hotaks444
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दोनो एक दूसरे की तरफ मुँह कर के लेटे हुए थे .. सुनील का लंड सोनल की चूत को दस्तक दे रहा था…..जैसे कह रहा हो … आ रहा हूँ मेरी जान.. तयार होज़ा.
सोनल उसके लंड के झटकों से बार बार सिहर रही थी … और उसने सुनील के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया.
‘ तुम्हारा ये तो बहुत नाराज़ लग रहा है’
‘ये क्या होता है .. इसका नाम भी है वो बोलो तो कुछ समझ में आए’
‘छी … बेशर्म’
‘यार अब शरमाओ मत बोल दो ना इसका नाम’
सोनल के गाल लाल सुर्ख हो गये .
‘मुझे नही पता’
‘अब जब तक तुम इसका नाम नही बोलोगि….. मैं तुम्हें हाथ तक नही लगाउन्गा’
‘मुझे शर्म आती है.. क्यूँ तंग कर रहे हो’
‘अच्छा ये बताओ क्या हो तुम मेरी ‘
‘बीवी’
‘तो बीवी तो मिया के लंड को लंड बोलने से नही शरमाती’
‘उूउउइइ माआअ कितने बेशर्म हो’
‘अब जैसा भी हूँ तुम्हारा हूँ…. अब जल्दी से इस बेचारे का नाम ले उसे पूचकार लो…. ‘
सोनल की जान आफ़त में पड़ गयी…. सुनील कितना बेशर्म है .. क्या क्या बुलवाना चाहता है…. मैं कैसे बोलूं … हाई… क्या दीदी से भी ऐसे ही बात करता है…. उफफफफफफफफ्फ़ ‘ मन में सोचती हुई बेखुदी में सुनील के लंड को ज़ोर से दबा देती है.
ऊऊऊुुुुुुुुुऊउक्कककककचह ओए शेरनी उखाडेगी क्या --- अब जल्दी से बोल्दे बहुत तरस रहा है तेरे होंठों से अपना नाम सुनने को’
सोनल के दिल की धड़कन तेज हो गयी … ज़ुबान साथ छोड़ रही थी… हिम्मत करते हुए बोल ही पड़ी …..ल ….ल्ल्ल …उूुउउ….न्न्न…ड्ड’
‘क्या?’
सुनील भी चुस्कियाँ ले रहा था.
‘उफफफफ्फ़ लंड… बस खुश अब ‘ और उसके लंड को फिर ज़ोर से दबा दिया.
ऊओउउच
'जितना तंग करोगे ऐसे ही करूँगी'
दोनो एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे… सोनल की आँखों में नशा बढ़ने लगा था …. सुनील उन नशीली आँखों में गोते लगाता हुआ … उसके और कारेब होने लगा… दोनो की साँसे आपस में टकराने लगी… सोनल के होंठ काँपने लगे……. और सुनील ने उसके होंठों को अपने होंठों के क़ब्ज़े में कर लिया… सोनल की आँखें मस्ती में बंद हो गयी.. बेल की तरहा सुनील से लिपट गयी और उसकी पीठ सहलाने लगी.
सोनल के होंठ चूस्ते हुए सुनील उसके नितंबो को मसल्ने लग गया और उसे अपनी तरफ दबाने लगा – उसका लंड सोनल की चूत से सट गया --- और सोनल की चूत डर के मारे आँसू टपकाने लगी…
सोनल की सिसकियाँ सुनील के मुँह में घुलने लगी और उसका जिस्म काँपने लगा. काफ़ी देर तक सुनील उसके होंठ चूस्ता रहा और उसके नितंब मसलता रहा.
रात भी धीरे धीरे सरक रही थी… ना रात को जल्दी थी और ना ही सुनील को.
सुनील !! --- सोनल तब फुसपूसाई जब दोनो के होंठ अलग हुए.
ह्म्म
‘तुम्हारा लंड बहुत नाराज़ है … उसे खुश नही करोगे’ अब सीधा कैसे बोलती – कम फक मी.
‘कैसे खुश करूँ … तुम ही बताओ’
अब सोनल अपने ही जाल में फस गयी और सुनील को मोका मिल गया उसे और भी खोलने का.
‘ये मुझे क्या पता…. तुम्हें ही मालूम होगा…’
‘नही यार सच में मुझे कुछ नही पता’
सोनल उसकी छाती पे हल्के से मुक्का मार देती है और मन में सोचने लग गयी – अब ये मेरे मुँह से पता नही क्या क्या बुलवाएगा …. शर्म आने लगी उसे फिर भी हिम्मत करते हुए पासा सुनील के ही पाले में फेंकने की कोशिश करी .
