hotaks444
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अलीज़ा चोरी चोरी वीर को ही देख रही थी..
कुछ ही टाइम मे अलीज़ा ऑर प्रीत गहरे दोस्त बन गये थे....
अलीज़ा प्रीत को धरती लोक घूमने के लिए कहती है..
जिसे प्रीत खुशी खुशी हाँ कर देती है..
प्रीत..जान अलीज़ा भी हमारे साथ जाएगी..
वीर...रानी साहिबा जैसा आप चाहे...चलिए अलीज़ा जी आपको इंसानी दुनिया दिखाते है..
फिर सभी वहाँ से धरती लोक आ जाते है..
तीनो घर पहुँचते है.घर देख अलीज़ा बहुत खुश होती है..
मोम .आ गये बच्चो..ऑर ये प्यारी सी बच्ची कौन है..
वीर..मोम ये परियो की रानी अलीज़ा है..
सब ये सुन हैरान होते है..परियो की रानी ऑर यहाँ....
सब बारी बारी अलीज़ा से मिलते है....
वीर..दद चले फिर मुंबई..
डॅड..हाँ चलो मैने ऑर तुम्हारे चाचा ने यहाँ का सारा कारोबार मुंबई शिफ्ट कर दिया है..
वीर..कैसे जाना पसंद करो गे...प्लेन से या कार से या गायब हो कर...
मोम..कार से चलेंगे..बहुत मज़ा आता है सफ़र किए बहुत टाइम हो गया..
रिया..भाई मेरी चॉकलेट..
वीर..है ना देता हूँ...वीर रिया को चोक्लट देता है..
मोम..हाँ तो मेरी बच्ची अपनी पवर्स को सही इस्तेमाल करना...लोगो की भलाई के लिए ही यूज़ करना..
वीर.चलो सब बाहर एक बस आ चुकी है....किसी को कुछ भी साथ लेजाने की ज़रूरत नही..सब समान वहाँ पहुँच जाएगा..हर एक के कमरे मे...
सभी बस मे बैठ जाते है..बस अंदर से बहुत खूबसूरत थी बड़ा सा टीवी 4 बेड लगे थे साथ मे सोफे थे बैठने के लिए...
दिखने मे बस बाहर से छोटी लग रही थी.पर अंदर से.बहुत बड़ी..
फिर शुरू होता है इनका सफ़र..
अलीज़ा ऐसा सफ़र पहली बार कर रही थी..सब ये देख बहुत खुश होती है
बस के अंदर ऐसा लग रहा था जैसे किसी बड़े से महल मे बैठे हो..व्हाट आ बस यार...
वीर..मैने एक फ़ैसल किया है..
मोम.क्या बेटा..
वीर. यही कि मोम बिस्वा ऑर परी.
नेहा ऑर आशीष की शादी.मुंबई मे जा कर करदेंगे बस एक बार आप परी की मोम से ओर नेहा की माँ से बात कर लेना
.
मोम..वाह ये कब हुआ ...ये तो बड़ी खुशी की बात है...भाई कोई मुँह मीठा कराओ
तभी प्रीत अपने जादू से वहाँ बरफी ले आती है..
जिसे देख सब खुश होते है..
डॅड..वाह मेरी बच्ची जादू करना सीख गयी..
उधर..दोनो लड़किया मारे शर्म के बैठी शरमा रही थी...
मोम..ठीक है वीर आज से इनकी शादी की ज़िम्मेदारी मेरी..
वीर..ऑर हाँ हमे बस के सफ़र मे 2 दिन लगेगे. हम सब रात मे 3 जगह स्टे करेगे...
रात को सफ़र नही करेंगे..
दादाजी..हाँ बेटा ये सही रहेगा.....
फिर सभी इधर उधर की बाते करने लगते है..रात होते ही सब एक होटेल के आगे बस रोकते है..
सब बस से उतर होटेल मे चेक इन करते है..
होटेल बहुत अच्छा था...
सब सफ़र से थके हुए थे कि सब आराम करना चाहते थे इसीलिए सब डिन्नर कर सो जाते है..
उधर...मोम वीर को हग किए सो रही थी..आज उन्हे बहुत बेचैनी सी लग रही थी..बॉडी पूरी गर्म ही चुकी थी..
