hotaks444
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कमसिन जवानी-1
आज उमैर अपने दोस्तों के साथ फ्रेशर्ज़ पार्टी में जा रहा था...जहाँ कई हसीन नवयोवानयों के दर्शन उसे होने थे.....कॉलेज में कई हसीन लड़कियों ने अड्मिशन लिया था जिसकी आज फ्रेशर्ज़ पार्टी थी...
बड़ी बड़ी आँखें,विराट ललाट चौरा चकरा चेहरा..और उछलती मर्दानगी उसे अन्य सभी से अलग ही प्रदर्शित करती थी......मुस्कुलर बॉडी जिसे देख कर हर किसी का मन डोल जाए ऐसा दिखता था.......
उसके दोस्त उससे जलते थे......लेकिन लड़कियाँ तो जैसे सिर्फ़ उमैर को ही निहारा करती थी......आज उमैर अपनी उन कमसिन हसीनायो के द्वारा खुद को प्रशंसा प्राप्त करवाने के लिए व्याकूल होता जा रहा था......उपर ली कूपेर की टी-शर्ट और नीचे कॉरगो पहने हुए वह जैसे ही अंदर हॉल में दाखिल हुआ ही था के सब उसे ही निहारने लगे...उसकी माँ जिनका नाम कलसूम था वह उन्हे कलसूम माँ कह कर पुकारा करता था....देखते ही उमैर को लपक ली...
कलसूम माँ:- अरे बेटे क्या बात है आज किस किस पर क़यामत गिरओगे......
उमैर:- अरे नहीं माँ ऐसा कुछ नहीं बस ऐसे ही...वैसे आप का भी जवाब नहीं हैं...कमाल की लग रही हैं आप भी आज तो...
कलसूम माँ :- शर्मा कर बोली...! कैसी बात कर रहे हो आज की इन छोकरियो के सामने हमे तो कोई देखेगा ही नहीं बेटे...हहहे...और चली गयी.........
सभी नव यौवनाओ के चेहरे पेर अलग ही रौनक झलक रही थी....अचानक कलसूम माँ तो जैसे उसके पीछे पागल ही हुई जा रहीं थी...हर लड़की की ज़ुबान पर बस एक ही बोलबाला था के ये सीनियर आख़िर हैं कॉन.......बाकी सब लड़के उससे जल रहे थे.....
उमैर एक अच्छा शरीफ घर का लड़का था जिसे जो गुडलूकिंग इंटेलिजेंट और हर तरीक़े से उम्दा लड़का था.......गॅल्स के प्रपोज़ल तो उसे हमेशा ही आते थे लेकिन इन सब में उसे ज़्यादा इंटरेस्ट नहीं था केवल गॅल्स को अपनी और अट्रॅक्ट क्रना मात्र ही उसका उद्देश्य होता था....
कलसूम माँ भी उस पर डोरे डाला करती थी...देखने में वह कम सेक्सी नहीं थी ...40 पार कर चुकी औरत होने के बावजूद एक दम सेक्सी लगती थी.....उमैर का किसी से बात करना उसे ज़्यादा पसंद नहीं था...उसने उमैर को अपने पास बुलाया और पूछने लगी के और बताओ बेटे कोई पसंद आई क्या तुझे आज के इस फक्न्षन में........
उमैर हिचकिचा कर बोला के एमेम एमेम....क्या..!!!
कि अचानक एक मीठी सी आवाज़ उसे अपने कानो में सुनाई दी....
मम्मी देखो ....आप मुझे छ्चोड़ के आ गई ....में भटक गई थी...ओह माइ गॉड....कितनी परेशान हो गई थी में..क्या मोम..और अचानक आकर अपनी मा कलसूम से चिपक गई.....
उमैर तो जैसे उसकी आवाज़ सुनकर पागलों की तरह उसे देखे जा रहा था पहली बार जो उसे गुदगुदी सी हुई अपने शरीर में.... कलसूम मा..:- ये उमैर हैं ...माइ फेव स्टूडेंट जिसके बारे में तुम्हे बताया करती थी....
और उमैर ये मेरी बेटी है गोशी...!!
उमैर और गोशी एक तक 1 दूसरे को बस देखे ही जा रहे थे....वहाँ उमैर के छ्होटे उस्ताद का बुरा हाल होरहा था...सामने खड़ी मदमस्त जवानी को देखकर कोई भी पागल हो जाए ....स्लीवलेशस टॉप और नीचे घुटनों तक स्कर्ट देखकर कोई भी बोखला जाए .....छलकते हुए उभार और गोरा चिटा बदन.....से आने वाली महेक उसका मन आंदोलित करे जा रही थी....
