hotaks444
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कमसिन जवानी-8
गतान्क से आगे...........................
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...................................................................
वहाँ उमैर बाजू वाले कमरे से आराही आवाज़ों का जायेज़ा लेने लगता है ..आख़िर ये किसकी आवाज़ है.."आह ह और ज़ोर से"की आवाज़ीएँ सुन कर उमैर को किसी बुरी घटने वाली अनहोनी का एहसास होने लगता है..वो जैसे ही कमरे के पास जाता है..आवाज़े उसे और करीब से सुनाई देने लगती हैं..कमरे की खिड़की जो की अधखुली रहती है उसे ज़ोर से धक्का मार कर खोल देता है..अंदर का नज़ारा देख कर ही उमैर के लिए ज़मीन और आसमान एक हो गये..आँखों के सामने पाहाड़ टूट पड़ा..सामने उसकी गोशी किसी मर्द के लंड पर कूद रही थी..और देखते ही उमैर की आँखे बाहर की और आ गई ..आआंखों में खून उतर गया..जिस लड़की को जान से भी ज़्यादा प्यार किया आज उसी ने उसकी भाआवनाओ के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ किया या फिर ये सब उसका मात्रा सपना ही है...उमैर को सामने चल रही घटना झूट सी प्रतीत हो रही थी..रोबदार चेहरे पर बड़ी बड़ी आँखों में आँसुओं का मेला लगा हुआ था..और ठुड्डी से होते हुए पूरी शर्ट को गीला कर चुका था....
गोशी:-( लंड पर उपेर नीचे होते हुए)आअरररे जाअनुउ अंदर क्यूँ खड़े हो आ जाओ..तुम भी हमारे साथ एंजाय कर सकते हो..आ जाओ दरवाज़ा खुला हैं..कम ऑन डार्लिंगग...आह ह
उमैर बिना पल गवाए अंदर आया और ज़ोरदार सनसानता हुआ चाँटा गोशी के गाल पर जड़ दिया..."रंडी छीनाल वेश्या....तुझे तो मुझे पहले ही समझ जाना चाहिए था.. मैने अपने दोस्तों को ठुकराया ..सब को छ्चोड़ दिया और तू यहाँ पर चुदवा रही है..सब कुछ किया तेरे साथ हर खुशी दी और तू"आधी बात बीच मे ही छूट गई और पीछे कलसूम मॅम ने आकर उमैर को वहीं धकेल दिया ..गोशी "अभी तुमने देखा ही क्या है जानू..पहले ये तो देख लो के मेरी चुदाई किससे हो रही है""""उमैर आँखें फाडे नीचे लेटे हुए प्रोफेसर सिन्हा को टकटकी लगाए हुए देख रहा था...माज़रा उसे समझ मे आ चुका था.."ओह्ह्ह्ह तो ये बात है..सर और मॅम..तो ये सब आप सब की मिली भगत थी"
सिन्हा:-(गोशी को उपेर नीचे लंड से चोद्ते हुए)हां मेरे उमैर अब हम जो भी कहेंगे वो तुझे करना होगा....
उमैर:-सब ने कहा सर कि आप लड़को को ग़लत काम के लिए बाहर भेजते हैं लेकिन हमारे ग्रूप ने तब भी आप पर भरोसा किया और आप तो सच मे 1 नंबर. के रंडवे निकले..
गोशी को इस हालत में लंड पर उपेर नीचे होते देख उमैर लगातार रोया जा रहा था..."और्र साली तू...क्या बिगाड़ा था मैने तेरा जो इतना बड़ा धोका दिया तूने मुझे साली रांड़"
सिन्हा:-(उठकर खड़ा हो गया और लंड को हाथ से मसल्ने लगा और सब के सामने वीर्य की पिचकारियाँ छोड़ने लगा और झड़केर वहीं नंगा बिस्तर पर बैठ गया)उमैर अब हमारे लिए तुम काम करोगे..बदले मे तुम्हे खूब सारा पैसा इज़्ज़त मिलेगी..तुम्हारे घर वाले ऐश की ज़िंदगी जी लेंगे..और एंजेनियिरिंग की फीस बाकी सब तुम्हारे लिए फ्री होगी .."