वीर को अपनी मोम की गर्मी महसूर होती है ऑर वो जाग जाता है.
वीर...मोम आपकी बॉडी तो तप रही है....
मोम.मैं ठीक हूँ.तू फिकर ना कर..
.वीर..क्यूँ फिकर ना करूँ
.
मोम..अगर इतना फिकर होता तो अपनी मोम की गर्मी ना शांत कर देता...चल अब सोजा..मैं ठीक हूँ..
वीर..असमंजस मे था कि वो क्या करे...
नेक्स्ट मॉर्निंग..वीर..संजू ऑर प्रीत को सब बता देता है..
संजू..मैं माँ से बात करती हूँ..
संजू माँ के पास चली जाती है...
संजू..माँ ये क्या आप ठीक तो हो ना..
मों..हाँ मैं ठीक हूँ.तू यहाँ क्या करने आई है..
संजू..अपनी माँ से बात करने आई हूँ..माँ क्या आपको वीर सच मे चाहिए..
मोम..क्या बोल रही है.तू..
संजू..माँ मुझे पता है आप वीर को चाहती हो..मैं भी लड़की हूँ समझती हूँ जब आग लगती है.
कुछ समझ नही आता ....ऑर मोम पाप तब होता है जब आप दोनो मे से कोई ज़बरदस्ती करता ..
पर आप दोनो का प्यार ही सब कुछ है..वीर आपसे बहुत प्यार करता है.हमसे भी कही ज़्यादा..
मोम..मैं क्या करूँ बेटी.जब भी वीर मेरे पास आता है एक अलग सी बेचैनी होनेलगती है.
जब वीर दूर होता है तो अजीब सा डर लगा रहता है..मैं उस से दूर नही रह सकती
संजू..मैं वीर को आज रात को आपके रूम मे तैयार करके भेजुगी ......वीर पर आपका भी उतना ही हक है
मोम संजू को गले लगा लेती है
मोम. .थॅंक्स बेटी तूने मेरी हेल्प कर तू नही जानती तूने मुझे कितना खुशी दिया है...
कुछ ही टाइम मे अलीज़ा ऑर प्रीत गहरे दोस्त बन गये थे....
अलीज़ा प्रीत को धरती लोक घूमने के लिए कहती है..
जिसे प्रीत खुशी खुशी हाँ कर देती है..
प्रीत..जान अलीज़ा भी हमारे साथ जाएगी..
वीर...रानी साहिबा जैसा आप चाहे...चलिए अलीज़ा जी आपको इंसानी दुनिया दिखाते है..
फिर सभी वहाँ से धरती लोक आ जाते है..
तीनो घर पहुँचते है.घर देख अलीज़ा बहुत खुश होती है..
मोम .आ गये बच्चो..ऑर ये प्यारी सी बच्ची कौन है..
वीर..मोम ये परियो की रानी अलीज़ा है..
सब ये सुन हैरान होते है..परियो की रानी ऑर यहाँ....
सब बारी बारी अलीज़ा से मिलते है....
वीर..दद चले फिर मुंबई..
डॅड..हाँ चलो मैने ऑर तुम्हारे चाचा ने यहाँ का सारा कारोबार मुंबई शिफ्ट कर दिया है..
वीर..कैसे जाना पसंद करो गे...प्लेन से या कार से या गायब हो कर...
मोम..कार से चलेंगे..बहुत मज़ा आता है सफ़र किए बहुत टाइम हो गया..
रिया..भाई मेरी चॉकलेट..
वीर..है ना देता हूँ...वीर रिया को चोक्लट देता है..
मोम..हाँ तो मेरी बच्ची अपनी पवर्स को सही इस्तेमाल करना...लोगो की भलाई के लिए ही यूज़ करना..
वीर.चलो सब बाहर एक बस आ चुकी है....किसी को कुछ भी साथ लेजाने की ज़रूरत नही..सब समान वहाँ पहुँच जाएगा..हर एक के कमरे मे...
सभी बस मे बैठ जाते है..बस अंदर से बहुत खूबसूरत थी बड़ा सा टीवी 4 बेड लगे थे साथ मे सोफे थे बैठने के लिए...
