hotaks444
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ऐसी बीवी जो अपने पति की सारी प्यास बुझा देना चाहती थी…
ऐसी पत्नी जो अपने तपते बदन को ठण्डक देना चाहती थी…
और उससे भी बढ़कर……
ऐसी माँ जो अपने बेटे की रंडी बनकर चुदना चाहती थी,
और देवा उसे निराश बिलकुल नहीं करने वाला था यह बात रत्ना अच्छी तरह जानती थी…
और यही बात थी की रत्ना ख़ुशी ख़ुशी देवा के तने हुए लौडे पर उसकी मर्दानगी ताकत के बल पर ऊपर चढ़ती जा रही थी…
और वो पल आ ही गया जब देवा का लंड उसकी चूत की दिवार पर खटखटाने लगा।
जिसका स्वागत उसने अपने देवा अपने पति, अपने सुहाग के लंड पर बैठकर किया…
और देवा का तगड़ा मोटा लंड अपनी माँ की चूत की गहराई को नापने के लिए डूबकी लगाने चल पड़ा…
एक बार फिर से एक माँ बेटे के गुप्तांग एक दूसरे में समां गए थे।
और एक रंडी माँ के मुह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी जो पूरे घर में सुनाई दे रही थी…
देवा ने भी आगे बढ़ते हुए अपनी माँ को गोदी में लिए ही अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
जिससे रत्ना ने अपनी आहें लेनी तेज कर दी…
रत्ना: आहह……आआअह्ह…हाय भगवाननं…आहह……औरर जोर से………आह…आहहह
रत्ना ख़ुशी और मस्ती में जोरदार सिसकारियां लेते हुए चिल्ला रही थी अपने बेटे को और तेजी से चोदने के लिये,
जो देवा की उतेजना को बढाने में और कारगर था…
वह माँ जो कभी अपने बेटे को गोदी में लेकर अपनी ममता के आँचल में रखती थी।
आज वही माँ उसी बेटे की गोदी में चीख़ चीख़ कर उसे चोदने को बोल रही थी…
सिर्फ इस एहसास ने ही देवा के अंदर बहुत ऊर्जा भर दी और उसने अपने लंड को और तेजी से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था…
देवा:ले……और ले………रत्ना……और चीख……और सिसकिया ले……और तेजी से कुद अपने बेटे अपने पति के लंड पे……पूरा अंदर तक ले साली अपने बेटे के लंड को…………साली……
रत्ना अपने बेटे की बातो को सुनते हुए उसके लंड के ऊपर कुदते हुए अपनी चूत पर और देवा के लंड पर हाथ घुमा रही थी…
और खूब तेजी से सिसकारियां लेते हुए देवा की गोदी में उछलते हुए उसके लंड को गहराइयो तक अपनी चूत में ले रही थी…
ये नजारा देख कर अच्छे से अच्छे इंसान की भी ठण्डक को गर्मी लग जाए…
ऐसी पत्नी जो अपने तपते बदन को ठण्डक देना चाहती थी…
और उससे भी बढ़कर……
ऐसी माँ जो अपने बेटे की रंडी बनकर चुदना चाहती थी,
और देवा उसे निराश बिलकुल नहीं करने वाला था यह बात रत्ना अच्छी तरह जानती थी…
और यही बात थी की रत्ना ख़ुशी ख़ुशी देवा के तने हुए लौडे पर उसकी मर्दानगी ताकत के बल पर ऊपर चढ़ती जा रही थी…
और वो पल आ ही गया जब देवा का लंड उसकी चूत की दिवार पर खटखटाने लगा।
जिसका स्वागत उसने अपने देवा अपने पति, अपने सुहाग के लंड पर बैठकर किया…
और देवा का तगड़ा मोटा लंड अपनी माँ की चूत की गहराई को नापने के लिए डूबकी लगाने चल पड़ा…
एक बार फिर से एक माँ बेटे के गुप्तांग एक दूसरे में समां गए थे।
और एक रंडी माँ के मुह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी जो पूरे घर में सुनाई दे रही थी…
देवा ने भी आगे बढ़ते हुए अपनी माँ को गोदी में लिए ही अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
जिससे रत्ना ने अपनी आहें लेनी तेज कर दी…
रत्ना: आहह……आआअह्ह…हाय भगवाननं…आहह……औरर जोर से………आह…आहहह
रत्ना ख़ुशी और मस्ती में जोरदार सिसकारियां लेते हुए चिल्ला रही थी अपने बेटे को और तेजी से चोदने के लिये,
जो देवा की उतेजना को बढाने में और कारगर था…
वह माँ जो कभी अपने बेटे को गोदी में लेकर अपनी ममता के आँचल में रखती थी।
आज वही माँ उसी बेटे की गोदी में चीख़ चीख़ कर उसे चोदने को बोल रही थी…
सिर्फ इस एहसास ने ही देवा के अंदर बहुत ऊर्जा भर दी और उसने अपने लंड को और तेजी से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था…
देवा:ले……और ले………रत्ना……और चीख……और सिसकिया ले……और तेजी से कुद अपने बेटे अपने पति के लंड पे……पूरा अंदर तक ले साली अपने बेटे के लंड को…………साली……
रत्ना अपने बेटे की बातो को सुनते हुए उसके लंड के ऊपर कुदते हुए अपनी चूत पर और देवा के लंड पर हाथ घुमा रही थी…
और खूब तेजी से सिसकारियां लेते हुए देवा की गोदी में उछलते हुए उसके लंड को गहराइयो तक अपनी चूत में ले रही थी…
ये नजारा देख कर अच्छे से अच्छे इंसान की भी ठण्डक को गर्मी लग जाए…