hotaks444
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तभी अंकित के कानो में आवाज़ पाती है..
एक्सक्यूस मी......
वो मुड़ता है और देखता है...सामने एक लेडी थी या लड़की उसकी समझ नही आया.....
अंकित :- जी...
थॅंक यू सो मच....आज आप नही होते तो..में अपने बेटे को शायद .. वो बोलते बोलते रुक गयी..
एक पल तो उसके होश उड़ गये...क्यूँ कि उसे लग नही रहा था कि ये इसका बच्चा है..कहीं से भी देख
के नही लग रहा था कि ये लड़की इस बच्चे की माँ है....रंग एक दम गोरा चिट्टा...चेहरे पे इतना चर्म
और इतनी क्यूटनेस कि बस आदमी वहीं खड़े उसे देखता रहे....मासूमियत चेहरे पे तो कूट कूट
के भरी हुई थी....उसके लिप्स बिल्कुल आंजेलीना जोली की ही तरह थे....
(बस अंकित ने आज सिर्फ़ चेहरा ही देखा उसके नीचे वो गया ही नही..उसकी आँखें तो बस उस चेहरे
पर ही जम चुकी थी....
फिर वो अपने होश में आता हुआ)
अंकित :- अरे नही नही ये आप क्या बोल रही हैं...ये तो मेरी ड्यूटी थी....
मेरी वजह से आपको चोट लग गयी....आइ आम सो सॉरी...आइ आम रियली
अंकित उसकी उस आवाज़ में ही खो गया वो थी ही इतनी प्यारी...
अंकित :- अरे आप ये क्या बोल रही हैं..ये तो छोटी सी चोट है...अभी ड्रेसिंग करवा लूँगा..तो ठीक
हो जाएगा...
फिर अंकित आगे बढ़ा और घुटनो के बल बैठ कर....उस बच्चे से..
अंकित :- क्या नाम है आपका..
वो बच्चा पहले कुछ सोचता रहा..फिर बोला....आर्नव..
अंकित :- अरे ये तो बहुत प्यारा नाम है..अच्छा ये बताओ..आपको कहीं लगी तो नही ना..
अरणाव :- नही लगी...
फिर अंकित उसके बालों पे हाथ फेरता है और खड़ा हो जाता है...
थॅंक यू सो मच...सच में आज अपने मुझ पर एक बहुत बड़ा एहसान किया है...आपका ये एहसान में
ज़िंदगी भर नही भूलूंगी...किसी भी कीमत पर आपका ये एहसान चुकाने को तैयार हूँ में जब भी आपको
मेरी ज़रूरत पड़े बेझीजक बताईएगा...
अंकित :- आप ये क्या बोल रही हैं...मेने कोई एहसान थोड़ी किया है आप पर...
नही किया है..आर्नव ही मेरी ज़िंदगी है....अगर आज इसे कुछ हो जाता तो .. तो पता नही.
अंकित :- कुछ नही होगा इसे..इतने प्यारे बच्चे को कुछ नही हो सकता...
(सच में अर्नव का चेहरा बिल्कुल अपनी माँ पे गया था...वो भी बहुत सुंदर था)
अंकित :- वैसे इसकी एज क्या है...
(इस क्वेस्चन के पीछे अंकित का स्वार्थ था...इससे वो उसकी माँ यानी उस लेडी की एज का अंदाज़ा लगाने
की कॉसिश करता)
5 यियर्ज़ का है....
अंकित का मूह खुल गया एक बार तो ये सुन के और वो सोचने लगा....
कि बच्चे की उमर 5 साल..तो उसकी उमर क्या होगी..लगती तो ये 25 की भी नही है....
तभी वहाँ डॉली आ जाती है...
डॉली :- ले पानी डाल..
अंकित :- कितनी बदतमीज़ फ़्रेंड है...यह्न मुझे चोट लगी है..और तू पानी भी नही डाल सकती...
दुश्मनो को भी ना मिले ऐसी दोस्त...
आर्नव की मम्मी हँसने लगती है..
डॉली :- हाँ बस बस...अब डायलॉग ना मार...डाल देती हूँ..
फिर डॉली पानी डालना शुरू करती है....
आह...आराम से..जल रहा है.....इससे ज़्यादा ठंडा नही था क्या.....
डॉली :- काफ़ी लगी है तुझे...जल्दी चल...डॉक्टर के चलते हैं..
अंकित :- तू चलेगी...
