hotaks444
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पूरी रात नाजिया विमला और राज की चुदाई का खेल चला…..दिन इसी तरह गुजर रहे थी. उस दिन की घटना के 2 मंत के बाद की बात है….एक दिन नाजिया को अचानक से वॉर्मटिंग शुरू हो गयी…और वो बेहोश होकर गिर पड़ी…..मेने उसके चेहरे पर पानी फेंका तो उसे थोड़ी देर बाद होश आया…में उसे लेकर सहर के हॉस्पिटल में गयी….क्योंकि नाजिया को कभी कोई बीमारी या शिकायत नही हुई थी….जब वहाँ पर एक लेडी डॉक्टर ने उसका चेक अप किया तो उसने मुझे बताया कि नाजिया प्रेग्नेंट है….
मेरे तो पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी…मेने वहाँ तो नाजिया को कुछ नही कहा. और उसे लेकर घर आ गयी….घर आकर मेने नाजिया को जब सारी बात बताई तो नाजिया के चेहरे का रंग उड़ गया…मेरे डाँटने और धमकाने पर नाजिया ने सारा राज़ उगल दिया….
में बहुत परेशान थी….मुझे यकीन नही हो रहा था कि, राज हमारे साथ इतना बड़ा धोका कर सकता है….उस दिन राज अंजुम से कुछ देर पहले घर वापिस आ गया……में राज के रूम में गयी, तो राज उठ कर मेरी तरफ बढ़ा…मेने राज को वही रुकने के लिए कह दिया…..
में: राज तुमने ये सब हमारे साथ सही नही किया…..
राज: पर हुआ क्या है…..मुझे पता तो चले…..
में: राज तुम हमे इस तरह धोका दोगे…..अगर मुझे पहले पता होता तो में तुम्हे अपने घर में कभी रहने नही देती….
राज: सॉफ -2 बोलो ना बात क्या है…..
में: अच्छा तो सुनो……नाजिया के पेट में तुम्हारा बच्चा है….अब मैं क्या करूँ. तुम ही बताओ…..तुमने हम सब को धोका दिया है…में तुम्हे कभी माफ़ नही करूँगी…..तुमने नाजिया की जिंदगी बर्बाद क्यों की…..
मेरी बात सुन कर राज के चेहरे का रंग उड़ चुका था…..”कोई बात नही में पैसे देता हूँ तुम उसका अबॉर्षन करवा दो….” राज ने ऐसा दिखाया जैसे उसे किसी की परवाह ही ना हो…” अबॉर्षन करवा दो….अबॉर्षन से तुमने जो पाप किया है वो तो छुप जाएगा…पर नाजिया का क्या….जिसे तुमने प्यार का झूठा सपना दिखा कर उसके साथ इतना ग़लत किया है….”
राज: देखो नजीबा ताली एक हाथ से नही बजती…..अगर इस बात के लिए में कसूर वार हूँ. तो नाजिया भी कम कसूरवार नही है…और नजीबा अबॉर्षन के अलावा और कोई चारा है तुम्हारे पास….
में: ठीक है राज में नाजिया का अबॉर्षन करवा देती हूँ…..पर एक बात बताओ कि तुम सच में नाजिया से प्यार करते हो…..
राज: नही में उससे कोई प्यार व्यार नही करता….वो ही मेरे पीछे पड़ी थी…..
में: देखो राज अगर नाजिया को ये सब पता चला तो वो टूट जाएगी….उसने आज तक अपनी जिंदगी में सब दुख ही दुख देखे है….पर अब और नही…..नाजिया भले ही मेरी कोख से नही जनमी. पर मैने उसे अपनी बेटी की तरह पाला है….तुम्हे उससे शादी करनी ही होगी.
राज: खवाब मत देखो नजीबा….ऐसा कभी नही होगा….
ये कह कर राज बाहर चला गया….में उसी के रूम में बैठी रोते हुए अपनी किस्मत को कोस रही थी…..तभी मेरी नज़र टेबल पर पड़ी हुई एक डायरी पर पड़ी….मेने वो डायरी उठा कर देखी तो,उस पर राज के फ्रेंड्स और कुछ रिश्तेदारों के कॉंटॅक्ट नंबर लिखे हुए थे…और मुझे उन्ही कॉंटॅक्ट नंबर में से राज की मम्मी का नंबर. मिल गया….
मेने पेन उठा कर उस नंबर को अपने हाथ पर लिखा और नीचे आ गयी….फिर बाहर डोर लॉक करके अपने रूम में आकर राज के घर का नंबर मिलाया….थोड़ी देर बाद किसी ने आदमी ने फोन उठाया……
आदमी: हेलो कॉन….
में: जी में नजीबा बोल रही हूँ **** से. क्या में कविता जी से बात कर सकती हूँ
आदमी: जी दो मिनिट होल्ड कीजिए….कविता दीदी आपका फोन है…..
कविता: (थोड़ी देर बाद) हेलो कॉन…..?
में: जी में नजीबा बोल रही हूँ…..
कविता: नजीबा कॉन सॉरी मेने आपको पहचाना नही…..
में: जी राज हमारे घर पर किराए पर रहता है….
कविता: ओह्ह अच्छा -2 सॉरी में भूल गयी….हां एक बार राज ने बताया था…. जी कहिए कुछ काम था क्या…..
में: जी क्या आप यहाँ आ सकती है…..
कविता: क्यों क्या हुआ सब ठीक है ना…राज तो ठीक है ना….
में: जी राज ठीक है…..
कविता: तो फिर बात क्या है….?
में: जी बहुत ज़रूरी बात है….फोन पर नही बता सकती….बस आप यही समझ लो कि मेरी बेटी की लाइफ का सवाल है…..
