hotaks444
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कस्तूरी---- क्या बात हैं, अभी आम का समय आया भी नही है, फीर भी मेरी अनन्या बेटी का आम इतना बड़ा हो गया हैं ।
अनन्या--- कैसा आम चाची?
कस्तूरी--- अरे तेरे आम बेटी ।
अनन्या--- शर्मा जाती है , क्या चाची आप भी ना कितनी गंदी हो ।
कस्तूरी--- अच्छा बेटी, सच बोली तो मैं गंदी हो गई ।
तभी सुनीता भी वहां आ जाती है ........।
सुनीता----- कस्तूरी तू नहायी नही अभी तक ।
कस्तूरी--- अरे दीदी, ये अनन्या को तो पहले नहाने दो । कितना रगड़ रगड़ कर नहा रही हैं ।
सुनीता---- अच्छा ठीक हैं , तू भी नहा ले जल्दी से....... और कह कर वहा से चली जाती हैं ।
अनन्या अब तक नहा कर कपड़े भी बदल चुकी थी ।
कस्तूरी भी नहाने के लिए जैसे ही अपना ब्लऊज निकलती हैं ।
अनन्या--- खुद बड़े बड़े खर्बुजे ले के घूम रही हो चाची और तुम आम की बात कर रही हो ।
कस्तूरी ये सुन कर हंसने लगती है .............अरे अनन्या बेटी, जब तेरी भी शादी हो जायेगी ना तो तेरा भी आम खर्बुजे जैसा हो जायेगा ।
ये सुन अनन्या शर्मा कर वहां से भाग जाती हैं .......।
कस्तूरी नहाते नहाते उसका ध्यान उसकी बुर पर जाता है .......जो सोनू का लंड लेके खुल चुकी थी, कस्तूरी अपने बुर पर हाथ रखते ही उसके मुह से .......सी, सी की आवाज़ निकलती है और सोनू के लंड के सपनो में जैसे खो जाती है ।
कस्तूरी (मन में)---- आह ....... सोनू क्या हालत कर दी तूने अपने चाची के बुर की, पुरा का पुरा खोल दीया । बस अब तू इसको खोलते जा बेटा तेरे लंड के बिना अब चैन नही आता रे....।
तभी वहा अनीता पहुंच जाती है .......कस्तूरी की आंखे बंद थी और उसका एक उंगली उसके बुर में था ......कस्तूरी की सूजी हुई बुर देख कर अनीता ये समझ जाती है की कस्तूरी ने सोनू के लंड से अपनी बुर खुलवा ली है ।
अनीता--- अब नहा भी लो दीदी ।
ये सुन कस्तूरी हड़बड़ा जाती है .....और जैसे ही आंख खोलती है उसके सामने अनीता खड़ी थी ।
कस्तूरी---- अरे तुने तो, मुझे डरा ही दीया । मुझे लगा कौन आ गया?
अनीता--- हा दीदी, तुम्हे लगा सोनू आ गया ।
कस्तूरी --- धत बेशरम .....और शरमा जाती है ।
अनीता----- दीदी, फीर तुमने आखिर सोनू से खुलवा ही लिया अपना ।
कस्तूरी---- हाय रे, अनीता बड़ा बेरहम है ......सच में औरतों पर रहम नही करता .....लेकीन मज़ा भी बहुत देता हैं ।
अनीता---- तुम्हारे ही तो मज़े हैं दीदी ।
कस्तूरी---- तू चिंता मत कर, तेरा भी जुगाड़ लगती हूं सोनू का लंड तेरा भी फाड़ फाड़ कर चोदेगा । तेरी बुर ........
अनीता शर्मा जाती है और जैसे ही वहां से जाने को होती हैं कस्तूरी उसका हाथ पकड़ अपनी तरफ़ खींच लेती हैं ।
अनीता---- आह .....दीदी क्या करती हो ......छोड़ो कोई देख लेगा ।
कस्तूरी ने अपना हाथ अनीता की चुचियो पर रख जोर जोर से मसलने लगती हैं .....।
अनीता---- आह दीदी .....दर्द हो रहा है .....थोड़ा धी.......रे। तुम भी सोनू से .....आह चुदवा कर उसकी तरह बेरहम हो गई हो क्या ।
कस्तूरी---- मेरी बेरहमी कुछ नही है ....अनीता । जब सोनू तेरी चुचिया मसलेगा तब पता चलेगा ....... aur फीर कस्तूरी अपना मुह अनीता के मुह में डाल देती हैं ।
अनन्या--- कैसा आम चाची?