उमैर उसकी बातों को ख़तम होने हीनही देता और जाकर एक सापाता सिन्हा के गाल पर जड़ दिया.."मदर्चोद तू क्या मुझसे धंधा करवाएगा अब देख कैसे तुम सब क सब अंदर होते हो....अब देख में तुम लोगों का क्या बिगाड़ता हूँ ...उमैर का गुस्सा ज्वालामुखी की तरह टूट पड़ा और कमरे में फैले सारे सामान को तोड़ने फोड़ने लगा...उमैर के अंदर का जानवर जाग चुका था..और वो सारी चीज़ें यहाँ से वहाँ पटाकने फेकने लगा..और 2 3 झापड़ कलसूम के गाल पर झाड़ दिए"रांड़ मुझसे चुदवा कर क्या मिला तुझसे अपनी बेटी की चुदाई तू कैसे देख सकती है..और तुझे लगता है कि तेरे इस घटिया काम मे में तुम लोगों का साथ दूँगा कलसूम के बालों को पकड़केर वही दीवार पर जड़ देता है..ये सब देखकेर वाहा सिन्हा की हालत खराब हो जाती हैं और वो पीछे से आकर उमैर के सिर पर शीशी फोड़ देता है..उमैर बदहवास होकेर वहीं नीचे गिर गया...
वहाँ सिर पर वार होते ही उमैर नीचे ज़मीर पर गिर गया..
सिन्हा:-याअर डार्लिंग अब इसका क्या करें ये मान ने वाला नहीं अब..अगर कॉलेज मे सबको बता दिया तो हम सब जेल के अंदर आटा पीसेंगे ....कुछ करना होगा इसका
कलसूम:-अर्रे किस्सा ही ख़तम करो जान मार्कर फैक देते हैं हरम्खोर को..
गोशी उन दोंनो की बातें ऐसे सुन रही थी जैसे उमैर से उसका कभी कोई ताल्लुक ही नहीं हो...
उमैर की आँखे खुल चुकी थी..होश में आकर जैसे ही वो आँखे खोलता है स्वयं को 10 12 लड़को के बीच में पाता है..खुद को समहालता है ..तो देखता है गोशी का भाई उन लड़को के साथ उसे घेरे खरा है..उमैर माजरा समझ ही पाता है कि लड़के उसे इतना मारते हैं इतना मारते हैं कि उमार को अब ये भी नहीं मालूम कि वो अब इस दुनिया में हैं या जा चुका है..
गतान्क से आगे...........................
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वहाँ उमैर बाजू वाले कमरे से आराही आवाज़ों का जायेज़ा लेने लगता है ..आख़िर ये किसकी आवाज़ है.."आह ह और ज़ोर से"की आवाज़ीएँ सुन कर उमैर को किसी बुरी घटने वाली अनहोनी का एहसास होने लगता है..वो जैसे ही कमरे के पास जाता है..आवाज़े उसे और करीब से सुनाई देने लगती हैं..कमरे की खिड़की जो की अधखुली रहती है उसे ज़ोर से धक्का मार कर खोल देता है..अंदर का नज़ारा देख कर ही उमैर के लिए ज़मीन और आसमान एक हो गये..आँखों के सामने पाहाड़ टूट पड़ा..सामने उसकी गोशी किसी मर्द के लंड पर कूद रही थी..और देखते ही उमैर की आँखे बाहर की और आ गई ..आआंखों में खून उतर गया..जिस लड़की को जान से भी ज़्यादा प्यार किया आज उसी ने उसकी भाआवनाओ के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ किया या फिर ये सब उसका मात्रा सपना ही है...उमैर को सामने चल रही घटना झूट सी प्रतीत हो रही थी..रोबदार चेहरे पर बड़ी बड़ी आँखों में आँसुओं का मेला लगा हुआ था..और ठुड्डी से होते हुए पूरी शर्ट को गीला कर चुका था....
