hotaks444
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अगले दिन सवेरे सवेरे....
नीरा बड़े प्यार से मुझे उठा रही थी....और मैं अभी तक उसकी बाहों में बेसूध पड़ा सो रहा था....
नीरा--जान उठ जाओ कोई आपको इस हालत में देखेगा तो क्या सोचेगा....प्लीज़ अब जल्दी से उठकर कपड़े पहनो....मैं बाहर जा रही हूँ.....
में--क्या हुआ जान क्यो शौर मचा रही है सुबह सुबह....सोने दे ना.
नीरा--पहले कपड़े पहन लो फिर सो जाओ वापस....
में--ठीक है...पहनता हूँ लेकिन उसके बाद मुझे एक घंटे तक कोई मत छेड़ना....
नीरा--नही छेड़ेगा कोई भी....क्योकि आपका ये डंडा आपको ज़्यादा देर सोने नही देगा....अब मैं जा रही हूँ बाहर....याद आजाए तो जल्दी आ जाना...
उसके बाद नीरा बाहर चली गयी और सुबह की ठंडक की वजह से चादर के अंदर मेरे लिंग ने तंबू बना रखा था....मैने उसे ज़ोर के मसल कर अपने कपड़े पहन लिए और एक पिल्लो अपनी दोनो टाँगो के बीच मे रख कर फिर से सो गया....
बाहर सभी लोग चाय की चुस्कियो के साथ सुबह की ताज़गी का मज़ा ले रहे थे....
मम्मी--वाह सुबह सुबह ऐसे प्रकृति के बीच खुद को पाकर दिलो दिमाग़ सुकून से भर जाते है...
भाभी--सही कहा मम्मी....जंगल की ताज़ी हवा सुबह सुबह पक्षियों की चाहचाहट सारी थकावट मिटा देती है....
कोमल--आज कहाँ चलेंगे हम....कल वैसे नदी पर खूब मस्ती करी सभी लोगो ने...
मम्मी--ये तो जय ही बताएगा कि कहाँ चलना है....वो अभी तक उठा नही क्या....
नीरा--मैने उठा दिया है मम्मी....वो बस थोड़ी ही देर मे आजाएँगे....
शमा--वैसे और क्या क्या देखने लायक जगह है इस जंगल मे....
मम्मी--नीरा तू जय के पास से वो मॅप लेकर आ....हम भी कुछ नया ढूँढने की कोशिश करते हैं उस मॅप मे....शायद आज कोई जगह हमे मिल जाए....
नीरा--रूही दीदी आप ऐसे चुप चाप क्यो खड़ी हो....वैसे कल रात को अकेले अकेले कहाँ घूमने चली गयी थी....
रूही--अच्छा वो....रात को खाना ज़्यादा हो गया था तो सोचा थोड़ी वॉक कर लूँ....बस इसीलिए निकल गयी थी....
मम्मी--रूही बेटा...ऐसे जंगल मे अकेले नही जाना चाहिए तुझे....पता नही कब कौनसी मुसीबत आजाए....
नीरा तब तक जाकर कॅंप मे से वो मॅप ले आई थी जंगल का....
नीरा बड़े प्यार से मुझे उठा रही थी....और मैं अभी तक उसकी बाहों में बेसूध पड़ा सो रहा था....
नीरा--जान उठ जाओ कोई आपको इस हालत में देखेगा तो क्या सोचेगा....प्लीज़ अब जल्दी से उठकर कपड़े पहनो....मैं बाहर जा रही हूँ.....
में--क्या हुआ जान क्यो शौर मचा रही है सुबह सुबह....सोने दे ना.
नीरा--पहले कपड़े पहन लो फिर सो जाओ वापस....
में--ठीक है...पहनता हूँ लेकिन उसके बाद मुझे एक घंटे तक कोई मत छेड़ना....
नीरा--नही छेड़ेगा कोई भी....क्योकि आपका ये डंडा आपको ज़्यादा देर सोने नही देगा....अब मैं जा रही हूँ बाहर....याद आजाए तो जल्दी आ जाना...
उसके बाद नीरा बाहर चली गयी और सुबह की ठंडक की वजह से चादर के अंदर मेरे लिंग ने तंबू बना रखा था....मैने उसे ज़ोर के मसल कर अपने कपड़े पहन लिए और एक पिल्लो अपनी दोनो टाँगो के बीच मे रख कर फिर से सो गया....
बाहर सभी लोग चाय की चुस्कियो के साथ सुबह की ताज़गी का मज़ा ले रहे थे....
मम्मी--वाह सुबह सुबह ऐसे प्रकृति के बीच खुद को पाकर दिलो दिमाग़ सुकून से भर जाते है...
भाभी--सही कहा मम्मी....जंगल की ताज़ी हवा सुबह सुबह पक्षियों की चाहचाहट सारी थकावट मिटा देती है....
कोमल--आज कहाँ चलेंगे हम....कल वैसे नदी पर खूब मस्ती करी सभी लोगो ने...
मम्मी--ये तो जय ही बताएगा कि कहाँ चलना है....वो अभी तक उठा नही क्या....
नीरा--मैने उठा दिया है मम्मी....वो बस थोड़ी ही देर मे आजाएँगे....
शमा--वैसे और क्या क्या देखने लायक जगह है इस जंगल मे....
मम्मी--नीरा तू जय के पास से वो मॅप लेकर आ....हम भी कुछ नया ढूँढने की कोशिश करते हैं उस मॅप मे....शायद आज कोई जगह हमे मिल जाए....
नीरा--रूही दीदी आप ऐसे चुप चाप क्यो खड़ी हो....वैसे कल रात को अकेले अकेले कहाँ घूमने चली गयी थी....
रूही--अच्छा वो....रात को खाना ज़्यादा हो गया था तो सोचा थोड़ी वॉक कर लूँ....बस इसीलिए निकल गयी थी....
मम्मी--रूही बेटा...ऐसे जंगल मे अकेले नही जाना चाहिए तुझे....पता नही कब कौनसी मुसीबत आजाए....
नीरा तब तक जाकर कॅंप मे से वो मॅप ले आई थी जंगल का....