Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 92 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

रुक्मिणी बिल्कुल वैसा ही करने लगी जो देवा कह रहा था। अब कमरे में दृश्य ऐसा था कि देवा धीरे-धीरे करके अपना लंड रुक्मिणी की कसी हुई टाइट गाँड में अपना मोटा लंड घुसाते हुए उसे चोद रहा था और रुक्मिणी अपनी गाँड मरवाती हुई झुक के अपनी बेटी की चूत चाट रही थी।

रानी अपनी माँ से अपनी चूत चटवाती हुई रुक्मिणी की चुचियों से खेल रही थी।जब रुक्मिणी की गाँड में लंड आराम से अंदर बाहर होने लगा। तो देवा अपना लंड रुक्मिणी की गाँड से निकाल के रानी के मुँह में पेलने लगा।

देवा रानी का मुँह चोदते-चोदते रानी की चुचियों से भी खेल रहा था। बड़ी बेरहमी से वो माँ बेटी की गाँड और मुँह चोद रहा था। रुक्मिणी बेशरम होके अपनी बेटी की चूत चाट रही थी और रानी भी मस्ती से उसकी चुचियाँ मसल रही थी।

देवा फिर से रुक्मिणी की कमर पकड़ के उसकी गाँड में ज़ोरदार धक्के मारते हुए बोला, “आहह...रुक्मिणी तेरी गाँड तेरी बेटी जैसी लाजवाब है... साली जब तुझे मैंने नंगी देखा था तबसे तेरी गाँड चोदने की तमन्ना हुई। उस दिन हिम्मत के सामने तेरी गाँड मारी तब बहुत मुझे सकून मिला... जबसे तेरी बेटी और तुझको चोदा तबसे लंड को चैन ही नहीं मिलता। बहनचोद क्या मस्त गरम रंडियाँ हो तुम माँ बेटी।”

रुक्मिणी रानी की चूत चाटती हुई देवा का पूरा लंड ले रही थी अपनी टाइट गाँड में। रानी भी अब जोश में अपनी माँ की चूचियाँ मसलती हुई बीच बीच में देवा का लंड चूस रही थी।

देवा 10-12 धक्के रुक्मिणी की गाँड में पेलने के बाद अपना लंड निकाल के रानी के मुँह में पेलने लगता।देवा आगे पीछे करते हुए पूरा लंड रानी के मुँह में डालके उसे चोदते हुए बोला, “साली कुतिया... रंडी की औलाद... तू भी अपनी माँ जैसी ही मस्त लंड चूसती है। रुक्मिणी भले तेरे मर्द ने और कोई अच्छा काम किया हो या नहीं पर साले ने तेरी जैसी गरम बीवी और रानी जैसी कमसीन चूत मेरे लिए यहाँ छोड़ के जाने का अच्छा काम किया है। क्या मस्त गरम बेटी पैदा की है तेरे पति ने... साली आगे जाके तेरी बेटी तेरा नाम रोशन करेगी। मेरा लंड चूस छिनाल और अपनी माँ को मुझ से गाँड मरवाते भी देख।”

देवा माँ बेटी के साथ बेरहमी से पेश आ रहा था। लेकिन यह बेरहमी उन माँ बेटी को अच्छी लग रही थी। सब गालियाँ और बेइज़्ज़ती उन्हें और चुदासी बना रही थी और वो दोनों माँ बेटी बेशरम हो के देवा से अपनी चूत और गाँड चुदवा रही थीं।
 
देवा रुक्मिणी की गाँड मारने के साथ-साथ उसकी गीली टपकती चूत में अँगुली रगड़ रहा था और रुक्मिणी भी मस्ती से गाँड में देवा का लंड ले रही थी और टाँगें फ़ैला के उसकी अँगुली से अपनी चूत को भी चुदवा रही थी। रुक्मिणी दोनों हाथों से रानी की कमर पकड़के अपनी कमसिन जवान बेटी की चूत का पानी बड़ी प्यार से चाट रही थी। रानी की चूत के दाने को हल्के से चबाती हुई रुक्मिणी रानी को और गरम कर रही थी।

