Hindi Porn Kahani पडोसन की मोहब्बत - SexBaba
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Hindi Porn Kahani पडोसन की मोहब्बत

hotaks444

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Nov 15, 2016
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दोस्तों, मैं ३६ साल का एक शादी शुदा आदमी हूँ, सरकारी बैंक में नौकरी करता हूँ और लखनऊ में रहता हूँ. मेरा नाम मनीष और मेरी पत्नी का नाम रेणुका है. रेणुका ३२ साल की है और वो एक हाउस वाइफ है. हम मेरे माता पिता के साथ रहते है. मेरी पत्नी बहुत खूबसूरत है. दूधिया रंग, मांसल बदन, लम्बे कमर तक बाल, सुर्ख गुलाबी होंठ, बड़ी-बड़ी काली आँखें, सुराहीदार गर्दन, बड़े-बड़े सख्त उरोज, गहरी नाभि और भरे हुए बड़े-बड़े नितम्ब सब कुछ उसके पास है. वो किसी भी नयी लड़की को आज भी मात देती है लेकिन अब हमारी शादी को १० साल हो गए है तो हमारी सेक्स लाइफ बहुत एक्टिव नहीं थी. रेणुका भी ज्यादातर मेरे ८ साल के बेटे गुड्डू के साथ ही लगी रहती या फिर घर के और कामों में व्यस्त रहती थी. हफ्ते में कभी एक आध बार सेक्स हो जाता था पर वो भी कोई जरूरी नहीं है. कुल मिला कर जिन्दगी एक नीरस ढर्रे पर चल रही थी लेकिन तभी मेरा प्रमोशन हुआ तो मेरा ट्रान्सफर दो साल के लिए नोएडा हो गया.

मैंने और रेणुका ने तय किया की मैं प्रमोशन लेकर फ़िलहाल अकेले ही नोएडा चला जाऊँ क्योंकि दो साल के लिए सारा सामान शिफ्ट करना, बेटे का एडमिशन करवाना झंझट का काम था और मुझे भी लगा की मैं अगर कोशिश करूंगा तो मेरा वापस ट्रान्सफर एक साल में भी हो सकता था इसलिए रेणुका लखनऊ में ही मेरे माता पिता के साथ रहेगी. फिर मैंने अकेले ही नोएडा जाकर नौकरी ज्वाइन कर ली. कुछ दिनों तक मैं बैंक के गेस्ट हाउस में ही रुका और किराये पर मकान देखने लगा. उन्ही दिनों मेरे बचपन के दोस्त का फ़ोन मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा की उसकी बहन नीलम जिनकी शादी नोएडा में ही हुई थी उन्होंने मुझे बुलाया है. मेरे पूछने पर उसने बताया दीदी और जीजा जी अमेरिका जा रहे है और वो चाहते है की जब तक मैं वहां रहूँ तब तक उनके घर में ही रहूँ और घर की देख रेख करता रहूँ.
 
मैंने सोचा की मुझ अकेले को ज्यादा बड़ा घर मेनटेन करने में बहुत मुश्किल होगी इसीलिए दोस्त को मना कर दिया. दोस्त बोला की यार दीदी ने बुलाया है तो तू एक बार जाकर उनसे बात कर ले फिर मना कर देना. दोस्त की दीदी नीलम भी बहुत कड़क माल थी और उनका घर मेरे बैंक के पास की ही एक पॉश कॉलोनी में था तो शाम को मैं उनके घर चला गया की कुछ नहीं तो दर्शन ही हो जायेंगे.

नीलम दीदी ने वही बात की जो मेरा दोस्त पहले ही मुझे बोल चूका था. मैंने दीदी से कहा की इतना बड़ा घर लेने का मेरा बजट नहीं है. मैं तो दो कमरे का एक फ्लैट देख रहा हूँ तो दीदी बोली की देखो अगर फ्लैट लोगे तो तुमको सारा सामान खरीदना पड़ेगा इसलिए तुम यहीं रहो तो घर की देखभाल भी हो जाएगी और तुम तो मेरे छोटे भाई हो तो किराया तो तुमसे कोई मांग ही नही रहा.

