hotaks444
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तभी अंकल बोले, एक बात बोलूँ, ग़ुस्सा तो नहीं करोगी , माँ बोली, बोलो ना, वो बोले , शक़िला ( मेरी बाज़ी) पर भी क्या जवानी फूट रही है, माँ बोली, अरे वो तो अभी बच्ची है। अंकल बोले, उसकी चूचियाँ तो अभी से संतरों सी हो गयी हैं, और उसके उभरे चूतरों को देख कर तो कोई भी पागल हो जाए, मेरी जान। माँ बोली, आप सच कह रहे हो उसका अब ध्यान रखना पड़ेगा , कहीं कोई उसे बहका ना ले। फिर माँ बोली, आज सिर्फ़ बातें ही करोगे या कुछ करोगे भी। वो बोले चलो कपड़े उतारो और अपने कपड़े उतार दिए। उनका ८ इंच का मोटा काला लंड देखकर मैं डर गया , सोचा बाप रे कितना बड़ा है। फिर माँ ने भी कपड़े उतार दिए , उनको नंगी देखकर मुझे अजीब सा मज़ा आया । माँ बिना कपड़ों के बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर वो लेट गयीं और अंकल उनके ऊपर आ कर उनको क़रीब आधा घंटा चोदे । उन दोनों ने ख़ूब आह आह करी और ख़ूब मज़ा लिया। झड़ने के बाद दोनों तय्यार हुए और अंकल बाहर चले आए और बाहर के कमरे में बैठ गए , वहाँ माँ भी आ गयी और दोनों बातें करने लगे। मैं चुपके से बाहर आ गया और सामने से अंदर आने लगा, तभी मैं वहीं रुक गया । अंकल बोल रहे थे , इस बार सलमान ( मेरे अब्बा ) ने नीलम की ख़ूब ठुकाई की, नीलम कह रही थी की पता नहीं सलमान पर क्या सवार था, माँ हंस कर बोली, अरे दरअसल में मेरा महीना आया हुआ था , इसलिए मैं उन्हें मज़ा नहीं दे सकी, तो मैंने कहा कि जाओ नीलम को चोद आओ , आप भी उस दिन घर पर थे ना। अंकल बोले, हाँ वो आया और बोला की तुम्हारा महीना आया हुआ है और वो बहुत ज़्यादा जोश में है तो मैंने नीलम को कहा, चलो इसको मज़ा दे दो , फिर मैं घर से बाहर चला गया । बाद में मुझे नीलम ने मुझे बताया था कि सलमान ने नीलम की ज़बरदस्त चुदायी की थी। मैं सन्न रह गया , इसका मतलब अब्बा और अंकल अपनी बीवियों यानी माँ और आंटी की अदला बदली कर रहे थे। मैं कम्पते पैरों से अंदर आया तो वो दोनों मुझे देखकर चौक गए । माँ बोली, तू अभी से कैसे वापस aa गया ? मैंने कहा कि मेरी तबियत ठीक नहीं है।और मैं अपने कमरे में चला आया । अंकल चले गए और माँ मेरे पास आ गयी और मुझे प्यार कर बोली, तू कुछ खाएगा? मेरी आँखों में उनका नंगा शरीर घूम रहा था, और मैं बहुत परेशान था। फिर वो चली गयी और मैं भी सो गया। दो दिनों के बाद जब अब्बा वापस आए तो रात में मैंने खिड़की में छुपकर उनकी चूदाँयी देखी । बाद मैं अब्बा अम्मी की जाँघे सहला रहे थे, तब वो बोलीं, जी, ये सलाम तो हमारी बेटी पर बुरी नज़र रखता है, वो बोल रहा था की शक़िला की छातियाँ भी मस्त हो गयी हैं और उसके चूतरों के उभारों की भी तारीफ़ कर रहा था। अब्बा बोले, तो वो क्या ग़लत कह रहा है, सच में नीलम तुम पर ही गयी है, कई बार तो मेरा भी लंड उसके बदन को देख कर खड़ा हो जाता है। अम्मी बोली, छी छी अपनी बेटी बारे में ऐसा मत बोलो । अब्बा बोले, सलाम ने तुम्हें नहीं बताया की वो अपनी बेटी पर भी नज़र रखता है । वो कहता है, मेरी बेटी पर पहला हक़ मेरा है। अम्मी बोली, छी कितनी गंदी बात है। अंकल ने कहना जारी रखा ---
