hotaks444
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रुक्मणी बाहर चली गयी…..उसने बाहर जाकर गेट खोला, और गेट पर खड़ी होकर इंतजार करने लगी..थोड़ी देर में राज की बाइक उसके घर के सामने थी….जैसे ही राज ने रुक्मणी को देखा तो उसने अपनी बाइक अंदर कर ली…रुक्मणी ने अंदर से गेट बंद किया…..”ज़्यादा तकलीफ़ तो नही हुई तुम्हे घर ढूँढने में….” रुक्मणी ने गेट बंद करने के बाद पूछा….
राज: जी नही…..(रुक्मणी उस समय सिर्फ़ ब्लाउज और पेटिकोट में थी….उसके ब्लाउज के ऊपेर के दो हुक खुले हुए थे…..जिससे उसकी 38 साइज़ की बड़ी-2 चुचियाँ बाहर आने को उतावली हो रही थी…..राज के लंड में ये देखते ही सरसराहट होने लगी)
रुक्मणी भी राज की नज़र को ताड़ गयी…..वो मुस्कुराते हुए बोली…..”चलो अंदर चलो…. यही खड़े-2 देखते रहोगे क्या……” रुक्मणी जान गयी थी कि, उन दोनो को राज को सिड्यूस करने में ज़्यादा टाइम नही लेगगा…..रुक्मणी उसे साथ लेकर हाल में पहुँची….रुक्मणी का घर सच में बहुत बड़ा था….घर के सामने एक लॉन था……और पीछे की तरफ स्विम्मिंग पूल था….रुक्मणी के ससुर बहुत बड़े जागीरदार हुआ करते थे…..अपनी ढेर सारी दौलत और जायदाद वो रुक्मणी के पति के नाम कर गये थे…..
रुक्मणी ने उसे सोफे पर बैठाया……और कहा कि वो बैठे वो अभी आती है “जी वो अनीता जी कहाँ है…..” राज ने रुक्मणी से पूछा….” अनीता चेंज करने गयी है….अभी आती है…..” ये कह कर रुक्मणी किचिन में चली गयी….और फिर कोल्ड्रींक ले आई…..राज को कोल्ड्रींक देने के बाद बोली……”तुम बैठो में भी चेंज करके आती हूँ…..” जैसे ही रुक्मणी गयी…..राज ने वियाग्रा की एक गोली निकाली, और कोल्ड्रींक के साथ निगल ली…..थोड़ी देर बाद रुक्मणी बाहर आई…..तो राज के मुँह से सीटी निकल गयी…रुक्मणी ने रेड कलर का बाथरोब पहना हुआ था….. उसकी जाँघ राज को सॉफ दिखाई दे रही थी…..
रुक्मणी: ऐसे क्या देख रहे हो….?
राज: वो वो कुछ नही…..आप बहुत खूबसूरत लग रही है…..
रुक्मणी: अच्छा वैसे तुम्हे मुझ में क्या खूबसूरत लगता है….?
राज: जी सब कुछ….
रुक्मणी: अच्छा तो फिर सब कुछ देखना भी चाहते होगे…..
राज: जी अगर आप मौका दें तो……
रुक्मणी: (राज के पास आकर अपना एक पैर उठा कर उसकी जाँघ पर रखते हुए) राज आज तुम्हे ऐसे मोके मिलेंगे…..जो शायद दोबारा ना मिले….मेरी पायल उतारो ना….
राज को ऐसे आशा नही थी…..ये तो खुला-2 आमंतरण था…..राज थोड़ा नर्वस हो गया…उसने काँपते हुए हाथों से रुक्मणी की पायल उतारी….रुक्मणी ने फिर दूसरा पैर वैसे ही, उसकी जाँघ पर रख दिया….इस बार उसके पैर की उंगलियाँ सीधा उसके लंड को छू गई….राज का लंड उसके पाजामे में तुनकि मारने लगा…..राज ने वो पायल भी उतार दी….”घबराओ नही राज……आज की रात तुम्हारे लिए यादगार होने वाली है…..अभी तुम्हे और भी कई सर्प्राइज़ मिलने है…..चल आजा” ये कह कर रुक्मणी आगे चलने लगी……
राज खड़ा हुआ, और रुक्मणी के पीछे जाने लगा….रुक्मणी उसे घर के पीछे स्विम्मिंग पूल की तरफ ले गयी……वहाँ एक लंबी से चेर पर अनीता लेटी हुई थी….उसने भी महरूण कलर का बाथरोब पहना हुआ था……उसने अपनी एक टाँग लंबी कर बिछाई हुई थी, और दूसरी को घुटने से मोड़ा हुआ था….”ओह्ह्ह राज आओ हम तुम्हारा ही वेट कर रही थी…..यहाँ बैठो….”रुक्मणी ने उसे अपने पास बैठा लिया…. और उसकी जाँघ को सहलाते हुए बोली….” राज क्या लोगे…..”
