Desi Chudai Kahani कमसिन जवानी - Page 4 - SexBaba
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Desi Chudai Kahani कमसिन जवानी

"हयी अर्रे रंडी के बच्चे लंड तो दिखा ...बूबे ही मसल्ते रहेगा काआआ....आहह आ......."

अजय"अर्रे वो भी चूसा दूँगा मेरी रांडो पहले तेरी मालिश तो केरने दे ...तूने ही तो कहा था कि तेरी चूचियाँ आज बड़ी करनी है मुझे ..बहेन की लेडी.."

अजय तेल से बूब्स को बोहोत अच्छी तरह से मल रहा था ...कभी उपेर से नीचे तो कभी गोल गोल घुमा रहा था जैसे कोई आटा गूंदते हैं..

अजय"इनको आज इतना बड़ा कर दूँगा के दूध अपने आप ही निकलने लगेगा ....... मेरी चुड़क्कड़ भाभी तेरे मम्मे तो सच मे पागल बना देने वाले हैं..कहाँ छुपा रखा था तूने इनको ..अब ज़रा चूसने भी देगी मुझे तेरे ये चिकने और मुलायम मम्मे..मेरी छीनाल भाभी...."

भाभी"अरे मेरे भादुए आज ये माल तेरा और सिर्फ़ तेरा ही है..मदर्चोद ..मेरी चूत के दीवाने...तेरे लंड को एक बार हाथ में दे दे फिर देख क्या हाल केरती हूँ में तेरा बहेन के टके"

अजय"हां चूस लेना -चूस लेना रांड़ आज लंड को जितना चाहे चूस लेना लेकिन आज तेरी चूत को मेरे 9"लंड ने भोसड़ा ना बना दिया तो लंड की कसम जान दे दूँगा ....."

भाभी"हां रंडी के पिल्ले आज यही देखना है कितना चोद सकता है और कितनी पिचकारिया मारता है तू मेरी चूत में मदर्चोद कर के बता पहले फिर लंड की कसम खाना ...हरम्खोर ,हराम के पिल्ले"


अजय ऐसी बातें सुन कर निहाल हुआ जा रहा था......गाओ की देसी औरत के साथ पहली बार सेक्स केरने मात्र से ही उत्तेजना और स्फूर्ति उसके जिस्म और लंड में उभरती ही जा रही थी.............


अजय भाभिजी के तेल से सने मुम्मो को बड़ी बेदर्दी से चूस्ता जा रहा था..और निपल को बुरी तरह से तोड़ रहा था जैसे आज इन्हे चूचियों से उखाड़ कर ही दम लेगा..उसके तेल से सने हाथ भाभिजी के पूरे शरीर पर चल रहे थे...यूँ कहें कि पूरे जिस्म की भी मालिश होती जा रही थी और दूसरी तरफ भाभिजी की चूचियाँ भी बेदर्दी से चूसी जा रही थी........

भाभिजी"मदर्चोद ,भादुए हरामी ..ऐसे ही मूह मारता रहेगा मेरे मुम्मो पर कि लंड भी झूलाएगा मेरे मूह मे..."

अजय से अब बर्दाश्त नही हो

रहा था

अजय"ले लंड की भूकी और कर ले अपनी इक्षा पूरी ,रंडी की औलाद ,मा की लोदी..."

अजय ने लंड को भाभी के हाथों में पकड़ा दिया था"औरर्र यी कोई लुल्ली नहीं है मेरी प्याअसी भाभी ...लुल्ले इनको नही कहते वो तो छोटे बच्चो के होते हैं जिनको लुल्ले से सिर्फ़ सू सू करना ही आता है ...रांड़ ..ये तो लंड है ...लवदा कहते हैं इसी जो तेरी कुछ ही देर फाड़ फाड़ कर चुदाई करने वाला है..पेल पेल कर चोदने वाला है इसी की भूकि है ना तू मेरी रांड़...ले कर ले अपनी मन मानी मेरी छीनाल भाभी फिर देख में क्या करता हूँ"

भाभी अजय की बातें सुनकेर खुशी से फूली नहीं समा रही थी..