कस्तूरी--- अरे तेरे आम बेटी ।
अनन्या--- शर्मा जाती है , क्या चाची आप भी ना कितनी गंदी हो ।
कस्तूरी--- अच्छा बेटी, सच बोली तो मैं गंदी हो गई ।
तभी सुनीता भी वहां आ जाती है ........।
सुनीता----- कस्तूरी तू नहायी नही अभी तक ।
कस्तूरी--- अरे दीदी, ये अनन्या को तो पहले नहाने दो । कितना रगड़ रगड़ कर नहा रही हैं ।
सुनीता---- अच्छा ठीक हैं , तू भी नहा ले जल्दी से....... और कह कर वहा से चली जाती हैं ।
अनन्या अब तक नहा कर कपड़े भी बदल चुकी थी ।
कस्तूरी भी नहाने के लिए जैसे ही अपना ब्लऊज निकलती हैं ।
अनन्या--- खुद बड़े बड़े खर्बुजे ले के घूम रही हो चाची और तुम आम की बात कर रही हो ।
कस्तूरी ये सुन कर हंसने लगती है .............अरे अनन्या बेटी, जब तेरी भी शादी हो जायेगी ना तो तेरा भी आम खर्बुजे जैसा हो जायेगा ।
ये सुन अनन्या शर्मा कर वहां से भाग जाती हैं .......।
कस्तूरी नहाते नहाते उसका ध्यान उसकी बुर पर जाता है .......जो सोनू का लंड लेके खुल चुकी थी, कस्तूरी अपने बुर पर हाथ रखते ही उसके मुह से .......सी, सी की आवाज़ निकलती है और सोनू के लंड के सपनो में जैसे खो जाती है ।
कस्तूरी (मन में)---- आह ....... सोनू क्या हालत कर दी तूने अपने चाची के बुर की, पुरा का पुरा खोल दीया । बस अब तू इसको खोलते जा बेटा तेरे लंड के बिना अब चैन नही आता रे....।
तभी वहा अनीता पहुंच जाती है .......कस्तूरी की आंखे बंद थी और उसका एक उंगली उसके बुर में था ......कस्तूरी की सूजी हुई बुर देख कर अनीता ये समझ जाती है की कस्तूरी ने सोनू के लंड से अपनी बुर खुलवा ली है ।
अनीता--- अब नहा भी लो दीदी ।
ये सुन कस्तूरी हड़बड़ा जाती है .....और जैसे ही आंख खोलती है उसके सामने अनीता खड़ी थी ।
कस्तूरी---- अरे तुने तो, मुझे डरा ही दीया । मुझे लगा कौन आ गया?
अनीता--- हा दीदी, तुम्हे लगा सोनू आ गया ।
कस्तूरी --- धत बेशरम .....और शरमा जाती है ।
अनीता----- दीदी, फीर तुमने आखिर सोनू से खुलवा ही लिया अपना ।
कस्तूरी---- हाय रे, अनीता बड़ा बेरहम है ......सच में औरतों पर रहम नही करता .....लेकीन मज़ा भी बहुत देता हैं ।
अनीता---- तुम्हारे ही तो मज़े हैं दीदी ।
कस्तूरी---- तू चिंता मत कर, तेरा भी जुगाड़ लगती हूं सोनू का लंड तेरा भी फाड़ फाड़ कर चोदेगा । तेरी बुर ........
अनीता शर्मा जाती है और जैसे ही वहां से जाने को होती हैं कस्तूरी उसका हाथ पकड़ अपनी तरफ़ खींच लेती हैं ।
अनीता---- आह .....दीदी क्या करती हो ......छोड़ो कोई देख लेगा ।
कस्तूरी ने अपना हाथ अनीता की चुचियो पर रख जोर जोर से मसलने लगती हैं .....।
अनीता---- आह दीदी .....दर्द हो रहा है .....थोड़ा धी.......रे। तुम भी सोनू से .....आह चुदवा कर उसकी तरह बेरहम हो गई हो क्या ।
कस्तूरी---- मेरी बेरहमी कुछ नही है ....अनीता । जब सोनू तेरी चुचिया मसलेगा तब पता चलेगा ....... aur फीर कस्तूरी अपना मुह अनीता के मुह में डाल देती हैं ।