राज: जी वैसे मुझे तो दूध बहुत पसंद है…..ताज़ा निकला हुआ, पर आप जो भी पीला दें वो में पी लूँगा…..
अनीता: अर्रे वाह भाई तुम तो बहुत चन्ट हो बातें बनाने में……
राज: जी बनाने में ही नही…..करने में भी चन्ट हूँ…..
अनीता: क्यों रुक्मणी लगता है आज की रात यादगार होने वाली है…..
रुक्मणी ने पास में टेबल पर रखी वाइन केए बोतल से एक ग्लास में वाइन डाल कर राज को दी. और फिर अपने और अनीता के लिए एक -2 पेग बनाया….तीनो साथ में बैठ कर वाइन पीने लगे…. अनीता ने दो तीन सीप लिए….और अपने ग्लास को टेबल पर रख कर खड़ी हो गयेए….” चलो पूल में चलते है…..उफ्फ बहुत गरमी है यहाँ पर…..” ये कहते हुए, उसने अपने बाथरोब केए बेल्ट को खोला, और बाथरोब उतार दिया….राज केए आँखे एक दम से चोंधया गयेए. ऊसे अनीता का फिगर देखते ही, जूलीया केए याद आ गयी…..
रत्ती भर भी कम नही था, अनीता का बदन….वैसे ही बड़े-2 तने हुए मम्मे, वैसे ही बाहर की तरफ निकली हुई गान्ड रेड कलर की ब्रा और वीशेप रेड कलर की पैंटी में कहर ढा रही थी…..अब अनीता अगर जूलीया अन्ना थी, तो रुक्मणी कहाँ से लिसा अन्ना से कम थी…..रुक्मणी ने भी अपना बाथरोब उतार दिया….उसने नीचे ब्लॅक कलर की ब्रा और ब्लॅक कलर की ही वीशेप पैंटी पहनी हुई थी…..अपने आप को इन दोनो गजब की सेक्सी औरतों के बीच पाकर राज का लंड उसके पाजामे में कुलाँचे भरने लगा…..”अब तुम किसकी वेट कर रहे हो….चलो कपड़े उतारो…..” राज एक दम चोन्का और खड़ा होकर अपनी टी-शर्ट उतार दी. पर उसे याद आया कि, उसने नीचे अंडरवेर नही पहना तो वो एक दम से रुक गया….
अनीता: क्या हुआ राज कोई प्राब्लम है…..?
राज: जी वो मेने नीचे अंडरवेर नही पहना…….
अनीता: हंसते हुए, तो यहाँ कॉन सा कोई तुम्हे देख रहा है….सिर्फ़ हमारे सिवा….यार कोई बात नही आजा…..रुक्मणी ने अपना और अनीता के पेग को उठाया, और स्विम्मिंग पूल में उतर गयी….स्विम्मिंग पूल में सिर्फ़ कमर तक ही पानी था……राज ने सोचा साला ये तो सीधे चुदाई का निमत्रण है…..ऐसा मौका हाथ से नही जाने देना चाहिए…..राज ने अपना पयज़ामा भी उतार दिया….नर्वस होने के कारण उसका लंड लटक गया था…..राज अपने झूलते हुए, लंड को लेकर स्विम्मिंग पूल में उतर गया……जैसे ही राज पूल के अंदर आया, तो रुक्मणी उसके पास आ गयी…..और उसके होंटो पर अपना ग्लास लगाते हुए, एक जाम इस नयी दोस्ती के नाम….राज ने एक सीप लिया, और मुस्कुरा कर रुक्मणी की तरफ देखा…. अनीता भी राज के पास आई, और उसने भी अपने ग्लास को राज के होंटो की तरफ बढ़ा दिया. रुक्मणी राज के चौड़ी छाती को अपने एक हाथ से सहला रही थी…..राज ने अनीता के ग्लास से भी एक सीप लिया….
