hotaks444
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अध्याय 11
एडवाकेट विवेक अग्निहोत्री ..शहर के एक बहुत बड़े लॉयर(वकील) थे,साथ ही मेरे नाना जी के पुराने वकील भी थे,हमारे घर अक्सर आया करते थे लेकिन मैं कभी उनसे पर्सनली नही मिला था बस पहचानता था ….
उन्होंने मुझे अदंर बुलाया …
“आओ राज आओ “
हम दोनो ने हाथ मिलाया और मैं उनके सामने एक चेयर में बैठ गया ..
“आखिर बात क्या है वकील साहब “
“कॉल मि अंकल ...तुम्हारे नाना जी मेरे पिता के दोस्त थे और मैं तुम्हारी माँ और पिता का दोस्त रहा हु ,पर्सनली लेकिन प्रोफेसनली मैं वकील हु और वकील किसी का दोस्त नही होता ..”
“ओके अंकल तो अपने मुझे यंहा क्यो बुलाया और कल रात …”
“राज तुम एक बड़े मुसिबत में फंसे हो खासकर जब से तुम जंगल से आये हो बहुत कुछ बदल गया ,बातो को समझने के लिए हमे अतीत में थोड़ा पीछे जाना होगा ….”
मैंने हा में सर हिलाया और उन्होंने बोलना शुरू किया ..
“तुम्हे पता होगा की तुम्हारे नाना रत्नानी जी का एक बहुत बड़ा बिजनेस अम्पायर था ,और तुम्हारी माँ उनकी इकलौती बेटी थी ,तुम्हारे नाना और तुम्हारे दादा दोस्त थे इसलिए उन्होंने तुम्हारे माँ पिता की शादी करवा दी,तुम्हारे पिता भी अपने पिता के इकलौते बेटे थे इस तरह से दो बड़े बिजनेस एम्पायर एक हो गए ..
चंदानी ग्रुप और रत्नानी ग्रुप …
लेकिन ….तुम्हरे दादा जी और नाना जी दोनो को इस बात का इल्म हो गया था की तुम्हारे पिता जी एक ऐय्याश किस्म के इंसान है,और तुम्हरी माँ बहुत ही सीधी साधी महिला है,इसलिए उन्होंने एक वसीयत तैयार की …
वसीयत मैंने और मेरे पिता जी ने मिलकर बनाई थी ,उस समय दोनो ग्रुप्स की कुल सम्प्पति उस समय लगभग 200 करोड़ की थी जो की आज 1200 करोड़ हो चुकी है ,अब तुम्हारे पूरी संम्पति का कुल 60% तुम्हारे दादा जी के तरफ से आया है जबकि 40% नाना जी की तरफ से ,दादा की वसीयत बोलती है की उनका जो पोता होगा उसे जवान होने पर ये संपत्ति दे दी जाय,जो की तुम हो ..
वही नाना की वसीयत के अनुसार तुम्हारी माँ के सारे बच्चों के जवान होने पर , सम्प्पति बराबर बटेगी ..और अब सभी बच्चे जवान हो चुके है ...मतलब की अब तुम्हारे पिता का सम्प्पति पर कोई भी अधिकार नही रह जाता,ये बात तुम्हारे पिता को भी पता है लेकिन अभी तक उन्होंने शायद तुम्हे ये बताया नही है …”
उनकी बात सुनकर मैं बुरी तरह से चौक गया था ,इतनी दौलत और हमे पता भी नही है ……..
“तो प्रॉब्लम क्या है ???”
“प्रॉब्लम है की इस दौलत को पाने के लिए कुछ लोग उस समय से प्रयास कर रहे है जब से तुम जन्म लिए ,देखो नाना की दौलत से तो तुम्हे कोई भी महरूम नही कर सकता क्योकि तुम अपनी माँ के बेटे हो और वसीयत के हिसाब से दौलत तुम्हारे और तुम्हारी बहनो में समान रूप से बांटी जाएगी ,लेकिन दादा जी की जो दौलत है जो की कुल संम्पति की करीब 60% है उसपर सिर्फ तुम्हारा या चन्दू का हक है “
इस बार मुझे जोर का झटका लगा
“वाट मतलब ..”
