desiaks
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कड़ी_25
शाम के 7:00 बजे चुके थे, और लेडीस संगीत शुरू करने की पूरी तैयारी चल रही थी। सारे आस-पड़ोस और रिश्तेदार घर में आ चुके थे। सारी औरतें मस्त पटोला बनकर आ गई थी। इसी बीच सुखजीत और रीत दोनों अपने रूम में मेकप करके तैयार हो रही थी।
उन दोनों की मोटी-मोटी चूचियां कमीज में फँसी हुई थीं, और पीछे से उनके चूतरों ने उनकी कमीज का पल्ला ऊपर उठाया हुआ था, और दोनों के चूतरों के बीच उनके बालों से लगा हुआ लाल फूल, कभी बांयें वाले चूतर से लगता तो कभी दायें वाले चूतर से लगता।
नीचे पटियाला शाही रेशमी सलवार जिसमें उन दोनों की टाँगें और भी मस्त लग रही थी। सुखजीत ने हल्का सा मेकप किया हुआ था। जिससे उसके चेहरे का नूर और भी ज्यादा बढ़ चुका था। आज सुखजीत 28 साल की जवान लड़की से कम नहीं लग रही थी।
जब सुखजीत तैयार हो रही थी, तो रीत बाथरूम में नहा रही थी। इतने में पिंकी रूम में आ गई। पिंकी भी किसी से कम नहीं लग रही थी। उसने आज पिंक कलर का सूट डाला हुआ था। जिसमें उसकी जवानी उसपर चढ़कर बोल रही थी।
पिंकी सुखजीत को देखकर बोलती है- “हाँ चाचीजी आप तो बहुत सुंदर लग रहे हो..”
सुखजीत शर्माते हुए बोली- “बैंक यू बेटा जी। वैसे आप मजाक अच्छा कर लेते हो.."
पिंकी- “नहीं चाचीजी कसम से मैं मजाक नहीं कर रही। आप सच में बहुत अच्छे लग रहे हो आज.."
सुखजीत मजाक में बोली- “अच्छा जी आज सारे गाँव वालों को पता लगना चाहिये की शहर से लड़के की चाची आई है..."
पिंकी- सच्ची चाचीजी, आज तो सारे गाँव में आपने धमाल मचा देना है।
सुखजीत - “चल हट पागल कहीं की..."
पिंकी- अच्छा वैसे मम्मी बुला रही है आपको, उन्हें कुछ काम है शायद आपसे।
सुखजीत- “ठीक है मैं जाती हूँ..” फिर सुखजीत चली जाती है।
रीत बाथरूम में नहा रही थी। रीत को पता था की पिंकी उसके रूम में है। फिर अचानक पिंकी का फोन रिंग करने लगता है। फोन रणबीर का होता है, और रूम खाली होने के कारण पिंकी फोन उठा लेती है। पर उसे ये नहीं पता था की बाथरूम में रीत नहा रही है। जो उसकी सारी बातें सुन रही थी।
पिंकी- हेलो।
रणबीर- क्या हाल मेरी जान?
पिंकी- तेरे बिना मेरा क्या हाल हो सकता है,
रणबीर- अगर इतना मुश्किल है मेरे बिना, तो शाम को मुझे क्यों छोड़कर भाग गई थी?
पिंकी- जान उस टाइम मेरे पापा का फोन आ गया था, ऊपर से रीत भी मेरे साथ थी।
रणबीर- अच्छा अच्छा... ये वही लड़की है ना, जो आजकल गाँव में बहुत मशहूर है?
पिंकी- हाँ यार, मशहूर तो होनी ही है। शहर की लड़की है एकदम सुंदर पटाका।
रीत बाथरूम के अंदर से ये सारी बातें सुन रही थी, ये सब बातें सुनकर वो शर्मा रही होती है।
रणबीर- मेरे दोस्त मलिक को वो पसंद आ गई है। तू कर कोई जुगाड़ जरा।
पिंकी- शहर की लड़की है, ऐसे वो किसी के हाथ नहीं आएगी आसानी से।
रणबीर- इस बारे में मुझे कुछ नहीं पता। मलिक मेरे दोस्त हैं, और तू उसका जुगाड़ कर जैसे मर्जी?
पिंकी- जान मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूँगी।
रणबीर- ठीक है, और सुनाओ क्या प्रोग्राम है आज का?
पिंकी- कुछ नहीं। बस तैयार हो रही हूँ, लेडीस संगीत के लिए।
रणबीर- तैयार तो तू हर टाइम रहती है, बस हाथ लगाने की देर है।
पिंकी- तुम ना एक नंबर के गंधे हो, हर टाइम बस ऐसी बातें करते रहते हो।
रणबीर- क्या करूं जान? अगर अब मेरा बस चलता, तो मैं अभी आ जाता तेरी मारने के लिए।
जी... अगर तू मेरे घर आ गया ना, तो मेरे बापू ने तुझे अपना दे देना है समझा। बात नहीं संभाल लूँगा मैं तेरे बाप को भी।
पिंकी- जान तुम आ रहे हो आज लेडीस संगीत में?