"रुक जा हरम्खोर पहले लंड की मालिश केरने दे जैसे तूने मेरी मालिश करी थी..आख़िर ये मेरी फाड़ने वाला जो है ... लंड के सूपदे को अच्छी तरह बड़ा तो केरने दे मदर्चोद.."
 
भाभी उठ कर तेल की शीशियों के पास गयी और वाहा से जेतून का तेल लेकेर आ गयी और अजय को लेटा दिया

भाभिजी ने हाथ मे तेल लेकेर अच्छी तरह से लंड को मलना शुरू करा

भाभी"हययए यी लंड मेरी फड़ेगा ...इतना बड़ा लंड लेकेर कहाँ घूम रहा था ..मदर्चोद देख तो ज़रा कैसी फेडक रही है मेरी चूत हययए मेरे रज्जा .."

अजय"और मल रंडी ज़ोर ज़ोर से मल... लंड की दीवानी मेरी कुतिया ....बुर मारी ..चुड़दक़्कड़ औरत और मल ...ये मेरा 9 " का लंड लड़का ही पैदा करेगा और तेरी प्यास अच्छे से बुझाएगा ...रंडी"


भाभिजी बोहोत ज़ोर ज़ोर से लंड को मसल मसल कर उत्तेजित करे जा रही थी...और तेल की चिकनाई से लंड भाभी के हाथो से फिसलता जा रहा था और भाभी अच्छे से गरम गरम लंड को अपने नरम नरम हाथों से दबा दबा कर मसल रही थी/और आगे पीछे करने में कोई कसर नहीं छ्चोड़ रही थी...

अजय"अर्रे मेरी रांडो ,हरमन देख मेरा माल निकलने वाला है मेरी कुतिया कहाँ टपकायूं इसे आहह आहह"

भाभी"अर्रे ये माल या तो चूत में जाएगा या तो सिर्फ़ मेरे मूह मे..मेरे बहेन के लवदे ..और कहाँ रुक जा ऐसा चूसूंगी कि माल कहीं और निकाल ही नहीं पाएगा....मदर्चोद "

भाभी पूरी ताक़त के साथ लंड को चूसने लगी जैसे माल को मूह में लेने की जल्दी है ...थोड़ी ही देर बाद अजय की पिचकारिया भाभिजी के मूह में निकलती गयी

अजय"ले पूरा का पूरा गटक ले मा की लॉवडी ,...रंडी की भोसड़ी पूरा गटक ले अहह आह"

भाभी का मूह पूरा वीर्य से लबालब हो चुका था उसने उसे बिल्कुल भी बाहर नहीं निकलने दिया और पूरा का पूरा वीर्य गटक गयी थी..

भाभी"अर्रे मेरे सेहरी भादुए ....मदर्चोद हराम के पिल्ले तेरे लंड का माल बोहोत अच्छा था हरम्खोर..आज से जब भी मुझे प्यास लगेगी यही निकाल कर पियूंगी भोसड़ी के दीवाने"

अजय वापस उठा और भाभी को लेटा दिया और थोड़ा सा जेतून का तेल लेकर भाभी की चूत के उपेर तेल से मालिश केरने लगा"हययए मेरी छम्मक्छल्लो चूत जो तेरी फूल कर पाव हो रही है चुदवाने मे कोई जल्दी हो रही है क्या ..पहले अच्छे से मल कर मालिश तो कर लेने दे ........वरना कहेगी कि भोसड़ी के ने चूत मालिश नही करी"

भाभी"हहान हां मल दे और मल कोन मना कर रहा है तुझे हराम के पिल्ले चूत मलवाने में भी कोई मना करता है क्या...ज़ोर ज़ोर से मल अंदर तक उंगली करके मल मेरे पिया मेरे साजन ..हराम के लंड ..मदर्चोद की औलाद....आह...और ज़ोर से कर मालिश"

अजय उसके चूत के दाने और क्लिटॉरिस को तेल से मल मल कर उमेथ रहा था....कुछ ही देर में भाभिजी ने ढेर सारा 2 3 चम्मच लावा बाहर निकाल कर फेक दिया और अजय का हाथ तेल और भाभी के लावे क मिश्रण से सराबोर हो उठा था..