राज ने पूल के किनारे पड़े हुए अपने ग्लास को पकड़ा, और फिर धीरे-2 सीप करने लगी. अनीता और रुक्मणी दोनो अपने एक-2 हाथ से राज के चौड़े सीने को सहला रही थी….अनीता बीच -2 में अपने हाथ को नीचे उसके पेट की ओर लेजाती, तो कभी रुक्मणी उसकी जाँघो को अपने हाथ से सहलाने लग जाती….राज का लंड अब धीरे-2 फिर से अपनी औकात में आने लगा था…..अनीता ने जब राज के लंड को खड़ा होते देखा, तो उसकी आँखो में चमक आ गयी….उसने इशारे से रुक्मणी को नीचे की और देखने को कहा…..और रुक्मणी की बुर भी राज के लंड को देख कर कुलबुलाने लगी……..
अनीता: रुक्मणी चलो ना अब खाना खाते है……बहुत हो गया…..
रुक्मणी: हां चलो ना….
तीनो पूल से बाहर आए, और रुक्मणी ने राज को एक टवल दिया…..राज ने अपनी कमर पर टवल लपेटा…..और फिर अपने कपड़े उठा लिए…..रुक्मणी ने वहाँ पर बने हुए बाथरूम में जाकर अपनी गीली पैंटी और ब्रा उतार दी……फिर रुक्मणी और अनीता ने अपने बाथरोब पहने और घर के अंदर के तरफ जाने लगी…..अंदर आकर तीनो ने वैसे ही खाना खाया. शराब और शबाब का नशा अब तीनो पर हावी होने लगा था…..दोनो औरतें अब खुल कर बाथरोब में छुपे हुए अपने बदन का राज को दीदार कराने लगी थी….
राज का तो बुरा हाल हो चुका था…..लंड ठुमकी पे ठुमकि मार रहा था……”तो राज बाबू आपने कहा था कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड नही है…..” अनीता ने रुक्मणी की ओर देखते हुए कहा……”जी नही है……” राज ने भी रुक्मणी की ओर देखते हुए कहा……
रुक्मणी: तो प्यार के खेल में अभी अनाड़ी हूँ…..?
राज: जी हां प्यार के खेल में हूँ……पर मस्ती के खेल में नही…..
औराधा: ओह्ह अच्छा फिर तो तुम बड़े छुपे रुस्तम निकले…….यार रुक्मणी मेने कहा था ना अपने राज बाबू जितने भोले दिखते है , उतने है नही…..
राज: यार ये आप बार-2 मेरे नाम के पीछे बाबू क्यों लगा रही हो…..
अनुर्धा: क्यों तुम्हे अच्छा नही लगता…..
राज: नही बिल्कुल नही…..और वैसे भी हम अब दोस्त है…..आप मुझे राज बुला सकती है.
रुक्मणी: वैसे तुम कह रहे थे कि, तुम मस्ती करने में अनाड़ी नही हो…..हमे भी तो पता चले कि तुमने कहाँ और किसके साथ मस्ती की है…..
राज: छोड़िए वो बातें अब पुरानी हो गयी है….अगर आप कहे तो आज रात भी खूब मस्ती हो सकती है……
रुक्मणी: अच्छा….(रुक्मणी अपनी चेर से उठी, और बड़ी ही अदा के साथ चलते हुए राज के पास आई, और अपनी एक बाँह को राज के गले में डाल कर राज की गोद में बैठ गयी) तो जनाब आज मस्ती के मूड है…..(रुक्मणी ने अनीता की और देख कर मुस्कुराते हुए कहा)
राज: हां मूड में तो हूँ…..पर अगर आप कहे तो….
रुक्मणी: हां खूब पता चल रहा है तुम्हारे मूड का….(रुक्मणी ने अपनी गान्ड के नीचे चुभते हुए राज के लंड को महसूस करके कहा…..)
राज: वो कैसे….?