रणबीर- एक शर्त पर आऊँगा।
पिंकी- क्या?
रणबीर- अगर तू मलिक की बात कराती है रीत के साथ?
पिंकी- ठीक है करा दूंगी, जान तुम खुश रहो बस।
रणबीर- ठीक है बाबू गुड बाइ, मिलते हैं शाम को।
पिंकी- मुआअहह... बाइ।
पिंकी बात करके रूम से बाहर चली जाती है। अंदर रीत सारी बातें सुन चुकी थी, और वो सब कुछ अच्छे से
समझ गई थी की पिंकी उसकी किसी के साथ सेटिंग करवाना चाहती है। नहाने के बाद रीत बाहर आती है। और तैयार हो जाती है। रीत ने लाल रंग का सूट डाला हुआ था। टाइट कमीज जो सिर्फ उसके चूतड़ों तक थी। नीचे धोती सलवार और पंजाबी जती। रीत ऐसे लग रही थी, मानो वो कोई आसमान से आई हई परी हो।
दूसरी तरफ जब सुखजीत बाहर आई तो सबकी नजरें सुखजीत पर जम गई। सारे मर्द तो सुखजीत के आशिक हो गये थे, और तो और गाँव की औरतें भी अपनी आँखें फाड़-फाड़कर सुखजीत को देखकर कह रही थी, की ये इतनी खूबसूरत औरत भला कहां से आ गई है।
ऊपर बिटू और मीता बैठे दारू पे रहे थे, जैसे ही मीता की नजर सुखजीत पर पड़ी तो वो दोनों आपस में बातें
करने लगे।
मीता- "आए हाए... देख भाई साली क्या मस्त रंडी लग रही है। भाई इस साली का कोई जुगाड़ कर अब मुझसे और इसकी खूबसूरती नहीं देखी जाती। देख साली गश्ती कैसे मटक-मटक कर चल रही है..."
बिटू- "मीते अभी अपनी गरमी बचाकर रखा, जब इसकी चूत मरेगा तो तू उस टाइम ठंडा हो जाएगा। इसलिए
इस गरमी को बचाकर रख अभी..."
मीता- भाई मैं क्या करूँ, साली के चूतर देख जरा, चूतर देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है।
बिटू- कोई बात नहीं यार, आज तेरा भी जुगाड़ करवाता हूँ मैं, तू फिकर ना कर मेरे भाई।
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शाम के 7:00 बजे चुके थे, और लेडीस संगीत शुरू करने की पूरी तैयारी चल रही थी। सारे आस-पड़ोस और रिश्तेदार घर में आ चुके थे। सारी औरतें मस्त पटोला बनकर आ गई थी। इसी बीच सुखजीत और रीत दोनों अपने रूम में मेकप करके तैयार हो रही थी।
उन दोनों की मोटी-मोटी चूचियां कमीज में फँसी हुई थीं, और पीछे से उनके चूतरों ने उनकी कमीज का पल्ला ऊपर उठाया हुआ था, और दोनों के चूतरों के बीच उनके बालों से लगा हुआ लाल फूल, कभी बांयें वाले चूतर से लगता तो कभी दायें वाले चूतर से लगता।
नीचे पटियाला शाही रेशमी सलवार जिसमें उन दोनों की टाँगें और भी मस्त लग रही थी। सुखजीत ने हल्का सा मेकप किया हुआ था। जिससे उसके चेहरे का नूर और भी ज्यादा बढ़ चुका था। आज सुखजीत 28 साल की जवान लड़की से कम नहीं लग रही थी।
जब सुखजीत तैयार हो रही थी, तो रीत बाथरूम में नहा रही थी। इतने में पिंकी रूम में आ गई। पिंकी भी किसी से कम नहीं लग रही थी। उसने आज पिंक कलर का सूट डाला हुआ था। जिसमें उसकी जवानी उसपर चढ़कर बोल रही थी।
पिंकी सुखजीत को देखकर बोलती है- “हाँ चाचीजी आप तो बहुत सुंदर लग रहे हो..”
सुखजीत शर्माते हुए बोली- “बैंक यू बेटा जी। वैसे आप मजाक अच्छा कर लेते हो.."
पिंकी- “नहीं चाचीजी कसम से मैं मजाक नहीं कर रही। आप सच में बहुत अच्छे लग रहे हो आज.."
सुखजीत मजाक में बोली- “अच्छा जी आज सारे गाँव वालों को पता लगना चाहिये की शहर से लड़के की चाची आई है..."
पिंकी- सच्ची चाचीजी, आज तो सारे गाँव में आपने धमाल मचा देना है।
सुखजीत - “चल हट पागल कहीं की..."