साँस लेने के लिए उसने मुँह रानी की चूत से हटाया और बोली, “हम माँ बेटी के यार... आज मेरी प्यारी बेटी और उसकी रंडी माँ को इतना चोदो कि रानी हिम्मत को भूल जाये । जब दिल करे तो घर आ के अपनी रखैल रंडी रुक्मिणी और रानी को चोदना। तुम हम दोनों को चोदते रहोगे तो यह भी इधर उधर नहीं जायेगी, किसी और से अपनी जवानी बर्बाद नहीं करेगी।”

देवा का लंड पिस्टन की तरह रुक्मिणी की गाँड मार रहा था। अपनी माँ से चूत चटवाती रानी अब झड़ने के करीब थी। वो उत्तेजना से चिल्लाई, “माँ, मुझे बापू ने कई बार चोदा... चूत और गांड दोनों में चोदा मुझे... मगर जो मज़ा मुझे देवा ने दिया वो कभी पहले नहीं मिला... अब जब मेरी पूरी बात खुल चुकी है तो मुझे कोई डर नहीं... मेरी प्यारी माँ...रुक्मिणी।”

रानी की बात सुनके रुक्मिणी पूरी जीभ रानी की चूत में डालके उसकी चूत को चोदते हुए बोली, “हाँ मेरी छिनाल बेटी... मुझे पता है। उस दिन जब से देवा ने मुझे चोदा है तब से मेरी हालत भी एक चुदास कुत्तिया जैसी हो गयी है...। इसके लंड से चुदवा के मैंने तुझे भी इससे चुदवाने का फ़ैसला किया। अब तो हम माँ बेटी देवा की रंडियाँ बन गयी हैं तो हमें कोई तकलीफ़ नहीं होगी।”

देवा ने रुक्मिणी की बात सुनके खुश हो के उसे किस किया। अब देवा झड़ने वाला था। देवा का तो पूरा लंड रुक्मिणी की गाँड में घुसा हुआ था और गोटियाँ रुक्मिणी की चिकनी गाँड पे टकरा रही थीं। रुक्मिणी दो बार झड़ चुकी थी।

देवा ने झडने वाला था तभी उसने अपना लंड रुक्मिणी की गाँड से निकाल के रानी के मुँह में पेलने लगा।थोड़ी देर रानी के मुँह में पेलने के बाद देवा भी झड़ने वाला था तो वो रानी को एक थप्पड़ मारते हुए बोला, “मादरचोद साली... कमीनी छिनाल... ज़रा ज़ोर से मेरा लंड चूस... बहनचोद झड़ते वक्त लंड कैसे चूसना चाहिए... तुझे तेरी छिनाल माँ ने सिखाया नहीं क्या?”
 
रानी अपनी माँ की चूचियों को छोड़के अब देवा का लंड पकड़ के पूरा लंड मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। देवा का लंड रानी के हलक से टकरा रहा था। इधर रुक्मिणी ने ज़ोर-ज़ोर से अपनी बेटी की चुचियाँ मसलते हुए उसकी चूत चाटनी शुरू की।


सबसे पहले रानी झड़ने लगी तो उसने देवा का लंड छोड़ा और अपनी माँ का मुँह चूत पे दबाते हुई पानी छोड़ने लगी। अपने बदन को अकड़ाते हुए रानी ने पूरा पानी अपनी माँ के मुँह में छोड़ दिया। रानी को रुक्मिणी के मुँह में झड़ते देख देवा से रहा नहीं गया ।

जब देवा ने देखा कि रानी पूरी तरह झड़ गयी है तो उसने अपना लंड फिर से रानी के मुँह में घुसाया और जल्दी-जल्दी उसका मुँह चोदते हुए रुक्मिणी की चूत में अँगुली करने लगा। अब देवा का लंड एक बेटी के मुँह में था और उसकी अँगुलियाँ उस लड़की की माँ की चूत में थीं। इतना समय चूत में अँगुली से चुद्वाने से रुक्मिणी भी झड़ने लगी और फिर उसने अपना मुँह अपनी बेटी की चूत पे रखा और उसे चाटने लगी। देखते-देखते देवा ने भी अपना पानी रानी के मुँह में छोड़ दिया और तीनों झड़ के थक के अलग-अलग हो गये।



कुछ देर आराम करने के बाद दोनों रंडियाँ देवा के लंड को चूसने लगी। दोनों देवा के पुरे लंड को अपनी जीभ से चाटते हुए पूरा मुँह भरकर चूस रही थी।

