Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र - Page 2 - SexBaba
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Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र

दादाजी भी अब बिल्कुल ठीक हो चुके थे...



दादाजी..आ मेरा पोता..मुझे गर्व है बेटा तुझ पर .तूने थोड़े ही वक्त मे बहुत तरक्की करली है.


वीर...ये तो सिरफ़ आपके आशीर्वाद का असर है ..


मोम..चल बेटा बैठ लंच करले..ऑर संजू को भी आवाज़ लगा दे..


वीर संजू को भी बुला लेता है ऑर दोनो मिल कर लंच करते है..


वीर..तुझे घूमने जाना है ना थोड़े दिन वेट कर मैं लेके चलूँगा तुझे ठीक है..


संजू...ठीक है जैसा तुझे ठीक लगे . 

रात को वीर अपने रूम मे जाता है..संजू तो पहले ही सो चुकी थी..


वीर उसके पास.जा.


वीर..हम कैसी हालत मे फँस गये है एक ओर हम भाई बेहन हैं..उपर से दिल कुछ ऑर कह रह रहा है..


पर जो भी हो रहोगी तो तुम मेरे साथ ही ना..तुम्हेकभी अपने से अलग नही करूगा.. चाहे जो हो जाए आइ लव यू..
ऑर संजू के गाल पर किस करता है..


जिस से संजू थोड़ा कसमसाती है .
ऑर वीर जल्दी से बेड पर लेट जाता है.


पर उसे नही पता था कि संजू जाग रही है .ऑर उसने सब सुन लिया है..


संजू रात को पानी पीने के लिए उठती है ऑर देखती है कि वीर उसे हग कर सोया हुया है..जिसे देख संजू वैसे ही फिरसे सो जाती है..


नेक्स्ट मॉर्निंग...

वीर..आज उन्हे दिखाएँगे..सिंग फॅमिली क्या चीज़ है


फिर वीर अपने असली रूप मे रेडी होता है..

जिसे देख कोई भी लड़की पागल जो जाए..टाइट शर्ट गॉगेल्स..


संजू..हाई किसी की नज़र ना लगे...काश मैं तेरी बेहन ना होती..


वीर...क्या कहा..ह्म


संजू..नही नही मैं तो ये कह रही थी..बहुत सुंदर लग रहे हो..


वीर उसकी तरफ सिरफ़ स्माइल करता है..

संजू अपने मन मे....काश मैं इसकी बेहन ना होती..ही सो हॉट....


पर उधर वीर संजू की बात सुना लेता है.....

ऑर मंद मंद मुस्कुराने लगता है..


संजू वहाँ से नीचे बने कार सेक्षन जाता है..यहाँ हर तरह की इंपोर्टेड कार्स खड़ी थी...

साथ आई संजू ये सीन देख शॉक हो जाती है..हर तरह की कार थी एक से बढ़ कर एक

फिर वीर..एक कार निकालता है..ऑर संजू को बिठा निकलता है....कॉलेज की तरफ..


उधर...कॉलेज मे लॅमबर्गीनी अवेंटडॉर गेट से एंटर करती है..

अजय ऑर उसके साथी अभी आए हुए थे...


ऑर कार को ही देख रहे थे..जैसे ही कार पार्किंग मे खड़ी होती है तो उसमे से 2 शक्श निकलते है जिसे देख पूरा कॉलेज शॉक हो जाता है..

सारा कॉलेज उस शक्श को देख शॉक हो जाता है..

ये कोई ओर नही संजू ऑर वीर थे...


वीर उतर कर बाहर आता है...
 
अजय तो बुत्त बना बस देखे जा रहा था *.

ऑर प्रीत ..वीर को देख उसमेहि खो गयी उसको ऑर कुछ नज़र ही नही आरहा था 


वीर वहाँ से चल कर अजय के पास आता है

वीर...देखली मेरी औकात ..मेरे सामने तुम्हारे पिता सेठ धनराज चन्द कुछ भी नही *समझा....


ऑर हाँ अब पंगा लेना हो तो अपनी औकात के हिसाब से लेना..

वरना तेरी औकात दिखा दूँगा तुझे
..
पूछ लेना अपने पिता से सिंग कंपनी'स का मालिक धनवीर सिंग कौन है.....समझा...


वीर संजू का हाथ पकड़ वहाँ से कॅंटीन मे आ जाता है..

जिसे देख सभी लड़कियों की चूत गीली होने लगती है..


तभी इनके पास *प्रीत आती है..

प्रीत..हाई आइ अम प्रीत..प्रीत की आँखेमे वीर ले लिए चाहत झलक रही थी 


वीर...हाई आम वीर..

प्रीत...प्लज़्ज़्ज़ मुझे माफ़ कर दीजिए उस दिन के लिए वो सब मैने अपने बाई के कहने पर किया...न्ड जिस दिन इन्हो ने आपको मारने की कोशिस की है ..उस कान्ड मे मैं इनके साथ नही थी...


वीर .मुझे पता है...डोंट वरी...


प्रीत.सो फ्रेंड्स.


