hotaks444
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गतान्क से आगे..........
ऋतु चली गयी. लाली ने थोड़ा सा शरमाते हुए मेरे लंड पर साबुन
लगाना शुरू कर दिया. मुझे खूब मज़ा आने लगा. उसकी आँखे भी
गुलाबी सी होने लगी. थोड़ी देर बाद वो बोली, अब बस करूँ या और
लगाना है. मैने कहा, थोड़ा और लगा दे, तेरे हाथ से साबुन लगवाना
मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. वो सबुन लगाती रही. थोड़ी ही देर
में जब मुझे लगा कि अब मेरा जूस निकल जाएगा तो मैं कहा, अब
रहने दो. उसने अपना हाथ साफ किया और चली गयी.
मैं नहाने के बाद बाहर आया और ड्रॉयिंग रूम में सोफे पर बैठ
गया. मैने ऋतु को पुकारा, ऋतु, ज़रा तेल तो लगा दो. लाली मेरे पास
आई और बोली, मैं ही लगा दूं क्या. मैने कहा, ये तो और अच्छि
बात है. तुम ही लगा दो. लाली मेरे लंड पर तेल लगा कर बड़े प्यार से
मालिश करने लगी तो मैं कुच्छ ज़्यादा ही जोश में आ गया. लाली ठीक
मेरे लंड के सामने ज़मीन पर बैठी थी. मेरे लंड से जूस की धार
निकल पड़ी और सीधे लाली के मूह पर जा कर गिरने लगी. लाली शर्मा
गयी और बोली, क्या जीजू, तुमने मेरा मूह गंदा कर दिया. मैने कहा,
तुम्हारे तेल लगाने से मैं कुच्छ ज़्यादा ही जोश में आ गया और मेरे
लंड का जूस निकल गया. लाओ मैं सॉफ कर देता हूँ. वो बोली, रहने
दो, मैं खुद ही साफ कर लूँगी. लाली बाथरूम में चली गयी. ऋतु
किचन से मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी. ऋतु ने कहा, अब
तुम्हारा काम बन ने ही वाला है.
नाश्ता करने के बाद मैं दुकान चला गया. रात को मैं लाली के लिए
एक झूमकि ले आया. मैने उसे झूमकि दी तो वो खुशी के उच्छल पड़ी और
ऋतु को दिखाते हुए बोली, देखो दीदी, जीजू मेरे लिए क्या लाए हैं.
ऋतु ने कहा, तू ही उनकी एकलौती साली है. वो तेरे लिए नहीं लाएँगे
तो और किस के लिए लाएँगे.
रात को खाना कहने के बाद हम सोने के लिए कमरे में आ गये. मैने
लाली से मज़ाक किया, क्यों लाली, मेरा लंड तुझे कैसा लगा. उसने
शरमाते हुए कहा, जीजू, ये भी कोई पूच्छने की बात है. मैने
कहा, तेरी दीदी को तो बहुत पसंद है, तुझे कैसा लगा. उसने
शरमाते हुए, मुझे भी बहुत अच्च्छा लगा. मैने पूचछा, तुझे क्यों
अच्च्छा लगा. वो बोली, इस लिए की आप का बहुत बड़ा है. मैने
पूचछा, जब मैं तुम्हारी दीदी के साथ करता हूँ तब कैसा लगता
है. वो बोली, तब तो और ज़्यादा अच्च्छा लगता है. लेकिन जीजू, एक बात
मेरी समझ में नहीं आती कि तुम्हारा इतना बड़ा है फिर भी दीदी के
अंदर पूरा का पूरा घुस जाता है. मैने कहा, तेरी दीदी को इसकी
आदत पड़ गयी है. वो बोली, लेकिन पहली बार जब आप ने घुसाया होगा
तो दीदी दर्द के मारे बहुत चिल्लाई होगी. मैने कहा, दर्द तो पहली
पहली बार सब औरतों को होता है. इसे भी हुआ था और ये खूब
चिल्लाई भी थी. लेकिन लाली बाद में मज़ा भी तो खूब आता है. तुम
चाहो तो अपनी दीदी से पूच्छ लो. लाली ने ऋतु से पुछा, क्यों दीदी,
क्या जीजू सही कह रहे हैं. ऋतु ने कहा, हां लाली, तभी तो मैं
इनसे रोज रोज करवाती हूँ. बिना करवाए मुझे नींद नहीं आती. तुम
भी एक बार इनका अंदर ले लो. कसम से इतना मज़ा आएगा की तुम भी रोज
रोज करने को कहोगी. लाली बोली, ना बाबा ना, मुझे बहुत दर्द होगा क्यों
की मेरा तो अभी बहुत छ्होटा है. ऋतु ने कहा, छ्होटा तो सभी का
होता है. लाली बोली, मुझे दर्द भी तो बहुत होगा. ऋतु ने कहा,
पगली, एक बार ही तो दर्द होगा उसके बाद इतना मज़ा आएगा कि तू सारा
दर्द भूल जाएगी. तूने देखा है ना कि कैसे इनका मेरी चूत में सटा
सॅट अंदर बाहर होता है. वो बोली, हां, देखा तो है. ऋतु बोली, फिर
एक बार तू भी अंदर ले कर देख ले. अगर तुझे मज़ा नहीं आएगा तो
फिर कभी मत करवाना. वो बोली, बाद में करवा लूँगी. ऋतु ने कहा,
आज क्यों नहीं. वो बोली, मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ. ऋतु
ने कहा, तो फिर आज तू इसे मूह में ले कर चूस ले. जब तेरा मन
कहेगा तभी इसे अंदर लेना. वो बोली, ठीक है, मैं मूह में लेकर
चूस लेती हूँ.