एक दो दिन में बता देना क्योंकि हम इसी हफ्ते जा रहे है और हम घर बंद करके नहीं जाना चाहते. तभी डोर बेल बजी और दीदी ने दरवाजा खोला.

दरवाजे पर एक बहुत ही सेक्सी औरत थी. दीदी उसे घर के अन्दर लाई. दीदी ने उससे मेरा परिचय कराया की ये मेरा छोटा भाई है. मैंने उसे हेल्लो कहा. वो ५ मिनट बैठी और फिर दीदी जीजा जी को अगले दिन अपने घर डिनर करने के लिए बुला कर चली गयी.

बचपन से ही बड़ी उम्र की अंटिया और भाभिया मेरी कमजोरी रही है. उस औरत की उम्र भी मुझसे २-३ साल ज्यादा ही रही होगी पर फिगर एकदम परफेक्ट था. रंग गेहूँवा पर एक कमाल की कशिश थी उसमे. खनकती आवाज और बहुत सुन्दर मुस्कान. मुझे तो एक झलक में ही दीवाना बना दिया उसने.

उसके जाने के बाद मैंने दीदी से पुछा की ये कौन है तो दीदी ने कहा की ये तुम्हारे जीजा जी के दोस्त की बीवी है. अभी कुछ दिन पहले ही इन्होने हमारे बगल वाला घर ख़रीदा है. हम लोग विदेश जा रहे है तो इन्होने हमारे लिए फेयरवेल डिनर रखा है.
 
दिव्या को देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए थे. मैंने गेस्ट हाउस लौट कर सोचा की बेटा मनीष, इतने सही माल के घर के बगल में रहने का मौका मिल रहा है. ज्यादा कुछ नहीं तो रोज दर्शन ही हो जायेंगे. जो किराये के पैसे बचेंगे उसमे नौकर रख लेना घर की देख भाल के लिए तो मैंने अगले दिन दीदी को फ़ोन किया और उनसे कह दिया की मैं उनके घर में ही रहूँगा.

अगले दिन ही मैं अपने कपडे लेकर दीदी के यहाँ पहुच गया. मुझे लगा की वो मुझे भी अपने साथ पड़ोसियों के यहाँ ले जायेंगे और मेरा उनके यहाँ आना जाना शुरू हो जायेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. २ दिन बाद दीदी और जीजा जी अमेरिका के लिए रवाना हो गए. मैं चाहता था की वो मेरी पड़ोसियों से जान पहचान करवा देते पर ज्यादातर वो मुझे घर के बारे में ही समझाते रहे बस दीदी से केवल इतना पता चला की उनके पडोसी का नाम राजेश छाबड़ा है और वो एक चार्टेड एकाउंटेंट है और उसकी बीवी जिसके चक्कर में मैं यहाँ रहने आया हूँ उसका नाम दिव्या है और वो पास ही के एक मशहूर पब्लिक स्कूल में इंग्लिश टीचर है. उनके एक ही बेटी है जो राजस्थान में कहीं हॉस्टल में रहकर पढ़ रही है.