भाभी"भादुए की औलाद मदर्चोद हराम से उगे हुए लंड ,चॉड दे मुझे अब मत तरसा तेरी मा का भोसड़ा जल्दी चोद ना देर मत कर अहह कुछ खुजली सी हो रही है चूत मे आहह कैसा मदारचोड़ है तू"

क्रमशः.............................
 
कमसिन जवानी-11

गतान्क से आगे...........................

......


अजय भाभी की बात को सुनकर मूह दबाकर हस्ने लगा उसे यकीन नहीं हो रहा था कि सच में ऐसी प्यासी औरतें भी होती है जो गाली के साथ चुदवाने मे ही संतुष्टि प्राप्त करती हैं...

भाभी को अब गुस्सा आने लगा उससे बर्दाश्त नही हो रहा था उसने अजय को लिटा दिया और चढ़ गयी अजय के खड़े लंड पर...

चूत के मूह पर अजय का सूपड़ा अपने हाथ से पकड़ कर रखा और बैठ गयी

भाभी"हयी फट गयी रे .... लंड के मूत से पैदा हुआ लंड है तू मदर्चोद ............रुक में चोद्ती हूँ तुझे आहह अहह "

भाभी पागलो की तरह उसके लंड पर उपेर नीचे-उपेर नीचे कूद रही थी..भाभी को देख कर कोई भी ये कह सकता था कि वो सेक्स की सच मे बोहोत प्यासी औरत थी...

अजय भाभी के बड़े बड़े मम्मो को नोच नोच कर पी रहा था उन्हे दबा रहा और भाभी अपना काम कर रही थी....चुद रही थी..यूँ कहें कि वो अजय को बुरी तरह से चोद रही थी..और लंड के उपेर कूद कूद कर अपनी चूत की दीवारो से लंड को घुमा रही थी ...

अजय के लिए ये सब नये अनुभव से कम नही था..........

भाभी"आह कितना कड़क लंड है र्रे तेरा मा के लवदे अह्ह्ह्ह अंदर तक फट रही है मेरी बेहेन्चोद भादुए आह हाई मेर्र्री छूऊऊऊओत"

अजय"चोद ले चोद ले खुद को मेरी रांडो अभी तो बोहोत कुछ बाकी है ..और खुद कितना चुदेगि बहेन की लावदि ,साली कुतिया.................कूद ले मेरे लंड पर कितना कूद सकती है.."

भाभी ने धक्को की स्पीड बोहोत तेज़ कर दी और एक दम से शांत होकेर वो अजय के उपेर ही लेट गयी ................चूत से निकला लावा अजय के लंड से होता हुआ पूरा उसके आंडो तक फैल गया...


अजय ने भाभी के झाड़ जाने के बाद उन्हे खुद के नीचे ले आया और शुरू हो गया अब अपने काम पर..अब अजय की परीक्षा का समय था.......अजय ने बिना किसी रुकावट के एक चोदने वाली मशीन की तरह भाभी की चूत का कचूमर बना दिया था...अजय के 9 " लंड ने इतने ख़तरनाक स्ट्रोक्स लगाए कि भाभी 5 बार झाड़ चुकी थी और दोनो वेसे ही चुदाई के ख़तम हो जाने तक 1 दूसरे के उपेर पड़े रहे...अजय और भाभी एक दूसरे की बाहो मे लेटे हुए थे अब शायद भाभी और अजय दोनो को खुद के द्वारा दी गयी इतनी गंदी गालियों पर शर्म आई जा रही थी.