मैं तो ये सब सुनकर हाक्का बक्का रह गया । फिर एक दिन मैं आंटी के घर गया , उसके बेटे से मिलने, पर घर मैं वो अकेली थीं। उन्होंने मुझे प्यार से बैठाया और बोला सब लोग बाहर गए हैं । फिर वो मेरे लिए चाई लायी । चाई देने के लिए वो झुकी तो उनकी बड़ी छातियाँ जो गाउन से झाँक रही थी, मुझे उत्तेजित कर दीं और मेरा लंड खड़ा हो गया । अपनी उम्र के लिहाज़ से मेरा लंड बड़ा ही था, उन दिनों भी क़रीब ५ इंच का हो गया था। आंटी ने मुझे उत्तेजित होते देख लिया और मुस्करायी । फिर वो बातें करने लगी मेरी गर्ल फ़्रेंड का पूछा। मैंने उनको कहा, मैं तो अभी छोटा हूँ, वो हँसते हुए मेरे लंड को देख कर बोलीं, मुझे तो लगता है की तुम बड़े हो गए हो। मैं शर्मा गया। वो बोली, आओ यहाँ मेरे पास बैठो, मैं उठाकर उनके पास सोफ़े पर बैठ गया। फिर वो मेरे कंधे में हाथ रख कर बोलीं, मैं तुमको कैसी लगती हूँ? मैं बोला, बहुत अछी । वो झुक कर मेरे गाल चूमकर बोली, मेरा क्या अच्छा लगता है? उनकी बड़ी छाती मेरे कंधे में दब गयी, और मेरा लंड बिलकुल मस्त हो गया। मैं बोला, आप ग़ुस्सा तो नहीं होगी, उन्होंने ना में सर हिलाया । तब मैं बोला , ये आपकी बड़ी बड़ी छातियाँ । वो हँसी और मेरा हाथ पकड़कर अपनी दोनों छातियों अपर रख दिया और बोलीं, लो ये ही तुम्हें पसंद है ना? मैं मज़े में भर कर उनकी छातियाँ दबाने लगा और फिर वो मुझे होंठों पर चूमने लगीं और उनका हाथ मेरे लंड पर आ गया और वो उसे पैंट के ऊपर से दबाने लगी।मैं भी उनको अपने से चिपका लिया। वो बोलीं , पूरा मज़ा लेना है तो चलो बेडरूम में चलो। मैं जल्दी से खड़ा हो गया । वो बेडरूम में आ कर बोलीं, कपड़े खोलो । मैंने फटाफट अपने कपड़े उतार दिए , मेरे लंड को उन्होंने प्यार से सहलाया और नीचे झुक कर चूम लिया। मैं तो मज़े से पागल हो गया । वो बोलीं, पहले किया है? मैंने ना में सर हिलाया। वो बोली, चलो तुम अभी सीख जाओगे । फिर वो भी नंगी हो गयी, और बिस्तर पर लेट गयीं। मैंने उनके ऊपर चढ़कर उनके चूचियों को दबाना और चूसना चालू किया जैसे अब्बा और सलाम अंकल ने अम्मी के साथ किया था। फिर नीचे आकर मैंने उनकी टांगों को फैलाकर उनकी चूत के दर्शन किए। आह फूली हुई चूत के बीच एक लम्बा कटाव था, और पूरी गीली हो गयी थी। मैंने उसको चूमा और चाटा और फिर आंटी ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत के अंदर कर दिया । फिर इन्होंने चोदना सिखाया । जल्द ही मैं धक्के मारने लगा और आंटी के आहें निकलने लगी। क़रीब १० मिनट में मैं झड़ गया।
थोड़ी देर आराम करने के बाद मेरा फिर खड़ा हो गया, अबकि मैंने उनकी फिर से चूदाँयी शुरू की। इस बार मैं करीब ४० मिनट चोदा । वो निधाल हो गयी और बोली तू अभी से पूरा चुदक्कड हो गया है रे, मेरी तो हड्डी पसलि हिल गयी। फिर उन्होंने मुझे ख़ूब प्यार किया, और खिला पिला कर अपने घर भेजा। ये थी मेरी पहली चूदायी की कहानी।