रुक्मणी: वो कैसे…..तुम्हारा हथियार जो अभी मेरे हिप्स पर चुभ रहा है….
राज: तो क्या इरादा है…..?
रुक्मणी: यार राज आज की रात हम यहाँ मस्ती करने के लिए तो इकट्ठे हुए है…..
राज: जी नही…..(रुक्मणी उस समय सिर्फ़ ब्लाउज और पेटिकोट में थी….उसके ब्लाउज के ऊपेर के दो हुक खुले हुए थे…..जिससे उसकी 38 साइज़ की बड़ी-2 चुचियाँ बाहर आने को उतावली हो रही थी…..राज के लंड में ये देखते ही सरसराहट होने लगी)
रुक्मणी भी राज की नज़र को ताड़ गयी…..वो मुस्कुराते हुए बोली…..”चलो अंदर चलो…. यही खड़े-2 देखते रहोगे क्या……” रुक्मणी जान गयी थी कि, उन दोनो को राज को सिड्यूस करने में ज़्यादा टाइम नही लेगगा…..रुक्मणी उसे साथ लेकर हाल में पहुँची….रुक्मणी का घर सच में बहुत बड़ा था….घर के सामने एक लॉन था……और पीछे की तरफ स्विम्मिंग पूल था….रुक्मणी के ससुर बहुत बड़े जागीरदार हुआ करते थे…..अपनी ढेर सारी दौलत और जायदाद वो रुक्मणी के पति के नाम कर गये थे…..
रुक्मणी ने उसे सोफे पर बैठाया……और कहा कि वो बैठे वो अभी आती है “जी वो अनीता जी कहाँ है…..” राज ने रुक्मणी से पूछा….” अनीता चेंज करने गयी है….अभी आती है…..” ये कह कर रुक्मणी किचिन में चली गयी….और फिर कोल्ड्रींक ले आई…..राज को कोल्ड्रींक देने के बाद बोली……”तुम बैठो में भी चेंज करके आती हूँ…..” जैसे ही रुक्मणी गयी…..राज ने वियाग्रा की एक गोली निकाली, और कोल्ड्रींक के साथ निगल ली…..थोड़ी देर बाद रुक्मणी बाहर आई…..तो राज के मुँह से सीटी निकल गयी…रुक्मणी ने रेड कलर का बाथरोब पहना हुआ था….. उसकी जाँघ राज को सॉफ दिखाई दे रही थी…..
रुक्मणी: ऐसे क्या देख रहे हो….?
राज: वो वो कुछ नही…..आप बहुत खूबसूरत लग रही है…..
रुक्मणी: अच्छा वैसे तुम्हे मुझ में क्या खूबसूरत लगता है….?
राज: जी सब कुछ….
रुक्मणी: अच्छा तो फिर सब कुछ देखना भी चाहते होगे…..
राज: जी अगर आप मौका दें तो……
रुक्मणी: (राज के पास आकर अपना एक पैर उठा कर उसकी जाँघ पर रखते हुए) राज आज तुम्हे ऐसे मोके मिलेंगे…..जो शायद दोबारा ना मिले….मेरी पायल उतारो ना….
राज को ऐसे आशा नही थी…..ये तो खुला-2 आमंतरण था…..राज थोड़ा नर्वस हो गया…उसने काँपते हुए हाथों से रुक्मणी की पायल उतारी….रुक्मणी ने फिर दूसरा पैर वैसे ही, उसकी जाँघ पर रख दिया….इस बार उसके पैर की उंगलियाँ सीधा उसके लंड को छू गई….राज का लंड उसके पाजामे में तुनकि मारने लगा…..राज ने वो पायल भी उतार दी….”घबराओ नही राज……आज की रात तुम्हारे लिए यादगार होने वाली है…..अभी तुम्हे और भी कई सर्प्राइज़ मिलने है…..चल आजा” ये कह कर रुक्मणी आगे चलने लगी……
राज खड़ा हुआ, और रुक्मणी के पीछे जाने लगा….रुक्मणी उसे घर के पीछे स्विम्मिंग पूल की तरफ ले गयी……वहाँ एक लंबी से चेर पर अनीता लेटी हुई थी….उसने भी महरूण कलर का बाथरोब पहना हुआ था……उसने अपनी एक टाँग लंबी कर बिछाई हुई थी, और दूसरी को घुटने से मोड़ा हुआ था….”ओह्ह्ह राज आओ हम तुम्हारा ही वेट कर रही थी…..यहाँ बैठो….”रुक्मणी ने उसे अपने पास बैठा लिया…. और उसकी जाँघ को सहलाते हुए बोली….” राज क्या लोगे…..”
