hotaks444
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गोरी गोरी निकिता को एक छोटी सी ब्रा और पैंटी में देखकर राज और रूपेश के लंड पूरी सलामी देते हुए खड़े हो गए थे.
"वा, आप दोनों ने तो बिलकुल ठान लिया था की इस पार्टी के थीम को जीतना ही हैं," रूपेश ने अपनी आँखों से निकिता के अधनंगे रूप को निहारते हुए कहा.
"निकिता, तुम इस ब्रा और पैंटी में कमाल की सेक्सी लग रही हो. ख़ास कर तुम्हारी गोरी गोरी जांघें बहुत ही हॉट लग रही हैं." राज बोला।
"सचमुच, नीरज तुमने भी कमाल कर दिया, बहुत हॉट लग रहे हो," सारिका हँसते हुए बोली और मैंने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाई.
मैं, राज, सारिका और रूपेश उन दोनोंके इर्दगिर्द नाचने लगे और तालिया बजाते रहे. अब निकिता किसी भी शर्म या लज्जा के बगैर अपने सेक्सी गोर बदन का खुले-आम प्रदर्शन कर रही थी और दोनों लड़के, खासकर रूपेश उसकी तारीफ़ पर तारीफ़ करते जा रहे थे.
अब वाइन पीने का एक और दौर चला और हम सारे संगीत की लय पर नाचने लगे.
शुरुसे ही कोई भी अपने पार्टनर के साथ नहीं नाच रहा था. निकिता कभी राज की बाहों में थी तो कभी रूपेश की बाहों में. वो दोनों उसके वक्ष, जाँघे और नितम्बोँको स्पर्श कर उसे उत्तेजित कर रहे थे. उनके उठे हुए कड़क लंड जब निकिता को छूते तब उसके मुँह से दबी हुई आवाज़ में आहें निकल रही थी.
दूसरी ओर मैं और सारिका मिलकर नीरज को एकदम करीब से सेहला रही थी. वो भी हम दोनों को बारी बारी से बाहों में लेकर हमारे यौवन को छू रहा था. कुछ देर के बाद तो उसने मेरी मिनी स्कर्ट उठाकर मेरी गांड और चुत को अच्छेसे स्पर्श किया. इतने गर्म माहौल में मेरी पैंटी का गीली होना स्वाभाविक था. फिर उसने सारिका को भी नजदीक से सहलाया और उसकी गांड पर हाथ फेरता रहा.
पार्टी थीम की जीत पर हमने एक बड़ा सा गिफ्ट नीरज और निकिता को दिया. उसमे महंगे वाले परफ्यूम, निकिता के लिए कॉस्मेटिक्स और नीरज के लिए एक बढ़िया सी घडी थी.
"अरे, इतने सारे तोहफ़ोंकी क्या जरूरत थी?" निकिता ने शर्माते हुए कहा.
"अरे नहीं, अब तो आप दोनों हमारे चारों के लिए सबसे नजदीकी और निकट के स्पेशल दोस्त हैं. फिर इतने स्पेशल दोस्त के लिए गिफ्ट भी तो कुछ ख़ास ही होना चाहिए, हैं न?" रूपेश ने कहा.
इस बात पर निकिता ने रूपेश को फिर से अच्छे से गले लगाया और मैंने नीरज को. तभी राज ने सारिका को पीछे से बाहोने में लेकर अपने हाँथोंसे उसकी चूचियां दबाई.
फिर निकिता राज के पास आकर उसकी बाहोंमें समा गयी. यह सिर्फ दोस्त बनकर गले मिलना नहीं था, कुछ ज्यादा ही लग रहा था. राज ने अपने होंठ निकिता के होठोंसे मिलाये और उसका एक दीर्घ चुम्बन लिया. निकिता भी आँखें मूंदकर एन्जॉय कर रही थी.
अब बिनधास्त होकर सारिका ने भी नीरज को अपनी बाहोंमें भर लिया. अब रूपेश ने मुझे प्यार से आलिंगन करके मेरे होंठ चूमे.
इतने कम कपडोंमें जब एक दुसरे के पार्टनर को इतना आलिंगन चुम्बन हो रहा था तो मानो उस कमरे में एक सेक्सुअल करंट दौड़ रहा था.
हम सबका बार बार आभार प्रकट करने के और पार्टी अच्छे से एन्जॉय करने के बाद नीरज और निकिता अपने घर चले गए और फिर हमारा बैडरूम फिर एक बार जबरदस्त चुदाई की आवाज़ोंसे गूँज गया.
