hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
तो शफ़ीक़ ने कहा-“मैं आपकी बेटी से प्यार करता हूँ और शादी करना चाहता हूँ। लेकिन मैंने एक झूठ बोला था कि मेरी बीवी मर चुकी है पर मेरी बीवी जिंदा है। मेरी दो बेटियाँ हैं। मैं चाहता हूँ कि शादी करूँ ताकी दूसरी बीवी से मेरा बेटा हो सके…”
मौलवी-“दूसरी शादी करना हर इंसान का हक है, आपका भी हक है क्या पहली बीवी राजी है?”
शफ़ीक़-“जी हाँ… राजी है आप मेरी बीवी से मिल भी लें…”
मौलवी-ठीक है मिल लूँगा। मेरी बेटी के नाम कोई घर कर दें, मैं ये रिश्ता मंजूर कर देता हूँ।
शफ़ीक़-ठीक है, जी मुझे मंजूर है। मैं एक घर इशरत के नाम पे कर देता हूँ।
इशरत-लेकिन शफ़ीक़, आपने मुझसे झूठ क्यों कहा कि आपकी बीवी मर चुकी है?
शफ़ीक़-अगर सच कह देता तो तुमने मुझे छोड़ देना था।
मौलवी-मुझे आपकी पहली शादी से कोई ऐतराज नहीं है। दूसरी शादी की वजह कानूनी है कि बेटे के लिए दूसरी शादी करनी है।
शफ़ीक़-ठीक है आप मेरी बीवी से मिल लें, कहें तो अभी चलते हैं…”
उसके बाद मौलवी और इशरत चले गये शफ़ीक़ की बीवी से मिलने। मौलवी संतुष्ट हो गया कि शफ़ीक़ और उसकी बीवी ठीक हैं। मौलवी ने रिश्ता ओके कर दिया। घर आने के बाद मौलवी ने एलान कर दिया कि इशरत का रिश्ता तय हो गया है।
सब ने पूछा कैसा? किस से?
तो मौलवी ने सारी डीटेल बताई जिस पर सब खुश हो गये।
शाम के 5:00 बजे मौलवी अपनी बीवी रुखसाना को बस में बिठाकर घर वापिस आने लगा। शाम हो चुकी थी कि रुखसाना की बस खराब हो गई। ड्राइवर ने चेक किया तो उसने कहा अभी बस ठीक नहीं हो सकती, क्योंकी बस के इंजन ने काम करना छोड़ दिया है, इसलिए आप लोग उतर जायें और अपना-अपना इंतज़ाम कर लें। रुखसाना परेशान हो जाती है। इस टाइम अंधेरे में कहाँ कोई बस मिलेगी। ये बस उसके गाँव जाने के लिए आखिरी टाइम था बस का। इसलिए वो पस़ से अपना मोबाइल निकालने लगी। जब पस़ में देखा के वो अपना मोबाइल जल्दी में घर छोड़ आई है, तब तो रुखसाना परेशान हो गई कि किसको बताए। रुखसना अभी स्टॉप पे खड़ी हो गई।
लोग आ रहे थे और रुखसाना को गंदी नजरों से देख रहे थे, जिसको रुखसाना भाँप गई। फिर रुखसाना ने सोचा कि पैदल चला जाए शायद आगे जाकर कोई तांगा मिल जाए। अभी कुछ आगे चली ही थी कि एक बड़ी गाड़ी आती नजर आई। वो गाड़ी रुखसाना के पास से गुजर गई, कुछ आगे जाकर उस गाड़ी ने ब्रेक लगाई और उस आदमी ने गाड़ी को रिवर्स किया। जब गाड़ी रुखसाना के पास आई और गाड़ी का शीशा जब नीचे हुआ तो एक खूबसूरत जवान लड़के ने कहा-“आंटी, आपने कहाँ जाना है?
तो रुखसाना ने कोई जवाब नहीं दिया। उस टाइम उसका ब्लड-प्रेशर इतना कम था कि बोल नहीं सकी। उस लड़के ने दोबारा पूछा-“आपने कहाँ जाना है?
