hotaks444
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सोनू छत पर खाट पर लेट वैभवी की कही हुइ बाते सोच ही रहा था की तभी कस्तुरी वहा आ जती है.......।
कस्तुरी खाट पर बैठते हुए सोनू के गाल को चूम लेती है ........।
सोनू----- चाची तुम जाओ यहा से........मेरा मुड़ खराब है।
कस्तुरी---- तो मै ठीक कर देती हूँ तेरा मुड़ ।
सोनू----- चाची तू जा अभी नही......मुझे अकेला रहने दे कुछ समय ।
कस्तुरी---- क्या हुआ कुछ बतायेगा भी?
सोनू---- चाची......मै तेरे हाथ जोड़ता हूं .....अभी जा तू।
कस्तुरी वहां से निचे चली आती है...............।
_____________________________________________________
बचन खेत में से सीधा घर आता है.......... जहा सीमा अपने माँ के खाट के बगल वाली खाट पर लेटी थी।
सीमा जैसे ही अपने बापू को देखती है उठ कर खाट पर बैठ जाती है........।
बचन---- सीमा बिटिया माँ नही दीख रही है?
सीमा---- बापू दादी....... शीला काकी के घर गई है.......।
बेचन----- अपने लंड को धोती के उपर से सहलाते हुए बोला की तू नही गई ........।
सीमा ये नजारा देख शर्मा जाती है..........।
बेचन को इतना इशारा काफी था........... झुमरी तो मस्त रजाई ओढ़ कर सो रही थी उसे इतना भी नही पता था की उसकी बेटी और उसका मरद दोनो क्या गुल खिला रहे है..........।
बेचन धीरे से सीमा के नजदीक जा कर उसे अपने गोद में उठा लेता है......।
सीमा (धीरे से)----- बापू ये क्या कर रहे हो?
बेचन (सीमा के कान में)----- चल उपर छत पे बताता हू........।
और सीमा को अपनी गोद में लिये छत पर आ जाता है। छत के घर के अंदर बने कमरे में बेचन सीमा को खाट पर लिटा देता है......... ।
कस्तुरी खाट पर बैठते हुए सोनू के गाल को चूम लेती है ........।
सोनू----- चाची तुम जाओ यहा से........मेरा मुड़ खराब है।
कस्तुरी---- तो मै ठीक कर देती हूँ तेरा मुड़ ।
सोनू----- चाची तू जा अभी नही......मुझे अकेला रहने दे कुछ समय ।
कस्तुरी---- क्या हुआ कुछ बतायेगा भी?
सोनू---- चाची......मै तेरे हाथ जोड़ता हूं .....अभी जा तू।
कस्तुरी वहां से निचे चली आती है...............।
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बचन खेत में से सीधा घर आता है.......... जहा सीमा अपने माँ के खाट के बगल वाली खाट पर लेटी थी।
सीमा जैसे ही अपने बापू को देखती है उठ कर खाट पर बैठ जाती है........।
बचन---- सीमा बिटिया माँ नही दीख रही है?
सीमा---- बापू दादी....... शीला काकी के घर गई है.......।
बेचन----- अपने लंड को धोती के उपर से सहलाते हुए बोला की तू नही गई ........।
सीमा ये नजारा देख शर्मा जाती है..........।
बेचन को इतना इशारा काफी था........... झुमरी तो मस्त रजाई ओढ़ कर सो रही थी उसे इतना भी नही पता था की उसकी बेटी और उसका मरद दोनो क्या गुल खिला रहे है..........।
बेचन धीरे से सीमा के नजदीक जा कर उसे अपने गोद में उठा लेता है......।
सीमा (धीरे से)----- बापू ये क्या कर रहे हो?
बेचन (सीमा के कान में)----- चल उपर छत पे बताता हू........।
और सीमा को अपनी गोद में लिये छत पर आ जाता है। छत के घर के अंदर बने कमरे में बेचन सीमा को खाट पर लिटा देता है......... ।