धीरे धीरे मुझे पता चला की दिव्या सुबह ७.५० पर हमारे घर के सामने से ही स्कूल बस पकडती है तो मैं उसी वक़्त छत पर पहुच जाता था और दिव्या को बस का वेट करते देखता रहता. बस सोमवार से शुक्रवार दिन में वही ५ मिनट ही दिव्या के दर्शन होते थे क्योंकि जब वो लौट कर आती थी तब मैं बैंक में होता था और उसके अलावा वो मुझे कभी दिखाई नहीं देती थी.
न तो वो छत पर आती न ही मोर्निंग या इवनिंग वाक पर जाती पर तभी स्कूल की गर्मी की छुट्टियाँ हो गयी और वो ५ मिनट के दर्शन भी बंद हो गए. मैंने अपनी शादी से पहले अपने मोहल्ले में दो आंटिया पटा रखी थी तो मैं ये तो यही सोच कर आया था की १५ दिन के अन्दर ही दिव्या से दोस्ती कर लूँगा और एक महीने के अंदर ही कम से कम उसे एक बार तो चोद ही लूँगा पर अब ३ महीने बीत चुके थे और मेरी कभी दिव्या से बात भी नहीं हुई.

पहले तो मैं किसी भी तरह दिव्या को हासिल करना चाहता था पर अब मेरे दिल में एक अजीब सी तड़प उठने लगी थी की बस दिव्या की एक झलक भर दिख जाए, बस एक बार बात हो जाये. मेरा हाल कुछ अजीब सा हो गया था जैसे किसी टीनएजर लड़के का किसी लड़की के प्यार में पड़ कर होता है.
 
करीब १० दिनों तक जब मैंने दिव्या का दीदार नहीं किया तो मेरे दिमाग में एक आईडिया आया और एकदिन शाम को मैं दिव्या के घर पहुच गया और घंटी बजा दी. ५ मिनट बाद दिव्या ने दरवाजा खोला.

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शायद दिव्या कहीं बाहर जा रही थी. उसने बड़ी सेक्सी ड्रेस पहनी थी. उफ्फ्फ क्या क़यामत लग रही थी दिव्या. पहली बार मैंने उसको इस तरह के कपड़ो में देखा था वरना स्कूल तो वो हमेशा साड़ी या सूट पहन कर जाती थी. मैं तो उसको देख कर मदहोश सा हो गया. सीने में ठण्ड सी पड़ गयी. जब मैं काफी देर कुछ नहीं बोला तो दिव्या ने पूछ ही लिया "जी किस से मिलना है आपको." कानो में जैसे मिश्री घुल गयी. क्या मीठी आवाज़ थी.

मैंने कहा "भाभी जी, मैं आपके बगल वाले घर में रहता हूँ. वो राजेश जी से मिलना था. इनकम टैक्स रिटर्न की बात करनी थी."

"अच्छा हाँ, आपसे उस दिन मुलाकात तो हुई थी. आप नीलम के छोटे भाई है." दिव्या बोली.

"जी. दीदी और जीजा जी यहाँ नहीं है तो घर की देखभाल के लिए मैं यही रह रहा हूँ." मैंने बताया.

"हाँ नीलम कह रही थी की आप यहाँ रहोगे पर राजेश तो अभी ऑफिस ने नहीं लौटे. वो ७ बजे के बाद आपको घर पर मिलेंगे." दिव्या ने कहा.

"ओह अच्छा. मैं फिर कभी आ जाऊँगा." मैंने कहा और वापस घर आ गया.

मुझे तो पता ही था की राजेश सुबह १०.३० बजे निकल कर शाम ७.०० बजे तक आता है इसीलिए तो मैं इस समय गया था और नौकरी करने वालों के टैक्स रिटर्न में क्या होता है मैं तो वो खुद ही भर लेता था. मेरा मकसद तो था दिव्या को अपनी शकल दिखाना वो मैं दिखा आया था.

घर आकर मैंने महसूस किया की मेरा लंड दिव्या को देखने भर से ही खड़ा हो गया था. मैं फ़ौरन बाथरूम में गया और दिव्या के नाम से मुठ मारी.
 
बाथरूम से निकला ही था की बीवी का फ़ोन आ गया.