कि अचानक ..!!!
आज उमैर अपने दोस्तों के साथ फ्रेशर्ज़ पार्टी में जा रहा था...जहाँ कई हसीन नवयोवानयों के दर्शन उसे होने थे.....कॉलेज में कई हसीन लड़कियों ने अड्मिशन लिया था जिसकी आज फ्रेशर्ज़ पार्टी थी...
बड़ी बड़ी आँखें,विराट ललाट चौरा चकरा चेहरा..और उछलती मर्दानगी उसे अन्य सभी से अलग ही प्रदर्शित करती थी......मुस्कुलर बॉडी जिसे देख कर हर किसी का मन डोल जाए ऐसा दिखता था.......
उसके दोस्त उससे जलते थे......लेकिन लड़कियाँ तो जैसे सिर्फ़ उमैर को ही निहारा करती थी......आज उमैर अपनी उन कमसिन हसीनायो के द्वारा खुद को प्रशंसा प्राप्त करवाने के लिए व्याकूल होता जा रहा था......उपर ली कूपेर की टी-शर्ट और नीचे कॉरगो पहने हुए वह जैसे ही अंदर हॉल में दाखिल हुआ ही था के सब उसे ही निहारने लगे...उसकी माँ जिनका नाम कलसूम था वह उन्हे कलसूम माँ कह कर पुकारा करता था....देखते ही उमैर को लपक ली...
कलसूम माँ:- अरे बेटे क्या बात है आज किस किस पर क़यामत गिरओगे......
उमैर:- अरे नहीं माँ ऐसा कुछ नहीं बस ऐसे ही...वैसे आप का भी जवाब नहीं हैं...कमाल की लग रही हैं आप भी आज तो...
कलसूम माँ :- शर्मा कर बोली...! कैसी बात कर रहे हो आज की इन छोकरियो के सामने हमे तो कोई देखेगा ही नहीं बेटे...हहहे...और चली गयी.........
सभी नव यौवनाओ के चेहरे पेर अलग ही रौनक झलक रही थी....अचानक कलसूम माँ तो जैसे उसके पीछे पागल ही हुई जा रहीं थी...हर लड़की की ज़ुबान पर बस एक ही बोलबाला था के ये सीनियर आख़िर हैं कॉन.......बाकी सब लड़के उससे जल रहे थे.....
उमैर एक अच्छा शरीफ घर का लड़का था जिसे जो गुडलूकिंग इंटेलिजेंट और हर तरीक़े से उम्दा लड़का था.......गॅल्स के प्रपोज़ल तो उसे हमेशा ही आते थे लेकिन इन सब में उसे ज़्यादा इंटरेस्ट नहीं था केवल गॅल्स को अपनी और अट्रॅक्ट क्रना मात्र ही उसका उद्देश्य होता था....
कलसूम माँ भी उस पर डोरे डाला करती थी...देखने में वह कम सेक्सी नहीं थी ...40 पार कर चुकी औरत होने के बावजूद एक दम सेक्सी लगती थी.....उमैर का किसी से बात करना उसे ज़्यादा पसंद नहीं था...उसने उमैर को अपने पास बुलाया और पूछने लगी के और बताओ बेटे कोई पसंद आई क्या तुझे आज के इस फक्न्षन में........
उमैर हिचकिचा कर बोला के एमेम एमेम....क्या..!!!
कि अचानक एक मीठी सी आवाज़ उसे अपने कानो में सुनाई दी....
मम्मी देखो ....आप मुझे छ्चोड़ के आ गई ....में भटक गई थी...ओह माइ गॉड....कितनी परेशान हो गई थी में..क्या मोम..और अचानक आकर अपनी मा कलसूम से चिपक गई.....
उमैर तो जैसे उसकी आवाज़ सुनकर पागलों की तरह उसे देखे जा रहा था पहली बार जो उसे गुदगुदी सी हुई अपने शरीर में.... कलसूम मा..:- ये उमैर हैं ...माइ फेव स्टूडेंट जिसके बारे में तुम्हे बताया करती थी....
और उमैर ये मेरी बेटी है गोशी...!!
उमैर और गोशी एक तक 1 दूसरे को बस देखे ही जा रहे थे....वहाँ उमैर के छ्होटे उस्ताद का बुरा हाल होरहा था...सामने खड़ी मदमस्त जवानी को देखकर कोई भी पागल हो जाए ....स्लीवलेशस टॉप और नीचे घुटनों तक स्कर्ट देखकर कोई भी बोखला जाए .....छलकते हुए उभार और गोरा चिटा बदन.....से आने वाली महेक उसका मन आंदोलित करे जा रही थी....
कि अचानक ..!!!