hotaks444
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“मममम.... देखो ना! खड़ा हो गया है..... अब चोद दो ना!” साक्षी बोली।
“ठीक है! अब घोड़ी बन जाओ, अब मैं तुम्हारी गाँड मारूँगा”, जय ने कहा।
“नहीं! पहले चूत की चुदाई करो...... फिर गाँड मारना”, साक्षी बोली।
“गाँड नहीं तो चूत भी नहीं!” जय ने कहा।
“तुम बड़े मतलबी हो”, साक्षी घोड़ी बनते हुए बोली।
“विजय! क्या तुम सिमरन की गाँड मारने को तैयार हो?”
“हाँ! पहले इसे लौड़ा तो चूस लेने दो”, विजय बोला।
“लौड़ा बाद में चूसाते रहना, अब हम साथ-साथ इनकी गाँड का उदघाटन करते हैं”, जय ने कहा।
“ठीक है सिमरन! अब तुम घोड़ी बन जाओ!” विजय ने कहा।
“तुम इसकी बातों पे ध्यान मत दो, मुझे लौड़े को चूसने दो”, सिमरन और जोर से लौड़े को चूसते हुए बोली।
“नहीं सिमरन पहले गाँड!” विजय बोला।
“ओहहहहह धीरे से करो ना!!!! मुझे दर्द रहा है!!!!! ऊऊऊऊऊ मर गयीईईईईई”, साक्षी दर्द से कराह उठी।
“थोड़ा दर्द सहन करो, मेरा लंड बस घुस ही रहा है, क्या तुम्हें महसूस हो रहा है?” जय ने अपना लंड घुसाते हुए कहा।
“ऊऊऊऊहहहहह हाँआआआआ...” साक्षी कराही।
“मेरा घुस गया, विजय तुम्हारा क्या हाल है?”
“मैं इसकी चूत में अपना लंड डाल कर उसे गीला कर रहा हूँ, कारण इसकी चूत के जैसी ही इसकी गाँड भी टाइट होगी ना!” विजय ने कहा।
“ज्यादा मत सोचो..... और जोर से अपना लंड उसकी गाँड में पेल दो”, जय बोला!
“तुम उसकी बातों पे ध्यान मत दो, ओहहहहह मर गयीईईईई...... निकाल लो दर्द हो रहा....आआ है!!!!!” सिमरन दर्द में जोर चिल्लायी।
“विजय! और जोर से डालो!” जय जोर से बोला।
“हाय भगवान!!!! मैं मरीईईई, विजय, प्लीईईज़!!!! धीरे करो...... दर्द हो रहा है.....” सिमरन दर्द से छटपटा रही थी। उसकी आँखों में आँसू आ गये थे।
“अब मेरा भी पूरा घुस चुका है, जय!” विजय बोला।
“ठीक है..... फिर मेरे धक्के से धक्का मिलाओ और साथ में इनकी गाँड मारो!” जय ने कहा। इस कहानी के लेखक राज अग्रवाल है!
दोनों ताल से ताल मिला कर उनकी गाँड मार रहे थे। कमरे से उनकी कराहने की आवाज़ आ रहा थी। माहोल एकदम गरम हो रहा था। हम सब को भी अपनी हालत पर काबू करना मुश्किल हो रहा था।
“आखिर में विजय ने सिमरन की गाँड मार ही दी!” राम बोला।
“हाँ और जय का लंड साक्षी की गाँड में घुसा हुआ है!!!” श्याम ने मंजू की चूचियों को भिंचते हुए कहा, “अब मैं तुम्हें चोदूँगा।”
“हाँ! अब हम उनकी बीवीयों को उनके सामने ही चोदेंगे”, राम ने अंजू को गोद में उठाते हुए कहा।
“आगो बढ़ो और मज़े करो”, प्रीती ने उन्हें बढ़ावा दिया। “और हाँ! तुम दोनों को एक दूसरे की बीवी को भी चोदना है”, प्रीती राम और श्याम से बोली।
“चलो हम लोग तमाशा देखते हैं”, मैं प्रीती से बोला।
“प्लीज़ राज! मेरे और अपने लिये एक-एक पैग बना दो ना!” प्रीती पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाते हुए बोली।
!!! क्रमशः !!!