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रेणुका ने बताया गर्मी की छुट्टियों में गुड्डू मामा मामी के पास चला गया है तो वो अगले सन्डे को एक हफ्ते के लिए मेरे पास आ रही है. मैंने उससे कहा की मैं उसे लेने स्टेशन आ जाऊँगा. फिर मैं आकर टीवी पर एक इरोटिक थ्रिलर देखने लगा और विस्की पीने लगा. थोड़ी देर बाद मेरे घर की बेल बजी. मैंने दरवाजा खोला तो देखा की सामने राजेश खड़ा था.

उसने मेरी तरफ हाथ बढाया और कहा "हाय, मैं राजेश छाबड़ा आपके पड़ोस में रहता हूँ. मेरी बीवी बता रही थी की तुम मुझसे मिलने आये थे."

मैंने राजेश से हाथ मिलाते हुए कहा. "जी जी पर आपने क्यों तकलीफ की. मैं फिर से आ जाता."

राजेश बोला "भाई तुम्हारे जीजा जी मेरे अच्छे दोस्तों में से है तो तकलीफ की तो कोई बात नहीं."

मैंने सोचा की क्यों न राजेश से दोस्ती कर ली जाए तो इनके घर आना जाना शुरू हो जाएगा तो दिव्या को सेट किया जा सकता है. मैंने कहा आइये अन्दर आ जाइये राजेश जी. और राजेश को लेकर अंदर आ गया.

अंदर आकर राजेश ने देखा की विस्की की बोतल खुली हुई है तो वो बोला "डिस्टर्ब कर दिया तुमको."

"नहीं नहीं. बल्कि कंपनी मिल गयी मुझे." मैं बोला और एक गिलास और उठा लिया.

राजेश ने कहा "नहीं नहीं रहने दो."

"क्यों? क्या आप पीते नहीं है." मैंने पुछा.

"भाई पीते तो है मगर बीवी से डरते भी है तो आज रहने दो ये बताओ की क्या काम था." राजेश हँसते हुए बोला.

मैंने कहा "काम तो कुछ ख़ास नहीं था राजेश भाई बस टैक्स रिटर्न भरवाना था."

राजेश बोला "तो अपना फॉर्म १६ और बैंक स्टेटमेंट दे दो. अगर कोई एक्स्ट्रा इनकम है तो वो भी बता दो."

डाक्यूमेंट्स तो मेरे पास पड़े ही थे. मैंने उठा कर राजेश को दे दिए.

राजेश ने फॉर्म १६ देखते हुए राजेश ने मुझसे मेरे ऑफिस के बारे में पुछा और जब मैंने बताया तो वो कहने लगा की "अरे भाई तुम तो बैंक में काम करते हो. यार एक लाकर दिलवा दो."

इत्तेफाक और मेरी किस्मत देखिये की उसी हफ्ते बैंक में ३ लाकर खाली हुए थे. मैंने बोला "क्या बात कर दी आपने. कल ब्रांच आ जाइये. दिलवा दूंगा लाकर."

"सच. मैंने तो कई बार पुछा तुम्हारी ब्रांच में पर वो तो कहते है की लाकर खाली नहीं है." राजेश बोला.

"खाली नहीं होगा तो करवा देंगे. आप टेंशन मत लीजिये. बस कल ३ बजे बैंक आ जाइये." मैंने शेखी मारते हुए कहा.

राजेश काफी खुश हो गया और बोला "ठीक है. मैं कल दिव्या को लेकर आ जाऊँगा. लाकर में उसका नाम भी चाहिए. थैंक्यू."

"अरे इसमें थैंक्यू की क्या बात है. पडोसी पडोसी के कामं नहीं आयेगा तो कौन आयेगा." मैंने बोला.

राजेश ने मेरे पेपर लिए और मुझसे हाथ मिला कर वापस चला गया और मैं अगले दिन बैंक पहुच कर दिव्या का इंतज़ार करने लगा. करीब ३ बजे दिव्या और राजेश दोनों बैंक पहुचे और गार्ड से पूछ कर मेरे केबिन में आ गए.
 