राज: जी वैसे मुझे तो दूध बहुत पसंद है…..ताज़ा निकला हुआ, पर आप जो भी पीला दें वो में पी लूँगा…..
अनीता: अर्रे वाह भाई तुम तो बहुत चन्ट हो बातें बनाने में……
राज: जी बनाने में ही नही…..करने में भी चन्ट हूँ…..
अनीता: क्यों रुक्मणी लगता है आज की रात यादगार होने वाली है…..
रुक्मणी ने पास में टेबल पर रखी वाइन केए बोतल से एक ग्लास में वाइन डाल कर राज को दी. और फिर अपने और अनीता के लिए एक -2 पेग बनाया….तीनो साथ में बैठ कर वाइन पीने लगे…. अनीता ने दो तीन सीप लिए….और अपने ग्लास को टेबल पर रख कर खड़ी हो गयेए….” चलो पूल में चलते है…..उफ्फ बहुत गरमी है यहाँ पर…..” ये कहते हुए, उसने अपने बाथरोब केए बेल्ट को खोला, और बाथरोब उतार दिया….राज केए आँखे एक दम से चोंधया गयेए. ऊसे अनीता का फिगर देखते ही, जूलीया केए याद आ गयी…..
रत्ती भर भी कम नही था, अनीता का बदन….वैसे ही बड़े-2 तने हुए मम्मे, वैसे ही बाहर की तरफ निकली हुई गान्ड रेड कलर की ब्रा और वीशेप रेड कलर की पैंटी में कहर ढा रही थी…..अब अनीता अगर जूलीया अन्ना थी, तो रुक्मणी कहाँ से लिसा अन्ना से कम थी…..रुक्मणी ने भी अपना बाथरोब उतार दिया….उसने नीचे ब्लॅक कलर की ब्रा और ब्लॅक कलर की ही वीशेप पैंटी पहनी हुई थी…..अपने आप को इन दोनो गजब की सेक्सी औरतों के बीच पाकर राज का लंड उसके पाजामे में कुलाँचे भरने लगा…..”अब तुम किसकी वेट कर रहे हो….चलो कपड़े उतारो…..” राज एक दम चोन्का और खड़ा होकर अपनी टी-शर्ट उतार दी. पर उसे याद आया कि, उसने नीचे अंडरवेर नही पहना तो वो एक दम से रुक गया….
अनीता: क्या हुआ राज कोई प्राब्लम है…..?
राज: जी वो मेने नीचे अंडरवेर नही पहना…….
अनीता: हंसते हुए, तो यहाँ कॉन सा कोई तुम्हे देख रहा है….सिर्फ़ हमारे सिवा….यार कोई बात नही आजा…..रुक्मणी ने अपना और अनीता के पेग को उठाया, और स्विम्मिंग पूल में उतर गयी….स्विम्मिंग पूल में सिर्फ़ कमर तक ही पानी था……राज ने सोचा साला ये तो सीधे चुदाई का निमत्रण है…..ऐसा मौका हाथ से नही जाने देना चाहिए…..राज ने अपना पयज़ामा भी उतार दिया….नर्वस होने के कारण उसका लंड लटक गया था…..राज अपने झूलते हुए, लंड को लेकर स्विम्मिंग पूल में उतर गया……जैसे ही राज पूल के अंदर आया, तो रुक्मणी उसके पास आ गयी…..और उसके होंटो पर अपना ग्लास लगाते हुए, एक जाम इस नयी दोस्ती के नाम….राज ने एक सीप लिया, और मुस्कुरा कर रुक्मणी की तरफ देखा…. अनीता भी राज के पास आई, और उसने भी अपने ग्लास को राज के होंटो की तरफ बढ़ा दिया. रुक्मणी राज के चौड़ी छाती को अपने एक हाथ से सहला रही थी…..राज ने अनीता के ग्लास से भी एक सीप लिया….
