hotaks444
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शालु: बदजात औरत अपनी चूत की आग शांत करने के लिए तूने अपने ही सागे बेटे को फाँस लिया,, यह तो बेचारा जवानी का मारा है,, इसकी उम्र में तो यह सब चीजे करना आम बात है,,, तू तो बूढी हो रही है,,,और समझदार भी है…तुझे शर्म नही आयी अपने बेटे के साथ चुदवाते हुए,, और बेशरमी से अपनी चूत और गांड मरवा रही है। हे भगवन क्या क्या हो रहा है इस दुनिया में…घोर कलयुग आ चुका है…हे भगवन अब तो अवतार ले ही लो और पापियो का नाश कर दो…
रत्ना अपने खूबसूरत जिस्म को ढके हुए शालु की बाते सुन रही थी और अब उसकी आँखों में पानी आने लगा था,, ऐसा लग रहा था की रत्ना सोच रही हो की मैंने सचमूच एक घोर पाप कर डाला है और दुनिया और भगवन इस गंदे कर्म के लिए मुझे कभी माफ़ नही करेंगे…
देवा भी वहां नंगा खड़ा हुआ था क्युकी वह उन दोनों औरतो को चोद चुका था । उसे उनके सामने नंगा होने का कोई फ़र्क़ नहि था। देवा भी शालु की बाते सुन कर शॉक था और मन ही मन सोच रहा था की… यह साली छिनाल क्या बक रही है…खुद तो अपने ही बेटे से चुदवाती है और यहाँ चूतियापा कर रही है…
शालु अब भी अपना प्रवचन दे रही थी और रत्ना का रोना चलु हो गया था । जब देवा ने रत्ना को सिसकते हुए देखा तो उसे शालु पे ग़ुस्सा आने लाग। वह कुछ बोलना तो चाह रहा था पर उसे समझ में नहीं आ रहा था की शालु और उसके बीच का सम्बन्ध रत्ना के सामने बताना ठीक रहेगा की नही,,,कहिं ऐसा न हो की रत्ना उससे चुदवाना छोड़ दे यह जान कर की मै कितनी औरतो की ले चुका हूँ…
देवा इन ही खयालो मै खोया हुआ सही और गलत का फैसला सोच ही रहा था की रत्ना के मोटे मोटे आँसु टपकने लगे थे। वो चाहते हुए भी शालु के सामने कुछ बोल नहीं पा रही थी और सिर्फ रोते जा रही थी…जब शालु ने देखा की रत्ना के आंसू निकल गए है तो वो झुक गयी उसके आगे और उसके आंसू पोंछने लगी थी…
शालु,,,अरे मेरी नाजुक कली तू तो रोने लगी…मुझे माफ़ कर दे मै तो बस मजे ले रही थी।
ये बात सुनके रत्ना चौंक गयी और रोते हुए ही शालु को देखने लगी जिसके मुखडे पर अब एक शैतानी मुस्कान थी,,देवा भी यह देख के समझ गया की शालु सिर्फ मजाक कर रही थी। शालू मन ही मन सोचने लगी।
यह तो मेरे टेस्टइ फेल हो गयी…
रत्ना के मुँह से अब भी शब्द नहीं निकल रहे थे और वह अब बहुत कंफ्यूज हो गयी थी…अभी तक शालु उससे दुनियादारी की बात कर रही थी और अब अचानक वो बोल रही है की मै मजाक कर रही थी…
रत्ना अपने खूबसूरत जिस्म को ढके हुए शालु की बाते सुन रही थी और अब उसकी आँखों में पानी आने लगा था,, ऐसा लग रहा था की रत्ना सोच रही हो की मैंने सचमूच एक घोर पाप कर डाला है और दुनिया और भगवन इस गंदे कर्म के लिए मुझे कभी माफ़ नही करेंगे…
देवा भी वहां नंगा खड़ा हुआ था क्युकी वह उन दोनों औरतो को चोद चुका था । उसे उनके सामने नंगा होने का कोई फ़र्क़ नहि था। देवा भी शालु की बाते सुन कर शॉक था और मन ही मन सोच रहा था की… यह साली छिनाल क्या बक रही है…खुद तो अपने ही बेटे से चुदवाती है और यहाँ चूतियापा कर रही है…
शालु अब भी अपना प्रवचन दे रही थी और रत्ना का रोना चलु हो गया था । जब देवा ने रत्ना को सिसकते हुए देखा तो उसे शालु पे ग़ुस्सा आने लाग। वह कुछ बोलना तो चाह रहा था पर उसे समझ में नहीं आ रहा था की शालु और उसके बीच का सम्बन्ध रत्ना के सामने बताना ठीक रहेगा की नही,,,कहिं ऐसा न हो की रत्ना उससे चुदवाना छोड़ दे यह जान कर की मै कितनी औरतो की ले चुका हूँ…
देवा इन ही खयालो मै खोया हुआ सही और गलत का फैसला सोच ही रहा था की रत्ना के मोटे मोटे आँसु टपकने लगे थे। वो चाहते हुए भी शालु के सामने कुछ बोल नहीं पा रही थी और सिर्फ रोते जा रही थी…जब शालु ने देखा की रत्ना के आंसू निकल गए है तो वो झुक गयी उसके आगे और उसके आंसू पोंछने लगी थी…
शालु,,,अरे मेरी नाजुक कली तू तो रोने लगी…मुझे माफ़ कर दे मै तो बस मजे ले रही थी।
ये बात सुनके रत्ना चौंक गयी और रोते हुए ही शालु को देखने लगी जिसके मुखडे पर अब एक शैतानी मुस्कान थी,,देवा भी यह देख के समझ गया की शालु सिर्फ मजाक कर रही थी। शालू मन ही मन सोचने लगी।
यह तो मेरे टेस्टइ फेल हो गयी…
रत्ना के मुँह से अब भी शब्द नहीं निकल रहे थे और वह अब बहुत कंफ्यूज हो गयी थी…अभी तक शालु उससे दुनियादारी की बात कर रही थी और अब अचानक वो बोल रही है की मै मजाक कर रही थी…