रहमान अंकल चुप हो गए, नायडू बोला, तुम्हरे अंकल ने तुम्हारी बहन को चोदा? अंकल बोले, ये सब फिर कभी, अभी मैं ललिता को चोदूँगा , और उसका हाथ पकड़कर बेडरूम की तरफ़ जाने लगे उनका खड़ा लंड ललिता प्यार से सहला रही थी, वेंकि ने भी मुझे गोद में उठाकर बेडरूम लेज़ाकर बेड पर पटक दिया और अपने खड़े लंड के साथ मेरे ऊपर चढ़ गया। फिर ललिता और मेरी ज़बरदस्त चूदायी चालू हो गयी जो क़रीब आधा घंटा चली। नायडू यहाँ वहाँ घूम कर हमारी छातियाँ दबा रहा था और हमारी गाँड़ में ऊँगली डाल रहा था। फिर हम सब झड़कर सो गए। रात में मेरी नींद खुली तो नायडू और अंकल बिस्तर पर बही थे। मैंने सोचा ज़रूर अंकल नायडू की गाँड़ मार रहे होंगे, एसा सोच कर मैं धीरे से कमरे से बाहर आइ तो देखा आख़िरी कमरे में थोड़ी रोशनी थी और कुछ आवाज़ें हल्की सी आ रही थी। में उस तरफ़ गयी, और उस कमरे में खिड़की से झाँकी, अंदर का दृश्य हैरान करने वाला था। कमरे में एक क़रीब ४० साल का एक मज़बूत बदन का आदमी कुर्सी i नंगा बैठा था, और नायडू उसका मोटा काला लंड चूस रहा था और अंकल एक छोटी उम्र की लड़की के ऊपर चढ़ कर उसकी छोटी छाती को चूस रहे थे, वो लड़की उम्र में मुझसे भी क़रीब २/३ साल छोटी दिख रही थी। फिर वो आदमी नायडू को घोड़ा बनाकर उनके छेद में क्रीम लगाने लगा , और फिर अपने लंड पर भी क्रीम लगाया और उसने नायडू की हैंड में धीरे से लंड डाल दिया और उनकी गाँड़ मारने लगा । उधर अंकल भी उस लड़की की चूत चाटे फिर वो भी क्रीम लगाए उसकी चूत में और अपने लंड में भी। फिर इन्होंने उस लड़की के होंठ पर अपने होंठ रख दिया और लंड अंदर डालने लगे, वो लड़की तड़पने लगी और नीचे से निकल कर बचने की कोशिश करने लगी । उसके मुँह se गु गु की आवाज़ आ रही थी क्यूँकि उसका मुँह अंकल ने अपने मुँह में दबा रखा था। । फिर अंकल पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो बाद में उसके सामान्य होने के बाद फिर से लंड पेलने लगे। अब उस लड़की का विरोध मज़े में बदलने लगा और वो भी आह ऊ ओह करने लगी। इधर नायडू की ठुकाई भी ज़ोरों से हो रही थी, उधर अंकल भी अब पूरे ज़ोर से चोद रहे थे। थोड़े देर बाद सब झड़कर शांत हो गए। अंकल के लंड में लाल ख़ून लगा था, मैं समझ गयी की बेचारी की सील टूट गयी है।मैं वहाँ से हाथ गयी और वापस आकर सो गयी। थोड़ी देर में अंकल और नायडू भी आकर सो गए।दूसरे दिन हम सुबह ही उठ गए । हम सबने कपड़े पहने क्यूँकि नौकर आएँगे ghar पर।