वीर...हाँ क्यू नही..फ्रेंड्स ऑर वीर उस से हाथ मिला लेता है..


वीर के स्पर्श से ही दिल मे घंटिया बज जाती है 

फिर प्रीत संजू की तरफ हाथ करती है..


पर हाथ नही मिलाती जिसे देख वीर उसे समझाता है.ऐसे मे संजू भी हाथ मिला लेती है...


प्रीत...पर आप पहले क्यूँ नॉर्मेल रह रहे थे...


वीर..वो इसीलिए मुझे अपनी नॉर्मले लाइफ भी जीना था पर तेरा भाई बहुत औकात औकात कर रहा था तो दिखा दी उसे औकात..


देख प्रीत..मुझे पता है तू दिल की सॉफ है...पर अपने भाई को समझा देना मेरे से पंगा ना ले .वरना बहुत पछताएगा..


जानता हूँ तेरे डॅड के अंडरवर्ल्ड्स के साथ ताल्लुक है...

पर मैं उन सब से नही डरता...समझा देना अपने भाई को..

प्रीत ..कोई बात नही मैं समझा दूँगी *..तो ठीक है मैं चलती हूँ..


वीर : रूको तो सही अभी तो मिले है कहाँ चली 


वीर की बात सुन प्रीत बैठ जाती है 

उधर अजय...


अजय....राहुल इसका कोई तो जुगाड़ करना होगा *साला मेरी बेहन भी उसकी तरफ अट्रॅक्ट हो रही है...


राहुल..क्यू चिंता करता है..क्यू ना इसे *विक्रम बाई को बोल मरवा दें..


अजय...हाँ.ये सही रहेगा...बहुत पवरफुल कहता है ना..अब देख हम इसका क्या करते है...


इधर...

संजू...प्रीत तुम इतनी अच्छी हो फिर क्यूँ अजय का बुरे कामो मे साथ देती हो..


प्रीत..दी बात ये है कि....मैं आपको दी बुलाऊ क्या..


संजू..ह्म..



प्रीत...दी मैं सिरफ़ मस्ती करती हूँ.
वो भी जिस दिन वीर आया था उसी दिन उनके साथ खड़ी थी वहाँ..अदरवाइज़.मैं कभी भी ऐसे घटिया काम मे किसी का साथ नही देती..


उस दिन मैने वीर को बोल तो दिया कि मैं हम तेरे से दोस्ती नही करेगे..पर 

घर जा कर मुझे बहुत अफ़सोस हुआ..कि मुझे ऐसा नही करना चाहिए था ..


वीर....इट्स ओके प्रीत..


संजू...वीर चलो ना *कहीं घूम के आते है *

तभी वहाँ बिस्वा ऑर आशीष.आते है...


दोनो आकर सब से मिलते है..


वीर..कहाँ थे बे दोनो..सुबह से गायब हो..


बिस्वा..भाई वो ऑफीस मे थे..थोड़ा काम कर रहे थे *



वीर .चल ठीक है .चलो घूमने चलते है...

फिर सभी निकलते है पार्किंग की ओर.


वीर...आशीष..तुम मेरी कार ले जाओ मैं तुम्हारी कार ले जाउन्गा .हम तीन है..



फिर वीर अपनी लॅमबर्गीनी अवेंटडॉर 
आशीष को देता है ऑर उस से हमर ले लेता है.......
 
फिर सभी निकलते है..घूमने..


वीर..हाँ तो फ्रेंड्स .कहाँ जाना है ..मुझे यहाँ के बारे मे ज़्यादा पता नही है..


संजू..जान मैं तो कहती हूँ क्यू ना पहले मूवी देखने चले..फिर शॉपिंग करेगे...


वीर..हाँ ये ठीक रहेगा....



सभी मूवी देख ने पहुँच जाते है मूवी रोमॅंटिक थी


सिनेमा होल पहुँच ..पाँचो मूवी देखते है..मूवी मे एक साइड वीर के संजू बैठी थी ऑर दूसरी साइड.प्रीत.


संजू तो वीर का हाथ पकड़ बैठी थी...कोई भी रोमॅंटिक सीन होता तो प्रीत ऑर संजू वीर को देखने लगती जैसे कह रही हो ऑर कितना इंतजार कराओ गे 


वियर हल्के से प्रीत के कान मे..


वीर...मूवी कैसी है 


प्रीत : बहुत अच्छी है 

वीर..क्या मैं या मूवी 


वीर की बात सुन प्रीत शरमाने लगती है ऑर वीर के बाजू से चिपक जाती है 


वीर : ऐसे ना चिपक मेरा पप्पू खड़ा हो रहा है 


प्रीत : क्या मतलब पप्पू 


वीर प्रीत का हाथ पकड़ अपने लंड पे रख देता है *

प्रीत का डिल जोरो से धड़क जाता है शरम से गढ़ी जा रही थी 


पहले तो लंड को काँपते हाथो से पकड़ रखा था


पर ज़्यादा देर ना पकड़ पाई ऑर छोड़ दिया ऑर


मंद मंद मुस्कराने लगती है.


