hotaks444
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अपडेट 150 (लास्ट)
वहीं रत्ना अपनी बारी का इंतजार करने लगती है।
देवा बेड पे लेटा हुआ था और रत्ना उसके लण्ड को एक गीले कपड़े से साफ करने लगती है। क्योंकी उसपे नीलम की चूत का खून लगा हुआ था।
नीलम उठकर बाथरूम में चली जाती है, अपनी चूत को साफ करने।
रत्ना की आँखें लाल हो चुकी थीं, वो तो बस एक जबरदस्त चुदाई चाहती थी। वो देवा के सिर के पास जाकर बैठ जाती है, और उसका सिर अपनी नंगी जाँघों पे रख लेती है। फिर उसके बालों में हाथ फेरने लगती है।
रत्ना की चूत की भीनी-भीनी खुश्बू देवा के दिमाग़ में कुछ करती है, और वो अपना सिर मोड़कर उसे रत्ना की जाँघ के अंदर घुसा देता है। फिर अपनी जीभ बाहर निकालकर रत्ना की चूत चाटने लगता है।
रत्ना:“अह्म्मह… देवा… उह्म्मह… ऊऊऊह्म्मह…”
देवा:“माँ क्या कर रही हो? अह्म्मह… मैं उह्म्मह…”
रत्ना पहली बार अपनी चूत में इतना खिचाव महसूस कर रही थी। उसकी चूत आग उगलने को तैयार थी-“अह्म्मह… चोदो मुझे, मैं चुदना चाहती हूँ अह्म्मह… प्लीज़्ज़ज्ज्ज चोदो मुझे अह्म्मह…”
देवा रत्ना को डोगी स्टाइल में कर देता है, और पीछे अपना लण्ड उसकी गाण्ड में डालने लगता है।
रत्ना:“उंह्म्मह… वहाँ नहीं अह्म्मह… चूत में उंन्ह… अह्म्मह…”
देवा का लण्ड तब तक रत्ना की गाण्ड में जा चुका था और वो अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था, तभी बाथरूम से नीलम बाहर आती है। उसके सामने उसकी सास रत्ना अपनी गाण्ड आगे पीछे करते हुए अपने बेटे का मूसल लण्ड अपनी गाण्ड के छोटे से सुराख में ले रही थी और सिसकारियाँ भर रही थी। ये सब देखकर नीलम की चूत में भी चीटियाँ रेंगने लगती हैं, और वो रत्ना के पास आकर बैठ जाती है।
देवा:“देख क्या रही है? मेरी जान, अपनी चूत रत्ना के मुँह के पास ले जा। वो चाटेगी तेरी चूत को आह्ह्हह… बहुत मज़ा आ रहा है।इसकी गाण्ड बहुत टाइट है…”
वहीं रत्ना अपनी बारी का इंतजार करने लगती है।
देवा बेड पे लेटा हुआ था और रत्ना उसके लण्ड को एक गीले कपड़े से साफ करने लगती है। क्योंकी उसपे नीलम की चूत का खून लगा हुआ था।
नीलम उठकर बाथरूम में चली जाती है, अपनी चूत को साफ करने।
रत्ना की आँखें लाल हो चुकी थीं, वो तो बस एक जबरदस्त चुदाई चाहती थी। वो देवा के सिर के पास जाकर बैठ जाती है, और उसका सिर अपनी नंगी जाँघों पे रख लेती है। फिर उसके बालों में हाथ फेरने लगती है।
रत्ना की चूत की भीनी-भीनी खुश्बू देवा के दिमाग़ में कुछ करती है, और वो अपना सिर मोड़कर उसे रत्ना की जाँघ के अंदर घुसा देता है। फिर अपनी जीभ बाहर निकालकर रत्ना की चूत चाटने लगता है।
रत्ना:“अह्म्मह… देवा… उह्म्मह… ऊऊऊह्म्मह…”
देवा:“माँ क्या कर रही हो? अह्म्मह… मैं उह्म्मह…”
रत्ना पहली बार अपनी चूत में इतना खिचाव महसूस कर रही थी। उसकी चूत आग उगलने को तैयार थी-“अह्म्मह… चोदो मुझे, मैं चुदना चाहती हूँ अह्म्मह… प्लीज़्ज़ज्ज्ज चोदो मुझे अह्म्मह…”
देवा रत्ना को डोगी स्टाइल में कर देता है, और पीछे अपना लण्ड उसकी गाण्ड में डालने लगता है।
रत्ना:“उंह्म्मह… वहाँ नहीं अह्म्मह… चूत में उंन्ह… अह्म्मह…”
देवा का लण्ड तब तक रत्ना की गाण्ड में जा चुका था और वो अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था, तभी बाथरूम से नीलम बाहर आती है। उसके सामने उसकी सास रत्ना अपनी गाण्ड आगे पीछे करते हुए अपने बेटे का मूसल लण्ड अपनी गाण्ड के छोटे से सुराख में ले रही थी और सिसकारियाँ भर रही थी। ये सब देखकर नीलम की चूत में भी चीटियाँ रेंगने लगती हैं, और वो रत्ना के पास आकर बैठ जाती है।
देवा:“देख क्या रही है? मेरी जान, अपनी चूत रत्ना के मुँह के पास ले जा। वो चाटेगी तेरी चूत को आह्ह्हह… बहुत मज़ा आ रहा है।इसकी गाण्ड बहुत टाइट है…”