desiaks
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वहीं दूसरी तरफ रूबी अनूप के कमरे से निकली और किचेन में घुस कर साहिल के लिए दूध गर्म करने लगी।
साहिल सोच रहा था कि आज जो उसने अपने बाप के साथ किया क्या वो ठीक था ? उसके दिल और दिमाग के बीच गहरी जंग चल रही थी जिसमे आखिर कार जीत उसके दिल की हुई कि उसने बिल्कुल ठीक किया क्योंकि ऐसे कमीने बाप को तो मार मार कर ही ठीक करना चाहिए। मेरे बाप को गलत राह पर ले जाने के लिए सिर्फ नीरज जिम्मेदार हैं और मैं उसे ऐसा सबक सिखाने वाला हूं जो वो मारते दम तक नहीं भूलने वाला हैं।
दूसरी तरफ रूबी पर अब विटामिन सिरप का असर फिर से होने लगा और उसकी आंखे अपने आप लाल होने लगी। शरीर का तापमान बढ़ने लगा और गला सूखता हुआ महसूस हुआ। किचेन की गर्मी और दूसरा सिरप का असर जल्दी ही रूबी की हालत खराब होने लगी और उसने दूध को एक ग्लास में लिया और अपने बेटे के कमरे की तरफ चल पड़ी। कान में लटकते हुए बड़े बड़े बूंदे, माथे पर बीचों बीच गाल रंग की गोल बिंदी और मांग में सजा हुआ सिंदूर। कुल मिलाकर वो बेहद कामुक थी और आंखो में तैरते हुए लाल डोर उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे। उसकी साड़ी का पल्लू उसे बार बार कंधे पर से गिरकर परेशान कर रहा था इसलिए उसने पल्लू को कंधे पर सारी ब्लाउस के साथ बांध दिया और अपने बेटे के कमरे की तरफ चल पड़ी। जब से आज साहिल ने उसके आगे अनूप पर हाथ उठाया था तब से उसे साहिल पर बहुत प्यार अा रहा था।
रूबी कमरे के अंदर दाखिल हुई और जैसे ही साहिल की नजर उस पर पड़ी तो साहिल की सोच को विराम लगा और वो अपनी खूबसूरत मम्मी को देखने लगा। रूबी धीरे धीरे चलती हुई उसके पास पहुंच गई और लेते हुए साहिल की तरफ झुक कर दूध का ग्लास बढ़ाते हुए एक बहुत ही प्यारी स्माइल के साथ बोली:"
" लो बेटा दूध पियो "
रूबी के झुकने से उसकी मस्त चूचियो का उभार साफ़ नजर आया और साहिल को एकपल के लिए तो समझ ही नहीं आया कि उसकी मम्मी उसे कौन सा दूध पीने के लिए बोल रही हैं। उसने रूबी की चूचियों को देखते हुए अपना हाथ ग्लास की तरफ बढ़ा दिया लेकिन नजरे अभी भी रूबी की चूचियों पर ही टिकी हुई थी।साहिल जब ग्लास नहीं पकड़ पाया तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"
" कहां खो गए बेटा? ग्लास तो पकड़ लो ध्यान से तुम !!
