hotaks444
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मेरी चूत पसंद है पार्ट--8
गतान्क से आगे.......
कैलाश अपनी बहन की बात सुन कर करिश्मा को नीचे लेटा दिया और
करिश्मा के ऊपेर चढ़ कर उसकी दोनो चूंची को अपने हाथों
से मसल्ते हुए ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. थोरी देर तक फुल स्पीड मे
चोद कर वो धीरे धीरे चोदने लगा और अपनी बहन से बोला, "बहन
मैं कब से तेरी चूत को चोदने की ताक मे था. मैं पहले भी कई बार
इसके लिए तुझे इशारा भी किया था लेकिन तू मेरा इशारा समझ ना
सकी. खैर आज के बाद जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं तेरी चूत मे
अपना लंड ज़रूर पेलुँगा और जब तेरी चूत मेरा लंड खा खा कर
भोसड़ा बन जाएगी तब मैं तेरी गंद मे अपना लंड पेलुँगा, ठीक
है ना? क्या तू मुझसे अपनी गंद मरवाएगी?" "हाँ भाई हाँ, आज के
बाद जब मन आए तुम यहा आ कर मेरी चूत और गंद दोनो को
चोदना. तेरी चुदाई से मुझे बहुत खुशी होगी" करिश्मा ने अपनी
कमर उचकाते हुए बोली.दोनो भाई बहन अपनी बातों मे मशगूल हो
कर चुदाई कर रहे थे और रसिकलाल जी अपना लंड पकड़े उनकी
चुदाई देख रहे थे. थोरी देर के बाद रसिकलाल जी अपनी बहू
से बोले, "करिश्मा, क्या बात है तुम दोनो भाई और बहन अपनी चुदाई
मे इतना मशगूल हो गये कि मेरे बारे बिलकूल भूल गये. अरे भाई
मैं बहूत देर से अपना लंड थामे तुम दोनो की चुदाई देख रहा
हूँ और अपना लंड सहला रहा हूँ." रसिकलाल जी की बातों को सुन
कर गिरजा देवी भी अपनी चूत और गंद मरवाते हुए बोली, "अरे छिनार
करिश्मा, क्या तू अपने भाई का लंड पकड़ अपने ससुर के लंड को
भूल गयी? तेरा ससुर कब से अपना लंड थामे तेरी और तेरे भाई की
चूत और लंड कुस्ती देख रहा है. जल्दी से अपने भाई के लंड का
पानी निकाल और अपने चूत मे अपने ससुर का लंड डलवा. तेरे ससुर का
लंड इस समय बिकुल फूल कर तन गया है और तेरी चूत की आज खैर
नही." करिश्मा अपने भाई के लंड चुड़वते हुए बोली, "माजी आप
मुझको छिनार कह रही हैं और खुद अपने बेटे और उसके दोस्त का
लंड मज़े से अपनी चूत और गंद मे पिलवा रही है. इससे तो आप तो
मुझसे ज़्यादा छिनार हुई. रही बात मेरी चूत की, तो मुझे मालूम है कि
ससुरजी का लंड खड़ा हो कर तन्ना रहा है और अगर आप को अपने
पति पर तरस आ रहा है तो आप खुद ही उनका लंड चूस कर उनको
झार दीजिए और उनका पानी पी लीजिए. अभी तो मैं अपने भाई का लंड
अपनी चूत से खा रही हूँ और अगर मेरे ससुरजी को मेरी गंद मे
अपना लंड पेलना है तो पेल सकते हैं."ये कहानी आप राज शर्मा के
ब्लॉग हिन्दी सेक्सी कहानियाँ मे पढ़ रहे है अपनी बहू की बात
सुन कर गिरिजा देवी थोरी देर के लिए चुप हो गयी और फिर अपनी
बहू से बोली, "सालीरंडी, छिनार अपनी सास की चुदाई देख रही है और
अपनी भाई कालंड अपनी चूत से खा रही है. चल जल्दी से अपने गंद मे
अपने ससुर का लंड डलवा." "ठीक है, मैं गंद ऊपेर कर रही हूँ और
ससुर जी मेरी गंद अपना लंड पेल सकते है" करिश्मा अपनी सास से
बोली. इतना कह कर करिश्मा फिर से अपने भाई को नीचे लेटा कर
कैलाश पर चढ़ गयी और अपनी गंद को ऊपेर कर दिया.
तब राशील लाल अपने खरे लंड के सुपारे पर थोरा से थूक लगा कर
लंड को अपनी बहू, करिश्मा, की गंद के छेद से भिड़ा दिया. लंड
भिड़ाने के बाद रसिकलाल जी अपने दोनो हाथों से करिश्मा की
कमर को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर अपना लंड करिश्मा की
गंद के छेद मे दबाने लगे. थोरी देर के बाद रसिकलाल जी का लंड
का सुपरा फक से करिश्मा की गान्ड की छेद मे घुस गया . तब
रसिकलाल जी ने करिश्मा की कमर को कस कर पकड़ कर अपनी कमर
हिला कर एक ज़ोर दार धक्का मारा और उनका लंड आधे से ज़्यादा
करिश्मा की गंद मे घुस गया . करिश्मा मारे दर्द के बिलबिला
उठी और अपने ससुर से अपना लंड निकालने को बोली. लेकिन रसिकलाल
जी कहाँ सुनने वाले थे, वो करिश्मा की कमर को कस कर पकड़
कर अपना लंड करिश्मा की गंद के अंदर बाहर करने मे लगे हुए
थे.
