hotaks444
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बहादुर ने देखा कि विकी कहीं बाहर से अपनी बाइक पे अभी आ कर खड़ा ही था. बहादुर उसके पास पहुँचा और बोला.
बहादुर-साले उस दिन मैने तुम्हारी बेहन का हाथ पकड़ा था तो तूने मुझे बहुत मारा था. लेकिन साले आज जो वो गुल खिला रही है वो सब नही दिखता तुम्हे.
विकी ने बहादुर को गिरेबान से पकड़ लिया और बोला.
विकी-क्या बकवास कर रहा है साले.
बहादुर-मैं कोई बकवास नही कर रहा खुद चल कर देखले पीछे लॉन में जो टाय्लेट है उसमे कैसे अपने यार के साथ रंग-रलियाँ मना रही है.
विकी-चल और अगर ये बात झूठी निकली तो आज तुझे मारकर वही लॉन में गाढ दूँगा तुझे.
बहादुर-चल.
दोनो पीछे की तरफ चल देते हैं और टाय्लेट के पास जाकर बहादुर ने बाहर से दरवाज़ा खोल दिया और एक जोरदार लात दरवाज़े पे मार दी और दरवाज़ा टूट गया. सामने की हालत देखकर विकी के पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गई.
अंदर प्रीति की जीन्स उसके पैरों में थी और उसकी टी-शर्ट उसकी छातियों के उपर से हटी हुई थी और अमित उसके मम्मे चूस रहा था. दरवाज़ा खुलते ही दोनो एकदम से अलग हो गये और जैसे ही प्रीति ने विकी को सामने देखा तो वो बुरी तरह से डर गई और उसका सिर घूमने लगा उसने जल्दी से अपने कपड़े सही किए और विकी के पास आकर जैसे ही कुछ बोलने लगी तो विकी ने एक जोरदार तमाचा उसकी गाल पे जड़ दिया.
तमाचा इतनी ज़ोर से पड़ा कि प्रीति एक साइड पे जाकर गिरी. विकी अमित की तरफ बढ़ा और
उसे गले से पकड़कर बाहर खींचा और उसकी गालों पे तमाचो की झड़ी लगा दी. प्रीति अमित को बचाने के लिए बीच में आई तो विकी ने फिर से एक तमाचा उसे दे मारा और गुस्से से बोला.
विकी-दूर हो जाओ मेरी नज़रों से.
विकी ने अपनी लात को फोल्ड कर के अमित के पेट में मारा और अमित अपना पेट पकड़कर नीचे गिर गया. विकी ने अपनी बेल्ट निकाली और अमित पे बुरी तरह से बरसाने लगा उसने अमित के कपड़े फाड़ दिए और उसके नंगे जिस्म पे बेल्ट के साथ प्रहार करने लगा. विकी की इतनी ख़ूँख़ार पिटाई से अमित बेहोश हो गया. कॉलेज के टीचर्स को जब पता चला कि विकी पीछे लॉन में किसी लड़के को मार रहा है तो उन्होने पीछे जाकर बहुत मुश्क़िल से उसे पकड़कर रोका. और जल्दी से अमित को हॉस्पिटल में अड्मिट करवा दिया.
प्रीति सीधा अपने घर गई और अपने रूम में जाकर रोने लगी.
शाम को उसके रूम के खट्खटाने की आवाज़ आई तो उसने डरते डरते दरवाज़ा खोला.
सामने विकी खड़ा था और उसकी आँखों में खून उतरा हुआ था. अंदर आते ही उसने एक जोरदार तमाचा प्रीति की गाल पे जड़ दिया और बोला.
विकी-आज तुमने सारे कॉलेज के सामने मेरी नाक कटवा दी.
प्रीति-भैया मुझे माफ़ कर दो लेकिन मैं अमित को प्यार करती हूँ. मैं उसके बिना नही जी सकती.
विकी-बंद कर अपनी बकवास आज से तेरा कॉलेज जाना बंद.
प्रीति-प्लीज़ भैया ऐसा मत करो.
विकी-चुप कर तुझे तो कॉलेज में भेजना ही नही चाहिए था ना तू कॉलेज जाती और ना ये कलंक मेरे मूह पे लगता. क्या इज़्ज़त रह जाएगी अब मेरी कॉलेज में जब सब को पता चलेगा कि हिट्लर की बेहन एक लड़के के साथ टाय्लेट में........