“ठीक है! अब घोड़ी बन जाओ, अब मैं तुम्हारी गाँड मारूँगा”, जय ने कहा।
“नहीं! पहले चूत की चुदाई करो...... फिर गाँड मारना”, साक्षी बोली।
“गाँड नहीं तो चूत भी नहीं!” जय ने कहा।
“तुम बड़े मतलबी हो”, साक्षी घोड़ी बनते हुए बोली।
“विजय! क्या तुम सिमरन की गाँड मारने को तैयार हो?”
“हाँ! पहले इसे लौड़ा तो चूस लेने दो”, विजय बोला।
“लौड़ा बाद में चूसाते रहना, अब हम साथ-साथ इनकी गाँड का उदघाटन करते हैं”, जय ने कहा।
“ठीक है सिमरन! अब तुम घोड़ी बन जाओ!” विजय ने कहा।
“तुम इसकी बातों पे ध्यान मत दो, मुझे लौड़े को चूसने दो”, सिमरन और जोर से लौड़े को चूसते हुए बोली।
“नहीं सिमरन पहले गाँड!” विजय बोला।
“ओहहहहह धीरे से करो ना!!!! मुझे दर्द रहा है!!!!! ऊऊऊऊऊ मर गयीईईईईई”, साक्षी दर्द से कराह उठी।
“थोड़ा दर्द सहन करो, मेरा लंड बस घुस ही रहा है, क्या तुम्हें महसूस हो रहा है?” जय ने अपना लंड घुसाते हुए कहा।
“ऊऊऊऊहहहहह हाँआआआआ...” साक्षी कराही।
“मेरा घुस गया, विजय तुम्हारा क्या हाल है?”
“मैं इसकी चूत में अपना लंड डाल कर उसे गीला कर रहा हूँ, कारण इसकी चूत के जैसी ही इसकी गाँड भी टाइट होगी ना!” विजय ने कहा।
“ज्यादा मत सोचो..... और जोर से अपना लंड उसकी गाँड में पेल दो”, जय बोला!
“तुम उसकी बातों पे ध्यान मत दो, ओहहहहह मर गयीईईईई...... निकाल लो दर्द हो रहा....आआ है!!!!!” सिमरन दर्द में जोर चिल्लायी।
“विजय! और जोर से डालो!” जय जोर से बोला।
“हाय भगवान!!!! मैं मरीईईई, विजय, प्लीईईज़!!!! धीरे करो...... दर्द हो रहा है.....” सिमरन दर्द से छटपटा रही थी। उसकी आँखों में आँसू आ गये थे।
“अब मेरा भी पूरा घुस चुका है, जय!” विजय बोला।
“ठीक है..... फिर मेरे धक्के से धक्का मिलाओ और साथ में इनकी गाँड मारो!” जय ने कहा। इस कहानी के लेखक राज अग्रवाल है!
दोनों ताल से ताल मिला कर उनकी गाँड मार रहे थे। कमरे से उनकी कराहने की आवाज़ आ रहा थी। माहोल एकदम गरम हो रहा था। हम सब को भी अपनी हालत पर काबू करना मुश्किल हो रहा था।
“आखिर में विजय ने सिमरन की गाँड मार ही दी!” राम बोला।
“हाँ और जय का लंड साक्षी की गाँड में घुसा हुआ है!!!” श्याम ने मंजू की चूचियों को भिंचते हुए कहा, “अब मैं तुम्हें चोदूँगा।”
“हाँ! अब हम उनकी बीवीयों को उनके सामने ही चोदेंगे”, राम ने अंजू को गोद में उठाते हुए कहा।
“आगो बढ़ो और मज़े करो”, प्रीती ने उन्हें बढ़ावा दिया। “और हाँ! तुम दोनों को एक दूसरे की बीवी को भी चोदना है”, प्रीती राम और श्याम से बोली।
“चलो हम लोग तमाशा देखते हैं”, मैं प्रीती से बोला।
“प्लीज़ राज! मेरे और अपने लिये एक-एक पैग बना दो ना!” प्रीती पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाते हुए बोली।
!!! क्रमशः !!!