लवदा कहते हैं इसी जो तेरी कुछ ही देर फाड़ फाड़ कर चुदाई करने वाला है..पेल पेल कर चोदने वाला है इसी की भूकि है ना तू मेरी रांड़...ले कर ले अपनी मन मानी मेरी छीनाल भाभी फिर देख में क्या करता हूँ"
भाभी अजय की बातें सुनकेर खुशी से फूली नहीं समा रही थी..
"रुक जा हरम्खोर पहले लंड की मालिश केरने दे जैसे तूने मेरी मालिश करी थी..आख़िर ये मेरी फाड़ने वाला जो है ... लंड के सूपदे को अच्छी तरह बड़ा तो केरने दे मदर्चोद.."
अजय"अर्रे वो भी चूसा दूँगा मेरी रांडो पहले तेरी मालिश तो केरने दे ...तूने ही तो कहा था कि तेरी चूचियाँ आज बड़ी करनी है मुझे ..बहेन की लेडी.."
अजय तेल से बूब्स को बोहोत अच्छी तरह से मल रहा था ...कभी उपेर से नीचे तो कभी गोल गोल घुमा रहा था जैसे कोई आटा गूंदते हैं..
अजय"इनको आज इतना बड़ा कर दूँगा के दूध अपने आप ही निकलने लगेगा ....... मेरी चुड़क्कड़ भाभी तेरे मम्मे तो सच मे पागल बना देने वाले हैं..कहाँ छुपा रखा था तूने इनको ..अब ज़रा चूसने भी देगी मुझे तेरे ये चिकने और मुलायम मम्मे..मेरी छीनाल भाभी...."
भाभी"अरे मेरे भादुए आज ये माल तेरा और सिर्फ़ तेरा ही है..मदर्चोद ..मेरी चूत के दीवाने...तेरे लंड को एक बार हाथ में दे दे फिर देख क्या हाल केरती हूँ में तेरा बहेन के टके"
अजय"हां चूस लेना -चूस लेना रांड़ आज लंड को जितना चाहे चूस लेना लेकिन आज तेरी चूत को मेरे 9"लंड ने भोसड़ा ना बना दिया तो लंड की कसम जान दे दूँगा ....."
भाभी"हां रंडी के पिल्ले आज यही देखना है कितना चोद सकता है और कितनी पिचकारिया मारता है तू मेरी चूत में मदर्चोद कर के बता पहले फिर लंड की कसम खाना ...हरम्खोर ,हराम के पिल्ले"
अजय ऐसी बातें सुन कर निहाल हुआ जा रहा था......गाओ की देसी औरत के साथ पहली बार सेक्स केरने मात्र से ही उत्तेजना और स्फूर्ति उसके जिस्म और लंड में उभरती ही जा रही थी.............
अजय भाभिजी के तेल से सने मुम्मो को बड़ी बेदर्दी से चूस्ता जा रहा था..और निपल को बुरी तरह से तोड़ रहा था जैसे आज इन्हे चूचियों से उखाड़ कर ही दम लेगा..उसके तेल से सने हाथ भाभिजी के पूरे शरीर पर चल रहे थे...यूँ कहें कि पूरे जिस्म की भी मालिश होती जा रही थी और दूसरी तरफ भाभिजी की चूचियाँ भी बेदर्दी से चूसी जा रही थी........
भाभिजी"मदर्चोद ,भादुए हरामी ..ऐसे ही मूह मारता रहेगा मेरे मुम्मो पर कि लंड भी झूलाएगा मेरे मूह मे..."
अजय से अब बर्दाश्त नही हो
रहा था
अजय"ले लंड की भूकी और कर ले अपनी इक्षा पूरी ,रंडी की औलाद ,मा की लोदी..."
अजय ने लंड को भाभी के हाथों में पकड़ा दिया था"औरर्र यी कोई लुल्ली नहीं है मेरी प्याअसी भाभी ...लुल्ले इनको नही कहते वो तो छोटे बच्चो के होते हैं जिनको लुल्ले से सिर्फ़ सू सू करना ही आता है ...रांड़ ..ये तो लंड है ...लवदा कहते हैं इसी जो तेरी कुछ ही देर फाड़ फाड़ कर चुदाई करने वाला है..पेल पेल कर चोदने वाला है इसी की भूकि है ना तू मेरी रांड़...ले कर ले अपनी मन मानी मेरी छीनाल भाभी फिर देख में क्या करता हूँ"
भाभी अजय की बातें सुनकेर खुशी से फूली नहीं समा रही थी..
"रुक जा हरम्खोर पहले लंड की मालिश केरने दे जैसे तूने मेरी मालिश करी थी..आख़िर ये मेरी फाड़ने वाला जो है ... लंड के सूपदे को अच्छी तरह बड़ा तो केरने दे मदर्चोद.."