‘जैसे तुम दीदी के साथ इसे खुश करते हो .. वैसे ही कर लो’
सुनील ने आँखें तरेर के उसे देखा.
‘उफ़फ्फ़ बाबा अपने लंड को जैसे दीदी के साथ खुश करते हो वैसे ही कर लो ना.’
‘तुम्हारी दीदी तो पहले कहती है … मेरी चूत में खुजली हो रही है – जल्दी करो और मुझे चोदो – तभी तुम्हारा लंड भी खुश होगा’
सोनल के कानो से धुआँ निकलने लग गया.. मुँह खुल्ला रह गया…… एक पल तो लगा जैसे कुछ और सुना था पर जब ध्यान दिया कि सुनील ने क्या बोला है
सीसी कककककक क्या?
‘हां सच में … चाहो तू पूछ लेना……’
‘म म एम्म ‘ सोनल से कुछ बोला ही नही गया…
‘तुम भी बोल दो … फिर देखो कैसे में अपने लंड को खुश करता हूँ’
सोनल …. सुनील की छाती में मुक्के बरसाने लगी …. उसकी चूत कुलबुला रही थी .. लंड का इंतेज़ार कर रही थी और सुनील मस्त ले रहा था.
‘ दीदी इतनी बेशर्म नही हो सकती’
‘जब औरत की चूत में खुजली मचने लगती है.. तो पति के सामने वो बेशर्म हो जाती है’
‘अब तुम्हारी मर्ज़ी ……. वैसे भी रात बहुत हो चुकी है… चलो सो जाते हैं’
सोनल की आँखों में आँसू आ गये…. पहली रात को सुनील उसे कितना बेशहम बनने पे मजबूर कर रहा था.
सुनील उसकी आँखों में आँसू ही तो नही देख सकता था.
सुनील ने उसे अपने गले से लगा लिया.
‘पगली मिया बीवी के बीच कोई शर्म नही होती …. और ये ज़रूरी नही होता कि फर्स्ट नाइट को कंप्लीट सेक्स करें… पहली रात होती है – एक दूसरे को समझने की ….. कुछ मीठी मीठी बातें करने की – एक दूसरे को ये अहसास दिलाने की …. कि हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं ….. सेक्स के लिए तो सारी जिंदगी पड़ी है मेरी जान ….. और ये आँसू मत बहाया करो … मुझे बहुत तकलीफ़ होती है’
सोनल उसके लंड के झटकों से बार बार सिहर रही थी … और उसने सुनील के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया.
‘ तुम्हारा ये तो बहुत नाराज़ लग रहा है’
‘ये क्या होता है .. इसका नाम भी है वो बोलो तो कुछ समझ में आए’
‘छी … बेशर्म’
‘यार अब शरमाओ मत बोल दो ना इसका नाम’
सोनल के गाल लाल सुर्ख हो गये .
‘मुझे नही पता’
‘अब जब तक तुम इसका नाम नही बोलोगि….. मैं तुम्हें हाथ तक नही लगाउन्गा’
‘मुझे शर्म आती है.. क्यूँ तंग कर रहे हो’
‘अच्छा ये बताओ क्या हो तुम मेरी ‘
‘बीवी’
‘तो बीवी तो मिया के लंड को लंड बोलने से नही शरमाती’
‘उूउउइइ माआअ कितने बेशर्म हो’
‘अब जैसा भी हूँ तुम्हारा हूँ…. अब जल्दी से इस बेचारे का नाम ले उसे पूचकार लो…. ‘
सोनल की जान आफ़त में पड़ गयी…. सुनील कितना बेशर्म है .. क्या क्या बुलवाना चाहता है…. मैं कैसे बोलूं … हाई… क्या दीदी से भी ऐसे ही बात करता है…. उफफफफफफफफ्फ़ ‘ मन में सोचती हुई बेखुदी में सुनील के लंड को ज़ोर से दबा देती है.
ऊऊऊुुुुुुुुुऊउक्कककककचह ओए शेरनी उखाडेगी क्या --- अब जल्दी से बोल्दे बहुत तरस रहा है तेरे होंठों से अपना नाम सुनने को’
सोनल के दिल की धड़कन तेज हो गयी … ज़ुबान साथ छोड़ रही थी… हिम्मत करते हुए बोल ही पड़ी …..ल ….ल्ल्ल …उूुउउ….न्न्न…ड्ड’
‘क्या?’
सुनील भी चुस्कियाँ ले रहा था.
‘उफफफफ्फ़ लंड… बस खुश अब ‘ और उसके लंड को फिर ज़ोर से दबा दिया.