साहिल को अपनी मम्मी की बात सुनकर झटका सा लगा और उसे अपने आप पर शर्म महसूस हुई और उसने नजरे झुकाते हुए ग्लास पकड़ लिया और दूध पीने लगा। रूबी उसकी ये हालत देखकर अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगी।
रूबी: बेटा आज तो तुम्हे सब कुछ साफ हो गया होगा क्योंकि आज तो तुमने अपने बाप के मुंह से सब सुन लिया।
साहिल:" हान मम्मी मैं सच में कितना गलत था मुझे आज एहसास हुआ। मैं अपनी नजरो में खुद को गिरा हुआ महसूस कर रहा हूं।
रूबी ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली:'
" बेटा ज्यादा दुखी होने की बात नहीं है, गलती इंसान से ही होती हैं और तुमसे भी वही हुआ।
साहिल ने एक घूंट में ग्लास खाली कर दिया और अपना सिर रूबी की गोद में रख दिया तो रूबी प्यार से उसका सिर सहलाने लगी। दोनो मा बेटे को बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि आज दोनो के मन में छाए सब बादल साफ हो गए थे। जहां एक और साहिल खुद अपने बाप के मुंह से सब सुन चुका था वहीं रूबी ने भी आज देख लिया था कि साहिल उसका बेटा पूरी तरह से रूबी के साथ हैं।
रूबी:' बेटा आज तुमने जब अपने बाप पर हाथ उठाया तो मैं तो जैसे यकीन हो नहीं कर पा रही थी।
साहिल अपनी मां की आंखो में देखते हुए बोला:_
" अच्छा तो मुझे भी नहीं लगा मम्मी, लेकिन कोई आपको गलत कहे मैं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकता चाहे तो अनूप ही क्यों ना हो ! मुझे तो लगता हैं कि पापा पर मैंने बहुत पहले ही हाथ उठा देना चाहिए था तो अब तक तो सुधर जाते।
रूबी:" बेटा मुझे नहीं लगता कि तुम्हारे पापा अब सुधर सकते हैं, बल्कि कहीं ऐसा ना हो वो अब तुम्हारे भी दुश्मन बन जाए और ये सब मेरी वजह से हो रहा था।
इतना कहकर रूबी हल्का सा उदास हो गई तो साहिल उठ कर रूबी की गोद में बैठ गया और अब उसकी सांसे रूबी के मुंह पर पड़ रही थी। साहिल रूबी की आंखो में देखते हुए बोला:"
" मम्मी आपके लिए तो मैं पापा क्या सारी दुनिया से टकरा सकता हूं मम्मी।
रूबी साहिल के गाल को हल्का सा खींचते हुए बोली:'
" अच्छा जी, इतना प्यार करते हो तुम अपनी मम्मी से मेरे लाल।
साहिल रूबी की आंखो में पूरे आत्म विश्वास के साथ देखते हुए बोला'"
" इससे भी कहीं ज्यादा मम्मी, आपसे बढकर मेरे लिए दुनिया में कोई नहीं हैं।
रूबी ने साहिल के बालो को सहलाना शुरू किया और बोली:"
" बेटा मुझे हमेशा ऐसे ही प्यार करते रहना, अब तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं हैं बेटा। अनूप का अब मुझे कोई भरोसा नहीं। मेरी ज़िन्दगी बहुत मुश्किल हालात से गुजर रही हैं।
साहिल सोच रहा था कि आज जो उसने अपने बाप के साथ किया क्या वो ठीक था ? उसके दिल और दिमाग के बीच गहरी जंग चल रही थी जिसमे आखिर कार जीत उसके दिल की हुई कि उसने बिल्कुल ठीक किया क्योंकि ऐसे कमीने बाप को तो मार मार कर ही ठीक करना चाहिए। मेरे बाप को गलत राह पर ले जाने के लिए सिर्फ नीरज जिम्मेदार हैं और मैं उसे ऐसा सबक सिखाने वाला हूं जो वो मारते दम तक नहीं भूलने वाला हैं।
दूसरी तरफ रूबी पर अब विटामिन सिरप का असर फिर से होने लगा और उसकी आंखे अपने आप लाल होने लगी। शरीर का तापमान बढ़ने लगा और गला सूखता हुआ महसूस हुआ। किचेन की गर्मी और दूसरा सिरप का असर जल्दी ही रूबी की हालत खराब होने लगी और उसने दूध को एक ग्लास में लिया और अपने बेटे के कमरे की तरफ चल पड़ी। कान में लटकते हुए बड़े बड़े बूंदे, माथे पर बीचों बीच गाल रंग की गोल बिंदी और मांग में सजा हुआ सिंदूर। कुल मिलाकर वो बेहद कामुक थी और आंखो में तैरते हुए लाल डोर उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे। उसकी साड़ी का पल्लू उसे बार बार कंधे पर से गिरकर परेशान कर रहा था इसलिए उसने पल्लू को कंधे पर सारी ब्लाउस के साथ बांध दिया और अपने बेटे के कमरे की तरफ चल पड़ी। जब से आज साहिल ने उसके आगे अनूप पर हाथ उठाया था तब से उसे साहिल पर बहुत प्यार अा रहा था।
रूबी कमरे के अंदर दाखिल हुई और जैसे ही साहिल की नजर उस पर पड़ी तो साहिल की सोच को विराम लगा और वो अपनी खूबसूरत मम्मी को देखने लगा। रूबी धीरे धीरे चलती हुई उसके पास पहुंच गई और लेते हुए साहिल की तरफ झुक कर दूध का ग्लास बढ़ाते हुए एक बहुत ही प्यारी स्माइल के साथ बोली:"
" लो बेटा दूध पियो "
रूबी के झुकने से उसकी मस्त चूचियो का उभार साफ़ नजर आया और साहिल को एकपल के लिए तो समझ ही नहीं आया कि उसकी मम्मी उसे कौन सा दूध पीने के लिए बोल रही हैं। उसने रूबी की चूचियों को देखते हुए अपना हाथ ग्लास की तरफ बढ़ा दिया लेकिन नजरे अभी भी रूबी की चूचियों पर ही टिकी हुई थी।साहिल जब ग्लास नहीं पकड़ पाया तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"
" कहां खो गए बेटा? ग्लास तो पकड़ लो ध्यान से तुम !!