देवा: आह क्या मुँह है तुमदोनों का साली रंडियों।अब मुझे रानी की गाँड फाड़नी है।

रानी: फाड़ दो देवा मेरी गाँड। बहुत खुजली हो रही है मेरी गांड में।

देवा अब जगह बदल देता है रुक्मिणी को सोफे पर बिठा देता है और रानी को रुक्मिणी की चूत चाटने के लिए बोलता है।और रानी के पीछे आकर कुतिया बनी रानी की गाँड में अपना मोटा मूसल पेल देता है।

अब एक बेटी अपनी गांड में लण्ड लिए हुए अपनी माँ की चूत चाट रही है।

देवा रानी की गाँड मारते हुये उसकी चूतड़ों पर थप्पड़ भी मारने लगता है क्योंकि देवा को लाल लाल गांड मारने में ज्यादा मज़ा आ रहा था।

बीच बीच में देवा अपना लंड रानी की गाँड से निकाल कर रुक्मिणी के मुँह में पेल देता है। जिसे रुक्मिणी चूसने लगती है।
 
देवा: आह्ह्ह्ह मेरी रंडी। अपनी बेटी के गांड का स्वाद कैसा लग रहा है चाट के बता साली रंडी।देख तेरी बेटी को कुतिया बना के उसकी गाँड मार रहा हूँ।

देवा फिर से अपना लंड रानी की गाँड में पेल देता है। आधे घंटे तक देवा रानी की कभी चूत कभी गाँड मारता है। बीच बीच में रुक्मिणी की मुँह को भी चोदता है। फिर जब झड़नेवाला होता है तब दोनों को अपने आगे बिठाके दोनों के मुँह में अपना वीर्य भर देता है। जिसे दोनों रंडियाँ एक दूसरे के मुँह में देवा का वीर्य बदलती है कभी सारा वीर्य रानी अपने मुँह में लेकर उसे फिर से रुक्मिणी के मुँह में डाल देती है तो फिर रुक्मिणी सारा वीर्य फिर से रानी के मुँह में।

आखिर में दोनों आधा आधा वीर्य पी जाती है। देवा भी कुछ देर बाद अपने घर आ जाता है। घर पर रत्ना और ममता देवा का इंतज़ार कर रही थी। रात हो चुकी थी।
सभी खाना खाकर सो जाते है।

अपडेट 148B






देवा हिम्मत राव का इंतज़ार कर रहा है उस तीन मुहानी वाले रास्ते के पास जहाँ मुख्य सड़क के साइड में बहुत गहरी खाई है। देवा आधे घंटे से उस कच्चे वाले रास्ते पर अपने ट्रेक्टर में बैठा हुआ है। पूरा इलाका सुनसान है जहाँ कभी कभार कोई गाड़ी जाती है। देवा दूर से ही हिम्मत की गाड़ी को दूरबीन से देख लेता है जिसमे हिम्मत और विक्रांत आ रहे थे। देवा का ट्रैक्टर चालू है।


देवा का प्लान था की दूर से देवा जब हिम्मत और विक्रांत को गाड़ी में आता हुआ देख लेगा तो अपने ट्रैक्टर से तीन मुहानी के पास हिम्मत की गाड़ी को एक जोर का टक्कर मारना था ताकि हिम्मत की गाड़ी गहरी खाई में चली जाए। उस खाई में जाने का मतलब मौत था क्योंकि खाई में बड़े बड़े नुकीले पत्थर थे।

जैसे ही हिम्मत की कार वहाँ पहुँची। देवा ने सही टाइमिंग के साथ हिम्मत राव की कार को टक्कर मार दिया। चूँकि ट्रैक्टर साइड वाले रास्ते से एक दम से आ गया था। इसलिए हिम्मत राव कार को संभाल नहीं पाया और कार खाई में गिरती चली गई। देवा ने ब्रेक लगाया तो उसके माथे पर पूरा पसीना आ गया था ये सोचकर की टाइमिंग थोड़ी सी गड़बड़ होने का मतलब था । देवा की मौत.......

ये सोचकर ही देवा काँप उठा। देवा ने खाई की तरफ देखा तो कार में आग लग चुकी थी। देवा ने दूरबीन से देखा की कार पूरी तरह से टूट चुकी थी । देवा ने ट्रैक्टर अपने गाँव की तरफ मोड़ लिया।वह जल्द से ज़ल्द वहाँ से निकल जाना चाहता था। ताकि कोई देख न पाये।तभी कार में ब्लास्ट हुआ और कार के चीथड़े उड़ गए।



देवा आराम से अपने घर आ गया था उसे किसी ने नहीं देखा था।
 
अपडेट 149




देवा के घर सभी मेहमान आ चुके थे इसलिए उसका घर इतने ज्यादा मेहमानों से भर चूका था की अब देवा को घर में किसी को भी चोदने का मौका नहीं मिल सकता था।

काम इतना ज्यादा था की बाहर जाके चुदाई करना भी मुश्किल हो चूका था। शालू का घर भी मेहमानों से भर चूका था।


आज शादी का दिन था।देवा ने भाग दौड़ करके शादी की सारी तैयारियां कर ली थी।

देवा;ने अपनी शादी में किसी किस्म की कसर नहीं छोड़ा था सब काम वक़्त से पहले उसने पूरे कर दिये थे।
और वो दिन भी आ गया था जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार था।
बारात शालू के घर आ चुकी थी और शादी लगने में १ घण्टा बाकी था।
नीलम को शालू और देवकी सजा रही थी की तभी पप्पू वहां आ जाता है।
पप्पू;अरे वाह।
मेरी प्यारी बहन आज तो अप्सरा जैसी लग रही है
ये सुनकर नीलम के चेहरे पर हलकी सी शर्म की लाली बिखर जाती है।
हर लड़की की ज़िन्दगी में उसकी शादी सबसे बड़ा दिन होता है।
एक तरफ जहाँ घर से जुदा होने का गम था नीलम को। वही दूसरी तरफ नई ज़िन्दगी शुरु करने की ख़ुशी भी थी।
शालू ; रश्मि तू यहाँ बैठ। मै ज़रा बाहर देख कर आती हूँ मेहमान ठीक से हैं की नही।
और पप्पू तू भी जल्दी से बाहर आ जा बेटा।

शादी बहुत अच्छे से बीत जाती है। जिसमे रश्मि ने देवा को साली के नाते परेशान भी किया। शादी अच्छे से बीत जाती है और सुबह नीलम विदा होकर देवा के घर चली आती है।

रात भर के चहल पहल के बाद सभी मेहमान धीरे धीरे विदा लेने लगते है। खेती का समय था। शाम तक सभी मेहमान चले जाते है।रत्ना ममता को रोकना चाहती थी लेकिन हरी के पिता की तबियत बहुत ख़राब थी इसलिए ममता को मजबूरन जाना पड़ा।रत्ना ने ममता को जल्दी बुलाने को कहकर रोते हुए विदा किया।
 
शाम को.....

इधर रत्ना अपने बेटे के सुहागरात की तैयारियां करने लगती है। तभी नीलम रत्ना के पास आ जाती है और कहती है । मैं चाहती हूँ की सुहागरात में आप भी मेरे साथ रहो और ये सुहाग का जोड़ा आप भी पहन लो। आपके बेटे की भी यही इच्छा है।

रत्ना: मैं क्या करूँगी भला। तुम्हारी पहली रात है बेटी तुम ही संभालो मेरे बेटे को और उसके मूसल को भी........

नीलम शरमाकर अपना चेहरा रत्ना के सीने में छुपा लेती है। दोनों औरतें बेड रूम में चली जाती हैं। रत्ना पूरे रूम में स्प्रे मारती है। बेड पे गुलाब की पंखुड़ियाँ बिछा देती है, और नीलम का हल्का-हल्का मेकअप करती है। उसके बाद वो खुद भी लाल साड़ी पहन लेती है, बिना ब्रा-पैंटी के और लहंगे ब्लाउज के अलावा सिर्फ़ एक लाल साड़ी अपने जिस्म पे लपेटने में उसे आज एक नया खुशगवार एहसास हो रहा था। उसके जिस्म से बार-बार साड़ी निकल जा रही थी। वो अपने काँपते हाथों से साड़ी पहन ही लेती है।

वो खुद से ज्यादा नीलम को तैयार कर रही थी। वो जानती थी कि ये रात नीलम की जिंदगी की ना भूलने वाली रात बन जाएगी, जिसे वो पूरी तरह खूबसूरत बनाने वाले थे।

नीलम: “मम्मी, मैं कैसी लग रही हूँ?” नीलम खुद को आईने के सामने देखते हुए बोली।

रत्ना“एकदम आसमान की परी जैसे…” अब चलो यहाँ बेड पे बैठ जाओ ऐसे, और वो नीलम को बेड पे बिठा देती है, और उसके सर पे घूँघट डाल देती है। फिर खुद भी उसके बगल में घूँघट डालकर बैठ जाती है।

रत्ना जोर से आवाज़ लगाते हुए-“सुनिये, आप आ जाइए…”

देवा जो उस रूम से अटैच्ड रूम में एक नया सूट पहने खुद को आईने में देख रहा था, रत्ना की आवाज़ से खुश हो जाता है। जाने कितने दिनों से उसके दिल में एक ख्वाइश थी कि वो अपनी मम्मी और नीलम को दुल्हन के रूप में एक बेड पे लाल साड़ी पहने घूँघट डाले देखे। आज वो पल आ गया था। वो धड़कते दिल के साथ रूम में दाखिल होता है।


देवा रूम में पहुँचकर दरवाजा बंद कर देता है। आज उसका दिल उसके बस में नहीं था। ऐसा नज़ारा उसकी आँखों ने पहली बार देखा था। एक बेड पे उसकी अपनी सगी माँ और पत्नी उसका बेसबरी से इंतजार कर रही थीं। देवा जाकर बेड पर बैठ जाता है। दोनों औरतें उसका पैर छूकर आशिर्बाद लेती है।


नीलम का दिल जोरों से धड़क रहा था। वो नहीं जानती थी कि देवा उसके साथ क्या-क्या करने वाला है? वो तो बस अपने दिल की धड़कनों को संभालने की कोशिश में लगी थी।
अचानक देवा उसका घूँघट उठा देता है, और उसका चेहरा ऊपर उठाते हुए-“मेरी तरफ देख नीलम…”
 
नीलम अपनी पलकें ऊपर उठाती है। सामने देवा का दमकता चेहरा उसे साफ नज़र आ रहा था। देवा के चेहरे पे खुशी, जोश और मोहब्बत के कई असर नज़र आ रहे थे।
देवा नीलम के नाज़ुक होंठों को चूमकर दूर हो जाता है। अभी उसे एक और काम करना था। रत्ना उसकी पहली बीवी, वो नीलम की तरह ही उसका बेसबरी से इंतजार कर रही थी। यूँ तो रत्ना कई बार देवा से चुद चुकी थी, पर न जाने आज क्यूँ वो खुद को एक नई नवेली दुल्हन की तरह महसूस कर रही थी।

देवा रत्ना का भी घूँघट उठा देता है।

दोनों औरतें देवा के चेहरे को देखे जा रही थीं। पूरे माहौल में सिर्फ़ खामोशी पसरी हुई थी। देवा की आवाज़ दोनों को इस दुनियाँ में वापस ले आती है।

देवा अपना सूट उतारने लगता है। जब वो अपना शूट उतार देता है। तो वो सामने बैठी दोनों दुल्हनों को जो उसे ही देखकर दिल में मुस्कुरा रही थीं, अपने सीने से चिपका लेता है।

नीलम तो जैसे इसी पल के इंतजार में थी। वो देवा से किसी छोटे बच्चे की तरह चिपकी हुई थी। देवा की चौड़ी छाती और उसपे घने बाल उसकी नाज़ुक चुचियों से रगड़ने लगते हैं।

रत्ना देवा के कान में धीरे से कहती है-“आपको दोनों दुल्हनें बहुत-बहुत मुबारक हों जानू…”

देवा से अब रुकना मुश्किल था। वो रत्ना के नरम गुलाबी होंठों को चूमने लगता है, और एक हाथ से नीलम की साड़ी जो सिर्फ़ दो पिन से अटकी हुई थी, खोल देता है।

रत्ना के जिस्म से साड़ी अपने आप ही खुलती चली जाती है। वो और देवा एक दूसरे को खा जाने वाले अंदाज में चूमे जा रहे थे। आज रत्ना की चूत में चुदने से पहले ही धीरे-धीरे पानी आ चुका था। देवा दोंनो दुल्हनों की मदद से उनके कपडे और गहने निकाल देता है।

देवा अपनी नई नवेली दुल्हनों को बेड पे लेटा देता है, जिनके जिस्म पे अब कोई चीज़ नहीं थी। नीलम का जिस्म किसी गुलाब के फूल की तरह महक रहा था। उसके जिस्म की खुशबू देवा को पागल बनाने लगी थी, और वो नीलम के चेहरे पे झुकता चला जाता है।
 
देवा सबसे पहले नीलम की पेशानी, फिर गाल, फिर नाक, फिर होंठ, फिर गर्दन, फिर हल्के गुलाबी निपल को मुँह से चूमे चाटे चला जा रहा था। उसकी इस हरकत से जहाँ नीलम के जिस्म में कंपकंपी मची हुई थी, वहीं रत्ना अपनी चूत को रगड़े बिना नहीं रह पा रही थी।

रत्ना देवा के पायजामे का नाड़ा खोल देती है। और देवा का तना हुआ लण्ड उसके मुँह के सामने आ जाता है। वो बिना डरे उसके लण्ड को अपने गले तक उातरती चली जाती है-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प उंन्ह… गलप्प्प-गलप्प्प…”

हैरत की बात तो ये थी कि इस सबके दौरान कोई भी किसी से बातें नहीं कर रहा था। वो सिर्फ़ पूरे जोश के रंग में रंगना चाहते थे। उन्हें किसी चीज़ की कोई फिकर नहीं थी।

देवा नीलम के पेट तक पहुँच चुका था, वो उसकी छोटी सी नाभी में अपनी जीभ डाले उसे कमर उठाने पे मजबूर कर रहा था।

नीलम जानती थी कि देवा आगे क्या करने वाला है? और वो इसके लिये तैयार भी थी। जैसे ही देवा के लबों ने नीलम की कुँवारी चूत को पहली बार छुआ, नीलम के रोम-रोम में बिजली की लहर दौड़ गई। वो अपने दोनों हाथों से देवा के सिर को अपनी चूत पे दबाने लगती है।

देवा पहली बार नीलम के साथ ये सब कर रहा था और उसे इस सब में बहुत मज़ा आ रहा था। एक तरफ रत्ना देवा के लण्ड को अपने मुँह में से निकालने को तैयार नहीं थी।

वहीं दूसरी तरफ देवा नीलम की चूत को अपनी जीभ से चाटे जा रहा था। इस सब बातों से दूर कि बेचारी नीलम जिसकी चूत को वो खुद भी कभी कभार ही छूती थी, क्योंकी उसकी चूत बहुत सेंसटिव है। जब भी नीलम नहाते वक्त अपनी चूत को छूती तो दो मिनट में ही उसका पानी निकलने लगता था। और यहाँ तो देवा किसी भूखे कुत्ते की तरह नीलम की चूत को चाटे जा रहा था-“गलप्प्प गलप्प्प-गलप्प्प…”

पूरे रूम में नीलम की सिसकारियों की आवाज़ गूँज रही थी।

देवा का लण्ड एक झटका मारता है, और उसका गाढ़ा पानी रत्ना के मुँह को भरने लगता है।
 
दूसरी तरफ नीलम अपने पहले प्यार को अपनी चूत का पानी पिलाने के करीब थी-“उंन्ह… आह्म्मह… सुनिए ना उंह्म्मह… मम्मी मरी उंन्ह…” वो जोर के झटके के साथ उछली और अपनी कमर दो-तीन बार बेड पे पटक के निढाल हो जाती है। उसकी चूत के पानी ने देवा के पूरे चेहरे को भिगो दिया था।

देवा लेट जाता है, और नीलम उसके ऊपर चढ़ जाती है। आज उसने ठान लिया था कि चाहे चुदते-चुदते उसे मौत क्यूँ ना आ जाये वो देवा को आज रात भर नहीं सोने देगी।
रत्ना अपने चेहरे से देवा के पानी को साफ करने वाली थी कि नीलम रत्ना के चेहरे को अपनी जीभ से चाटने लगती है।

नीलम: “मम्मी, मुझे भी अपने पति का पानी चखने दो ना…”

रत्ना और नीलम देवा के पास बैठे एक दूसरे को जीभ से चाटने लगते हैं। देवा ये सब देख रहा था जिससे उसके लण्ड में जान आने लगी थी।

देवा नीलम के बाल पकड़कर उसका चेहरा अपने लण्ड पे झुका देता है-“अह्म्मह… चूस मेरी जान… अपने मरद का लौड़ा आह्ह्हह… आज ये तुझे जन्नत की सैर कराएगा आह्ह्ह्हह… आह्ह्ह्हह…”

नीलम:“हाँ… जानू आहह… गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…” वो अपने सर को ऊपर-नीचे जोर-जोर से करने लगती है, और 5 मिनट में ही देवा के लण्ड को खड़ा कर देती है।

देवा अब किसी भी किस्म की देर नहीं करना चाहता था। वो नीलम को बेड पे लेटा देता है, और उसकी कमर के नीचे एक तकिया रख देता है, जिससे नीलम की चूत ऊपर की तरफ आ जाती है।

नीलम“ मम्मी जी, मैं कैसे ले पाऊँगी इतना बड़ा?”

रत्ना नीलम की चुचियों को अपने मुँह में लेती हुए-“कुछ नहीं बेटी, वो तुझे प्यार से करेगा। बस तू थोड़ा बर्दाश्त कर ले…” और रत्ना नीलम के होंठों को खोलकर अपनी जीभ उसके मुँह में डाल देती है, और इशारे से देवा को अपना लण्ड नीलम की कुँवारी चूत में डालने के लिये कहती है।

देवा नीलम के पैरों को और खोल देता है, और अपने भीगे हुए लौड़े को नीलम की कुँवारी चूत पे रगड़ने लगता है।
 
नीलम:“उंघह उंह्म्मह… उह्ह उसके मुँह से सिसकारियाँ ही निकल सकती थीं। वो आने वाले लम्हे का इंतजार भी कर रही थी और उसे डर भी था कि कहीं देवा…”

रत्ना:“अह्म्मह… आह्हम्म्म्म…”
तभी देवा नीलम की चूत में जोर से धक्का मारता है।
देवा का लंड कुँवारी नीलम की चूत को फाड़ता हुआ आधे से ज्यादा नीलम की चूत में फँस जाता है।

नीलम“उंन्ह… घूँन् घूँन मम्मी जी…” वो इतने जोर से चीखी कि देवा को अपने हाथों से उसके मुँह को बंद करना पड़ा। देवा का आधे से ज्यादा लण्ड नीलम की चूत में था और उसकी चूत का परदा फट चुका था।नीलम की चूत से खून निकल चूका था। नीलम की आँखों से लगातार आँसू निकल रहे थे। उसका पूरा जिस्म कांप रहा था, उसकी चूत जैसे किसी अंगारों पे रख दी गई थी।

देवा एक और झटका देता है, और अपना पूरा का पूरा लण्ड नीलम की चूत में उतार देता है। देवा जानता था देर से दुर्घटना भली-“अह्म्मह… बस मेरी जान हो गया ना… अब रोना बंद कर दो…” वो अपने होंठों से नीलम के निप्पल को चूसने लगता है, और धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाता चला जाता है।

रत्ना ये सब बैठी देख रही थी।

नीलम का दर्द कम होता जा रहा था और उसे देवा का लण्ड अपनी चूत में अच्छा लगने लगा था-“उंन्ह… जानू, आखिर आपने मुझे औरत बना ही दीया उंन्ह… उंन्ह… मम्मी देखो ना उंन्ह…”

देवा:“हाँ मेरी जान… देख मैंने तुझे चोद ही दिया अह्म्मह… ओऊऊ…” वो दोनों अपनी अलग दुनियाँ में पहुँच चुके थे, वहाँ उन्हें किसी की आवाज़ सुनाई नहीं दे रही थी। देवा अपने लण्ड को किसी पिस्टन की तरह नीलम की चूत में पेले जा रहा था।

वहीं नीलम अपनी कमर उठा-उठाकर उसका साथ दे रही थी-“अह्म्मह… उंन्ह…” दोनों प्रेमी एक ऐसे रिश्ते में बँध चुके थे जिसे अब दुनियाँ की कोई भी ताकत जुदा नहीं कर सकती थी।

देवा“अह्म्मह… नीलम, मेरा पानी ले ले आह्ह्हह… उंन्ह… और देवा अपना पानी नीलम की चूत में उतारने लगता है।

नीलम अपनी चूत में गर्म-गर्म पानी के एहसास से सिहर उठती है, और उसकी चूत भी पानी छोड़ने लगती है-“अह्म्मह… अह्म्मह… जानू मुझे भी लो ना उंन्ह… उंन्ह…”
दोनों प्रेमी एक दूसरे से चिपके अपनी सांसें संभालने लगते हैं।
 
Back
Top