गतान्क से आगे.......
कैलाश अपनी बहन की बात सुन कर करिश्मा को नीचे लेटा दिया और
करिश्मा के ऊपेर चढ़ कर उसकी दोनो चूंची को अपने हाथों
से मसल्ते हुए ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. थोरी देर तक फुल स्पीड मे
चोद कर वो धीरे धीरे चोदने लगा और अपनी बहन से बोला, "बहन
मैं कब से तेरी चूत को चोदने की ताक मे था. मैं पहले भी कई बार
इसके लिए तुझे इशारा भी किया था लेकिन तू मेरा इशारा समझ ना
सकी. खैर आज के बाद जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं तेरी चूत मे
अपना लंड ज़रूर पेलुँगा और जब तेरी चूत मेरा लंड खा खा कर
भोसड़ा बन जाएगी तब मैं तेरी गंद मे अपना लंड पेलुँगा, ठीक
है ना? क्या तू मुझसे अपनी गंद मरवाएगी?" "हाँ भाई हाँ, आज के
बाद जब मन आए तुम यहा आ कर मेरी चूत और गंद दोनो को
चोदना. तेरी चुदाई से मुझे बहुत खुशी होगी" करिश्मा ने अपनी
कमर उचकाते हुए बोली.दोनो भाई बहन अपनी बातों मे मशगूल हो
कर चुदाई कर रहे थे और रसिकलाल जी अपना लंड पकड़े उनकी
चुदाई देख रहे थे. थोरी देर के बाद रसिकलाल जी अपनी बहू
से बोले, "करिश्मा, क्या बात है तुम दोनो भाई और बहन अपनी चुदाई
मे इतना मशगूल हो गये कि मेरे बारे बिलकूल भूल गये. अरे भाई
मैं बहूत देर से अपना लंड थामे तुम दोनो की चुदाई देख रहा
हूँ और अपना लंड सहला रहा हूँ." रसिकलाल जी की बातों को सुन
कर गिरजा देवी भी अपनी चूत और गंद मरवाते हुए बोली, "अरे छिनार
करिश्मा, क्या तू अपने भाई का लंड पकड़ अपने ससुर के लंड को
भूल गयी? तेरा ससुर कब से अपना लंड थामे तेरी और तेरे भाई की
चूत और लंड कुस्ती देख रहा है. जल्दी से अपने भाई के लंड का
पानी निकाल और अपने चूत मे अपने ससुर का लंड डलवा. तेरे ससुर का
लंड इस समय बिकुल फूल कर तन गया है और तेरी चूत की आज खैर
नही." करिश्मा अपने भाई के लंड चुड़वते हुए बोली, "माजी आप
मुझको छिनार कह रही हैं और खुद अपने बेटे और उसके दोस्त का
लंड मज़े से अपनी चूत और गंद मे पिलवा रही है. इससे तो आप तो
मुझसे ज़्यादा छिनार हुई. रही बात मेरी चूत की, तो मुझे मालूम है कि
ससुरजी का लंड खड़ा हो कर तन्ना रहा है और अगर आप को अपने
पति पर तरस आ रहा है तो आप खुद ही उनका लंड चूस कर उनको
झार दीजिए और उनका पानी पी लीजिए. अभी तो मैं अपने भाई का लंड
अपनी चूत से खा रही हूँ और अगर मेरे ससुरजी को मेरी गंद मे
अपना लंड पेलना है तो पेल सकते हैं."ये कहानी आप राज शर्मा के
ब्लॉग हिन्दी सेक्सी कहानियाँ मे पढ़ रहे है अपनी बहू की बात
सुन कर गिरिजा देवी थोरी देर के लिए चुप हो गयी और फिर अपनी
बहू से बोली, "सालीरंडी, छिनार अपनी सास की चुदाई देख रही है और
अपनी भाई कालंड अपनी चूत से खा रही है. चल जल्दी से अपने गंद मे
अपने ससुर का लंड डलवा." "ठीक है, मैं गंद ऊपेर कर रही हूँ और
ससुर जी मेरी गंद अपना लंड पेल सकते है" करिश्मा अपनी सास से
बोली. इतना कह कर करिश्मा फिर से अपने भाई को नीचे लेटा कर
कैलाश पर चढ़ गयी और अपनी गंद को ऊपेर कर दिया.
तब राशील लाल अपने खरे लंड के सुपारे पर थोरा से थूक लगा कर
लंड को अपनी बहू, करिश्मा, की गंद के छेद से भिड़ा दिया. लंड
भिड़ाने के बाद रसिकलाल जी अपने दोनो हाथों से करिश्मा की
कमर को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर अपना लंड करिश्मा की
गंद के छेद मे दबाने लगे. थोरी देर के बाद रसिकलाल जी का लंड
का सुपरा फक से करिश्मा की गान्ड की छेद मे घुस गया . तब
रसिकलाल जी ने करिश्मा की कमर को कस कर पकड़ कर अपनी कमर
हिला कर एक ज़ोर दार धक्का मारा और उनका लंड आधे से ज़्यादा
करिश्मा की गंद मे घुस गया . करिश्मा मारे दर्द के बिलबिला
उठी और अपने ससुर से अपना लंड निकालने को बोली. लेकिन रसिकलाल
जी कहाँ सुनने वाले थे, वो करिश्मा की कमर को कस कर पकड़
कर अपना लंड करिश्मा की गंद के अंदर बाहर करने मे लगे हुए
थे.