प्रीति-कोन्सि इज़्ज़त की बात कर रहे हो आप. तुम सिर्फ़ कमज़ोरो को डरा सकते हो और कुछ नही कर सकते. भैया आप सिर्फ़ अपने लिए ही सोचते हो आपको अपने माँ बाप और बेहन की कोई फिकर नही है. बस तुम्हे सिर्फ़ अपना ही अच्छा बुरा दिखता है.
विकी ने एक और थप्पड़ प्रीति के गाल पे जड़ दिया और प्रीति बेड पे गिर गई और सुबकने लगी.
विकी वहाँ से बाहर निकल गया और अपने कमरे में जाकर कमरा अंदर से बंद कर दिया.
अमित को अब होश आ चुका था और उसने खुद को हॉस्पिटल के एक बेड पे पाया. उसके माता पिता उसके पास ही बैठे थे और साथ में एक पोलीस वाला भी था. अमित को होश आते ही उसके पिता ने कहा.
पिता जी-अमित बेटा इनस्पेक्टर साहिब को अपने बेयान लिखवा और बता कॉन था वो हरामज़ादा.
अमित-नही पापा मुझे उनके खिलाफ कोई रिपोर्ट नही लिखवानी क्यूंकी मैं उसकी बेहन प्रीति को प्यार करता हूँ. और मैं और प्रीति जो कर रहे थे ऐसा करते हुए कोई भी भाई अपनी बेहन को देखले तो वो ऐसा ही करेगा जैसा विकी ने किया. मुझे पूरी उम्मीद है पापा कि एक दिन वो खुद प्रीति का हाथ मेरे हाथ में देगा.
इनस्पेक्टर-वाह बेटा वाह मैने तो सोचा था कि आज कल सच्चा इश्क़ करने वाले लोग नही रहे मगर तुम्हे देखकर लग रहा है कि मैं ग़लत हूँ. बेस्ट ऑफ लक बेटा अगर तुम्हारा प्यार सच्चा है तो वो तुम्हे ज़रूर मिलेगा. उधर जब प्रीति ने फोन पे अमित से बात की तो उसे पता चला कि अमित अब बिल्कुल ठीक है तो जाकर उसके दिल को
सकून आया.
प्रीति को अब कुछ समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे. उसके दिमाग़ रीत का ख्याल आया तो उसने सोचा कि एक बार रीत को मिला जाए. उसने अपनी फ़्रेंड कोमल को फोन किया और उसे रीत का मोबाइल नंबर. पता करने के लिए कहा.
बहादुर-साले उस दिन मैने तुम्हारी बेहन का हाथ पकड़ा था तो तूने मुझे बहुत मारा था. लेकिन साले आज जो वो गुल खिला रही है वो सब नही दिखता तुम्हे.
विकी ने बहादुर को गिरेबान से पकड़ लिया और बोला.
विकी-क्या बकवास कर रहा है साले.
बहादुर-मैं कोई बकवास नही कर रहा खुद चल कर देखले पीछे लॉन में जो टाय्लेट है उसमे कैसे अपने यार के साथ रंग-रलियाँ मना रही है.
विकी-चल और अगर ये बात झूठी निकली तो आज तुझे मारकर वही लॉन में गाढ दूँगा तुझे.
बहादुर-चल.
दोनो पीछे की तरफ चल देते हैं और टाय्लेट के पास जाकर बहादुर ने बाहर से दरवाज़ा खोल दिया और एक जोरदार लात दरवाज़े पे मार दी और दरवाज़ा टूट गया. सामने की हालत देखकर विकी के पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गई.
अंदर प्रीति की जीन्स उसके पैरों में थी और उसकी टी-शर्ट उसकी छातियों के उपर से हटी हुई थी और अमित उसके मम्मे चूस रहा था. दरवाज़ा खुलते ही दोनो एकदम से अलग हो गये और जैसे ही प्रीति ने विकी को सामने देखा तो वो बुरी तरह से डर गई और उसका सिर घूमने लगा उसने जल्दी से अपने कपड़े सही किए और विकी के पास आकर जैसे ही कुछ बोलने लगी तो विकी ने एक जोरदार तमाचा उसकी गाल पे जड़ दिया.
तमाचा इतनी ज़ोर से पड़ा कि प्रीति एक साइड पे जाकर गिरी. विकी अमित की तरफ बढ़ा और
उसे गले से पकड़कर बाहर खींचा और उसकी गालों पे तमाचो की झड़ी लगा दी. प्रीति अमित को बचाने के लिए बीच में आई तो विकी ने फिर से एक तमाचा उसे दे मारा और गुस्से से बोला.
विकी-दूर हो जाओ मेरी नज़रों से.
