hotaks444
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09 दादाजान
दादाजान को शिकार का बहुत शौक था और वो मुख़्तलिख मुल्कों में शिकार खेलने जाते थे। फिछले दिनों वो अफ्रिका से शिकार खेलकर वापिस आये थे और कुछ दिन वो आराम करना चाहते थे। इसलिए वो हमारे पास आ गये थे। रहने को तो वो होटेल में भी रह सकते थे पर वो हमारे घर आ गये।
दादाजान के पास रुपये पैसे की कोई कमी नहीं है इसलिए वो दुनियां भर की सैर करते फिरते हैं, दादी जान का इंतकाल हुये 15 साल हो चुके थे, इसलिए ये भी वजह थी दादाजान के घूमने फिरने की। अब्बू की दादाजान से नहीं बनती थी इसलिए मैंने 12 साल बाद दादाजान को देखा था।
खैर अब्बू और दादाजान के बीच क्या बात थी इसकी मुझे कोई परवाह नहीं है। अबकी बार अब्बू दादाजान को देखकर बहुत खुश हुये थे, आखिर कोई अपने बाप से कब तक नाराज रह सकता है। अभी कल ही दादाजान हमारे घर आय थे। मगर अगले दो हफ्ते बाद ही उनको फिर अपने दोस्तों के साथ शिकार पर जाना था।
उनको अभी अपने कुछ दोस्तों का इंतेजार था इसलिए जब तक उनके दोस्त ना आ जाते वो हमारे घर आ गये। दादाजान की उमर कोई 65 या 70 साल होगी पर उनकी सेहत आजकल के नौजवानों से भी अच्छी थी और दिखने में वो अब्बू से भी छोटे लग रहे थे।
अब उनकी सेहत का क्या राज था ये तो बाद में ही पता चलना था, पर सबसे एहम बात वो ये थी के दादाजान को देखते ही मेरी चुदाई की भूख चमक उठी थी। पहले तो मैंने अपने दिल में उठने वाली ख्वाहिश को दबाया की वो मेरे दादा हैं पर फिर मैंने सोचा की जब मुझे सबलोग चोद सकते हैं तो दादाजान क्यों नहीं... बस ये सोचकर मैं दादाजान से चुदवाने की प्लानिंग करने लगी। दूसरे दिन जब अब्बू आफिस चले गये तो मैं किसी काम से दादाजान के कमरे में गई तो वो कमरे में नहीं थे जबकी वाशरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी। नजाने मेरे दिल में क्या आई की मैंने सोचा क्यों ना दादाजान को नहाते हुये देबूं। मैं दबे कदमों वाशरूम के दरवाजे पर आई और दरवाजे के की-होल से आँख लगा दी।
अंदर झाँका तो मेरी सांस ही रुक गई। मैंने देखा के दादाजान की रानो में उनका लण्ड पूरा अकड़ा हुवा था। उनका लण्ड कोई 12” इंच लंबा और 4 इंच मोटा होगा। दादाजान बड़े प्यार से अपने लंबे तगड़े लण्ड को धीरेधीरे सहलाकर मूठ मार रहे थे और उनका लण्ड किसी पाइप की तरह सीधा खड़ा हुवा था जैसे वो लोहे का बना हुवा हो। अभी तक मैंने 10” इंच या 11" इंच लंबे लण्ड वाले आदमियों से ही चुदवाया था। मगर दादाजान का इतना शानदार लण्ड देखकर मेरे बदन में चींटियां सी रेंगने लगी। और मैं दादाजान के लण्ड को अपनी चूत और गाण्ड में लेने के लिए और बेताब हो गई।
दादाजान को शिकार का बहुत शौक था और वो मुख़्तलिख मुल्कों में शिकार खेलने जाते थे। फिछले दिनों वो अफ्रिका से शिकार खेलकर वापिस आये थे और कुछ दिन वो आराम करना चाहते थे। इसलिए वो हमारे पास आ गये थे। रहने को तो वो होटेल में भी रह सकते थे पर वो हमारे घर आ गये।
दादाजान के पास रुपये पैसे की कोई कमी नहीं है इसलिए वो दुनियां भर की सैर करते फिरते हैं, दादी जान का इंतकाल हुये 15 साल हो चुके थे, इसलिए ये भी वजह थी दादाजान के घूमने फिरने की। अब्बू की दादाजान से नहीं बनती थी इसलिए मैंने 12 साल बाद दादाजान को देखा था।
खैर अब्बू और दादाजान के बीच क्या बात थी इसकी मुझे कोई परवाह नहीं है। अबकी बार अब्बू दादाजान को देखकर बहुत खुश हुये थे, आखिर कोई अपने बाप से कब तक नाराज रह सकता है। अभी कल ही दादाजान हमारे घर आय थे। मगर अगले दो हफ्ते बाद ही उनको फिर अपने दोस्तों के साथ शिकार पर जाना था।
उनको अभी अपने कुछ दोस्तों का इंतेजार था इसलिए जब तक उनके दोस्त ना आ जाते वो हमारे घर आ गये। दादाजान की उमर कोई 65 या 70 साल होगी पर उनकी सेहत आजकल के नौजवानों से भी अच्छी थी और दिखने में वो अब्बू से भी छोटे लग रहे थे।
अब उनकी सेहत का क्या राज था ये तो बाद में ही पता चलना था, पर सबसे एहम बात वो ये थी के दादाजान को देखते ही मेरी चुदाई की भूख चमक उठी थी। पहले तो मैंने अपने दिल में उठने वाली ख्वाहिश को दबाया की वो मेरे दादा हैं पर फिर मैंने सोचा की जब मुझे सबलोग चोद सकते हैं तो दादाजान क्यों नहीं... बस ये सोचकर मैं दादाजान से चुदवाने की प्लानिंग करने लगी। दूसरे दिन जब अब्बू आफिस चले गये तो मैं किसी काम से दादाजान के कमरे में गई तो वो कमरे में नहीं थे जबकी वाशरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी। नजाने मेरे दिल में क्या आई की मैंने सोचा क्यों ना दादाजान को नहाते हुये देबूं। मैं दबे कदमों वाशरूम के दरवाजे पर आई और दरवाजे के की-होल से आँख लगा दी।
अंदर झाँका तो मेरी सांस ही रुक गई। मैंने देखा के दादाजान की रानो में उनका लण्ड पूरा अकड़ा हुवा था। उनका लण्ड कोई 12” इंच लंबा और 4 इंच मोटा होगा। दादाजान बड़े प्यार से अपने लंबे तगड़े लण्ड को धीरेधीरे सहलाकर मूठ मार रहे थे और उनका लण्ड किसी पाइप की तरह सीधा खड़ा हुवा था जैसे वो लोहे का बना हुवा हो। अभी तक मैंने 10” इंच या 11" इंच लंबे लण्ड वाले आदमियों से ही चुदवाया था। मगर दादाजान का इतना शानदार लण्ड देखकर मेरे बदन में चींटियां सी रेंगने लगी। और मैं दादाजान के लण्ड को अपनी चूत और गाण्ड में लेने के लिए और बेताब हो गई।