वीर अपनी पागल पन्ति पर खुद को गाली देने लगता है..


उधर..संजू अपना हाथ वीर के लंड से थोड़ा दूर रख देती है..


इस से वीर की हालत और खराब हो जाती है..

कुछ टाइम मे मूवी ख़तम हो जाती है..ऑर लाइट हो जाती है.


दोनो लड़किया वीर के बने तंबू को देख लेती है..

दोनो शॉक थी इतने बड़े बने तंबू को देख ..


..ऑर दोनो के अंदर आग लग जाती है.... फिर जैसे तैसे वीर खुद को ठीक करता है ऑर सब बाहर आ जाते है..


वीर ऑर प्रीत दोनो एक दूसरे से आँख नही मिला पा रहे थे...


वीर...हाँ तो अब बोलो शॉपिंग कहाँ करे


संजू..एक माल सिटी के बाहर बना हुआ है..नया खुला है वहाँ चलते है..


फिर सभी उस रास्ते हो लेते है..


संजू इस कशमकश मे थी वीर उसका भाई है क्या ऐसी फीलिंग सही.है...

पर प्यार तो प्यार ही है ना.

कुछ भी हो जाए मैं अपने भाई को ही अपना जीवन साथी बनाउन्गी...


प्रीत तो बस वीर को ही निहार रही थी जब भी वीर से आँख मिलती अपने नज़रे झुका लेती 


सब मस्ती करते हुए जा रहे थे कि *तभी


8 10 गाड़ियाँ आती है..ऑर वीर की गाड़ी के आगे लगा खड़े हो जाते है...
उनमे से एक गाड़ी अजय ऑर उसके दोस्तों की भी थी....


वीर....दोनो गाड़ी मे बैठे रहो..


वीर उतर कर सामने जा खड़ा हो जाता है..

सब के सब हॉकी स्टिक बॅस बॉल एट्सेटरा उठा लेते है .


आदमी....आज तुझे हम सब से कोई नही बचा पाएगा...

वीर..तुझे ऐसा लगता है ..पर मुझे तो नही .आजमा के देख लेते है..


एक एक करके आओगे या सभी साथ..मे..


आदमी.तेरे जैसे बच्चे के लिए तो मेरा ये कालिया काफ़ी है *


तभी कालिया तेज़ी से वीर की तरफ आता है .ऑर जैसे ही वो हॉकी वीर की तरफ घुमाता है तो वीर हॉकी पकड़ लेता है 


ऑर उसे अपनी तरफ खीच तेज़ी से दोनो हाथो से उसका सर घुमा देता है...ऑर वो अल्ला को प्यारा हो जाता है


ये इतनी जल्दी हुआ कि सभी शॉक रह गये..

तभी एक साथ 3 वीर की तरफ भागते है ....

जैसे ही वो वीर की तरफ़ आने वाले थे.. कि


वीर तेज़ी से स्पिन होते हुए एक के मुँह पर किक जड़ देता है..जिस से तीनो दूर जा गिरते है ऑर बेहोश हो जाते है..



तभी 

बिस्वा..भाई आप आराम से बैठ जाइए..इनसे हम निपट लेंगे..

वीर गाड़ी के पास खड़ा हो जाता है..ऑर तभी उधर से सभी आशीष ऑर बिस्वा की तरफ भागते है..


ऑर उन पर हमला कर देते है...

पर दो मिनिट मे बिस्वा ऑर आशीष सबको तडी पार कर देते है...
 
संजू ऑर प्रीत भी बाहर आ जाते हैं..


तभी अजय गाड़ी से बाहर निकलता है..

ऑर वीर उसकी तरफ जाने ही वाला था कि

तभी उनका बॉस गोली चला देता है..

गोली का निशाना प्रीत थी..

पर तभी प्रीत के आगे आ वीर खड़ा हो जाता है..ऑर गोली उसके बाजू मे लगती है..ये देख बिस्वा..उस बॉस को ख़तम कर देता है..


वीर इतनी तेज़ी से प्रीत के सामने आया कि कोई देख ही नही पाया.


दोनो लड़किया तो जैसे पागल हो गयी थी..

संजू..तुम ठीक तो हो ना जान..

प्रीत .क्यूँ मेरे आगे आए..मर जाने दिया होता मुझे.. ऐसे भाई के होने से अच्छा मर जाने दिया होता

.वीर..अरे मैं ठीक हूँ..


तभी गोली लगने का फ़ायदा उठा .अजय वीर के सिर पर होके स्टिक से हमला कर देता है .पर वीर तेज़ी से खड़ा होके स्टिक पकड़ लेता है ऑर अजय के पैर पर मारता है..

जिस से अजय का पैर टूट जाती है..

वीर अजय के सर पर वॉर करने ही वाला था कि तभी प्रीत उसे रोके देती है.हाथ जोड़ के *

वीर प्रीत के कहने पर रुक जाता है..

वीर..आज तुझे तेरी बेहन ने बचा लिया..वरना तू भी इनकी तरह आज मरा पड़ा होता..सुधर जा.वरना कहीं का नही छोड़ुगा...