राज ने पूल के किनारे पड़े हुए अपने ग्लास को पकड़ा, और फिर धीरे-2 सीप करने लगी. अनीता और रुक्मणी दोनो अपने एक-2 हाथ से राज के चौड़े सीने को सहला रही थी….अनीता बीच -2 में अपने हाथ को नीचे उसके पेट की ओर लेजाती, तो कभी रुक्मणी उसकी जाँघो को अपने हाथ से सहलाने लग जाती….राज का लंड अब धीरे-2 फिर से अपनी औकात में आने लगा था…..अनीता ने जब राज के लंड को खड़ा होते देखा, तो उसकी आँखो में चमक आ गयी….उसने इशारे से रुक्मणी को नीचे की और देखने को कहा…..और रुक्मणी की बुर भी राज के लंड को देख कर कुलबुलाने लगी……..
अनीता: रुक्मणी चलो ना अब खाना खाते है……बहुत हो गया…..
रुक्मणी: हां चलो ना….
तीनो पूल से बाहर आए, और रुक्मणी ने राज को एक टवल दिया…..राज ने अपनी कमर पर टवल लपेटा…..और फिर अपने कपड़े उठा लिए…..रुक्मणी ने वहाँ पर बने हुए बाथरूम में जाकर अपनी गीली पैंटी और ब्रा उतार दी……फिर रुक्मणी और अनीता ने अपने बाथरोब पहने और घर के अंदर के तरफ जाने लगी…..अंदर आकर तीनो ने वैसे ही खाना खाया. शराब और शबाब का नशा अब तीनो पर हावी होने लगा था…..दोनो औरतें अब खुल कर बाथरोब में छुपे हुए अपने बदन का राज को दीदार कराने लगी थी….
राज का तो बुरा हाल हो चुका था…..लंड ठुमकी पे ठुमकि मार रहा था……”तो राज बाबू आपने कहा था कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड नही है…..” अनीता ने रुक्मणी की ओर देखते हुए कहा……”जी नही है……” राज ने भी रुक्मणी की ओर देखते हुए कहा……
रुक्मणी: तो प्यार के खेल में अभी अनाड़ी हूँ…..?
राज: जी हां प्यार के खेल में हूँ……पर मस्ती के खेल में नही…..
औराधा: ओह्ह अच्छा फिर तो तुम बड़े छुपे रुस्तम निकले…….यार रुक्मणी मेने कहा था ना अपने राज बाबू जितने भोले दिखते है , उतने है नही…..
राज: यार ये आप बार-2 मेरे नाम के पीछे बाबू क्यों लगा रही हो…..
अनुर्धा: क्यों तुम्हे अच्छा नही लगता…..
राज: नही बिल्कुल नही…..और वैसे भी हम अब दोस्त है…..आप मुझे राज बुला सकती है.
रुक्मणी: वैसे तुम कह रहे थे कि, तुम मस्ती करने में अनाड़ी नही हो…..हमे भी तो पता चले कि तुमने कहाँ और किसके साथ मस्ती की है…..
राज: छोड़िए वो बातें अब पुरानी हो गयी है….अगर आप कहे तो आज रात भी खूब मस्ती हो सकती है……
रुक्मणी: अच्छा….(रुक्मणी अपनी चेर से उठी, और बड़ी ही अदा के साथ चलते हुए राज के पास आई, और अपनी एक बाँह को राज के गले में डाल कर राज की गोद में बैठ गयी) तो जनाब आज मस्ती के मूड है…..(रुक्मणी ने अनीता की और देख कर मुस्कुराते हुए कहा)
राज: हां मूड में तो हूँ…..पर अगर आप कहे तो….
रुक्मणी: हां खूब पता चल रहा है तुम्हारे मूड का….(रुक्मणी ने अपनी गान्ड के नीचे चुभते हुए राज के लंड को महसूस करके कहा…..)
राज: वो कैसे….?
रुक्मणी: वो कैसे…..तुम्हारा हथियार जो अभी मेरे हिप्स पर चुभ रहा है….
राज: तो क्या इरादा है…..?
रुक्मणी: यार राज आज की रात हम यहाँ मस्ती करने के लिए तो इकट्ठे हुए है…..