hotaks444
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देवा;माफ़ी मांग के उसके कमरे से बाहर तो चला जाता है पर लंड तो उसका भी थोड़ा टाइट हो चुका था।
पीछे से कोई उसके काँधे पे हाथ रखता है और वो रुक्मणी के ख्यालों से बाहर निकल के पीछे पलट के देखता है तो उसे सामने रानी खडी मिलती है।
वो उसका हाथ पकड़ के उसे अपने कमरे में ले जाती है।
रानी;क्या कर रहा था माँ के कमरे में कबसे खडी सुन रही हूँ तुम दोनों की बातें पहले मुझसे मिलने नहीं आ सकते थे।
देवा;मैं तो तुमसे ही मिलने आया था पर बडी मालकिन के कमर में मोच आ गई थी इसलिए पहले वहां चला गया।
रानी;बड़ा आया मोच सुधारने वाला ।
क्या ज़रुरत थी । देख देवा जितना मै कहूं उतना ही कर समझा न । ज़्यादा होशियारी दीखाना मत वरना तू जानता है मै क्या करुँगी।
देवा;पर मैंने किया क्या।
वो बेचारा नहीं जानता था की उसने गलती से शेरनी के दूम पे पैर रख दिया है और शेरनी भी घायल।
रानी;अब खड़ा खड़ा मेरा मुंह क्या देख रहा है
गले से नहीं लगेगा।
देवा;के चेहरे पे हलकी सी मुसकान आ जाती है और वो रानी को अपने सीने से लगा देता है।
रानी;तू नहीं जानता देवा मैंने तुझे कितना याद किया। एक एक पल तेरे बिना गुज़ारना मुश्किल हो रहा था मेरे लिए । मै तुझसे बहुत प्यार करती हूँ देवा। नहीं देख सकती किसी को भी तेरे साथ।
देवा;रानी मुझे भी तो बहुत याद आई तेरी।
वो रानी की कमर पकड़ के दबाने लगता है।
रानी;आहह आज नहीं मुझे महीना शुरू हुआ है।
ये कहते हुए वो देवा के होठो को चुमने लगती है और निचे बैठ के देवा का पेंट निचे उतार देती है।
हथ में आते ही देवा का लंड जैसे एकदम से खड़ा होने लगता है ।
रानी;बिना देर किये उसे चुमते हुए अपने मुंह में ले के चुसने लगती है गलप्प गलपप।
देवा;आहह ऐसा मत करा वरना आहह मुझसे बर्दाश्त नहीं होंगा आह्ह्ह्ह्ह्ह।
रानी;मुझसे भी नहीं होता गलप्प पर क्या करुं देवा बस आज के दिन की बात है गलप्प गलपप।
पीछे से कोई उसके काँधे पे हाथ रखता है और वो रुक्मणी के ख्यालों से बाहर निकल के पीछे पलट के देखता है तो उसे सामने रानी खडी मिलती है।
वो उसका हाथ पकड़ के उसे अपने कमरे में ले जाती है।
रानी;क्या कर रहा था माँ के कमरे में कबसे खडी सुन रही हूँ तुम दोनों की बातें पहले मुझसे मिलने नहीं आ सकते थे।
देवा;मैं तो तुमसे ही मिलने आया था पर बडी मालकिन के कमर में मोच आ गई थी इसलिए पहले वहां चला गया।
रानी;बड़ा आया मोच सुधारने वाला ।
क्या ज़रुरत थी । देख देवा जितना मै कहूं उतना ही कर समझा न । ज़्यादा होशियारी दीखाना मत वरना तू जानता है मै क्या करुँगी।
देवा;पर मैंने किया क्या।
वो बेचारा नहीं जानता था की उसने गलती से शेरनी के दूम पे पैर रख दिया है और शेरनी भी घायल।
रानी;अब खड़ा खड़ा मेरा मुंह क्या देख रहा है
गले से नहीं लगेगा।
देवा;के चेहरे पे हलकी सी मुसकान आ जाती है और वो रानी को अपने सीने से लगा देता है।
रानी;तू नहीं जानता देवा मैंने तुझे कितना याद किया। एक एक पल तेरे बिना गुज़ारना मुश्किल हो रहा था मेरे लिए । मै तुझसे बहुत प्यार करती हूँ देवा। नहीं देख सकती किसी को भी तेरे साथ।
देवा;रानी मुझे भी तो बहुत याद आई तेरी।
वो रानी की कमर पकड़ के दबाने लगता है।
रानी;आहह आज नहीं मुझे महीना शुरू हुआ है।
ये कहते हुए वो देवा के होठो को चुमने लगती है और निचे बैठ के देवा का पेंट निचे उतार देती है।
हथ में आते ही देवा का लंड जैसे एकदम से खड़ा होने लगता है ।
रानी;बिना देर किये उसे चुमते हुए अपने मुंह में ले के चुसने लगती है गलप्प गलपप।
देवा;आहह ऐसा मत करा वरना आहह मुझसे बर्दाश्त नहीं होंगा आह्ह्ह्ह्ह्ह।
रानी;मुझसे भी नहीं होता गलप्प पर क्या करुं देवा बस आज के दिन की बात है गलप्प गलपप।