"वा, आप दोनों ने तो बिलकुल ठान लिया था की इस पार्टी के थीम को जीतना ही हैं," रूपेश ने अपनी आँखों से निकिता के अधनंगे रूप को निहारते हुए कहा.
"निकिता, तुम इस ब्रा और पैंटी में कमाल की सेक्सी लग रही हो. ख़ास कर तुम्हारी गोरी गोरी जांघें बहुत ही हॉट लग रही हैं." राज बोला।
"सचमुच, नीरज तुमने भी कमाल कर दिया, बहुत हॉट लग रहे हो," सारिका हँसते हुए बोली और मैंने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाई.
मैं, राज, सारिका और रूपेश उन दोनोंके इर्दगिर्द नाचने लगे और तालिया बजाते रहे. अब निकिता किसी भी शर्म या लज्जा के बगैर अपने सेक्सी गोर बदन का खुले-आम प्रदर्शन कर रही थी और दोनों लड़के, खासकर रूपेश उसकी तारीफ़ पर तारीफ़ करते जा रहे थे.
अब वाइन पीने का एक और दौर चला और हम सारे संगीत की लय पर नाचने लगे.
शुरुसे ही कोई भी अपने पार्टनर के साथ नहीं नाच रहा था. निकिता कभी राज की बाहों में थी तो कभी रूपेश की बाहों में. वो दोनों उसके वक्ष, जाँघे और नितम्बोँको स्पर्श कर उसे उत्तेजित कर रहे थे. उनके उठे हुए कड़क लंड जब निकिता को छूते तब उसके मुँह से दबी हुई आवाज़ में आहें निकल रही थी.
दूसरी ओर मैं और सारिका मिलकर नीरज को एकदम करीब से सेहला रही थी. वो भी हम दोनों को बारी बारी से बाहों में लेकर हमारे यौवन को छू रहा था. कुछ देर के बाद तो उसने मेरी मिनी स्कर्ट उठाकर मेरी गांड और चुत को अच्छेसे स्पर्श किया. इतने गर्म माहौल में मेरी पैंटी का गीली होना स्वाभाविक था. फिर उसने सारिका को भी नजदीक से सहलाया और उसकी गांड पर हाथ फेरता रहा.
पार्टी थीम की जीत पर हमने एक बड़ा सा गिफ्ट नीरज और निकिता को दिया. उसमे महंगे वाले परफ्यूम, निकिता के लिए कॉस्मेटिक्स और नीरज के लिए एक बढ़िया सी घडी थी.
"अरे, इतने सारे तोहफ़ोंकी क्या जरूरत थी?" निकिता ने शर्माते हुए कहा.
"अरे नहीं, अब तो आप दोनों हमारे चारों के लिए सबसे नजदीकी और निकट के स्पेशल दोस्त हैं. फिर इतने स्पेशल दोस्त के लिए गिफ्ट भी तो कुछ ख़ास ही होना चाहिए, हैं न?" रूपेश ने कहा.
इस बात पर निकिता ने रूपेश को फिर से अच्छे से गले लगाया और मैंने नीरज को. तभी राज ने सारिका को पीछे से बाहोने में लेकर अपने हाँथोंसे उसकी चूचियां दबाई.
फिर निकिता राज के पास आकर उसकी बाहोंमें समा गयी. यह सिर्फ दोस्त बनकर गले मिलना नहीं था, कुछ ज्यादा ही लग रहा था. राज ने अपने होंठ निकिता के होठोंसे मिलाये और उसका एक दीर्घ चुम्बन लिया. निकिता भी आँखें मूंदकर एन्जॉय कर रही थी.
अब बिनधास्त होकर सारिका ने भी नीरज को अपनी बाहोंमें भर लिया. अब रूपेश ने मुझे प्यार से आलिंगन करके मेरे होंठ चूमे.
इतने कम कपडोंमें जब एक दुसरे के पार्टनर को इतना आलिंगन चुम्बन हो रहा था तो मानो उस कमरे में एक सेक्सुअल करंट दौड़ रहा था.
हम सबका बार बार आभार प्रकट करने के और पार्टी अच्छे से एन्जॉय करने के बाद नीरज और निकिता अपने घर चले गए और फिर हमारा बैडरूम फिर एक बार जबरदस्त चुदाई की आवाज़ोंसे गूँज गया.