पिंकी- अच्छा वैसे मम्मी बुला रही है आपको, उन्हें कुछ काम है शायद आपसे।
सुखजीत- “ठीक है मैं जाती हूँ..” फिर सुखजीत चली जाती है।
रीत बाथरूम में नहा रही थी। रीत को पता था की पिंकी उसके रूम में है। फिर अचानक पिंकी का फोन रिंग करने लगता है। फोन रणबीर का होता है, और रूम खाली होने के कारण पिंकी फोन उठा लेती है। पर उसे ये नहीं पता था की बाथरूम में रीत नहा रही है। जो उसकी सारी बातें सुन रही थी।
पिंकी- हेलो।
रणबीर- क्या हाल मेरी जान?
पिंकी- तेरे बिना मेरा क्या हाल हो सकता है,
रणबीर- अगर इतना मुश्किल है मेरे बिना, तो शाम को मुझे क्यों छोड़कर भाग गई थी?
पिंकी- जान उस टाइम मेरे पापा का फोन आ गया था, ऊपर से रीत भी मेरे साथ थी।
रणबीर- अच्छा अच्छा... ये वही लड़की है ना, जो आजकल गाँव में बहुत मशहूर है?
पिंकी- हाँ यार, मशहूर तो होनी ही है। शहर की लड़की है एकदम सुंदर पटाका।
रीत बाथरूम के अंदर से ये सारी बातें सुन रही थी, ये सब बातें सुनकर वो शर्मा रही होती है।
रणबीर- मेरे दोस्त मलिक को वो पसंद आ गई है। तू कर कोई जुगाड़ जरा।
पिंकी- शहर की लड़की है, ऐसे वो किसी के हाथ नहीं आएगी आसानी से।
रणबीर- इस बारे में मुझे कुछ नहीं पता। मलिक मेरे दोस्त हैं, और तू उसका जुगाड़ कर जैसे मर्जी?
पिंकी- जान मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूँगी।
रणबीर- ठीक है, और सुनाओ क्या प्रोग्राम है आज का?
पिंकी- कुछ नहीं। बस तैयार हो रही हूँ, लेडीस संगीत के लिए।
रणबीर- तैयार तो तू हर टाइम रहती है, बस हाथ लगाने की देर है।
पिंकी- तुम ना एक नंबर के गंधे हो, हर टाइम बस ऐसी बातें करते रहते हो।
रणबीर- क्या करूं जान? अगर अब मेरा बस चलता, तो मैं अभी आ जाता तेरी मारने के लिए।
जी... अगर तू मेरे घर आ गया ना, तो मेरे बापू ने तुझे अपना दे देना है समझा। बात नहीं संभाल लूँगा मैं तेरे बाप को भी।
पिंकी- जान तुम आ रहे हो आज लेडीस संगीत में?
रणबीर- एक शर्त पर आऊँगा।
पिंकी- क्या?
रणबीर- अगर तू मलिक की बात कराती है रीत के साथ?
पिंकी- ठीक है करा दूंगी, जान तुम खुश रहो बस।
रणबीर- ठीक है बाबू गुड बाइ, मिलते हैं शाम को।
पिंकी- मुआअहह... बाइ।
पिंकी बात करके रूम से बाहर चली जाती है। अंदर रीत सारी बातें सुन चुकी थी, और वो सब कुछ अच्छे से
समझ गई थी की पिंकी उसकी किसी के साथ सेटिंग करवाना चाहती है। नहाने के बाद रीत बाहर आती है। और तैयार हो जाती है। रीत ने लाल रंग का सूट डाला हुआ था। टाइट कमीज जो सिर्फ उसके चूतड़ों तक थी। नीचे धोती सलवार और पंजाबी जती। रीत ऐसे लग रही थी, मानो वो कोई आसमान से आई हई परी हो।
दूसरी तरफ जब सुखजीत बाहर आई तो सबकी नजरें सुखजीत पर जम गई। सारे मर्द तो सुखजीत के आशिक हो गये थे, और तो और गाँव की औरतें भी अपनी आँखें फाड़-फाड़कर सुखजीत को देखकर कह रही थी, की ये इतनी खूबसूरत औरत भला कहां से आ गई है।
ऊपर बिटू और मीता बैठे दारू पे रहे थे, जैसे ही मीता की नजर सुखजीत पर पड़ी तो वो दोनों आपस में बातें
करने लगे।
मीता- "आए हाए... देख भाई साली क्या मस्त रंडी लग रही है। भाई इस साली का कोई जुगाड़ कर अब मुझसे और इसकी खूबसूरती नहीं देखी जाती। देख साली गश्ती कैसे मटक-मटक कर चल रही है..."
बिटू- "मीते अभी अपनी गरमी बचाकर रखा, जब इसकी चूत मरेगा तो तू उस टाइम ठंडा हो जाएगा। इसलिए
इस गरमी को बचाकर रख अभी..."
मीता- भाई मैं क्या करूँ, साली के चूतर देख जरा, चूतर देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है।
बिटू- कोई बात नहीं यार, आज तेरा भी जुगाड़ करवाता हूँ मैं, तू फिकर ना कर मेरे भाई।
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