ओफ्फ मैं तो दिव्या को देखता ही रह गया. उस गुलाबी साड़ी में कमाल लग रही थी.

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मैंने अपना होश संभाला और उन दोनों को बैठने को कहा. उनसे सारे डॉक्यूमेंट और फोटो लेकर जहा दस्तखत की जरूरत थी वो करवाए और उनसे कहा की अब आप लोग जाइए. मैं बाकी फॉर्मेलिटी पूरी करके लाकर की चाभी आपके घर दे जाऊँगा. दरअसल चाभी तो मैं उनको तभी दे सकता था पर मैं उनके घर जाने का सिलसिला शुरू करना चाहता था.

राजेश और दिव्या मुझे थैंक्यू बोल कर चले गए. मैंने उनसे दिव्या के एक एक्स्ट्रा फोटो मांग ली थी जिसे मैंने अपने पर्स में रेणुका की फोटो के ऊपर लगा लिया ताकि रोज उसे देख सकूं.

जब मैंने उनके डाक्यूमेंट्स देखे तो पता चला की राजेश की उम्र ४७ साल है और दिव्या की ४३ साल. मैंने सोचा की दोनों ने काफी मेंटेन किया है. दोनों ही अपनी उम्र से काफी छोटे लगते है. राजेश ४०-४२ का और दिव्या ३७-३८ की.

दो दिन बाद मैंने शनिवार को राजेश को फ़ोन किया और बोला की भाई आपका लाकर खुल गया और चाभी मेरे पास है. आप घर आकर ले लीजियेगा तो राजेश बोला "आज तुम ७.३० बजे मेरे घर आना. डिनर हमारे साथ है आज तुम्हारा."

मैं तो यही चाहता था फ़ौरन तैयार हो गया. शाम को जब मैं वहां पंहुचा तो देखा की राजेश ड्राइंग रूम में अच्छा माहौल बना रखा था. हलकी रोशनी और लाइट म्यूजिक के साथ राजेश ड्रिंक कर रहा था.

मैंने कहा "आज बीवी का डर नहीं है"

तो राजेश बोला "आज तो बीवी ने लाकर मिलने की ख़ुशी में स्पेशल परमिशन दी है भाई. वैसे घर में पीने पर ज्यादा रोक टोक नहीं है. हाँ दिव्या बाहर जाकर पीने से एतराज करती है. कहती है की पीकर गाडी मत चलाओ."

मैं भी राजेश का साथ देने लगा और हम दोनों पीने लगे. तभी राजेश की बेटी वहां आई तो राजेश ने बताया की ये मेरी बेटी सौम्या है, गर्मी की छुट्टियों में घर आई है. सौम्या मुझे नमस्ते करके वापस अंदर चली गयी. इसके बाद हमारी दुनिया भर की बातें होने लगी पर दिव्या नहीं दिखाई दी.

आखिर मैंने पुछ ही लिया "भाभी जी कहा है. दिखाई नहीं दे रही."

तो राजेश बोला "खाना बना रही है तुम्हारे लिए." और राजेश ने दिव्या को आवाज़ लगाई. थोड़ी देर बाद दिव्या भी हमारे साथ आकर बैठ गयी.
 
वो एक फ्राक पहने थी जो शायद उसकी बेटी की साइज़ की थी.

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मुझे लगा की घर पर तो ये बहुत बिंदास रहती है पर बाहर साडी या सलवार सूट ही पहनती है. मैंने पहली बार दिव्या की चुन्चियों के साइज़ का अंदाजा लगाने के कोशिश करने लगा. मैं चोरी छुपे दिव्या के मम्मे ताड़ने में लगा था और सोच रहा था की लगते तो रेणुका के बराबर ही है. शायद ३४ DD के होंगे तभी राजेश ने दिव्या से पुछा "वाइन पियोगी डार्लिंग?".

दिव्या बोली "नहीं यार कुछ मन नहीं है. गर्मी से परेशान हो गयी किचन में."