“मतलब साफ है की चन्दू भी रतन चंदानी का बेटा है और कोर्ट में एक DNA टेस्ट और सब कुछ साफ हो जाएगा ..”
“मलतब सम्प्पति दो हिस्सो में बटेगी ..”
“नही सिर्फ एक, चन्दू और उसके सहयोगी तुम्हे फूटी कौड़ी नही देते ,तुम्हारी जैसी पर्सनाल्टी थी उन्हें तुमसे कोई भी खतरा नही था तब तक की तुम जंगल से नही आ गए ,अब तुम उनके लिए खतरा बन गए हो ..तो तुम्हे रास्ते से हटाना उनके लिए जरूरी हो गया है …”
अब मुझे समझ आया की आखिर चन्दू ने ये क्यो कहा था की जब से मेरा जन्म हुआ है तब से हमारी दुश्मनी है ..
“उसके सहयोगी कौन है और निशा के जरिये मुझे कैसे फसाया जा रहा था…??”
इस बार विवेक अंकल के चहरे में थोड़ी टेंशन आ गई ….
“क्या हुआ अंकल बताइये ना की आखिर चन्दू को कौन सपोर्ट कर रहा है जो मुझे रास्ते से हटाना चाहता है..”
अंकल धीरे से बोलने लगे ..
“चन्दू को दौलत दिलाने का पूरा जिम्मा मेरा था ..’
“वाट’
जैसे मैं कुर्सी से उछल ही गया ..
“राज मेरी बात सुनो,मैं तुम्हे कभी भी मरना नही चाहता था मेरी तो बस इतनी सी प्लानिंग थी की तुम्हे दबा कर रखा जाय और जब समय आये तो तुम कमजोर पड़ जाओ ,तुम्हे इतना हुमिलेट कर दिया जाय की तुम घर छोड़ कर भाग जाओ,उसके लिए हमारे पास एक दूसरा प्लान भी था ,जब तुम जंगल में खो गए तो हमे लगा की वक्त से पहले ही हमारा काम हो गया ….लेकिन ऐसा नही हुआ,तुम वापस आ गए और जब वापस आये तो तुम वो इंसान ही नही थे जिसे हम मेनुपुलेट कर सके ….”
मैं गहरे सोच में पड़ गया था ,ये मेरे साथ क्या हो रहा है...अंकल ने बोलना जारी रखा ..
“देखो मुझे तुम्हारे पिता के आचरण के बारे में पहले से ही पता था और फिर जब तुम्हारे दादा और नाना ने वसीयत बनाई तो मेरे दिमाग में एक प्लान बन गया,वसीयत के अनुसार जब तक तुम लोग पूरी तरह से जायजाद पाने के लायक नही हो जाते तब तक हमे वो वसीयत छुपा कर रखनी थी ,मलतब तुम्हारे पिता को भी इसके बारे में पता नही था,उन्हें हमने तुम्हारी बड़ी बहन के लायक होने पर हमने बताया ...और इसी बात का फायदा उठाकर मैंने तुम्हारे घर में दो औरतो को भेज दिया ,कांता और शबीना ये दोनो पहले मेरे पास ही काम किया करती थी ,उनके पति कुछ करोड़ की बात सुनकर ही लार टपकाने लगे थे और वो भी इस प्लान का हिस्सा बन गए ,मुझे पता था की तुम्हारे पिता जरूर इनसे नाजायज संबंध बनाएंगे और उससे तुम्हारे दादा के एक वारिस मिलने की पूरी संभावना मुझे थी और वो चन्दू के रूप में पूरी हुई ,लेकिन कुछ महीने बाद ही तुम्हारा भी जन्म हो गया,मैंने इंतजार करने की सोची…
तुम्हारे प्रति तुम्हारे पिता का बर्ताव और तुम्हारा दब्बूपन देख मुझे बहुत खुशी होती क्योकि तब तुम्हे आराम से मेनुपुलेट किया जा सकता था,लेकिन …..”