तो रुखसाना बोल पड़ी-“मुझे आगे गाँव में जाना है…”
तो वो लड़का बोला-“बैठ जायें, मैं आपको वहीं उतार देता हूँ…”
लेकिन रुखसाना डर रही थी। बहुत इसरार के बाद रुखसाना बैठ गई। कुछ आगे जाकर रुखसाना ने कहा-“बेटा, तुम कहाँ के रहने वाले हो?”
उसने बताया कि मैं एक स्पेशलिस्ट सर्जन हूँ और मैं एक अमीर आदमी हूँ, लेकिन डॉक्टर होना मेरा पेशा है।
रुखसाना ने भी अपना बताया फिर रुखसाना ने उसका नाम पूछा तो उस लड़के ने बताया के मेरा नाम काशिफ है डॉक्टर काशिफ।
काशिफ केा नाम सुनकर रुखहाना गुमसुम हो गई और दिल में सोचा कि मेरे बेटे का नाम भी काशिफ है। काशिफ ने बताया कि वो उसी गाँव में जा रहा है, एक काम से। वहाँ उसने दो घंटे रुकना है फिर दोबारा सरगोधा वापिस जाना है।
रुखसाना ने दिल में सोचा ये लड़का शरीफ है, क्यों न इससे कहूँ कि मैंने शादी के कार्ड्स देने हैं और कार्ड्स देकर मुझे भी वापिस लेते जाओ। रुखसाना ने उसे बता दिया कि मैंने वापिस भी जाना है। तो काशिफ ने कहा आंटी आप 11:00 बजे गाँव के स्टॉप पर आ जाना, मैं आपको सरगोधा वापिस शहर में छोड़ दूँगा। उसके बाद रुखसाना गाँव में चली गई और काशिफ जिस काम से आया था, उस काम में लग गया। वो काम शराब पीना था, वो शराब पीता रहा और शराब पीने के बाद 11:00 बजे उसी स्टॉप पर आ गया। पर वहाँ रुखसाना नहीं आई थी तो काशिफ ने सोचा कि वो इंतजार कर लेता है कुछ देर। 20 मिनट के बाद रुखसाना आ गई और गाड़ी में बैठ गई।
मौलवी-“दूसरी शादी करना हर इंसान का हक है, आपका भी हक है क्या पहली बीवी राजी है?”
शफ़ीक़-“जी हाँ… राजी है आप मेरी बीवी से मिल भी लें…”
मौलवी-ठीक है मिल लूँगा। मेरी बेटी के नाम कोई घर कर दें, मैं ये रिश्ता मंजूर कर देता हूँ।
शफ़ीक़-ठीक है, जी मुझे मंजूर है। मैं एक घर इशरत के नाम पे कर देता हूँ।
इशरत-लेकिन शफ़ीक़, आपने मुझसे झूठ क्यों कहा कि आपकी बीवी मर चुकी है?
शफ़ीक़-अगर सच कह देता तो तुमने मुझे छोड़ देना था।
मौलवी-मुझे आपकी पहली शादी से कोई ऐतराज नहीं है। दूसरी शादी की वजह कानूनी है कि बेटे के लिए दूसरी शादी करनी है।
शफ़ीक़-ठीक है आप मेरी बीवी से मिल लें, कहें तो अभी चलते हैं…”
उसके बाद मौलवी और इशरत चले गये शफ़ीक़ की बीवी से मिलने। मौलवी संतुष्ट हो गया कि शफ़ीक़ और उसकी बीवी ठीक हैं। मौलवी ने रिश्ता ओके कर दिया। घर आने के बाद मौलवी ने एलान कर दिया कि इशरत का रिश्ता तय हो गया है।
सब ने पूछा कैसा? किस से?