ऋतु चली गयी. लाली ने थोड़ा सा शरमाते हुए मेरे लंड पर साबुन
लगाना शुरू कर दिया. मुझे खूब मज़ा आने लगा. उसकी आँखे भी
गुलाबी सी होने लगी. थोड़ी देर बाद वो बोली, अब बस करूँ या और
लगाना है. मैने कहा, थोड़ा और लगा दे, तेरे हाथ से साबुन लगवाना
मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. वो सबुन लगाती रही. थोड़ी ही देर
में जब मुझे लगा कि अब मेरा जूस निकल जाएगा तो मैं कहा, अब
रहने दो. उसने अपना हाथ साफ किया और चली गयी.
मैं नहाने के बाद बाहर आया और ड्रॉयिंग रूम में सोफे पर बैठ
गया. मैने ऋतु को पुकारा, ऋतु, ज़रा तेल तो लगा दो. लाली मेरे पास
आई और बोली, मैं ही लगा दूं क्या. मैने कहा, ये तो और अच्छि
बात है. तुम ही लगा दो. लाली मेरे लंड पर तेल लगा कर बड़े प्यार से
मालिश करने लगी तो मैं कुच्छ ज़्यादा ही जोश में आ गया. लाली ठीक
मेरे लंड के सामने ज़मीन पर बैठी थी. मेरे लंड से जूस की धार
निकल पड़ी और सीधे लाली के मूह पर जा कर गिरने लगी. लाली शर्मा
गयी और बोली, क्या जीजू, तुमने मेरा मूह गंदा कर दिया. मैने कहा,
तुम्हारे तेल लगाने से मैं कुच्छ ज़्यादा ही जोश में आ गया और मेरे
लंड का जूस निकल गया. लाओ मैं सॉफ कर देता हूँ. वो बोली, रहने
दो, मैं खुद ही साफ कर लूँगी. लाली बाथरूम में चली गयी. ऋतु
किचन से मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी. ऋतु ने कहा, अब
तुम्हारा काम बन ने ही वाला है.
नाश्ता करने के बाद मैं दुकान चला गया. रात को मैं लाली के लिए
एक झूमकि ले आया. मैने उसे झूमकि दी तो वो खुशी के उच्छल पड़ी और
ऋतु को दिखाते हुए बोली, देखो दीदी, जीजू मेरे लिए क्या लाए हैं.
ऋतु ने कहा, तू ही उनकी एकलौती साली है. वो तेरे लिए नहीं लाएँगे
तो और किस के लिए लाएँगे.
रात को खाना कहने के बाद हम सोने के लिए कमरे में आ गये. मैने
लाली से मज़ाक किया, क्यों लाली, मेरा लंड तुझे कैसा लगा. उसने
शरमाते हुए कहा, जीजू, ये भी कोई पूच्छने की बात है. मैने
कहा, तेरी दीदी को तो बहुत पसंद है, तुझे कैसा लगा. उसने
शरमाते हुए, मुझे भी बहुत अच्च्छा लगा. मैने पूचछा, तुझे क्यों
अच्च्छा लगा. वो बोली, इस लिए की आप का बहुत बड़ा है. मैने
पूचछा, जब मैं तुम्हारी दीदी के साथ करता हूँ तब कैसा लगता
है. वो बोली, तब तो और ज़्यादा अच्च्छा लगता है. लेकिन जीजू, एक बात
मेरी समझ में नहीं आती कि तुम्हारा इतना बड़ा है फिर भी दीदी के
अंदर पूरा का पूरा घुस जाता है. मैने कहा, तेरी दीदी को इसकी
आदत पड़ गयी है. वो बोली, लेकिन पहली बार जब आप ने घुसाया होगा
तो दीदी दर्द के मारे बहुत चिल्लाई होगी. मैने कहा, दर्द तो पहली
पहली बार सब औरतों को होता है. इसे भी हुआ था और ये खूब
चिल्लाई भी थी. लेकिन लाली बाद में मज़ा भी तो खूब आता है. तुम
चाहो तो अपनी दीदी से पूच्छ लो. लाली ने ऋतु से पुछा, क्यों दीदी,
क्या जीजू सही कह रहे हैं. ऋतु ने कहा, हां लाली, तभी तो मैं
इनसे रोज रोज करवाती हूँ. बिना करवाए मुझे नींद नहीं आती. तुम
भी एक बार इनका अंदर ले लो. कसम से इतना मज़ा आएगा की तुम भी रोज
रोज करने को कहोगी. लाली बोली, ना बाबा ना, मुझे बहुत दर्द होगा क्यों
की मेरा तो अभी बहुत छ्होटा है. ऋतु ने कहा, छ्होटा तो सभी का
होता है. लाली बोली, मुझे दर्द भी तो बहुत होगा. ऋतु ने कहा,
पगली, एक बार ही तो दर्द होगा उसके बाद इतना मज़ा आएगा कि तू सारा
दर्द भूल जाएगी. तूने देखा है ना कि कैसे इनका मेरी चूत में सटा
सॅट अंदर बाहर होता है. वो बोली, हां, देखा तो है. ऋतु बोली, फिर
एक बार तू भी अंदर ले कर देख ले. अगर तुझे मज़ा नहीं आएगा तो
फिर कभी मत करवाना. वो बोली, बाद में करवा लूँगी. ऋतु ने कहा,
आज क्यों नहीं. वो बोली, मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ. ऋतु
ने कहा, तो फिर आज तू इसे मूह में ले कर चूस ले. जब तेरा मन
कहेगा तभी इसे अंदर लेना. वो बोली, ठीक है, मैं मूह में लेकर
चूस लेती हूँ.