तभी वेंकि बोला, बेबी आज संडे है , प्लीज़ रुक जाओ। अंकल मुझे एक तरफ़ ले गए और बोले, देखो हम इस परिवार को नाराज़ नहीं कर सकते और वैसे मैंने तो १० बहे नंदजी के घर जाना है, तुम यहीं रुक जाओ , मैं शाम को आकर तुमको घर ले जाऊँगा , फिर रात को तुम्हें अपने नयी फ़िल्म के हीरो खान के घर भी जाना है। मैं मान गयी, फिर मैंने उनको रात वाली लड़की के बारे में पूछा, वो बोले , ओह तुमने देख लिया., वो इस घर के नौकर की भतीजी है, नायडू उसको २००००रूपया देकर चोदने के बहाने लाया , पर उसे तो अपने नौकर से गाँड़ मरवानी थी, वो सोचा बाद में साला नौकर कहीं ब्लैक्मेल ना करे इसलिए उसकी भतीजी भी चुदवा दी ताकि वो साला मुँह ना खोल सके। और अब वो अपने नौकर से भी गाँड़ मरवाया करेगा और नौकर भी मुँह नहीं खोलेगा। मैं बोली, पर आपकी तो मज़ा हो गयी। वो हँसने लगे और मेरा मुँह चूम लिया। मैं बोली, नंदजी के यहाँ क्या प्लान है? वो बोके, बस आज वो अपनी बेटी को चोद लेगा और ख़ुश हो जाएगा , फिर हम उसको उसका वादा याद दिलाएँगे की अब तुम्हारी फ़िल्म में पैसा लगाए । मैं बोली, आप उसकी बीवी को नहीं ठोकोगे? वो हँसे , ये भी कोई पूछने की बात है।और मेरी चुचि दबा दिए। हम दोनों हँसे और मैं वापस आती और वेंकि को बोली , ठीक है मैं आह शाम तक यहीं रहूँगी। वो सब ख़ुश हो गए और वेंकि ने मुझे अपनी गोद में खिंच लिया और चूमने लगा। उसके माँ और पापा हंस पड़े । फिर किसी नौकर की आवाज़ आयी तो मैं गोद से उठ गयी और उसके साथ बैठ गयी।
नाश्ता कर के अंकल अपने घर चले गए , वो वहाँ से तय्यार होकर नंदजी के घर करने वाले थे। मैं नायडू के परिवार के साथ ही रह गयी। नायडू बोला , अभी ११ बजे तक सब नौकरों की छुट्टी कर देंगे फिर तुम सब मज़े करना । वेंकि ने मेरे चूतरों पर हाथ फेरा और बोला, आज मैं बेबी की गाँड़ मारूँगा । उसके पापा हँसे और बोले, उसके अंकल ने इसका छेद ढीला कर दिया होगा , तुम्हें ज़्यादा परेशानी नहीं होगी। मैं शर्मा गयी, सब हँसने लगे। ललिता बोली , मुझे जब वेंकि ने गाँड़ में चोदा था, तब पहली बार बहुत दुखा था, अब तो मज़े से ले लेती हूँ। अंकल बोले, एक idea है, अपना नौकर हरिया है ना, वो ललिता को मज़े दे सकता है, बेबी तो वेंकि के साथ मस्त रहेगी , रहमान भी चला गया, इसलिए मैंने ललिता के लिए हरिया का इंतज़ाम किया है। ललिता बोली, मैं नौकर से नहीं करवाऊँगी, वो सबको बोलकर बदनाम कर देगा, तो नायडू बोला, अरे वो किसिको नहीं बोलेगा क्यूँकि उसकी भतीजी की सील कल मैंने रहमान से फड़वायी है, aur मैंने उसको हर महीने २००००/ रूपया देने की भी बात की है। जब वेंकि कॉलेज में हो तो तुम इससे मज़े से चूदवा लेना, और वो हँसने लगे, और बोले, ७ इंच का मोटा काला लंड है साले का। ललिता बोली, आप भी मरवा लिए क्या उससे? वो बोले, हाँ, तभी तो कह रहा हूँ। ललिता बोली, आप भी ना बस ज़्यादा ही मुँह मार रहे हो, फिर अपनी चूत खुजाते हुए बोली, चलो बुला लो, अब तक सब नौकर चले गए होंगे,आप सब दरवाज़ा बंद कर लेना। फिर वो हरिया को बुला लाए । उसके सर के बाल गिले थे, वो अभी नहा कर आया था। वेंकि बोला , काका आज माँ से मज़ा लोगे, वो बोला, छोटे मालिक आप जो हुकुम करोगे मैं वैसा ही करूँगा। वो ललिता और मुझे भी बड़ी प्यारी नज़रों से देख रहा था, उसकी पैंट सामने से फूल गयी थी।