विकी ने अपनी लात को फोल्ड कर के अमित के पेट में मारा और अमित अपना पेट पकड़कर नीचे गिर गया. विकी ने अपनी बेल्ट निकाली और अमित पे बुरी तरह से बरसाने लगा उसने अमित के कपड़े फाड़ दिए और उसके नंगे जिस्म पे बेल्ट के साथ प्रहार करने लगा. विकी की इतनी ख़ूँख़ार पिटाई से अमित बेहोश हो गया. कॉलेज के टीचर्स को जब पता चला कि विकी पीछे लॉन में किसी लड़के को मार रहा है तो उन्होने पीछे जाकर बहुत मुश्क़िल से उसे पकड़कर रोका. और जल्दी से अमित को हॉस्पिटल में अड्मिट करवा दिया.
प्रीति सीधा अपने घर गई और अपने रूम में जाकर रोने लगी.
शाम को उसके रूम के खट्खटाने की आवाज़ आई तो उसने डरते डरते दरवाज़ा खोला.
सामने विकी खड़ा था और उसकी आँखों में खून उतरा हुआ था. अंदर आते ही उसने एक जोरदार तमाचा प्रीति की गाल पे जड़ दिया और बोला.
विकी-आज तुमने सारे कॉलेज के सामने मेरी नाक कटवा दी.
प्रीति-भैया मुझे माफ़ कर दो लेकिन मैं अमित को प्यार करती हूँ. मैं उसके बिना नही जी सकती.
विकी-बंद कर अपनी बकवास आज से तेरा कॉलेज जाना बंद.
प्रीति-प्लीज़ भैया ऐसा मत करो.
विकी-चुप कर तुझे तो कॉलेज में भेजना ही नही चाहिए था ना तू कॉलेज जाती और ना ये कलंक मेरे मूह पे लगता. क्या इज़्ज़त रह जाएगी अब मेरी कॉलेज में जब सब को पता चलेगा कि हिट्लर की बेहन एक लड़के के साथ टाय्लेट में........
प्रीति-कोन्सि इज़्ज़त की बात कर रहे हो आप. तुम सिर्फ़ कमज़ोरो को डरा सकते हो और कुछ नही कर सकते. भैया आप सिर्फ़ अपने लिए ही सोचते हो आपको अपने माँ बाप और बेहन की कोई फिकर नही है. बस तुम्हे सिर्फ़ अपना ही अच्छा बुरा दिखता है.
विकी ने एक और थप्पड़ प्रीति के गाल पे जड़ दिया और प्रीति बेड पे गिर गई और सुबकने लगी.
विकी वहाँ से बाहर निकल गया और अपने कमरे में जाकर कमरा अंदर से बंद कर दिया.
अमित को अब होश आ चुका था और उसने खुद को हॉस्पिटल के एक बेड पे पाया. उसके माता पिता उसके पास ही बैठे थे और साथ में एक पोलीस वाला भी था. अमित को होश आते ही उसके पिता ने कहा.
पिता जी-अमित बेटा इनस्पेक्टर साहिब को अपने बेयान लिखवा और बता कॉन था वो हरामज़ादा.
अमित-नही पापा मुझे उनके खिलाफ कोई रिपोर्ट नही लिखवानी क्यूंकी मैं उसकी बेहन प्रीति को प्यार करता हूँ. और मैं और प्रीति जो कर रहे थे ऐसा करते हुए कोई भी भाई अपनी बेहन को देखले तो वो ऐसा ही करेगा जैसा विकी ने किया. मुझे पूरी उम्मीद है पापा कि एक दिन वो खुद प्रीति का हाथ मेरे हाथ में देगा.
इनस्पेक्टर-वाह बेटा वाह मैने तो सोचा था कि आज कल सच्चा इश्क़ करने वाले लोग नही रहे मगर तुम्हे देखकर लग रहा है कि मैं ग़लत हूँ. बेस्ट ऑफ लक बेटा अगर तुम्हारा प्यार सच्चा है तो वो तुम्हे ज़रूर मिलेगा. उधर जब प्रीति ने फोन पे अमित से बात की तो उसे पता चला कि अमित अब बिल्कुल ठीक है तो जाकर उसके दिल को
सकून आया.
प्रीति को अब कुछ समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे. उसके दिमाग़ रीत का ख्याल आया तो उसने सोचा कि एक बार रीत को मिला जाए. उसने अपनी फ़्रेंड कोमल को फोन किया और उसे रीत का मोबाइल नंबर. पता करने के लिए कहा.