राजेश उठा और फ्रिज से एक बियर कैन लेकर आया और दिव्या को बोला " पियों. अच्छा लगेगा." दिव्या ने कैन लिया और खोल कर पीने लगी.

मैं छोटे शहर का आदमी था. घरेलु औरतो को शराब पीते मैंने कभी देखा नहीं था, मुझे लगा की दिव्या काफी मॉडर्न है तो पूछ बैठा "तो भाभी जी भी पीती है?"

दिव्या बोली "बस कभी कभी वाइन या बियर पी लेती हूँ. हार्ड ड्रिंक तो नहीं लेती और ये भी इन्होने आदत दाल दी है. कहते थे की अकेले पीने में मजा नहीं आता तो इनका साथ देने के लिए बैठ जाती थी."

राजेश बोला "यार मनीष ये बाहर पीने से मना करती है तो मैं कभी कभी घर में ही पीता हूँ और अकेले पीने से अच्छा की दोस्त के साथ पियो और बीवी से अच्छी दोस्त कौन है, बोलो."

मैंने कहा "सही है." मुझे लगा की जब रेणुका यहाँ आयेगी तो मैं भी उसके साथ पी कर देखूँगा.

"आप खाने का क्या करते है मनीष जी, बनाते है या बाहर खाते है?" दिव्या ने पुछा.

"जी मुझे तो बनाना आता नहीं तो बाहर ही खाता हूँ पर आप मुझे आप मत कहिये और सिर्फ मनीष बुलाइए. ६ साल छोटा हूँ आपसे." मैंने दिव्या से कहा.

"ये तुम्हे कैसे पता?" राजेश ने पुछा.

"भाई लाकर के डाक्यूमेंट्स में भाभी की डेट ऑफ़ बर्थ लिखी थी उसी से पता चला की भाभी मुझसे ६ साल बड़ी है और आप १० साल." मैंने जवाब दिया.

"लो दिव्या. ये तो गड़बड़ हो गयी. मनीष को तुम्हारी सही उम्र पता चल गयी." राजेश हँसते हुए बोला.

हम काफी देर ऐसे ही हँसी मजाक करते रहे. राजेश ने मुझसे कहा की कभी कभी हमारे यहाँ भी खाना खा लिया करो. मैंने कहा की फिलहाल तो कल आप मेरे यहाँ खाना खाइएगा.
दिव्या बोली "पर तुमको तो खाना बनाना ही नहीं आता."

"मैं नहीं मेरी पत्नी रेणुका बनाएगी. वो कल आ रही है." मैंने दिव्या को बताया.

"तो आते ही उसे काम में लगा दोगे क्या भाई. एक काम करो कल तुम दोनों का डिनर हमारे साथ. फिर जब वो सेटल हो जाएगी तब उसके हाथ का खाना भी खायेंगे. क्यों दिव्या." राजेश बोला.

"बिलकुल ठीक." दिव्या बोली.

"जैसा आप कहे. कोई आपकी जान पहचान में टैक्सी वाला है क्या कल स्टेशन जाने के लिए." मैंने राजेश से पुछा.

"मैं फोन कर दूंगा. कल सुबह टैक्सी आ जाएगी. परेशान मत हो. चलो खाना खाते है." राजेश बोला.

फिर मैं खाना खाकर अपने घर आ गया. दिव्या की नजदीकी में शाम बहुत अच्छी बीती थी और राजेश से थोड़ी दोस्ती भी हो गयी. रात को मैंने सपने में देखा की मैं दिव्या को पूरा नंगा करके चोद रहा हूँ.
 
सुबह मैं तैयार होकर घर के बाहर टैक्सी का वेट कर रहा था की तभी राजेश कार लेकर आया और बोला "यार वो टैक्सी वाला धोखा दे गया. चलो मैं चलता हूँ तुम्हारे साथ स्टेशन."