उधर नीचे पड़ा अजय तड़फ़ रहा था दर्द से..तभी उसके फ्रेंड्स अजय को उठा चले जाते है..

ऑर वीर ऑर बाकी सब भी वहाँ से चल देते हैं ..


प्रीत..सॉरी वीर मेरी वजह से तुम्हे गोली लगी..


वीर..इट्स ओके यार.अगर गोली का निशाना संजू भी होती तो भी मैं यही करता 
.नाउ रिलॅक्स..


फिर सभी वीर को डॉक्टर से इलाज करवाते है..

ऑर वीर फुल बाजू शर्ट पहन लेता है ताकि घर वाले ना देख सके


वीर बाकी सब कॉलेज ही आ जाते है..


प्रीत की गाड़ी कॉलेज मे ही खड़ी थी.


प्रीत...ओके वीर *मैं *आज का दिन कभी नही भूलूंगी *.जो तुमने मेरे लिया किया..तुमने मेरी जान बचाई है..ऑर अब इस जान पर हक सिरफ़ तुम्हारा है..


ऑर तभी वीर को हग कर लेती है..ऑर उसके लिप्स पर हल्का सा किस कर देती है.



संजू खड़ी सब देख रही थी..ऑर अंदर से रो रही थी..


जिसका पता वीर को लग जाता है..


प्रीत बाइ बोल चली जाती है..

वीर..मुझे पता है. संजू तुम मुझसे प्यार करने लगी हो पहले से ही..मैं भी तुम्हे प्यार करता हूँ..पर हम भाई बेहन है .


संजू...तो क्या हुआ मैं तुम्हारे बिना नही रह सकती चाहे जो हो जाए..अगर साथ नही रख सकते तो मुझे मार दो *


संजू अभी इतना ही बोली थी कि वीर अपने लिप्स संजू के लिप्स मिला देता है..

संजू पहले तो शॉक हो जाती है पर बाद मे वो भी साथ देने लगती है.
 
कुछ टाइम बाद *.

वीर.प्ल्ज़्ज़ जान आज के *बाद मरने की बात मत करना .बड़ी मुश्किल से तुम्हे पाया है..अब ऑर नही से पाउन्गा..आइ लव यू.



संजू ..आइ लव यू टू. जान ऑर प्रीत का क्या..


वीर...अगर उसका प्यार मेरी जिंदगी मे होगा तो ज़रूर मिलेगा नही तो नही..
अगर हुआ तो.मुझे पता है.तुम उसे *आक्सेप्ट कर लोगि...


संजू वीर को हग कर लेती है..

वीर..चले जान घर चलें 6 बज गये है *.


संजू...ह्म चलो...

फिर दोनो वहाँ से घर आ जाते है.


उधर..

अजय के पिता को सब पता चल जाता है...क्या क्या हुया.. ऑर वो अंडरवर्ल्ड को वीर के परिवार को मरने की सुपारी दे देता.है...

ऑर इसकी जानकारी आशीष वीर को दे देता है...ऑर वीर


वीर...आशीष ऑर बिस्वा. एक काम क्रो..अपने आदमी बुला तो ऑर 24 घंटे गायब रहकर मेरे परिवार की रक्षा करने को बोलो. बाल भी बाका ना हो मेरी फॅमिली का *बड़ी मुश्किल से मिली है 


ऑर एक बात इस घर के चारो तरफ फुल पहरा दो .गौरड़स तैनात करदो....



बिस्वा...भाई आप चिंता ना करे आपकी फॅमिली समझो मेरी फॅमिली. मेरी फॅमिली को कोई हाथ भी लगा जाए *ये कभी नही होगा....डोंट वरी. 


तभी *आशीष जिन्न लोक से पॉवेरफ़ुल्ल जिन्न बुलाता है..ऑर परिवार के एक एक शक्स की रक्षा की ज़िम्मेदारी उन्हे सोन्प देता है..


उधर....संजू रूम मे बेड पर लेटी हुई थी ऑर वीर के बारे मे सोच रही थी.कि कैसे इतने प्यार से किस फिर हग...मेरी इतनी केर करता है...क्या सच मे मुझ से प्यार करता है...

तभी रूम मे वीर एंटर करता है..

वीर *..हाँ बेहन मैं तुझसे प्यार करता हूँ.बहुत ज़्यादा प्यार...

ये सुन संजू वीर की तरफ देखने लगती है.

वीर. जिस वक्त मुझे एक दोस्त की ज़रूरत थी..उस्वक्त तुमने मेरा हाथ पकड़ा..

तुमसे बढ़ कर कौन है मेरे लिए

वीर आगे बढ़ संजू को गले लगा लेता है..

इनकी सब बाते कोई ऑर भी सुन रहा था..ऑर वो कोई ऑर नही वीर की माँ थी..