“लेकिन मैं जंगल से वापस आया और आपके सभी किये कराए पर पानी फिर गया यही ना ...इन सबमे मेरी बहनो का क्या रोल है…”
“मुझे एक घर का आदमी चाहिए था मेरे प्लान को पूरी तरह से सक्सेस करने के लिए ,चन्दू ने ये जिम्मा ले लिया जब उसे कुछ महीनों पहले ही इन सबके बारे में पता चला….मुझे नही पता की वो कौन है लेकिन तुम्हारे तीनो बहनो में से एक चन्दू की दीवानी जरूर है ..”
ये सुनकर मेरा दिल ही बैठ गया ..
“निशा .??”
“मुझे नही पता क्योकि उसने कभी बताया नही ,लेकिन उसने ये जरूर बताया की तुम्हे घर से बाहर कैसे निकाला जाए ..और उसका जरिया निशा ही थी ,निशा तुम्हारे ऊपर डोरे डालेगी और तुम्हे उत्तेजित करेगी और किसी कमजोर पल में तुम बहक जाओगे ,और इसी का फायदा उठाकर चन्दू तुम्हरे पिता को ये बात बता देगा और फिर वही तमाशा होगा तुम्हारा पिता तुम्हे मार मार कर घर से बाहर निकाल देगा क्योकि वो सबसे ज्यादा निशा से ही प्यार करता है तो तुम्हारा रास्ता साफ ,तुम्हरा पिता चन्दू को अपना बेटा घोसित करता जिसके लिए मैं उसे उकसाता ताकि पूरी प्रोपर्टी बर्बाद ना हो जाए और फिर सब कुछ चन्दू का और नान की प्रोपर्टी तुम्हारे 3 बहनो में ही बट जाती,तुम कभी उसपर क्लेम करने की सोच भी नही पाते क्योकि तुम्हे इन सब चीजो का पता भी नही था और ना चल पाता,फिर जब प्रोपर्टी एक बार हाथ में लग गई तो तुम्हारी उस बहन का चन्दू से शादी करवा दिया जाता,तुम्हारे माँ बाप कुछ भी नही कर पाते क्योकि पूरी प्रोपर्टी चन्दू की हो ही चुकी होती,नाना की प्रोपर्टी का एक हिस्सा उस बहन का होता,बाकी दो बहने अपना हिस्सा लेकर अलग हो चुकी होती,तो बात खत्म थी ,कोई कुछ नही कह पाता और करोड़ो की दौलत के हम मालिक बन जाते…..”
इतना कहकर वो चुप हो गए …….
“वाह क्या प्लान था ..लेकिन अब मुझपर इतनी दया क्यो …की आप खुद ही सब कुछ मुझे बता रहे है..”
उन्होंने एक गहरी सांस छोड़ी ..
“कल रात चन्दू ने मुझे फोन किया ,बहुत दारू पी हुई थी उसने,वो मेरे साथ काम करने से मना करने लगा ,साथ ही मुझे ये भी बताया की आज तुम्हारे घर में बवाल होगा,वो अपने प्लान पर काम करेगा और साथ ही ये भी कहा की उसे अब मेरी कोई जरूरत नही है,उसे मुझसे ताकतवर लोग मिल चुके है जो तुम्हे मारना चाहते है ,अब वो तुम्हे मार डालेगा और जायजाद अपने नाम करवाएगा ….मैं खून खराबा नही चाहता राज...पहले भी नही चाहता था ,मैं काफी देर तक सोच में ही पड़ा रहा की आखिर क्या करू...मैंने सोचा की मैं खुद को इन सबसे दूर रखु लेकिन ...लेकिन किसी ने मुझे फोन कर कहा की अगर मैंने तुम्हे ये सब नही बताया तो वो मुझे मार देगी ..”
ये मेरे लिए एक और झटका था ..
“वाट..कौन ..”
“मुझे नही पता लेकिन मैं बुरी तरह से डर गया था,पहले चन्दू मरने मारने की बात कर रहा था और अब ये लड़की ..असल में उस लड़की को भी नही पता था की असल बात क्या है उसने पहले मुझसे कहा की मैं तुम्हे वार्न करू और फिर तुम्हे अपने पास बुलाकर पूरी बात बताऊ,उसके बाद वो मुझसे मेरे घर में आकर मिली और काफी देर बात करके पूरी जानकारी ली ..”
“आखिर वो दिखती कैसी है...कितने उम्र की रही होगी ..”