गोशी:-( लंड पर उपेर नीचे होते हुए)आअरररे जाअनुउ अंदर क्यूँ खड़े हो आ जाओ..तुम भी हमारे साथ एंजाय कर सकते हो..आ जाओ दरवाज़ा खुला हैं..कम ऑन डार्लिंगग...आह ह
उमैर बिना पल गवाए अंदर आया और ज़ोरदार सनसानता हुआ चाँटा गोशी के गाल पर जड़ दिया..."रंडी छीनाल वेश्या....तुझे तो मुझे पहले ही समझ जाना चाहिए था.. मैने अपने दोस्तों को ठुकराया ..सब को छ्चोड़ दिया और तू यहाँ पर चुदवा रही है..सब कुछ किया तेरे साथ हर खुशी दी और तू"आधी बात बीच मे ही छूट गई और पीछे कलसूम मॅम ने आकर उमैर को वहीं धकेल दिया ..गोशी "अभी तुमने देखा ही क्या है जानू..पहले ये तो देख लो के मेरी चुदाई किससे हो रही है""""उमैर आँखें फाडे नीचे लेटे हुए प्रोफेसर सिन्हा को टकटकी लगाए हुए देख रहा था...माज़रा उसे समझ मे आ चुका था.."ओह्ह्ह्ह तो ये बात है..सर और मॅम..तो ये सब आप सब की मिली भगत थी"
सिन्हा:-(गोशी को उपेर नीचे लंड से चोद्ते हुए)हां मेरे उमैर अब हम जो भी कहेंगे वो तुझे करना होगा....
उमैर:-सब ने कहा सर कि आप लड़को को ग़लत काम के लिए बाहर भेजते हैं लेकिन हमारे ग्रूप ने तब भी आप पर भरोसा किया और आप तो सच मे 1 नंबर. के रंडवे निकले..
गोशी को इस हालत में लंड पर उपेर नीचे होते देख उमैर लगातार रोया जा रहा था..."और्र साली तू...क्या बिगाड़ा था मैने तेरा जो इतना बड़ा धोका दिया तूने मुझे साली रांड़"
सिन्हा:-(उठकर खड़ा हो गया और लंड को हाथ से मसल्ने लगा और सब के सामने वीर्य की पिचकारियाँ छोड़ने लगा और झड़केर वहीं नंगा बिस्तर पर बैठ गया)उमैर अब हमारे लिए तुम काम करोगे..बदले मे तुम्हे खूब सारा पैसा इज़्ज़त मिलेगी..तुम्हारे घर वाले ऐश की ज़िंदगी जी लेंगे..और एंजेनियिरिंग की फीस बाकी सब तुम्हारे लिए फ्री होगी .."
उमैर उसकी बातों को ख़तम होने हीनही देता और जाकर एक सापाता सिन्हा के गाल पर जड़ दिया.."मदर्चोद तू क्या मुझसे धंधा करवाएगा अब देख कैसे तुम सब क सब अंदर होते हो....अब देख में तुम लोगों का क्या बिगाड़ता हूँ ...उमैर का गुस्सा ज्वालामुखी की तरह टूट पड़ा और कमरे में फैले सारे सामान को तोड़ने फोड़ने लगा...उमैर के अंदर का जानवर जाग चुका था..और वो सारी चीज़ें यहाँ से वहाँ पटाकने फेकने लगा..और 2 3 झापड़ कलसूम के गाल पर झाड़ दिए"रांड़ मुझसे चुदवा कर क्या मिला तुझसे अपनी बेटी की चुदाई तू कैसे देख सकती है..और तुझे लगता है कि तेरे इस घटिया काम मे में तुम लोगों का साथ दूँगा कलसूम के बालों को पकड़केर वही दीवार पर जड़ देता है..ये सब देखकेर वाहा सिन्हा की हालत खराब हो जाती हैं और वो पीछे से आकर उमैर के सिर पर शीशी फोड़ देता है..उमैर बदहवास होकेर वहीं नीचे गिर गया...
वहाँ सिर पर वार होते ही उमैर नीचे ज़मीर पर गिर गया..
सिन्हा:-याअर डार्लिंग अब इसका क्या करें ये मान ने वाला नहीं अब..अगर कॉलेज मे सबको बता दिया तो हम सब जेल के अंदर आटा पीसेंगे ....कुछ करना होगा इसका
कलसूम:-अर्रे किस्सा ही ख़तम करो जान मार्कर फैक देते हैं हरम्खोर को..
गोशी उन दोंनो की बातें ऐसे सुन रही थी जैसे उमैर से उसका कभी कोई ताल्लुक ही नहीं हो...
उमैर की आँखे खुल चुकी थी..होश में आकर जैसे ही वो आँखे खोलता है स्वयं को 10 12 लड़को के बीच में पाता है..खुद को समहालता है ..तो देखता है गोशी का भाई उन लड़को के साथ उसे घेरे खरा है..उमैर माजरा समझ ही पाता है कि लड़के उसे इतना मारते हैं इतना मारते हैं कि उमार को अब ये भी नहीं मालूम कि वो अब इस दुनिया में हैं या जा चुका है..