ये बात वीर को भी पता चल जाता है 


वीर.: माँ अप अंदर आ जाइए 


माँ एंटर होते हुए ...बेटा ये सब क्या है तुम दोनो भाई बहन हो 


संजू तो डर जाती है


वीर … माँ जब दुनिया बनी थी तो सिर्फ़ एक मर्द औरत थे हम सब उन्ही की औलाद है हम सब मे खून का रिस्ता है सब एक दूसरे के भाई बहन है तो क्या वो शादी नही करते प्यार नही करते ये सब तो इंसानो की बनाई हुई है 

मैं इसे नही मानता 


अब ये आप पे है अप क्या चाहती है 



वीर की बाते सुन वीर की मोम के आँसू निकल आते है..ऑर उसे अपने बेटे पर गर्व महसूस होने लगता है...
 
माँ..डर मत मेरी बच्ची मैं तुम लोगो से सहमत हूँ..


बस एक दूसरे के प्यार मे अपनी माँ को मत भूल जाना...


वीर...कैसी बात कार रही हो माँ तुझे कैसे भूल सकता हूँ.तुम तो हम सब की जान हो...


माँ..बस कर मस्का मत लगा...ऑर ध्यान रहे अभी कुछ ऐसा वैसा काम मत करना....


मोम उतना बोल चली गयी...


मोम की बात जब संजू को समझ आती है..तो संजू शरमाने लगती है..


ऑर वीर को ओर ज़ोर से हग कर लेती है
.
वीर....ऑर हाँ जान एक बात क्या खेयाल रखना...यहाँ भी जाओ तुम बिस्वा या आशीष मे से एक को साथ ले कर जाना. समझे...कल शाम तक तुम्हारा बॉडी गार्ड आ जाएगा.. 


ऑर कोई सवाल नही तुम्हे मेरी कसम...


संजू..ठीक है भाई *जैसा आप कहेगे 
वैसा ही होगा..


थोड़ी देर मे मोम की आवाज़ आती है डिन्नर के लिए..


वीर. चल जान डिन्नर करते है....


वीर ऑर संजू टेबल पर बैठ जाते है...

वीर की मोम वीर की तरफ ही देख रही थी..

ऑर ये बात वीर भी नोट कर लेता है.. 

पिता जी...बेटा जो सिटी के बाहर वाली जो कंपनी है उसे देख आना..मेरा टाइम नही लगा कल मॉर्निंग मे तुम हो आना ओके..


वीर..ठीक है डॅड ..मैं कल मॉर्निंग जा आउन्गा.....


वीर. दादा जी अब आपकी तबीयत कैसी है..

दादा..बहुत अच्छी..पता नही डॉक्टर कैसी दवाई दे रहे है. ऐसा लग रहा है मैं फिरसे जवान हो रहा हूँ


दादा जी की बात पर सब हँसने लगते है..

सब डिन्नर कर अपने अपने रूम मे आ जाते है...

वीर ऑर संजू बस एक दूसरे को किस करते है ऑर सो जाते है.एक दूसरे से चिपक के...

नेक्स्ट मॉर्निंग वीर रेडी होता है ऑर संजू भी रेडी थी..

सभी डाइनिंग टेबल पर बैठ ब्रेकफास्ट करते है *ऑर बाहर आ जाते है..

वीर अपनी कार संजू को दे देता है ऑर खुद ऑर कार ले जाता है..


वीर सिटी से बाहर निकलता है ऑर अपनी धुन मे जा रहा था कि तभी. चौराहे पर एक ट्रक आता है ऑर वीर की गाड़ी को उड़ा देता है...

गाड़ी उड़ती हुई दूर जा गिरती है..


पर वीर को एक खरॉच तक नही आती ..
वीर वहाँ से वापस सड़क पर आता है ऑर नई कार मंगवा लेता है..


फिर चल देता है अपने रास्ते..रास्ते मे खड़ा कबाड़ी जब वीर को जिंदा देखता है तो वो आगे फ़ोन कर देता है..
 
वीर..जंगल एरिया में पहुँचा ही था कि तभी वीर की गाड़ी पर फाइरिंग होने लगती है *

फ्रंट शीशा चूर चूर हो जाता है..

गोलिया वीर के सीने से टकरा नीचे गिरने लगती है..



वीर जैसे ही गाड़ी से बाहर निकलता है
तभी फिरसे फाइरिंग होने लगती है....

पर फिर वोही अंजाम गोलियाँ वीर के सीने से टकरा नीचे गिरने लगती है..


वीर गुस्से मे आ जाता है. ऑर तभी..
जो भी छुपे हुए गुंडे फाइयर कर रहे थे उन सबको बाहर निकाल लेता है...


सब हैरान थे कि वीर कैसे बच गया 


बस - तुझे क्या लगता है..
तू बुलेट प्रूफ जॅकेट पहन के आएगा तो हम से बच जाएगा.. 
सब से पहले तुझे मारूगा......
ऑर फिर तेरी फॅमिली..


बस का इतना ही बोलना था कि तभी वीर बिजली की तेज़ी से उस के पास जाता है ऑर उसके दिल के पास पंच जड़ देता है..


जिस से बॉस का दिल धड़कना रुक जाता है ऑर वो अल्ला को प्यारा हो जाता है..... 