ललिता हरिया को बहुत प्यासी निगाहों से देख रही थी,तभी वेंकि ने मेरे पर चढ़ायी कर दी। उसने। मेरा टॉप उतारा और ब्रा भी खोल दी, हरिया अपनी जीभ होंठों पर फेर रहा था मेरी चूचियाँ देखकर। तभी नायडू हरिया से बोला, अरे तू क्या बेबी को ही देखता रहेगा, चल ललिता के कपड़े खोल । हरिया आगे बढ़ा और ललिता के गाउन के ऊपर से उसकी चूचियाँदबा दीं और वो आ कर उठी! फिर उसने उसका गाउन उतर दिया, वोब्रा में क़ैद उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ देखकर पागल सा हो गया।उसने ब्रा के ऊपर से ही उनको मसलना शुरू किया, वो आह आह कर उठी। फिर उसने ललिता की ब्रा खोल दी। अब उसकी बड़ी चूचियाँ सामने लटक गयीं। उसके लम्बे निपल्ज़ खड़े थे , वो बहुत उत्तेजित थी। उधर नायडू ने हरिया की पाजामा खोल दिया , उसने चड्डी नहीं पहनी थी, उसका काला लम्बा लंड पूरा खड़ा था और लपलपा रहा था। नायडू ने उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगा ,ललिता की चूचियाँ दबाने के बाद उसने उसकी पैंटी भी खोल दी । अब ललिता पूरी नंगी थी और वो ललिता के ऊपर गया और उसकी चूत सहलाते हुए उसकी चुचि मुँह में लेकर चूसने लगा । तभी वेंकि ने मुझे और ख़ुद को भी नंगा कर दिया । वेंकि ने मेरी एक चुचि चूसना शुरू किया और तभी हरिया ने ललिता की चुचि चूसते हुए मेरी एक चुचि मुट्ठी में भरकर दबाने लगा। फिर ललिता ने कहा आह ,हरिया अब चोदो मुझे , हरिया ने अपने को नीचे खिसकाया और ललिता के पैरों की तरफ़ आकर उसके दोनों पैर अलग किए और ध्यान से उसकी बिना बालों की चू त को देखने लगा और उसकी चूत को झुक कर चूम लिया ।
मैं तो ये सब सुनकर हाक्का बक्का रह गया । फिर एक दिन मैं आंटी के घर गया , उसके बेटे से मिलने, पर घर मैं वो अकेली थीं। उन्होंने मुझे प्यार से बैठाया और बोला सब लोग बाहर गए हैं । फिर वो मेरे लिए चाई लायी । चाई देने के लिए वो झुकी तो उनकी बड़ी छातियाँ जो गाउन से झाँक रही थी, मुझे उत्तेजित कर दीं और मेरा लंड खड़ा हो गया । अपनी उम्र के लिहाज़ से मेरा लंड बड़ा ही था, उन दिनों भी क़रीब ५ इंच का हो गया था। आंटी ने मुझे उत्तेजित होते देख लिया और मुस्करायी । फिर वो बातें करने लगी मेरी गर्ल फ़्रेंड का पूछा। मैंने उनको कहा, मैं तो अभी छोटा हूँ, वो हँसते हुए मेरे लंड को देख कर बोलीं, मुझे तो लगता है की तुम बड़े हो गए हो। मैं शर्मा गया। वो बोली, आओ यहाँ मेरे पास बैठो, मैं उठाकर उनके पास सोफ़े पर बैठ गया। फिर वो मेरे कंधे में हाथ रख कर बोलीं, मैं तुमको कैसी लगती हूँ? मैं बोला, बहुत अछी । वो झुक कर मेरे गाल चूमकर बोली, मेरा क्या अच्छा लगता है? उनकी बड़ी छाती मेरे कंधे में दब गयी, और मेरा लंड बिलकुल मस्त हो गया। मैं बोला, आप ग़ुस्सा तो नहीं होगी, उन्होंने ना में सर हिलाया । तब मैं बोला , ये आपकी बड़ी बड़ी छातियाँ । वो हँसी और मेरा हाथ पकड़कर अपनी दोनों छातियों अपर रख दिया और बोलीं, लो ये ही तुम्हें पसंद है ना? मैं मज़े में भर कर उनकी छातियाँ दबाने लगा और फिर वो मुझे होंठों पर चूमने लगीं और उनका हाथ मेरे लंड पर आ गया और वो उसे पैंट के ऊपर से दबाने लगी।