hotaks444
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विकी और रीत के होंठ आपस में मिले हुए थे और विकी के हाथ रीत का चेहरा थामे हुए थे. रीत थोड़ा कस मसा रही थी मगर विकी के द्वारा उसके चेहरे को मज़बूती से थामे होने की वजह से वो कुछ नही कर पा रही थी. विकी ने रीत के निचले होंठ को अपने होंठों में क़ैद कर रखा था और वो उसे प्यार से चूस रहा था. रीत को भी अब मज़ा आने लगा था. ये रीत का पहला चुंबन था.
क्यूंकी आज से पहले किसी मर्द ने चुंबन तो दूर उसे हाथ तक नही लगाया था. विकी ही पहला ऐसा मर्द था जो रीत के गुलाबी होंठों का रस चूस रहा था. विकी अब रीत के होंठ को ज़ोर ज़ोर से अपने होंठों से मसल्ने लगा था. रीत भी अब थोड़ा उसका साथ देने लगी थी और उसके हाथ विकी के बालों के बीच पहुँच चुके थे. विकी अब रीत के होंठ को चूसने के साथ साथ काटने भी लगा था.
विकी के होंठ को काटने की वजह से रीत को अब मज़े के साथ साथ थोड़ा दर्द भी हो रहा था. लेकिन वो फिर भी अपने प्रेमी का साथ दे रही थी. विकी इतनी मस्त हसीना को चूस्ते हुए अपने होश गँवा बैठा था और उसकी हवस अब जालिम सी होने लगी थी. और वो अब ज़ोर ज़ोर से रीत के होंठ को चूसने और काटने लगा था.
रीत का होंठ और उसका मूह विकी द्वारा बेरेहमी से उसके चूसे जाने की वजह से दर्द करने लगा था और अब उसके लिए ये दर्द सहना मुश्क़िल हो रहा था. मगर विकी को इसकी कोई परवाह नही थी वो पूरी मस्ती से रीत के निचले होंठ को चूसे जा रहा था. रीत अब छटपटाने लगी थी और अपने हाथों से विकी को अपने से दूर धकेल रही थी उसकी आँखों में से दर्द के कारण आँसू निकल आए थे. विकी भी अब उसकी परेशानी समझ चुका था और उसने धीरे से आख़िरी चुंबन लेते हुए रीत के होंठों को अपने होंठों से आज़ाद कर दिया था.
पूरे 10मिनट तक विकी ने रीत के गुलाबी लरज़ते होंठों का रस्पान किया था. विकी ने जैसे ही रीत को छोड़ा था तो रीत सीधी होकर बैठ गई और उसने अपना चेहरा नीचे कर लिया और अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया और भारी भारी साँसें लेने लगी. उसे अपने होंठों के पास कुछ गीला महसूस हुया उसने जब ध्यान से देखा तो वो खून था जो कि विकी ने उसके होंठों को बुरी तरह चूस चूस कर निकाल दिया था. अब रीत को विकी के उपर बहुत गुस्सा आ रहा था और साथ ही साथ प्यार भी क्योंकि उसने कभी सोचा भी नही था कि उसका पहला चुंबन इतना जबरदस्त होगा.
अब उसकी विकी की तरफ देखने की हिम्मत नही हो रही थी. और वो वैसे ही अपने हाथों से अपना चेहरा छुपाये बैठी थी. सामने मूवी चल रही थी मगर अब ना तो विकी का उसमे कोई ध्यान था और ना ही रीत का. विकी अब सोच रहा था कि आगे कैसे बढ़ा जाए. उसका लंड उसकी पॅंट में पूरे उफान पर था. और हो भी क्यूँ ना. कुछ ही देर पहले उसने एक मदमस्त हसीना के मस्त गुलाबी होंठों को बुरी तरह चूसा था. विकी ने फिर से अपना हाथ रीत की जांघों की तरफ बढ़ा दिया था. और उसका हाथ रीत की चूत के पास उसकी दोनो जांघों के बीच पहुँच चुका था.