फिर वीर टाइम ना वेस्ट करते हुए..
सबको ख़तम कर देता है ऑर सभी की बॉडीस को इकट्ठा कर आग लगा देता है ...


वीर अपनी गाड़ी के पास आता है ऑर चुटकी बजता है 
जिस से वीर के कपड़े ऑर गाड़ी ठीक हो जाती है..


वीर ऑफीस पहुँच जाता है..


ऑफीस मे कुछ ख़ास नही था ऑर वो काम निपटा सीधा कॉलेज निकल जाता है ...

कॉलेज पहुँच वीर सीधा कॅंटीन मे जाता है यहाँ संजू ऑर प्रीत वहीं बैठ थी...


प्रीत वीर से गले मिलती है..


प्रीत - तुम ठीक तो होना..
मुझे पता है डॅड ने तुम्हे मारने की सुपारी दी है......

संजू - क्या क्या कहा तुमने....


वीर - हाँ ये सच है..
ऑर आज मेरे उपर रास्ते मे हमला भी हुआ था....
पर वो सबके सब अल्ला को प्यारे हो गये..

संजू तो नम आँखो से वीर को हग कर लेती है..

संजू - अगर तुम्हे कुछ हो गया तो मैं अपनी जान दे दूँगी.....


वीर - तुम्हे लगता है मुझे कोई भी मार सकता है....
घबराव नही जान मुझे कुछ नही होगा....

बिस्वा - संजू जी भाई सही कह रहे है आप घबराईए नही....
हम भी तो है वीर भाई के साथ...


फिर सभी मिल स्नॅक्स ऑर कॉफ़्फीे ऑर्डर करते है..
लंच फिनिश कर.


वीर - चलो सभी शॉपिंग करने चलते है..
कल बीच मे ही रह गयी थी..


फिर सभी निकलते है माल मे.
माल मे पहुँच सभी अपनी अपनी शॉपिंग करने लगते है..


प्रीत भी वीर के लिए कपड़े ख़रीदती है..
तभी वहाँ कुछ 5 आदमी आते है..
और आस पास छुपके खड़े हो जाते है. ....


वीर को इस बात का पता चल जाता है.

वीर - माइंड तो माइंड बिस्वा ऑर आशीष को सब बता देता है..

बिस्वा ऑर आशीष दोनो मिलकर उन गुण्डों को ख़तम कर देते है..किसी को कुछ पता नही चलता...

.
संजू - वीर ये लॉकेट पहन लो इसके तीन पार्ट है....
एक तुम्हारे पास....
एक मेरे पास ऑर एक प्रीत के पास रहेगा...


प्रीत संजू की बात सुन संजू को हग कर लेती है..
 
वीर - संजू इसे हमे सच बता देना चाहिए..

संजू - हाँ मुझे भी यही लगता है.


प्रीत - कैसा सच...


फिर वीर उसे अपने बचपन से लेकर अब तक का सब कुछ बता देता है..

जिसे सुन प्रीत शॉक हो जाती है..


प्रीत - मतलब तुम दोनो रियल भाई बेहन हो....


वीर - हाँ पर हम एक दूसरे से प्यार करते है..
जैसा प्यार तुम मुझे करती हो..
प्यार तो पहले ही हो गया था..पर पता बाद मे लगा के हम भाई बेहन है..


प्रीत - इसमे आपकी कोई ग़लती नही ये तो उपर वाले की मर्ज़ी है...
अगर वो चाहता तो प्यार होने से पहले ही बता सकता था..
कि तुम दोनो भाई बेहन हो 
पर नही किया वो भी चाहता है कि तुम एक हो ओर मैं एसी मे बहुत खुस हूँ..
आइ रीयली लव्स बोत ऑफ यू..

संजू ऑर वीर प्रीत को हग कर लेते है....

.
वीर - मेरी जिंदगी की कुछ ऑर भी सच्चाई है जो मैं कुछ ही दिनो मे बताउन्गा..
पर अभी नही...


बाद मे प्रीत ऑर वीर मे ज़िद चलती है मैं पे करूगा वो कहती है मैं पे करूगी..

पर संजू चुपके से पे कर देती है..

संजू की एस हरकत पर सब हस देते है

आशीष - वीर को माइंड टू माइंड..
भाई क्यू ना पूरे अंडरवर्ल्ड को ही ख़तम कर्दे..


वीर - सही कह रहे हो..
एक बात और प्रीत ऑर संजू को फुल सेक्यूरिटी दो ऑर हम चलते है...


वीर - माइ लवर्स तुम दोनो घर पहुँचो मुझे काम है मैं बाद मे आता हूँ..


फिर संजू प्रीत को अपने साथ घर ले जाती है..


घर देख प्रीत हैरान हो जाती है...
उसने ऐसा शानदार घर आज से पहले कभी नही देखा था..


प्रीत सभी घरवालो से मिलती है...


संजू प्रीत को रूम मे ले जाती है..


प्रीत - वैसे वीर का रूम कौनसा है


संजू - वीर का रूम यही है ..ऑर मेरा भी..