मैंने कहा "आप तकलीफ मत करो, रहने दो. मैं कोई ऑटो ले लूँगा. अभी गाडी आने में १ घंटा है."

राजेश बोला "यार वैसे भी आज सन्डे है तो मैं फ्री ही बैठा था और तुम ही तो कहते हो की पडोसी पडोसी के काम नहीं आयेगा तो कौन आयेगा. चलो बैठो गाडी में. स्टेशन पहुचने में १ घंटा लग ही जायेगा."

मैं राजेश की गाडी में बैठ गया और हम दोनों स्टेशन के लिए निकल गए.

स्टेशन पहुचने पर मुझे सामने ही रेणुका दिख गयी. ट्रेन शायद हमसे पहले ही पहुच गयी थी तो रेणुका स्टेशन से बाहर निकल कर मेरा वेट कर रही थी. उसने एक स्लीव लेस टीशर्ट और लॉन्ग स्कर्ट पहनी हुई थी. सुन्दर तो मेरी बीवी है ही, इस ड्रेस में वो बहुत सेक्सी भी लग रही थी.

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मैंने राजेश से गाडी साइड लगाने को कहा और रेणुका को लेकर गाडी तक आया.

मैंने रेणुका से राजेश का परिचय कराया तो रेणुका ने राजेश को नमस्ते किया पर राजेश ने हाथ मिलाने के लिए बढ़ा दिया. रेणुका ने भी हाथ मिला लिया.

मैंने देखा की राजेश रेणुका को कुछ ज्यादा ही घूर रहा था. मुझे थोडा बुरा भी लगा की साला मेरी बीवी को ताड़ रहा है. खैर हम सब कार में बैठे और घर के लिए चल पड़े.

पूरे रस्ते राजेश रेणुका से चहक चहक कर बातें करता रहा और हम घर पहुच गए. राजेश ने हमे ड्राप किया और शाम को घर आने के लिए याद दिलाया और चला गया.
 
शाम को रेणुका ने मुझसे पुछा की क्या पहनू तो मैंने उससे कहा "ज्यादा फॉर्मल मत पहनो. कुछ कैसुअल सा पहन लो. पड़ोस में ही तो जाना है."

दरअसल मम्मी पापा के सामने तो रेणुका अपनी मर्जी के कपडे नहीं पहन पाती और उसे वेस्टर्न कपडे पहनना बहुत पसंद है इसीलिए रेणुका फ़ौरन मान गयी और ब्लैक डेनिम के हॉट पेंट के साथ एक कसी हुई ब्लैक टीशर्ट पहन कर आ गयी.

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कुछ देर तक तो मैं भी उसे देखता रह गया. रेणुका बोली ऐसे क्या देख रहे हो?

मैंने कहा "सच में बहुत सेक्सी लग रही हो. कहीं राजेश को हार्ट अटैक न पड़ जाए."

"क्या फालतू बात करते हो" रेणुका थोडा नाराज होते हुए बोली.

"क्यों? देखा नहीं था सुबह कैसे तुम्हे घूर रहा था राजेश जैसे खा ही जायेगा." मैंने हँसते हुए कहा.

"देखो ऐसे बेशर्मी की बात करोगे तो मैं नहीं जाऊंगी." रेणुका वापस अन्दर जाने लगी.

"अरे मैं तो मजाक कर रहा था यार. नाराज़ न हो, चलो. वो लोग इंतज़ार कर रहे होंगे." मैंने रेणुका को समझाया और हम दोनों दिव्या के यहाँ पहुच गए.

दिव्या से मैंने रेणुका का परिचय कराया और मैं राजेश के साथ पीने बैठ गया. मैंने राजेश से सौम्या के बारे में पुछा तो वो बोला "अरे आज कल के बच्चे घर पर रहना ही नहीं चाहते. वो आज सुबह ही अपने दोस्तों के साथ वेकेशन टूर पर चली गयी है और वही से कॉलेज लौट जाएगी. केवल १० दिन रही हमारे साथ. जाने दो. अरे लेडीज को भी तो पीने को कुछ दो."