अपनी जांघों पे हाथ महसूस होते ही रीत फिर से चौंक उठी थी और उसने अपनी जांघों को कस कर भींच लिया था. और अब विकी का हाथ उसकी जांघों के बीच फस चुका था. रीत वैसे ही चेहरा छुपाये बैठी थी और अपने प्रेमी की इस हरकत पर मंद मंद मुस्कुरा रही थी. विकी धीरे धीरे अपना हाथ रीत की चूत की तरफ बढ़ने लगा था. जांघों के बीच फसा होने के कारण उसे बहुत मेहनत करनी पड़ रही थी. विकी का हाथ अपनी चूत की तरफ बढ़ता महसूस कर रीत की साँसें फिर से फूलने लगी थी और उसकी टाँगें भी काँपने लगी थी. रीत की टाँगों का कंपन विकी को महसूस हो रहा था.
वो सोच रहा था कि इस की चुदाई का तो मज़ा ही कुछ और होगा. उसका हाथ आगे बढ़ता हुआ अब रीत की सलवार में क़ैद उसकी चूत पे पहुँच चुका था और उसने देखा कि रीत की सलवार भी उसकी चूत के पानी से भीग चुकी थी. और चूत पर विकी का हाथ महसूस करते ही रीत एकदम से कंपकपा उठी थी और उसने अपने हाथ अपने चेहरे पर से हटाकर विकी के हाथ को पकड़ लिया जो कि उसकी चूत पे था. और अपने चेहरे पे मुस्कान लिए हुए विकी की तरफ देखकर अपना सिर ना में हिलाने लगी. विकी को भी लगा कि जल्द बाज़ी ठीक नही है. उसने अपना हाथ रीत की चूत पर से हटा दिया और रीत के दोनो हाथों का पकड़कर उसे फिरसे अपनी ओर खींच लिया. अब फिरसे उन्दोनो के होंठ मिल चुके थे और विकी जी भर के उन्हे चूस रहा था.
विकी को भी अपने होंठों पे गीलापन महसूस होने लगा था. उसने रीत के होन्ट छोड़े और उसने देखा कि रीत के होंठ के एक कोने से खून निकल रहा था. वो अपनी जीभ से उसके होंठ के कोने से निकल रहे खून को चाटने लगा और उसे चाट चाट कर सॉफ कर दिया. रीत विकी की इस हरकत पे मुस्कुरा रही थी. तभी थियेटर में लाइट'स ऑन हो गई और रीत झट से विकी से अलग हो गई. मूवी का इंटर्वल हो गया था. मगर अब रीत और विकी दोनो का मन मूवी देखने का नही कर रहा था. वो बाहर निकले और विकी की बाइक घर की तरफ चल पड़ी.
क्यूंकी आज से पहले किसी मर्द ने चुंबन तो दूर उसे हाथ तक नही लगाया था. विकी ही पहला ऐसा मर्द था जो रीत के गुलाबी होंठों का रस चूस रहा था. विकी अब रीत के होंठ को ज़ोर ज़ोर से अपने होंठों से मसल्ने लगा था. रीत भी अब थोड़ा उसका साथ देने लगी थी और उसके हाथ विकी के बालों के बीच पहुँच चुके थे. विकी अब रीत के होंठ को चूसने के साथ साथ काटने भी लगा था.
विकी के होंठ को काटने की वजह से रीत को अब मज़े के साथ साथ थोड़ा दर्द भी हो रहा था. लेकिन वो फिर भी अपने प्रेमी का साथ दे रही थी. विकी इतनी मस्त हसीना को चूस्ते हुए अपने होश गँवा बैठा था और उसकी हवस अब जालिम सी होने लगी थी. और वो अब ज़ोर ज़ोर से रीत के होंठ को चूसने और काटने लगा था.
रीत का होंठ और उसका मूह विकी द्वारा बेरेहमी से उसके चूसे जाने की वजह से दर्द करने लगा था और अब उसके लिए ये दर्द सहना मुश्क़िल हो रहा था. मगर विकी को इसकी कोई परवाह नही थी वो पूरी मस्ती से रीत के निचले होंठ को चूसे जा रहा था. रीत अब छटपटाने लगी थी और अपने हाथों से विकी को अपने से दूर धकेल रही थी उसकी आँखों में से दर्द के कारण आँसू निकल आए थे. विकी भी अब उसकी परेशानी समझ चुका था और उसने धीरे से आख़िरी चुंबन लेते हुए रीत के होंठों को अपने होंठों से आज़ाद कर दिया था.