दिखने मे बस बाहर से छोटी लग रही थी.पर अंदर से.बहुत बड़ी..
फिर शुरू होता है इनका सफ़र..
अलीज़ा ऐसा सफ़र पहली बार कर रही थी..सब ये देख बहुत खुश होती है
बस के अंदर ऐसा लग रहा था जैसे किसी बड़े से महल मे बैठे हो..व्हाट आ बस यार...
वीर..मैने एक फ़ैसल किया है..
मोम.क्या बेटा..
वीर. यही कि मोम बिस्वा ऑर परी.
नेहा ऑर आशीष की शादी.मुंबई मे जा कर करदेंगे बस एक बार आप परी की मोम से ओर नेहा की माँ से बात कर लेना
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मोम..वाह ये कब हुआ ...ये तो बड़ी खुशी की बात है...भाई कोई मुँह मीठा कराओ
तभी प्रीत अपने जादू से वहाँ बरफी ले आती है..
जिसे देख सब खुश होते है..
डॅड..वाह मेरी बच्ची जादू करना सीख गयी..
उधर..दोनो लड़किया मारे शर्म के बैठी शरमा रही थी...
मोम..ठीक है वीर आज से इनकी शादी की ज़िम्मेदारी मेरी..
वीर..ऑर हाँ हमे बस के सफ़र मे 2 दिन लगेगे. हम सब रात मे 3 जगह स्टे करेगे...
रात को सफ़र नही करेंगे..
दादाजी..हाँ बेटा ये सही रहेगा.....
फिर सभी इधर उधर की बाते करने लगते है..रात होते ही सब एक होटेल के आगे बस रोकते है..
सब बस से उतर होटेल मे चेक इन करते है..
होटेल बहुत अच्छा था...
सब सफ़र से थके हुए थे कि सब आराम करना चाहते थे इसीलिए सब डिन्नर कर सो जाते है..
उधर...मोम वीर को हग किए सो रही थी..आज उन्हे बहुत बेचैनी सी लग रही थी..बॉडी पूरी गर्म ही चुकी थी..
वीर को अपनी मोम की गर्मी महसूर होती है ऑर वो जाग जाता है.
वीर...मोम आपकी बॉडी तो तप रही है....
मोम.मैं ठीक हूँ.तू फिकर ना कर..
.वीर..क्यूँ फिकर ना करूँ
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मोम..अगर इतना फिकर होता तो अपनी मोम की गर्मी ना शांत कर देता...चल अब सोजा..मैं ठीक हूँ..
वीर..असमंजस मे था कि वो क्या करे...
नेक्स्ट मॉर्निंग..वीर..संजू ऑर प्रीत को सब बता देता है..
संजू..मैं माँ से बात करती हूँ..
संजू माँ के पास चली जाती है...
संजू..माँ ये क्या आप ठीक तो हो ना..
मों..हाँ मैं ठीक हूँ.तू यहाँ क्या करने आई है..
संजू..अपनी माँ से बात करने आई हूँ..माँ क्या आपको वीर सच मे चाहिए..
मोम..क्या बोल रही है.तू..
संजू..माँ मुझे पता है आप वीर को चाहती हो..मैं भी लड़की हूँ समझती हूँ जब आग लगती है.
कुछ समझ नही आता ....ऑर मोम पाप तब होता है जब आप दोनो मे से कोई ज़बरदस्ती करता ..
पर आप दोनो का प्यार ही सब कुछ है..वीर आपसे बहुत प्यार करता है.हमसे भी कही ज़्यादा..
मोम..मैं क्या करूँ बेटी.जब भी वीर मेरे पास आता है एक अलग सी बेचैनी होनेलगती है.
जब वीर दूर होता है तो अजीब सा डर लगा रहता है..मैं उस से दूर नही रह सकती
संजू..मैं वीर को आज रात को आपके रूम मे तैयार करके भेजुगी ......वीर पर आपका भी उतना ही हक है
मोम संजू को गले लगा लेती है
मोम. .थॅंक्स बेटी तूने मेरी हेल्प कर तू नही जानती तूने मुझे कितना खुशी दिया है...