साहिल को अपनी मम्मी की बात सुनकर झटका सा लगा और उसे अपने आप पर शर्म महसूस हुई और उसने नजरे झुकाते हुए ग्लास पकड़ लिया और दूध पीने लगा। रूबी उसकी ये हालत देखकर अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगी।
रूबी: बेटा आज तो तुम्हे सब कुछ साफ हो गया होगा क्योंकि आज तो तुमने अपने बाप के मुंह से सब सुन लिया।
साहिल:" हान मम्मी मैं सच में कितना गलत था मुझे आज एहसास हुआ। मैं अपनी नजरो में खुद को गिरा हुआ महसूस कर रहा हूं।
रूबी ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली:'
" बेटा ज्यादा दुखी होने की बात नहीं है, गलती इंसान से ही होती हैं और तुमसे भी वही हुआ।
साहिल ने एक घूंट में ग्लास खाली कर दिया और अपना सिर रूबी की गोद में रख दिया तो रूबी प्यार से उसका सिर सहलाने लगी। दोनो मा बेटे को बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि आज दोनो के मन में छाए सब बादल साफ हो गए थे। जहां एक और साहिल खुद अपने बाप के मुंह से सब सुन चुका था वहीं रूबी ने भी आज देख लिया था कि साहिल उसका बेटा पूरी तरह से रूबी के साथ हैं।
रूबी:' बेटा आज तुमने जब अपने बाप पर हाथ उठाया तो मैं तो जैसे यकीन हो नहीं कर पा रही थी।
साहिल अपनी मां की आंखो में देखते हुए बोला:_
" अच्छा तो मुझे भी नहीं लगा मम्मी, लेकिन कोई आपको गलत कहे मैं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकता चाहे तो अनूप ही क्यों ना हो ! मुझे तो लगता हैं कि पापा पर मैंने बहुत पहले ही हाथ उठा देना चाहिए था तो अब तक तो सुधर जाते।
रूबी:" बेटा मुझे नहीं लगता कि तुम्हारे पापा अब सुधर सकते हैं, बल्कि कहीं ऐसा ना हो वो अब तुम्हारे भी दुश्मन बन जाए और ये सब मेरी वजह से हो रहा था।
इतना कहकर रूबी हल्का सा उदास हो गई तो साहिल उठ कर रूबी की गोद में बैठ गया और अब उसकी सांसे रूबी के मुंह पर पड़ रही थी। साहिल रूबी की आंखो में देखते हुए बोला:"
" मम्मी आपके लिए तो मैं पापा क्या सारी दुनिया से टकरा सकता हूं मम्मी।
रूबी साहिल के गाल को हल्का सा खींचते हुए बोली:'
" अच्छा जी, इतना प्यार करते हो तुम अपनी मम्मी से मेरे लाल।
साहिल रूबी की आंखो में पूरे आत्म विश्वास के साथ देखते हुए बोला'"
" इससे भी कहीं ज्यादा मम्मी, आपसे बढकर मेरे लिए दुनिया में कोई नहीं हैं।
रूबी ने साहिल के बालो को सहलाना शुरू किया और बोली:"
" बेटा मुझे हमेशा ऐसे ही प्यार करते रहना, अब तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं हैं बेटा। अनूप का अब मुझे कोई भरोसा नहीं। मेरी ज़िन्दगी बहुत मुश्किल हालात से गुजर रही हैं।