पूरे 10मिनट तक विकी ने रीत के गुलाबी लरज़ते होंठों का रस्पान किया था. विकी ने जैसे ही रीत को छोड़ा था तो रीत सीधी होकर बैठ गई और उसने अपना चेहरा नीचे कर लिया और अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया और भारी भारी साँसें लेने लगी. उसे अपने होंठों के पास कुछ गीला महसूस हुया उसने जब ध्यान से देखा तो वो खून था जो कि विकी ने उसके होंठों को बुरी तरह चूस चूस कर निकाल दिया था. अब रीत को विकी के उपर बहुत गुस्सा आ रहा था और साथ ही साथ प्यार भी क्योंकि उसने कभी सोचा भी नही था कि उसका पहला चुंबन इतना जबरदस्त होगा.
अब उसकी विकी की तरफ देखने की हिम्मत नही हो रही थी. और वो वैसे ही अपने हाथों से अपना चेहरा छुपाये बैठी थी. सामने मूवी चल रही थी मगर अब ना तो विकी का उसमे कोई ध्यान था और ना ही रीत का. विकी अब सोच रहा था कि आगे कैसे बढ़ा जाए. उसका लंड उसकी पॅंट में पूरे उफान पर था. और हो भी क्यूँ ना. कुछ ही देर पहले उसने एक मदमस्त हसीना के मस्त गुलाबी होंठों को बुरी तरह चूसा था. विकी ने फिर से अपना हाथ रीत की जांघों की तरफ बढ़ा दिया था. और उसका हाथ रीत की चूत के पास उसकी दोनो जांघों के बीच पहुँच चुका था.
अपनी जांघों पे हाथ महसूस होते ही रीत फिर से चौंक उठी थी और उसने अपनी जांघों को कस कर भींच लिया था. और अब विकी का हाथ उसकी जांघों के बीच फस चुका था. रीत वैसे ही चेहरा छुपाये बैठी थी और अपने प्रेमी की इस हरकत पर मंद मंद मुस्कुरा रही थी. विकी धीरे धीरे अपना हाथ रीत की चूत की तरफ बढ़ने लगा था. जांघों के बीच फसा होने के कारण उसे बहुत मेहनत करनी पड़ रही थी. विकी का हाथ अपनी चूत की तरफ बढ़ता महसूस कर रीत की साँसें फिर से फूलने लगी थी और उसकी टाँगें भी काँपने लगी थी. रीत की टाँगों का कंपन विकी को महसूस हो रहा था.
वो सोच रहा था कि इस की चुदाई का तो मज़ा ही कुछ और होगा. उसका हाथ आगे बढ़ता हुआ अब रीत की सलवार में क़ैद उसकी चूत पे पहुँच चुका था और उसने देखा कि रीत की सलवार भी उसकी चूत के पानी से भीग चुकी थी. और चूत पर विकी का हाथ महसूस करते ही रीत एकदम से कंपकपा उठी थी और उसने अपने हाथ अपने चेहरे पर से हटाकर विकी के हाथ को पकड़ लिया जो कि उसकी चूत पे था. और अपने चेहरे पे मुस्कान लिए हुए विकी की तरफ देखकर अपना सिर ना में हिलाने लगी. विकी को भी लगा कि जल्द बाज़ी ठीक नही है. उसने अपना हाथ रीत की चूत पर से हटा दिया और रीत के दोनो हाथों का पकड़कर उसे फिरसे अपनी ओर खींच लिया. अब फिरसे उन्दोनो के होंठ मिल चुके थे और विकी जी भर के उन्हे चूस रहा था.
विकी को भी अपने होंठों पे गीलापन महसूस होने लगा था. उसने रीत के होन्ट छोड़े और उसने देखा कि रीत के होंठ के एक कोने से खून निकल रहा था. वो अपनी जीभ से उसके होंठ के कोने से निकल रहे खून को चाटने लगा और उसे चाट चाट कर सॉफ कर दिया. रीत विकी की इस हरकत पे मुस्कुरा रही थी. तभी थियेटर में लाइट'स ऑन हो गई और रीत झट से विकी से अलग हो गई. मूवी का इंटर्वल हो गया था. मगर अब रीत और विकी दोनो का मन मूवी देखने का नही कर रहा था. वो बाहर निकले और विकी की बाइक घर की तरफ चल पड़ी.