दिव्या और रेणुका एक साथ बैठ कर बातें करने लगे. राजेश ने दिव्या और रेणुका को बियर से भरे गिलास दिए तो रेणुका बोली "मुझे मत दीजिये. मैंने कभी शराब नहीं पी."

"अरे ये शराब नहीं है. बियर है. पी कर तो देखिये." राजेश बोला और गिलास जबरदस्ती रेणुका को पकड़ा दिया. रेणुका ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे इशारे से पीने के लिए कहा तो वो धीरे धीरे सिप करके बियर पीने लगी.

दिव्या और रेणुका दोनों बातों में मगन थे पर मैंने गौर किया की राजेश रेणुका को बहुत ताड़ रहा था और बीच बीच में किसी न किसी बहाने से उसके पास जाता था. मैं समझ गया की ये रेणुका की ख़ूबसूरती पर कुछ ज्यादा ही लट्टू हो गया है.

दिव्या और रेणुका ने बियर का गिलास ख़तम किया तो राजेश ने फिर से दोनों का गिलास भर दिया. रेणुका बहुत मना करती रही लेकिन राजेश नहीं माना.

राजेश और मैंने भी आज काफी पी ली थी. थोड़ी देर बाद राजेश ने म्यूजिक लगा दिया और दिव्या के साथ डांस करने लगा. माहौल अच्छा खासा मस्त हो गया था. राजेश ने रेणुका से डांस करने के लिए पुछा पर रेणुका ने मना कर दिया. राजेश का चेहरा उतर गया और मुझे अन्दर से बहुत हसी आई फिर हम सबने खाना खाया और हम घर वापस आ गए.
 
पता नहीं क्यों पर आज राजेश का रेणुका के लिए आकर्षण देख कर मैं बहुत उत्तेजित था. मैं तो शराब पीता ही रहता था फिर भी मुझे काफी चढ़ी हुई थी. रेणुका तो कभी बियर भी नहीं पीती थी तो उसको ठीक ठाक नशा हो गया. अब रेणुका बहकने लगी थी. घर पहुच कर हम दोनों बेडरूम में पहुचे ही थे की रेणुका मुझे किस करने लगी और मैं भी उसको चूमने लगा. देखते ही देखते हम बिस्तर में घुस कर एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे. आज रेणुका ज्यादा खुल गयी थी शराब का असर जो था. मैंने शादी के इतने सालो तक कभी सेक्स के दौरान रेणुका से गन्दी बात नहीं की थी लेकिन आज मैं नशे में था तो मैंने रेणुका से पूछा "क्या बात है जान. आज बड़ी प्यासी लग रही हो? बहुत आग लगी है क्या चूत में?"

रेणुका भी मस्ती में थी तो उसने बुरा नहीं मन और बोली "हाँ लगी है. बुझा दो नहीं तो कहीं और चली जाऊँगी."

यह सुनते ही मेरे तो लंड में तनाव आ गया. मैंने भी उसे चूमते हुए पूछ लिया "किसके पास जाओगी जानेमन?"

रेणुका अब कुछ नहीं बोली. चुप हो गयी.

मैंने उसको नंगा कर दिया और खुद भी कपडे उतार दिए. रेणुका अब बिस्तर पर बेसुध सी पड़ी थी और नशे में कुछ बड़बड़ाये जा रही थी.

मैंने उसकी टांगों को खोला और उसकी जांघों और चूत को चाटना शुरू कर दिया.

मेरी बीवी रेणुका मचलने लगी" आह हहहहह ससससस मनीष… अब तड़पा क्यों रहे हो?

लेकिन मैंने उसकी बातों को अनसुना करते हुए उसकी चूत में मुँह डाल दिया और चूसने लगा.
 
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