भाभी"हमे माफ़ कर दो भैईयाज़ी ....वो क्या है कि हमे तो ऐसे ही करने मे मज़ा आता है.."

अजय"अरे भाभी माफी क्यूँ यार ....लेकिन हां आज की चुदाई के बाद आप को बाद मे शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा...मुझे पूरा यकीन है कि अब तुम्हारे गर्भ में लरका ही आएगा और तुम्हे कोई धिक्कार भी नही पड़ेगा.."

भाभी"ह्म्‍म्म्म और मुझे राधिका बोलो ना भाभिजी भाभिजी का लगा रखा है...हम तुम्हारा ये एहसान नहीं चुका पाएँगे अगर मेरे पेट मे तेरा लड़का ही आया तो..

अजय ने भाभी को ज़ोर से होंठो पर एक किस करा और उठ कर कपड़े पहने और बाहर आ गया ...

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शहेर के पास वाले हाइ वे पर सुनसान रास्तो से होती हुई फ़िज़ा की गाड़ी अपने फार्म हाउस की तरफ बढ़ी जा रही थी............आँखों मे आँसुओं का सैलाब था अपने प्यारे सर को ज़ख़्मी हालत मे लिए अपने फार्म हाउस पर पोहोच गयी...

फ़िज़ा के फार्म हाउस पर कोई आता जाता नहीं था...फ़िज़ा अपने मा बाप की एक लोति औलाद थी ...फार्म हाउस पर पोहोच्ते ही उसने उमैर को ले जा कर बेड पर लिटाया शरीर पूरा खून से लथपथ था और हड्डियों मे फ़्रेकटूरेस भी आए हुए थे...उमैर होश में नहीं था..


फ़िज़ा ने फोन करके अपने मा बाप को 4 5 दिन के बाद आने का बोल कर उमैर के साथ ही फार्म हाउस पर रहने का प्लान बना लिया..

फ़िज़ा ने सबसे पहले अपनी बेस्ट फ्रेंड संजना को कॉल करा..

फ़िज़ा"हेलो संजना कैसी है तू ..सॉरी यार इतने दिनो से तेरे और किसी के भी कॉल रिसेव नहीं कर पाई.."

संजना"ह्म्म मेने तो तुझे ये बताने क लिए लिए कॉल करा था कि तेरे उमैर सर अब इस दुनिया मे नहीं है ..(संजना उसे बताने मे घबरा चुकी थी)

फ़िज़ा ने बनते हुए ही उसे बोला ""क्क्या कैसी बातें कर रही है ...(फ़िज़ा तो सब कुछ जानती थी उसके सर ज़िंदा है और उसी के पास)कैसे हुआ और किसने मारा...उन्हे"

संजना"यार कुछ लोग बोल रहे थे कि आक्सिडेंट से उनकी मौत हुई लेकिन मुझे कुछ गड़बड़ ही लगती है शायद ऐसा केरने वाला कोई और नहीं तेरे सर की गर्ल फ्रेंड गोशी का करा धरा है..."

फ़िज़ा को सब समझ आ गया कि अजय ने उमैर को कितना समझाया था शायद इन सब के ज़िम्मेदार और कोई नहीं बल्कि वो ही लोग हैं..................

उसने फोन रख दिया और वापस अपने उमैर के पास आ गयी....


फ़िज़ा ने उमैर के सारे कपड़े उतार दिए वो उसके जिस्म पर लगे सारे घाव देखना चाहती थी...उमैर सिर्फ़ कछे मे ही उसके सामने पड़ा हुआ था...उसे क्या मालूम था कि आज उसे नयी ज़िंदगी देने वाली लड़की कोई और नहीं बल्कि वो ही है जिसके प्यार का अपमान सरे आम उमैर करके चला गया था...

फ़िज़ा उमैर के शरीर को पूरा नंगा देख सकती थी ,उसके हाथ उमैर के जिस्म को छूने मात्र से ही कपकपा उठी
समाप्त 
 
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