डॉली :- हाँ...में स्कूटी निकालती हूँ रुक...
आपको सच में काफ़ी चोट लग गयी...आइ आम रियली वेरी सॉरी..
अंकित :- अ(वो आंटी बोलने वाला था कि एक दम से रुक गया और सोचने लगा यार ये क्या भसूडी है
इनको बुलाऊ क्या समझ नही आता....उमर ही ऐसी है आंटी बुलाउन्गा तो भड़क ना जाए और
दीदी बुलाना नही चाहता में..तो फिर)
अंकित सोच ही रहा होता है कि तभी वो बोल पड़ती है..
माइ नेम ईज़ रितिका....(शायद अंकित की प्राब्लम समझ गयी)
अंकित :-(मन ही मन खुश हो गया) रितिका जी..इसमे किसी की कोई ग़लती नही है..और आप बार बार सॉरी
बोलेंगी तो मुझे फिर ऐसा लगेगा कि मेने पता नही क्या कर दिया..
रितिका :- ह्म्म आप सच में बहुत अच्छे हो..आज कल ऐसे लोग बहुत कम मिलते हैं..वैसे आप कहाँ
रहते हो..
अंकित :- बस इसी सी ब्लॉक में..
रितिका :- ओह्ह में बस यहीं ए ब्लॉक में अभी अभी शिफ्ट हुई हूँ..
अंकित अपने मन में..(हाँ तभी कभी नही देखा आपको)
तभी वहाँ से डॉली हॉर्न बजाने लगती है....
अंकित :- अच्छा रितिका जी में चलता हूँ..अच्छा अर्नव आप अपना ध्यान रखना बाए..
रितिका :- अरे आपने अपना नाम तो बताया ही नही..
अंकित :- ओह्ह हाँ..अंकित..माइसेल्फ अंकित अग्रवाल..
रितिका :- बेटा अर्नव अंकित भैया को बाइ बोलो और थन्क यू भी..
अरणाव :- बाइ थॅंक यू...(वो दोनो एक साथ बोल देता है)
अंकित मुस्कुरा देता है..और फिर बाइ बोल के वहाँ से चला जाता है.....रितिका 2 मिनट वहाँ खड़ी रहती
है और फिर वो भी चली जाती है...
एक्सक्यूस मी......
वो मुड़ता है और देखता है...सामने एक लेडी थी या लड़की उसकी समझ नही आया.....
अंकित :- जी...
थॅंक यू सो मच....आज आप नही होते तो..में अपने बेटे को शायद .. वो बोलते बोलते रुक गयी..
एक पल तो उसके होश उड़ गये...क्यूँ कि उसे लग नही रहा था कि ये इसका बच्चा है..कहीं से भी देख
के नही लग रहा था कि ये लड़की इस बच्चे की माँ है....रंग एक दम गोरा चिट्टा...चेहरे पे इतना चर्म
और इतनी क्यूटनेस कि बस आदमी वहीं खड़े उसे देखता रहे....मासूमियत चेहरे पे तो कूट कूट
के भरी हुई थी....उसके लिप्स बिल्कुल आंजेलीना जोली की ही तरह थे....
(बस अंकित ने आज सिर्फ़ चेहरा ही देखा उसके नीचे वो गया ही नही..उसकी आँखें तो बस उस चेहरे
पर ही जम चुकी थी....
फिर वो अपने होश में आता हुआ)
अंकित :- अरे नही नही ये आप क्या बोल रही हैं...ये तो मेरी ड्यूटी थी....
मेरी वजह से आपको चोट लग गयी....आइ आम सो सॉरी...आइ आम रियली
अंकित उसकी उस आवाज़ में ही खो गया वो थी ही इतनी प्यारी...
अंकित :- अरे आप ये क्या बोल रही हैं..ये तो छोटी सी चोट है...अभी ड्रेसिंग करवा लूँगा..तो ठीक
हो जाएगा...
फिर अंकित आगे बढ़ा और घुटनो के बल बैठ कर....उस बच्चे से..
अंकित :- क्या नाम है आपका..
वो बच्चा पहले कुछ सोचता रहा..फिर बोला....आर्नव..
अंकित :- अरे ये तो बहुत प्यारा नाम है..अच्छा ये बताओ..आपको कहीं लगी तो नही ना..
अरणाव :- नही लगी...
फिर अंकित उसके बालों पे हाथ फेरता है और खड़ा हो जाता है...