प्रीत - ओह्ह इसका मतलब तुम दोनो एक साथ सोते हो क्या...

संजू - हाँ बहुत मज़ा आता है अपनी जान की बाहों मे सोने मे..


प्रीत - ओह हह यू आर सो लकी....काश मैं भी सो पाती ....


संजू - इसमे क्या है तुम भी आज यहीं रह लो...घर फोन करदो...


प्रीत - ओह्ह रीयली..थॅंक यू सो मच..
 
उधर 

अंडर वर्ल्ड...मे दहशत बनी हुई थी..एक साथ अपने इतने आदमी मारे जाने से वो एक मीटिंग बुलाते है


इनकी मीटिंग एक बड़े से गोदाम मे होती है..यहाँ वीर ऑर बिस्वा भी पहुँच जाते है.. 


वीर गोदाम के अंदर एंटर करता है साथ मे बिस्वा भी...


तभी गोदाम मे खड़े गुंडे इनकी तरफ देखते है
....
उनमे से एक पूछता.है.

गुंडा - कौन हो बे तुम..

तभी उनमे से..

गुंडा1 - भाई ये तो वोही है.जिसे हमे मारना है ...वीर.


गुंडा बॉस - ओह्ह्ह ये खुद ही मौत के मूह मे आ गया...


वीर - तुझे ऐसा लगता है..
देखलिया जाए फिर..


तभी बस अपने आदमियो को इशारा करता है..ऑर वो सभी खड़े हो वीर ऑर बिस्वा पर गोलियों की बौछार कर देते है..


पर वीर को गोलियो से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था...
ये देख सभी गुंडे शॉक हो जाते है..


तभी वीर अपने हाथ से आग निकालता है ..
ऑर सिरफ़ इतना बोलता है..



वीर - खेल ख़तम.. स्वाअ हाअ एयेए.

वीर ने इतना ही बोला और तेज़ी से अपने हाथ से आग के गोले गुन्डो पर फेकने लगता है .

देखते ही देखते सब के सब जलने लगते है..
गुन्डो की सिरफ़ चीखे ही सुनाई दे रही थी....
कुछ टाइम बाद ही सब राख हो जाता है....
गोदाम आग मे जल रहा था..



वीर ऑर बिस्वा वहाँ से सीधा अजय के घर जाते है....


वीर घर के पास जाते ही दरवाजे पर लात मारता है..
ऑर दरवाजा टूट जाता है..


सामने से गार्ड आते है ऑर वीर उन्हे भी मार मार कर बेहोस कर देता है..
तभी वीर के सामने सेठ धनराज चन्द आता है..


हम इसे पी डॅड बुलाएगे..


पी डॅड - कौन हो तुम ऑर क्यू तोड़ फोड़ कर रहे हो..


वीर - जिसे मारने के लिए भाड़े के टट्टू भेजता है उसे ही भूल गया..


पी डॅड - ओह वीर ...
तेरी इतनी हिम्मत मेरे घर आ गया...
रुक एक मिनिट..


तभी पी डॅड किसी को फ़ोन मिलाता है..ऑर जो सुनता है उस से उसे साँप सूंघ जाता है.


वीर - क्यू क्या सुन लिया .......
अब कान खोल के सुन ले......
मेरे से पंगा मत ले .....
वरना तेरा बेटा जान से जाएगा......
अभी भी मौका देता हूँ..
या तो दोस्ती करले..
यह अपने बेटे की मौत..
फ़ैसला तेरे हाथ मे है .


वीर की बात सुन पी डॅड डर जाता है


पी डॅड - ठीक है बेटा मैं तुमसे दोस्ती के लिए तैयार हूँ मेरे बेटे को कुछ मत करना..



वीर - देखिए अंकल जी मैं एक अच्छे घर से हूँ.....
खुद का बहुत बड़ा बिजनेस है सिंग कंपनीज़ मेरी है.....
आपके बेटे ने फाइट शुरू की है मैने नही..
आपके बेटे को तो मैं फर्स्ट डे ही ख़तम कर सकता था...
पर मैने ऐसा नही किया..
कॉज़ ये उमर ही ऐसी है मस्ती करने की..
ऑर हाँ मैं आपकी बेटी से प्यार करता हूँ..
ऑर आपकी बेटी भी..
हम दोनो शादी करना चाहते है...


पी डॅड - आम सॉरी बेटा मैने बहुत ग़लत किया.....
मैं शादी के लिए तैयार हूँ....



वीर - तो ठीक है अब मैं चलता हूँ..

तभी वीर की नज़र अजय पर पड़ती है..


वीर - सॉरी भाई मैने तेरी टाँग तोड़ी उसके लिए..
ऑर रही बात तेरी टाँग की तो मेरे डॉक्टर आएगे तुम्हारा इलाज़ करने.
1 दिन मे तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगे..चलता हूँ..


फिर वीर घर आ जाता है 
 
फिर वीर घर आ जाता है 
और घर आ कर जो देखता है उसे देख हैरान हो जाता है...