कविता: क्या आपकी बेटी…ओके ओके में कल सॉरी आज ही निकलती हूँ यहाँ से…
में: कविता जी प्लीज़ राज को मत बताईएगा कि मेने आपको फोन किया है….और आपको यहाँ बुलाया है…..
कविता: ठीक है तुम फिकर ना करो…..में कल सुबह वहाँ पर पहुँच जाउन्गी….
मेरे तो पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी…मेने वहाँ तो नाजिया को कुछ नही कहा. और उसे लेकर घर आ गयी….घर आकर मेने नाजिया को जब सारी बात बताई तो नाजिया के चेहरे का रंग उड़ गया…मेरे डाँटने और धमकाने पर नाजिया ने सारा राज़ उगल दिया….
में बहुत परेशान थी….मुझे यकीन नही हो रहा था कि, राज हमारे साथ इतना बड़ा धोका कर सकता है….उस दिन राज अंजुम से कुछ देर पहले घर वापिस आ गया……में राज के रूम में गयी, तो राज उठ कर मेरी तरफ बढ़ा…मेने राज को वही रुकने के लिए कह दिया…..
में: राज तुमने ये सब हमारे साथ सही नही किया…..
राज: पर हुआ क्या है…..मुझे पता तो चले…..
में: राज तुम हमे इस तरह धोका दोगे…..अगर मुझे पहले पता होता तो में तुम्हे अपने घर में कभी रहने नही देती….
राज: सॉफ -2 बोलो ना बात क्या है…..
में: अच्छा तो सुनो……नाजिया के पेट में तुम्हारा बच्चा है….अब मैं क्या करूँ. तुम ही बताओ…..तुमने हम सब को धोका दिया है…में तुम्हे कभी माफ़ नही करूँगी…..तुमने नाजिया की जिंदगी बर्बाद क्यों की…..
मेरी बात सुन कर राज के चेहरे का रंग उड़ चुका था…..”कोई बात नही में पैसे देता हूँ तुम उसका अबॉर्षन करवा दो….” राज ने ऐसा दिखाया जैसे उसे किसी की परवाह ही ना हो…” अबॉर्षन करवा दो….अबॉर्षन से तुमने जो पाप किया है वो तो छुप जाएगा…पर नाजिया का क्या….जिसे तुमने प्यार का झूठा सपना दिखा कर उसके साथ इतना ग़लत किया है….”
राज: देखो नजीबा ताली एक हाथ से नही बजती…..अगर इस बात के लिए में कसूर वार हूँ. तो नाजिया भी कम कसूरवार नही है…और नजीबा अबॉर्षन के अलावा और कोई चारा है तुम्हारे पास….
में: ठीक है राज में नाजिया का अबॉर्षन करवा देती हूँ…..पर एक बात बताओ कि तुम सच में नाजिया से प्यार करते हो…..
राज: नही में उससे कोई प्यार व्यार नही करता….वो ही मेरे पीछे पड़ी थी…..
में: देखो राज अगर नाजिया को ये सब पता चला तो वो टूट जाएगी….उसने आज तक अपनी जिंदगी में सब दुख ही दुख देखे है….पर अब और नही…..नाजिया भले ही मेरी कोख से नही जनमी. पर मैने उसे अपनी बेटी की तरह पाला है….तुम्हे उससे शादी करनी ही होगी.
राज: खवाब मत देखो नजीबा….ऐसा कभी नही होगा….
ये कह कर राज बाहर चला गया….में उसी के रूम में बैठी रोते हुए अपनी किस्मत को कोस रही थी…..तभी मेरी नज़र टेबल पर पड़ी हुई एक डायरी पर पड़ी….मेने वो डायरी उठा कर देखी तो,उस पर राज के फ्रेंड्स और कुछ रिश्तेदारों के कॉंटॅक्ट नंबर लिखे हुए थे…और मुझे उन्ही कॉंटॅक्ट नंबर में से राज की मम्मी का नंबर. मिल गया….
मेने पेन उठा कर उस नंबर को अपने हाथ पर लिखा और नीचे आ गयी….फिर बाहर डोर लॉक करके अपने रूम में आकर राज के घर का नंबर मिलाया….थोड़ी देर बाद किसी ने आदमी ने फोन उठाया……
आदमी: हेलो कॉन….
में: जी में नजीबा बोल रही हूँ **** से. क्या में कविता जी से बात कर सकती हूँ
आदमी: जी दो मिनिट होल्ड कीजिए….कविता दीदी आपका फोन है…..
कविता: (थोड़ी देर बाद) हेलो कॉन…..?
में: जी में नजीबा बोल रही हूँ…..
कविता: नजीबा कॉन सॉरी मेने आपको पहचाना नही…..
में: जी राज हमारे घर पर किराए पर रहता है….
कविता: ओह्ह अच्छा -2 सॉरी में भूल गयी….हां एक बार राज ने बताया था…. जी कहिए कुछ काम था क्या…..
में: जी क्या आप यहाँ आ सकती है…..
कविता: क्यों क्या हुआ सब ठीक है ना…राज तो ठीक है ना….
में: जी राज ठीक है…..
कविता: तो फिर बात क्या है….?
में: जी बहुत ज़रूरी बात है….फोन पर नही बता सकती….बस आप यही समझ लो कि मेरी बेटी की लाइफ का सवाल है…..
कविता: क्या आपकी बेटी…ओके ओके में कल सॉरी आज ही निकलती हूँ यहाँ से…
में: कविता जी प्लीज़ राज को मत बताईएगा कि मेने आपको फोन किया है….और आपको यहाँ बुलाया है…..
कविता: ठीक है तुम फिकर ना करो…..में कल सुबह वहाँ पर पहुँच जाउन्गी….