थॅंक यू सो मच...सच में आज अपने मुझ पर एक बहुत बड़ा एहसान किया है...आपका ये एहसान में
ज़िंदगी भर नही भूलूंगी...किसी भी कीमत पर आपका ये एहसान चुकाने को तैयार हूँ में जब भी आपको
मेरी ज़रूरत पड़े बेझीजक बताईएगा...
अंकित :- आप ये क्या बोल रही हैं...मेने कोई एहसान थोड़ी किया है आप पर...
नही किया है..आर्नव ही मेरी ज़िंदगी है....अगर आज इसे कुछ हो जाता तो .. तो पता नही.
अंकित :- कुछ नही होगा इसे..इतने प्यारे बच्चे को कुछ नही हो सकता...
(सच में अर्नव का चेहरा बिल्कुल अपनी माँ पे गया था...वो भी बहुत सुंदर था)
अंकित :- वैसे इसकी एज क्या है...
(इस क्वेस्चन के पीछे अंकित का स्वार्थ था...इससे वो उसकी माँ यानी उस लेडी की एज का अंदाज़ा लगाने
की कॉसिश करता)
5 यियर्ज़ का है....
अंकित का मूह खुल गया एक बार तो ये सुन के और वो सोचने लगा....
कि बच्चे की उमर 5 साल..तो उसकी उमर क्या होगी..लगती तो ये 25 की भी नही है....
तभी वहाँ डॉली आ जाती है...
डॉली :- ले पानी डाल..
अंकित :- कितनी बदतमीज़ फ़्रेंड है...यह्न मुझे चोट लगी है..और तू पानी भी नही डाल सकती...
दुश्मनो को भी ना मिले ऐसी दोस्त...
आर्नव की मम्मी हँसने लगती है..
डॉली :- हाँ बस बस...अब डायलॉग ना मार...डाल देती हूँ..
फिर डॉली पानी डालना शुरू करती है....
आह...आराम से..जल रहा है.....इससे ज़्यादा ठंडा नही था क्या.....
डॉली :- काफ़ी लगी है तुझे...जल्दी चल...डॉक्टर के चलते हैं..
अंकित :- तू चलेगी...
डॉली :- हाँ...में स्कूटी निकालती हूँ रुक...
आपको सच में काफ़ी चोट लग गयी...आइ आम रियली वेरी सॉरी..
अंकित :- अ(वो आंटी बोलने वाला था कि एक दम से रुक गया और सोचने लगा यार ये क्या भसूडी है
इनको बुलाऊ क्या समझ नही आता....उमर ही ऐसी है आंटी बुलाउन्गा तो भड़क ना जाए और
दीदी बुलाना नही चाहता में..तो फिर)
अंकित सोच ही रहा होता है कि तभी वो बोल पड़ती है..
माइ नेम ईज़ रितिका....(शायद अंकित की प्राब्लम समझ गयी)
अंकित :-(मन ही मन खुश हो गया) रितिका जी..इसमे किसी की कोई ग़लती नही है..और आप बार बार सॉरी
बोलेंगी तो मुझे फिर ऐसा लगेगा कि मेने पता नही क्या कर दिया..
रितिका :- ह्म्म आप सच में बहुत अच्छे हो..आज कल ऐसे लोग बहुत कम मिलते हैं..वैसे आप कहाँ
रहते हो..
अंकित :- बस इसी सी ब्लॉक में..
रितिका :- ओह्ह में बस यहीं ए ब्लॉक में अभी अभी शिफ्ट हुई हूँ..
अंकित अपने मन में..(हाँ तभी कभी नही देखा आपको)
तभी वहाँ से डॉली हॉर्न बजाने लगती है....
अंकित :- अच्छा रितिका जी में चलता हूँ..अच्छा अर्नव आप अपना ध्यान रखना बाए..
रितिका :- अरे आपने अपना नाम तो बताया ही नही..
अंकित :- ओह्ह हाँ..अंकित..माइसेल्फ अंकित अग्रवाल..
रितिका :- बेटा अर्नव अंकित भैया को बाइ बोलो और थन्क यू भी..
अरणाव :- बाइ थॅंक यू...(वो दोनो एक साथ बोल देता है)
अंकित मुस्कुरा देता है..और फिर बाइ बोल के वहाँ से चला जाता है.....रितिका 2 मिनट वहाँ खड़ी रहती
है और फिर वो भी चली जाती है...