मैं भी उनको अपने से चिपका लिया। वो बोलीं , पूरा मज़ा लेना है तो चलो बेडरूम में चलो। मैं जल्दी से खड़ा हो गया । वो बेडरूम में आ कर बोलीं, कपड़े खोलो । मैंने फटाफट अपने कपड़े उतार दिए , मेरे लंड को उन्होंने प्यार से सहलाया और नीचे झुक कर चूम लिया। मैं तो मज़े से पागल हो गया । वो बोलीं, पहले किया है? मैंने ना में सर हिलाया। वो बोली, चलो तुम अभी सीख जाओगे । फिर वो भी नंगी हो गयी, और बिस्तर पर लेट गयीं। मैंने उनके ऊपर चढ़कर उनके चूचियों को दबाना और चूसना चालू किया जैसे अब्बा और सलाम अंकल ने अम्मी के साथ किया था। फिर नीचे आकर मैंने उनकी टांगों को फैलाकर उनकी चूत के दर्शन किए। आह फूली हुई चूत के बीच एक लम्बा कटाव था, और पूरी गीली हो गयी थी। मैंने उसको चूमा और चाटा और फिर आंटी ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत के अंदर कर दिया । फिर इन्होंने चोदना सिखाया । जल्द ही मैं धक्के मारने लगा और आंटी के आहें निकलने लगी। क़रीब १० मिनट में मैं झड़ गया।
थोड़ी देर आराम करने के बाद मेरा फिर खड़ा हो गया, अबकि मैंने उनकी फिर से चूदाँयी शुरू की। इस बार मैं करीब ४० मिनट चोदा । वो निधाल हो गयी और बोली तू अभी से पूरा चुदक्कड हो गया है रे, मेरी तो हड्डी पसलि हिल गयी। फिर उन्होंने मुझे ख़ूब प्यार किया, और खिला पिला कर अपने घर भेजा। ये थी मेरी पहली चूदायी की कहानी।
रहमान अंकल चुप हो गए, नायडू बोला, तुम्हरे अंकल ने तुम्हारी बहन को चोदा? अंकल बोले, ये सब फिर कभी, अभी मैं ललिता को चोदूँगा , और उसका हाथ पकड़कर बेडरूम की तरफ़ जाने लगे उनका खड़ा लंड ललिता प्यार से सहला रही थी, वेंकि ने भी मुझे गोद में उठाकर बेडरूम लेज़ाकर बेड पर पटक दिया और अपने खड़े लंड के साथ मेरे ऊपर चढ़ गया। फिर ललिता और मेरी ज़बरदस्त चूदायी चालू हो गयी जो क़रीब आधा घंटा चली। नायडू यहाँ वहाँ घूम कर हमारी छातियाँ दबा रहा था और हमारी गाँड़ में ऊँगली डाल रहा था। फिर हम सब झड़कर सो गए। रात में मेरी नींद खुली तो नायडू और अंकल बिस्तर पर बही थे। मैंने सोचा ज़रूर अंकल नायडू की गाँड़ मार रहे होंगे, एसा सोच कर मैं धीरे से कमरे से बाहर आइ तो देखा आख़िरी कमरे में थोड़ी रोशनी थी और कुछ आवाज़ें हल्की सी आ रही थी। में उस तरफ़ गयी, और उस कमरे में खिड़की से झाँकी, अंदर का दृश्य हैरान करने वाला था। कमरे में एक क़रीब ४० साल का एक मज़बूत बदन का आदमी कुर्सी i नंगा बैठा था, और नायडू उसका मोटा काला लंड चूस रहा था और अंकल एक छोटी उम्र की लड़की के ऊपर चढ़ कर उसकी छोटी छाती को चूस रहे थे, वो लड़की उम्र में मुझसे भी क़रीब २/३ साल छोटी दिख रही थी। फिर वो आदमी नायडू को घोड़ा बनाकर उनके छेद में क्रीम लगाने लगा , और फिर अपने लंड पर भी क्रीम लगाया और उसने नायडू की हैंड में धीरे से लंड डाल दिया और उनकी गाँड़ मारने लगा । उधर अंकल