“ज्यादा उम्र की तो नही थी लेकिन जब वो मेरे घर आयी थी तो उसके साथ कुछ लोग और भी थे,बड़े ही खतरनाक लग रहे थे,उसने मुझसे कहा की मैं इस मामले से दूर रहू और वसीयत के पेपर्स तुम्हें सौप दु ,ताकि वो चन्दू के हाथ ना लगे ..मुझे लगता है की कोई बड़ी ताकते इन सबमे शामिल हो गई है ,वो लड़की एक फाइटर लग रही थी ,चहरा मासूम था लेकिन ...बहुत ही दमदार थी,वही चन्दू भी कह रहा था की उसे ताकतवर लोग मिल गए है जो तुम्हे मार देंगे,मुझे कुछ समझ नही आ रहा है राज की आखिर ये हो क्या रहा है लेकिन जो भी हो तुम सम्हालकर रहना .”
उनकी बात सुनकर मैं जोरो से हंसा
“जो शख्स मुझे बर्बाद करने को तुला था वो आज मेरी सलामती की बात कर रहा है ……”
मैं खड़ा हुआ
“वो पेपर्स मुझे चाहिए “
“वो ...उसे तो मैंने अपने बैक के लॉकर में रखा हुआ है ,”
“तो बैक चलते है “
“आज तो रविवार है बैंक बंद होगा,कल बैक खुलते ही मैं वो पेपर्स तुम्हारे हवाले कर दूंगा ..”
“हम्म्म्म “
मैं पलटा और बाहर की तरफ जाने लगा तभी मेरे दिमाग में एक ख्याल आया ..
मैं फिर से विवेक की तरफ पलटा ..
“कही वो लड़की ये तो नही “
मैंने मोबाइल से एक फ़ोटो निकाल कर उन्हें दिखाई जिसे देखकर उनकी आंखे चौड़ी हो गई…
“हा यही है यही है “
मेरे होठो में मुस्कान और दिल में शंका के कई बादल एक साथ उमड़ पड़े थे ,क्योकि ये तस्वीर काजल मेडम की थी ..
सुंदर चहरे वाली फाइटर ……..
**************
एडवाकेट विवेक अग्निहोत्री ..शहर के एक बहुत बड़े लॉयर(वकील) थे,साथ ही मेरे नाना जी के पुराने वकील भी थे,हमारे घर अक्सर आया करते थे लेकिन मैं कभी उनसे पर्सनली नही मिला था बस पहचानता था ….
उन्होंने मुझे अदंर बुलाया …
“आओ राज आओ “
हम दोनो ने हाथ मिलाया और मैं उनके सामने एक चेयर में बैठ गया ..
“आखिर बात क्या है वकील साहब “
“कॉल मि अंकल ...तुम्हारे नाना जी मेरे पिता के दोस्त थे और मैं तुम्हारी माँ और पिता का दोस्त रहा हु ,पर्सनली लेकिन प्रोफेसनली मैं वकील हु और वकील किसी का दोस्त नही होता ..”
“ओके अंकल तो अपने मुझे यंहा क्यो बुलाया और कल रात …”
“राज तुम एक बड़े मुसिबत में फंसे हो खासकर जब से तुम जंगल से आये हो बहुत कुछ बदल गया ,बातो को समझने के लिए हमे अतीत में थोड़ा पीछे जाना होगा ….”
मैंने हा में सर हिलाया और उन्होंने बोलना शुरू किया ..
“तुम्हे पता होगा की तुम्हारे नाना रत्नानी जी का एक बहुत बड़ा बिजनेस अम्पायर था ,और तुम्हारी माँ उनकी इकलौती बेटी थी ,तुम्हारे नाना और तुम्हारे दादा दोस्त थे इसलिए उन्होंने तुम्हारे माँ पिता की शादी करवा दी,तुम्हारे पिता भी अपने पिता के इकलौते बेटे थे इस तरह से दो बड़े बिजनेस एम्पायर एक हो गए ..
