फिर वहाँ आए लोग नीरा को एक एक करके अपने साथ में लाए गिफ्ट्स देने लगते है. लेकिन नीरा को जिस चीज़ का सब से ज़्यादा इंतजार था वो था मेरा गिफ्ट,पापा ने उसको एक बेशक़ीमती डाइमंड्स का नेकलेस दिया जिसे नीरा ने वही पहन लिया फिर सभी परिवार वालो ने कुछ ना कुछ गिफ्ट्स नीरा को दिए.
लेकिन उसके चेहरे पर उदासी सॉफ दिखाई दे रही थी क्योकि अभी तक मैने जो उसे गिफ्ट नही दिया था.
नीरा रूही से...
नीरा--दीदी भैया कहाँ चले गये उन्होने तो अभी तक केक भी नही खाया.
रूही--मुस्कुराते हुए...होगा यहीं कहीं पार्टी में ही मेहमानो के साथ लेकिन तू उसकी चिंता क्यो कर रही है.थोड़ी देर में आज़ाएगा तो उसे भी केक खिला देना .
नीरा--ओहूओ दीदी आप तो कुछ समझती नही हो , भैया ने अभी तक मेरा बर्त डे गिफ्ट नही दिया है.
रूही--अच्छाअ...तभी में सोचु तू इतनी परेशान क्यो हो रही है, जब तक तुझे उसका गिफ्ट नही मिलेगा तब तक तुझे तेरा बर्त डे कंप्लीट नही लगता.
नीरा--हाँ दीदी आप सही कह रही हो , लेकिन भाई गया कहाँ.
में--क्या हुआ मेरी गुड़िया इतनी उदास क्यो लग रही है.
नीरा--आप कहाँ चले गये थे , पहले आप ये केक खाओ.
लेकिन में उसके हाथ से केक लेकर उसके मूह में डाल देता हूँ. ऑर फिर बचा हुआ टुकड़ा खुद खा जाता हूँ.
नीरा--चलो अब मेरा गिफ्ट निकालो कहाँ है.
में--अरे यार तेरा गिफ्ट तो में भूल गया, मुझे माफ़ कर दे मेरी बहन.
नीरा--गुस्से से... सुबह से में आप से कह रही हूँ गिफ्ट के लिए ऑर आप मेरा गिफ्ट भूल गये .
ऑर उसके बाद नीरा वहाँ से अपने रूम की तरफ़ भागने लगती है.
में--अरे नीरा रुक कहाँ भाग रही है.
नीरा--मुझे आप से बात नही करनी भैया, मुझे समझ जाना चाहिए था कि आप मुझ से बिल्कुल भी प्यार नही करते.
ऑर अपने रूम का दरवाजा खोल कर अंदर जा कर दरवाजा लॉक कर लेती है.
में--नीरा दरवाजा खोल ,दरवाजा क्यो बंद कर लिया.
नीरा--मुझे आप से कोई बात नही करनी भैया... मेरे बर्त डे वाले दिन ही आपने मेरा दिल तोड़ दिया.
में-- लेकिन तेरा गिफ्ट तो लेले.
नीरा--नही चाहिए आपका कोई भी गिफ्ट.
में--अच्छा एक काम कर सामने वाली दीवार को देख.
नीरा--मुझे कुछ नही देखना आप जाओ यहाँ से.
में--अच्छा बस एक बार सामने दीवार पर देख तेरा गिफ्ट वहीं पर है.
थोड़ी देर बाद दरवाजा खुलने की आवाज़ आती है ऑर में रूम के अंदर चला जाता हूँ मेरे रूम के अंदर घुसते ही नीरा मुझे बाहो में भर लेती है ऑर मेरे चेहरे को बेतहाशा चूमने लग जाती है.
नीरा--भैया आपका ये गिफ्ट अब तक का सब से बेस्ट गिफ्ट है.
ओर फिर उसकी आँखो में आँसू आजाते है .
में उसके आँसू पोंछते हुए कहता हूँ.
में--नीरा तू मेरी जान है, ऑर मेरी जान की आँखो में आँसू अच्छे नही लगते है.
नीरा--भैया में आपको अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ ....मुझे कभी छोड़ के मत जाना हमेशा मेरे पास रहना बोलो रहोगे ना पास ....खाओ मेरी कसम.
में---तेरी कसम नीरा में हमेशा तुझे अपने दिल के पास रखूँगा , जब कभी तेरी आँखो से आँसू निकलेंगे तो ये मान लेना तेरा भाई भी उस वक़्त खून के आँसू रो रहा होगा.
तेरी कसम ....में पूरी दुनिया से अकेला तेरे लिए लड़ जाउन्गा . तुझ पर उठी हर बुरी नज़र तुझ पर पड़ने से पहले उसका सामना मुझ से होगा..तेरी कसम मेरी बहना तेरी कसम....,
वहाँ रूही कब से खड़ी हम लोग की बाते सुन रही थी फिर अचानक वो बोलती है.
रूही--नीरा तू कितनी ख़ुसनसीब है जो तुझे इतना प्यार करने वाला भाई मिला.
में--दीदी क्या में आपका भाई नही हूँ क्या??
ऑर में अपनी बाहे फैला लेता हूँ मेरी दोनो बहने मेरी बाहों में समा चुकी थी,हम तीनो की आँखो में आँसू थे लेकिन वो बस खुशी के आँसू थे उन में दुख ओर दर्द की ज़रा सी भी मिलावट नही थी.....
तभी रूही ने नीरा से पूछा..
रूही--नीरा तेरा गिफ्ट तो दिखा ऐसा क्या दिया है भाई ने तुझे.
नीरा दीवार की तरफ़ देखने का इशारा करती है रूही को.
वहाँ एक बड़ा सा वॉलपेपर लगा हुआ था जिसमें बीचो बीच जय ऑर नीरा की एक बड़ी सी फोटो थी मस्ती करते हुए बाकी कुछ फोटो उन दोनो के बचपन की थी..
रूही--वास्तव में ऐसा प्यार भरा गिफ्ट तुझे आज तक किसी ने नही दिया होगा ...ऑर सब से बड़ी बात में भी इन तस्वीरों में शामिल हूँ.
में--हम लोगो का बचपन साथ में बीता है दीदी जितना में नीरा को प्यार करता हूँ उस से कही ज़्यादा आप मुझ से प्यार करती है.
नीरा--ऑर में तुम दोनो को ...
नीरा की ये बात सुनकर हम दोनो हँसने लगे.
रूही अब चलो तुम दोनो खाना खा लो फिर तुम्हे कल कॉलेज भी जाना है ऑर नीरा को स्कूल.
उसके बाद हम बाहर आकर खाना खाने लग जाते है...