भी उस लड़की की चूत चाटे फिर वो भी क्रीम लगाए उसकी चूत में और अपने लंड में भी। फिर इन्होंने उस लड़की के होंठ पर अपने होंठ रख दिया और लंड अंदर डालने लगे, वो लड़की तड़पने लगी और नीचे से निकल कर बचने की कोशिश करने लगी । उसके मुँह se गु गु की आवाज़ आ रही थी क्यूँकि उसका मुँह अंकल ने अपने मुँह में दबा रखा था। । फिर अंकल पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो बाद में उसके सामान्य होने के बाद फिर से लंड पेलने लगे। अब उस लड़की का विरोध मज़े में बदलने लगा और वो भी आह ऊ ओह करने लगी। इधर नायडू की ठुकाई भी ज़ोरों से हो रही थी, उधर अंकल भी अब पूरे ज़ोर से चोद रहे थे। थोड़े देर बाद सब झड़कर शांत हो गए। अंकल के लंड में लाल ख़ून लगा था, मैं समझ गयी की बेचारी की सील टूट गयी है।मैं वहाँ से हाथ गयी और वापस आकर सो गयी। थोड़ी देर में अंकल और नायडू भी आकर सो गए।दूसरे दिन हम सुबह ही उठ गए । हम सबने कपड़े पहने क्यूँकि नौकर आएँगे ghar पर।
तभी वेंकि बोला, बेबी आज संडे है , प्लीज़ रुक जाओ। अंकल मुझे एक तरफ़ ले गए और बोले, देखो हम इस परिवार को नाराज़ नहीं कर सकते और वैसे मैंने तो १० बहे नंदजी के घर जाना है, तुम यहीं रुक जाओ , मैं शाम को आकर तुमको घर ले जाऊँगा , फिर रात को तुम्हें अपने नयी फ़िल्म के हीरो खान के घर भी जाना है। मैं मान गयी, फिर मैंने उनको रात वाली लड़की के बारे में पूछा, वो बोले , ओह तुमने देख लिया., वो इस घर के नौकर की भतीजी है, नायडू उसको २००००रूपया देकर चोदने के बहाने लाया , पर उसे तो अपने नौकर से गाँड़ मरवानी थी, वो सोचा बाद में साला नौकर कहीं ब्लैक्मेल ना करे इसलिए उसकी भतीजी भी चुदवा दी ताकि वो साला मुँह ना खोल सके। और अब वो अपने नौकर से भी गाँड़ मरवाया करेगा और नौकर भी मुँह नहीं खोलेगा। मैं बोली, पर आपकी तो मज़ा हो गयी। वो हँसने लगे और मेरा मुँह चूम लिया। मैं बोली, नंदजी के यहाँ क्या प्लान है? वो बोके, बस आज वो अपनी बेटी को चोद लेगा और ख़ुश हो जाएगा , फिर हम उसको उसका वादा याद दिलाएँगे की अब तुम्हारी फ़िल्म में पैसा लगाए । मैं बोली, आप उसकी बीवी को नहीं ठोकोगे? वो हँसे , ये भी कोई पूछने की बात है।और मेरी चुचि दबा दिए। हम दोनों हँसे और मैं वापस आती और वेंकि को बोली , ठीक है मैं आह शाम तक यहीं रहूँगी। वो सब ख़ुश हो गए और वेंकि ने मुझे अपनी गोद में खिंच लिया और चूमने लगा। उसके माँ और पापा हंस पड़े । फिर किसी नौकर की आवाज़ आयी तो मैं गोद से उठ गयी और उसके साथ बैठ गयी।
