hotaks444
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जबकी मैं बुरी तरह से चीखने और चिल्लाने लगी- “आह्ह... उफफ्फ़... मैंनन् मर्रर गई उफफ्फ़... आह्ह... साले हरामी, भड़वे, मादरचोद मेरी गाण्ड फट गई है उफफ्फ़.. आहहह... कोई मुझे बचाओऊ उफफ्फ़... कोई मुझे बचाओ, मुझे मेरे हरामी दादा से, देखो ये चोदू मास्टर कैसे अपनी पोती की गाण्ड मार रहा है उफफ्फ़... ऊऊऊईई...
आहहह..."
दादाजान को मेरे चीखने से और जोश चढ़ रहा था और वो और ज्यादा जोरदार झटके मारने लगे और कहने लगे- “साली छिनाल, रंडी की ओलाद, तू जितना चाहे चीख, मैं तुझे नहीं छोडूंगा... आज तुझे ये हरामी दादा असली में हरामी बनकर दिखायेगा और तेरी गाण्ड की खूब बैंड बजायेगा। मुझसे दादाजान का लण्ड बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मैं बुरी तरह से तड़प रही थी। मैं दादाजान से बचकर भाग जाना चाहती थी। दादाजान ने मेरा इरादा भाँप लिया और वो मेरे ऊपर झुक गये और उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों मम्मों को पकड़कर मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया और जोरदार अंदाज से मेरी गाण्ड मारने लगे।
दादाजान कोई 20 मिनट तक मुझे इसी तरह जकड़कर कस-कसके मेरी गाण्ड मारते रहे और मैं चीखती चिल्लाती रही और दादाजान को गलियां बकती रही। मेरी गलियों पर वो भी मुझे गलियां बक रहे थे और खूब मेरी गाण्ड मार रहे थे। फिर धीरे-धीरे मेरी गाण्ड दादाजान के लण्ड की आदी होती गई और मेरा दर्द कम हो होकर बिल्कुल खतम हो गया। और अब मुझे बहुत मजा आ रहा था दादाजान से अपनी गाण्ड मरवाते हुये।
अब मैं मजे के आलम में लज़्ज़त भारी सिसकारियां लेने लगी- “उफफ्फ़... उफफ्फ़... आह्ह... दादाजान आप बहुत अच्छे हैं... ऊऊऊईई... आहहह... मुझे बहुत मजा आ रहा है... दादाजान... उफफ्फ़... और जोर से झटके मारिए मेरे । प्यारे दादाजान... उफफ्फ़... हाँ और जोर से झटके मारकर अपनी चुदक्कड़ पोती की गाण्ड मारें आह्ह... और जोर से झटके मारिए ना दादाजान उफफ्फ़... हाँ और जोर से... हाँ और जोर से... उफफ्फ़... उफफ्फ़... आहह्ह... ऊऊईई... ऊऊऊईई.. म्माआ... उफफ्फ़... आप बहुत अच्छा चोदते हैं दादाजान उफफ्फ़... मुझे बहुत मजा आ रहा है।
दादाजान हँसे और बोले- “साली कुतिया पहले तू मुझे गलियां बक रही थी और अब मेरी तारीफें कर रही है...”
मैं मुश्कुराई और सिसकारी लेकर बोली- “उफफ्फ़... मेरे प्यारे चोदू दादा, वो तो मैं आपको जोश दिला रही थी ताकी आप मेरी खूब कस-कसकर चुदाई करें और मुझे चोद-चोदकर अपनी इस रंडी पोती को हाल से बेहाल कर दें..."
दादाजान मुश्कुराये और बोले- “हरामजादी अगर ऐसी बात है तो आज मैं तुझे चोद-चोदकर तेरी चूत और गाण्ड का हुलिया बिगाड़ दूंगा...” फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठाया और वो मुझे लेकर सोफे पर बैठ गये फिर उन्होंने अपने खड़े लण्ड पर मुझे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया।
आहहह..."
दादाजान को मेरे चीखने से और जोश चढ़ रहा था और वो और ज्यादा जोरदार झटके मारने लगे और कहने लगे- “साली छिनाल, रंडी की ओलाद, तू जितना चाहे चीख, मैं तुझे नहीं छोडूंगा... आज तुझे ये हरामी दादा असली में हरामी बनकर दिखायेगा और तेरी गाण्ड की खूब बैंड बजायेगा। मुझसे दादाजान का लण्ड बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मैं बुरी तरह से तड़प रही थी। मैं दादाजान से बचकर भाग जाना चाहती थी। दादाजान ने मेरा इरादा भाँप लिया और वो मेरे ऊपर झुक गये और उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों मम्मों को पकड़कर मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया और जोरदार अंदाज से मेरी गाण्ड मारने लगे।
दादाजान कोई 20 मिनट तक मुझे इसी तरह जकड़कर कस-कसके मेरी गाण्ड मारते रहे और मैं चीखती चिल्लाती रही और दादाजान को गलियां बकती रही। मेरी गलियों पर वो भी मुझे गलियां बक रहे थे और खूब मेरी गाण्ड मार रहे थे। फिर धीरे-धीरे मेरी गाण्ड दादाजान के लण्ड की आदी होती गई और मेरा दर्द कम हो होकर बिल्कुल खतम हो गया। और अब मुझे बहुत मजा आ रहा था दादाजान से अपनी गाण्ड मरवाते हुये।
अब मैं मजे के आलम में लज़्ज़त भारी सिसकारियां लेने लगी- “उफफ्फ़... उफफ्फ़... आह्ह... दादाजान आप बहुत अच्छे हैं... ऊऊऊईई... आहहह... मुझे बहुत मजा आ रहा है... दादाजान... उफफ्फ़... और जोर से झटके मारिए मेरे । प्यारे दादाजान... उफफ्फ़... हाँ और जोर से झटके मारकर अपनी चुदक्कड़ पोती की गाण्ड मारें आह्ह... और जोर से झटके मारिए ना दादाजान उफफ्फ़... हाँ और जोर से... हाँ और जोर से... उफफ्फ़... उफफ्फ़... आहह्ह... ऊऊईई... ऊऊऊईई.. म्माआ... उफफ्फ़... आप बहुत अच्छा चोदते हैं दादाजान उफफ्फ़... मुझे बहुत मजा आ रहा है।
दादाजान हँसे और बोले- “साली कुतिया पहले तू मुझे गलियां बक रही थी और अब मेरी तारीफें कर रही है...”
मैं मुश्कुराई और सिसकारी लेकर बोली- “उफफ्फ़... मेरे प्यारे चोदू दादा, वो तो मैं आपको जोश दिला रही थी ताकी आप मेरी खूब कस-कसकर चुदाई करें और मुझे चोद-चोदकर अपनी इस रंडी पोती को हाल से बेहाल कर दें..."
दादाजान मुश्कुराये और बोले- “हरामजादी अगर ऐसी बात है तो आज मैं तुझे चोद-चोदकर तेरी चूत और गाण्ड का हुलिया बिगाड़ दूंगा...” फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठाया और वो मुझे लेकर सोफे पर बैठ गये फिर उन्होंने अपने खड़े लण्ड पर मुझे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया।