Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 74 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

ऐसी बीवी जो अपने पति की सारी प्यास बुझा देना चाहती थी…
ऐसी पत्नी जो अपने तपते बदन को ठण्डक देना चाहती थी…
और उससे भी बढ़कर……
ऐसी माँ जो अपने बेटे की रंडी बनकर चुदना चाहती थी,
और देवा उसे निराश बिलकुल नहीं करने वाला था यह बात रत्ना अच्छी तरह जानती थी…
और यही बात थी की रत्ना ख़ुशी ख़ुशी देवा के तने हुए लौडे पर उसकी मर्दानगी ताकत के बल पर ऊपर चढ़ती जा रही थी…
और वो पल आ ही गया जब देवा का लंड उसकी चूत की दिवार पर खटखटाने लगा।
जिसका स्वागत उसने अपने देवा अपने पति, अपने सुहाग के लंड पर बैठकर किया…
और देवा का तगड़ा मोटा लंड अपनी माँ की चूत की गहराई को नापने के लिए डूबकी लगाने चल पड़ा…
एक बार फिर से एक माँ बेटे के गुप्तांग एक दूसरे में समां गए थे।
और एक रंडी माँ के मुह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी जो पूरे घर में सुनाई दे रही थी…
देवा ने भी आगे बढ़ते हुए अपनी माँ को गोदी में लिए ही अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।

जिससे रत्ना ने अपनी आहें लेनी तेज कर दी…
रत्ना: आहह……आआअह्ह…हाय भगवाननं…आहह……औरर जोर से………आह…आहहह
रत्ना ख़ुशी और मस्ती में जोरदार सिसकारियां लेते हुए चिल्ला रही थी अपने बेटे को और तेजी से चोदने के लिये,
जो देवा की उतेजना को बढाने में और कारगर था…
वह माँ जो कभी अपने बेटे को गोदी में लेकर अपनी ममता के आँचल में रखती थी।
आज वही माँ उसी बेटे की गोदी में चीख़ चीख़ कर उसे चोदने को बोल रही थी…
सिर्फ इस एहसास ने ही देवा के अंदर बहुत ऊर्जा भर दी और उसने अपने लंड को और तेजी से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था…
देवा:ले……और ले………रत्ना……और चीख……और सिसकिया ले……और तेजी से कुद अपने बेटे अपने पति के लंड पे……पूरा अंदर तक ले साली अपने बेटे के लंड को…………साली……
रत्ना अपने बेटे की बातो को सुनते हुए उसके लंड के ऊपर कुदते हुए अपनी चूत पर और देवा के लंड पर हाथ घुमा रही थी…
और खूब तेजी से सिसकारियां लेते हुए देवा की गोदी में उछलते हुए उसके लंड को गहराइयो तक अपनी चूत में ले रही थी…
ये नजारा देख कर अच्छे से अच्छे इंसान की भी ठण्डक को गर्मी लग जाए…
 
तो सोचिए कितनी गर्मी होगी इस माँ बेटे की चुदाई में…
रत्ना लगातार देवा के लंड पर उछल उछल कर अपनी चूत की गहराइयो में उसका लंड ले रही थी…
और पूरे जोश में अपनी मस्ती को अपनी सिसकारियों से जाहिर कर रही थी।।
इस वक़्त अगर इन्हे कोई देखे तो कोई नहीं कह सकता की यह असली माँ बेटे है…।
सब बस यह ही कहेंगे की रत्ना देवा की बीवी है, ऐसी बीवी जो अपने पति को जी जान से खुश कर रही है…।
ऐसी पत्नी जो अपनी गर्माहट से अपने पति को कभी भी गरम कर लेगी…
ऐसी पत्नी जो अपने पति के लिए किसी और औरत के साथ चुदवाने को तैयार हो जाएगी…
देवा लगतार अपना लंड पूरी ताकत में रत्ना की चूत में अंदर बाहर कर रहा था।
उसने इस बार अपनी पूरी जान लगा दी थी रत्ना को चोदने में…
रत्ना के गले में लगा मंगलसुत्र भी ऊपर नीचे उछलते हुए रत्ना के कुदने के साथ में ऊपर नीचे हो रहा था।
कुछ देर और देवा अपना लौडा बिना रुके अपनी माँ की चूत में पेलता हुआ उसे चोदता रहा और रत्ना भी अपनी ताक़त से पूरे लंड को कुद कुद कर अपनी चूत में लेने की कोशिश कर रही थी…
बाथरूम का फव्वारा अब भी अपनी पूरी रफ़्तार से चल रहा था और अपने निचे खड़े चुदाई करते माँ बेटे के बदन को भिगो रहा था।
रत्ना खूब ताकत से चिल्ला रही थी और कभी देवा को और जोर से चोदने को बोल रही थी तो कभी उसकी गरदन में डाले हुए हाथ से उसके बालो को खीच रही थी…
काफी देर से माँ बेटे चुदाई में लीन हो गए थे और पूरे खो से गए थे।
कुछ पल बाद देवा को एहसास हुआ की वो अब और रत्ना का भार नहीं उठा पा रहा है।
तो उसने चुदाई की रफ़्तार धीरे कर दी।
फिर उसका लंड खुद ब खुद रत्ना की गीली गरम चूत से बाहर आ गया, रत्ना अब भी देवा के गोदी में लिए कुछ पल पहले ख़तम हुई दमदार शानदार चुदाई से थोड़ी मस्ती में गुम थी और गहरी सासे ले रही थी।
फिर धीरे से देवा ने अपनी माँ रत्ना को जमीन पर उतार दिया।

रत्ना भी अब थोड़ा होश में आ गयी थी।
उसने उतरते ही देवा के लंड पर हमला बोल दिया और एक ही झटके में उसे अपने मुँह की गहराइयो में उतारने लगी।
देवा ने भी इस अचानक हुए हमले का जवाब रत्ना को अपने लंड पर दबाकर कर,
वह उसके सर को अपने लंड की तरफ दबाकर उसके मुह में अपना पूरा लंड पेल रहा था।
 
देवा ने काफी देर तक अपने लंड को पूरा अपनी माँ के मुँह में ड़ाले रखा।
और उसके मुँह को पूरी तरह अपनी ताकत से दबा दिया था।
कुछ पल बाद देवा ने रत्ना का सर छोड दिया, और बोला।
देवा: चल छिनाल दिखा अब की कितना अच्छी तरह चूस सकती है तू अपने बेटे के लौडे को…
रत्ना देवा की बात सुनते हुए लंड के टोपे को चूसते हुए अपने हाथो को उसके पूरे लंड पर दौड़ाने लगती है।
रत्ना उसके लंड पर अपना जादू चलाती हुई चुसती हुई उसकी गेंदो को सहलाने लगती है।
रत्ना बेशर्म जैसी अपने बेटे की आँखों में देखते हुए उसका लंड चूस रही थी।
रत्ना अपने पूरे शबाब में प्रेम दीवानी सी अपने प्यारे बेटे के नाम का मंगलसुत्र पहने रंडी जैसी उसके लंड को मुँह में लिए चूस रही थी।
कुछ पल देवा का लंड चूसने और सहलाने के बाद रत्ना ने अपना मुँह उसके लंड पर से हटाया और अपनी जीभ उसके लंड के छेद पर मुस्कराते हुए ड़ालने लगी…
वह अपने हाथो से पूरी तरह लंड की लम्बाई में दौडती हुई अपनी जीभ को उसके लंड के टोपे वाले छेद में डाल रही थी…


रत्ना की इस हरकत से देवा को अपने लंड पर झनझनाहट महसूस हुई और उसके मुँह से भी सिसकी निकल ही गयी…
देवा: साली बहन की लौड़ी रत्ना……तेरी माँ को चोदूँ साली छिनाल की औलाद…आह्ह्ह…मजा आ गया
देवा की गालिया सुनते हुए रत्ना उसके लंड पर हाथ चलाती हुई मुस्कुराई और उससे आंखे मिला ली।

रत्ना की पकड़ देवा के लंड पर अब भी बरक़रार थी…
रत्ना देवा की बाते सुनते हुए अपनी जीभ से उसके पूरे लंड को चाटती हुई उसके लंड के निचले हिस्से पर अपने जीभ चलाने लगी और उसपर अपने होठों से अंदर ले के अपने थूक में भिगोने लगी।
देवा ने भी मस्ती में अपना लंड पकड़ा और रत्ना को अपने लंड पर दवाने लगा।
कुछ पल और बाद मे रत्ना ने देवा के लंड के टोपे को चूसा और उसके बाकी लंड को भी और बोली…
रत्ना: मेरे मादरचोद बेटे…अपनी माँ को तो पूरी रात चोदना है तुम्हे आज…तू बस आज रुको मत…बस जब लगे मौका पेलो और शुरू हो जाओ…मेरे सारे छेद खोल दो मेरे प्यारे बेटे मेरे पति देव…
 
अपडेट 118






अपनी छिनाल रत्ना के मुँह से यह बाते सुन कर देवा और ज्यादा गरम होंने लगा, उसने अपने खड़े मोटे लंड के सामने बैठी अपनी नंगी माँ के बालो को पकड़ा और उसे ऊपर खीचने लगा…
देवा: ”साली बहन की लौड़ी…छिनाल औरत बहुत गरमा गयी है तू…कोइ मौका नहीं छोडना चाहती अपने बेटे से चुदवाने का, तो ठीक है तेरा बेटा भी तेरी यह आरज़ू जरुर पूरी करेगा…इसी जगह वो भी…अपने मोटे तगडे लौडे से तुझे बुरी तरह चोद कर रंडी रत्ना…
रत्ना:”हाँ हूँ मै छिनाल…हूँ मै रंडी…बहुत गरमी है मेरे जिस्म में…इसे ठण्डक दे मादरचोद…अपने तगडे लंड को अपनी माँ की तडपती चुत और गांड को चोद कर शांत कर इसे अभी……चोद मादरचोद चोद!” रत्ना ने जोर से चीखते हुए कहा…
देवा:”साली चीख़ और जोर से चीख…अभी लौडा गया तक नहीं तो ही इतना चिल्ला रही है…जब जायेगा तब पूरे गाँव में गुंजनी चाहीये तेरी दर्द भरी आहें…पूरे गाँव को पता चलना चाहिए की जब एक माँ चुदती है अपने बेटे से तो कितनी ख़ुशी होती है…चीख बहन की लौड़ी चीख…आज तेरा यह मादरचोद बहनचोद बेटा तुझे दम लगाकर चोदेगा साली रंडी !” देवा ने और जोर से चीख़कर कहा।
रत्ना”हाँ खूब चीखूँगी आज तो मै अपने बेटे से चुदवाते हुए ”
ऐसा कहते हुए रत्ना ने देवा की गांड को दबाया,
देवा ने उसके बालो को छोड़ा और उसे पलट कर झुका दिया।अब रत्ना अपने बेटे के आगे कुतिया बनी हुई थी।
रत्ना ने भी देर न करते हुए अपनी मोटी गांड अपने देवा की तरफ पलट दी
और झुक कर पीछे देखने लगी।
देवा पीछे से रत्ना की चूत पर अपने लंड को सेट करने लगा।
रत्ना ने बड़े प्यार से देवा के काम में हाथ बटाते हुए अपनी चूत को खोलकर उसके मोटे तगडे लंड का स्वागत कर किया और अगले ही पल देवा ने एक हाथ से रत्ना के पैर को ऊपर उठा लिया और अपने शरीर के वजन से पहला धक्का मारते हुए लंड को अपनी माँ रत्ना की चूत में उतारता चला गया।

जिस पल रत्ना को अपनी चूत में अपने बेटे का तगड़ा लंड महसूस हुआ उसी पल उसकी एक जोरदार आह्हह्ह्ह्ह निकली और वो मुस्कराते हुए उस आने वाले सुख के आभास को महसूस करती हुई मजे लेने लगी।
कुछ ही पलो में देवा ने अपना पूरा लंड अपनी माँ की चूत में उतार दिया था और वो धक्के देना शुरू करने ही वाला था…
रत्ना: आह्हह…देवा………ऐसे ही रुक……कुछ देर…मैं इस मजबूत्त लंड को पूरी तरह महसूस करना चाहती हूँ बस…आह…बस ऐसे ही रुके रहना बेटा…आहह”।
 
रत्ना अपनी फुली हुई चूत में देवा का पूरा लंड लिए कुतिया की तरह झुकी हुई थी।
उसका एक पैर देवा ने पकड़ा हुआ था।
और उसके चुचे नीचे लटक रहे थे।
और उसका मंगलसुत्र भी।
रत्ना की पीठ पर लगातार पानी गिर रहा था, और नीचे बहता हुआ देवा और रत्ना के बीच के संपर्क यानी की देवा के लंड को ठण्डा करता हुआ फर्श पर गिर रहा था…
देवा:”आह…माँ .....छिनाल रत्ना……आज पुरी रात तुझे इसी लण्ड को महसूसस ही करना है…जी मत भर लेना एक ही बार में……………”
रत्ना: ”आह……ऐसे मस्त…लौडे से तो लाख बार भी चुद जाऊँ तब भी जी ना भरे मेरे बेटे………”
ऐसा कहते हुए रत्ना ने खुद को सेट करते हुए टेढ़ी हुई और झुकी हुई ही अपना एक हाथ देवा की गरदन में डालती हुई अपने शक्ल को उसकी तरफ कर लिया और बोली…

रत्ना: ”चोद मादरचोद चोद…चोद अपनी माँ को दम लगा कर……शुरू हो जा…मार धक्का मार……चोद डाल आज इस छिनाल माँ को……मादरचोद बहन चोद……”
और ऐसा सुनते हुए देवा ने एक आआह्ह्ह्ह निकाली…
और अपने शरीर को हिलाकर अपना लंड बाहर निकालने लगा।
और आधे से ज्यादा लंड बाहर आने के बाद उसने जोरदार झटके से अपना पूरा का पूरा लंड रत्ना की चूत की गहराइयो में उतारते हुए उसके शरीर को भी पकड़कर आगे पीछे करने लगा…।
हर झटके के साथ देवा अपनी रफ़्तार को बढाते हुए दमदार तरीके से अपनी माँ की चूत को चोदने लगा…
रत्ना की चींखे हर झटके के साथ काफी तेज हो गयी थी…
वह लगातार रत्ना की चूत को अपने मोटे लंड से चीरता हुआ चोदे जा रहा था।
देवा के द्वारा चुदाई से रत्ना का पूरा शरीर हिल रहा था,
उसके चुचियाँ और मंगलसुत्र आपस में टकरा रहे थे,
और रत्ना की चींखों से पूरा घर गूंज उठा था।
 
रत्ना” आह……माँ…………………………आह………………हाय..... रे ज़ालिम......धीरे कर दर्द होता है……………आह्ह्ह…………उई.... माँ……………आह्ह्ह”
रत्ना की चीखे सुन देवा ने चोदने की रफ्तार को तेज करते हुए रत्ना को और जोरो से चोदना शुरू कर दिया……
वह किसी इंजन की तरह अपनी माँ की चूत को अपने तगडे लंड से चोदता ही जा रहा था…
और रत्ना की चीखे इससे और तेज हो गयी थी…
रत्ना…”हाँ आहह…………………ऐसे ही………हाँ……मादरचोद……………………बहनचोद……आहह्ह्ह्ह.......आह्ह”
रत्ना की सिसकारियों से पूरे घर का रोम रोम दहल उठा था…
अगर कोई भी और घर पर होता उससे बहुत आराम से समझ में आ जाता की रत्ना की चुदाई हो रही है…
कुछ और देर तक देवा रत्ना की चुत में अपना लंड डाले उसे चोदता रहा।
और रत्ना उसके हर झटके के साथ बिना किसी दर्द के जोर जोर से चीखे मारती रही और उसे गालियाँ देते हुए और जोरो से चोदने को बोलती रही…
क्या नजारा था वो…
जो भी देखता उसका भी चुदाई का मन हो जाता…
एक माँ पूरी बेशरमी से अपने नंगे बेटे के लंड को अपनी चूत की गहराइयो में लेती हुए मजे से चुदवा रही थी…
रत्ना पूरी रंड़ी लग रही थी जिस तरह वो चुदवा रही थी
देवा रत्ना को चोदते हुए उसकी गांड पर थप्पड़ मार रहा था।
जब भी देवा अपनी माँ की गांड पर मारता रत्ना और जोरो से चीखती…
रत्ना:”मार मादरचोद मार…और तेज मार…आहहह…………और तेज डाल अपना लंड अपनी माँ की चुत में…और तेज चोद अपनी माँ को……डाल दे अपना गरम गरम माल अपनी माँ की चुत में…और चोद बहनचोद…”
रत्ना की बाते सुनकर देवा को और प्रोत्साहन मिल रहा था जो की उसकी चोदने की रफ़्तार से साफ़ पता चल रहा था।
वह बिना रुके अपना लंड अपनी माँ रत्ना की चुत में अंदर बाहर करते हुए कभी रत्ना के चुचे दबा रहा था तो कभी उसकी गांड पर थपड मारता…
वह उससे अपनी रखैल की तरह चोद रहा था…
उसे कोई फर्क नही पड रहा था की रत्ना को कितना दर्द हो रहा है…
वह बस लगातार जोरदार ढंग से अपनी माँ को किसी रंडी की तरह चोद रहा था।
 
रत्ना भी अपने दर्द को भूलकर चुदाई का पूरा आनंद लेते हुए अपने बेटे के लंड को अपनी चूत की गहराइयो में महसूस करके काफी खुश हो रही थी और उससे और बेशरमी से चोदने को कह रही थी…
देवा अपनी माँ के हाथो को पकड़ कर उसे आधा खड़ा कर लेता है और उसके हाथ पीछे को कसकर पकडे हुए अपने लंड को जोरो से उसकी चुत में पेलते हुए उसे चोदने लगता है,,
रत्ना की चीखे हर पल तेज होती जा रही थी…
वह बिना शर्म करे जोरदार तरीके से चीखती हुए देवा के लंड को अपनी चुत में लिए उससे चुदाई का मजा लेने लगती है…
वह बहुत ख़ुशी से अपने बेटे से चुदाई करवा रही थी।
कुछ और पल ऐसे चोदने के बाद देवा रत्ना का दुसरा हाथ भी पीछे ले जाता है और उसके चुचो पर फिर से तरल साबुन ड़ालते हुए उसे चोदना जारी रखता है।
रत्ना को अपनी चुचो पर जब साबुन के गिरने का अहसास होता है तो वो अपने चुचो पर हाथ रख कर उस साबुन को अपने पूरे चुचियों पर फ़ैलाते हुए देवा की चुदाई का आनंद लेने लगती है…
अब रत्ना खड़ी खड़ी देवा से चुदवा रही थी।
कुछ पल रत्ना अपने चुचो पर साबुन को मलती हुई पीछे से देवा के लंड को अपनी चूत की गहराइयो में तेजी से अंदर बाहर होते लंड को महसूस करती हुई मस्ती भरी चीखे निकालती रहती है और फिर मुस्कराती हुई अपने चुचो पर से हाथ हटा लेती है जिससे देवा फिर से पकड़ कर पीछे ले जाता है।
फ़िर देवा अपने झटको की रफ़्तार को और तेज करते हुए रत्ना को खड़े खड़े ही चोदना शुरू कर देता है…
देवा बिना रुके कई मिनट तक रत्ना की चुत में अपना लंड पेलते हुए उसे खड़े करकर चोदता रहता है…
और रत्ना बिना कोई शिकायत किये खड़े खड़े ही अपनी चुदाई का आनंद ख़ुशी से चीखते हुए लेती है…।
कुछ और पल तक चोदने के बाद देवा अपनी रफ़्तार को धीरे कर देता है।
अब रत्ना की भी चीखे काफी हलकी हो गयी थी पर अब भी देवा का लंड उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था।
रत्ना: आह्ह्ह……माँ……मादरररचोद………कितना खड़ा रखेगा अपनी माँ को…कमीने…”
देवा हँसते हुए “साली रंडी…खुब चीख चीख कर ख़ुशी से तो चुदवा रही है…जब हल्का कर दिया तो बोलने लगी…चल बैठ जा तू……”
रत्ना: ”बहनचोद इतनी देर से खड़े खड़े लंड पेल रहा है…। मजा तो आ रहा था…पर अचानक रफ़्तार हलकी कर दी……हाँ चल बैठती हूँ…”
और ऐसे कहते ही देवा रत्ना की चुत में से अपने लंड को निकाल लेता है।
लंड बाहर आते ही रत्ना एक जोरदार आह लेती है और मुस्कराते हुए उसके लंड के आगे झुकती हुई उसे एक हाथ से पकड़ने के बाद जमीन पर बैठ जाती है…
रत्ना: ”क्या ताकतवर लंड है……इसे तो अपनी चुत और मुँह से निकालने का मन ही नही करता…”
और ऐसा कहते हुए रत्ना अपने बेटे के लंड को अपने मुँह में लेकर चुसना शुरू कर देती है…।
देवा:” आहह चुस्स साली रंडी चुस्स।
 
और रत्ना जोरदार ताक़त के साथ अपने बेटे के लंड को चुसने लगती है।
कभी वो उसके सुपाडे को काटती है तो कभी उसकी गेंदो को चूसने लगती है
तो कभी उसके लंड की चमड़ी को…कुछ इसी सुर में एक माँ अपने बेटे की रंडी बन कर उसके मस्त मस्त लंड की चुसाई करती हुई बहुत खुश थी।
देवा:”माँ अब तुझे मूझे चोदना है…मेरे ऊपर चढ़कर…”
रत्ना के कानो में जब देवा के ये लफ्ज पड़े तो वो ख़ुशी ख़ुशी देवा के लंड के टोपे को चुमकर दुबारा खड़ी हो गयी और मुस्कुराते हुए अपने देवा के होंठो को चुसने लगी।
और देवा भी उसके चुचियों को दबाते हुए अपनी जीभ उसकी जीभ से लडाने लगा।
कुछ पल माँ बेट एक दूसरे के मुँह को चुसकर अलग हो गये।
और देवा जमीन पर पीठ के बल लेट गया,उसका मोटा तगड़ा लंड खड़ा हुआ था जिसे देखकर रत्ना भी अपने पैरो को मोड़कर अपनी चुत को लंड के मुहाने पर सेट करके बैठने लगी।
रत्ना की गांड देवा के सामने थी।
वासना की आग में जलती रत्ना बिना देर किये देवा के लंड को अपनी चूत में लेती हुई उसकी गोदी में आ गिरी…
देवा का लंड अपनी चुत में जाते ही।
देवा ने अपने हाथो से रत्ना की कमर को पकड़ कर उसे अपने लंड पर सही से सेट किया।
रत्ना:”आह चोद मादरचोद चोद।”
और इसी के साथ देवा ने अपनी माँ को फव्वारे के निकलते पानी के निचे चोदना शुरू कर दिया अपने पहले झटके के साथ।
रत्ना भी अपने बेटे का साथ देते हुए उसके झटको के साथ खुद भी अपने शरीर को ऊपर नीचे करते हुए उछलने लगी।
पर देवा के धक्के बहुत तेज होते जा रहे थे।
जीस वजह से उसका लंड उसकी माँ की चूत की गहराई में पहुच रहा था।
फ़व्वारे से निकलता पानी देवा और रत्ना को भिगो तो रहा था पर उनकी चुदाई को ठण्डा नहीं कर सकता था।
एक माँ अपने बेटे के लंड पर बैठी मजे से उछल कुद रही थी।
हर झटके के साथ देवा अपनी माँ की चुत की और ताक़त से चोद रहा था।
रत्ना के चुचे भी उनके शरीर के उछल कुद के कारण हिलते हुए मनमोहक लग रहे थे।
पीछे से देवा अपने लंड को अपनी माँ की चुत में अंदर बाहर होता हुआ देख कर बहुत गरम होता जा रहा था,
फ़व्वारे का ठण्डा पानी भी उसकी गर्मी को ठण्डा नही कर सकता था।
 
अब रत्ना देवा के लंड को अपनी चूत में लिए हुए ही पूरा घूम जाती है अब दोनों के मुँह आमने सामने थे देवा रत्ना की चूचियों के निप्पलों को मसलने लगता है।

रत्ना अब देवा के लंड पर जोर जोर से उछल रही थी।

देवा का दिया हुआ मंगलसुत्र रत्ना की दोनों चुचियों के बीच झुल रहा था।
देवा: ”माँ तेरी चुत छोडने में इतना मजा आ रहा है की जितना किसी में नहीं आया…आह”
रत्ना:”आहह……मुझे भी अपने बेटे के लंड पर उछलने में जितना मजा आ रहा है उतना किसी लंड पे उछलने में नहीं आ सकता……चोद……आहह अपनी माँ को....”
और रत्ना देवा के लंड पर उछलते हुए अपनी चुत को मसलने लगती है।
रत्ना:”बेटे चोद मुझे पूरा जोर लगा के, चोद मादरचोद बेटे…मेरी जान…मेरे पति परमेश्वर…और जोर से चोद अपनी माँ को…अपनी रांड को,अपनी बीवी को…।।आहह”
अपनी माँ की आज्ञा कौन बेटा नही मानेगा…।
देवा तो हमेशा मानेगा…
और इसी के साथ देवा ने अपनी माँ की चुदाई की रफ़्तार और तेज करते हुए उसके चुचो को दबाना शुरू कर दिया…
वह उसकी चुचियों को पूरी ताकत से दबाता हुआ अपने लंड को उसकी चुत में डाले झटके देने लगा।
रत्ना: ”आह्ह……माँ……………आह………मर गयी आह…हाय रे जालिम धीरे कर…………………दर्द हो रहा है……आहह”

रत्ना तेजी से चीखते हुए ख़ुशी में अपने बेटे से अपने चुचे दबवाते हुए उसके लंड पर कुद कुद कर अपनी चुत की चुदाई करवा रही थी……
फव्वारे का पानी आज उनकी गर्मी को ठण्डा करने में असमर्थ था…।
एक माँ और बेटे का यह रिश्ता आज शायद अलग ही मुकाम पर पहुच चुका है जहाँ शरम,हया,डर सब ख़तम हो चुके थे।
कुछ था तो वो था सिर्फ……वासना।।।गरमाहट…।।और जिस्म की प्यास…।
और इसी के साथ रत्ना के चुचियों पर से देवा ने अपने हाथ हटाए और उसकी चुत को रगडते हुए चोदने लगा।
काफी देर तक देवा रत्ना को अपने ऊपर लिए उसकी चुत चोदता रह, फिर बोला।
देवा:”माँ मुझे अब तेरी गांड मारनी है, चल उठ जा…”
रत्ना: “आह…………मार ले मेरे बेटे मेरी गांड भी………।आह्ह्ह…पेल दे पूरा का पूरा अंदर तक…बहुत खुजली हो रही है मेरी गांड में...”
और ऐसा कहते हुए रत्ना अपनी चुत से देवा का लंड बड़े प्यार से निकालती है और खड़ी हो कर फव्वारे के नीचे आ कर खड़ी हो जाती है।
 
देवा पीछे से आकर रत्ना की गांड पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ देता है…
चटाकक....
रत्ना:”आह्ह्ह……मादरचोद………”
रत्ना मुस्कराते हुए कहती है।
देवा अपना लंड खड़ी हुई रत्ना की गांड के भूरे छेद में अचानक पेल देता है…
रत्ना:”आहह…………………हाय रे ज़ालिम………………मार डाला……………………हाय
और देवा पूरा का पूरा लंड अपनी माँ की गांड में उतारते हुए झटके मारना शुरू कर देता है, कुछ ही पलो में देवा के हाथ की उंगलिया उसकी माँ की चुत के ऊपर चली जाती है,।
देवा: आह क्या कडक माल है तू माँ……पूरी गरम गांड और पिघली हुई चुत की रानी……मजा आ गया आज तो…
रत्ना “आह………हाय राम………हाय रे ज़ालिम मर गयी मेरी गांड”
और देवा रत्ना की गांड को पीछे से खड़े खड़े मारने लगता है और उसका एक हाथ उसकी माँ की चूत को सहलाने लगता है…


पुरे बाथरूम में रत्ना की तेज सिसकिया और चीखे गूंज रही थी।
और एक बेटा पूरी ताकत से अपनी माँ की गांड मार रहा था।
फव्वारे का ठण्डा ठण्डा पानी रत्ना की गांड से अंदर बाहर होते देवा के लंड को गीला कर के एक स्मूथ चुदाई प्रादन कर रहा था, क्युकी रत्ना ने गांड ज्यादा नहीं मरवाई है तो वो इतनी खुली नहीं है।
रत्ना एक बड़ी चुद्दकड़ औरत है अपने समय की…
वह तो देवा के बापू गुजर गए इसलिए उसकी सेक्स लाइफ ख़राब हो गयी नहीं तो वो लंड लिए बिना सोती भी नहीं थी।
देवा की राफ्तार रत्ना की गांड मारते हुए बढ़ती ही जा रही थी।
जिससे रत्ना की सिसकिया तेज हो गयी थी और अब वो भी माजा लेने लगी थी।
रत्ना: “चोद बेटे चोद अपनी माँ की गांड मार………।आहह……ज़ालिम”

रत्ना देवा को और तेजी से अपनी गांड मारने को बोलती है।
देवा अब पूरी तरह उसकी गांड तेजी से मारने में लग जाता है और उसकी चुत पर से भी हाथ हटा कर उसकी गांड पकड़ते हुए खड़े खड़े ही उसकी गांड मारने लगता है…
इस प्रकार की चुदाई से रत्ना बहुत गरम हो रही थी और बार बार और तेज गांड मारने को बोल रही थी…आह्ह्ह।

देवा:साली मेरी कुतिया तेरी गांड कितनी गरम है बिलकुल किसी कुतिया के जैसी....
आह्ह्ह साली रंडी अपनी गांड को ढीला छोड़ । ये कहकर देवा रत्ना की गांड पर तीन चार थप्पड़ जड़ देता है । रत्ना के चूतड़ पुरे लाल हो चुके थे।

देवा अपनी माँ रत्ना की गांड मारने के साथ साथ गन्दी गन्दी गालियाँ भी दे रहा था और उसके चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रहा है था। रत्ना भी बहुत बड़ी चुद्दकड़ थी वह भी देवा के हर धक्के का जबाब दे रही थी।
 
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