वीर घर आ कर देखता है कि प्रीत मां के साथ बैठी थी..ऑर माँ उसे डायमंड का हार पहना रही थी..


वीर को देख ..

माँ .आ मेरा बच्चा..

सब की नज़र वीर पर जाती है ऑर प्रीत वीर की तरफ देख शर्मा जाती है..

वीर..माँ ये क्या..


माँ..ये मैं अपनी बहू को मुँह दिखाई का तोहफा दे रही हूँ...मुझे तो बहुत प्यारी लगी मेरी बच्ची..


वीर तो जैसे शॉक मे था कि इतनी जल्दी ये सब क्या....हो रहा है..पर जो भी हो सही है..


संजू....वीर कहाँ रह गया था...इतना लेट क्यू आए हो..


वीर...कुछ नही जान टाइम लग गया..काम ही ऐसा था....


उधर...बिस्वा..वीर को बाहर बुलाता है..


वीर .बिस्वा बोल..भाई कल मॉर्निंग हमे जिन्न लोक जाना है सब तैयारी हो चुकी है


..ऑर हाँ आओ चाहे तो संजू ऑर प्रीत को साथ लेजा सकते है
अब तो ये सिरफ़ ऑर सिरफ़ तुम्हारी है....


वीर..ठीक है.कल जाने की तैयारी करो

फिर वीर वहाँ से अपने रूम मे आ जाता है...

वीर...मुझे तुम दोनो से कुछ बात करनी है..


संजू..हाँ करो जान क्या हुया..


वीर..मैने कहा था ना मैं एक बात बताउन्गा सही टाइम आने पर ऑर वो सही टाइम आज है.


बात ये है कि मैं कोई आम इंसान नही हूँ....


प्रीत..मैं समझी नही...


फिर वीर..शुरू से अंत तक सब सच बता देता है...जिसे सुन दोनो गर्ल्स ऑर वीर के खुद के भी आँसू आ जाते हैं ..



संजू ऑर प्रीत का दिल तड़प उठता है कि वीर ने कितने दुख देखे है अपनी लाइफ मे..


संजू...चलो जो होना था हो गया..खुशी तो इस बात की है..मेरी जान अब हमारे पास है..

ऑर हमारी जान बादशाह है..


प्रीत ..कब जाना है हमे वहाँ..

वीर...हम तीनो को कल सुबह जाना है...ऑर न प्लज़्ज़्ज़ उन्हे देख डरना मत.....


वीर...प्रीत तुम घर फ़ोन करदो कि मैं अपने डस्ट वीर के साथ घूमने जा रही हूँ..


प्रीत...तो क्या घरवाले मुझे जाने देंगे..


वीर..तुम करो तो सही..

फिर प्रीत अपने डॅड को फ़ोन करती है ऑर जाने के लिए कहती है...जिस से उसके डॅड फ़ौरन हाँ कर देते है.


जिसे सुन प्रीत को भी हैरानी होती है..


प्रीत ..तुमने कुछ किया क्या..

वीर....उन्हे गोदाम से लेकर प्रीत के घर तक सब बता देता है.


वीर...सॉरी प्रीत मैने डॅड को धमकाया ..मेरे पास कोई चारा नही था..


प्रीत....डोंट भी जान..अगर कोई ऑर होता तो उनको जानं से मार देता तुमने तो सिरफ़ धमकाया है...

एनीवे ..कुछ पकिंग करनी है.


वीर....नही वहाँ सब मिलजाएगा...डोंट वरी..


प्रीत...ठीक है चलो फिर ठीक है...


वीर...वैसे संजू हमारे रिश्तेदार कहाँ है.हमे मिलने क्यूँ नही आए कोई भी..


संजू...भाई सब रिश्तेदार मतलबी हैं किसी ने भी हमारी हेल्प नही की ..


पिता जी ने आपको ढूँढने के लिए सब पैसे लगा दिए..फिर किसीने हेल्प नही की
...

वीर..ओह्ह.ये बात है..एक बात बता..हमारे रिश्ते दारों के यहाँ लड़किया है.क्या...


संजू..जान से मार दूँगी तुम्हे अगर किसी ऑर की तरफ आख भी उठा के देखा तो.. 


प्रीत..हम से बुरा कोई नही होगा..तुम सिरफ़ हमारे हो सिर्फ़ हमारे..


वीर..मेरी जान क्यू परेशान हो रही हो..मैं तो उन्हे मज़ा चखाना चाहता हूँ.
हम कल जाने से पहले एक पार्टी रखेगे...एक दूसरे को मिलने की खुशी मे..


संजू...हाँ समझ गयी....लेकिन एक बात याद रखना तुम सिरफ़ हमारे हो..

वीर...सिरफ़ तुम्हारा ही हूँ दी..प्रीत का..बस उन्हे तो सबक सिखाना है.सज़ा देनी है जो उन्हो ने किया मेरी फॅमिली के साथ


तभी वीर बिस्वा को बुलाता है..

ओर बिस्वा एक दम से सामने आ जाता है..ये देख दोनो लड़किया शॉक ही जाती है..
 
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