चंदानी ग्रुप और रत्नानी ग्रुप …
लेकिन ….तुम्हरे दादा जी और नाना जी दोनो को इस बात का इल्म हो गया था की तुम्हारे पिता जी एक ऐय्याश किस्म के इंसान है,और तुम्हरी माँ बहुत ही सीधी साधी महिला है,इसलिए उन्होंने एक वसीयत तैयार की …
वसीयत मैंने और मेरे पिता जी ने मिलकर बनाई थी ,उस समय दोनो ग्रुप्स की कुल सम्प्पति उस समय लगभग 200 करोड़ की थी जो की आज 1200 करोड़ हो चुकी है ,अब तुम्हारे पूरी संम्पति का कुल 60% तुम्हारे दादा जी के तरफ से आया है जबकि 40% नाना जी की तरफ से ,दादा की वसीयत बोलती है की उनका जो पोता होगा उसे जवान होने पर ये संपत्ति दे दी जाय,जो की तुम हो ..
वही नाना की वसीयत के अनुसार तुम्हारी माँ के सारे बच्चों के जवान होने पर , सम्प्पति बराबर बटेगी ..और अब सभी बच्चे जवान हो चुके है ...मतलब की अब तुम्हारे पिता का सम्प्पति पर कोई भी अधिकार नही रह जाता,ये बात तुम्हारे पिता को भी पता है लेकिन अभी तक उन्होंने शायद तुम्हे ये बताया नही है …”
उनकी बात सुनकर मैं बुरी तरह से चौक गया था ,इतनी दौलत और हमे पता भी नही है ……..
“तो प्रॉब्लम क्या है ???”
“प्रॉब्लम है की इस दौलत को पाने के लिए कुछ लोग उस समय से प्रयास कर रहे है जब से तुम जन्म लिए ,देखो नाना की दौलत से तो तुम्हे कोई भी महरूम नही कर सकता क्योकि तुम अपनी माँ के बेटे हो और वसीयत के हिसाब से दौलत तुम्हारे और तुम्हारी बहनो में समान रूप से बांटी जाएगी ,लेकिन दादा जी की जो दौलत है जो की कुल संम्पति की करीब 60% है उसपर सिर्फ तुम्हारा या चन्दू का हक है “
इस बार मुझे जोर का झटका लगा
“वाट मतलब ..”
“मतलब साफ है की चन्दू भी रतन चंदानी का बेटा है और कोर्ट में एक DNA टेस्ट और सब कुछ साफ हो जाएगा ..”
“मलतब सम्प्पति दो हिस्सो में बटेगी ..”
“नही सिर्फ एक, चन्दू और उसके सहयोगी तुम्हे फूटी कौड़ी नही देते ,तुम्हारी जैसी पर्सनाल्टी थी उन्हें तुमसे कोई भी खतरा नही था तब तक की तुम जंगल से नही आ गए ,अब तुम उनके लिए खतरा बन गए हो ..तो तुम्हे रास्ते से हटाना उनके लिए जरूरी हो गया है …”
अब मुझे समझ आया की आखिर चन्दू ने ये क्यो कहा था की जब से मेरा जन्म हुआ है तब से हमारी दुश्मनी है ..
“उसके सहयोगी कौन है और निशा के जरिये मुझे कैसे फसाया जा रहा था…??”
इस बार विवेक अंकल के चहरे में थोड़ी टेंशन आ गई ….
“क्या हुआ अंकल बताइये ना की आखिर चन्दू को कौन सपोर्ट कर रहा है जो मुझे रास्ते से हटाना चाहता है..”
अंकल धीरे से बोलने लगे ..
“चन्दू को दौलत दिलाने का पूरा जिम्मा मेरा था ..’
“वाट’
जैसे मैं कुर्सी से उछल ही गया ..
“राज मेरी बात सुनो,मैं तुम्हे कभी भी मरना नही चाहता था मेरी तो बस इतनी सी प्लानिंग थी की तुम्हे दबा कर रखा जाय और जब समय आये तो तुम कमजोर पड़ जाओ ,तुम्हे इतना हुमिलेट कर दिया जाय की तुम घर छोड़ कर भाग जाओ,उसके लिए हमारे पास एक दूसरा प्लान भी था ,जब तुम जंगल में खो गए तो हमे लगा की वक्त से पहले ही हमारा काम हो गया ….लेकिन ऐसा नही हुआ,तुम वापस आ गए और जब वापस आये तो तुम वो इंसान ही नही थे जिसे हम मेनुपुलेट कर सके ….”