ऊओउउच
'जितना तंग करोगे ऐसे ही करूँगी'
दोनो एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे… सोनल की आँखों में नशा बढ़ने लगा था …. सुनील उन नशीली आँखों में गोते लगाता हुआ … उसके और कारेब होने लगा… दोनो की साँसे आपस में टकराने लगी… सोनल के होंठ काँपने लगे……. और सुनील ने उसके होंठों को अपने होंठों के क़ब्ज़े में कर लिया… सोनल की आँखें मस्ती में बंद हो गयी.. बेल की तरहा सुनील से लिपट गयी और उसकी पीठ सहलाने लगी.
सोनल के होंठ चूस्ते हुए सुनील उसके नितंबो को मसल्ने लग गया और उसे अपनी तरफ दबाने लगा – उसका लंड सोनल की चूत से सट गया --- और सोनल की चूत डर के मारे आँसू टपकाने लगी…
सोनल की सिसकियाँ सुनील के मुँह में घुलने लगी और उसका जिस्म काँपने लगा. काफ़ी देर तक सुनील उसके होंठ चूस्ता रहा और उसके नितंब मसलता रहा.
रात भी धीरे धीरे सरक रही थी… ना रात को जल्दी थी और ना ही सुनील को.
सुनील !! --- सोनल तब फुसपूसाई जब दोनो के होंठ अलग हुए.
ह्म्म
‘तुम्हारा लंड बहुत नाराज़ है … उसे खुश नही करोगे’ अब सीधा कैसे बोलती – कम फक मी.
‘कैसे खुश करूँ … तुम ही बताओ’
अब सोनल अपने ही जाल में फस गयी और सुनील को मोका मिल गया उसे और भी खोलने का.
‘ये मुझे क्या पता…. तुम्हें ही मालूम होगा…’
‘नही यार सच में मुझे कुछ नही पता’
सोनल उसकी छाती पे हल्के से मुक्का मार देती है और मन में सोचने लग गयी – अब ये मेरे मुँह से पता नही क्या क्या बुलवाएगा …. शर्म आने लगी उसे फिर भी हिम्मत करते हुए पासा सुनील के ही पाले में फेंकने की कोशिश करी .
‘जैसे तुम दीदी के साथ इसे खुश करते हो .. वैसे ही कर लो’
सुनील ने आँखें तरेर के उसे देखा.
‘उफ़फ्फ़ बाबा अपने लंड को जैसे दीदी के साथ खुश करते हो वैसे ही कर लो ना.’
‘तुम्हारी दीदी तो पहले कहती है … मेरी चूत में खुजली हो रही है – जल्दी करो और मुझे चोदो – तभी तुम्हारा लंड भी खुश होगा’
सोनल के कानो से धुआँ निकलने लग गया.. मुँह खुल्ला रह गया…… एक पल तो लगा जैसे कुछ और सुना था पर जब ध्यान दिया कि सुनील ने क्या बोला है
सीसी कककककक क्या?
‘हां सच में … चाहो तू पूछ लेना……’
‘म म एम्म ‘ सोनल से कुछ बोला ही नही गया…
‘तुम भी बोल दो … फिर देखो कैसे में अपने लंड को खुश करता हूँ’
सोनल …. सुनील की छाती में मुक्के बरसाने लगी …. उसकी चूत कुलबुला रही थी .. लंड का इंतेज़ार कर रही थी और सुनील मस्त ले रहा था.
‘ दीदी इतनी बेशर्म नही हो सकती’
‘जब औरत की चूत में खुजली मचने लगती है.. तो पति के सामने वो बेशर्म हो जाती है’
‘अब तुम्हारी मर्ज़ी ……. वैसे भी रात बहुत हो चुकी है… चलो सो जाते हैं’
सोनल की आँखों में आँसू आ गये…. पहली रात को सुनील उसे कितना बेशहम बनने पे मजबूर कर रहा था.
सुनील उसकी आँखों में आँसू ही तो नही देख सकता था.
सुनील ने उसे अपने गले से लगा लिया.
‘पगली मिया बीवी के बीच कोई शर्म नही होती …. और ये ज़रूरी नही होता कि फर्स्ट नाइट को कंप्लीट सेक्स करें… पहली रात होती है – एक दूसरे को समझने की ….. कुछ मीठी मीठी बातें करने की – एक दूसरे को ये अहसास दिलाने की …. कि हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं ….. सेक्स के लिए तो सारी जिंदगी पड़ी है मेरी जान ….. और ये आँसू मत बहाया करो … मुझे बहुत तकलीफ़ होती है’