desiaks
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कड़ी_30
अगली सुबह रीत की आँख 6:00 बजे उसके फोन पर आए एस.एम.एस. की आवाज के साथ खुलती है। वो देखती है की एक अंजान नम्बर से उसे एक मेसेज आया है। जिसमें लिखा था की गुड मार्निंग सोनयो।
रीत सोचती है की क्या पता किसका नंबर है। इसलिए वो कौन लिख कर रिप्लाइ करती है।
कुछ देर में रिप्लाइ आता है- “वो ही जो आपको बिना देखे नहीं रह सकता.."
रीत- ऐसे मेरा सुबह-सुबह दिमाग ना खराब करो, साफ-साफ बताओ कौन हो?
रिप्लाइ- मैं रणबीर का दोस्त मलिक हूँ।
मलिक का नाम पढ़ते ही रीत के चेहरे पर स्माइल आ जाती है और वो रिप्लाइ करती है- “अच्छा अच्छा सीधा सीधा नहीं बता सकते थे, इतना घुमाने की क्या जरूरत थी?"
मलिक- "मैं तो बस चेक कर रहा था, की तू गुस्से में ज्यादा अच्छी लगती है या वैसे ही इतनी सुंदर है..."
रीत- सुबह-सुबह कोई काम नहीं है क्या, जो मुझे मेसेज कर रहे हो?
मलिक- रीत जी अब तो सबसे पहला काम आप ही हो। क्या करें अब?
रीत- लगता है आपने कुछ ज्यादा ही पी ली है, तभी ऐसी बातें कर रहे हो।
मलिक- रीत जी वैसे पिलाई तो मुझे मेरे यार ने थी, पर कल चढ़ी आपको देखकर ही। वैसे सच में आप कल बहुत सुंदर लग रहे थे।
रीत- हाहाहाहा... बैंक्स पर मुझे देखकर कैसे चढ़ गई आपको, मैं कोई शराब थोड़ी हूँ।
मलिक- शराब से ज्यादा नशा है आप में।
रीत- हाँ हाँ बस करो अब।
मलिक- मिलने का दिल करता है आपसे।
रीत- अच्छा जी क्यों?
मलिक- बस दो बातें करनी है और दो बातें सुननी है।
रीत- हाँ, पर मैं ऐसे नहीं मिलती किसी को समझ में आई।
मलिक- अच्छा जी... फिर बताओ कैसे मिलते हो आप, मैं वैसे ही मिल लूँगा।
रीत- कभी भी नहीं।
अगली सुबह रीत की आँख 6:00 बजे उसके फोन पर आए एस.एम.एस. की आवाज के साथ खुलती है। वो देखती है की एक अंजान नम्बर से उसे एक मेसेज आया है। जिसमें लिखा था की गुड मार्निंग सोनयो।
रीत सोचती है की क्या पता किसका नंबर है। इसलिए वो कौन लिख कर रिप्लाइ करती है।
कुछ देर में रिप्लाइ आता है- “वो ही जो आपको बिना देखे नहीं रह सकता.."
रीत- ऐसे मेरा सुबह-सुबह दिमाग ना खराब करो, साफ-साफ बताओ कौन हो?
रिप्लाइ- मैं रणबीर का दोस्त मलिक हूँ।
मलिक का नाम पढ़ते ही रीत के चेहरे पर स्माइल आ जाती है और वो रिप्लाइ करती है- “अच्छा अच्छा सीधा सीधा नहीं बता सकते थे, इतना घुमाने की क्या जरूरत थी?"
मलिक- "मैं तो बस चेक कर रहा था, की तू गुस्से में ज्यादा अच्छी लगती है या वैसे ही इतनी सुंदर है..."
रीत- सुबह-सुबह कोई काम नहीं है क्या, जो मुझे मेसेज कर रहे हो?
मलिक- रीत जी अब तो सबसे पहला काम आप ही हो। क्या करें अब?
रीत- लगता है आपने कुछ ज्यादा ही पी ली है, तभी ऐसी बातें कर रहे हो।
मलिक- रीत जी वैसे पिलाई तो मुझे मेरे यार ने थी, पर कल चढ़ी आपको देखकर ही। वैसे सच में आप कल बहुत सुंदर लग रहे थे।
रीत- हाहाहाहा... बैंक्स पर मुझे देखकर कैसे चढ़ गई आपको, मैं कोई शराब थोड़ी हूँ।
मलिक- शराब से ज्यादा नशा है आप में।
रीत- हाँ हाँ बस करो अब।
मलिक- मिलने का दिल करता है आपसे।
रीत- अच्छा जी क्यों?
मलिक- बस दो बातें करनी है और दो बातें सुननी है।
रीत- हाँ, पर मैं ऐसे नहीं मिलती किसी को समझ में आई।
मलिक- अच्छा जी... फिर बताओ कैसे मिलते हो आप, मैं वैसे ही मिल लूँगा।
रीत- कभी भी नहीं।