मैं गहरे सोच में पड़ गया था ,ये मेरे साथ क्या हो रहा है...अंकल ने बोलना जारी रखा ..
“देखो मुझे तुम्हारे पिता के आचरण के बारे में पहले से ही पता था और फिर जब तुम्हारे दादा और नाना ने वसीयत बनाई तो मेरे दिमाग में एक प्लान बन गया,वसीयत के अनुसार जब तक तुम लोग पूरी तरह से जायजाद पाने के लायक नही हो जाते तब तक हमे वो वसीयत छुपा कर रखनी थी ,मलतब तुम्हारे पिता को भी इसके बारे में पता नही था,उन्हें हमने तुम्हारी बड़ी बहन के लायक होने पर हमने बताया ...और इसी बात का फायदा उठाकर मैंने तुम्हारे घर में दो औरतो को भेज दिया ,कांता और शबीना ये दोनो पहले मेरे पास ही काम किया करती थी ,उनके पति कुछ करोड़ की बात सुनकर ही लार टपकाने लगे थे और वो भी इस प्लान का हिस्सा बन गए ,मुझे पता था की तुम्हारे पिता जरूर इनसे नाजायज संबंध बनाएंगे और उससे तुम्हारे दादा के एक वारिस मिलने की पूरी संभावना मुझे थी और वो चन्दू के रूप में पूरी हुई ,लेकिन कुछ महीने बाद ही तुम्हारा भी जन्म हो गया,मैंने इंतजार करने की सोची…
तुम्हारे प्रति तुम्हारे पिता का बर्ताव और तुम्हारा दब्बूपन देख मुझे बहुत खुशी होती क्योकि तब तुम्हे आराम से मेनुपुलेट किया जा सकता था,लेकिन …..”
“लेकिन मैं जंगल से वापस आया और आपके सभी किये कराए पर पानी फिर गया यही ना ...इन सबमे मेरी बहनो का क्या रोल है…”
“मुझे एक घर का आदमी चाहिए था मेरे प्लान को पूरी तरह से सक्सेस करने के लिए ,चन्दू ने ये जिम्मा ले लिया जब उसे कुछ महीनों पहले ही इन सबके बारे में पता चला….मुझे नही पता की वो कौन है लेकिन तुम्हारे तीनो बहनो में से एक चन्दू की दीवानी जरूर है ..”
ये सुनकर मेरा दिल ही बैठ गया ..
“निशा .??”
“मुझे नही पता क्योकि उसने कभी बताया नही ,लेकिन उसने ये जरूर बताया की तुम्हे घर से बाहर कैसे निकाला जाए ..और उसका जरिया निशा ही थी ,निशा तुम्हारे ऊपर डोरे डालेगी और तुम्हे उत्तेजित करेगी और किसी कमजोर पल में तुम बहक जाओगे ,और इसी का फायदा उठाकर चन्दू तुम्हरे पिता को ये बात बता देगा और फिर वही तमाशा होगा तुम्हारा पिता तुम्हे मार मार कर घर से बाहर निकाल देगा क्योकि वो सबसे ज्यादा निशा से ही प्यार करता है तो तुम्हारा रास्ता साफ ,तुम्हरा पिता चन्दू को अपना बेटा घोसित करता जिसके लिए मैं उसे उकसाता ताकि पूरी प्रोपर्टी बर्बाद ना हो जाए और फिर सब कुछ चन्दू का और नान की प्रोपर्टी तुम्हारे 3 बहनो में ही बट जाती,तुम कभी उसपर क्लेम करने की सोच भी नही पाते क्योकि तुम्हे इन सब चीजो का पता भी नही था और ना चल पाता,फिर जब प्रोपर्टी एक बार हाथ में लग गई तो तुम्हारी उस बहन का चन्दू से शादी करवा दिया जाता,तुम्हारे माँ बाप कुछ भी नही कर पाते क्योकि पूरी प्रोपर्टी चन्दू की हो ही चुकी होती,नाना की प्रोपर्टी का एक हिस्सा उस बहन का होता,बाकी दो बहने अपना हिस्सा लेकर अलग हो चुकी होती,तो बात खत्म थी ,कोई कुछ नही कह पाता और करोड़ो की दौलत के हम मालिक बन जाते…..”