तो मौलवी ने सारी डीटेल बताई जिस पर सब खुश हो गये।
शाम के 5:00 बजे मौलवी अपनी बीवी रुखसाना को बस में बिठाकर घर वापिस आने लगा। शाम हो चुकी थी कि रुखसाना की बस खराब हो गई। ड्राइवर ने चेक किया तो उसने कहा अभी बस ठीक नहीं हो सकती, क्योंकी बस के इंजन ने काम करना छोड़ दिया है, इसलिए आप लोग उतर जायें और अपना-अपना इंतज़ाम कर लें। रुखसाना परेशान हो जाती है। इस टाइम अंधेरे में कहाँ कोई बस मिलेगी। ये बस उसके गाँव जाने के लिए आखिरी टाइम था बस का। इसलिए वो पस़ से अपना मोबाइल निकालने लगी। जब पस़ में देखा के वो अपना मोबाइल जल्दी में घर छोड़ आई है, तब तो रुखसाना परेशान हो गई कि किसको बताए। रुखसना अभी स्टॉप पे खड़ी हो गई।
लोग आ रहे थे और रुखसाना को गंदी नजरों से देख रहे थे, जिसको रुखसाना भाँप गई। फिर रुखसाना ने सोचा कि पैदल चला जाए शायद आगे जाकर कोई तांगा मिल जाए। अभी कुछ आगे चली ही थी कि एक बड़ी गाड़ी आती नजर आई। वो गाड़ी रुखसाना के पास से गुजर गई, कुछ आगे जाकर उस गाड़ी ने ब्रेक लगाई और उस आदमी ने गाड़ी को रिवर्स किया। जब गाड़ी रुखसाना के पास आई और गाड़ी का शीशा जब नीचे हुआ तो एक खूबसूरत जवान लड़के ने कहा-“आंटी, आपने कहाँ जाना है?
तो रुखसाना ने कोई जवाब नहीं दिया। उस टाइम उसका ब्लड-प्रेशर इतना कम था कि बोल नहीं सकी। उस लड़के ने दोबारा पूछा-“आपने कहाँ जाना है?
तो रुखसाना बोल पड़ी-“मुझे आगे गाँव में जाना है…”
तो वो लड़का बोला-“बैठ जायें, मैं आपको वहीं उतार देता हूँ…”
लेकिन रुखसाना डर रही थी। बहुत इसरार के बाद रुखसाना बैठ गई। कुछ आगे जाकर रुखसाना ने कहा-“बेटा, तुम कहाँ के रहने वाले हो?”
उसने बताया कि मैं एक स्पेशलिस्ट सर्जन हूँ और मैं एक अमीर आदमी हूँ, लेकिन डॉक्टर होना मेरा पेशा है।
रुखसाना ने भी अपना बताया फिर रुखसाना ने उसका नाम पूछा तो उस लड़के ने बताया के मेरा नाम काशिफ है डॉक्टर काशिफ।
काशिफ केा नाम सुनकर रुखहाना गुमसुम हो गई और दिल में सोचा कि मेरे बेटे का नाम भी काशिफ है। काशिफ ने बताया कि वो उसी गाँव में जा रहा है, एक काम से। वहाँ उसने दो घंटे रुकना है फिर दोबारा सरगोधा वापिस जाना है।
रुखसाना ने दिल में सोचा ये लड़का शरीफ है, क्यों न इससे कहूँ कि मैंने शादी के कार्ड्स देने हैं और कार्ड्स देकर मुझे भी वापिस लेते जाओ। रुखसाना ने उसे बता दिया कि मैंने वापिस भी जाना है। तो काशिफ ने कहा आंटी आप 11:00 बजे गाँव के स्टॉप पर आ जाना, मैं आपको सरगोधा वापिस शहर में छोड़ दूँगा। उसके बाद रुखसाना गाँव में चली गई और काशिफ जिस काम से आया था, उस काम में लग गया। वो काम शराब पीना था, वो शराब पीता रहा और शराब पीने के बाद 11:00 बजे उसी स्टॉप पर आ गया। पर वहाँ रुखसाना नहीं आई थी तो काशिफ ने सोचा कि वो इंतजार कर लेता है कुछ देर। 20 मिनट के बाद रुखसाना आ गई और गाड़ी में बैठ गई।