नाश्ता कर के अंकल अपने घर चले गए , वो वहाँ से तय्यार होकर नंदजी के घर करने वाले थे। मैं नायडू के परिवार के साथ ही रह गयी। नायडू बोला , अभी ११ बजे तक सब नौकरों की छुट्टी कर देंगे फिर तुम सब मज़े करना । वेंकि ने मेरे चूतरों पर हाथ फेरा और बोला, आज मैं बेबी की गाँड़ मारूँगा । उसके पापा हँसे और बोले, उसके अंकल ने इसका छेद ढीला कर दिया होगा , तुम्हें ज़्यादा परेशानी नहीं होगी। मैं शर्मा गयी, सब हँसने लगे। ललिता बोली , मुझे जब वेंकि ने गाँड़ में चोदा था, तब पहली बार बहुत दुखा था, अब तो मज़े से ले लेती हूँ। अंकल बोले, एक idea है, अपना नौकर हरिया है ना, वो ललिता को मज़े दे सकता है, बेबी तो वेंकि के साथ मस्त रहेगी , रहमान भी चला गया, इसलिए मैंने ललिता के लिए हरिया का इंतज़ाम किया है। ललिता बोली, मैं नौकर से नहीं करवाऊँगी, वो सबको बोलकर बदनाम कर देगा, तो नायडू बोला, अरे वो किसिको नहीं बोलेगा क्यूँकि उसकी भतीजी की सील कल मैंने रहमान से फड़वायी है, aur मैंने उसको हर महीने २००००/ रूपया देने की भी बात की है। जब वेंकि कॉलेज में हो तो तुम इससे मज़े से चूदवा लेना, और वो हँसने लगे, और बोले, ७ इंच का मोटा काला लंड है साले का। ललिता बोली, आप भी मरवा लिए क्या उससे? वो बोले, हाँ, तभी तो कह रहा हूँ। ललिता बोली, आप भी ना बस ज़्यादा ही मुँह मार रहे हो, फिर अपनी चूत खुजाते हुए बोली, चलो बुला लो, अब तक सब नौकर चले गए होंगे,आप सब दरवाज़ा बंद कर लेना। फिर वो हरिया को बुला लाए । उसके सर के बाल गिले थे, वो अभी नहा कर आया था। वेंकि बोला , काका आज माँ से मज़ा लोगे, वो बोला, छोटे मालिक आप जो हुकुम करोगे मैं वैसा ही करूँगा। वो ललिता और मुझे भी बड़ी प्यारी नज़रों से देख रहा था, उसकी पैंट सामने से फूल गयी थी।
ललिता हरिया को बहुत प्यासी निगाहों से देख रही थी,तभी वेंकि ने मेरे पर चढ़ायी कर दी। उसने। मेरा टॉप उतारा और ब्रा भी खोल दी, हरिया अपनी जीभ होंठों पर फेर रहा था मेरी चूचियाँ देखकर। तभी नायडू हरिया से बोला, अरे तू क्या बेबी को ही देखता रहेगा, चल ललिता के कपड़े खोल । हरिया आगे बढ़ा और ललिता के गाउन के ऊपर से उसकी चूचियाँदबा दीं और वो आ कर उठी! फिर उसने उसका गाउन उतर दिया, वोब्रा में क़ैद उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ देखकर पागल सा हो गया।उसने ब्रा के ऊपर से ही उनको मसलना शुरू किया, वो आह आह कर उठी। फिर उसने ललिता की ब्रा खोल दी। अब उसकी बड़ी चूचियाँ सामने लटक गयीं। उसके लम्बे निपल्ज़ खड़े थे , वो बहुत उत्तेजित थी। उधर नायडू ने हरिया की पाजामा खोल दिया , उसने चड्डी नहीं पहनी थी, उसका काला लम्बा लंड पूरा खड़ा था और लपलपा रहा था। नायडू ने उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगा ,ललिता की चूचियाँ दबाने के बाद उसने उसकी पैंटी भी खोल दी । अब ललिता पूरी नंगी थी और वो ललिता के ऊपर गया और उसकी चूत सहलाते हुए उसकी चुचि मुँह में लेकर चूसने लगा । तभी वेंकि ने मुझे और ख़ुद को भी नंगा कर दिया । वेंकि ने मेरी एक चुचि चूसना शुरू किया और तभी हरिया ने ललिता की चुचि चूसते हुए मेरी एक चुचि मुट्ठी में भरकर दबाने लगा। फिर ललिता ने कहा आह ,हरिया अब चोदो मुझे , हरिया ने अपने को नीचे खिसकाया और ललिता के पैरों की तरफ़ आकर उसके दोनों पैर अलग किए और ध्यान से उसकी बिना बालों की चू त को देखने लगा और उसकी चूत को झुक कर चूम लिया ।