इतना कहकर वो चुप हो गए …….
“वाह क्या प्लान था ..लेकिन अब मुझपर इतनी दया क्यो …की आप खुद ही सब कुछ मुझे बता रहे है..”
उन्होंने एक गहरी सांस छोड़ी ..
“कल रात चन्दू ने मुझे फोन किया ,बहुत दारू पी हुई थी उसने,वो मेरे साथ काम करने से मना करने लगा ,साथ ही मुझे ये भी बताया की आज तुम्हारे घर में बवाल होगा,वो अपने प्लान पर काम करेगा और साथ ही ये भी कहा की उसे अब मेरी कोई जरूरत नही है,उसे मुझसे ताकतवर लोग मिल चुके है जो तुम्हे मारना चाहते है ,अब वो तुम्हे मार डालेगा और जायजाद अपने नाम करवाएगा ….मैं खून खराबा नही चाहता राज...पहले भी नही चाहता था ,मैं काफी देर तक सोच में ही पड़ा रहा की आखिर क्या करू...मैंने सोचा की मैं खुद को इन सबसे दूर रखु लेकिन ...लेकिन किसी ने मुझे फोन कर कहा की अगर मैंने तुम्हे ये सब नही बताया तो वो मुझे मार देगी ..”
ये मेरे लिए एक और झटका था ..
“वाट..कौन ..”
“मुझे नही पता लेकिन मैं बुरी तरह से डर गया था,पहले चन्दू मरने मारने की बात कर रहा था और अब ये लड़की ..असल में उस लड़की को भी नही पता था की असल बात क्या है उसने पहले मुझसे कहा की मैं तुम्हे वार्न करू और फिर तुम्हे अपने पास बुलाकर पूरी बात बताऊ,उसके बाद वो मुझसे मेरे घर में आकर मिली और काफी देर बात करके पूरी जानकारी ली ..”
“आखिर वो दिखती कैसी है...कितने उम्र की रही होगी ..”
“ज्यादा उम्र की तो नही थी लेकिन जब वो मेरे घर आयी थी तो उसके साथ कुछ लोग और भी थे,बड़े ही खतरनाक लग रहे थे,उसने मुझसे कहा की मैं इस मामले से दूर रहू और वसीयत के पेपर्स तुम्हें सौप दु ,ताकि वो चन्दू के हाथ ना लगे ..मुझे लगता है की कोई बड़ी ताकते इन सबमे शामिल हो गई है ,वो लड़की एक फाइटर लग रही थी ,चहरा मासूम था लेकिन ...बहुत ही दमदार थी,वही चन्दू भी कह रहा था की उसे ताकतवर लोग मिल गए है जो तुम्हे मार देंगे,मुझे कुछ समझ नही आ रहा है राज की आखिर ये हो क्या रहा है लेकिन जो भी हो तुम सम्हालकर रहना .”
उनकी बात सुनकर मैं जोरो से हंसा
“जो शख्स मुझे बर्बाद करने को तुला था वो आज मेरी सलामती की बात कर रहा है ……”
मैं खड़ा हुआ
“वो पेपर्स मुझे चाहिए “
“वो ...उसे तो मैंने अपने बैक के लॉकर में रखा हुआ है ,”
“तो बैक चलते है “
“आज तो रविवार है बैंक बंद होगा,कल बैक खुलते ही मैं वो पेपर्स तुम्हारे हवाले कर दूंगा ..”
“हम्म्म्म “
मैं पलटा और बाहर की तरफ जाने लगा तभी मेरे दिमाग में एक ख्याल आया ..
मैं फिर से विवेक की तरफ पलटा ..
“कही वो लड़की ये तो नही “
मैंने मोबाइल से एक फ़ोटो निकाल कर उन्हें दिखाई जिसे देखकर उनकी आंखे चौड़ी हो गई…
“हा यही है यही है “
मेरे होठो में मुस्कान और दिल में शंका के कई बादल एक साथ उमड़ पड़े थे ,क्योकि ये तस्वीर काजल मेडम की थी ..
सुंदर चहरे वाली फाइटर ……..
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